कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर पहुंचे पंचकूला।

 

PANCHKULA BREAKING………..ख़बर और फोटो : RK

पंचकुला में पंहुचे अशोक तंवर ने आज हरियाणा से जन संपर्क अभियान शुरू किया. प्रदेश में कांग्रेस कि स्थिति को मजबूती देने के लिए यह कदम उठाया गया है.

यह अभियान 19 नवम्बर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती गाँधी के जन्म दिवस तक चलेगा और इसमें 5तरह के पर्चे घर घर जा कर बांटे जायेंगे इनमें मोदी सरकार और NDA कि विफल्तओं का ज़िक्र होगा.

 

पंचकूला में आज से आल हरियाणा एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ वैलफेयर एसोसिएशन का आमरण अनशन शुरू।

Panchkula Breaking, अजय कुमार: 

एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ शिष्टमंडल ने प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से मिटिंग कराने का अनुरोध किया तो एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ ने मिटिंग का आश्वासन न मिलने  के  परिणामस्वरूप एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर हरियाणा सरकार के खिलाफ नारे बाजी की। और आन्दोलन को आमरण अनशन में तब्दील कर दिया।

आपको बता दें कि एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ प्रधान ईश्वर सिंह रेवाडी, संयुक्त सचिव सरोज दहिया पंचकूला , कल्याण सिंह ‘भारत’ गुरूग्राम, वेद प्रकाश महेन्द्रगढ़, राजेन्द्र सिंह  सिरसा आज अपनी मांगों  को लेकर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर हैं ।

इनकी मांग है कि जब तक हरियाणा सरकार नियमित कर्मचारियों की तरह एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ को  माननीय सुप्रीम कोर्ट  स्टेट ऑफ पंजाब बनाम जगजीत सिंह के मुकदमे के निर्णयानुसार 7 वें वेतन आयोग के अनुसार विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के अनुसार  समान कार्य के लिए समान वेतन जो की 57700 रूपये और एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ के पद को रिक्त न माना जाए आदि मांगो को  लिखित रूप में लागू नहीं करती तब तक एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे ।

आज का पंचांग

🌷🌷🌷पंचांग:-🌷🌷🌷
9अक्तुबर 2018, मंगलवार

विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – दक्षिण
ऋतु – शरद
मास – आश्विन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या
नक्षत्र – हस्त
योग – ऐन्द्र
करण – नाग

राहुकाल –
3:00PM – 4:30PM

🌞सूर्योदय – 06:24 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 17:54 (चण्डीगढ़ )
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
पर्व:-
महालय श्राद्ध पितृ पक्ष समाप्त।
भौमवती अमावस्या।
🚩विशेष:-🚩
नाना नानी का श्राद्ध।
गजच्छाया योग ।
नोट:-
भौमवती अमावस्या को रात्रि में दूर्गा के 108 नाम से पूजा करने से भौतिक सुख की प्राप्ति होती है।
नवरात्र का प्रारंभ 10 अक्टूबर से ही हैं।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

चुनाव आयोग पर दलित नायक खड्गे का गुस्सा फूटा

खड्गे का फाइल फोटो


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘जो भी उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे उन्हें सिर्फ 5-6 महीने के मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के लिए चुनाव का भारी-भरकम खर्च वहन करना होगा’

आचार संहिता के बहाने अब सरकारी मशीनरी को कुछ दीं और आराम के मिल जायेंगे


कर्नाटक के 3 संसदीय क्षेत्रों में उपचुनाव की घोषणा को लेकर चुनाव आयोग कांग्रेस के निशाने पर आ गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिना राज्य सरकार को भरोसे में लिए उपचुनावों के तारीखों की घोषणा की.

उन्होंने आयोग के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा, ‘जो भी उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे उन्हें सिर्फ 5-6 महीने के मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के लिए चुनाव का भारी-भरकम खर्च वहन करना होगा.’

खड़गे ने कहा, ‘वो (चुनाव आयोग) इसे रोक सकते थे लेकिन उन्होंने पहले भी ऐसा किया है, वो जब चाहते हैं तब चुनाव की तारीखें टाल देते हैं या उसे घोषित समय से पहले कर देते हैं. कुछ क्षेत्र सूखे की चपेट में हैं, कुछ बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. अब आचार संहिता लागू हो जाने के कारण यहां किसी तरह का काम नहीं हो सकेगा.’

बता दें कि चुनाव आयोग ने शनिवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही कर्नाटक की तीन संसदीय क्षेत्रों (शिमोगा, बेल्लारी और मांडया) में भी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया था.

कर्णाटक में उपचुनावों कि घोषणा के साथ जेडीएस पर छाये चिंता के बादल

तीन लोकसभा सीटों और दो विधानसभा चुनावों पर उप चुनाव की घोषणा ने कर्नाटक की जेडीएस सरकार की परेशानी को बढ़ा दिया है. शनिवार को चुनाव आयोग ने शिमोगा, बेल्लारी और मांड्या लोकसभा सीटों और जामखंडी और रामनगर विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को चुनाव कराने की घोषणा करके राज्य सरकार को चौंका दिया है. आम चुनाव से महज चार महीने पहले होने वाले इन उपचुनावों को लेकर कांग्रेस और जेडीएस भ्रम की स्थिति में आ गई है.

क्योंकि अगले ही साल लोकसभा चुनाव होने हैं तो तीनों बड़े दल बीजेपी, जेडीएस और कांग्रेस को बिल्कुल अंदेशा भी नहीं था कि चुनाव आयोग बीएस येद्दयुरप्पा, बी श्रीमलुरु और सीएस पुत्ताराजू द्वारा छोड़ी गई इन सीटों के लिए भी उपचुनाव की तारीख तय कर देगा. कांग्रेस के विधायक सिद्धू न्यामगौड़ा की मृत्यु और मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की दो सीटों पर जीत के बाद रामनगर विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद इन सीटों में भी उपचुनाव की जरूरत पड़ी.

इन दोनों विधानसभा सीटों पर अपनी जीत को लेकर जेडीएस-कांग्रेस ज्यादा फिक्रमंद नहीं दिख रही. हालांकि आम चुनाव से महज चार महीने पहले कर्नाटक में लोकसभा की तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और जेडीएस भ्रम की स्थिति में है.

इतने कम समय के लिए चुनाव की जरुरत नहीं थी:

तीनों पार्टियों के नेताओं का कहना है कि इतने कम समय के लिए इस उपचुनाव की कोई जरूरत नहीं थी. हालांकि इनमें से दो लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं और उसने शिमोगा के लिए पहले से ही उम्मीदवार को घोषित कर रखा है. येदियुरप्पा के बेटे और पूर्व सांसद राघवेंद्र यहां से चुनाव लड़ेंगे. पार्टी ने बी श्रीरालुरु को बेल्लारी से अपनी पसंद का उम्मीदवार घोषित करने को कहा है. इसके अलावा बीजेपी मंड्या सीट पर जेडीएस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मतभेदों का फायदा उठाने की योजना बना रही है.

मांड्या सीट पर जेडीएस काबिज है, इसलिए गौड़ा ने कांग्रेस से इसे उन्हें देने के लिए कहा है. हालांकि कांग्रेस का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा है और दावा कर रहा है कि कांग्रेस की मौजूदा सांसद राम्या दिव्या स्पंदना 2014 में जेडीएस उम्मीदवार से सिर्फ 5,000 वोटों से हारी थीं.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता न कहा, ‘अगर हम जेडीएस के खिलाफ मंड्या से अपना उम्मीदवार उतारते हैं, तो गठबंधन सरकार गिर जाएगी और अगर हम जेडीएस को मंड्या में वापस लाते हैं तो हमारी पार्टी वहां पर पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. हम वहां काफी मजबूत हैं और यह हमारे लिए यह सुनहरा मौका हो सकता है.’

मंड्या से स्थानीय कांग्रेस नेता चेलुवरया स्वामी ने जिले में जेडीएस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से साफ इनकार किया है. इसके अलावा ऐसी भी खबर है कि बीजेपी उन्हें लुभाने की कोशिश कर रही है

रामनगर सीट को लेकर कांग्रेस जेडीएस में द्वंद:

स्थानीय कांग्रेस नेता कुमारस्वामी द्वारा खाली की गई रामनगर विधानसभा सीट पर भी जेडीएस के समर्थन का विरोध कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की पत्नी और पूर्व विधायक अनीता कुमारस्वामी वहां से चुनाव लड़ेंगी.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधायक लिंगप्पा का कहते हैं कि हालिया चुनाव में पार्टी को 60,000 से ज्यादा वोट मिले थे. ऐसे में पार्टी को जेडीएस के खिलाफ उम्मीदवार उतारना चाहिए.

कांग्रेस अभी भी बेल्लारी और शिमोगा लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवारों की तलाश में है. ये दोनों सीटें बीजेपी के पास हैं. इसलिए गठबंधन को दोनों सीट पर जीत हसिल करने के लिए ताकतवर उम्मीदवार उतारने की जरूरत है. हालांकि कोई भी बड़ा नेता 6 महीने से भी कम कार्यकाल के लिए इन सीटों पर लड़ने में अपनी रुचि नहीं दिखा रहा. कांग्रेस नेता ने कहा कि इतने कम कार्यकाल के लिए कौन पैसा खर्च करना चाहेगा? इसके अलावा उनकी फिक्र यह भी कि है अगर पार्टी इन सीटों पर ठीक से नहीं लड़ती है तो इसका आगामी आम चुनावों पर असर पड़ेगा.

उधर जमखंडी विधानसभा सीट को लेकर जेडीएस और कांग्रेस के बीच कोई विवाद नहीं दिखता. जेडीएस ने पिछले चुनाव में एक हज़ार से भी कम वोट पाए और कांग्रेस ने दिबंगत विधायक सिद्धू न्यामुगड़ा के बेटे आनंद नय्मुगड़ा को वहां से उतारने का फैसला किया है.

जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा और राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने कहा कि सभी मुद्दों को एक या दो दिनों में हल किया जाएगा और वे संयुक्त रूप से सभी पांच सीटों में बड़ी लड़ाई करेंगे.

40,000 people, mostly from Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and Bihar, have fled Gujarat


Gujarat Home Minister Pradeepsinh Jadeja said that the state government has asked the police to take action on anyone threatening migrant workers forcing them to flee the state.

Ahead of elections in 5 states it seems to be pretty strategic move to disturb immigrant voters in the states


Gujarat Home Minister Pradeepsinh Jadeja said that the state government has asked the police to take action on anyone threatening migrant workers forcing them to flee the state.

“Thirty-five FIRs have been lodged and the number of attacks on migrants has decreased in the last 24 hours,” Jadeja said, adding, “We appeal to people to not be frightened as we are taking appropriate actions.”

In a statement issued today, Gujarat Chief Minister Vijay Rupani assured the safety of migrant workers and promised appropriate action against those involved in attacks.

He also appealed for the unity “which is the culture and identity of Gujarat”.

Reports say that around 40,000 people, mostly from Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and Bihar, have fled Gujarat following days of violence against them by unidentified groups.

In a press conference held on Monday, Jadeja acknowledged that there have attacks on the people from the three states in the last 4-5 days adding that action has been taken against the perpetrators.

“Police are interrogating the people who have been arrested for these attacks. We have registered three cases under the IT Act for spreading hatred on social media,” Jadeja told the media.

He said that the ruling Bharatiya Janata Party (BJP) government in the state is committed to provide security to those who come to Gujarat for employment.

“We have submitted a report to the central govt regarding every incident,” the state home minister said.

Railways stations in northern parts of Gujarat witnessed crowds of migrant workers boarding trains bound for their home state to escape targeted attacks on them.

The attacks on the migrants began after a labourer from Bihar was arrested for allegedly raping a 14-month-old girl in a village in Sabarkantha district on 28 September.

Hate messages on Whatsapp were circulated calling for attacks on people from Bihar and Uttar Pradesh. Around 170 people were arrested in connection with the attacks till 6 October. Though the intensity of attacks has reduced stray incidents continue to be reported from seven districts in north Gujarat.

Bihar Chief Minister Nitish Kumar said that he had spoken to his Gujarat counterpart on Sunday.

“I spoke to Gujarat CM yesterday. We’re in touch with them. They’re monitoring situation. Those who’ve committed a crime should be punished but no bias should be harboured for others,” Kumar was quoted as saying by ANI on Monday.

In a letter written to Gujarat High Court Chief Justice R Subhash Reddy, Deputy Chief Minister Nitin Patel had requested the setting up of a special fast-track court in the case.

Addressing reporters on Saturday in Ahmedabad, Patel said, “I have written to the chief justice with request to set up a special fast-track court so that trial in rape cases at Himmatnagar (in Sabarkantha district) and Surat are held there and completed in a month or so.”

Meanwhile, the state government blamed Congress MLA Alpesh Thakor for the violence. According to reports, the toddler who was raped belonged to the Thakor community.

His group, the Thakor Sena, have been staging protests in north Gujarat demanding justice for the girl. Thakor had on Sunday called the attacks “unfortunate” and stated that his group “never advocated violence and only talked peace”.

Thakor had on 3 October announced a fast outside Ahmedabad’s Sabarmati Ashram on 8 October to seek justice

Vijayan accused the RSS of disturbing the law and order in the state by taking advantage of the SC verdict.


The National Ayyappa Devotees (Women’s) Association had challenged the earlier verdict of the apex court allowing the entry of women of all ages into the Sabarimala temple.

Hundreds of Ayyappa devotees, including women in various parts of Kerala have been protesting against the Supreme Court verdict.

Over 4000 women held protests in Kerala and demanded the Kerala government to file a review petition.


Kerala government on Monday reiterated its stand stating that it will implement the Supreme Court verdict on the entry of women in Sabarimala temple.

This comes on the heels of a review petition filed by the National Ayyappa Devotees (Women’s) Association which challenged the earlier verdict of the apex court allowing the entry of women of all ages into the Sabarimala temple.

Chief Minister Pinarayi Vijayan said filing a review petition was against the stand. He said it was the responsibility of the government to implement the verdict of the Supreme Court.

Addressing a press conference, Vijayan said it was not the policy of the government to fight with believers.

However, the chief minister said the interest of the believers will be protected and that the government was ready for a discussion.

Vijayan also accused the RSS of disturbing the law and order in the state by taking advantage of the SC verdict.

The petitioner, president of the National Ayyappa Devotees Association said the verdict cannot be a match for the voice of the people.

“The petitioners believe that no legal luminary, not even the greatest of jurists or a judge, can be a match to the common sense and wisdom of the masses. No judicial pronouncement, even of the highest judicial tribunal in this country… can be a match for ‘the voice of the people’,” the petition read.

According to a Live Law report, Shylaja Vijayan, in her petition said the petitioners in the original case before the Supreme Court were not devotees of Lord Ayyappa and hence, there was no ‘cause of action’ at all in existence for invocation of the jurisdiction of the court.

She claimed that the judgment has sent “shock waves among millions of Ayyappa devotees”.

The chief priest of the Sabarimala temple and the Pandalam palace that is closely linked to the legend of the Sabarimala deity, have decided to skip the meeting called by the chief minister to discuss the 28 September Supreme Court verdict.

Hundreds of Ayyappa devotees, including women in various parts of Kerala have been protesting against the Supreme Court verdict.

Over 4000 women held protests in Kerala and demanded the Kerala government to file a review petition.

The protests gained momentum after the Pinarayi Vijayan-led LDF government last week refused to file review petition against the Sabarimala temple verdict.

A rally ‘Ayyappa Nama Japa Yatra’ was held on Sunday at Delhi’s Jantar Mantar where the devotees protested against the top court ruling.

In a landmark judgement on September 28, a five-judge constitution bench headed by Chief Justice Dipak Misra lifted the ban on entry of women of menstrual age into the shrine.

The apex court in a 4:1 ruling, said women were equally entitled to enter and worship in the temple.

Prior to the verdict, girls below the age of 10 and women over 50 were only permitted to enter the shrine.

Jagannath Sena has made a mockery of the shrine’s sanctity


It is deeply to be regretted that Puri’s Jagannath Temple should be reduced to an object of fury on the part of devotees, aided and abetted by the servitors. Indeed, last Wednesday’s vandalism was tacitly condoned by the latter, the spirited footsoldiers of a vigorous faith and a segment that has traditionally controlled ingress and egress to the holy of holies.

Not wholly unrelated is the financial spin-off from donations. Both groups appear to have conveniently overlooked the imperative of the queue system, which is integral to the Supreme Court directive on temple reforms. The system, that was introduced last Monday, is intended to impart a scintilla of discipline at the time of entry and exit, given that hundreds of thousands visit the unique Jagannath Temple each day, where rituals are performed from 4 a.m. to midnight.

In the vicinity of the sea, the shrine shares the honour of a tourist attraction in Incredible India. The violence over queues spearheaded by a certain entity called Jagannath Sena has made a mockery of the shrine’s sanctity. A hitherto innocuous group has demonstrated its destructive potential. Ransacked was the office of the Shree Jagannath Temple Administration, the home of the Puri MLA and revenue minister, the temple’s metal barricades were dismantled, a traffic post was set on fire.

In a word, the mob smashed everything they could lay their hands on. In the event, Jagannath Temple witnessed the worst both in terms of mob fury and police action ~ lathi-charge and the firing of tear gas. Clearly, the agitators have gone on overkill in protest against an apex court order and its execution.

The extent of the mob frenzy makes it plain that a section of the devout had responded with far greater indignation than they were entitled to. Wednesday’s Puri bandh was thoroughly uncalled for. The Supreme Court’s reforms package is central to the crowd-control strategy and there can be no two opinions on maintaining discipline at the time of entry to and exit from the temple. And the judiciary’s directive will have to be adhered to. It lends no scope for mob frenzy as the seaside town suffered this week. Sad to reflect, neither the temple authorities nor the district administration could anticipate the pent-up rage of the mob over the queue system.

And yet there exist several other issues that cry out for urgent attention. Not least the system of donations that offers the pandas a 35 per cent spinoff. Small wonder there has been vehement opposition to the move to place donations in hundis.

And in the face of the 24 X 7 cordon sanitaire around the temple, the chief deterrent is arguably not the thought of queueing up, but the harassment by servitors and sevayats. No less a matter of concern is the appalling level of hygiene and sanitation within the temple complex. There are issues close to the bone that direly need to be addressed.

BrahMos Aerospace engineer arrested for leaking “technical information” to Pakistan


Nishant Agrawal was nabbed in a joint operation by the Uttar Pradesh and Maharashtra Anti-Terrorism Squads


An engineer with the BrahMos Aerospace unit near here was arrested on Monday for allegedly leaking “technical information” to Pakistan, an official said.

Nishant Agrawal was nabbed in a joint operation by the Uttar Pradesh and Maharashtra Anti-Terrorism Squads (ATS) at BrahMos’ Wardha Road facility, an ATS official said.

The engineer was living in a rented accommodation on Wardha Road since the last year, his landlord Manohar Kale said.

Mr. Kale said the police team arrived at the building at 5.30 a.m and was there till 5 p.m.

Mr. Kale said Agrawal hails from Roorkee and got married two months ago. “He was staying with his wife here and had given his Aadhaar card copy and a certificate from his employer to me while moving in,” he said.

BrahMos Aerospace was formed as a joint venture between India’s Defence Research and Development Organisation (DRDO) and the ‘Military Industrial Consortium’ ‘NPO Mashinostroyenia’ of Russia.

The company was established in India through an inter-governmental agreement signed on February 12, 1998, between India and Russia. The name BrahMos represents the fury of the Brahmaputra and the grace of the Moskva rivers

अवैध खनन के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त

पंचकूला, 8 अगस्त:
उपायुक्त श्री मुकुल कुमार ने जिला टास्क फोर्स कमेटी की आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हए कहा कि वे जिला में कहीं पर भी अवैध खनन न होने दें और इस दिशा में गठित की गई ज्वांइंट कमेटी निरंतर चैकिंग करे और यदि इस दौरान कोई अवैध खनन करता पाया जाए तो उसके खिलाफ  कार्रवाई की जाए।
उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि वे सडक़  के साथ अवैध खनन से हुए खड्डे करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करें। उन्होंने खनन विभाग के अधिकारियों को विशेष रूप से कहा कि जब भी टीम के साथ चैकिंग करने जाएं तो संबंधित एसडीएम से ताल-मेल अवश्य करें। उन्होंने निरंतर चैकिंग कर अवैध खनन पर अंकुश लगाने की दिशा में भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये।
इस अवसर पर जिला पुलिस उपायुक्त अभिषेक जोरवाल ने संबंधित अधिकारियों को परामर्श देते हुए कहा कि वे हफ्ते में तीन-चार बार चैकिंग करना सुनिश्चित करें और चैकिंग से पूर्व पुलिस विभाग को भी सूचित करें ताकि उनके साथ पुलिस फोर्स भेजी जा सके। चैकिंग के दौरान कोई भी व्यक्ति अवैध खनन करता पाया जाए तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा ने भी अवैध खनन से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर संबंधित अधिकारियों से बात-चीत की। उन्होंने विश्वास दिलाया कि उनका स्टाफ संबंधित अधिकारियों के साथ तैनात रहेगा और चैंकिंग निरंतर करनी होगी तभी हम लक्ष्य की प्राप्ति तक पहुंच सकेंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि जिन क्षेत्रों में अवैध खनन की गुंजाइश अधिक है ऐसे स्थानों का चयन कर वहां पर ज्वाइंट कमेटी अपनी नजर रखे और अवैध खनन वालों को दबोच कर कार्रवाई अमल में लाएं ।
इस अवसर पर बैठक में एसडीएम पंचकूला पंकज सेतिया, एसडीएम कालका रिचा राठी, जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्त संजीव राठी, जिला खनन अधिकारी राजीव धीमान, सिंचाई विभाग के एसडीओ दीपक, पर्यावरण विभाग की ओर से कमलजीत सहित कमेटी के अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।