पूजा बंसल ने पंचकुला में मनाई छत्तीस गढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश की जीत खुशी

पंचकूला:

पंचकूला के पूर्व विधायक स्वर्गीय डीके बंसल की बेटी एवं युवा कांग्रेसी पूजा बंसल ने बरवाला में जीत की रैली निकाली। पूजा बंसल ने कहा कि युवाओं ने राहुल गांधी के नाम पर वोट दिया है और अब भाजपा को अपना बोरिया बिस्तर बांधकर घर बैठने की तैयारी कर लेनी चाहिए।

पूजा बंसल ने कहा कि लोकसभा व हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस केंद्र व हरियाणा में सरकार बनाकर अपना परचम लहराएगी। केंद्र व प्रदेश सरकार की गलत नीतियों से व्यापारी, उद्योगपति, किसान, कर्मचारी, मजदूर व आम जनता बड़ी भारी दुखी है। क्योंकि सरकार ने नोटबंदी व जीएसटी के तहत अनाप-शनाप टैक्सों में बढ़ोतरी करके गरीबों के मुंह का निवाला छिन्ने का काम किया है। जिसके कारण देश की आम जनता सरकार की कारगुजारी से बहुत दुखी है और केंद्र व हरियाणा सरकार को चलता करने का पूरा मन बना चुकी है और जनता लोकसभा व हरियाणा के विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रही है। इस चुनाव में जनता भाजपा को घर बैठाने का काम करेगी।

इस अवसर पर पुष्पिंद्र राणा, बंबूल राणा, राजेंद्र बतौड़, सुशील चंद, रामेश्वर चंद, नच्छतर सिंह, प्रिंस रिहौड़, ओमवीर, मुकेश, ज्ञान चंद शर्मा कामी, लाभ सिंह, नरेंद्र सिंह, पवन सिंह टोका, पवन राणा, रणदीप सिंह भी उपस्थित थे।

वसुंधरा ने दिया इस्तीफा

जयपुर:

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है. राज्य विधानसभा चुनाव में हुई बीजेपी के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया.

कांग्रेस को जीत की बधाई देते हुए वसुंधरा राजे ने कहा 5 साल में बीजेपी ने अच्छे काम किए हैं.मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रदेश की जनता की आवाज को सदन में उठाएंगे. मैं समस्त पार्टी कार्यकर्ताओं, पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को धन्यवाद देना चाहती हूं. जब पत्रकारों ने उनसे हार का कारण जानना चाहा तो वसुंधरा ने सवाल को टाल दिया.

वसुंधरा के कई मंत्री चुनाव हारे

बता दें राजस्थान में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. वसुंधरा राजे सरकार में कद्दावर रहे कई मंत्री विधानसभा चुनाव हार गए हैं. इनमें परिवहन मंत्री युनुस खान, खान मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी शामिल हैं. जीतने वाले मंत्रियों में गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया व शिक्षा मंत्री किरण महेश्वरी का नाम प्रमुख है. वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले युनुस खान टोंक विधानसभा सीट से 54,179 मतों से हार गए. इस सीट पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे सचिन पायलट जीते हैं.
वहीं जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप हनुमानगढ़ सीट पर 15522 मतों से तो पशुपालन मंत्री रहे ओटाराम देवासी सिरोही सीट पर 10253 मतों से पराजित हुए. इसी तरह राजे सरकार के कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी अंता सीट पर 34059 मतों से हारे. उन्हें कांग्रेस के प्रमोद भाया ने हराया. खान मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी करणपुर सीट पर हारे और वह मुकाबले में तीसरे स्थान पर रहे.

खाद्य व आपूर्ति मंत्री बाबू लाल वर्मा बारां अटरू सीट पर 12248 मतों से हार गए. पर्यटन मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा नदबई सीट पर बसपा के जोगिंदर सिंह से 4094 मतों से हारीं जबकि यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी निंबाहेडा सीट पर 11908 मतों से हारे हैं.

सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी सिविल लाइंस सीट पर 18078 मतों से हार गए. उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत झोटवाड़ा सीट पर 10747 मतों से हार गए. वहीं गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने उदयपुर सीट पर कांग्रेस की गिरिजा व्यास को 9307 मतों से पराजित किया.

इन मंत्रियों को मिली सफलता

वसुंधरा राजे के जिन प्रमुख मंत्रियों ने जीत दर्ज करने में सफलता पाई है उनमें चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ मालवीयनगर सीट पर 1704 मतों से, महिला व बाल विकास मंत्री अनिता भदेल अजमेर (दक्षिण) सीट पर 5700 मतों से व शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी अजमेर (उत्तर) सीट पर 8630 मतों से जीते हैं. बाली सीट पर ऊर्जा मंत्री पुष्पेंद्र सिंह 28081 मतों व शिक्षा मंत्री किरण महेश्वरी ने राजसमंद सीट पर 24532 मतों से जीत दर्ज की है

आला / हाई कमान के दिन बहुरे: कांग्रेस ने की जोरदार वापसी


काँग्रेस के घर होली दिवाली एक साथ 

आला / हाई कमान के दिन बहुरे 

कांग्रेस की ये जीत बीजेपी विरोधी पार्टियों को आगामी चुनाव तक गोलबंद करने में मददगार साबित होगी जिससे बीजेपी के समक्ष मजबूत चुनौती पेश की जा सके.


2014 लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन पहली बार काबिलेतारीफ रहा है. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ‘पंजे’ के द्वारा ‘कमल’ को उखाड़ फेंका जाना दोनों राज्यों में उसके बेहतरीन प्रदर्शन की मिसाल है. वहीं मध्य प्रदेश में कांटे की टक्कर कांग्रेस द्वारा एक और राज्य में बेहतर प्रदर्शन को दर्शाती है. हिन्दीभाषी बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन से कांग्रेस की बांछें खिल गई हैं और साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का आत्मविश्वास पूरी तरह उफान पर है.

वैसे 2014 लोकसभा चुनाव के बाद साल 2017 तक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. एक-एक कर 14 राज्यों में सत्ता गंवा चुकी कांग्रेस के लिए लगातार मिल रही हार को छिपाना मुश्किल हो रहा था. पार्टी के अंदर और बाहर पार्टी में जान फूंके जाने के लिए लीडरशिप क्राइसिस की बात उठने लगी थी और बीजेपी के ‘कांग्रेस मुक्त’ भारत के नारे को लोग सच्चाई की कसौटी पर देखने लगे थे.

विधानसभा चुनावों में मिली जीत पर बेंगलुरु में कांग्रेस मुख्यालय पर खुशियां मनाते पार्टी कार्यकर्ता

विधानसभा चुनावों में मिली जीत पर बेंगलुरु में कांग्रेस मुख्यालय पर खुशियां मनाते पार्टी कार्यकर्ता

पिछले चार सालों में पंजाब की जीत ही एक ऐसी जीत थी, जिसको लेकर कांग्रेस अपनी पीठ थपथपा सकती थी लेकिन उस जीत में भी जीत का सेहरा कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिया गया. ध्यान रहे पंजाब में भी कांग्रेस की सीधी लड़ाई शिरोमणी अकाली दल से थी और बीजेपी शिरोमणी अकाली दल के सहयोगी तौर पर चुनाव मैदान में थी.

महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बीजेपी की लगातार जीत से कांग्रेस की कमर टूट चुकी थी वहीं बिहार में महागठबंधन को मिली जीत के बावजूद कांग्रेस को सत्ता से बाहर होना पड़ा. यहां महागठबंधन के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरजेडी और कांग्रेस से नाता तोड़कर बीजेपी की तरफ रुखसत कर गए और फिर से वहां एनडीए की सरकार बनाने में कामयाब हुए.

कुलमिलाकर कहा जाए तो 2014 लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी से सीधी लड़ाई में कांग्रेस कहीं भी कामयाब नहीं हुई थी. गोवा और मणिपुर में बीजेपी द्वारा हार का सामना करने के बाद भी राजनीतिक सूझबूझ से सरकार बना लेने से कांग्रेस का मनोबल पूरी तरह टूट चुका था. इन राज्यों में बीजेपी की सरकार बन जाने के बाद कांग्रेस को सेल्फ गोल करने वाली पार्टी की संज्ञा दी जाने लगी. जाहिर है बीजेपी से एक के बाद दूसरी मिल रही हार से कांग्रेस के हौसले पस्त हो चुके थे.

ऐसे में तीन राज्यों में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन 2019 लोकसभा चुनाव में संजीवनी बूटी की तरह है, जो उसे नया जीवन देने और उसके हौसले को पंख लगाने में काफी मददगार साबित होगा. कांग्रेस के नेता मानने लगे हैं कि इन तीनों राज्यों के नतीजों से बीजेपी विरोधी पार्टियों में राहुल गांधी नेता के रूप में पदस्थापित हो सकेंगे और बीजेपी विरोधी पार्टियों में कांग्रेस और उसके नेतृत्व को लेकर विश्वास बढ़ेगा.

दरअसल पिछले चार सालों में बीजेपी के साथ सीधी लड़ाई में पहली बार ऐसा हुआ है कि कांग्रेस बीजेपी को पछाड़ पाने में कामयाब हो सकी है. 90 सीटों वाले राज्य छत्तीसगढ़ में बीजेपी को कांग्रेस ने पूरी तरह उखाड़ फेंका है. वहां बीजेपी को 20 से कम सीटें मिली हैं वहीं कांग्रेस 70 सीटें पाकर पंद्रह साल बाद सत्ता पर काबिज हो रही है. रमण सिंह के अभेद्य किले में कांग्रेस की सेंध से पार्टी आत्म विश्वास से लवरेज है. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इस चुनाव को 2019 लोकसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल करार दे रहे हैं.

राजस्थान में भी ‘हाथ’ के करिश्मे के आगे कमल खिल नहीं सका. बीजेपी की मजबूत जड़ को हिला कांग्रेस अपना परचम लहराने में कामयाब रही है. कांग्रेस शतक पार कर बहुमत के आंकड़े को छू चुकी है वहीं बीजेपी 72 के आसपास सिमट कर रह गई है. सूबे के दिग्गज कांग्रेस नेता अशोक गेहलोत और सचिन पायलट पर्दे के पीछे मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं. जाहिर है दोनों जीत का सेहरा राहुल गांधी के सिर बांध रहे हैं और जनता की अदालत के इस फैसले को साल 2019 की लोकसभा के रिजल्ट की झांकी करार दे रहे हैं. वैसे राजस्थान का रिकॉर्ड ये बताता है कि हर पांच साल में यहां सरकार बदलती है और ये सिलसिला पिछले 25 सालों से बरकरार हैं.

वहीं मध्य प्रदेश में भी शिवराज सिंह चौहान के पंद्रह साल के शासन को चुनौती देकर कांग्रेस सीधे तौर पर विजय के मार्ग पर आगे बढ़ रही है. जाहिर है राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की ये पहली ऐसी विजय है जिसको लेकर पार्टी का हौसला बुलंदियों पर है. कांग्रेस में उम्मीद जगी है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी विरोधी पार्टियों को लामबंद करने में कांग्रेस को कामयाबी मिल सकेगी और बीजेपी विरोधी तमाम पार्टियों के बीच कांग्रेस नेतृत्व को लेकर विश्वास बढ़ेगा. ऐसी तमाम क्षेत्रीय पार्टियां जो कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति में थी और राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकार कर पाने में असहज हो रही थी उनके बीच राहुल गांधी की स्वीकार्यता को लेकर भरोसा बढ़ेगा.

वैसे राहुल गांधी कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि 2019 का चुनाव बीजेपी बनाम विपक्षी पार्टियां होंगी लेकिन विपक्ष को गोलबंद कर पाने में वो अब तक कामयाब नहीं हो पाए थे. छ्त्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में एसपी, बीएसपी का कांग्रेस से अलग चुनाव लड़ना कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल खड़े करता रहा है. ऐसे में कांग्रेस की ये जीत बीजेपी विरोधी पार्टियों को आगामी चुनाव तक गोलबंद करने में मददगार साबित होगी जिससे बीजेपी के समक्ष मजबूत चुनौती पेश की जा सके.

आज से शुरू हुआ शीतकालीन सत्र


सुमित्रा महाजन ने ये बैठक इसलिए बुलाई है ताकि शीतकालीन सत्र को शातिंपूर्ण तरीके से चलाने पर चर्चा की जा सके


मंगलवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है. इस बीच लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. संसद के एनेक्सी भवन में चल रही इस बैठक में सभी पार्टियों के नेता शामिल हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स की माने सुमित्रा महाजन ने ये बैठक इसलिए बुलाई है ताकि शीतकालीन सत्र को शातिंपूर्ण तरीके से चलाने पर चर्चा की जा सके. संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से शुरू होकर आठ जनवरी तक चलेगा.

शीतकालीन सत्र पर क्या बोले पीएम मोदी ?

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शीतकालीन सत्र को लोकहित और देशहित में सार्थक बनाने की अपील करते हुए कहा कि लंबित विधायी एजेंडा पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और सारे अहम विषयों को नतीजे तक पहुंचाएंगे.

सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि सत्र काफी सार्थक रहेगा. यह सत्र महत्‍वपूर्ण है. सरकार की तरफ से कई महत्‍वपूर्ण विषय रहेंगे, जो जनहित के हैं, देशहित के हैं और सभी का यह प्रयास रहे कि हम अधिक से अधिक काम जनहित, लोकहित का और देशहित का कर पाएं.’

मोदी ने कहा कि उन्हें विश्‍वास है कि सदन के सभी सदस्‍य इस भावना का आदर करते हुए आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि ‘हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि सभी विषयों पर चर्चा हो. खुल करके चर्चा हो, तेज-तर्रार चर्चा हो, तीखी तमतमाती चर्चा हो… लेकिन चर्चा तो हो! वाद हो, विवाद हो, संवाद तो होना ही चाहिए.’

पीएम ने कहा, ‘इसलिए हमारी यह गुजारिश रहेगी, हमारा आग्रह रहेगा कि यह सदन निर्धारित समय से भी अधिक समय काम करे. सारे महत्‍वपूर्ण विषयों को नतीजे तक पहुंचाए.’ उन्होंने कहा कि चर्चा करके उसे और अधिक सार्थक बनाने के लिए, और अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रयास हो.’

आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों से ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं


हालांकि मध्यप्रदेश के सिंगरौली में आप नेता रानी अग्रवाल शुरुआत में बढ़त बनाए हुए थीं, लेकिन अब वो भी पिछड़ गई हैं


पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आने शुरु हो गए हैं. मतगणना अभी जारी है लेकिन राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में तस्वीर साफ हो गई है. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बना रही है. वहीं तेलंगाना में टीआरएस सत्ता पर काबिज हो गई.

पूर्वोत्तर राज्य में कांग्रेस का आखिरी किला भी ढह गया है. मिजोरम में कांग्रेस के 10 साल से मुख्यमंत्री ललथनहवला दो सीटों पर चुनाव लड़े थे और उन्हें दोनों ही सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा. मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट सरकार बना रही है.

चुनावों में दिलचस्प आंकड़े सामने आ रहे हैं. दिल्ली में सरकार में बैठी और आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. तीनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को जनता ने सिरे से नकार दिया. हालांकि मध्यप्रदेश के सिंगरौली में आप नेता रानी अग्रवाल शुरुआत में बढ़त बनाए हुए थीं, लेकिन अब वो भी पिछड़ गई हैं.

तीन राज्यों में आप बनाम नोटा का आंकड़ा

आलम ये है कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों से ज्यादा वोट नोटा (इनमें से कोई नहीं) को मिले हैं.

मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को 1,17,968 वोट मिले. वहीं 2,63,835 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना.

छत्तीसगढ़ में नेताओं को 44020 वोट मिले वहीं नोटा पर 1,05,919 वोट पड़े.

राजस्थान में मिले 99,266 वोट मिले और नोटा पर 3,56,185 वोट पड़े.

पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त हो गया, बनेगी एमएनएफ की सरकार


इसके साथ ही पूर्वोत्तर में कांग्रेस का आखिरी किला मिजोरम भी बुरी तरह से ढह गया है.


40 विधानसभा सीटों वाले मिजोरम में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. राज्य में 26 सीटें एमएनएफ जीत चुकी हैं और इसी के साथ राज्य में इस बार एमएनएफ की सरकार बनने जा रही है. वहीं कांग्रेस मिजोरम में बुरी तरह से हार चुकी है. इसके साथ ही पूर्वोत्तर में कांग्रेस का आखिरी किला मिजोरम भी बुरी तरह से ढह गया है. या यूं कहें कि पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त हो चुका है.

साल 2013 में मिजोरम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जहां 34 विधानसभा सीटें जीती थीं तो वहीं इस बार आलम ये हो चुका है कि कांग्रेस से ज्यादा सीटें अन्य ने जीत ली है. साल 2013 के बाद अब कांग्रेस सिर्फ 5 सीटों पर ही सिमट गई है. वहीं राज्य में मिजो नेशनल फ्रंट सबसे ज्यादा सीटों के साथ बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है. एमएनएफ 26 सीटें जीत चुकी हैं. इसके साथ ही एनएमएफ ने पूर्ण बहुमत भी हासिल कर लिया है.

वहीं राज्य में इस बार कांग्रेस का बुरा हाल देखने को मिला है. लोगों ने सिरे से कांग्रेस को नकार दिया है. कांग्रेस से ज्यादा इस बार राज्य में अन्य ने सीटें जीती हैं. अन्य के खाते में इस बार 9 सीटे आई हैं. इन 9 सीटों में से 1 सीट बीजेपी के खाते में भी गई है. नॉर्थ ईस्ट में असम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और अब मिजोरम में कांग्रेस हार चुकी हैं.

Shakti Kanta Das to be appointed as new RBI Governor

Shakti Kanta Das


He replaces Urjit Patel, who resigned on Monday citing personal reasons.


A day after the sudden resignation of Urjit Patel, the Modi Government on Tuesday appointed former bureaucrat Shakti Kanta Das as new Governor of Reserve Bank of India amidst tussle between the government and the central bank over several key issues.

Mr. Das has been appointed for a term of three years.Mr. Das, a 1980 batch IAS Officer of Tamil Nadu cadre, is a former Secretary, Economic Affairs in the Ministry of Finance and is currently member of the 15th Finance Commission.

Mr. Das was Economic Affairs Secretary during demonetisation in 2016.

His name was cleared by the Appointments Committee of the Cabinet (ACC) headed by Prime Minister Narendra Modi and subsequently notification was issued by the Department of Personnel and Training.

शिशुगृह के समीर को मिला नया परिवार, गुरदासपुर के दंपति ने समीर को लिया गोद


मानद महासचिव कृष्ण ढुल और एसडीएम पंकज सेतिया ने दंपति को मिठाई खिला दी शुभकामनाएं


पंचकूला, 11 दिसंबर:
लद हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित शिशु गृह पंचकूला से मास्टर समीर को नया परिवार गुरदासपुर पंजाब के रहने वाले कुलदीप सिंह और उनकी धर्मपत्नी जगजीत कौर के रूप में मिला है। इस अवसर पर हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव श्री कृष्ण ढुल व पंचकूला एसडीएम श्री पंकज सेतिया ने मास्टर समीर को गोद लेने वाले कुलदीप सिंह और उनके परिवार को मुंह मीठा करवा समीर की जिम्मेदारी उसके नए परिवार को सौंपी। भारत सरकार की अडॉप्शन एजेंसी कारा के तहत सभी जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद गुरदासपुर के दंपति को मास्टर समीर की जिम्मेदारी सौंपी गई। गुरदासपुर निवासी कुलदीप सिंह और उनकी धर्मपत्नी ने कहा कि यह उनके लिए नए जीवन की शुरुआत है और उनके जीवन में समीर के रूप में उनका भविष्य बेहद सुनहरा है। वे इसके लिए हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के हमेशा धन्यवादी रहेंगे कि उन्होंने उन्हें जीवन की सबसे बड़ी खुशी प्रदान की है। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद इस क्षेत्र में बेहतरीन व सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वे समीर को अच्छी शिक्षा दिलाकर उसे बड़ा अफसर व अच्छा इंसान बनाएंगे। इस अवसर पर मानद महासचिव कृष्ण ढुल ने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद मुख्य अडॉप्शन एजेंसी कारा के तहत सारी कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद बच्चे की जिम्मेदारी मां बाप को सौंपता है और यह उनके लिए भी काफी मुश्किल समय होता है क्योंकि लंबे समय तक बच्चे का पालन पोषण करने से बच्चों से जुड़ाव होना भावुक होने वाले पल होते है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद् पूरी प्रतिबद्धता के साथ बच्चों के कल्याण से जुड़े कार्य कर रहा है। इस अवसर पर पहुंचे एसडीएम पंकज सेतिया ने कहा कि यह बेहद खुशी का विषय है कि एक दंपति को नया जीवन शुरू करने का अवसर प्राप्त हुआ है। जिसमें हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद का बहुत बड़ा योगदान है। वे समीर के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं वह उनके नए मां बाप को बधाई देते हैं। इस अवसर अडॉप्शन अधिकारी पूनम सूद, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के जन सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप दलाल उपस्थित रहे।

रक्तदान शिविरों में 182 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया

पंचकूला, 11 दिसंबर:
उपायुक्त श्री मुकुल कुमार ने विश्वास फाउंडेशन व एचडीएफसी बैंक द्वारा जिला सचिवालय के प्रांगण में रक्तदान शिविर कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने रक्तदाताओं को बैज लगाकर रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। इस अवसर परएसडीएम पंकज सेतिया, नगराधीश ममता शर्मा, जिला शिवालिक बोर्ड के सदस्य श्यामलाल बंसल सहित विश्वास ग्रुप मैडिटेशन के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
इस मौके पर उपायुक्त ने रक्तदाता युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि रक्तदान कर वे अपनी जिंदगी में समाज के हित में सबसे बड़े पुण्य का कार्य कर रहे है और ऐसे नेक कार्य करने से मन को संतुष्टि ही नहीं मिलती अपितु जीवन की वास्तविक सार्थकता भी सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक स्तर पर भी अभी तक रक्त का दूसरा विकल्प सिद्ध नहीं हुआ है। केवल रक्त से ही सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के जीवन में रोशनी लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिला रेडक्राॅस सोसायटी द्वारा भी समय समय पर इस प्रकार के रक्तदान शिविर आयोजित किये जाते है। इसके साथ साथ यह बड़ी अच्छी बात है कि इस पुण्य कार्य के लिये अन्य संस्थायें भी आगे आ रही ह।
एसडीएम पंकज सेतिया ने रक्तदाताओं  से बातचीत करते हुये कहा कि रक्तदान करने की दिशा में कई भ्रांतियां पैदा होती है कि रक्तदान करने से शरीर में खून की कमी से कमजोरी आ जाती है, लेकिन वैज्ञानिक स्तर पर यह सिद्ध हो गया है कि दो तीन दिन के अंदर ही जितनी शरीर को खून की आवश्यकता होती है, उसकी पूर्ति हो जाती है। उन्होंने विश्वास फाउंडेशन संस्था द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर की सराहना करते हुए कहा कि समाज के हित में यह प्रयास सराहनीय है। अन्य संस्थाओं को भी उनके मार्ग का अनुसरण करते हुए इस प्रकार के रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए आगे आना चाहिए ताकि बढती खून की मांग को पूरा किया जा सके।
पीजीआई के डाॅक्टरों की टीम ने इस रक्तदान शिविर में  101 यूनिट रक्त एकत्रित किया। शिविर में 121 व्यक्तियों ने स्वैच्छा से रक्तदान करने के लिये पंजीकरण करवाया था। सेक्टर-9 स्थित वीकेएम विश्वास स्कूल में आयोजित रक्तदान शिविर में 136 व्यक्तियों ने अपना पंजीकरण करवाया और 81 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। इन दोनों रक्तदान शिविरों में 182 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।

बिजली बिल निपटान योजना का लाभ उठाने वालों के घर फिर आएगी रोशनी-मुकुल कुमार

म्हारा गांव जगमग गांव योजना के तहत पंचकूला को मिल रही है 24 घंटे बिजली।

प्ंचकूला, 11 दिसम्बर:
 सरकार की बकाया बिजली बिल निपटान योजना-2018 जिला के ऐसे उपभोक्ताओं के लिए वरदान साबित होगी जो किसी कारणवश बिजली निगम के डिफाल्टर हो चुके है। इस योजना का लाभ उठाकर ऐसे लोगों के घर फिर से रोशन हो  जाएगें। भविष्य में पंचकूला में कोई डिफाल्टर नही रहेगा।
उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि बकाया बिलों की समस्या के समाधान के लिए सरकार की यह अनूठी योजना है, क्योंकि इस योजना में बकायादारों को डिफाल्टर जैसे ऋण से मुक्त करके सरकार और उपभोक्ता दोनांे के हित को ध्यान में रखकर यह बिजली योजना बनाकर क्रियान्वित की है।  बकाया बिजली बिलों के निपटारे के  लिए इस योजना में सरकार ने मासिक आधार पर बहुत ही कम राशि निर्धारित कर ऐसा बेहतर फार्मूला तैयार किया है जिसमंे उपभोक्ता पर कोई भार भी नहीं पड़ेगा और आसानी से वहन कर डिफाल्टर सूची से भी बाहर हो जाएगा। इसके साथ ही अपने कटे हुए बिजली कनैक्शन भी उपभोक्ता दोबारा लगवाकर अपने घरों में बिजली लगवा सकेंगे।
उपायुक्त ने इस योजना के तहत जून 2005 से 30 जून 2018 तक बकाया बिलों के निपटारे के लिए ग्रामीण घरेलू बिल में 40 यूनिट के 112 रूपए, शहरी घरेलू में 50 यूनिट में 142 रूपए 50 पैसे, ग्रामीण गैर घरेलू में 483 रूपए 75 पैसे तथा शहरी गैर घरेलू में 975 रूपए मासिक देय राशि निर्धारित किया है। जून 2005 से पहले का बकाया सरकार ने माफ कर दिया है। उन्होंने बताया कि बीपीएल यानि गरीबी रेखा से नीचे उपभोक्ताओं के साथ सरकार ने उपरोक्त दरों पर पिछले एक साल का ही बिल भरने के लिए योजना में प्रावधान किया है और ऐसा करके सभी बीपीएल उपभोक्ता डिफाल्टर नहीं रहेंगे।
उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से म्हारा गांव जगमग गांव योजना शुरू की गई है। जिन गांवों ने यह योजना अपनाई है वहां के लोगों को 24 घंटे बिजली मिल रही है और बिजली के बिल भी कम आ रहे है। पंचकूला के नागरिकों ने इस योजना का लाभ प्रदेश में सबसे पहले उठाया आज पंचकूला उन्होंने बताया कि  जिला में बिजली बिल माफी योजना के तहत 2688 से अधिक उपभोक्ताओं ने लाभ उठाया है तथा एक करोड़ 6 लाख 24 हजार रुपए की बकाया बिलों वसूली की जा चुकी है। उपभोक्ताओं को इस योजना में जिला के उपभोक्ताओं को लगभग 7 करोड़ 45 लाख रुपए की राशि का लाभ मिला है। इस प्रकार जिला के दो लाख 4 हजार उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में राहत मिली है जिनमें एक लाख 32 हजार शहरी क्षेत्रों में रहने वाले उपभोक्ताओं एवं 65 हजार ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं के नाम सरकार की योजना का लाभ लेने वालों में शामिल है।