श्रीकृष्ण के नारकासुर पर विजय का पर्व है नरक चतुर्दशी


दीपावली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी होती है, इसे छोटी दीवाली भी कहते हैं। इसके बारे में श्रीकृष्‍ण से संबंधित एक प्रेणनादायी कथा प्रसिद्ध है।


श्री कृष्‍ण ने किया नरका सुर का वध

कहते हैं कि नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी नरकासुर का वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था। इस उपलक्ष में दीयों की बारत सजायी जाती है। इस कथा के अनुसार कृष्ण ने नरकासुर नाम के अत्यंत क्रूर राक्षस को दिवाली से पहले आने वाली चतुर्दशी के दिन मार दिया था। असल में यह नरकासुर की ही इच्छा थी की यह चतुर्दशी उसकी बुराइयों के अंत होने की वजह से एक उत्सव की रूप में मनाई जाए। इसीलिए दीवाली को नरक चतुदर्शी के रूप में भी मनाया जाता है। नरक एक बहुत अच्छे परिवार से था। कहा जाता है कि वह भगवान विष्णु का पुत्र था। विष्णु जी ने जब जंगली शूकर यानी वराह अवतार लिया, तब नरक उनके पुत्र के रूप में पैदा हुआ। इसलिए उसमें कुछ खास तरह की दुष्‍ट प्रवृत्तियां थीं। सबसे बड़ी बात कि नरक की दोस्ती मुरा असुर से हो गई, जो बाद में उसका सेनापति बना। दोनों ने साथ मिल कर कई युद्ध लड़े और हजारों को मारा। कृष्ण ने पहले मुरा को मारा। मुरा को मारने के बाद ही कृष्ण का नाम मुरारी हुआ। कहा जाता है कि मुरा के पास कुछ ऐसी जादुई शक्तियां थीं, जिनकी वजह से कोई भी व्यक्ति उसके सामने युद्ध में नहीं ठहर सकता था। एक बार मुरा खत्म हो गया तो नरक से निपटना आसान था।

बुराई पर अच्‍छाई को महत्‍व देने का संदेश 

कहते हैं कि नरक ने प्रार्थना की थी कि उसकी मृत्यु का उत्सव मनाया जाए। बहुत से लोगों को मुत्यु के पलों में ही अपनी सीमाओं का अहसास होता है। अगर उन्हें पहले ही इसका अहसास हो जाए तो जीवन बेहतर हो सकता है, लेकिन ज्यादातर लोग अपने आखिरी पलों का इंतजार करते हैं। नरक भी उनमें से एक था। अपनी मृत्यु के पलों में अचानक उसे अहसास हुआ कि उसने अपना जीवन कैसे बरबाद कर दिया और अब तक अपनी जिंदगी के साथ क्या कर रहा था। उसने कृष्ण से प्रार्थना की, ‘आप आज सिर्फ मुझे ही नहीं मार रहे, बल्कि मैंने अब तक जो भी बुराइयां या गलत काम किए हैं, उन्हें भी खत्म कर रहे हैं। इस मौके पर उत्सव होना चाहिए।’ इसलिए नरक चतुर्दशी को एक राक्षस की बुराइयों के खत्म होने का उत्सव नहीं मनाना चाहिए, बल्कि आपको अपने भीतर की तमाम बुराइयों के खत्म होने का उत्सव मनाना चाहिए। नरक को तो कृष्ण ने बता दिया था कि मैं तुम्हें मारने वाला हूं, लेकिन जरूरी नहीं कि कोई आपको भी यह बताए। इस बात को समझें कि नरकचौदस इसीलिए होता है ताकि हम सब पापों के अंत का उत्सव मना सकें। नरक के एक अच्छा जन्म पाने के बावजूद फिर बुराई में डूबने की यह कथा महत्वपूर्ण है।

नरक चतुर्दशी का महत्व और पूजन विधि


नरक चतुर्दशी को नरक चौदस या नर्का पूजा, रूप चतुर्दशी और छोटी दीपावली के नाम से भी मनाते हैं। यह पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन होता है जो इस बार 6 नवंबर 2018 को मंगलवार के दिन मनाया जायेगा। विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग प्राप्त करते हैं। इसे छोटी दीपावली इसलिए कहा जाता है क्योंकि दीपावली से एक दिन पहले, रात के वक्त उसी प्रकार दीए की

रोशनी से अंधकार को भगा दिया जाता है जैसे दिवाली की रात को होता है। इस रात दीए जलाने की प्रथा के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएं और लोकमान्यताएं प्रसिद्ध हैं। यह काफी महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे पांच पर्वों की श्रृंखला के मध्य में रहने वाला ऐसा त्यौहार माना जाता है जैसे मंत्रियों के बीच राजा।

क्‍यों कहते हैं रूप चतुर्दशी 

नरक चतुर्दशी को रूप चौदस भी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन प्रातःकाल तिल का तेल लगाकर अपामार्ग यानि चिचड़ी की पत्तियां जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत रखने का भी अपना महत्व है। ऐसा विश्‍वास किया जात है कि रूप चौदस पर व्रत रखने से भगवान श्रीकृष्ण व्यक्ति को सौंदर्य प्रदान करते हैं। इस व्रत में प्रात स्‍नान के बाद भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण के दर्शन करने चाहिए। ऐसा करने से पापों का नाश होता है और सौंदर्य प्राप्‍त होता है।

नरक चतुर्दशी को अरूणोदय से पहले प्रत्‍यूष काल में स्‍नान करना चाहिए, इससे मृत्‍यु के पश्‍चात यमलोक नहीं जाना पड़ता है। प्रात:काल स्‍नान के बाद घर के बाहर नाली के पास तेल का दिया जलाना चाहिए। नरक चौदस की शाम को दीपदान की परंपरा है जिसे यमराज के निमित्‍त किया जाता है। इस रात में घर का सबसे बुजुर्ग व्‍यक्ति पूरे घर में एक दिया जलाकर घुमाता है और फिर उसे घर से बाहर कहीं दूर जाकर रख

देता है। इस दिए को यम दीया कहते हैं। इस दौरान परिवार के बाकी सदस्य घर में अंदर ही रहते हैं। ऐसी मान्‍यता है कि इस प्रकार दिए को घर में घुमाकर बाहर ले जाने के साथ ही सभी नकारात्‍मक शक्तियां घर से बाहर चली जाती हैं। इस दिन एक दीपक पितरों के नाम से भी जलाया जाता है। इस दीपक को जला कर उन सभी पितरों को मोक्ष मिल जाता है जिनकी अकाल मृत्‍यु होती है।

PTV ने इमरान खान की फजीहत की


चीन की राजधानी बीजिंग में जब इमरान भाषण दे रहे थे तब पाकिस्तान टेलीविजन कॉरपोरेशन यानी पीटीवी ने कुछ ऐसा कर दिया जिसकी उम्मीद नहीं थी


कई बार दिल की बात जुबान से निकल जाती है. कुछ ऐसा ही पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान के साथ हुआ. इमरान खान इन दिनों चीन के दौरे पर गए हुए हैं. चीन की राजधानी बीजिंग में जब इमरान भाषण दे रहे थे तब पाकिस्तान टेलीविजन कॉरपोरेशन यानी पीटीवी ने कुछ ऐसा कर दिया जिसकी उम्मीद नहीं थी.

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल पार्टी स्कूल में  इमरान खान के भाषण के LIVE के दौरान स्क्रीन पर पीटीवी ने तीर बनाकर शहर के नाम की जानकारी देने की कोशिश की. लेकिन हुआ कुछ उलटा. पीटीवी ने तीर का निशान तो बनाया लेकिन Beijng की जगह Begging लिख दिया. वैसे दिलचस्प है कि इमरान खान के चीन जाने का मकसद वित्तीय मदद मांगना भी था. आर्थिक तंगी से गुजर रहे पाकिस्तान के लिये आर्थिक पैकेज सुनिश्चित करने के इरादे से चीन की आधिकारिक यात्रा पर गये खान रविवार को बीजिंग स्थित सेंट्रल पार्टी स्कूल में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

curtsey PTV

अपनी इस गलती के लिए पीटीवी ने माफी भी मांग ली है. लेकिन जब तक पीटीवी यह गलती सुधारती तब तक यह वीडियो वायरल हो चुका था. यह शब्द करीब 20 सेकेंड तक स्क्रीन पर दिखता रहा, जिसे बाद में बदल दिया गया.

‘पीटीवी न्यूज’ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया, ‘चीन की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री के संबोधन के आज सीधे प्रसारण के दौरान वर्तनी से संबंधित गलती हुई. यह गलती करीब 20 सेकंड तक बनी रही, जिसे बाद में हटा लिया गया. इस घटना पर हमें खेद है. संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है.’

पूर्व केन्द्रीय मंत्री की टिप्पणियां बेहद गैरजिम्मेदाराना और बहुत भड़काऊ हैं: रविशंकर प्रसाद


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोमवार को कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम पर राम मंदिर की पहल और सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का मजाक बनाने का आरोप लगाया


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोमवार को कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम पर राम मंदिर की पहल और सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का मजाक बनाने का आरोप लगाया. बीजेपी ने कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री की टिप्पणियां बेहद गैरजिम्मेदाराना और बहुत भड़काऊ हैं. केन्द्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह पाखंड का आदर्श मामला है कि जहां एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंदिरों का दौरा करते हैं और खुद को ‘शिव भक्त’ बताते हैं, वहीं उनकी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता इस तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं.

प्रसाद ने कांग्रेस पर ऐसे समय हमला बोला है जब चिदंबरम ने ट्वीट करके मोदी सरकार को निशाना बनाया है. कांग्रेसी नेता ने ट्वीट किया था, ‘पांच साल की शुरुआत होने पर, वादा विकास, नौकरी और हर नागरिक के बैंक खाते में धन का वादा किया गया. कुछ भी हासिल नहीं हुआ, पांच साल खत्म होने पर, नया वादा विशाल मंदिरों, बड़ी प्रतिमाओं और बेरोजगारी भत्ते का है.’

प्रसाद ने कहा कि चिदंबरम जाहिर तौर पर राम मंदिर की पहल और पटेल के ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ का मजाक बना रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘कृपया इसे बंद कीजिए. भावनाओं से मत खेलिए.’ प्रसाद ने राहुल गांधी से इस मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट करने को कहा. प्रसाद ने मांग की कि वह और उनकी मां सोनिया गांधी इस मुद्दे पर खेद जताएं. उन्होंने कहा कि पटेल का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता.

उन्होंने पूछा कि कांग्रेस ने उनकी एक प्रतिमा पर इस तरह की प्रतिक्रिया क्यों दी जबकि सैकड़ों योजनाएं, पुरस्कार, छात्रवृत्ति आदि नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर चल रही हैं. प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने पटेल की विरासत को मिटाने का काम किया और बीजेपी को गर्व है कि उनकी याद में सबसे बड़ी प्रतिमा मोदी सरकार में बनाई गई. उन्होंने मोदी और नाजी तानाशाह एडोल्फ हिटलर की तुलना करने वाले कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर आपत्ति जताई.

उन्होंने कहा कि यह पार्टी की हताशा और आगामी चुनावों में दिखती हार के कारण हो रहा है. खड़गे पर कटाक्ष करते हुए प्रसाद ने कहा कि वह अपनी पार्टी के सत्तारूढ परिवार की अनुमति के बना एक कदम नहीं रख सकते जबकि बीजेपी लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर चल रही है.

‘अरिहंत का सुरक्षित एवं सफल गश्त अभियान देश के लिए धनतेरस का तोहफा है और सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए सुरक्षा की गारंटी है.’ प्रधान मंत्री मोदी


पीएम ने कहा, यह हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और भारत के दुश्मन इसे चुनौती की तरह लें और कोई दुस्साहस करने की कोशिश न करें


देश की पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के सोमवार को अपना पहला गश्त अभियान पूरा करने के मौके पर पीएम मोदी ने शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा, ‘यह देश के लिए धनतेरस का तोहफा है और सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए सुरक्षा की गारंटी है.’

पीएम ने कहा, ‘यह हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और भारत के दुश्मन इसे चुनौती की तरह लें और कोई दुस्साहस करने की कोशिश न करें.’ पीएम ने इसे न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग का जवाब बताया. उन्होंने कहा, ‘अरिहंत का मतलब होता है कि दुश्मन को नष्ट कर देना.’

पीएम ने कहा, ‘अरिहंत से जुड़ी टीम को बहुत-बहुत बधाई. यह भविष्य के भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. भारत किसी को छेड़ता नहीं लेकिन कोई भारत को छेड़े तो उसे छोड़ता नहीं है. हमारा परमाणु प्रसार किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है लेकिन सुरक्षा का उपकरण है.’

पीएम ने यह भी कहा, ‘देश की सुरक्षा, शांति और स्थिरता के लिए परमाणु क्षमता बहुत महत्व रखती है. पूरी दुनिया को इस बात का भरोसा है कि भारत एक जिम्मेदार परमाणु हस्ती है.’

भारत की इस सफलता पर पीएम मोदी ने कहा, ‘आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि परमाणु त्रिभुज की स्थापना सफल हो गई. अब यह पूरी दुनिया में शांति और स्थिरिता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा.’

“ 6800 गाँवो में लाल डोरा बढ़ने की उम्मीद टूटी : विजय बंसल ”


 “चार वर्ष से मामला काग़ज़ों में विचाराधीन रहा “
“सरकार मस्त , जनता त्रस्त”


चंडीगढ़।

शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष व हरियाणा किसान कांग्रेस के प्रदेशउपाध्यक्ष विजय बंसल ने बताया कि बीते चार वर्षों में हरियाणा की भाजपा सरकार, हरियाणा के 6800 गाँवो में लाल डोरा बड़ाने के लिए गम्भीर नहीं है । हरियाणा सरकार ने विजय बंसल द्वारा लाल डोरा बढ़ाने के लिए दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के निर्णय के बाद कैप्टन अभिमन्यु,वित्त मंत्री की अध्यक्षता में 5 मंत्रियो की कमेटी बनाई थी। कैप्टन अभिमन्यु , वित्त मंत्री हरियाणा सरकार की अध्यक्षता में 10 जुलाई 2018 को बैठक हुई जिसमें कविता जैन, ओपी धनखड़ समेत कमेटी ने निर्णय लिया कि जब तक बंदोबस्त नही होता तब तक लाल डोरा नही बढ़ाया जा सकता।लाल डोरा से बाहर जो निर्माण ग्रामीण क्षेत्रो में हुआ है जहां कंट्रोल्ड एरिया एक्ट 1963 लागू है वहा कंट्रोल्ड एरिया एक्ट 1963 ही फैसला करेगा। जो गांव नगर पालिका में शामिल हो चुके है तथा जो निर्माण लाल डोरा से बाहर हुआ है वहा हरियाणा डेवलपमेंट एवं रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट 1975 नियमुनसार फैसला करेगा।विजय बंसल ने भाजपा सरकार की कार्यशेली पर आरोप लगाया कि चार वर्ष बीत जाने के बाद भी भाजपा हरियाणा के 6800 गाँवो में लाल डोरा की सीमा बढ़ाने हेतु कोई उचित निर्णय नहीं ले पाई है ।

बंसल ने इस विषय में कैप्टन अभिमन्यु संयोजक , लाल डोरा बढाओ कमेटी व मनोहर लाल मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को कई बार ज्ञापन भेज कर मांग की थी कि हरियाणा के 6800 गाँवो में लाल डोरा बड़ाया जाए परंतु जब जवाब नहीं आया तो विजय बंसल द्वारा आरटीआई में पूछा गया कि इस कमेटी की अब तक कुल कितनी बैठके हो चुकी है , इन बेठको में क्या कार्यवाही करी गई , क्या निर्णय लिए गए व हरियाणा के 6800 गाँवो में लाल डोरा को लेकर भविष्य में क्या योजना है।विजय बंसल ने कहा कि इस संदर्भ में जवाब दिया गया कि जब तक बंदोबस्त नही होता तब तक लाल डोरा नही बढ़ाया जाएगा।

शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष विजय बंसल ने लाल डोरा बढाने के लिए हरियाणा सरकार को कई ज्ञापन दिए परंतु कोई कार्यवाही नही हुई। 2010 में विजय बंसल ने लाल डोरा बढाने हेतु पंजाब  हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका नंबर 6169 औफ 2010 डाली। माननीय न्यायालय ने 24 मार्च 2014 को फैसला किया। सुनवाई के दौरान सरकार ने पक्ष रखते हुए बताया कि एक्ट नंबर 1 , 1953 में आबादी देह शब्द का वर्णन नहीं किया गया। इसके बाद 1948 के अधिनियम में आबादी देह प्रभाषित नहीं किया गया है।

इसके परिभाषा के अभाव में नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग द्वारा लाल डोरा में पड़ने वाले क्षेत्र को आबादी देह क्षेत्र माना गया है,परिणाम स्वरुप लाल डोरा के भीतर व लाल डोरा के बाहर किन्तु 1948 नियम के अधीन चकबंदी के समय व नियमित फिरनी के भीतर ग्राम निवासियों द्वारा किये गए निर्माण को अवैध माना जाता रहा है।जिससे ग्रामीण जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा विधान सभा में बिल पास किया गया जिसमे गाँव की फिरनी तक क्षेत्र को लाल डोरा माना गया है। कालका क्षेत्र में बंदोबस्त ना होने के

कारण गाँवों कीफिरनिया नहीं है जिस कारण नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने 114 वर्ष पहले लाल डोरा को ही आबादी क्षेत्र मान लिया है जिस कारण लोगो को दिकत आ रही है जबकि पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशानुसार हरियाणा के बाकि क्षेत्रो में फिरनी तक आबादी देह क्षेत्र माना गया है।

कालका क्षेत्र के 154 गाँवों में चंडीगढ़ के निर्माण के समय से 1952 न्यू पंजाब केपिटल पेराफेरी एक्ट लागू हैं।साथ ही पूरे हरियाणा में 1962 के बाद बंदोबस्त नहीं हुआ है।

महानिदेशक भू अभिलेख हरियाणा पंचकूला के रिकार्डअनुसार भारत के आजादी के समय से लाल डोरा नहीं बढ़ाया गया बल्कि संयुक्त पंजाब का आखरी बंदोबस्त वर्ष 1902 से 1909 तक किया गया।इसी दौरान लाल  डोरा बढ़ाया गया था।  इसके बाद ना ही बंदोबस्त हुआ ना ही लाल डोरा बढ़ाया गया। हरियाणा में लगभग 110 वर्ष में आबादी बहुत बढ़ गई हैं। लोगो को अपने आवास बनाने में बहुत परेशानी आने लगी है

सभी चिकित्सकों को आयुष के तहत प्रद्वत पंचकर्मा आदि सेवाओं से स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित करना चाहिए: डा. साकेत कुमार

पंचकूला, 5 नवम्बर:
भगवान धनवंतरी के अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में आयुर्वेद विभाग द्वारा आयुर्वेद दौड़ स्वास्थ्य की ओर-कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता महानिदेशक आयुष डा. साकेत कुमार ने की।
महानिदेशक ने विभाग की उपलब्धियों पर जानकारी देते हुए बताया कि विभाग को उच्च शिखर पर ले जाने के लिए अधिकारियों को अथक प्रयास करना चाहिए ताकि प्रत्येक व्यक्ति को आयुष का लाभ मिल सके। वर्तमान समय में आयुष के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं तथा इसके माध्यम से सशक्त ईलाज भी सम्भव भी है। इसलिए सभी चिकित्सकों को आयुष के तहत प्रद्वत पंचकर्मा आदि सेवाओं से स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित करना चाहिए।
इस अवसर पर स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें लगभग 280 रोगियों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें निशुल्क औषधियां भी वितरित की गई।
इससे पूर्व तीसरे आयुर्वेद दिवस पर एसडीएम पंकज सेतिया ने सैक्टर 5 स्थित यवनिका पार्क से आयुर्वेद दौड़ स्वास्थ्य की ओर आयोजित दौड़ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस दौड़ में लगभग 150 बच्चें ने भाग लिया।  इसमें बच्चों ने आयुष विभाग एवं भगवान धंनवतरी का संदेश जन जन तक पहंुचाने का कार्य किया।
 इस अवसर पर जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. दलीप कुमार मिश्रा, डा. शशी कांत, डा. अजय, डा. अमित आर्य, डा. अमित शर्मा सहित कई चिकित्सक एवं आयुष विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

Gang of vehicle lifters arrested

 

CHANDIGARH POLICE

05.11.2018

 

In a major breakthrough the Crime Branch of Chandigarh Police under the supervision of DSP Pawan Kumar team headed by Inspector Amanjot Singh is able to arrest a gang of vehicle lifters comprising of seven persons who are involved in auto lifting from Chandigarh & Delhi.

 

Profile of accused.

 

 

  1. Harpreet Singh @ Smarty S/o Sh. Dhanwant Singh R/o Skynet Tower Zirakpur, Distt. Mohali and # 429/7, Jatan Wala Chountra, Patiala,PB age 27 years.

 

  1. Inderjit Singh @ Ricky S/o Sh. Avtar Singh R/o Vill. Chotta Surtapur, Distt. Ropar, PB age 27 years.

 

  1. Virender Pal Singh S/o Sh. Gurpal Singh R/o Gali No. 2 Jyoti Nagar near Kheda Karnal, HR age 30 years.

 

  1. Javed Akhtar S/o Farukh Ahmad R/o 405, Mohalla Purva, Fariyad Ali, Meerut, UP age 48 years.

 

  1. Dilawar S/o Sh. Jagdish R/o # 1/5346, Balbir Nagar Extention, Sadra, Delhi-32 Delhi age 59 years.

 

  1. Abdul Aziz S/o Sh. Abdul Razaq R/o # 240, Mohalla Jalikot, Near Koti Attanash, PS- Delhi Gate, Meerut, UP age 59 years.

 

  1. Asif S/o Mehrazjudeen R/o 57, Sangam Vihar Vazirabad, Delhi age 40 years.

 

On 18.10.18 accused Harpreet Singh @ Smarty and Inderjit Singh @ Ricky who are involved in cases of vehicle lifting were arrested from Distt. Court Sec-43, Chandigarh. Further on the interrogation of accused Harpreet Singh @ Smarty and Inderjit Singh @ Ricky, five more accused namely Virender Pal Singh, Javed Akhtar, Dilawar, Abdul Aziz and Mohd. Asif were also arrested. On further interrogation and investigation total 10 cases of vehicle lifting were worked out.

 

The cases solved with their arrest are as under:

Sr. No. FIR /Date U/S PS State Property recovered
1. 310/04.09.18 379,411 IPC 34 Chandigarh Two cars
2. 317/23.10.18 473,411 IPC 11 Chandigarh. Car
3. 322/30.10.18 473,411 IPC 11 Chandigarh Car
4. 209/30.10.18 473,411 IPC 03 Chandigarh Three car
5. 01/01.01.18 379,411 IPC 34 Chandigarh Car
6. 169/11.08.18 379,411 IPC 03 Chandigarh Activa
7. 349/16.8.18 379,411 IPC MM Chandigarh Activa
8. 278/05.06.18 379, 411 IPC MM Chandigarh Activa
9. 116/03.10.17 379,411 IPC 19 Chandigarh Activa
10. 251/21.08.18 379,411 IPC IA Chandigarh Motor Cycle

 

Modus operandi

Accused Harpreet Singh @ Smarty Inderjit Singh @ Ricky, Virender Pal Singh, Javed Akhtar, Dilawar, Abdul Aziz and Mohd. Asif all are members of auto lifting gang and known to each other. All seven of them used to commit vehicle lifting from Chandigarh, Delhi , Punjab & Haryana and further sell these vehicles in UP to scrap dealers. They have admitted to have stolen almost 30 vehicles from Delhi, Punjab & Haryana out of which 14 have been recovered and the rest of the vehicle they have sold in Meerut UP and which were stolen from Delhi.

Other Crimes

Accused Harpreet Singh @ Smarty, Inderjit Singh @ Ricky and Dilawar have a tainted past. Harpreet Singh @ Smarty was earlier arrested by Punjab, Haryana, Chandigarh & Delhi Police and Inderjit Singh @ Ricky was arrested by Punjab Police and Dilawar was arrested earlier by Delhi Police. All these accused are in judicial custody.

Imran’s China visit


WHEN Prime Minister Imran Khan chose to travel to China over staying in Pakistan as mobs and violent protesters took to the streets across this country, PTI officials defending the foreign trip amidst domestic chaos argued that the economy was in dire straits and urgent assistance was needed. The implication was that Prime Minister Khan was required to go to China to secure quick money, loans, assistance and investments to shore up the Pakistani economy and state finances.


Imran Khan is back from his first official visit to China. Imran’s nervousness was apparent in his first interview to the Chinese media in which he repeated himself several times over, and he certainly did not come across as the head of a sovereign state. For a person of Imran Khan’s temperament, a visit primarily structured around a begging bowl couldn’t have been all that pleasant. For that is what it was in reality. Worse still, it was something which could hardly be hidden from the public gaze.

First, in the matter of the urgent need to get financial assistance, his meeting with Premier Li Keqiang was not propitious. Xinhua quoted him at a press conference as saying that China was willing to provide assistance to Pakistan “within our capability”, a statement unlikely to provide any relief to his guest. The same tone echoed in the followingmeeting with vice-foreign minister Kong Xuanyou where it was said that China had “made it clear in principle that (it) will provide necessary support and assistance to Pakistan in tiding over the current economic difficulties”.

It was also made clear that the actual amount of “assistance” will be discussed in subsequent meetings. Not a word about the rumoured $6 Billion Package, which was doing the rounds in the Pakistan media. The mood in Beijing was well encapsulated by Cheng Xiaohe, deputy director of the Centre for International Strategic Studies at Renmin University in The South China Morning Post He rather tartly noted while China was willing to assist Pakistan, it was finally Islamabad’s responsibility to take care of its own people. Coming to the crux of the matter, he observed that China had a liquidity problem due to its trade war with the US. Therefore Pakistan “must seek all kinds of assistance”. That’s as crisp as it gets.

Second is the issue of the nature and goals of Chinese loans and project assistance. Imran is no fool, and even before his election to the top post, the newly-elected prime minister had been stressing that Chinese assistance must also address the basic concerns of the people in terms of cheap housing, basic utilities and other aspects. In this he may get some reprieve.

The joint statement stated “Chinese assistance will also be directed towards agriculture, education, health, poverty alleviation, safe drinking water, and vocational training”. Even that quote has unwieldy strings attached. The “agriculture” aspect is entirely aimed at achieving Chinese goals. Remember the “CPEC Master Plan leaked mid last year, which indicated that Chinese enterprises would operate their otwn farms across thousands of acres in Pakistan, with an end to end plan ranging from seeds, logistics and market. That’s not assistance. That’s a take over.

Third, is the most ticklish aspect of a “re-negotiation” of Chinese loans that Imran and his team have been batting for. Nothing at all emerged on that front, and presumably, is going to be part of future discussions. The boiler plate joint statement did have some effusive language on Pakistan’s search for peace, and appreciated Pakistan’s “engagement” and “adherence” to the guidelines of the Nuclear Suppliers Group. No promise of membership as claimed by Indian media. Worse, the rest of the statement essentially commits Pakistan to the Chinese view on the Iran-US nuclear deal, and demanded ( as before ) a greater Chinese role in SAARC. None of this addresses Pakistan’s immediate concerns.

In conclusion therefore, Imran returned home empty handed. As the The Dawn observed, it is surprising that a prime minister should visit an important ally with expectations that were clearly belied by reality. Normally, a dozen preparatory meetings should have laid the ground for such a visit and its expected outcomes. Instead, it appeared that the prime minister was negotiating his own way out of debt, that too at a time when his country was virtually on fire due to the antics of an extreme right wing group bent on violence. Somewhere, somebody blundered.

For India or for anyone with an interest in South Asian stability, there are some aspects of interest. One aspect is that US-China trade confrontation has led to a state where China is reluctant to extend even minimal aid ( not assistance, which has conditions) to a valuable ally. Trade sanctions are therefore clearly biting. That’s interesting to say the least.

A second aspect is that Pakistan will have now have to rely on the IMF for its largest ever loan package. While this is certain to bite, it is less dangerous than a Pakistan virtually bought up by China. That’s not in anyone’s best interests, least of all Islamabad itself. A third aspect is that the “higher than a mountain, and deeper than the seas” friendship between the two countries seems to have come up against the earthy taste of reality.

Beijing is clearly not falling over itself to oblige Pakistan in terms of generous aid or social projects to any great degree. That last aspect will play itself out to the full only in the coming months. Wait and watch. This is only likely to get more interesting.

नियुक्ति की मांग को लेकर अध्यापकों ने किया डीएसई का घेराव


सीएम से मिला था 4 नवम्बर तक का आश्वासन, नहीं हुआ कोई अमल रोष स्वरूप महिलाओं ने जलाया सम्मान का प्रतीक अपना औढना,

डीएसई से नहीं मिला कोई ठोस आश्वासन, मानसिक रूप से टूटे अध्यापक 20 दिनों से धरने पर हैं परिवार से दूर दीपावली के त्यौहार पर भी


पंचकूला (6 नवम्बर)
आज जब पूरा देश दीपावली के त्यौहार की साज-सज्जा में जुटा हैं। हर व्यक्ति अपने घर पर जाने की सोच रहा हैं। परन्तु इसी कड़ी में इस पवित्र त्यौहार पर नियुक्ति से वंचित लगभग 400 से 500 अध्यापक जिसमें 70 प्रतिशत महिलाएं भी शामिल हैं अपने घर, परिवार  और बच्चों से दूर हैं। आज अपनी मांग को लेकर इन अध्यापकों ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। हैफेड चौक पर रोक लिए जाने के कारण इन्हे आगे नहीं जाने दिया गया। जब अपने कार्य मंे कोई प्रगति ना देख इन महिला अध्यापिकाओं ने रोष स्वरूप  भारत समाज में मान व सम्मान का प्रतीक सिर का दुपट्टा जला दिया। जिसके बाद प्रशासन होश में आया और उन्होने एक शिष्टमण्डल को संयुक्त निदेशक हरचरण सिंह छौकर के पास ले जाया गया। परन्तु वहां पर भी इन्हे कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। महिलाओं ने कहा कि मुख्यमन्त्री महोदय ने लगभग 8 माह पहले वादा किया था। परन्तु आज तक वह पूरा नहीं हो सका। जबकि शिष्टमण्डल लगातार उनसे मिल रहें हैं। पिछले दिनों इन नियुक्ति से वंचित अध्यापकों ने 18 अक्टूबर से धरना व अनश्न शुरू किया गया था। मुख्यमन्त्री के निजी सचिव दीपक मंगला ने 23 अक्टूबर को मुख्यमन्त्री के इस आश्वासन पर अनश्न समाप्त करवाया था कि 4 नवम्बर तक आपकी नियुक्ति में आ रही बाधाओं को दूर कर खुशखबरी दी जाऐगी। परन्तु आजतक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। महिला अध्यापिकाओं ने बताया कि आज दीपावली के पवित्र त्यौहार पर हम घरों से दूर हैं।  इस बारें में प्रधान संजय तालू ने बताया कि इस बारे में जानकारी देते हुए। प्रदेशाध्यक्ष संजय तालू ने बताया कि 12731 नवचयनित जे.बी.टी   में से ज्वाईनिंग से वंचित शेष बचे उम्मीद्वार 19 महिने बाद भी दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर किया जा रहा हैैं।
बार – बार मिल रहां हैं मुख्यमन्त्री व  शिक्षामन्त्री से झूठा आश्वासन । जबकि रैस्ट ऑफ हरियाणा में लगभग 4000 जे.बी.टी के पद प्रमोशन व रिटायर मेंट से रिक्त हैं व  जे.बी.टी के  1239 पद मेवात जिले में आज भी रिक्त हैं । केन्द्र सराकर द्वारा मेवात जिले को पहले ही एस्पायरेशलन (अध्यापकों की कमी वाला जिला) घोषित किया जा चुका है और वहां पर अध्यापकों की आज भी कमी है। वर्तमान में लगभग 1239 सीट वहां पर रिक्त हैं तो शेष बचे चयनित उम्मीदवारों को वहां क्यों नहीं ज्वाईनिंग करवाया जा रहा। जबकि 10 फरवरी 2018 को विभाग द्वारा रैस्ट ऑफ हरियाणा से बिना कैडर बदले सीधे तौर पर लगभग 500 उम्मीदवारों को ज्वाईनिंग दी जा चुकी हैं । प्रदेशाध्यक्ष संजय तालू ने बताया कि. माननीय महाअधिवक्ता हरियाणा सरकार व प्रधान सचिव शिक्षा विभाग हरियाणा सरकार ने  20 अप्रैल  2015 को माननीय उच्च न्यायालय में एफिडेविट देकर सभी  12731 जे.बी.टी को ज्वाईनिंग देने के लिए कहां था  जिसके बाद उच्च न्यायालय ने ज्वाईनिंग देने के आदेश पारित किएं थे ।  उसके बाद   8 जनवरी 2016 को  माननीय उच्च न्यायालय में निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग हरियाणा सरकार ने ऐफिडेविट देकर माननीय उच्च न्यायालय में कहां था कि हमारे पास  16254 जे.बी.टी अध्यापकों की कमी हैं । जिसके बाद भर्ती में कुल 12731 उम्मीद्वारों को नियुक्ति दिए जाने के आदेश माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे । परन्तु आज 19 महिने बाद भी नवचयनित जेबीटी सड़कों पर धक्के खाने को मजबूर हैं।  संजय तालू ने कहा कि सराकर द्वारा हर मंच पर 12000  जे.बी.टी को ज्वाईनिंग दिएं जाने का ढिंढोरा पीटा जा रहां है। परन्तु भर्ती में लगभग 9000 लोगों ने ही ज्वाईनिंग  किया हैं। माननीय मुख्यमन्त्री व शिक्षा मंत्री  महोदय द्वारा भी भर्ती में शेष बचे उम्मीद्वारों को बार-बार नियुक्ति का आश्वासन दिया गया है। न्यायालय ने भी बचें हुए जे.बी.टी  उम्मीदवारों को भी सही ठहराते हुए उन्हें गैस्टों टीचर से पहले ज्वाईनिंग कराए जाने के आदेश दिए हैं। मगर इसके बावजूद भी प्रदेश सरकार जे.बी.टी उम्मीद्वारों को ज्वाईनिंग नहीं दे रहीं है। संजय तालु ने बताया कि हरियाणा कैैडर में गेस्ट टीचरों की वजह से वैकेन्सी नहीं है, लेकिन  मेवात कैडर में खुद सरकार ने बचें हुए  जे.बी.टी  उम्मीद्वारों को ज्वाईनिंग  दिएं जाने की बात कहीं थी।