राइजिंग कश्मीर के एडिटर शुजात बुखारी की हत्या

 

राइजिंग कश्मीर के एडिटर शुजात बुखारी को उनके ऑफिस के बाहर कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. बुखारी को श्रीनगर के प्रेस एवेन्यू में उनके ऑफिस के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी. उन्हें सिर और पेट के पास गोलियां मारी गईं.

उनके साथ ड्राइवर और निजी सुरक्षाकर्मी भी था. हमले में उनका सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गया, जबकि बुखारी की इस हमले में मौत हो गई. इसके बाद उन्हें नजदीक के अस्पताल ले जाया गया.

बीजेपी महासचिव राम माधव ने भी शुजात बुखारी के निधन पर शोक व्यक्त किया है. राम माधव ने ट्वीट किया ‘श्रीनगर में राइजिंग कश्मीर के एडिटर-इन-चीफ की हत्या की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. आतंकियों द्वारा की गई एक निंदनीय और कायराना हरकत.’

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लिखा, ‘शुजात बुखारी के अचानक निधन से गहरा दुख हुआ. आतंक के संकट ने ईद की पूर्व संध्या पर अपना बदसूरत सिर उठाया है. मैं दृढ़ता से हिंसा के इस अधिनियम की निंदा करती हूं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं. उनके परिवार के लिए मेरी गहरी संवेदना है.’

विनायक के नाम पर लिखे नोट को वसीयत नहीं माना जा सकता-केपी माहेश्वरी, एडवोकेट 

 

अपनी दूसरी शादी के बाद पत्नी और बेटी के बीच चल रहे विवाद से आहत भय्यू महाराज जान देकर भी पत्नी आयुषी और बेटी कुहू को एक धारा में नहीं ला सके। उनकी मौत के बाद भी दोनों के बीच तल्खी कायम रही। सिल्वर स्प्रिंग स्थिति घर पर मंगलवार दोपहर से बुधवार सुबह तक दोनों अलग-अलग कमरों में ही रहीं। यहां तक कि उनके बीच विवाद न हो जाए, इसलिए महिला पुलिसकर्मी कमरों के बाहर तैनात की गईं। बुधवार सुबह भी जब भय्यू महाराज का पार्थिव शरीर दर्शनों के लिए सूर्योदय आश्रम में रखा गया था तब भी सुबह से दोपहर तक आयुषी और कुहू दोनों उनके सिरहाने बैठी रहीं। दोनों के बीच न कोई बात हुई न दु:ख की इस घड़ी में उन्होंने एक-दूसरे के ढाढ़स बंधाया। आयुषी अपने परिजन और आश्रम के सेवादारों के बीच थी तो कुहू अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ थी।

भय्यू महाराज की अंतिम यात्रा में इंदौर सहित महाराष्ट्र, गुजरात से आए हजारों गुरुभक्त शामिल हुए। भावुक भक्तों ने ‘भय्यू महाराज अमर रहे’ और ‘जब तक सूरज चांद रहेगा भय्यूजी का नाम रहेगा’ जैसे नारे लगाए गए। उनके अंतिम दर्शन के लिए महाराष्ट्र के कई राजनेता भी पहुंचे। प्रदेश से लेकर केंद्र तक की राजनीति में खासा दखल रखने के बावजूद राष्ट्रीय संत को श्रद्धांजलि देने प्रदेश सरकार का कोई मंत्री नहीं पहुंचा, न ही राजकीय सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी गई।

उनकी पार्थिव देह को फूलों से सजे ट्राले पर दोपहर 3 बजे मुक्तिधाम पर लाया गया। करीब 3.45 बजे मुखाग्नि देते समय कुहू फूट-फूटकर रोने लगी। परिजन ने उन्हें संभाला। इससे पहले दोपहर 2 बजे बापट चौराहा स्थिति सूर्योदय आश्रम से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। मार्ग के दोनों ओर उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग खड़े थे। आगे और पीछे सैकड़ों लोग चल रहे थे। रास्ते में कई मंच से पार्थिव देह पर फूल बरसाए गए। इससे पूर्व सुबह 8.30 बजे अस्पताल से भय्यू महाराज की पार्थिव देह स्कीम नंबर 74 स्थित उनके निवास ‘शिवनेरी’ लाई गई। यहां स्नान आदि कराया गया। फिर उनकी दूसरी पत्नी की चार माह की बेटी धारा को भी पिता के मुख दर्शन कराए गए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी पहुंचे। वे दस मिनट रुककर चले गए। उनका कहना था भय्यू महाराज की आंबेडकरजी के प्रति गहरी आस्था थी। वे महू में संविधान मंदिर बनवाना चाहते थे। उन्होंने यह कदम क्यों उठाया, यह समझ नहीं आ रहा।
शव रथ में बेटी कुहू का साथ महाराष्ट्र की महिला बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे, दोनों बहनें, ट्रस्ट के तुषार पाटिल, संजय यादव के साथ नजदीकी रिश्तेदार थे। उनके अंतिम दर्शन के लिए औरंगाबाद के सांसद चंद्रकांत खरे, नासिक जिला संघ अध्यक्ष अदव्य हीरे, शिवसेना के औरंगाबाद जिला प्रमुख अंबादास दानवे, महापौर मालिनी गौड़, अन्ना महाराज, कम्प्यूटर बाबा, प्रमोद टंडन, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हारिड्या, कांग्रेस नेता कृपाशंकर शुक्ला, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, पूर्व विधायक तुलसी सिलावट, कांग्रेस नेता शोभा ओझा, कालीचरण महाराज आदि पहुंचे। महाराष्ट्र से आए मंत्री गिरीश महाजन, एकनाथ शिंदे व पूर्व विधायक अमित देशमुख, कम्प्यूटर बाबा सहित कई गणमान्य लोग व समान्नितजनों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
अंतिम दर्शन के दौरान डॉ. आयुषी और बेटी कुहू उनके शव के सिरहाने बैठी थी। आयुषी ने चार माह की बेटी धारा को पिता के दर्शन करवाने के लिए कांच के बॉक्स का कवर उठाया। पास बैठी कुहू बोल पड़ी ..प्लीज ऐसा मत करो, इसे हटा लो, बच्चे के लिए यह ठीक नहीं है।
शव वाहन में पार्थिव देह के साथ आश्रम पहुंची बेटी
सुबह 10 बजे पार्थिव देह को ‘शिवनेरी’ से उनके ही आश्रम के शव वाहन से बापट चौराहा स्थित सूर्योदय आश्रम पर लाया गया। इसमें परिजन के साथ कुहू भी थी। दस मिनट बाद पत्नी आयुषी दूसरी गाड़ी से पहुंचीं। यहां दोपहर 2 बजे तक भक्तों के दर्शन के लिए पार्थिव देह रखी गई। इस दौरान पत्नी-बेटी के साथ भय्यू महाराज की बहनें मोनू पाटिल और अनुराधा पाटिल भी थीं। अंतिम दर्शन के लिए पहली पत्नी माधवी के पिता और साला भी आए थे। कुहू ने साढ़े तीन साल में मां के बाद पिता को भी खो दिया। 22 जनवरी 2015 को मां माधवी का निधन पुणे में हो गया था। इसके बाद इंदौर में उनका अंतिम संस्कार हुआ।
उधर, सुबह 10 बजे से अंतिम दर्शन शुरू होने के बाद से ही पत्नी डॉ. आयुषी शव के साथ ही बैठी रहीं। वे बदहवास हालत में पति से बार-बार उठने को कहती रहीं। अंतिम यात्रा शुरू होने पर उन्होंने कहा कि वे कहकर गए हैं कि तुम भी मेरे साथ चलो। आश्रम से अंतिम यात्रा निकली तो वे शवयात्रा में शामिल होने की जिद करने लगीं। परिजन उन्हें समझाते रहे, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थी। वह बोलने लगीं, इतनी छोटी बेटी को कैसे संभालूंगी.. आई की उन्हें बड़ी चिंता रहती थी। उनकी देखभाल अब मैं करूंगी। बड़ी मुश्किल से उन्हें कार में बैठाकर ‘शिवनेरी’ बंगले पर भेजा गया।


भय्यू महाराज ने जिन्हें अपने आश्रम परिवार के देखरेख की जिमेदारी दी है वे 42 वर्षीय विनायक दुधाले पिछले 16 साल से भय्यू महाराज के साथ हैं। भय्यू महाराज से जुड़ने से पहले वह इंदौर नगर निगम में पानी का टैंकर चलाते थे। उनके दो बच्चे हैं। बीकॉम तक शिक्षित विनायक का सुखलिया स्थित लवकुश विहार में मकान है। विनायक सुकरिया जिला अहमदनगर (महाराष्ट्र) के रहने वाले हैं। वहां उनकी कृषि भूमि भी है। विनायक भय्यू महाराज के घर के बिजली के बिल, ड्राइवर का वेतन देने के साथ वीआईपी से मेलजोल का लेखा-जोखा भी रखते थे।

आश्रम कहे तो लूंगा जिम्मा भय्यू महाराज जो भी फैसला लेते थे, उसे सभी स्वीकार करते थे। तीन दिन बाद एक बैठक रखी है। इसमें सामूहिक रूप से निर्णय लिया जाएगा। सबके निर्णय के बाद जिम्मेदारी दी जाती है तो उसे पूरी तन्मयता से निभाऊंगा। -विनायक दुधाले, सेवादार


विनायक के नाम पर लिखे नोट को वसीयत नहीं माना जा सकता। कोई भी पावर सिर्फ जीवित रहते ही इस्तेमाल हो सकती है। पॉवर देने वाले की मौत के बाद उसका कोई महत्व नहीं होता। ऐसी स्थिति में महाराज की संपत्ति को लेकर विवाद बढ़ेगा। -केपी माहेश्वरी, एडवोकेट 

Senior Citizen was told to take journey 1000 years later

 

MEERUT:

A 73-year-old man who was forcibly evicted from a train because his ticket was wrongly dated 1,000 years in the future was on Tuesday awarded compensation by a consumer court in Saharanpur.

Vishnu Kant Shukla, a retired professor, had boarded Himgiri Express for a journey from Saharanpur to Jaunpur on November 19, 2013. The train ticket examiner (TTE) however, found that Shukla’s ticket was dated for 3013, and got Shukla sent out of the train at Moradabad.

Shukla said, “I retired as head of the Hindi department from JV Jain Degree College in Saharanpur. In short, I am not a person who would travel by train with a fake ticket and here was a TTE who humiliated me in front of everyone, demanded that I pay a penalty of Rs 800, and even got me evicted from the train. It was an important journey as I had to visit my friend whose wife had expired.”

Returning home to Saharanpur, Shukla filed a case against the Railways in the consumer court. The case went on for five long years.

“Shukla is my neighbour and when I heard about his predicament, we sat together and decided to file a case. A lot of things happened during the proceedings. The Railways lawyer did everything to prove that our claim was wrong. Railways officials even said that the ticket was not purchased from the booking counter and when court asked them to produce the booking form, they said they did not have it,” said Surender Dixit, Shukla’s lawyer.

On Tuesday, the court decided in favour of Shukla and slapped a penalty of Rs 10,000 on the Railways for causing mental harassment to the professor and an additional Rs 3,000 as compensation.

The court observed, “To de-board a person of an advanced age in the middle of a journey causes a great amount of physical strain and mental harassment to him. If the passenger did not check his ticket at the counter, this does not absolve the Railways of its responsibility. This clearly shows that there were flaws in services provided by the department.”

Railway officials declined to comment on the matter.

 

उत्तर प्रदेश में तूफ़ान 14 की मौत

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में आए तूफान ने एक बार फिर तबाही मचाई। मौसम विभाग ने गुरुवार को भी प्रदेश के कुछ इलाकों में आंधी-तूफान संभावना जताई है। प्रदेश में बुधवार को आंधी-बारिश और गर्मी के कारण 14 लोगों की मौत हो गई। इस बीच देश के उत्तरी और उत्तर पश्चिमी हिस्से में सक्रिय चक्रवाती दबावों के चलते मानसून की रफ्तार धीमी हो गई है।

दीवार और पेड़ गिरने से अलग-अलग हादसों में अवध के जिलों में सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों में सीतापुर के चार, गोंडा के दो और फैजाबाद के एक शामिल थे। जबकि कन्नौज और कौशांबी में दो-दो और हरदोई में एक की जान गई है। वहीं, लू लगने से बांदा और महोबा में एक-एक की मौत हो गई। मौसम विभाग ने गुरुवार को अलर्ट जारी किया है।

पेड़ के नीचे दबे बच्चे, 2 की मौत, 1 घायल…
गोंडा में आंधी-तूफान की वजह से 2 लड़कियों की मौत हो गई जबकि एक बच्चा घायल हो गया है। बताया जा रहा है दोनों मृतक चचेरी बहन हैं। हादसा उस वक्त हुआ जब बारिश से बचने के लिए ये सभी आम के पेड़ नीचे खड़े थे लेकिन तेज आंधी की वजह से पेड़ टूट गया और दोनों लड़कियों की मौत हो गई। बच्चे की हालत गंभीर है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

दीवार ढहने से दो भाईयों की मौत…
सीतापुर में तेज आंधी के साथ हुई जोरदार बारिश हुई। आंधी की वजह से दीवार गिरने से यहां दो भाइयों की मौत हो गई। वहीं, इस हादसे में उनकी मां गम्भीर रूप से घायल हो गई। हादसा सदरपुर थाना इलाके के धरमपुर गांव में हुआ। हादसे के बाद परिवार में मातम का माहौल है।

Body of a 40-feet-long whale has washed ashore on the Arabian Sea

The decomposed body of a 40-feet-long whale has washed ashore on the Arabian Sea coastin nearby Raigad district, an official said.
The whale washed ashore at Khar Danda near Uran on Wednesday evening, the official said, adding that some visitors to the sea shore first spotted it.

In Sack of Old News Papers Scrap Dealer Found 2000 Aadhar Cards

A scrap dealer in Jalupura area of Jaipur on Thursday found more than 2,000 Aadhaar Cards in a sack of old newspapers sold to him, the police said.

Someone sold a sack of old newspapers to a scrap dealer, Imran, who later found out that it also contained over 2,000 Aadhaar cards.

Imran said he informed the police and the department of information technology and communication when he found the cards.

“It appears to be a parcel of Aadhaar cards which were to be delivered by post,” Station House Officer (SHO) of Jalupura police station Likhma Ram said. “The cards were to be dispatched locally. So, most likely the parcel somehow got misplaced from the general post office here,” Ram added.
The police said that the postal department officials had been informed and the matter was being probed to ascertain how the cards were dumped in such a manner.

Development is the only Solution to all Kinds of Violence and Conspiracy : PM

Bhilai , Jun 14 :

Prime Minister Narendra Modi on Thursday said that development is the only solution to all kinds of violence and conspiracy.

Addressing a gathering after inaugurating a slew of projects in the state, Prime Minister Modi said the inauguration of the modern expansion of the Bhilai steel plant will strengthen the foundation of a ‘New India’.

“Bhilai not only made steel but also lives, society and the country. This new modern and converted steel plant will now work to strengthen the foundation of New India. You all have experienced how the picture changed after the establishment of the steel plant,” the Prime Minister said.

He further said that the upcoming IIT Bhilai campus, built at a cost of about Rs 1,100 crore, will act as a pilgrimage centre for technology and technical education for students in the state as well as in the entire country.

Highlighting the work done by the Bharatiya Janata Party (BJP) government in the state, Prime Minister Modi continued, “Considering the interests of tribals, Forest Rights Act has been implemented strictly. Tribal communities have been given the title of more than 20 lakh acres in Chhattisgarh in the last four years.”

The Prime Minister espoused that the government was working to increase the income and ensuring quality education of the tribals in Chhattisgarh.

“The government is also working on giving quality tribals’ education. To raise the level of education among tribal children, Eklavya Vidyalayas are being opened in the country. We are working for them for their bright future,” Prime Minister Modi stated.

He added that under the Jan Dhan Yojna, 130 million poor people have already opened their bank accounts so far in the country.

The Prime Minister highlighted that the government has constructed more than 37 lakh toilets and 22 lakh poor families have got free gas connections under the Ujjwala Yojana scheme in Chhattisgarh.

He lauded the positive effect of the Gram Swaraj campaign, which helps to give a boost to the development of the country.

“The Gram Swaraj campaign has had very positive effect in the last two months. These campaigns are being run especially in 115 districts of the country which were lagging behind in development. It includes 12 districts of Chhattisgarh,” the Prime Minister explained.

Lauding the fast-paced development in Chhattisgarh, the Prime Minister went on to say that the vision of former prime minister Atal Bihari Vajpayee was being carried forward by chief minister Raman Singh.

Prime Minister Modi said that his government was making unprecedented efforts to boost connectivity in the state, adding, “Earlier where there were no roads, now airports are being constructed along with roads.”

Terming Naya Raipur as the country’s first greenfield smart city, the Prime Minister said the city would now serve as an example for smart cities across the country.

Prime Minister Modi added that Rs. 3,000 crore was being spent to construct more hospitals, schools, roads and toilets in Chhattisgarh.

He further informed the public that air services between Raipur and Jagdalpur have been made operational, while work on BharatNet Phase 2 in the state has begun.

This is Prime Minister Modi’s second visit to Chhattisgarh in the last two months.

The visit comes ahead of the assembly elections scheduled to be held in the state later this year.

Stone pelted on a CRPF convoy in Banihal

Jammu and Kashmir:

Stones were pelted on a Central Reserve Police Force (CRPF) convoy in Jammu and Kashmir’s Banihal area on Thursday.

A group of men allegedly restored to stone pelting after one of the CRPF buses allegedly hit a motorcycle.

The rising incidents of stone pelting in the Valley have become a matter of concern for the state government.

Earlier on May 27, 19 CRPF personnel were injured after the vehicle they were travelling in skidded off the road due to stones being pelted on it in Srinagar, Jammu and Kashmir.

On May 7, R. Thirumani (22), a tourist from Chennai, died in the hospital after being injured in a stone pelting incident in Jammu and Kashmir’s Narbal area.

Earlier, taking note of the matter, Chief Minister Mehbooba Mufti called an all-party meeting and discussed measures to curb such incidents.

प्लानिस्वामी सरकार पर से खतरा टला

AIADMK के 18 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट आज फैसला आ गया है। तमिलनाडु में ई पलानिस्वामी की अगुवाई वाली सरकार का भाग्य मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर निर्भर था। 18 एआईएडीएमके विधायकों के अयोग्यता मामले में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के बाद सरकार पर से खतरा टलता दिखाई दे रहा है।

मद्रास हाई कोर्ट ने भी 18 AIADMK विधायकों की अयोग्यता बरकरार रखा है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद तमिलनाडु सरकार सुरक्षित है और कोई उपचुनाव नहीं होंगे। वहीं अब इस मामले में मद्रास हाइकोर्ट की बड़ी बेंच फैसला करेगी।

चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही ठहराया और कहा कि स्पीकर के पास इसका अधिकार है। दूसरे जज ने इसके उलट फैसला सुनाया। अब इस मामले में तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगी। फिलहाल के लिए पलानीस्वामी सरकार पर कोई खतरा नहीं है। 18 एआईएडीएमके विधायकों को स्पीकर ने पिछले साल सितम्बर में अयोग्य घोषित कर दिया था। ये सभी विधायक शशिकला के करीबी हैं और उन्होंने गवर्नर से सीएम पलानीस्वामी को हटाने के लिए पत्र भी लिखा था। जिसके बाद उन सभी अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उनके निलंबन के बाद, विधायकों ने अम्मा मक्कल मुनेत्र कझागम को समर्थन दिया जोकि शशिकला के भाई टीटीवी दिनारकरन और एआईएडीएमके से बाहर गए उप-महासचिव द्वारा की पार्टी है। अगर कोर्ट स्पीकर के फैसले को गलत ठहराती तो मौजूदा सरकार को सदन में बहुमत सिद्ध करना पड़ सकता था।

 

सोशल साईट सिखा रही नकली नोट बनाने के तरीके

सिरसा पुलिस ने बुधवार को नकली करेंसी नोट बनाने के मामले में जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया था उन्होंने पूछताछ में बताया है कि सोशल साईट से नकली करेंसी नोट बनाने का तरीका सीखा था।

साभार हिन्द एक्सप्रेस

पुलिस ने बुधवार को चतरगढपट्टी क्षेत्र के एक मकान पर छापा डाल कर पंच विनोद कुमार व कम्प्यूटर विशेषज्ञ बलवंत को गिरफ्तार किया था। सिरसा के पुलिस अधीक्षक हामिद अख्तर के अनुसार पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि उन्होंने सोशल साईट से नकली करेंसी नोट बनाना सीखा। पुलिस ने बुधवार को जब छापा डाला था तब बिहार निवासी इनका तीसरा साथी भी मौजूद था लेकिन वह फरार होने में सफल रहा। तीसरे साथी की पहचान कर ली गई है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है। गिरफ्तार किए गए दो लोगों में नेजाडला कलां निवासी विनोद कुमार निर्वाचित पंचायत पंच है।

 

अभियुक्त बलवंत को कम्प्यूटर फोटो शाॅप की जानकारी थी। वह पर ही वीडियो एडिटिंग का काम करता था। उसने एक सोशल साईट से नकली नोट बनाना सीखा। उसने बाजार से अच्छी क्वालिंटी का कागज लेकर पहले सौ रूपए के दो नोट छापे। नकली नोट हूबहू हैं और उन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। हालांकि थोडा पानी लगने पर रंग उतर जाता है। अभियुक्त अब तक 70 हजार रूपए मूल्य के नकली नोट बना चुके हैं और तीसरे साथी के जरिए कुछ नकली नोट स्थानीय बाजार में चला चुके है। अभियुक्तों के अनुसार उन्हें चालीस हजार के नकली नोट के बदले दस हजार रूपए के बसली नोट मिलने वाले थे।

 

पुलिस ने बुधवार को चतरगढपट्टी स्थित बलवंत के मकान पर छापा डालकर बलवंत और विनोद कुमार को गिरफ्तार करने के साथ 40 हजार रूपए के नकली करेंसी नोट,ऐसे 54 पेज जिन पर नकली नोट अधूरे बने हुए थे। एक कम्प्यूटर माॅनीटर,एक प्रिंटर,एक सीपीयू,नकली नोट बनाने के उपकरण व नकली नोट बनाने के काम आने वाला कागज बरामद किया था।