Chandigarh-Police

Police File

DATED

12.11.2018

Special drive against consuming liquor at public place was carried out at different parts of the city in which total 09 cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered.

 In continuation of a special drive against consuming liquor at public place, yesterday, the drive was carried out at different parts of the city. Under this drive total 09 different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered in different police stations of Chandigarh in which total 11 persons were arrested while consuming liquor at public place. All later on bailed out. The detail of police Stations in which cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 got registered:-  PS-19= 1 case, PS-26= 3 cases, PS-Ind. Area= 1 case, PS-Mauli Jagran= 2 cases, PS-I.T Park= 2 cases.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

Theft

Sh. Sarwan Singh R/o # 137, Sector-11/A, Chandigarh alleged that Suresh (Servant) has stolen away 4 gold bangles, 1 gold chain, 1 silver chain, 2 diamond rings and 1 silver bangle from complainant’s house on 10.11.2018. A case FIR No. 331, U/S 381 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Accident

A case FIR No. 209, U/S 279 IPC has been registered in PS-49, Chandigarh on the statement of HC. Kuldeep Singh No. 1349/CP, VIP Security, Sector-29, Chandigarh against driver of car No. PB-65AS-3817 namely Gurwinder Singh R/o Plot No. 1/A, Defense Enclave, Ambala Cantt., Haryana who hit to Govt. Vehicle No. CH-01GA-6036 from backside near Motor Market turn, Sector-48, Chandigarh on 11.11.2018. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Sh. Arun Sharma R/o Dhuri Sangroor, Punjab reported that unknown person stolen away complainant’s Motor Cycle No. PB-13AY-0175 while parked near Plot No.154-155, Phase-1, Industrial Area, Chandigarh on 10.11.2018. A case FIR No. 330, U/S 379 IPC has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

बादल पहुंचे सिरसा, अजय ने जींद बैठक में शामिल होने का किया फरमान जारी

चंडीगढ़/सिरसा। इनेलो में पिछले कई दिनों से चल रहा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अकाली दल प्रमुख प्रकाश सिंह बादल ने भी पूरी ताकत झोंक रखी है। उनके हस्तक्षेप के बाद भी आपसी समझौते की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। सूत्रों के अनुसार प्रकाश सिंह बादल आज दोपहर बाद सिरसा पहुंचे और एक बंद कमरे में आपसी समझौते के लिए दबाव बनाया जा रहा है लेकिन बताया जा रहा है कि आपसी दूरियां इतनी बढ़ चुकी है कि अब कोई समझौता होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। इससे पूर्व कल सुबह छतरपुर फार्म पर दोनों भाई के बीच करीब 45 मिनट चली बैठक भी किसी परिणाम तक नहीं पहुंच पाई।

 चिट्टी जारी कर कहा- न आने होने पर होगी कार्रवाई……

इधर इनेलो के महासचिव अजय सिंह चौटाला ने 17 नवंबर को जींद में बुलाई गई पार्टी की कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक के लिए सभी सांसदो व पूर्व सांसदो, विधायकों व पूर्व विधायकों, प्रधानों व अन्य पदाधिकारियों को शामिल होने के निर्देश दिए हैं। अजय सिंह ने इस संबंध में सभी को एक पत्र जारी कर शामिल होने को कहा है।

साथ ही चेतावनी दी है कि अगर कोई जानबूझकर बैठक में शामिल नहीं होगा तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बैठक में पार्टी से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने हैं। साथ ही चिट्ठी में कहा गया है कि अगर कोई पदाधिकारी किसी कारणवश बैठक में शामिल नहीं हो पाता तो उसे पहले ही इस संबंध में पार्टी मुख्यालय में सूचना देनी होगी।

15 नवम्बर को प्रात: 9.30 बजे जिला सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की मासिक बैठक का आयोजन होगा

पंचकूला 12 नवम्बर:
उपायुक्त मुकुल कुमार की अध्यक्षता में 15 नवम्बर को प्रात: 9.30 बजे जिला सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की मासिक बैठक का आयोजन किया जाएगा।
इस संबध में जानकारी देते हुए नगराधीश ममता शर्मा ने बताया कि मासिक बैठक में सितम्बर व अक्तूबर माह में किए गए विकास कार्यो की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा विभिन्न विभागों द्वारा क्रियान्वित की जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी बैठक में विस्तार से विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बैठक में सीएम विण्डो, हरपथ में आने वाली शिकायतों की भी समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा कृषि, कल्याण विभाग, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, पेयजल, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग की कल्याणकारी योजनाओं पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
नगराधीश ने बताया कि बैठक में श्रम कल्याण विभाग एवं श्रम चौकसी समिति तथा ईंट भट्टों पर विभिन्न श्रम कानूनों को लागू किए जाने वाले गतिविधियों की भी विस्तार से समीक्षा की जाएगी।

नयी खेल नीति के तहत पारितोषिक में वृद्धि हुई: लतिका शर्मा

कालका/पिंजौर 12 नवम्बर:
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार ने प्रदेश में खेल गतिविधियों को बढावा देने व खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने की दिशा में विशेष कदम उठाए हैं, जिसके तहत खिलाड़ी राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं तथा प्रदेश में पदक की तालिका में भी बढौतरी हुई है।
इस सबंध में जानकारी देते हुए कालका की विधायक लतिका शर्मा ने बताया कि   सरकार ने एशियन खेलों में स्वर्ण पदक विजेताओं को 2 करोड़ रुपए की राशि बढाकर 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को एक करोड़ रुपए से बढाकर 1.50 करोड़ रुपए तथा कांस्य पदक विजेता को 50 लाख रुपए से बढाकर 75 लाख रुपए के नकद पुरस्कार तथा प्रत्येक प्रतिभागी खिलाड़ी को 5 लाख रुपए से बढाकर 7.50 लाख रुपए किए है। इसी प्रकार ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 5 करोड़ रुपए से बढाकर 6 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को 3 करोड़ रुपए से बढाकर 4 करोड़ रुपए, कांस्य पदक विजेता को 2 करोड़ रुपए से बढाकर 2.50 करोड़ रुपए के नकद पुरस्कार तथा प्रत्येक प्रतिभागी खिलाड़ी को 11 लाख से बढाकर 15 लाख रुपए किए है ।
विधायक ने बताया कि कॉमनवैल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता को एक करोड़ से बढाकर 1.50 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को 50 लाख से बढाकर 75 लाख रुपए, कांस्य पदक विजेता को 25 लाख से बढाकर 50 लाख रुपए के नकद पुरस्कार तथा प्रत्येक प्रतिभागी खिलाड़ी को 5 लाख से बढाकर 7.50 लाख रुपए दिए जा रहे है। इसी प्रकार राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को तीन लाख से बढाकर 5 लाख रुपए, रजत पदक विजेता को 2 लाख से बढाकर 3 लाख रुपए तथा कांस्य पदक विजेता को एक लाख से बढाकर 2 लाख रुपए के नकद पुरस्कार दिए जा रहे है।
श्रीमति शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता को 2 लाख से बढाकर तीन लाख रुपए, रजत पदक विजेता को एक लाख से बढाकार 2 लाख रुपए तथा कांस्य पदक विजेता को 50 हजार से बढाकर एक लाख रुपए के नकद पुरस्कार दिए जा रहे है। इसी प्रकार राज्य स्तरीय अखाड़ा कुश्ती प्रतियोगिता के स्वर्ण पदक विजेता को 500 से बढाकर 5100 रुपए, रजत  पदक विजेता को 300 से बढाकर 3100 रुपए तथा कांस्य पदक विजेता को 200 से बढाकर 2100 रुपए के नकद पुरस्कार दिए जा रहे है।
विधायक ने बताया कि राज्य स्तरीय कुमार दंगल प्रतियोगिता के स्वर्ण पदक विजेता को 21 हजार से बढाकर 51 हजार रुपए, रजत पदक विजेता को 11 हजार से बढाकर 31 हजार रुपए तथा कांस्य पदक विजेता को  5 हजार से बढाकर 21 हजार रुपए के  नकद पुरस्कार दिए जाते है। इसी  प्रकार राज्य स्तरीय केसरी दंगल प्रतियोगिता के स्वर्ण पदक विजेता को 31 हजार से बढाकर एक लाख 51 हजार रुपए, रजत पदक विजेता को 21 हजार से बढाकर एक लाख रुपए तथा कांस्य पदक विजेता को 10 हजार से बढाकर 51 हजार रुपए के नकद पुरस्कार दिए जा रहे है।

जिले के 462 बूथों पे 73557 बच्चों को पोलियो दवा पिलाई जायेगी

पंचकूला 12 नवम्बर:
जिला प्रशासन द्वारा उप राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस के मौके पर 18 नवम्बर को विशेष अभियान चलाकर 0 सेे 5 वर्ष तक आयु के 73557 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी ताकि पोलियो जैसी भयंकर बीमारी से मुक्ति पाई जा सके।
यह जानकारी उपायुक्त श्री मुकुल कुमार  ने जिला सचिवालय के सभागार में आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंनेे बताया कि लोगों की सुविधा के लिए 3557 जिला में 462 पोलियो बूथ बनाए गए हैं, जिनमें से 332 ग्रामीण क्षेत्र तथा 130 शहरी क्षेत्र के शामिल है। उन्होंने बताया कि इन बूथों  पर ग्रामीण क्षेत्र के 44293 बच्चों व शहरी क्षेत्र के 29264 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
उपायुक्त ने जिले की समाज सेवी संस्थाओं, संगठनों, रैजिडेंट वैल्फेयर के प्रतिनिधियों, पंचों, सरपंचों से भी विशेष तौर पर आग्रह करते हुए कहा कि वे 18 से 20 नवम्बर तक पोलियो की दवा पिलाने की दिशा में पूर्ण सहयोग दें ताकि कोई भी बच्चा पोलियो खुराक से न छूटे, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को विशेष तौर पर निर्देश देते हुए कहा कि वे इंट भट्टों, रेलवे स्टेशन, पोल्ट्री फार्म व झुग्गी झोपाडिय़ों में रहने वाले बच्चों को दवा पिलाना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने इस अभियान को प्रभावी एंव कारगर ढंग से लागू करने व सभी बच्चों को शत प्रतिशत दवा पिलाने की दिशा में किए गए प्रबंधों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए 22 मोबाईल टीमें एवं 24 ट्रांजिट टीमों का गठन किया गया है। पोलियो की खुराक पिलाने के लिए जिला के 1534 कर्मचारियों एवं अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा अभियान की सफलता के लिए 71 सुपरवाईजर भी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि  0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को विशेष रूप से स्थापित बूथों पर जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सरकारी औषधालयों, उपकेन्द्रों व आंगनवाडी केन्द्रों पर भी पल्स पोलियो की बूंदे भी पिलाई जाएगी। जिले की एएनएम, आशा वर्कर व आंगनवाड़ी वर्कर को भी सहयोग के लिए इस अभियान में शामिल किया गया है।
बैठक में इस अवसर पर नगराधीश एसएमओ डा. सिवानी, अर्बन नोडल अधिकारी डा. मीनू, जिला शिक्षा अधिकारी एच एस सैनी, जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के संबधित अधिकारी उपस्थित रहे।

Congress seeking post – election alliance, may be as “Vachan Patra” declares the same


Congress needed to get some simple things right. It failed

An alliance with the BSP alone would have exponentially increased the Congress’ chances of unseating three-time BJP chief minister Shivraj Singh Chouhan, may be Congress is willing to go for post election alliance.


The Congress has embarked upon a perilous path on its way to a sort of possible way to power in Bhopal. Election surveys have not as yet indicated that the Congress will be able to ride anti-incumbency sentiments accumulated over 15 years to seize the reins of government in Madhya Pradesh, even though the possibility is not being counted as being remote either.

To be able to do so, the Congress needed to get some simple things right. It failed. Now, unfortunately, it has plumped for some of the more complex things and it’s getting them wrong. Let’s begin with the main thing it failed to do right — alliances. The party had intended to finalise pre-election alliances principally with Mayawati’s Bahujan Samaj Party (BSP), but also with the Samajwadi Party and the Gondwana Ganatantra Party (GGP). It failed on all fronts. After some listless negotiations, Mayawati decided to go solo, while the Samajwadi Party and GGP settled on an alliance excluding the Congress, accusing it of being too dilatory. All the Congress managed was a largely inconsequential tie-up with the Sharad Yadav wing of the Janata Dal (United) — the Loktantrik Janata Dal — for which it has set aside one seat.

An alliance with the BSP alone would have exponentially increased the Congress’ chances of unseating three-time BJP chief minister Shivraj Singh Chouhan. Having failed, mostly because the party still seems sometimes to live in earlier climes when the problems of making the necessary accommodations was barely felt, the Congress seems to be trying to compensate by casting its net for votes through an overly inclusive manifesto. Thus, it has combined in what it is calling its vachan patra rather than ghoshna patra — a promissory document rather than a list of announcements — elements possibly expected to pander to the majority community and the more usual mix of ‘secular’, material ‘promises’

Let’s take the second constellation of promises first. The Congress has promised to cut farmers’ electricity bills by half as also reduce LPG, petrol and diesel prices. It has also promised to waive agricultural loans taken from all types of state-run cooperative banks. Thus far, the Congress has kept in mind the needs of agriculturists and their widespread disenchantment with the Bharatiya Janata Party (BJP) governments at the Centre and in the state. To address the issue of unemployment and the Centre’s inability to create jobs anywhere near the magnitude promised by Prime Minister Narendra Modi in the 2014 election campaign and thereafter, the Congress has promised an unemployment benefit of Rs 10,000 a month for one young member of every relevant family for a period of three years.

It has promised, for good measure, an ex gratia payment of Rs 51,000 for women at the time of their marriage and of Rs 2,50,000 to the landless for the construction of a house on a plot of 450 square feet. It has also promised the abolition of the infamous Vyapam — or Vyavasayik Pariksha Mandal, the autonomous agency set up by the Chouhan government to conduct professional examinations, which is embroiled in serious irregularities and has so far claimed, directly or indirectly, an unconsciously high number of lives. The death continues to mount and is near the half-a-century mark. Until this point, the Congress seems to have addressed very real concerns arising from the mismanagement of the economy by the Modi government and the special needs of some social groups.

Construction of gaushala

But then the party and its promissory document goes off script. They promise the construction of gaushalas (cow shelters), a bizarre ‘Ram Van Gaman Path’ tour to trace Rama’s footprints in Madhya Pradesh and, in an inescapably dangerous move, the setting up of a ‘religious and spiritual department’ that will organise the production of cow urine and cow-dung cakes in gaushalas.Let’s navigate our way through this set of promises. The promise that the government/state will involve itself in setting up cow shelters is from one point of view unexceptionable, though why other domesticated animals should miss out on this love for animals is an unanswerable question in terms of strictly humane motivations


Whereas on the other hand Congress leader Kapil Sibal’s family is involved in the export of meat through Arihant Farm House Pvt Ltd. In 2013-14 and 2014-15, in its annual donations accounts report to the Election Commission, the BJP had mentioned receiving Rs 2 crore from Allana Sons Company, a leading exporter of meat.

Source: (https://bharatabharati.wordpress.com/category/hinduism/cow-protection/page/2/)


 

Now on Ram:



Obviously, of course, this is meant not to be a concession to concerns of animal-rights activists. It is meant to harness the electoral energy of the cow-protection movement popularised by Sangh Parivar elements and sparked off by the spate of draconian legislative amendments passed by newly-minted BJP state governments since 2014. Given the dangerous overtones of this movements — its descent into vigilantism that has claimed the lives of many Muslims — the Congress’ pandering to perceived electoral compulsions is downright dangerous. Moreover, this movement is owned by the Sangh Parivar and a volte face is unlikely to drive BJP voters into the arms of the Congress. On the contrary, the Congress could have consolidated the support of the Dalit and Muslim communities who have seen their cultural, livelihood and nutritional choices come under attack by promising a return to the more liberal pre-Modi cow-protection regime.

The attempt to have the government trace the footprints of a mythological figure in an institutionalised manner is much too bizarre to contemplate. It is also unlikely to provide much electoral fodder to the party. The best that can be said of this brainwave (or brain fade) is that it might provide a spur to the tourism industry. The other initiative is fundamentally dangerous. It would be fairly innocuous if private cow shelters decided to collect (or produce, whatever that means) cow urine and make cow-dung pats to sell in the market and generate revenue. Both are useful products: One chiefly as an organic fertiliser, the other as a widely used and cheap (though polluting) fuel.

But it is not clear why the government should involve itself in such enterprises. It is all the more inexplicable why the Congress government should promise to set up a government department to organise this involvement. But, most damningly, it is inconceivable that the Congress would stray into Hindutva terrain so explicitly as to set up a ‘religious and spiritual department’ because it infringes fundamentally the constitutional mandate for the state to be secular. This was not a provision presented to the Congress as a fait accompli by the Constituent Assembly, rather the ‘secular’ part of the definition of the Indian republic was added by amendment to the Preamble in 1976 by the Indira Gandhi government.

For the Congress to now compromise so grievously on a constitutional fundamental which it has professed to hold dear for nearly half a century is unthinkable, inexplicable, egregious and wholly unacceptable, whatever the electoral compulsions it faces. This is especially true because it loses no opportunity to assail the BJP for its attacks on the constitutionally-mandated secular fabric of the nation.

Early hearing of Ram Janm Bhoomi Title Suit, Permission declined: Supreme Court


The Supreme Court on Monday declined early hearing of petitions in the Ram Janmabhoomi-Babri Masjid title dispute case.

A Bench comprising Chief Justice Ranjan Gogoi and Justice S.K. Kaul said it had already listed the appeals before the appropriate bench in January.

“We have already passed the order. The appeals are coming up in January. Permission declined,” the bench said while rejecting the request of early hearing of lawyer Barun Kumar Sinha, appearing for the Akhil Bharat Hindu Mahasabha.

The top court had earlier fixed the Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case for the first week of January before an “appropriate bench”, which will decide the schedule of hearing.

Solicitor General Tushar Mehta and senior advocate C.S. Vaidyanathan, appearing for the Uttar Pradesh government and deity Ram Lalla respectively, had sought early listing of the appeals in the case after referring to their long pendency.

Earlier, a three-judge Bench, by a 2:1 majority, refused to refer to a five-judge Constitution Bench the issue of reconsideration of the observations in its 1994 judgement of the Allahabad High Court that a mosque was not integral to Islam. The matter had arisen during the hearing of the Ayodhya land dispute.

The apex court bench headed by the then Chief Justice Dipak Misra had said that the civil suit has to be decided on the basis of evidence.

It had also said that the previous verdict has no relevance to this issue.

As many as 14 appeals have been filed against the high court judgement, delivered in four civil suits, that the 2.77 acre land be partitioned equally among three parties — the Sunni Waqf Board, the Nirmohi Akhara and Ram Lalla.

महिला पहलवान से उलझना राखी को मंहगा पड़ा

Updated बिग एक्सक्लूसिव ब्रेकिंग पंचकूला.

अपनी हरकतों के कारण राखी सांवन्त सुर्खियों में रहती आई है, उनकी हरकतों के कारण उहे ड्रामा क्वीन भी कहा जाता है अभी पिछले दिनों वह एयर प्लेन में बाथरूम में नाच रहीं थीं तो कल पंचकुला में खाली द्वारा आयोजित कुश्ती के खेल में वह थिरकतीं नज़र आयीं।

महिला रेसलर रोबेल रिंग में उतरीं और उन्होंने पंचकूला की महिलाओं को रिंग में उतरने के लिए ललकारा। रोबेल की चुनौती को स्वीकारते हुए राखी सावंत रिंग में पहुंच गईं। उन्होंने पहले रोबेल को रिंग में डांस करने का चैलेंज दिया। रोबेल ने डांस चैलेंज पूरा किया और फिर गाना रुकते ही राखी को कंधे पर उठाकर पटक दिया।

ड्रामा क्वीन रिंग के फर्श पर कुछ देर पड़ी रही, लोगों को लगा की यह भी राखी का एक प्ब्लिकिती स्टंट है इसीलिए किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया, अपितु राखी को नसीहतें भी दे डालीं। रेफरी को जब लगा कि राखी गंभीर रूप से घायल हैं तो उन्होंने आयोजकों को इसकी जानकारी दी। अन्य लोगों की मदद से राखी सावंत को रिंग से बाहर लाया गया और जीरकपुर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि राखी की रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है। डॉक्टरों ने राखी को आराम करने की सलाह दी है।

लोगों को अभी भी राखी की चोट उसका एक पब्लिसिटी स्टंट ही लग रहा है हालांकि इस प्रतियोगिता के आयोजक खाली ने भी राखी के घायल होने ई पुष्टि की है

 

Only Karnataka leader to make a mark in BJP’s central politics


Alternative power centre in BJP state unit lost in his death


The 59-year-old Ananth Kumar, who died on the earlier hours of Monday, was the only politician from Karnataka who could make it big in the Bharatiya Janata Party’s Central political scape at a very young age.

In fact, he was the youngest minister in Atal Bihari Vajpayee’s Cabinet when he got the ministerial opportunity for the first time in 1998. He held various prominent portfolios such as Civil Aviation, Tourism, Sports & Youth Affairs, Culture, Urban Development and Poverty Alleviation.

In the Narendra Modi Cabinet, he handled portfolios such as Parliamentary Affairs and Chemicals & Fertilizers.

Kumar was elected to the Lok Sabha from Bengaluru South for six consecutive times since 1996. His proximity to veteran leader L.K. Advani increased his political clout in Central politics.

He began his political career from the Sangh Parivar’s student wing of Akhil Bharatiya Vidyarti Parishad (ABVP). He attracted the attention of national leaders by raising to the ranks of National Secretary of ABVP. In 1987, he entered the mainstream BJP fold and even served as president of the BJP Yuva Morcha’s state unit.

A crafty politician, Kumar played a crucial role in the development of BJP in the State by wooing prominent politicians such as former chief minister S. Bangarappa from other parties when he was the Party’s State president. The party which was stuck at a numerical strength of around 40 MLAs for quite sometime, increased its tally to become a single largest party under his leadership.

He has been credited with working for strengthening the party along with B.S. Yeddyurappa in the State. Kumar and Mr. Yeddyurappa formed the two supporting pillars of the party in Karnataka for a long time. Both were being seen as two different power centres in the Party’s State unit. There was always an undercurrent of animosity between the two groups though publicly they appeared friendly.

Now, with Kumar’s death many leaders in the party feel that the leadership equilibrium is lost in Party’s Karnataka unit.

Kumar was supported by his wife Tejaswini, who earned public goodwill through her NGO Adamya Chetana which is known for serving mid-day meals to schoolchildren.

Undefeated Veteran looses battle against Cancer at 59


Karnataka has announced holiday for all schools and colleges on Monday, as a mark of respect for the leader.


Union Minister for Parliamentary Affairs, and Chemicals and Fertilizers H.N. Ananth Kumar, also a senior BJP leader from the State passed away at a private hospital in Bengaluru in the wee hours of Monday. He was 59.

According to the hospital, Mr Kumar was diagnosed with lung cancer at an advanced stage in June. He underwent initial treatment in Sri Shankara Cancer Hospital and Research Centre and then went to the US for further treatment.  He returned 25 days ago and continued treatment in the hospital.

Hospital Managing Trustee B N Srinath told media persons that he battled cancer fiercely, however, the infection had spread to other organs and he succumbed to the disease. He breathed his last around 2 am on Monday. His wife Tejashwini and both daughters were beside him.

Former Chief Minister B.S. Yeddyurappa pays his last respects to Union Minster H.N. Ananth Kumar at his residence at Basavanagudi in Bengaluru on Monday

Mr. Kumar’s body will be kept for public viewing at National College Grounds, Basavanagudi at 11 am and he will be cremated on Tuesday. Prime minister Narendra Modi is expected to pay his respects and participate in the funeral.

The State government has announced holiday for all schools and colleges on Monday, as a mark of respect for the leader. The State will observe three-day mourning and accord state funeral.

A six-time member of parliament from Bengaluru South Lok Sabha seat, Mr. Kumar was representing it continuously since 1996.

An RSS worker, Mr. Kumar was arrested during Emergency.

He held civil aviation, urban development and tourism portofolios in Atal Bihari Vajpayee cabinet during 1999-2004. He was State president of BJP during 2004 Assembly elections when the party for the first time emerged as the single largest party in the State. He was a national General Secretary of BJP for nine years.

Mr. Kumar and former Chief Minister B.S. Yeddyurappa were two prominent leaders credited with building the BJP in Karnataka. Mr. Yeddyurappa, in a condolence message, said that he had lost “a personal friend” and Mr. Kumar had gone away at a young age leaving him alone.

Relatives and friends pay their last respects to Union Minster H.N. Ananth Kumar at his residence at Basavanagudi in Bengaluru on Monday.

Relatives and friends pay their last respects to Union Minster H.N. Ananth Kumar at his residence at Basavanagudi in Bengaluru on Monday.

PM condoles demise

Prime Minister Narendra Modi and Defence Minister Nirmala Sitharaman condoled the demise of Mr. Kumar.

“Extremely saddened by the passing away of my valued colleague and friend, Shri Ananth Kumar Ji. He was a remarkable leader, who entered public life at a young age and went on to serve society with utmost diligence and compassion. He will always be remembered for his good work,” Mr. Modi tweeted.

“Deep sense of grief on hearing that Shri @AnanthKumar_BJP is no more with us. Served @BJP4India @BJP4Karnataka all along. Bengaluru was in his head and heart, always. May God give his family the strength to bear with this loss,” Ms. Sitharaman tweeted.