करनाल लोकसभा से वित्त मंत्री अरुण जेटली हो सकते है भाजपा के उम्मीदवार!

अपना पहला लोकसभा चुनाव हार चुके जेटली अब तक तीन बार गुजरात से राज्यसभा सांसद चुने गए, दूसरी बार सुरक्षित सीट से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव!

करनाल से एक बार फिर किसी बाहरी को सांसद का टिकट देने की तैयारी है। जी हां हमारी अंदर की खबर से करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना देख रहे कई नेताओं को जबरदस्त झटका लगने वाला है क्योंकि जो जानकारी हमें भाजपा के केंद्रीय सूत्रों से मिली है उसके अनुसार भारतीय जनता पार्टी केंद्र सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली करनाल से सांसद का चुनाव लड़वाना चाहती है जिसके लिए सभी तरह के समीकरणों के गुणाभाग के बाद अरुण जेटली भी करनाल को सुरक्षित सीट मानते हुए चुनाव लड़ने को तैयार है।

हलांकि हमारी जानकारी अनुसार करनाल के किसी भी स्थानीय नेता को इस संदर्भ में कोई खबर नहीं है लेकिन सूत्रों की माने तो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पिछले दिनों केंद्रीय नेतृत्व ने ये चर्चा की है जिसके बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय नेतृत्व को ये भरोसा दिलाया है कि यदि भारतीय जनता पार्टी करनाल लोकसभा से अरुण जेटली को टिकट देती है तो उन्हें भारी बहुमत से जीत दिलाई जा सकती है क्योंकि 2019 में मोदी सरकार बनने पर उन्हें कम से कम वित्त मंत्री या गृहमंत्री जैसा अहम पद मिलना तय है और करनाल लोकसभा इलाके की जनता इस मौके को हाथ से गंवाने नहीं देना चाहेगी? हाल ही में करनाल और पानीपत नगर निगम चुनावो में हुई भाजपा की बड़ी जीत भी इस तरफ इशारा कर रही है कि लोकसभा चुनावों में करनाल लोकसभा सीट पर फिलहाल भाजपा को कोई खतरा नजर नहीं आ रहा।

इंडिया ब्रेकिंग को जो जानकारी मिली है उसके अनुसार करनाल से वर्तमान सांसद अश्वनी चोपड़ा इस बार भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर लोकसभा के उम्मीदवार नहीं होंगे लेकिन क्योंकि वो पंजाब केसरी जैसे बड़े व ताकतवर समाचार पत्र समूह के सम्पादक है इसलिए पार्टी उन्हें नजरअंदाज भी नहीं कर पायेगी और उन्हें राज्यसभा से सांसद बनाकर किसी तरह के विरोध को पनपने से बचाने का प्रयास रहेगा। कुल मिलाकर इस समय की ताजा खबर यही है कि 2019 के आगामी लोकसभा चुनाव में एक बार फिर करनाल की जनता पर बाहरी व्यक्ति को टिकट दिए जाने की चर्चा ने जन्म ले लिया है वंही अगर हमारी जानकारी सटीक साबित होती है और भाजपा के कद्दावर नेता व वर्तमान में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को टिकट दिया जाता है तो टिकट मिलने की सूरत में करनाल भाजपा उम्मीदवार के तौर पर अरुण जेटली को कितना भाव देती है ये देखना दिलचस्प होगा क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर नवाजे गए अरुण जेटली अपने लम्बे राजनीतिक करियर में अपने लिए आज तक एक सुरक्षित सीट नहीं ढूंढ पाए तथा यही कारण है कि उन्हें हर बार राज्यसभा सांसद के तौर पर केंद्र में राजनिति करने का मौका मिला है।

वर्ष 2014 में भी अरुण जेटली ने अपने ननिहाल व पंजाब की अमृतसर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था जंहा जबरदस्त मोदी लहर और शिरोमणि अकाली दल से मजबूत गठबंधन के बावजूद वित्त मंत्री अरुण जेटली को कांग्रेस के दिग्गज नेता कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने करीब 90000 वोटों से हरा दिया था।ऐसे में करनाल सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा जाना अरुण जेटली के लिए इतना आसान भी नहीं होगा लेकिन यदि करनाल लोकसभा का इतिहास खंगाला जाए तो भारतीय जनता पार्टी को ये इतना मुश्किल भी नहीं लग रहा होगा।

बैंक कृषि क्षेत्र व लघु व्ययसायियों को ऋण देने में कोताही न बरतें – उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया

बैंकों द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए जिले में फसली ऋण 4039 करोड़, निवेश ऋण 1217 करोड़, कृषि संबंधी ऋण 668 करोड़, सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योगों के लिए 5331 करोड़ तथा प्राथमिक क्षेत्रों के लिए 760 करोड़ रुपये देने का रखा लक्ष्य, नाबार्ड की सम्भाव्यतायुक्त ऋण योजना की पुस्तिका का किया उपायुक्त ने विमोचन, सितम्बर 2018 तक तिमाही में किए 18192 करोड़ रुपये के ऋण वितरित।

करनाल 20 दिसम्बर, उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने बताया कि सरकार ने बैंकों द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए 12015.03 करोड़ का ऋण देने का लक्ष्य रखा है। इसमें से फसली ऋण के लिए 4039 करोड़ रुपये, निवेश ऋण 1217 करोड़ रुपये, कृषि आधारभूत सुविधाओं तथा अन्य गतिविधियों के लिए 668 करोड़ रुपये, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों के लिए 5331 करोड़ रुपये तथा अन्य प्राथमिक क्षेत्रों के लिए 760 करोड़ रुपये का लक्ष्य शामिल हैं।

उपायुक्त वीरवार को लघु सचिवालय के सभागार में बैंकर्स की जिला स्तरीय तिमाही बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने इस बैठक में नाबार्ड द्वारा बनाई गई सम्भाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी 2019-20) की पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कृषि क्षेत्र व लघु व्ययसायियों को ऋण देने में कोताही न बरतें ताकि सम्बंधित व्यक्तियों को समुचित और आसानी से ऋण प्राप्त हों। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों का डिजिटलीकरण के लिए चल रही ई-शक्ति परियोजना पर भी चर्चा की। उन्होंने समीक्षा करते हुए सभी बैंकर्स को सरकार द्वारा चलाई जा रही भीम एप से संबंधित निर्धारित लक्ष्य को 31 दिसम्बर तक पूरा करने के लिए हर शाखा को 1000 नए ग्राहक तथा 100 छोटे व्यावसायिकों को इस योजना से जोडऩे के निर्देश दिए।

जिला अग्रणीय प्रबंधक राजेन्द्र मल्होत्रा ने बैठक में बताया कि जिले में सितम्बर 2018 तक 18192 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए। जिले का ऋण जमा अनुपात 127 प्रतिशत रहा जोकि राष्ट्रीय मापदंड 60 प्रतिशत के अनुरूप कईं गुणा ज्यादा है। इसी प्रकार प्राथमिक क्षेत्र के 40 प्रतिशत राष्ट्रीय लक्ष्य के विरूद्ध 66 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया तथा कृषि क्षेत्र में 18 प्रतिशत के विरूद्ध 37 प्रतिशत, कमजोर वर्ग में 10 प्रतिशत के विरूद्ध 13 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की गई।

नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सुशील कुमार ने बताया कि कृषि क्षेत्र में निवेश ऋण को बढ़ावा देने कृषि यंत्रीकरण, पोलिहाउस, पशुपालन, सूक्ष्म सिंचाई, भंडारण सरंचना, क्षेत्र विकास योजना के तहत लक्ष्यों की प्राप्ति पर विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी हितधारकों से इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू करने तथा ई-शक्ति पोर्टल के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को बैंकों द्वारा क्रेडिट लिंकेज को पूरा करना है।

इस मौके पर एसीयूटी साहिल गुप्ता, आरबीआई से रघुबीर सिंह, केवीआईसी से एसके सिंह, एमएसएमई राकेश वैद्य सहित संबंधित बैंकर्स उपस्थित रहे।

From today banks will remain close for 5 days

  • On December 21 and 26, bank unions will be on strike
  • December 22 is fourth Saturday and 23 a Sunday
  • Banks will remain closed on December 25 on account of Christmas

Between December 21 and 26, public sector banks will remain closed on all days except December 24.

Bank holidays and a couple of strikes may play spoilsport if you had planned to carry out important banking works in the next six days. If you have an account in a public bank, you must not leave urgent banking matters to the year end. Starting December 21, there is a possibility that public sector banks may remain closed for as long as five days.

A bank officers’ association has called for a day-long strike on December 21. The banks will remain closed on December 22 since it is the fourth Saturday of the month. December 23 is a Sunday, hence another holiday for banks.

December 24 (Monday) will provide a small window for carrying out transactions since it is a working day. The next day, December 25, is a holiday on account of Christmas. Then on December 26, the United Forum of Bank Unions (UFBU) has given a call for another strike.

So, between December 21 and 26, public sector banks will remain closed on all days except December 24.

The strike on Friday (December 21) has been called by the All India Bank Officers Confederation (AIBOC). It is aimed at highlighting the association’s demand for full and unconditional mandate for the XIth Bipartite wage revision talks which is based on May, 2017 charter of demands.

The bank officers have rejected calls from the Indian Banks Association (IBA) for calling off their strike as they claim that there has been no “perceptible movement” on their demand, almost 20 months after the talks stated.

This means 3.2 lakh members of the officers’ union will be on a strike on December 21.

In a statement, the confederation said, “It is nothing but a farcical logic to restrict the wage negotiations up to the officers in scale III, whereas the entire officer community is covered under Unified Service Regulations.

Meanwhile, banks are making arrangements to ensure that customers don’t face major hardship during these five days. Extra cash is already being dispatched to ATMs to maintain the cash flow.