कांग्रेस ने रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा

चण्डीगढ़ 31 अक्तुबर 2018
आज रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल से उत्पन्न परिस्थितियों में तुरन्त हस्तक्षेप करने बारे पूर्व मुख्य मन्त्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस के शिष्ट मण्डल द्वारा प्रदेश के महामहिम राज्यपाल की सेवा में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। कांग्रेस के शिष्ट मंडल में निम्नलिखित विधायक, पूर्व विधायक व चेयरमैन शामिल थेः-
श्री कुलदीप शर्मा पूर्व स्पीकर व विधायक, श्री श्रीकृष्ण हुड्डा विधायक, श्री आनन्द सिंह डांगी विधायक, श्रीमती गीता भुक्कल विधायक, श्री जगबीर सिंह मलिक विधायक, श्री करन सिंह दलाल विधायक, श्री जयतीर्थ दहिया विधायक, श्रीमती शकुन्तला खटक विधायक, श्री हरमोहिन्द्र सिंह चट्ठा पूर्व मन्त्री, श्री फूलचन्द मुलाना पूर्व मन्त्री, श्री निर्मल सिंह पूर्व मन्त्री, श्री भारत भूषण बतरा पूर्व विधायक, श्री चक्रवर्ति शर्मा पूर्व चेयरमैन इत्यादि। ज्ञापन की प्रति संलग्न है।

कांग्रेस सरकार आते ही रद्द होंगे 720 प्राइवेट बसों के परमिट-भूपिंदर सिंह हुड्डा 


इनेलो में चल रहे पारिवारिक विवाद पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इनलो सिर्फ पारिवारिक पार्टी है और उसके पास तो वोट भी पारिवारिक है। जल्द ही इनलो का अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा।


पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही प्राइवेट बसों के 720 परमिटों को रद्द करने का काम करेगी। प्रदेश की जनता मौजूदा सरकार की नीतियों से बेहद परेशान है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने देर शाम को कैथल में एक समारोह में शिरकत के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी हैं। प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। गुंडे सड़कों पर खुले घूम रहे हैं। आए दिन हो रही आपराधिक घटनाओं से आम आदमी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है और सरकार की मंशा कानून और व्यवस्था चुरुस्त दरुस्त करने में नहीं है। जिस प्रदेश में कानून और व्यस्था ठीक नहीं होती उस प्रदेश का विकास नहीं हो सकता।

इनेलो में चल रहे पारिवारिक विवाद पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इनलो सिर्फ पारिवारिक पार्टी है और उसके पास तो वोट भी पारिवारिक है। जल्द ही इनलो का अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा।

कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के अगले दावेदार पर पूछे जाने पर हुड्डा ने कहा कांग्रेस के अगले मुख्यमंत्री का चयन सही समय पर किया जायगा।

मुख्यमंत्री खट्टर या कोई मंत्री जनता के बीच अपना मैनिफेस्टो पढ़ कर दिखाए, एक लाख इनाम पाए : जयहिंद


मंत्री , विधायक , सांसद अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ायें और बीमारी का इलाज सरकारी हस्पतालों में कराएँ

जयहिंद ने खोला मुख्यमंत्री खट्टर व मंत्रियों का कच्चा चिट्ठा


चंडीगढ़ :

आज हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने भाजपा के चार साल के पुरे होने पर प्रेसवार्ता कर उनके कच्चे चिट्ठे खोले और कहा कि भाजपा ने अपने 4 साल में काम नही काण्ड किये है | मुख्यमंत्री खट्टर या उनकी सरकार का कोई मंत्री अपना मैनिफेस्टो जनता के बीच पढ़ के सुना दे , 1 लाख का इनाम देंगे |

जयहिंद ने कहा कि हरियाणा के अंदर चाहे स्कूलों की बात हो चाहे अस्पतालों , चाहे बिजली की , चाहे जवान की, किसान की, कर्मचारी की सब त्रस्त है इस सरकार से, अबकी बार आम आदमी इनकी सरकार उखाड़ फेंकेगा |

जयहिंद ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों व हस्पतालों की खस्ता हालत पर सरकार को घेरते हुए कहा कि मंत्री , विधायक व सांसद अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढाये व बीमारी का इलाज सरकारी हस्पतालों में कराएं |तब मंत्रियो व नेताओंको आम जनता का दुःख समझ आएगा | जयहिंद ने मुख्यमंत्री खट्टर की पोल खोलते हुए कहा कि आज तक इनता कमजोर मुख्यमंत्री हरियाणा के इतिहास में नही हुआ | न तो कानून व्यवस्था सम्भाल पा रहे है न ही अपनी कुर्सी | प्रदेश में अपराधी बेख़ौफ़ घूम रहे है | मुख्यमंत्री खुद भ्रष्टाचार में लिप्त है | महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के 40 हजार से भी ज्यादा हत्या बलात्कार, छेडछाड़ जैसी संगीन अपराधों के केस दर्ज है | सभी विभागों के कर्मचारी सडकों पर है और खुद हेलीकाप्टर में रहते है और जनता के टैक्स के पैसा बर्बाद कर रहें है | जब जनता को सुविधाए देने के लिए मांग की जाती है तो खट्टर सरकार के पास पैसे नही होते हरियाणा रोडवेज के सर्मथन में जयहिंद ने कहा कि हम रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में पहले ही कटोरा आन्दोलन शुरू कर चुके है अगर सरकार के पास रोडवेज खरीदने के पैसे नही है तो जनता से चंदा इकट्ठा करके देंगे | रोहतक व सोनीपत के जमीन घोटाले अभी तक कागजों की फाइल में दबे पड़े है | खट्टर साहब ने खुद कहा था सीबीआई जांच शुरू करवाएंगे लेकिन आज तक सीबीआई जांच शुरू नही हुई है |

जयहिंद ने कहा कि लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ भाजपा को वोट दिया था लेकिन इस सरकर ने जनता को कोई राहत नही दी | भाईचारा इन्होने खराब कर के रख दिया | दंगे-फसाद इन्होने किये | खट्टर सरकार सबसे निक्कमी व नकारा सरकार है | खट्टर सरकार ने महिलाओं के साथ अपराध, जातिवाद के जहर फ़ैलाने में , बेरोजगारी की बुलंदियों को छुआ है |

जयहिंद ने स्वास्थ्य व खेल मंत्री अनिल को घेरते हुए कहा कि इन्हें प्रदेश की समस्याओं के लिए समय नही है इसलिए राष्ट्रीय मुद्दों में व ट्विटर पर व्यस्त रहते है | रोहतक पीजीआई में न दवाइयां है न डॉक्टर है | हर जिले में एम्स खोलने की बात कर रहे थे पुरे प्रदेश में एक एम्स नही खुलवा सके | अपने नेताओं व मंत्रियों को बचाने के लिए अफसरों व कर्मचारियों को बर्खास्त करते घूमते रहे है | हर जिले में व्यायाम शाला खोलने की बात करने वाले मंत्री जी बताये की अब तक कितनी व्यायम शालाये पुरे प्रदेश में खोली है | खिलाडी जो देश –विदेश में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है उन्ही सम्मान देना तो दूर उलटे उनकी सम्मान राशि पर GST लगा उनका अपमान किया जा रहा है | खिलाडियों के खाने तक पर स्वास्थ्य मंत्री ने GST लगा दी | जकार्ता में देश का नाम रोशन करने वाले खिलाडियों को तक सम्मानित नही किया है | उससे पहले कामनवेल्थ गेम के विजाताओं को अपमानित किया गया |

जयहिंद ने अपने कच्चे चिट्ठे में वित्त मंत्री कैप्टेन अभिमन्यु को लपेटे में लेते हुए कहा कि दिल्ली से भी सस्ती बिजली के नाम पर जनता के साथ धोखा किया गया | प्रदेश को सिर्फ कर्जदार बनाया | शिक्षा के लिए नही कोई बजट सरकार के पास | वित् मंत्री जी बताये हर रोज पकड़ी जा रही अवैध शराब कोनसे नेता की है |

जयहिंद ने शिक्षा मंत्री रामबिलास पर भी आरोपों की बौछार करते हुए कहा कि प्रदेश में नये स्कूल खुलना तो दूर अब तक 800 से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद हो चुके और खुद प्राइवेट स्कूले के फीते कटते घूम रहे है | स्कूलों में न शिक्षक है न बिजली है | हम खुद सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत देख चुके है | जेबीटी टीचर , गेस्ट टीचर मुंडन करा रहे है अपनी आजीविका के लिए | शिक्षा मंत्री बताये की एजुसेट घोटाले के दोषी कहाँ है | प्राइवेट स्कूलों से हफ्ता वसूली कर उनकी मनमानी को खुद शिक्षा मंत्री सह दे रहे है |

जयहिंद ने भाजपा के किसान नेता व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगते हुए कहा कि ओम प्रकाश धनखड़ बताये कि वो स्वामीनाथन रिपोर्ट लागु करवाने के लिए दोबारा कब कपड़े उतर रहे है , अब तक कितने कुवांरों की शादी करवादी | फसल बिमा योजना के नाम पर किसानों को लूटा गया | एक रिपोर्ट के अनुसार फसल बिमा योजना में किसानों को मुआवजा कम और कम्पनी व सरकार को फायदा हुआ है |जिस गौ माता के नाम पर वोट ले कर सरकार में आये वही गौ माता सरकार के 4 साल बनने के बाद भी सडकों पर कूड़ा खा रही है | मत्स्य विभाग में भर्ती घोटाले कर अपने चहेतों को भर्ती किया गया |

जयहिंद ने कहा कि लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ भाजपा को वोट दिया था लेकिन इस सरकर ने जनता को कोई राहत नही दी | भाईचारा इन्होने खराब कर के रख दिया | दंगे-फसाद इन्होने किये | खट्टर सरकार सबसे निक्कमी व नकारा सरकार है | खट्टर सरकार ने महिलाओं के साथ अपराध, जातिवाद के जहर फ़ैलाने में , बेरोजगारी की बुलंदियों को छुआ है |

इसी में बॉक्स —–

कल हरियाणा दिवस के मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता करेंगे व उनके साथ दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया व सतेंदर जैन व हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद व पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे |

2 hcs के तबादले

हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से दो एचसीएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं।

अमृता सिंह, अतिरिक्त निदेशक(प्रशासन) तथा अतिरिक्त सचिव, उच्चतर शिक्षा, को अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी जबकि डॉ. इन्द्रजीत, संयुक्त परिवहन आयुक्त (सडक़ सुरक्षा), को संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी लगाया गया है।

सैकेण्डरी/सीनियर सैकेण्डरी वार्षिक परीक्षा मार्च-2019 के लिए बिना विलम्ब शुल्क ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करने की बढ़ाई तिथियाँ

भिवानी, 31 अक्टूबर, 2018 : आज हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह ने आज यहाँ जारी एक प्रेस वक्तव्य में बताया कि सैकेण्डरी एवं सीनियर सैकेण्डरी वार्षिक परीक्षा मार्च-2019 के लिए विद्यालयी/स्वयंपाठी/कम्पार्टमेंट/अतिरिक्त विषय/अंक सुधार की परीक्षा हेतु बिना विलम्ब शुल्क ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 07 नवंबर, 2018 निर्धारित की गई थी। इस दिन दीपावली का त्यौहार है एवं 09 से 11 नवंबर, 2018 तक राजपत्रित अवकाश है। इस संदर्भ में छात्र हित को ध्यान में रखते हुए अब बिना विलम्ब शुल्क ऑनलाईन आवेदन की तिथि 07 नवंबर, 2018 को बढ़ाकर 12 नवंबर, 2018 कर दी गई है।
इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि बिना विलम्ब शुल्क 12 नवंबर, 2018 उपरांत ऑनलाईन आवेदन 13 नवंबर, 2018 से 17 नवंबर, 2018 तक 300/- रूपये विलम्ब शुल्क सहित एवं 18 नवंबर, 2018 से 22 नवंबर, 2018 तक 1000/- रूपये विलम्ब शुल्क सहित प्राप्त किये जायेंगे।

राहुल गांधी ग्रामोफोन की तरह अटक गए हैं, लोग उनके दावों का मजाक उड़ाते हैं: मोदी


डिजिटल इंडिया का विपक्ष की आलोचना के बारे में एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग जिन जिन मुद्दों पर जोर जोर से झूठ बोलने लगे तब समझना चाहिए कि हम अपने काम में सफल रहे हैं


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दावों पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ग्रामोफोन की तरह उनकी पिन अटक गई है जिसके कारण वह ऐसी बचकानी बाते कर रहे हैं और लोग उनके दावों का मजाक उड़ाते हैं.

मोदी ने कहा कि इनको समझ नहीं आ रहा है कि वक्त बदल गया है, जनता को मूर्ख समझना बंद करें. ‘इस प्रकार की बचकानी बातें किसी के गले नहीं उतरती है और लोग मजाक उड़ाते हैं.’

बीजेपी के एक कार्यकर्ता द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी चिंता न करें. पहले ग्रामोफोन के रिकार्ड में पिन अटक जाती है तो कुछ ही शब्द बार बार सुनाई देती है. ऐसे ही कुछ लोग भी होते हैं जिनकी पिन अटक जाती है. एक ही चीज दिमाग में भर जाती है जो बार बार एक ही बात बोलते हैं. ऐसे में इन बातों का मजा उठाना चाहिए, आनंद लेना चाहिए.

मोदी ने कहा, ‘चुनाव की आपाधापी में इन चीजों का आनंद उठाएं.’

प्रधानमंत्री ने ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के तहत नरेंद्र मोदी ऐप के जरिए मछलीशहर, महासमंद, राजसमंद, सतना, बैतूल के बीजेपी कार्यकर्ताओं से संवाद के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जितना कीचड़ उछालोगे, उतना कमल खिलेगा. कांग्रेस को सच नहीं, झूठ पर भरोसा है.

सत्ता में आने पर मध्यप्रदेश में मोबाइल फोन बनाने के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष के बयान के संबंध में पूछे जाने पर मोदी ने सवाल किया, ‘मोबाइल का आविष्कार क्या 2014 के बाद हुआ था? 2014 के पहले भी मोबाइल थे, जिन लोगों ने इतने साल राज किया, उनके समय में सिर्फ दो ही मोबाइल फैक्टरियां क्यों थीं?’

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इतने साल शासन किया उनके समय में सिर्फ दो मोबाइल फैक्टरियां थी और पिछले चार सालों में 100 से ज्यादा कंपनियां मोबाइल फोन बना रही हैं.

वन रैंक, वन पेंशन लागू करने के राहुल गांधी के बयान के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ये लोग वन रैंक, वन पेंशन की बातें कर रहे हैं. दशकों से यह मामला लंबित था, तब क्यों कुछ नहीं किया. ‘जब हमने वन रैंक, वन पेंशन लागू कर दी, तब जाकर वे कह रहे हैं कि हम देंगे.’

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इतने दशकों तक इनकी सरकार रही, सेना के जवान 40 सालों से मांग कर रहे थे, उसे सुनने की फुर्सत नहीं थी. जब हमने इसे कर दिया तब परेशान हो रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में उनसे मिलने गए सेवानिवृत्त सैनिकों के एक समूह से कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस ’वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) के मु्द्दे पर किए अपने सभी वादों को पूरा करेगी. इससे पहले राहुल ने भोपाल में आयोजित कार्यकर्ता संवाद के दौरान कहा था, ‘आपके हाथ में जो मोबाइल है, वह ‘मेड इन चाइना’ है, यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो हम ‘मेड इन मध्य प्रदेश’ मोबाइल बनाएंगे.

डिजिटल इंडिया का विपक्ष की आलोचना के बारे में एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग जिन जिन मुद्दों पर जोर जोर से झूठ बोलने लगे तब समझना चाहिए कि हम अपने काम में सफल रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डिजिटल इंडिया कदम कदम पर सुदूर गांव तक लोगों की मदद को खड़ा है. डिजिटल इंडिया के माध्यम से लोगों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है.

उन्होंने कहा कि जब लोग और सरकार मिलकर काम करते हैं तभी सकारात्मक परिणाम आता है. सरकार कहती है कि पराली मत जलाओ, पराली मत जलाओ. लेकिन यह जनभागीदारी से ही संभव होगा.

गरीबी उन्मूलन के अपने सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों की सबसे बड़ी गलती यह थी कि उनके लिये गरीबी शब्द चुनावी वोट बैंक का हिस्सा थी और उनके राजनीतिक फायदे में थी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गरीब कल्याण के कार्य में जुटी है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का हमेशा से ही आग्रही रहा हूं. सरकार भी इसी दिशा में काम कर रही है.’ उन्होंने कहा कि आज कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से करोड़ों भारतीयों का न सिर्फ जीवन आसान हुआ है, बल्कि उनका भविष्य भी संवर रहा है.

मोदी ने कहा कि पहले अगर किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करनी होती थी, तो गांव में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. लेकिन आज वाई-फाई और ऑनलाइन स्टडी ने युवाओं की इस सबसे बड़ी परेशानी का हल कर दिया है.

उन्होंने कहा कि मनरेगा की योजना तो पहले से चली आ रही है. लेकिन पहले क्या होता था. अपने पैसे लेने के लिए कई-कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था. ऊपर से बिचौलिया भी कुछ पैसे मार लेता था, लेकिन आज टेक्नोलॉजी की मदद से मजदूरी आसानी से मिल जाती है. आज छात्रों के खाते में छात्रवृति पहुंच जाती है.

प्रधानमंत्री ने अपने संवाद के दौरान गुजरात में सरदार बल्लभभाई पटेल की प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित करने का उल्लेख किया और कहा कि यह उनके मन को संतोष देने वाला पल था.

मोदी ने नरेंद्र मोदी एप के जरिए पार्टी कोष में चंदा एकत्र करने के अभियान का भी जिक किया.

पटेल की मूर्ति पर मायावती ने भाजपा आरएसएस को घेरा


गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण के बाद बीएसपी प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि बीएसपी सरकार के समय बने स्मारकों को ‘फिजूलखर्ची’ बताने के लिए बीजेपी और आरएसएस को बहुजन समाज के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.


मायावती ने भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए एक बयान में कहा, लगभग तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से बनी पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ प्रतिमा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात में अनावरण के बाद बीजेपी और आरएसएस के उन सभी लोगों को बहुजन समाज के लोगों से माफी मांगनी चाहिए जो बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर सहित दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बीएसपी सरकार द्वारा लखनऊ और नोएडा में निर्मित भव्य स्थलों, स्मारको, पार्कों को फिजूलखर्ची बताकर इसकी जबर्दस्त आलोचना किया करते थे.’

बीजेपी ने पटेल को क्षेत्रवाद में बांध दिया

मायावती ने कहा, ‘वैसे तो पटेल अपनी बोल-चाल, रहन-सहन व खान-पान में पूर्ण रूप से भारतीयता व भारतीय संस्कृति की एक मिसाल थे. लेकिन उनकी भव्य प्रतिमा का नामकरण हिंदी और भारतीय संस्कृति के नजदीक होने के बजाय स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसा अंग्रेजी नाम रखना कितनी राजनीति है, यह देश की जनता अच्छी तरह से समझ रही है.’

उन्होंने कहा कि पटेल विशुद्ध रूप से भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के पोषक थे लेकिन उनकी प्रतिमा पर विदेशी निर्माण की छाप उनके समर्थकों को हमेशा सताती रहेगी. बीएसपी प्रमुख ने कहा कि आंबेडकर की तरह पटेल एक राष्ट्रीय व्यक्ति थे और उनका सम्मान भी था लेकिन बीजेपी और उसकी केंद्र सरकार ने उन्हें क्षेत्रवाद की संकीर्णता में बांध दिया है.

उन्होंने कहा कि देश की जनता यह भी नहीं समझ पा रही है कि बीजेपी को यदि वाकई पटेल के नाम पर राजनीति करने के बजाय उनसे सही मायने में लगाव होता तो गुजरात में अपने लम्बे शासन के दौरान उनकी ऐसी भव्य प्रतिमा क्यों नहीं बनाई.

तालिबानी दौर में प्रवेश कर चुकी है नक्सली विचारधारा, अपने गढ़ में सड़कों को दुश्मन मानते हैं नक्सली


दूरदर्शन कैमरापर्सन अच्युतानंद साहू की हत्या ने यहां पत्रकारों के लिए मौत का डर बहुत करीब ला दिया है- खासकर उन लोगों के लिए जो छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर से असाइनमेंट पर माओवादी युद्धक्षेत्र में जाते हैं


छत्तीसगढ़ में एक पत्रकार की हत्या नक्सलवाद और भारत सरकार के बीच चल रही लड़ाई में नया मोड़ है. कश्मीरी आतंकवादियों और उत्तर-पूर्व के विद्रोहियों के उलट छत्तीसगढ़ के माओवादियों ने कभी पत्रकारों को सीधे निशाना नहीं बनाया है- अतीत में दो उदाहरणों को छोड़कर. लेकिन मंगलवार सुबह दूरदर्शन कैमरापर्सन अच्युतानंद साहू की हत्या ने यहां पत्रकारों के लिए मौत का डर बहुत करीब ला दिया है- खासकर उन लोगों के लिए जो छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर से असाइनमेंट पर माओवादी युद्धक्षेत्र में जाते हैं. साहू के अलावा, दो पुलिसकर्मी- सब इंस्पेक्टर रूद्र प्रताप और असिस्टेंट कांस्टेबल मंगलू की मौत हो गई.

कभी वह वामपंथी चरमपंथियों (एलडब्ल्यूई) की विचारधारा ही थी, जो उन्हें दूसरे आतंकवादी गुटों से अलग करती थी, क्योंकि मीडिया में उनके खिलाफ आलोचनाओं के बावजूद अतीत में कभी भी पत्रकारों पर हमला नहीं किया गया था. नक्सल आज भी खुद को बौद्धिक रूप से सर्वश्रेष्ठ और अपनी ‘क्रांतिकारी’ विचारधारा के लिए कठोरता से प्रतिबद्ध मानते हैं.

लेकिन ऐसा लगता है कि विचारधारा का अंत हो गया है. संघर्ष क्षेत्र बस्तर पर करीबी नजर डालने पर- यह हमें दो स्थानीय पत्रकारों- नेमिचंद जैन और साई रेड्डी की याद दिलाता है, जिन्हें 2013 में माओवादियों ने बेरहमी से मार डाला था. स्थानीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों के लिए काम करने वाले संवाददाता जैन की फरवरी में सुकमा जिले के तोंगपाल में, जबकि हिंदी पत्रकार रेड्डी की दिसंबर में बीजापुर जिले के बसगुडा में हत्या की गई थी.

माओवादियों ने दावा किया था कि पत्रकारों की इसलिए हत्या की गई क्योंकि क्योंकि वे ‘पुलिस के खबरी’ थे- यह एक ऐसी सफाई है जो हमेशा एलडब्ल्यूई कैडर द्वारा दी जाती है, जब वो हमला कर किसी निर्दोष नागरिक या आदिवासी ग्रामीण की हत्या करते हैं या जन अदालत के नाम से मशहूर अपनी ‘कानून की अदालत’ में मुकदमा चलाते हैं.

साई रेड्डी के मामले में, सीपीआई (माओवादी) की दक्षिण क्षेत्रीय समिति ने दिसंबर 2013 में एक बयान जारी किया था और 51 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार की हत्या को न्यायसंगत ठहराते हुए आरोप लगाया था कि वह दक्षिण बस्तर से सीपीआई (माओवादी) का खात्मा करने के लिए पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे थे. 27 सितंबर 2017 को बीजापुर प्रेस क्लब में तीस सेकेंड की एक ऑडियो क्लिप जारी की गई थी, जिसमें एक कथित बातचीत में एक पुरुष आवाज जंगल में माओवादी घटनाओं की रिपोर्टिंग करने जाने वाले पत्रकारों को मार डालने की धमकी दे रही है. हालांकि, इस ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकी.

उस जगह का मैप जहां पत्रकार पर हमला हुआ.

दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव और दूरदर्शन के कैमरा असिस्टेंट मोर मुकुट शर्मा के अनुसार जब अच्युतानंद साहू अपने दल के साथ निलवाया जंगल में सड़क से आगे बढ़ रहे थे और अपने असाइनमेंट के सिलसिले में शूटिंग कर रहे थे, तो माओवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी.

माओवादियों और तालिबानियों में कोई फर्क नहीं है

एलडब्ल्यूई पर काम कर रहे विशेषज्ञ अब माओवादियों को तालिबान आतंकवादियों जैसा ही मानते हैं. आतंकवाद विरोधी विश्लेषक अनिल कांबोज ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया, “माओवादियों ने अपनी विचारधारा को बहुत पीछे छोड़ दिया है. वे तालिबान आतंकवादियों से अलग नहीं हैं और उन्हीं के रास्ते पर चल रहे हैं. असल में माओवादी विकास विरोधी हैं. वे चाहते हैं कि स्थानीय लोग शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, विकास और आधुनिक सुविधाओं से वंचित रहें जिससे कि वे उन पर शासन कर सकें.” वह कहते हैं, “अब माओवादी पत्रकारों को निशाना बना रहे हैं क्योंकि वे उनके खिलाफ और उनके असली मकसद के बारे में लिख रहे हैं. नक्सलियों पर सवाल उठाने वाला कोई भी शख्स उनका दुश्मन है.

सरेंडर कर चुके 28 वर्षीय माओवादी ने फ़र्स्टपोस्ट के साथ एक खास बातचीत में कहा था, ‘मुझे लगता है कि लोग धीरे-धीरे क्रांति की माओवादी विचारधारा के पीछे के झूठ को समझने लगे हैं. यह सिर्फ निर्दोषों का विनाश और हत्या है. हमारी आदिवासी आबादी नक्सली आंदोलन से कुछ हासिल नहीं कर रही है क्योंकि हम उनके द्वारा उनके छिपे मकसद के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं. अब माओवादी नेता लुटेरे बन चुके हैं.

हताशा में उठाया कदम

विशेषज्ञों के अलावा, छत्तीसगढ़ सरकार भी गहराई से महसूस करती है कि माओवादियों ने दूरदर्शन टीम पर हताशा में हमला किया है, क्योंकि वे दंतेवाड़ा जिले के पलनार गांव से 19 किमी दूर निलवाया वन क्षेत्र में सड़क निर्माण स्थल को सुरक्षा दे रहे थे. अशांत क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण की रक्षा सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.

छत्तीसगढ़ पुलिस के विशेष महानिदेशक (नक्सल विरोधी अभियान) डीएम अवस्थी कहते हैं, ‘सरकार के विकास एजेंडे को ध्यान में रखते हुए, पिछले तीन वर्षों में बस्तर में तेजी से सड़कों का निर्माण हुआ है. सुरक्षा बलों के दबाव के साथ इस फैक्टर ने माओवादियों को रक्षात्मक स्थिति में धकेल दिया है. आज का हमला हताशा की कार्रवाई है क्योंकि माओवादी सामली से निलवाया तक सड़क के निर्माण का विरोध कर रहे हैं. हमें घटनास्थल से एक पोस्टर मिला है कि जिसमें चेतावनी दी गई है कि उन लोगों को मौत की सजा दी जाती है, जो जनविरोधी काम करते हैं. उन्होंने मौके पर घेराबंदी की और पत्रकार को गोली मार दी.’

दंतेवाड़ा से जगरगुंडा (सुकमा में) की सड़क का विस्तार मौत का फंदा साबित हुआ है. यहां 2017 में भी माओवादियों ने भेज्जी और बुरकापाल में सड़क निर्माण की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों पर हमला किया गया था. जाहिर है कि पुलिस और सुरक्षा बलों के बाद, नक्सली गढ़ों में बनाई गई सड़कें माओवादियों के सबसे बड़े दुश्मन के रूप में उभरी हैं. छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में एलडब्ल्यूई कैडर ने सड़क निर्माण की रक्षा के लिए तैनात सीआरपीएफ जवानों को मार डाला है या आईईडी धमाकों से सड़कों को बर्बाद कर दिया है.

एलडब्लूई सुरक्षा बलों, उनके वाहन, सड़क निर्माण में लगे कर्मचारियों को निशाना बनाने और बस्तर डिवीजन में अशांत क्षेत्रों में निर्मित सड़कों को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में, सीआरपीएफ कर्मियों के हताहत होने की अधिकांश घटनाएं सड़क निर्माण सुरक्षा के दौरान हुई हैं.

इंजेरम-भेज्जी रोड, डोर्नपाल-जागरगुंडा रोड, बीजापुर-बसगुडा रोड इत्यादि जैसी कुछ सड़कों को ‘खूनी सड़क’ कहा जाता है क्योंकि इन सड़कों के निर्माण के दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों और मजदूरों की हत्या हुई थी. सुकमा जिले में डोर्नपाल-जागरगुंडा रोड पर सबसे अधिक मौतें हुई हैं.

‘केंद्रीय सुरक्षा बलों और पुलिस के कई जवान इंजेरम-भेज्जी रोड के 20 किलोमीटर के विस्तार में शहीद हो चुके हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस में बस्तर रेंज के महानिरीक्षक विवेकानंद कहते हैं, “सुकमा से कोंटा तक 76 किलोमीटर लंबे सीमेंट-कंक्रीट रोड का निर्माण एक दशक से अधिक समय तक लटका रहा है, जो अब पूरा हो रहा है.’

यह चुनाव ना होने देने की कोशिश भी हो सकती है

डीएम अवस्थी का कहना है, ‘आज के हमले का छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव के साथ कुछ लेना-देना नहीं है. हमले का मकसद चुनाव रोकना नहीं था, बल्कि सड़क निर्माण का विरोध करना था.’ लेकिन, बस्तर में स्थानीय लोग पुलिस के दावे को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं. एक पखवाड़ा पहले ही माओवादियों ने बस्तर में मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी जारी की थी. 27 अक्टूबर को, माओवादियों ने बीजापुर में सीआरपीएफ के माइन प्रोटेक्शन वाहन (एमपीवी) को धमाके से उड़ा दिया था, जिसमें चार सुरक्षाकर्मी मारे गए.

बस्तर में काम करने वाले एक पत्रकार नाम न छापने की शर्त के साथ कहते हैं, ‘सड़क निर्माण हमेशा एक गंभीर मुद्दा रहा है क्योंकि माओवादी पुरजोर तरीके से विकास का विरोध करते हैं और नहीं चाहते कि दूरदराज के गांवों को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण हो. इसके अलावा, माओवादी छत्तीसगढ़ में चुनाव में गड़बड़ी करना चाहते हैं. उन्होंने पहले से ही चेतावनियां जारी कर दी हैं और ग्रामीणों से 12 नवंबर के मतदान का बहिष्कार करने या नतीजे भुगतने के लिए कहा है. ऐसा पहले भी हुआ है.’

प्रतीकात्मक तस्वीर

यहां तक कि 2013 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले इंटेसिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने चेतावनी दी थी कि छत्तीसगढ़ के माओवादियों ने एलटीटीई से मानव बम बनाने के लिए प्रशिक्षण लिया है और इसका इस्तेमाल चुनाव रैलियों के दौरान राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है.

अतीत में बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करने वाले अनिल कांबोज कहते हैं, ‘चुनावों से पहले, माओवादियों ने इस तरह आईईडी विस्फोटों के माध्यम से आतंक पैदा करने और सुरक्षा बलों पर हमला कर मीडिया का ध्यान खींचने व अपनी ताकत दिखाने के लिए हमला किया है.’

सरदार पटेल की मूर्ति के लोकार्पण

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्वविक्रमी प्रतिमा का लोकार्पण किया.

उन्होंने कहा कि “ये मेरा सौभाग्य कि मुझे बतौर प्रधानमंत्री सरदार पटेल की इस प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी’ को देश को समर्पित करने का मौक़ा मिला.”

देश को एक सूत्र में बांधने वाले आज़ाद भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 143वीं जयंती है.

इस अवसर पर गुजरात के गवर्नर, सूबे के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, भाजपा के अध्यक्ष अमित भाई शाह और कुछ विदेशी अतिथि भी मौजूद थे.

सरदार पटेल की इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर है जो कि दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.

लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत सरदार पटेल की विशाल मूर्ति की डिजिटल प्रस्तुति से हुई. इसके बाद भारतीय वायु सेना के विमानों ने प्रतिमा के ऊपर से फ़्लाई पास्ट किया.

अपने भाषण से पहले नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की प्रतिमा के शिल्पकार बताये जा रहे राम सुतार और उनके पुत्र अनिल सुतार को भी मंच पर आमंत्रित किया.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत को ‘एक भारत, अखंड भारत’ बनाने का पुण्य काम किया.

अपने संबोधन की शुरुआत नरेंद्र मोदी ने दो नारों के साथ की. उन्होंने कहा, “मैं बोलूंगा सरदार पटेल और आप मेरे साथ बोलेंगे अमर रहें.”

इसके बाद उन्होंने कहा, “देश की एकता, जिंदाबाद-जिंदाबाद.”

विरोध प्रदर्शन

लेकिन आज भी इस इलाके के कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. भारतीय ट्राइबल पार्टी और भिलीस्तान टाइगर सेना के कार्यकर्ताओं ने डेडियापाडा-राजपिपला सड़क मार्ग को ब्लॉक कर दिया.

ट्राइबल नेता प्रफ़ुल्ल वसावा ने बीबीसी को बताया, “स्टैच्यू के आस-पास के इलाक़ों में बुलाया गया बंद कामयाब रहा है. हमने आसमान में काले गुब्बारे छोड़कर अपना विरोध दर्ज किया है.”

डेडियापाडा के एक किसान गुरजी गुलाबसिंह ने कहा कि उन्हें तो पास के डैम से पानी तक नहीं मिलता. आम जीवन जीना मुश्किल होता है. क्योंकि हम खेतीबाड़ी के लिए बारिश पर निर्भर हैं.

पढ़िए, नरेंद्र मोदी के भाषण की मुख्य बातें:

  • नर्मदा नदी के किनारे पर खड़े होकर मुझे ये कहने में बहुत गर्व हो रहा है कि आज पूरा देश सरदार पटेल की स्मृति में राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है.
  • भारत सरकार ने भारत के स्वर्णिम पुत्र को सम्मान देने का काम किया है.
  • हम आजादी के इतने साल तक एक अधूरापन लेकर चल रहे थे, लेकिन आज भारत के वर्तमान ने सरदार के विराट व्यक्तित्व को उजागर करने का काम किया है. आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तो ये काम भविष्य के लिए प्रेरणा का आधार है.
  • इस प्रतिमा को बनाने के लिए हमने हर किसान के घर से लोहा और मिट्टी ली. इस योगदान को देश याद रखेगा.
  • किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं, जब वो पूर्णता का अहसास कराते हैं. आज वही पल है जो देश के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है, जिसे मिटा पाना मुश्किल है.
  • सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब माँ भारती साढ़े 500 से ज़्यादा रियासतों में बंटी थी. दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी. निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा.
  • सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था.
  • कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से है. ये उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है.

Image result for सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति का अनावरण

  • सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता.
  • सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.
  • ये प्रतिमा, सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और परमार्थ की भावना का प्रकटीकरण है.
  • ये प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को ये याद दिलाने के लिए है कि ये राष्ट्र शाश्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहेगा.
  • प्रतिमा की ये ऊंचाई, ये बुलंदी भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है, जो इतनी ही विराट हैं. इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य और मंत्र सिर्फ और सिर्फ एक ही है- ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’.
  • स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकि सामर्थ्य का भी प्रतीक है. बीते क़रीब साढ़े तीन वर्षों में हर रोज़ कामगारों ने, शिल्पकारों ने मिशन मोड पर काम किया है. राम सुतार जी की अगुवाई में देश के अद्भुत शिल्पकारों की टीम ने कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है.
  • आज जो ये सफ़र एक पड़ाव तक पहुँचा है, उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरू हुई थी. 31 अक्तूबर 2010 को गुजरात के अहमदाबाद शहर में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था.
  • जब ये कल्पना मन में चल रही थी, तब मैं सोच रहा था कि यहां कोई ऐसा पहाड़ मिल जाए जिसे तराशकर मूर्ति बना दी जाए. लेकिन वो संभव नहीं हो पाया, फिर इस रूप की कल्पना की गई.
  • सतपुड़ा और विंध्य के इस अंचल में बसे आप सभी जनों को प्रकृति ने जो कुछ भी सौंपा है, वो अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है.
  • देश ने जिन जंगलों के बारे में कविताओं के ज़रिए पढ़ा, अब उन जंगलों, उन आदिवासी परंपराओं से पूरी दुनिया प्रत्यक्ष साक्षात्कार करने वाली है.
  • सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर बांध, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे.
  • कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूँ, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं. सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है. ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है.
  • आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति हमारे पास है. देश के विकास के लिए, यही एक रास्ता है, जिसको लेकर हमें आगे बढ़ना है.
  • देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना, एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार साहब हमें देकर गए हैं.
  • हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरज़ोर जवाब दें. इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है. समाज के तौर पर एकजुट रहना है.

India moves up to 77th rank in Ease of Doing Business Index


It was ranked 100 last year and 130 in 2016 and 2015. When Modi government took over in 2014, it was ranked 142 among 190 nations.


Curtsy “The Hindu”

India jumped 23 ranks in the World Bank’s Ease of Doing Business Index 2018 to 77. It ranked 100 in the 2017 report.

The Index ranks 190 countries across 10 indicators ranged across the life cycle of a business from ‘starting a business’ to ‘resolving insolvency’.

“India’s strong reform agenda to improve the business climate for small and medium enterprises is bearing fruit. It is also reflected in the government’s strong commitment to broaden the business reforms agenda at the state and now even at the district level,” said Junaid Ahmad, World Bank Country Director in India in a press release. “Going forward, a continuation of this effort will help India maintain its goal of strong and sustained economic growth and we look forward to recording these successes in the years ahead.”

Source: Indian Govt

“The improvement in rankings is excellent news for India, and good news for the business community,” Commerce Minister Suresh Prabhu said at a press conference. “I’m sure we will continue to improve it more and more.”

Mr. Prabhu said that there were several initiatives by the government in the works that would further ease doing business, such as enabling export and import using only a mobile phone.

“The government will get out of business and allow people to conduct their business,” the Commerce Minister added.

Finance Minister Arun Jaitley pointed out that, since the World Bank sets May 1 as the deadline for measurement, there are several initiatives taken by the government that will only reflect in next year’s rankings including the effects of the Insolvency and Bankruptcy Code and the full effect of the Goods and Services Tax.

He noted that, despite the sharp improvement India has made in several of the categories in the Index, there were others such as registering a property, starting a business, taxation, insolvency, and enforcing a contract where a lot of work still needs to be done.

Photo: Twitter/@wb_research

“During the past year, India made Starting a Business easier by fully integrating multiple application forms into a general incorporation form,” the World Bank said in a release. “India also replaced the value added tax with the Goods and Services Tax (GST) for which the registration process is faster in both Delhi and Mumbai, the two cities measured by the Doing Business report. In addition, Mumbai abolished the practice of site inspections for registering companies under the Shops and Establishments Act. As a result, the time to start a business has been halved to 16 days, from 30 days.”

India moved from rank 184 in 2014 to 52 in 2018 in the construction permits category, 137 to 24 in getting electricity, 126 to 80 in trading across borders, 156 to 121 in paying taxes, 137 to 108 in resolving Insolvency, 186 to 163 in enforcing contracts, 158 to 137 in starting a business, and 36 to 22 in getting credit.

“The upward movement in India’s ranking is as expected,” Vishwas Udgirkar, Partner, Deloitte India said in a note. “This has been on back of overall reforms driven by the government, and to a large extent, use of digital and technology leading to process improvement. The country is on the right track in adopting technology and innovations in business processes. Government efforts to this end are laudable. Government’s thrust on infrastructure development to promote trade and business, especially logistics and supply chain centred initiatives, as also overall fiscal reforms including bankruptcy code, are showing results.”