जो चोर हैं वही चौकीदार से डरते हैं, राहुल को देश से सदन में माफी मांगनी चाहिए: शाह

राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बीजेपी को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने इस मामले में जांच की मांग वाली सारी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. दरअसल कांग्रेस जोरो-शोरों से इस डील की जांच कराने की मांग उठा रही थी और इसे लेकर उसने बीजेपी पर जमकर हमला भी बोला. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी को इस बारे में पलटवार करने का अच्छा मौका मिला है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक कोरे झूठ के आधार पर देश की जनता को गुमराह करने का इतना बड़ा प्रयास कभी नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट का फैसला कांग्रेस के मुंह पर तमाचा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत है. कोर्ट के फैसले ने झूठ की राजनिति का पर्दाफाश किया है.

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि हमेशा सत्य की जीत होती है, आज ये फिर साबित हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश की जनता और सेना से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने जनता का गुमराह किया है.


BJP President Amit Shah: We welcome the judgement of the Supreme Court, the truth has won. People were being misled by unfortunately the country’s oldest party. Its a slap on politics of lies.


कांग्रेस पर बिचौलियों के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा, मोदी सरकार ने हमेशा गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील की है. कभी बिचौलियों को आने नहीं दिया. लेकिन कांग्रेस ने हमेशा बिचौलिया के साथ काम किया. मैं चाहता हूं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी सोर्स ऑफ इनफॉर्मेशन के बारे में अब जनता को बताना चाहिए. उनको बताना चाहिए उनकी जानकारी आधार क्या था. राहुल गांधी को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए.

उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी कि सूरज के सामने कितनी भी मिट्टी उछाल लो, वो खुद पर ही गिरती है, सूरज की रौशनी पर फर्क नहीं पड़ता. अमित शाह ने कहा कि आरोप लगाने वाले के चरित्र को भी जनता देखती है. जो चोर हैं वही चौकीदार से डरते हैं.

राहुल पर भरोसा करने वाले अब भी समझ लें “धोखा स्वभाव है इनका!” कैलाश विजयवर्गीय


कांग्रेस द्वारा राफेल के मुद्दे को बार-बार उठाया गया, जिसके जवाब में बीजेपी ने अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उस पर पलटवार किया है


पिछले कुछ समय से एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनी राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने इस मामले में जांच की मांग वाली सारी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ी राहत मिली है. कांग्रेस द्वारा राफेल के मुद्दे को बार-बार उठाया गया, जिसके जवाब में बीजेपी ने अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उस पर पलटवार किया है.

बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने झूठ फैलाया है, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जिस राफेल डील के झूठ पर सवार होकर राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार किया. सुप्रीम कोर्ट ने इस ढकोसले को सिरे से खारिज कर दिया है. अगर राफेल पर फैसला कुछ दिन पहले आया होता तो चुनाव परिणाम कुछ और ही होते. राहुल पर भरोसा करने वाले अब भी समझे ले, धोखा इनका स्वभाव है.


Kailash Vijayvargiya

@KailashOnline

जिस के झूठ पर सवार हो
राहुल गांधी ने पूरा चुनाव प्रचार किया
मा. ने इस ढकोसले को सिरे से खारिज कर दिया.. कुछ दिन पहले आया होता, तो चुनाव परिणाम कुछ और ही होते!

राहुल पर भरोसा करने वाले अब भी समझ लें
“धोखा स्वभाव है इनका!”


राफेल डील पर उठाए जा रहे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर कोई संदेह नहीं है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि राफेल डील की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि कीमत देखना कोर्ट का काम नहीं है. कोर्ट के इस फैसले को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. दरअसल कांग्रेस लगातार मोदी सरकार का घेराव करते हुए राफेल डील में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाती आई है.

सुप्रीम कोर्ट में अदालत की निगरानी में इस डील को लेकर जांच किए जाने की मांग वाली याचिकाएं दाखिल की गई थी. इसके पहले 14 नवंबर को हुई सुनवाई में इसपर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में जजों, वकील और बाकी स्टाफ को कोर्ट रूम में बंद किया


जिस जगह यह कोर्ट स्थित है, उसे चोटिल्ला कहा जाता है. इसके चारों ओर जंगल हैं


गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में शुक्रवार दोपहर एक हैरान कर देने वाला वाकया हुआ. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक यहां एक लोकल कोर्ट में अचानक एक तेंदुआ घुस आया जिसके बाद पूरे माहौल में तनाव बढ़ गया.

बड़ी मुश्किल से जज, वकील और बाकी स्टाफ ने तेंदुए को कोर्टरूम में बंद किया और वन विभाग के अधिकारियों का इंतजार करने लगे. सुरेंद्रनगर पुलिस के प्रवक्ता ने बताया, ‘कोर्ट का सारा स्टाफ सुरक्षित है. वन विभाग की टीम रास्ते में हैं.’

जिस जगह यह कोर्ट स्थित है, उसे चोटिल्ला कहा जाता है. इसके चारों ओर जंगल हैं, जहां तेंदुए पाए गए हैं. इस महीने की शुरुआत में गुजरात सचिवालय में आधे दिन तक काम बाधित रहा था जब 5 नवंबर को सीसीटीवी में सामने आया ता कि एक तेंदुआ परिसर में घुस आया है.

दक्षिण गुजरात में 21 नवंबर से 26 नवंबर के बीच तेंदुओं के आतंक की वजह से 3 लोगों की जान जा चुकी है. 2016 के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में 1395 तेंदुए हैं.

सचिन मुख्य मंत्री पद की दावेदारी पर अड़े


दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान ने अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लगा दी है. जबकि सीएम पद के एक और दावेदार सचिन पायलट पार्टी के इस फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं


बीते आधी रात को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का ऐलान किया गया, लेकिन राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए करीब 48 घंटे से ज़्यादा हो चुके हैं और अब तक मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है. मामला अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच फंसा है. न्यूज़ 18 के मुताबिक दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान ने अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लगा दी है. जबकि सीएम पद के एक और दावेदार सचिन पायलट पार्टी के इस फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं.

सचिन पायलट ने ये दावा कर दिया है कि चुनावों के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी. पार्टी उन्हें मनाने की पूरी कोशिश कर रही है, यहां तक कि सोनिया गांधी भी पायलट से बात कर चुकी हैं. लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हैं. सचिन पायलट का कहना है कि उन्होंने राजस्थान में जमकर मेहनत की है और अगर ऐसे में उन्हें सीएम नहीं बनाया जाता है तो इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा.

माना जा रहा था कि गुरुवार को ही पार्टी राजस्थान के मुख्यमंत्री का नाम घोषित कर देगी, लेकिन फिर खबर आई कि अगली सुबह तक नाम में मुहर लगने की संभावना है. अब दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर सुबह से ही बैठकों का दौर चल रहा है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ राहुल गांधी ने घंटों बैठक की. दिल्ली से लेकर जयपुर दोनों जगह दोनों नेताओं के समर्थक लागातार नारेबाजी कर रहे हैं.

सचिन पायलट की दावेदारी

साल 2013 में बीजेपी के हाथों करारी हार के बाद सचिन पायलट को राजस्थान की कमान दी गई थी. इस चुनाव में कांग्रेस महज 21 सीटों पर सिमट गई थी. इसके बाद विपक्ष में रहते हुए सचिन पायलट ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपनी टीम बनाने के साथ सरकार को लगातार घेरा.

अशोक गहलोत की दावेदारी

कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति के साथ साथ राजस्थान में भी लगातार सक्रिय हैं. विधानसभा चुनावों में गहलोत लगातार स्टार प्रचारक के तौर पर पूरे प्रदेश में प्रचार किया. गुजरात और कर्नाटक के चुनावों में गहलोत की सक्रियता राजनीतिक हलकों में चर्चा में रही थी. अशेक गहलोत आज राजस्थान के साथ साथ कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति का बड़ा चेहरा हैं.

Police File

DATED 14.12.2018:

 

Three arrested for consuming liquor at public place

Two different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC have been registered in PS-03 & PS-17, Chandigarh against three persons who were arrested while consuming liquor at public place. Later they bailed out.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

 

Cheating

        A case FIR No. 242 U/s 419 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh on the complaint Sh. Sonal Gulati, Dy. Director Admin, Regional Office Employees, State Insurance Corporation, Madhya Marg, Sector-19/A, Chandigarh against Santosh Kumar R/o UDC, Sub Regional Office, ESI, CO Ludhiana, Punjab who impersonated some other in examination for the post of LDC in ESI Corporation held on 08.11.2009. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

          A girl resident of Village-Saketri, Distt.-Panchkula, Haryana reported that unknown person stolen away complainant’s Activa Scooter No. PB-65L-0593 while parked near Dainik Bhaskar Office, Sector-25, Chandigarh on 20.11.2018. A case FIR No. 352, U/S 379 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

        Sh. Arjun Singh R/o # 805, Dashmesh Nagar, Naya Gaon, Punjab reported that unknown person stolen away complainant’s Motor cycle No. PB-65V-0710 while parked near SCO No.1030, Sector-22/B, Chandigarh on 13.12.2018. A case FIR No. 379, U/S 379 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Accident

A case FIR No. 431, U/S 279, 304A IPC has been registered in PS-36, Chandigarh on the statement of a lady R/o # 2383/A, SCL Society, Sector-70, Mohali, Punjab who alleged that driver of car No. — hit to complainant’s husband Activa Scooter No. – at Sector-41/42, Dividing road, near Chakki Wala Chowk, Chandigarh on 08.01.2018. Driver of active scooter namely Rohit Phutela R/o # 2383/A, SCL Society, Sector-70, Mohali, Punjab got injured and admitted in GH-16, Chandigarh, where doctor declared him brought dead. Investigation of the case is in progress.

A case FIR No. 374, U/S 279, 427 IPC & 185 MV Act has been registered in PS-26, Chandigarh on the complaint of Sh.Mukul Saharan R/o Village-Lakhe Wali Thab, Distt.-Fazilka, Punjab who alleged that driver of Honda City car No. PB-53A-7478 namely Abhijit Singh R/o # 2152/E, Sector-63, Chandigarh struck in to Heera Singh Chowk on 12.12.2018. Accused arrested and later on bailed out. Investigation of the case is in progress.

Theft

A lady resident of Ward No.19, Sharma Estate, Lohgarh Road, Zirakpur, Distt.-Mohali, Punjab reported that unknown person stolen away complainant’s bag containing cash Rs.60,000/-, 3 gold sets & other gold items, Mobile Phone, credit and debit card, some documents and also stolen a bag of complainant’s sister  R/o Montred (Canada) containing jewellery 6 bags of gold, NOS Diamond sets, 04 gold sets, Gold Mangal Sutra, Gold rings, around 1000 Canadian dollars, I-Phone 6 plus & all Canadian documents from Hotel Pearl, Phase-2, Industrial Area, Chandigarh on 13-12-2018. A case FIR No. 439, U/S 380 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Sh. Manpreet Singh R/o # 114, Sector-30/B, Chandigarh reported that unknown person stolen away batteries from Eleven cars parked at footpath parking in front of his house on night intervening 12/13-12-2018. A case FIR No. 351, U/S 379 IPC has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Assault

A case FIR No. 237, U/S 147, 148, 149, 307, 34 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh on the complaint of Vishal R/o # 1189, Sector-25, Chandigarh who alleged that Babrik, Sachin, Kannu and others attacked on complainant with knife near # 4961, Sector-38 West, Chandigarh on 12.12.2018. He got injured and admitted in GH-16, Chandigarh. Later on two accused namely Sachin R/o # 1208, DMC, Chandigarh and Karan @ Kannu R/o # 1148, DMC, Chandigarh were arrested in this case. Investigation of the case is in progress.

AIBOC held a demonstration outside PNB at bank square Chandigarh

On the call of All India Bank Officers Confederation , a body having more than 3.20 lac members across the country, held a massive day long demonstration , today , in front of Punjab National Bank , Bank Square Sector-17 , Chandigarh, where more than 1000 bank officers participated and They demand their long pending Wage Revision as per Charter of Demand for all officer up to Scale VII , updation /revision of pension and family pension  , introduction of five day week with immediate effect , stop mis- selling of third party products , focus on core business and NPA recovery , stop merger of Public Sector Banks . Speaking on the occasion Com Deepak Sharma , Joint General Secretary of AIBOC , strongly criticize the government and IBA for delay in their wage revision , which is due since November 2017 and demand immediate wage hike as per the charter of Demand for all the officers  up  to scale VII . He also demand immediate implementation of five day week . He further told that bank officers will observe 24 hour strike on 21st December to press for acceptance of their demands.

Speaking on the occasion Com T S Saggu , State Secretary , AIBOC   strongly  criticize the government move of merger /amalgamation of Public Sector Banks and said that on the one side government is issuing licenses to the new small banks and on the other side they are merging the PSBs in the name of weak banks. He stated the all most all the PSBs  are in operating profit and in net loss due to provisioning. Government is not serious about recovery from big corporate defaulters and are not making stringent laws for the recovery from them. He further stated that proposed 24 hour strike  on 21st December would be preceded by a series of massive agitation programmes across all the major centres and district headquarters, wearing of demand badges, display of posters at all Bank branches / offices / railway stations / bus stands, lunch time / evening time rally / demonstrations at all branches / offices and a Centralized Dharna at Delhi and at all State capitals and submission of Memorandum.

Others who were present on the demonstration are

Com. Ashok Goyal , Com. Harvinder Singh, Com Vipin Beri , Com . Arun Sikka Com D N Sharma , Com. H S Loona, Com. Neeru Saldi , Com. Balwinder Singh   were also present on the venue.

SC refuses to intervene in Rafael jets procurement


The court declines to employ its considerable powers of judicial review to intervene in the deal’s decision-making process, pricing and the choice of Indian Offset Partner.


The Supreme Court on Friday said it cannot embark on a judicial review into the deal for procurement of 36 Rafale fighter jets on the basis of petitions, which seem to have been spurred by a media interview of former French President Francois Hollande and press coverage alleging “favouritism” by the Narendra Modi government.

“Individual perceptions cannot be the basis of a roving judicial review… The court cannot sit as an appellate authority over each and every aspect of the deal,” Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi, who authored the judgment for a three-judge Bench, held.

The court refused to employ its considerable powers of judicial review to intervene in the deal’s decision-making process, pricing and the choice of Indian Offset Partner (IOP). It agreed with the government that judicial review is constricted in matters of defence procurements, inter-govenmental agreements that may be vital to national security.

Decision-making process

The judgment by the Bench, also comprising Justices S.K. Kaul and K.M. Joseph, expressed the court’s satisfaction that there was no occasion to doubt the decision-making process which led to the Inter Government Agreement (IGA) signed on August 24, 2016 between the French and Indian government.

The judgment read out by Chief Justice Gogoi said “minor variations” in the decision-making process should not lead to the setting aside of the contract itself.

The marathon hearings in the court in November had witnessed the government admitting there was no sovereign guarantee from the French government on the 36 Rafale jets’ deal in case the aircraft’s manufacturer, Dassault Aviation, defaulted.

Attorney-General K.K. Venugopal, for the Centre, had however assured there was a “Letter of Comfort” from France, which is as good as a sovereign guarantee. But petitioners like advocate Prashant Bhushan, former Union Ministrs Arun Shourie and Yashwant Sinha had argued that a letter of comfort had no legal sanctity.

It was also brought to fore in the hearings that the Cabinet Committee on Security (CCS) had approved the IGA only well over a year after the Indo-French Joint Statement of April 10, 2015, which the note said, had conveyed an “intent” to acquire the 36 Rafale jets in a fly-away condition “as quickly as possible”. The intent was announced during the Prime Minister’s visit to Paris. The Defence Procurement Procedure (DPP) 2013 mandates that acquisitions worth over Rs. 1,000 crore should be first cleared by the CCS, which is the competent financial authority.

Court restrains from delving deeper

In the judgment, the court however restrained itself from delving deeper. It went on to repeat the government’s claim that the contract was of “financial advantage to the nation”.

Besides, Chief Justice Gogoi recalled how senior IAF officers had told the court about the need for induction of superior fourth and fifth generation fighter jets to gain air superiority.

The court said the negotiations for the revised deal for 36 jets started when the earlier Request for Proposal (RPF) for 126 Rafale jets was all but dead.

“Our country cannot be unprepared… We cannot go into why 36 jets and not 126. We cannot ask the government to go for 126,” the Supreme Court observed.

The court said it could not use the mechanism of judicial review to compare the prices of aircraft between the original RPF of 2007 for 126 jets with Dassault and the present IGA.

The court noted that the explanatory note submitted by the government in the apex court on price details claims there is “commercial advantage” in the purchase of 36 jets. The court noted that the IGA had better terms as regards weapons and specifications.

“We say no more,” Chief Justice Gogoi read out.

Acknowledges government stand

The court acknowledged the government stand that it had no role whatsoever on the choice of the IOP. The vendor, Dassault Aviation, chooses its own IOP.

The court held that there was no substance to the allegation that the government showed any “commercial favouritism” as the choice of IOP was not in the government’s realm.

Mr. Shourie had argued that there was “government interference” in the choice of an IOP. Mr. Shourie had alleged that Reliance Defence, “a company with no defence experience”, was the IOP.

During the hearings, the court had questioned the government’s stand about having no “role” in Dassault’s choice of an Indian Offset Partner (IOP). An amendment in the Offset Policy, which allows “no offset obligations” for the first three years of a contract, had also come under the spotlight. According to the current offset contract, Dassault needs to inform the Centre about its IOP only by October 2019.

The court had questioned the legality of the retrospective amendment and asked that the formal proposal indicating details of IOPs and products for offset discharge should have been part of the main procurement proposal.

The judgment came on a batch of petitions for an independent court-monitored CBI/SIT investigation into the deal.

राफेल पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद राहुल से माफी मांगने की मांग उठी


केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को गुमराह किया और देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाया


फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद में घोटाले के आरोपों का सामना कर रही केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के बाद आक्रामक रुख अपनाते हुए लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की.

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को गुमराह किया और देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाया. राजनाथ ने कहा कि उन्हें सदन में और देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए. उनको लगा था कि हम तो डूबे हैं सनम, तुमको भी ले डूबेंगे.

सदन में विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे और राफेल पर अदालत के फैसले के बाद बीजेपी सदस्यों की नारेबाजी के कारण कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई और फिर बाद में लोकसभा 17 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई.

सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को मिली क्लीन चिट

सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद के मामले में शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी. शीर्ष अदालत ने कहा कि हमें फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता है.

सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही जहां विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे थे, वहीं बीजेपी के सदस्य भी शीर्ष अदालत के फैसले की पृष्ठभूमि में आक्रामक दिखे. बीजेपी सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे.

संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी सदन में कहा कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए. इस दौरान संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ ही बीजेपी के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाते रहे.

कांग्रेस की मांग- राफेल सौदे की हो जेपीसी जांच

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस राफेल सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इसकी जांच कराने की मांग कर रही है. इसके कारण सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है.

कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को भी राफेल सौदे में जेपीसी जांच की अपनी मांग जारी रखी. इस दौरान कांग्रेस और बीजेपी के सदस्यों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिले. इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उपस्थित नहीं थे. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन में उपस्थित थीं.

भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था: मेघालय हाईकोर्ट


मेघालय हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई, खासी, जयंतिया और गारो लोगों को बिना किसी सवाल या दस्तावेजों के नागरिकता दिया जाए.


12-12-2018

शिलॉन्ग: मेघालय हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री, विधि मंत्री, गृह मंत्री और संसद से एक कानून लाने का अनुरोध किया है ताकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई, खासी, जयंतिया और गारो लोगों को बिना किसी सवाल या दस्तावेजों के नागरिकता मिले.
बार एंड बेंच की खबर के मुताबिक कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी लिखा है कि विभाजन के समय भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था लेकिन ये धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना रहा.
जस्टिस एसआर सेन ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट से मना किये जाने पर अमन राणा नाम के एक शख्स द्वारा दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए 37 पृष्ठ का फैसला दिया. आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध हुई.
आदेश में कहा गया है कि तीनों पड़ोसी देशों में आज भी हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी, खासी, जयंतिया और गारो लोग प्रताड़ित होते हैं और उनके लिए कोई स्थान नहीं है. इन लोगों को किसी भी समय देश में आने दिया जाए और सरकार इनका पुनर्वास कर सकती है और नागरिक घोषित कर सकती है.
केंद्र के नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोग छह साल रहने के बाद भारतीय नागरिकता के हकदार हैं, लेकिन अदालती आदेश में इस विधेयक का जिक्र नहीं किया गया है.
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भारत के इतिहास को तीन पैराग्राफ में समेटा है. जस्टिस एसआर सेन ने लिखा, ‘जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश था और पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान का अस्तित्व नहीं था. ये सभी एक देश में थे और हिंदू सम्राज्य द्वारा शासित थे.’
कोर्ट ने आगे कहा, ‘इसके बाद मुगल भारत आए और भारत के कई हिस्सों पर कब्जा किया और देश में शासन करना शुरु किया. इस दौरान भारी संख्या में धर्म परिवर्तन कराए गए. इसके बाद अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम पर आए और देश में शासन करने लगे.’
न्यायालय ने आगे लिखा, ‘यह एक अविवादित तथ्य है कि विभाजन के समय लाखों की संख्या में हिंदू और सिख मारे गए, प्रताणित किए गए, रेप किया गया और उन्हें अपने पूर्वजों की संपत्ति छोड़ कर आना पड़ा.’
मेघालय हाईकोर्ट के जज एसआर सेन ने लिखा, ‘पाकिस्तान ने खुद को इस्लामिक देश घोषित किया था. चूंकि भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था इसलिए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था लेकिन इसने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाए रखा.’
एसआर सेन ने मोदी सरकार में विश्वास जताते हुए कहा कि वे भारत को इस्लामिक राष्ट्र नहीं बनने देंगे. उन्होंने लिखा, ‘मैं ये स्पष्ट्र करता हूं कि किसी भी शख्स को भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कोशिश नहीं करना चाहिए. मेरा विश्वास है कि केवल नरेंद्र मोदीजी की अगुवाई में यह सरकार इसकी गहराई को समझेगी और हमरी मुख्यमंत्री ममताजी राष्टहित में सहयोग करेंगी.’
जज ने मेघालय उच्च न्यायालय में केंद्र की सहायक सॉलिसीटर जनरल ए. पॉल को मंगलवार तक फैसले की प्रति प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह और विधि मंत्री को अवलोकन के लिए सौंपने और समुदायों के हितों की रक्षा के लिए कानून लाने को लेकर आवश्यक कदम उठाने को कहा है.