कलाग्राम में बिखरते भारत के सांस्कृतिक रंग

आर्ट एंड क्राफ्ट मेला., फोटो फीचर : पुरनूर, चंडीगढ़

 

 

कलाग्राम में 18 नवम्बर तक चलने वाले आर्ट एंड क्राफ्ट मेले में खूब रौनक है. और इसकी वजह है भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्र से आये कलाकार, कारीगर, व्यापारी व् खिलाड़ी. यहाँ पर आये सभी कलाकारों ने अपने नृत्य,अपने संगीत व् अपने आत्मविश्वास के साथ मेले का आकर्षण बने हुए हैं.

 

भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्रों से आये कलाकारों में शामिल हैं राजस्थान के ‘ब्न्वालाल जाट’ का कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप जिसमें ब्न्वालाल जी के साथ साथ 7 और लोग भी हैं . कच्ची घोड़ी ग्रुप में संगीत के   लिए ढोलकी, करताल व् अल्गोज़ा जैसे संगीत वादयन्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है. ब्न्वालाल कहतें हैं कि ग्रुप उनके लिए उनका परिवार है. इस ग्रुप में हर एक सदस्य के पास अपना एक हुनर है जैसे ढोलक वादक विनोद, अल्होजा वादक शिवजी राव व् झांज पर इनका साथ देते हुए शिवजी राव, राम दयाल जाट और जगदीश जाट यहाँ पर इनके साथ गंगाधरी जो कि इस ग्रुप के नृतक हैं व् साथ ही कच्ची घोड़ी नृतक सीता राम भी हैं.

कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप के अलावा यहाँ मध्य परदेश से रामसहाय पांडे अपने बधाई डांस ग्रुप के साथ आये हुए हैं. उनके ग्रुप ने यहाँ पुरे उत्साह के साथ बधाई नृत्य पेश किया.

सिक्किम से घातु डांस ग्रुप व् बठिंडा से आये वकील सिंह की नटों कि टोली जो कि हवा में ऊँची छलांग लगाने के साथ साथ अपने गले से दम लगाकर लोहे का सख्त से सख्त सरिया भी मोड़ देती है, वकील सिंह का कहना है कि वह यह काम पीढ़ियों से करते आ रहे हैं व यह उनकी बरसों कि मेहनत है जो कि आज उन्हें और उनके पूरे ग्रुप को बिना किसी डर के यह खतरनाक करतब करने में मदद करती है.

 

 

 

हमारे हुनर के प्रति सरकार का रवैया उदासीन: वकील सिंह

बाजीगरों की टोली हर हर बोली

Purnoor, Chandigarh:

सदियों से लोक संपर्क का काम देख समझ ओर कर रहे बाज़ीगर आज बहुत ही दयनीय स्थिति में आ गए हैं। जब सूचना प्रसारण के आधुनिक तरीके घर घर नहीं पहुंचे थे तब गली मोहल्लों, गाँव गाँव जा कर यही लोगों का मनोरंजन करते थे, इनहि के द्वारा आस पास की खबरें भी एक जगह से दूसरी जगह प्रसारित हो जातीं थीं।

आज इस कौम की स्थिति इतनी दयनीय है की 5 से 15 लोगों की टोली पूरे दिन में मुश्किल से 500 रु भी नहीं कमा पाती। घर चलाने के लिए बच्चों के मुंह के निवाले के लिए इन्हे मजदूरी भी करनी पड़ती है। किसी भी सरकारी अनुदान के बिना यह लोग आज़ादी के बाद आज तक सम्मान जनक जीवन को मोहताज हैं।

जहां तरक्की ने खेत लील लिए वहीं आधुनिक मनोरंजन के साधनों ने हमसे हमारी विरासत छीन ली। किसी बच्चे से ‘बाज़ीगर’ पूछो तो वह शायद शाहरुख का नाम ले ओर उसकी फिल्म का डायलोग ही बोल दे।

 

यह नहीं है कि सरकार इनकी स्थिति से अवगत नहीं है, सरकारी कार्यक्रमों में इन्हे बुलाया तो जाता है किन्तु इनका मानदेय इतना कम होता है कि महीना भर घर खर्च चालान तो दूर कि बात है कुछ दिनों का काम भी नहीं चलता। खेल कूद में अच्छे होने के बावजूद इन्हे कभी खेलों के लिए प्रोत्साहित नहीं किया गया और तो और जब भी यह भाग लेने कि बात होती तो इन्हे नकार दिया जाता है

कहा जाता है कि यह कौम भाई लाहना जी (जो गुरु अंगद देव जी के नाम से प्रसिद्ध हुये) जी के वंशज हैं इनहोने गाने बजाने ओर नाच करतब को ही अपनी जीविका बनाया। ये भारत और पाकिस्तान में फैली पंजाब की अनुसूचित जातियों का एक समुदाय है। मूल रूप से खानाबदोश प्रकृति का यह समुदाय मूलत: अपने आपको राजस्थान के राजपूतों से संबद्ध करता है। इन्होंने पिछली 3 शताब्दियों में उत्तर पश्चिम भारत में बसना शुरू किया।

कलग्राम चंडीगढ़ मे लगे क्राफ्ट मेले में आई वकील सिंह की बाज़ीगरों की टोली से मिलना हुआ। वकील सिंह ओर साथी यहाँ अपने हुनर दिखाने आए हुए हैं। वकील सिंह गले से सरिया मोड़ने का करतब दिखाते हैं। उन्होने बताया कि वह तीन पीढ़ियों से इस काम को कर रहे हैं। गले से सरिया मोड़ना कोई हंसी खेल नहीं, एक व्यक्ति अपनी गले के जोड़ पर सरिए का एक हिस्सा रखता है तो दूसरा अपने पेट पर कपड़ा रख कर सरिए को रोकता है फिर वकील सिंह गले से ज़ोर लगा कर सरिया मोड देता है।

वकील सिंह ने कहा हमें भी ओर लोगों की तरह सरकार से शिकायतें तो हैं पर शिकायतों के सहारे जिंदगी तो नहीं चल सकती, वकील सिंह ने याद दिलाया कि सरकारी नौकरी करते हुए म्यूसिक मास्टर कई अखाडों में जाता है, अपनी एल्बम निकालता है, एक विज्ञान ओर हिसाब का अध्यापक सरकारी नौकरी में रहते हुए ट्यूशन पढ़ाता है ओर किताबें लिखता है, सरकारी डाक्टर अपनी प्राइवेट क्लीनिक भी चलाता है। वकील सिंह को इन सबसे कोई शिकायत नहीं उनका मानना है की जिस प्रकार यह सब लोग अपने अपने कार्य मे हुनरमंद हैं बस एक शिकायत जो है की वह जिम्नास्टिक में माहिर हैं, लंबी दौड़, ऊंची कूद, कलाबाजी में उनका हुनर कुछ वर्षों की बाल सुलभ मेहनत नहीं है अपितु सदियों पुरानि पीढ़ी दर पीढ़ी की मेहनत और हुनर है। बस सरकारें उनके इस हुनर की कदर करते हुए उन्हे नयी तकनीक की जानकारी दें ओर उन्हे भी अगली पीढ़ियों को सिखाने में उनके हुनर को इस्तेमाल करें, कहीं पीटी मासटर या खेल कूद में हुनर मंदों की तरह।

सरकारें कई किसिम की पेंशन योजनाएँ चलातीं हैं तो थोड़ी बहुत आर्थिक सहता उनहे भी मिल जाती तो वह अपने इस हुनर के लिए अपनी अगली पीढ़ी को भी तैयार कर सकें।

डॉ॰ अजय चौटाला के निष्कासन पर दुष्यंत चौटाला की पहली प्रतिक्रिया


चिट्ठी ओर हस्ताक्षर दोनों ही जाली हैं

सांसद दुष्यंत चौटाला ने डॉ॰ अजय चौटाला के निष्कासन पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज कहीं न कहीं एक बात स्पष्ट हो गयी है कि चौटाला साहब के नाम की आड़ लेकर कुछ लोग अपना फायदा देखने का काम कर रहे हैं।

उन्होने कहा कि निष्कासन की बात पर कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने अपना पक्ष स्पष्ट कर रहे हैं और न ही पत्र स्पष्ट कर रहे हैं। मैं विश्वास करता हूँ कि चौटाला साहब ऐसा निर्णय कभी नही कर सकते। ये जो निर्णय लिया गया है ये लोकदल के इतिहास में काला धब्बा है।

जींद में 17 नवंबर को होने वाली बैठक में संगठन से जुड़े साथियों को बुलाया जाएगा और उनसे डॉ अजय चौटाला द्वारा कहा जायेगा की आज जो संगठन में हालात हैं उसपर न्याय और अन्याय की लड़ाई में उनका साथ दें।

अपने और दिग्विजय के निष्कासन पर बोले कि चौटाला साहब हमारे परिवार और संगठन के भी मुखिया हैं। उन्होंने जो आशीर्वाद मुझे और दिग्विजय को दिया है उसे सर माथे लगाकर स्वीकार करता हूँ।

इनेलो में गुटबाजी बढ़ी अजय को निकाला तो बांगड ने मंच से दिया इस्तीफा

चंडीगढ़

अजय चौटाला को भी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से निष्कासित कर दिया गया है। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा आज  ओमप्रकाश चौटाला से हुई मुलाकात के बाद अजय को प्रधान महासचिव पद से हटाने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया। इससे पहले अजय के दोनों बेटों दुष्यंत अौर दिग्विजय को भी पार्टी से निकाला जा चुका है।

चंडीगढ़ में बातचीत  करते हुये कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि परिवार के सदस्य ही परिवार पर उंगली उठा रहे हैं॰ बड़े भाई द्वारा दुर्योधन और भतीजे ने जयचंद कहा इसका मुझे बहुत दुख है .अभय चौटाला ने अजय और दुष्यंत पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘”मेरे बड़े भाई ने मुझे दुर्योधन की संज्ञा दी। भतीजे ने मुझे जयचंद कहा। उन्होंने तो मेरे मरने से पहले ही मेरी सत्रहवीं करने की बात कही है। हरियाणा में कुछ जगह बड़े-बुजुर्गों के मरने से पहले ही उनकी सत्रहवीं कर देते हैं। मैं भी अपनी सत्रहवीं पहले ही कर लेता तो अच्छा था। कम से कम मेरा बड़ा भाई तो ऐसा न करता। मेरा बड़ा भाई मुझे दुर्योधन कहे, इससे पीड़ादायक क्या होगा।’’

इनेलो ने इसी दिन चंडीगढ़ के जाट भवन में एक राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी कार्यकर्ताओं को  17 नवंबर को जींद में होने वाली रैली में शामिल होने को कहा गया है। जो कार्यकर्ता शामिल नहीं होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

 

दिग्विजय ने इसे बड़ी साजिश बताया कहा उनके दादा के फर्जी हस्ताक्षर किए गए

अजय चौटाला के निष्कासन पर उनके छोटे बेटे दिग्विजय ने कहा- यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बड़ा षड्यंत्र है। निष्कासन के पत्रों को एक रात पहले अभय चौटाला और आरएस चौधरी ने तैयार करवाया है। इन दस्तावेजों पर ओमप्रकाश चौटाला के हस्ताक्षर भी फर्जी हैं।

यमुनानगर
अजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित किये जाने पर अजय चौटाला का बयान:

“ये तो बताए कि मेरे ऊपर चार्ज क्या क्यों किया गया ये तो वही बताएंगे, जिन्होंने फैंसला लिया वो बताए कि मेरे खिलाफ क्या चार्ज है”

जींद कार्यक्रम का आपको नही अधिकार, इस पर बोले अजय चौटाला” जींद में निश्चित तौर पर होगा कार्यक्रम, प्रदेश के जिन लोगो ने खून पसीने से पार्टी को सींचा है, उनसे ही अधिकार लूंगा वही अधिकार देंगे”।

अजय चौटाला और के सी बांगड आदि Inld नेता इस समय यमुनानगर में हैं। अजय चौटाला को पार्टी से निकाले जाने की खबर आते ही मंच से के सी बांगड ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है ।

अक्टूबर में गोहाना में हुई रैली से विवाद शुरू हुआ था
अक्टूबर में गोहाना में दिवंगत चौधरी देवीलाल के 105वें जन्मदिवस पर इनेलो की सम्मान दिवस रैली हुई थी।

  • इसमें दुष्यंत ट्रैक्टर यात्रा के साथ मंच पर पहुंचे तो समर्थक ‘भावी सीएम’ के नारे लगाने लगे। तभी दूसरे गेट से उनके चाचा अभय चौटाला मंच पर पहुंचे तो उनके खिलाफ हूटिंग की गई।
  • दुष्यंत से लेकर अन्य सभी वक्ताओं के भाषण तक ‘दुष्यंत भावी सीएम’ के नारे लगते रहे। अभय ने भाषण में दुष्यंत का नाम नहीं लिया। वे जब तक बोले, तब तक दुष्यंत समर्थक हूटिंग करते रहे। इस दौरान पैरोल पर रिहा हुए ओमप्रकाश चौटाला भी मौजूद थे। उन्होंने मंच से ही अपनी नाराजगी जताई।
  • ओमप्रकाश चौटाला ने इस मामले को अनुशासन समिति को कार्रवाई के लिए सौंप दिया था। अनुशासन समिति की जांच के बाद अजय के बेटे दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
  • 12 नवंबर को अजय चौटाला ने एक पत्र जारी कर इनेलो के प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों, सदस्यों और विधायकों को पत्र भेज कर 17 नवंबर को जींद में पहुंचने के लिए आदेश जारी किए थे।
  • इस पत्र पर इनेलो ने कहा था कि अजय चौटाला को बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं है। बैठक या तो इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला बुला सकते हैं या फिर प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा को यह अधिकार है.

 

डॉ॰ अजय चौटाला पार्टी से निष्कासित

अजय चौटाला फ़ाइल फोटो

डॉ॰ अजय चौटाला पार्टी से निष्कासित।

अभय चौटाला ने चंडीगढ़ में एक प्रेसवारता के दौरान यह बात कही। उन्होने बताया के पिता ओर भाई अजय के जेल जाने के बाद उन्होने ही पार्टी की बागडोर संभाली ओर बिना मुख्यमंत्री पद का लालच किए अपना काम किया।

आज भी वह मुख्यमंत्री पद के दावे दार नहीं हैं, परंतु अनुशास्न्हींता के चलते दुष्यंत ओर दिग्विजय को पार्टी से निकाला गया ओर अब अजय चौटाला को मनमाना रवैया अपनाने के चलते उन्हे भी पार्टी से निष्कासित किया गया।

1 तारीख की अजय द्वारा पार्टी मीटिंग को ले कर उन्होने कहा कि जो भी पार्टी का कार्यकर्ता उक्त मीटिंग में जाएगा वह स्वयम ही जिम्मेदार होगा। पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं विधायकों ओर सांसदों को सभी ओ पत्र लिख कर इस बात की तसदीक कर दी गयी है।

मनोज खात्री की कवायद रही नाकाम राकेश पोपली ने संभाला काम

नलिन आचार्य, चंडीगढ़:

कड़ी मुश्क्क्त के बाद राकेश पोपली ने असिस्टेन्ट एस्टेट अफसर का चार्ज संभाला । मनोज खत्री ने चंडीगढ़ डेपुटेशन बढ़वाने के लिये लगाया पूरा दिन जोर । अंत मे चार्ज छोड़ना पड़ा
भरोसे के सूत्रों के अनुसार कल हुए प्रशासक के तबादलों के आदेश के बाद आज शाम तक मनोज खत्री द्वारा अपना चार्ज राकेश पोपली को न देने से असमंजस का वातावरण बन गया । मनोज खत्री तबादला आदेशो के बाद अपनी घर वापसी को रुकवाने के प्रयासों में लग गए । उन्होंने हरियाणा में बैठे अपने आकाओं के माध्यम से पूरा जोर लगा दिया । शाम होते होते उनके प्रयास हवा होने लगे तो अंत में अपना चार्ज राकेश पोपली को सौंप दिया । खत्री पिछले कुछ दिनों से अपनी कार्यप्रणाली से घेरे में आ गए थे । आज भी जाते जाते अपने कुछ चहेतों को ग्रुप Aएवम ग्रुप B में फिट करने की चर्चा है ।

“जन आवाज़” 2019 के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे अशोक तंवर


अशोक तंवर अपनी पार्टी के “वचन पत्र” को ले कर खासी मशक्कत कर रहे हैं. उनके साथ अनेकों सरकारी विभागों के अध्यक्ष भी देखे जा सकते हैं. हरियाणा में राजनैतिक बयार बह रही है जहां सभी अपनी अपनी पत्रिका कि तैयारी में जुटे हैं वहीँ कुछ बातें समझ से बाहर हैं. आम आदमी से कांग्रेस का गठबंधन समझ से बाहर है.

क्या माकन के कद को छोटा करने की कवायद की जा रही है? और क्या इसी लिए माकन कुछ सप्ताह पहले पार्टी से विमुख हो गये थे?   (कांग्रेस कभी किसी को अपनी मर्ज़ी से नहीं जाने देती, खुद निकालती है और कैसे सभी जानते हैं)

क्या दिल्ली में सीटों का 5 – 2 का सौदा हो चुका है? क्या इसी लिए माकन को केजरीवाल पर नरम रहने के लिए कहा गया है? (आम आदमी 5 – कांग्रेस  2)

क्या आम आदमी के साथ हरियाणा में भी कोई सांठ गाँठ कर अशोक तंवर को भी किनारे तो नहीं किया जाएगा?

भूपेन्द्र सिंह हुड्डा बहुत कारसाज मुख्यमंत्री रहे हैं, पर ठक्कर भी अब टक्कर देने में सक्षम हैं. जहां लोग अभी तक हुड्डा की कार्य शैली को नहीं भुला पाए हैं वहीँ अब ठक्कर भी जनता और मिडिया की पसंद बनते जा रहे हैं.

कुल मिला कर क्या यह समय तंवर और माकन के लिए ठीक है?


पंचकुला :

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा अपने चुनाव घोषणा-पत्र को ‘जन-आवाज़’ बनाने के उद्देश्य से आम लोगों के विचार जानने के लिए खाद्य सुरक्षा और पोष्टिकता, स्वास्थ संभाल, अनुसूचित जातियों व जनजातियों और पिछड़े वर्गों सम्बद्ध कार्यकारी ग्रुप की एक बैठक मंगलवार को पंचकुला स्थित किसान भवन में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर के नेतृत्व में हुई।

बैठक की अध्यक्षता राज्य सभा सदस्य और चुनाव घोषण पत्र समिति के संयोजक राजीव गौवड़ा ने की। इसमें चुनाव घोषण पत्र समिति के कोआर्डीनेटर डॉ. अमुल देशमुख, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमेन डॉ. नितिन राऊत, पंजाब के प्रतिनिधि डॉ. राजदीप सिंह संधु और भारी संख्या में विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता ऑपिनियन बिल्डरस आदि ने भाग लिया। यह बैठक दो चरणों में हुई। पहले चरण में डॉक्टरों, निती निर्धरितकर्ताओं, मेडिकल कालेजों के विशेषज्ञों, एन.जी.ओ. के प्रतिनिधियों, जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों आदि ने भाग लिया जिनकी संख्या 90 के करीब थी। बैठक में किन्नरों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी समस्यायें रखीं जिनमें उनके सामाजिक तौर पर पुर्नवास की समस्या विशेष थी। दूसरे चरण में अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों, समाजसेवियों आदि वर्गों के 100 से अधिक नेताओं ने भाग लिया।

बैठक के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए राजीव गौवड़ा ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने पार्टी के चुनाव घोषणा-पत्र को ‘जन-आवाज़’ बनाने के उद्देश्य से देशभर में भ्रमण करके लोगों के विचार जानने के लिए 19 विषयों पर कार्यकारी ग्रुपों का गठन किया है। इन ग्रुपों द्वारा लोगों के विचार जानने के बाद मध्य जनवरी तक अपनी रिपोर्ट दे दी जायेगी जिस पर कांग्रेस कार्यकारिणी समिति द्वारा विचार करने के बाद सभी महत्वपूर्ण विषयों को कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया जायेगा।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की चुनाव घोषणा पत्र समिति के कोऑर्डीनेटर डॉ. अमुल देशमुख ने बताया कि जन-आवाज़ के बारे में जानकारी लेने के लिए 20-30 विषय निर्धारित किए गए हैं जिनके बारे में देशभर में कार्यकारी ग्रुप बैठकें कर रहे हैं और आज की यह बैठक इसी कार्यक्रम का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि बैठकों के दो चरणों के बाद हरियाणा में एक बैठक और की जायेगी जिसका विषय खेल-कूद होगा क्योंकि हरियाणा राजय खेल-कूद में विषय महत्व रखता है।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने बैठक में भाग लेने वालों का धन्यवाद दिया और कहा कि बैठक में बहुत ही बहुमुल्य सुझाव प्राप्त हुए हैं जो कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र को जन-आवाज बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पानी, स्वास्थ्य, कृषि संबंधी और पर्यावरण की विशेष समस्यायें हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अनुसूचित जातियों और पिछड़ा वर्गों के हितों का कोई ध्यान नहीं रखा है। उन्होंने कहा कि ये वर्ग रोजगार, सामाजिक विकास व सुरक्षा, शिक्षा आदि में काफी पिछड़ गए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषण पत्र में इन विषयों को भी शामिल करने के लिए विशेष ध्यान दिया जायेगा क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने सदैव ही कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया है और भविष्य में भी इन्हें महत्व दिया जायेगा। उन्होंने पूर्व आईएएस श्री दलबीर भारती द्वारा मंच संचालन करने के लिए धन्यवाद किया।


सरकारी अधिकारी कांग्रेस के साथ अपनी तथा कथित समबन्धों को दर्शाने में नहीं चूक रहे, कहीं राहुल उन्हें भी व्यापम वाले डॉ. आनंद राय कि भांति धोखा न दे दें (बकौल डॉ.आनंद राय  राहुल ने उन्हें टिकेट देने का वायदा किया था इसीलिए उन्होंने नौकरी भी छोड़ दी, और अब उन्हें मिलते भी नहीं)

तत्कालीन प्रभाव से14 HCS अफसरों के तबादले किये गए

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से 14 एचसीएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं। जयबीर सिंह को एडिशनल डिप्टी कमिशनल सोनीपत, राम कुमार को कमिशन, नगर निगम अंबाला, मनदीप कौर को चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, जिला परिषद् व सीईओ, डीआरडीए सोनीपत, सतबीर सिंह कुंडू को एडिशनल डिप्टी कमिश्रर कैथल, शुशील कुमार को सब डिविजनल ऑफिसर-कम एडिशनल कलैक्टर शाहबाद नियुक्त किया गया है।

वहीं, शुभिता ढाका को ज्वाइंट कमिश्रर, एमसी, एनआर्ईटी, फरीदाबाद, महेश कुमार को एम.डी को-ऑपरेटिव शुगर मिल्स, गोहाना, विरेंद्र चौधरी को सैक्रेट्री हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन, भिवानी, संदीप अग्रवाल, एम.डी को-ऑपरेटिव शुगर मिल्स पानीपत, सुमित कुमार, सिटी मैजिस्ट्रेट सिरसा, अनुपमा मलिक को सिटी मैजिस्ट्रेट करनाल नियुक्त किया गया है।

‘भाजपा के कुशासन की वजह से लोगों का सपना टूट गया.’ राहुल


यूपीए काल के 10 वर्षों में प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तथाकथित रूप से तार तार करने के बाद, संसद में अमेठी का प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल जो यदा कदा विदेश अज्ञात वास चले जाते हैं, अब प्रधान मंत्री मोदी को  उनका कार्य समझा रहे हैं। 


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि देश एक व्यक्ति से नहीं चलता. देश को पूरी जनता चलाती है. मोदी भारत के विकास को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले एक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि मोदी को लगता है कि देश का विकास तो उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद ही शुरू हुआ है. नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लघु एवं मध्यम कारोबारियों की कमर तोड़ने के लिए थे.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘वह (मोदी) तो यह तक नहीं जानते कि देश को जनता चलाती है, न कि एक व्यक्ति. इस तरह की बातें कहकर वे आपका अपमान करते हैं. नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या भारत के लोगों के हजारों करोड़ रुपये लेकर भाग गए. उन्हें देश वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कुछ नहीं कर रहे और इस मुद्दे पर एक शब्द तक नहीं बोलते’.

छत्तीसगढ़ में हमारी पार्टी की सरकार बनी तो राज्य में ‘जनता की सरकार’ होगी

राफेल सौदे में जांच रोकने के लिए सीबीआई निदेशक को रात के एक बजे पद से हटा दिया गया. लड़ाकू विमान बनाने में 70 साल का अनुभव रखने वाली एच ए एल की जगह राफेल सौदे के लिए अनिल अंबानी को चुना गया.अनिल अंबानी के पास अनुभव नहीं था. यहां तक कि उन्होंने कागज का जहाज तक नहीं बनाया है. यदि इसकी जांच हो जाए तो केवल दो नाम आएंगे- नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी. मोदी जांच से डरते हैं.

गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सोमवार को जिन 18 निर्वाचन क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ, वहां कांग्रेस के पक्ष में लहर है. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य चुनावी राज्यों में चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आएंगे. संसाधनों में छत्तीसगढ़ समृद्ध है, लेकिन बीजेपी सरकार के ‘कुशासन की वजह से लोगों का सपना टूट गया.’

गांधी ने वायदा किया कि यदि छत्तीसगढ़ में उनकी पार्टी की सरकार बनी तो वह राज्य में ‘जनता की सरकार’ होगी. उन्होंने कहा कि लोग ऐसी सरकार चाहते हैं जो उनके ‘मन की बात’ सुने. उन्होंने कहा, ‘कुछ उद्योपतियों के लिए काम करने की बजाए कांग्रेस राज्य में कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य के विकास के लिए काम करेगी.’

कांग्रेस सत्ता में आई तो युवाओं को कारोबार करने और बैंकों से कर्ज लेने की सुविधा के लिए प्रोत्साहित करेगी. कांग्रेस बड़े उद्यमियों के खिलाफ नहीं है, लेकिन यदि सरकार उन्हें फायदा पहुंचाती है तो लघु और मध्यम उद्यमों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए.

राहुल के बचाव में उतरे मनीष


स्मिता प्रकाश द्वारा राफेल के सीईओ के स्क्षातकार के बाद कांग्रेस की सुर ताल बिगड़ गयी है, जब से एरिक ने राहुल के बयानों को खारिज किया है ओर एक – एक कर कांग्रेस द्वारा लगाये आरोपों का सिलसिले वार जवाब दिया है तभी से राहुल के बचाव में कांग्रेस के सभी दिग्गज उतर गए हैं। पहले सुरजेवाला ने स्मिता प्रकाश के साक्षात्कार को प्रायोजित करार दे दिया वहीं अब मनीष भी ज़ुबानी जंग में कूद पड़े हैं। de


नई दिल्ली:

कांग्रेस ने आज कहा कि राफेल सौदे के बारे में सरकार द्वारा सुप्रीमकोर्ट में दायर हलफनामे में तथ्यों की जानकारी देने के बजाय छिपाने की कोशिश की गई है और सरकार को यह बताना चाहिए कि आफॅसेट साझीदार बनाने के बारे में रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 में पूर्व प्रभाव से संशोधन क्यों किया गया।

कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इस सौदे को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को मिली सरकार के हलफनामे की प्रति को पढने से ऐसा लगता है कि इसमें जानकारी देने के बजाय तथ्यों को छिपाने की कोशिश की गई है। इससे कई सवाल उठते हैं लेकिन देश सरकार से पांच बुनियादी सवालों का जवाब चाहता है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 5 अगस्त 2015 को रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 में पूर्व प्रभाव से संशोधन कर रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर से पहले विक्रेता द्वारा ऑफसेट साझीदार की सूची रक्षा मंत्रालय को देने की बाध्यता खत्म कर दी। पहले की नीति के अनुसार रक्षा मंत्रालय ऑफसेट कंपनी का मूल्यांकन कर सौदे पर हस्ताक्षर से पहले इस सूची को मंजूरी देता था।

लेकिन संशोधन के बाद विक्रेता रक्षा मंत्रालय को अपने ऑफसेट साझीदार की जानकारी सौदे पर हस्ताक्षर के बाद देगा। उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि यह संशोधन पूर्व प्रभाव से क्यों किया गया? इसके पीछे क्या उद्देश्य था?

प्रवक्ता ने कहा कि हलफनामे में कहा गया है कि 126 बहुउद्देशीय राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का सौदा और मोदी सरकार का 36 राफेल विमान की खरीद का सौदा अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह सही है तो सरकार ने पहले सौदे को रद्द करने से तीन महीने पूर्व दूसरे सौदे की घोषणा कैसे कर दी। क्या दूसरे सौदे के लिए सभी नियम प्रक्रियाओं को अपनाया गया।

तिवारी ने कहा कि विमानों की संख्या 126 से 36 करने के बारे में क्या वायु सेना से बात की गयी थी। क्या नये सौदे के तहत विमानों की मानक गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिए ‘एस क्यू आर’ की प्रक्रिया पूरी की गई थी। क्या वायु सेना ने इनके बारे में ‘स्टेटमेंट ऑफ केस’ दी थी। किसी भी सौदे को मंजूरी के लिए रक्षा खरीद परिषद में भेजने से पहले दो महत्वपूर्ण समिति इसकी जांच करती हैं उनकी बैठक कब हुई। उन्होंने दावा किया कि इस सौदे के बारे में सभी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।

प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा खरीद परिषद ने 13 मई 2015 में वायु सेना के लिए 36 राफेल विमान की खरीद को जरूरत के आधार पर मंजूरी दी। लेकिन सरकार यह बताए कि इस मंजूरी से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 अप्रेल 2015 को पेरिस में इस सौदे का ऐलान कैसे कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि निर्णय पहले ले लिया गया और उसे प्रक्रियागत अमली जामा बाद में पहनाया गया।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री बार बार यह कह रहे हैं कि विमानों में भारतीय जरूरत के हिसाब से अस्त्र शस्त्र लगाए गए हैं इसीलिए इसकी कीमत 526 करोड रूपए से बढकर 1670 करोड रूपए हो गई। उन्होंने कहा कि लेकिन हलफनामे में सरकार ने कहा है कि इन 36 विमानों में लगाए जाने वाली हथियार प्रणाली वही है जो 126 विमानों के सौदे के तहत उडने की हालत में खरीदे जाने वाले 18 विमानों में लगाई जाने वाली थी। उन्होंने पूछा कि यदि यह सही है तो 1100 करोड रूपए कहां गए।

उन्होंने कहा कि देश सरकार से यह भी जानना चाहता है कि रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड को इस सौदे से बाहर क्यों किया गया। फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रेपियर के एक साक्षात्कार में किए गए दावे कि मोदी सरकार को ये विमान 9 प्रतिशत कम कीमत पर बेचे गए हैं के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि वह सरकार के वकील की तरह बात कर रहे हैं। क्या ट्रेपियर यह बताएंगे कि संप्रग सरकार का सौदा जब अंतिम पड़ाव पर था तो एक विमान की कीमत क्या था। यदि वह सही हैं तो कीमत का खुलासा करें।