सरकार ने भीमा कोरेगांव में किसी तीसरे का हाथ होने की आशंका जताई


भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के लिए फरवरी में कमीशन को स्थापित किया गया था और बुधवार से मुंबई में इसकी सुनवाई शुरु हुई. इसकी सुनवाई पुणे में भी होगी


राज्य सरकार के स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर ने भीमा कोरेगांव हिंसा में पूछताछ कर रहे आयोग के सामने दावा किया कि 1 जनवरी को हुई घटना किसी ‘तीसरे ग्रुप’ ने ‘अराजकता फैलाने’ के लिए किया हो सकता है. 44 वर्षीय मनीषा खोपकर पर हिंसा के दौरान हमला हुआ था. मनीषा ने आयोग को बताया कि एक ग्रुप ने उनपर पत्थरों से हमला किया था. और भगवा झंडे लिए लड़के मोटरसाइकिलों पर नारे लगाते हुए वहां से निकल गए.

समस्त हिंदू अघादी नेता मिलिंद एकबोट और श्री शिव प्रतिस्ठान हिंदुस्तान नेता संभाजी भिड़े के खिलाफ शिक्रपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. 1 जनवरी को कोरेगांव की लड़ाई में शहीदों की 200 वीं वर्षगांठ के समय इकट्ठा हुए लोगों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने में उन लोगों की भूमिका की जांच की जाएगी. पुणे पुलिस ने पिछले साल 31 दिसंबर को शनिवार वाडा में आयोजित एल्गार परिषद के आयोजकों और प्रतिभागियों को भी नामजद किया है और आरोप लगाया कि उनके उत्तेजक भाषणों की वजह से ही हिंसा भड़की.

गवाहों से पूछताछ शुरु:

मनीषा खोपकर से जब ये पूछा गया कि, ‘क्या यह संभव है कि दोनों समूहों के बीच में गलतफहमी और हिंसा बढ़ाने के मकसद से किसी ने ये काम किया हो?’ इसके जवाब में खोपकर ने कहा कि वह किसी पर आरोप नहीं लगा रही हैं. हालांकि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जे एन पटेल ने कहा कि सवाल ‘कल्पित’ था. लेकिन हिरय ने कहा कि गवाह से सवाल पूछा गया क्योंकि उन्हें ‘विचारधारा’ का अर्थ पता है. किसी तीसरे पक्ष की संलिप्तता के बारे में सवाल पूछने से पहले मनीषा से पूछा गया था कि क्या वो विचारधारा का अर्थ समझती हैं. इसके बाद हिरय ने लिखा कि हिंसा के पीछे ‘अलग विचारधारा’ के तीसरे समूह की संभावना थी.

 

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक हिरय ने गवाह से कोरेगांव की लड़ाई के इतिहास के बारे में भी सवाल किया और पूछा कि क्या उनके पास इसके बारे में कोई लिखित सबूत है. खोपकर ने कहा कि पेशवा के खिलाफ लड़ाई में महारों की जीत का इतिहास उन्होंने अपने माता-पिता से सुना था. इसके बात हिरय ने खोपकर से 2014-15 में उनके खिलाफ चेक-बाउंसिंग के तीन लंबित मामलों को दिखाया. साथ ही उन्होंने खोपकर से उनके इस दावे के बारे में भी सवाल किया कि 1 जनवरी को दुश्मनों द्वारा उन्हें और दूसरे लोगों पर भीड़ द्वारा जातिवादी टिप्पणी की गई थी पुलिस ने उनके इस आरोप ध्यान नहीं दिया. एकतरफ जहां हिरय ने दावा किया कि वह झूठ बोल रही हैं. वहीं खोपकर ने कहा कि उन्होंने पुलिस को इसके बारे में बताया पर पुलिस ने इसे दर्ज नहीं किया था.

गुरुवार को एक और गवाह, तुकाराम गावड़े को भी पेश किया गया. कमीशन के वकील आशीष सतपूते द्वारा सवाल पूछने पर गावड़े ने कहा कि वह 2006 में राज्य और मुंबई पुलिस में अस्सिटेंट इंस्पेकटर के रूप में रिटायर हुए थे. उन्होंने कहा कि वो इसके पहले चार पांच बार भीम कोरेगांव का दौरा कर चुके थे. और 200वीं वर्षगांठ के समय वो एक बड़े समूह के साथ गए थे.

कमीशन को फरवरी में स्थापित किया गया था और बुधवार से मुंबई में इसकी सुनवाई शुरु हुई. इसकी सुनवाई पुणे में भी होगी.

मुलायम से भी नहीं संभली घर की तकरार, शिवपाल की नयी पार्टी अक्तूबर में


अब तक शिवपाल यादव मुलायम सिंह के साथ शांति वार्ता कर रहे थे लेकिन लगता है कि इनके बीच बात बनी नहीं है


समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर चुके शिवपाल यादव अब आखिरकार अक्टूबर के मध्य में लॉन्च करेंगे. अब तक वो यादव परिवार के साथ शांति वार्ता कर रहे थे लेकिन लगता है कि इनके बीच बात बनी नहीं है.

सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश राजनीति के यादव परिवार में शांति वार्ता पर बात बन नहीं पाई है और शिवपाल सिंह यादव आखिरकार अपनी नई पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा अक्टूबर में लॉन्च कर देंगे.

शिवपाल यादव ने कुछ दिनों पहले ही अपनी नई पॉलिटिकल पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नाम की घोषणा की थी और उन सभी को अपनी पार्टी जॉइन करने का न्योता भेजा था, जिन्हें लगता है कि समाजवादी पार्टी में उन्हें सम्मान नहीं मिलता.

इसके बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि शिवपाल के इस घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और मार्गदर्शक मुलायम सिंह यादव ने उनसे बातचीत कर मामला सुलझाने की कोशिश की. वो चाहते थे कि उनके भाई शिवपाल और बेटे अखिलेश यादव के बीच का विवाद खत्म हो जाए. हालांकि, लगता है कि ये दोनों नेता ही झुकने के मूड में नहीं हैं. कहा जा रहा है कि शिवपाल सिंह ने शर्त रखी है कि वो पार्टी में तभी रुकेंगे जब उनको और उनके साथियों को पार्टी में समुचित आदर मिलेगा.

खबर थी कि जब शिवपाल यादव ने अपने पार्टी के नाम की घोषणा की थी, उस वक्त ये खबर भी आई थी कि उन्होंने खुद मुलायम सिंह यादव तक इसमें शामिल होने का न्योता दिया था, जिसे मुलायम ने नकार दिया था. उधर लग रहा है कि अखिलेश यादव भी इस मामले को पूरी तरह से सुलटाने के मूड में हैं.

शिवपाल सिंह ने भी गुरुवार को ऐसी बात कही, जिससे लगता है कि अब वो पीछे मुड़कर देखने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी नई राजनीतिक पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाएंगी. हम बीजेपी के खिलाफ सेक्युलर मोर्चे को मजबूत करेंगे.

शिवपाल धड़े के सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस नई पार्टी को मैदान में ले जाने की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. नामों पर चर्चा की जा रही है और जल्दी ही पार्टी के लिए प्रवक्ता चुन लिए जाएंगे. अक्टूबर के मध्य तक रजिस्ट्रेशन तक का काम पूरा कर लिया जाएगा.

हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता इन खबरों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे और यादव परिवार भी हाथ खड़े कर चुका लगता है, ऐसे में इस डेवलपमेंट से बीजेपी को काफी खुशी होगी. इस सबमें सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को पहुंचेगा.

Akali and BJP workers were not allowed to file their nominations at Ferozepur

Ferozepur, September 7, 2018:  On the last day, the Akali and BJP workers were not allowed to file their nominations as a candidate for the Zila Parishad and Panchayat elections to be held on September 2018.

In Ferozepur also, there had been the tense situation at Mamdot and local Ferozepur over restricting the Akali and BJP workers to file the nominations on the last day.  Both these stations were virtually converted into cantonment with the deployment of heavy force as the Akali workers led by Nony Mann, Incharge Akali Dal Guruharsahai had sit on dharna in front of the DC and SSP Office.

Davinder Bajaj, District President BJP said, the BJP workers were not allowed to enter the DC office filing the nominations.  He said we were asked to come from the back gate and enter one by one.  When we entered the office, we saw hundreds of Congress were already there.  None of our workers could file the nominations.

While in Moga district at Dharamkot, there had been an incident of firing over the filing of nomination injuring one Congress worker.  Congress workers have alleged that there was a firing by the Akali workers, in Khanna also the office of BDPO was captured by the Akali leaders over the non-issue of NOCs.

No Visa will be required to visit Gurdwara Sahib –Fawad Chaudhry

Sidhu among Punjabis and specially Sikhs hail Imran Govt’s decision

Islam abaad, September 7, 2018 : Pakistan has decided to provide temporary corridor to Gurdwara Kartarpur Sahib for Sikh pilgrims from across the border from India. There will no visa for this visit .

Information Minister of Pakistan Fawad Chaudhry  disclosing this decision of the state govt stated “Pakistan is soon allowing Sikh pilgrims from across the border to travel to Pakistan to vist Gurdwara Darbar Sahib Kartarpur via the Kartar Singh border without having to obtain a visa.”

Talking to BBC Urdu Fawad Chaudhry  “A system has been formulated for the pilgrims entering Pakistan,” he informed.

“As soon as he was elected prime minister, Imran invited Indian cricketers. In his first speech, the prime minister said that we will take two steps forward in response to one step from New Delhi,” he said. Chaudhry further added that the prime minister has also spoken with his Indian counterpart.

He also disclosed that the Pakistan  government and the military are determined to hold talks with India for regional stability and peace.

Punjab cabinet minister  Navjot Sidhu not only welcomed the decision but thanked Imran Khan for this goodwill gesture .

Most of the  Punjabis  and especially Sikhs have hailed the development .

There is no offical intimation from the Indian Governement so far.

आज का राशिफल

🌷आज का राशिफल🌷
卐 गं गणपतये नमः 卐

 

 

टिप्स फॉर 07-09-2018 शुक्रवार हमारी हर टिप्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करे सबका मंगल हो

 

*आज गंड मुला योग – भद्रा योग – प्रदोष व्रत – परिघ योग – अजा एकादशी पारण – तिथि कृष्ण द्वादशी और पुष्य और अश्लेशा नक्षत्र…

आज के योग के अनुसार आज शुक्रवार और प्रदोष व्रत का उत्तम संयोग तो आज शाम संध्या समय पर शिवलिंग का यथा शक्ति पूजन करे और आखिर में शिव तांडव स्तोत्र का पाठ जरुर करे …

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ अघोराय नमः यह मंत्र २१ बार लिख ( हो शके तो 108 बार लिखे )

आज क्या करे – आज किसी भी प्रकार के नए कार्य की शुरुआत कर शकते हे, ट्रावेल करे, धार्मिक कार्य करने के ये आज उत्तम समय …

आज क्या ना करे – आज किसी से भी वाद विवाद ना करे, नहीं कोई भी प्रकार की नेगेटिव एक्टिविटी करे …

आज कहा जाना शुभ रहेगा – आज कोई भी धार्मिक स्थल की मुलाक़ात लेना उत्तम रहेगा …

आज सुबह 11 बजे से 1 बजे के बिच कोई भी शुभ कार्य ना करे

भोजन उपाय – आज पंचामृत का सेवन जरुर करे

दान पुण्य उपाय – आज माता महालक्ष्मी के मंदिर में इत्र भेट करे …

वस्त्र उपाय – आज सफ़ेद वस्त्र धारण करे परन्तु लाल कलर के वस्त्रो से परहेज करे

वास्तु उपाय – आज शाम घर में गुगुल और कपूर का धुप जरुर करे

सावधानी रक्खे – आज के ग्रहों के अनुसार आज जिन्हें शर्दी खासी रोग की शिकायत ज्यादा रहती हे या फिर इससे जुडी कोई भी परेशानी ज्यादा रहती या ऐसी कोई भी समस्या से पीड़ित है वो आज अपने व्यवहार में एवं तामसी खान पान में सावधानी बरतें और ध्यान जरुर करे

07 सितम्बर जिनका जन्म दिन हे और जिनकी शादी की सालगिरह हे वो आज माता महालक्ष्मी के मंदिर में श्रीफल और गुलाब के पुष्प भेट करे ..

#₹#₹#ॐनमःशिवाय#₹#₹#

आज का राशिफल

दिनाँक 7/9/2018

मेष राशि वालों आज का दिन थोड़ा खुशनुमा और थोड़ा निराशा से भरा होगा। अपनी हेल्थ का थोड़ा ध्यान रखें। जो भी काम हाथ में ले, जिम्मेदारी से समय पर पूरा करें। बच्चे अपने जीवन में आगे बढ़ेंगे, बच्चों की चिंता कम होगी।
शुभ रंग- नीला शुभ नंबर- 6

वृष राशि वालों आज आप आप अपने काम में व्यस्त रहेंगे, इसलिए शायद थोड़ा चिढ़चिढे रहेंगे लेकिन काम का बोझ कम होते ही आपका मूड ठीक हो जाएगा। बच्चों के मान-सम्मान मिलने से आप खुश हो जाएंगे। घर या ज़मीन खरीदने का सोच रहे हैं तो थोड़ा रुक जाएं।
शुभ रंग- मेरुन शुभ नंबर- 7

मिथुन राशि वालों आज भाई बहनों से रिलेशन्स और भी मजबूत होंगे। सोसायटी में आपके काम की तारीफ होगी। यारों से आपकी दोस्ती और भी गहरी और मजबूत होगी। प्रेमी से भी नजदीकियां बढेंगी।
शुभ रंग- पीला शुभ नंबर- 9

कर्क राशि वालों आज सफलता आपके कदम चूमेगी। आपके किसी भी काम में कोई बाधा नहीं आएगी। इस राशि के लोगों की आर्थिक स्थिति बढ़ते दिनों अच्छी होगी। घर खरीदने के लिए अच्छा अवसर है। इस राशि के लोगों की किस्मत के दरवाजे खुले हैं। कारोबारी ट्रिप लाभदायक होगी। आपको शुभ फल प्राप्त होगा।
शुभ रंग- लाल शुभ नंबर- 5

सिंह राशि वालों आज का दिन आपके लिए बहुत ही शुभ है। समाज में आपका रुतबा बढ़ेगा। इस राशि के कलाकारों को कोई पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है। आपके काम से पूरे परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।
शुभ रंग- ग्रे शुभ नंबर- 4

कन्या राशि वालों आज समाज में आपकी पद अच्छी रहेगी, आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। स्टूडेंट्स को अपने भविष्य की चिंता बनी रहेगी। आज घर में पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान रखना होगा। किसी बुजुर्ग को पीला वस्त्र गिफ्ट करें, बिज़नेस में फायदा होगा।
शुभ रंग- नारंगी शुभ नंबर- 5

तुला राशि वालों आज आपके परिवार में खुशहाली आएगी। जिससे आपको तनाव से मुक्ति मिलेगी। आज आप ज़मीन-जायदाद में निवेश कर सकते हैं। बिजनेस प्रगति की ओर बढ़ रहा है। दोस्तों से मोरल और इमोश्नल सपोर्ट मिल सकता है
शुभ रंग- पिंक शुभ नंबर- 2

वृश्चिक राशि वालों आज फ्रेंड्स के साथ एक अच्छा समय बिताएंगे। आज किसी प्रॉपर्टी के पेपर पर साईन करने से पहले उन्हें अच्छी तरह पढ़ लें। आप अपने प्रेमी के साथ कहीं घूमने के लिए बाहर जा सकते हैं। जीवनसाथी के साथ यादगार पल बिताएंगे।
शुभ रंग- क्रीम शुभ नंबर- 8

धनु राशि वालों आज का दिन आपके लिए ढेर सारे शुभ फल लेकर आया है। आज आपको कोई बहुत ही अच्छी न्यूज़ मिलने वाली है। आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी। बिजनेस के सिलसिले में किसी इंपोरटेंट व्यक्ति से मुलाकात होगी। इस राशि की लड़कियां सामाजिक काम को करने में दिलचस्पी रखेंगे।
शुभ रंग- सिल्वर शुभ नंबर- 7

मकर राशि वालों आज आपके लिए परिश्रम का दिन है, अधिक मेहनत करनी पड़ेगी जो आपको भविष्य में फायदा दिलाएगी। आप बच्चों के काम से संतुष्ट होंगे। आज बिज़नेस में कुछ नुकसान हो सकता है। बिज़नेस से जुड़े फैसले सोच समझकर लें। ऐसा करने से नुकसान से बच सकते हैं।
शुभ रंग- बैंगनी शुभ नंबर- 3

कुम्भ राशि वालों आज आपको बिज़नेस में नए प्रपोजल मिलेंगे जो आगे चलकर आपको बहुत बेनीफिट देने वाले होंगे। आपका फ्रेंड सर्किल बढ़ेगा। आज आप घर के डेकोरेशन के लिए शॉपिंग करेंगे। दोस्तों से मुलाकात होगी लेकिन पड़ोसियों के साथ बातचीत के दौरान सावधानी बरतें।
शुभ रंग- बैंगनी शुभ नंबर- 9

मीन राशि वालों आज आपको नई नौकरी मिलने का योग है। आज आपका बिज़नेस भी बढ़ेगा। आपका व्यवहार बहुत ही मधुर रहेगा। शाम का वक्त दोस्तों के बीच गुजरेगा। विचार और योजनाओं को खुलकर सामने रखें। इस राशि के व्यापारियों के व्यावसायिक क्षेत्रों में धन प्राप्ति के संकेत हैं।
शुभ रंग- क्रीम शुभ नंबर- 5

आज का पांचांग

🌷🌷🌷पंचांग🌷🌷🌷
07 सितम्बर 2018, शुक्रवार

विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – उत्तर
ऋतु – शरद
मास – भाद्रपद
पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वादशी
नक्षत्र – पुष्य
योग – परिध
करण – तैतिल

राहुकाल:-
10:30 AM – 12:00 PM

🌞सूर्योदय – 06:06 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 18:35 (चण्डीगढ)
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
🚩व्रत -🚩
प्रदोष व्रत।

🚩पर्व -🚩
पर्युषण पर्व (जैन)।

🚩दिवस -🚩
डी सेंट.टाइट पश्चिमी महोत्सव

🌹🌹🌹विशेष -🌹🌹🌹
त्रयोदशी तिथि क्षय।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
चोघड़िया मुहूर्त- एक दिन में सात प्रकार के चोघड़िया मुहूर्त आते हैं, जिनमें से तीन शुभ और तीन अशुभ व एक तटस्थ माने जाते हैं। इनकी गुजरात में अधिक मान्यता है। नए कार्य शुभ चोघड़िया मुहूर्त में प्रारंभ करने चाहिएः-
दिन का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
लाभ 07:36 09:11 शुभ
अमृत 09:11 10:45 शुभ
शुभ 12:19 13:53 शुभ
रात्रि का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
लाभ 21:28 22:54 शुभ
शुभ 00:18 01:44 शुभ
अमृत 01:44 03:10 शुभ

स्वर्णों के लिए कांग्रेस ओर भाजपा एक समान


स्वर्णों ने दिग्विजय को सत्ताच्युत किया था अब शिवराज उर्फ भाजपा की बारी है , नोटा की तैयारी है

स्वर्णों को अपनी मलकीयत समझने वाली भाजपा ने अपना जनाधार खो दिया 


मध्यप्रदेश में सवर्ण समाज द्वारा बुलाया गया भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला. चंबल संभाग में सवर्णों ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया. एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ हुए इस बंद की सबसे ज्यादा हलचल भारतीय जनता पार्टी में देखी गई. भिंड में बीजेपी विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह के पुत्र पुष्पेन्द्र सिंह बंद को सफल बनाने के लिए सवर्ण समाज के साथ सड़क पर उतर आए. रैली निकालने की कोशिश में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

वहीं रीवा में वरिष्ठ नेता लक्ष्मण तिवारी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. बंद की व्यापक सफलता को भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है. राज्य में सवर्णों की नाराजगी को उभारने के पीछे पार्टी के असंतुष्टों का हाथ भी देखा जा रहा है. दो माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में सवर्ण आक्रोश का असर देखने को मिल सकता है. प्रदेश में सवर्णों ने सड़क पर अपनी ताकत का प्रदर्शन पहली बार किया है. लेकिन,2003 के विधानसभा चुनाव में वह अपने वोट से तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को वनवास दे चुकी है.

शिवराज को याद आया राजधर्म कहा, वंचित वर्ग उनकी प्राथमिकता में है

शिव राज कुर्सी की राजनीति में मई के लाल को भूल बैठे

2 अप्रैल के दलित आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा को देखते हुए ग्वालियर-चंबल संभाग में सुरक्षा के बड़े पैमान पर इंतजाम किए गए थे. इस संभाग के अशोकनगर, गुना, भिंड और मुरैना में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की छिटपुट घटनाएं हुईं. अशोकनगर में प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरी पर बैठकर पटरी जाम करने की कोशिश की. जबलुपर में भी इस तरह की कोशिश सफल नहीं हुई.

उज्जैन जिले में दो वर्ग जरूर आमने-सामने आ गए. राज्य के गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह लगातार हालात पर नजर रखे हुए थे. प्रदर्शनकारियों ने भूपेन्द्र सिंह के बंगले का भी घेराव किया गया था. गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि बंद के दौरान कोई अप्रिय स्थिति कही निर्मित नहीं हुई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी जनआशीर्वाद यात्रा के तहत खंडवा जिले में सभाएं कर रहे थे. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान भी कोई व्यधान की घटना नहीं है. सीएम के यात्रा मार्ग पर सवर्णों ने अपने घर पर एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ बैनर लगा रखे थे.

कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मैहर में परिवर्तन रैली कर रहे थे. वहां भी सभा और रोड शो में सवर्णों के बंद का असर नहीं दिखा. एट्रोसिटी एक्ट का सवर्णों द्वारा किए जा रहे विरोध के बारे में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया.

उन्होंने कहा कि सबके मन की बात सुनकर, सबके हित की बात की जाएगी. जब उनसे माई के लाल वाले बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि संबल योजना हर वर्ग के लिए है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे राजधर्म का पालन करेंगे. वहीं भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान ने विट्टन मार्केट स्थित अपनी फूलों की दुकान भी नहीं खोली. बुधवार को दमोह में सवर्णों की नाराजगी का शिकार हुए प्रहलाद पटेल ने सफल बंद के बाद कहा कि जरूरी हुआ तो कानून में संशोधन किया जाएगा.

पुलिस के लचीले रवैये के कारण बनी रही शांति

भारत बंद के आह्वान के चलते सीबीएसई और एमपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में छुट्टी का एलान कर दिया गया था. कॉलेज भी बंद रहे. बंद के चलते राज्य के तीस से अधिक जिलों में धारा 144 लागू की गई थी. इसके बाद भी कई स्थानों पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर दिखाई दिए. जलूस की शक्ल में अधिकारियों को ज्ञापन देने गए. पुलिस प्रशासन को डर इस बात का था कि यदि प्रदर्शनकारियों पर किसी तरह का बल प्रयोग किया गया तो पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर हिंसा फैल सकती है. इंटेलिजेंस इनपुट यह भी था कि भीम अर्मी प्रतिक्रिया स्वरूप सड़कों पर आ सकती है. इस कारण पुलिस ने प्रदेश भर में अंबेडकर प्रतिमा की सुरक्षा बढ़ा दी थी.

पुलिस बल में भी आंदोलन को लेकर दो विचार धाराएं देखने को मिल रही थीं. राज्य के मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा के दौरान इस बात की ओर इशारा करते हुए पुलिस अधीक्षकों से कहा था कि प्राथमिकता कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने में दी जाना चाहिए. शहडोल की घटना को पुलिस बल में विपरीत विचारधाराओं के टकराव के तौर पर देखा जा रहा है.

शहडोल में धारा 144 लागू नहीं थे. लोग गांधी चौक पर जमा थे. अचानक लाठी चार्ज हो गया. शहडोल एसपी कुमार सौरभ पर इरादतना हिंसा फैलाने के उद्देश्य से लाठी चार्ज कर गायब हो जाने का आरोप सपाक्स ने लगाया है. शहडोल एसपी हटाए जाने की मांग को लेकर सवर्ण समाज के लोगों ने नेशनल हाईवे जाम कर दिया. कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने मामले की जांच मजिस्ट्रेट से कराने का आश्वासन दिया. इसके बाद ही स्थिति कुछ सामान्य हुई.

2003 में दिग्विजय सिंह को सत्ता से बाहर करने में थी सवर्णों की भूमिका

मई के लालों ही ने डिग्गी राजा को सत्ता से बाहर किया था

वर्ष 1998 में लगातार दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में राज्य में लगातार दूसरी बार कांग्रेसी सरकार बनी थी. सरकार बनने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपनी सरकार की नीतियों के जरिए सवर्णों की उपेक्षा करना शुरू कर दिया था. वर्ष 2000 तक छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश का ही हिस्सा था. राज्य में विधानसभा की कुल 320 सीटें थीं. इसमें 75 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित थीं. कुल 43 सीटें दलित वर्ग के लिए आरक्षित. 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत की बड़ी वजह आरक्षित सीटों को ही माना जाता था. दिग्विजय सिंह ने वर्ष 2003 के चुनाव का एजेंडा 1998 के नतीजों के बाद से ही तय करना शुरू कर दिया था.

दलित एजेंडा के जरिए उन्होंने सवर्णों के एकाधिकार को समाप्त करने की सरकारी कोशिश तेज कर दी थी. सरकारी सप्लाई और सरकारी ठेके देने में भी आरक्षण लागू कर दिया था. यह व्यवस्था अभी भी जारी है. दिग्विजय सिंह निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करना चाहते थे. संवैधानिक मजबूरियों के चलते वे इसे लागू नहीं कर पाए थे. दिग्विजय सिंह को अपने दलित एजेंडा पर इतना भरोसा था कि उन्होंने एक कार्यक्रम में उत्साहित होकर यहां तक कह दिया कि उन्हें सवर्णों के वोटों की जरूरत नहीं है.

वर्ष 2003 का विधानसभा चुनाव हारने के कुछ समय बाद दिग्विजय सिंह ने अपने इस बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि जो मैने कहा नहीं था, उसे अखबारों ने हेडलाइन बनाकर छाप दिया. दिग्विजय सिंह के दलित एजेंडा को आदिवासी वर्ग ने भी मान्यता नहीं दी थी. आदिवासी खुद को दलित के साथ जोड़े जाने से नाराज थे. चुनाव नतीजों में दिग्विजय सिंह का दलित एजेंडा कहीं नहीं दिखा था. कांग्रेस अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीटों को भी नहीं बचा पाई थी. आदिवासी इलाकों में भी करारी हार का सामना करना पड़ा था. सवर्णों ने खुलकर बीजेपी का साथ दिया था.

बीजेपी और शिवराजके लिए मुसीबत बन गया है ‘कोई माई लाल’

सवर्णों को अपने पक्ष में बांधे रखने के लिए शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव में दिग्विजय सिंह सरकार के दिनों की याद वोटरों को दिलाती है. बीजेपी लगातार तीन चुनाव दलित एजेंडा के डर को दिखाकर जीतती रही है. भाजपा की चौथी जीत के रास्ते में बड़ी रुकावट, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अति उत्साह में कहा गया शब्द कि कौन माई का लाल है जो पदोन्नति में आरक्षण को रोक दे? बना हुआ है.

शिवराज सिंह चौहान ने यह चुनौती अनुसूचित जाति,जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन (अजाक्स) के कार्यकम में दी थी. पहले तो यह माना जा रहा था कि सवर्ण संगठित होकर इसका जवाब नहीं दे पाएंगे. सवर्णों ने धीरे-धीरे संगठित होना शुरू किया. मैं हूं माई का लाल लिखी हुई टोपी लगाकर शिवराज सिंह चौहान का विरोध शुरू करना शुरू कर दिया. स्थिति वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव के जैसी ही बन गई हैं. दिग्विजय सिंह का बयान सवर्णों के वोट नहीं चाहिए और शिवराज सिंह चौहान का बयान कौन माई का लाल है जो पदोन्नति में आरक्षण रोक दे, सवर्णों को एक समान ही लग रहे हैं.

पीयू में लेफ्ट

फोटो राकेश शाह 1/10

आज पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव 2018 के लिए मतदान हुआ, जिसमें स्टूडेंट्स फॉर सोसाइटी(एसएफएस) ने भारी मतों से जीत दर्ज की और कनुप्रिया के सिर पहली महिला अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल हुआ। इसके अलावा पीयू से संबंद्ध 11 कॉलेजों में भी वोटिंग हुई। करीब एक घंटा स्टूडेंट्स ने वोट डाले। 11 कॉलेजों में 31 हजार वोटर हैं। वहीं पंजाब यूनिवर्सिटी में 15281 वोटर हैं।

प्रधान पद के लिए मुकाबला मुख्य तौर पर सात छात्र नेताओं में रहा- एसएफएस से जूलोजी विभाग की कनुप्रिया, एनएसयूआई से अनुज सिंह, एबीवीपी से आशीष राणा, सोई के गठबंधन से इकबालप्रीत सिंह, पुसू से रविंदर वीर सिंह, पुसू ललकार से अमनदीप सिंह और यूआईईटी से अजयंत।

फोटो राकेश शाह 2/10

एसएफ़एस को मिलीं 2802 वोट जबकि भाजपा के विद्यार्थी एकै एबीवीपी 203 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रही, एसओआई को 1997 मत मिले ओर एनएसयूआई को 1583। एनओटीए ने भी 209 मत ले कर अपनी उपस्थिती दर्ज कारवाई।

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दलेर सिंह आईएसए (एसओआई गठजोड़) उप अध्यक्ष

अमरिंदर सिंह आईएनएसओ(एसओआई गठबंधन सचिव के पद के लिए)

विपुल अत्रेय एनएसयूआई संयुक्त सचिव

फोटो राकेश शाह 4/10

 

 

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फोटो राकेश शाह 6/10

मतदान सवेरे सवा दस बजे शुरू हुआ और सवा 11 बजे खत्म। उसके बाद जिम्नेजियम हॉल में मतगणना शुरू हुई।

कॉलेजों के रिजल्ट शाम तक आ गए थे, जो इस प्रकार हैं…

फोटो राकेश शाह 7/10     छुटपुट घटनाओं को पुलिस ने संभालने की कोशिश की

– डीएवी कालेज सेक्टर-10 में आशीष नेहरा जीते
– पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज सेक्टर-46 में अनुजा जीतीं

– गुरु गोबिंद सिंह खालसा कालेज सेक्टर-26 ब्वॉयज सतगुरु ने बाजी मारी
– श्री गुरु गोबिंद सिंह खालसा कालेज-26 गर्ल्स में मुस्कान ने जीत का परचम लहराया

दुष्यंत चौटाला के साथ पुलिस की हुई कहा सुनी फोटो राकेश शाह 8/10

– एसडी कालेज सेक्टर-32 में सोई के प्रीतम पाल सिंह के सिर जीत का ताज सजा
– एमसीएम डीएवी कालेज-36 में ज्योत्सना नारंग ने जीत दर्ज की

– पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर-11 में राघव शर्मा ने चुनाव जीता
– देव समाज कालेज सेक्टर-45 में निशांत परवीन के हाथ लगी जीत

– जीसीजी 11 में गरिमा ने चुनाव जीत कर अध्यक्ष की कुर्सी हासिल की

 

फोटो राकेश शाह 9/10

 

 

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सेक्टर 25 में हुई दिनदहाड़े चोरी…

पंचकुला बिग ब्रेकिंग…

अजय कुमार

6 सितंबर 2018

सेक्टर 25 में हुई दिनदहाड़े चोरी…
चोरो ने ए सी पी ऑफिस से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर चोरो ने घर में लगाई सैंध..
एस एच ओ मोके पर

‘Everyone knows what Rahul Gandhi is…the biggest buffoon in the country’: KCR

 

Hours after dissolving the Telangana Assembly, K Chandrashekhar Rao set the tone for the state elections. Revealing his game plan, KCR said that his party Telangana Rashtra Samithi won’t go for any pre-poll alliance with the BJP.

‘TRS is a 100% secular party. How can we join hands with BJP,’ KCR asked while addressing media on Thursday.

Maintaining an equidistance from the Congress, KCR also attacked the Congress and its chief Rahul Gandhi.

‘Rahul Gandhi inherited the legacy of Congress Delhi sultanate, he is the legal heir of Congress empire of Delhi. That is the reason I appeal to the people, let us not become slaves to Congress, slaves to Delhi. Telangana ka nirnay Telangana mein hona chahiye (Telangana’s fate must be decided in the state itself),’ Rao said.

‘Everyone knows what Rahul Gandhi is…the biggest buffoon in the country. Whole country has seen how he went to Mr Narendra Modi and hugged him, the way he is winking. He is a property for us, the more he comes (to Telangana) the more seats we will win,’ Rao said while mocking the Congress chief.

However, he was all in praise of Asaduddin Owaisi’s AIMIM. ‘We are going to contest election alone but no doubt we are friends with MIM (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen),’ Rao added.

During the press conference, KCR also announced a list of 105 candidates.

But the move has sparked a debate on what prompted the TRS supremo to bite the bullet.

The ruling Telangana Rashtra Samithi said the aim is to leverage what they call the “feel good factor” prevailing in the state which has received good rainfall.

Rao is “upbeat” as his popularity rate has not fallen and his personal image continues to be strong, the sources claimed, adding that “the idea is to encash the positive mood among the people”.

A leader of an opposition party said Rao was trying to play a “very safe game”.

“He (Rao) wants to win back the state and hand it over to KTR (his son K T Rama Rao)”, he said, seeing the early poll move as part of the chief minister’s “succession plan”.

“He (Rao) wants to become a hero. You become a hero only when you fight an incumbent (NDA) government. The man wants to be a regional hero, just like (late) Jayalalithaa (former Tamil Nadu Chief Minister). He wants to play the same politics,” the leader said.

The TRS would “go with whoever gets bigger numbers” in the next Lok Sabha elections, he added.

A Congress leader said Rao did not want his opponents to get their act together.

“He wants to give them less resource-mobilisation time, less alliance-mobilisation time, and also less preparation time for the elections,” the leader said.

Meanwhile, a member of the Bharatiya Janata Party (BJP) said Rao was nursing national ambitions.

He wants to play a bigger role in national politics and that’s possible only if he wins the state polls. He desires to play a key role, pre-poll and post-poll, the leader said.

Another Congress leader claimed Rao was at a stage in his life where he was “losing energy and health” citing his “less-spirited” speech at last Sunday’s public meeting.

“He (Rao) wants to execute the succession plan; he needs two different elections. He can win back (the state) and promote his son (to the post of CM) and then focus on national elections himself,” he claimed.

As a smart politician, Rao understands the fluid nature of politics, a politial analyst said.

“Tomorrow, if all opposition (parties) including NDA allies rally together then he knows that things are going to be shaky for the NDA. In that kind of scenario, he will fight as a formal ally of the opposition alliance. So, he is giving himself a lot of elbow room to take those decisions pre-poll,” he said.