नेहरू युवा केन्द्र पचंकूला की ओर से बरवाला के सामान्य बस स्टैंड पर सफाई अभियान चलाया गया
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/0 Comments/in HARYANA, PANCHKULA, STATES, TRICITY/by Demokratic Front Bureauसभी बैंक व एटीएम में सुरक्षाकर्मी का होना जरुरी : डीसीपी अभिषेक जोरवाल
/0 Comments/in HARYANA, PANCHKULA, STATES, TRICITY/by Demokratic Front BureauPCA will inquire in ‘Serious Misconducts’ by police personnel
/0 Comments/in CHANDIGARH, HARYANA, MOHALI, PANCHKULA, PUNJAB, STATES, TRICITY/by Demokratic Front BureauChandigarh, 19th September 2018:
The Administrator, Union Territory of Chandigarh is pleased to armed the notification already issued with regard to the constitution of Police Complaints Authority for Union Territory of Chandigarh, with immediate effect as under:-
For clause 3(a) (i) of the notification dated 14.02.2017, for the words “The authority shall inquire into allegations of ‘serious misconduct’ against police personnel”, the following shall be substituted and may be read as:-
“The Police Complaints Authority shall take cognizance of only allegations of serious misconduct by the personnel, which would include incidents”.
For clause 3(b) (iv) of the notification dated 14.02.2017, for the words “ The recommendation of the Police Complaints Authority shall ordinarily be binding, unless for the reason to be recorded in writing, the Administration decides to disagree with the findings of the Authority”, the following shall be substituted and may be read as:-
“The recommendations of the Police Complaints Authority, for any action, departmental or criminal, against delinquent police officer/police personnel shall be binding on the concerned authority”.
The other clauses and contents of the Notification dated 14.02.2017 shall remain unchanged.
कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज
/0 Comments/in DELHI, KARNATKA, NATIONAL, POLITICS, STATES/by Demokratic Front Bureauजांच एजेंसी ने शिवकुमार, नयी दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन में कर्मचारी हनुमनथैया और अन्य के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने बताया कि यह मामला कथित कर चोरी और हवाला लेनदेन मामले के आधार पर दर्ज किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने शिवकुमार, नयी दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन में कर्मचारी हनुमनथैया और अन्य के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है.
कथित कर चोरी और करोड़ों रूपए के हवाला लेनदेन के मामले में इस साल की शुरुआत में आयकर विभाग ने बेंगलुरू की एक विशेष अदालत में उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. यह मामला उसी आरोप पत्र के आधार पर दर्ज किया गया है.
आरोपियों को जल्दी ही समन भेजा जा सकता है:
आरोपियों के बयान दर्ज करने के लिए एजेंसी उन्हें जल्द ही समन भेज सकती है. आयकर विभाग ने शिवकुमार और उनके सहयोगी एसके शर्मा पर तीन अन्य लोगों की मदद से आय से अधिक धन नियमित तौर पर हवाला माध्यमों के जरिए लाने – ले जाने का आरोप लगाया है.
अन्य आरोपी- सचिन नारायण, अंजनेय हनुमनथैया और एन राजेंद्र हैं.
आयकर विभाग ने आरोप लगाया कि सभी पांचों आरोपियों ने कर चोरी की साजिश रची.
विभाग ने कहा कि बीते अगस्त में नयी दिल्ली और बेंगलुरू में छापेमारी के दौरान करीब 20 करोड़ रूपए की अवैध संपत्ति बरामद की गई, जिसका शिवकुमार से सीधा संबंध है.
प्रधान मंत्री के काशी भाषण से सांसदों में हडकंप
/0 Comments/in DELHI, NATIONAL, POLITICS, STATES, UTTAR PRADESH/by Demokratic Front Bureauउत्तर प्रदेश एक बार फिर बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दलों के चुनावी उपक्रम का साक्षी बन रहा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी में गणितीय अंकों के हिसाब से यह कौन सा दौरा था इस बात के आकलन में समय न व्यर्थ करते हुए अगर इस दौरे और मंगलवार के भाषण को आगामी लोकसभा चुनावों में टिकट पाने की योग्यता का विवरण रूपी आयोजन कहा जाय तो शायद अतिश्योक्ति नहीं होगी.
सोमवार को अपना जन्मदिन काशी में मनाने के बाद मंगलवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एम्फीथियेटर मैदान में जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जो बातें कहीं, उसे भले ही एक सांसद द्वारा अपने लोकसभा क्षेत्र में कराए गए कार्यों का इकरारनामा माना जा रहा हो लेकिन भाषण के प्रमुख बिंदुओं की तह में प्रदेश के अन्य सांसदों के लिये एक संदेश भी है जो शायद रिपोर्ट कार्ड की शक्ल में किन्हीं महत्वपूर्ण फाइलों में कहीं दर्ज हो चुका है. भाषण के कुछ अंशों का इशारा शायद इस तरफ भी है कि जिन सांसदों ने अपने क्षेत्रों में अनुकूल कार्य नहीं किया है उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा.
बहरहाल, उत्तर प्रदेश के सभी बीजेपी सांसदों को आने वाले परिवर्तन को समझने के निमित्त प्रधानमंत्री के सोमवार के वाराणसी अभिभाषण के कुछ अंशों को कई बार सुनना चाहिए. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सांसद के रूप में अपने लोकसभा क्षेत्र के कार्यों का विवरण देने के क्रम में उपस्थित जनसमूह का न सिर्फ भोजपुरी में अभिवादन किया बल्कि बड़ी ही साफगोई से अपनी प्राथमिकताओं को क्रमवार तरीके से रख कर चुनावी अनुष्ठान की आधारशिला रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र में हुए बिजली, पानी, और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के कार्यों का उल्लेख किया और साथ ही भविष्य की योजनाओं का खाका खींच कर आने वाले चुनावों से संबंधित वायदे भी किए.
क्या किया, कैसे किया और आगे क्या करेंगे
सबसे पहले भूमिगत तारों की योजना आईपीडीएस की चर्चा करते हुए कहा, ‘काशी को भोले के भरोसे पहले छोड़ दिया गया था पर अब काशी बदल रही है. हमने ठाना था काशी में विकास करना है. सांसद बनने से पहले भी मैंने यह सोचा था कि काशी में लटकते बिजली के तार कब हटेंगे. आज बहुत बड़ा हिस्सा मुक्त हो गया है.’ लेकिन इसके साथ ही नगर में विकास कार्यों के नाम पर चल रहे कुछ अभियान से पनपे अवसाद के डैमेज कंट्रोल से भी नहीं चूके और उन्होंने कहा, ‘साथियों मैं जब भी यहां आता हूं तो एक बार जरूर याद दिलाता हूं कि काशी में जो भी बदलाव ला रहे है, वो यहां की परंपरा और प्राचीनता को बनाते हुए कर रहे हैं. 4 साल पहले बदलाव के इस संकल्प को लेकर निकले थे तब और अब में अंतर नजर आता है.’
सोमवार के भाषण में उन्होंने भोजपुरी मिश्रित काशिका में कहा, ‘काशी के लोग बहुत प्यार देहलन, आप लोगन के बेटा हई हम, बार-बार काशी आवे का मन करेला. हर-हर महादेव.’ इसके बाद उन्होंने बीएचयू की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा, ‘आप सभी का स्नेह आशीर्वाद मुझे हर पल प्रेरित करता है, बीएचयू को 21 वीं सदी का नॉलेज सेंटर बनाने के लिए कई प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. अटल इनोवेशन सेंटर में देश भर से 80 स्टार्ट अप के आयडिया यहां चुके हैं और 20 तो यहां से जुड़ चुके हैं.’
आगामी चुनावों के मद्देनजर अपनी भविष्य की योजनाओं का विवरण देने के क्रम में उन्होंने सड़क निर्माण में सहयोग के बाबत योगी सरकार की सराहना करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हुए कहा, ‘वाराणसी को पूर्वी भारत के गेटवे के तौर पर विकसित करने का प्रयास हो रहा है. आज काशी एलईडी की रोशनी से जगमगा रही है. 4 साल पहले जो काशी आया था वो आज काशी को देखता है तो उसे बदलाव नजर आता है. यह कि रिंग रोड की फाइल दबी हुई थी, 2014 के बाद हमने फाइल निकलवाई और योगी जी की सरकार बनने के बाद बहुत तेजी से सड़क बनने का काम हो रहा है. काशी रिंग रोड के निर्माण से आस-पास के कई जिलों को भी लाभ होने वाला है. वाराणसी-हनुमना, वाराणसी-सुल्तानपुर, वाराणसी-गोरखपुर मार्ग को बनाने में हजारों करोड़ रुपया खर्च किया जा रहा है.’
चर्चा में रहा आगामी प्रवासी भारतीय सम्मेलन
प्रधानमंत्री ने जनवरी में प्रस्तावित प्रवासी भारतीय सम्मेलन के सफल आयोजन के संकल्प को भी दोहराने में देर न करते हुए कहा, ‘पिछले 4 साल में कई देशों के राजनायकों का अद्भुत स्वागत वाराणसी ने किया है, जनवरी में दुनिया भर के प्रवासी भारतीयों का कुम्भ काशी में लगने वाला है सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है पर आपका सहयोग भी चाहिए, काशी के हर मोहल्ले चौराहे पर बनारस का रस हमें दिखाना होगा. जो लोग काशी आएंगे वो ऐसा अनुभव लेकर जायें कि वो दुनिया भर में काशी के ब्रांड एम्बेसडर बन जाएं.’
इरादों- वादों में गंगा, घाट और बहुत कुछ
गंगा सफाई के बाबत भी उन्होंने अपने वादे को दोहराते हुए कहा, ‘गंगा की सफाई के लिए गंगोत्री से लेकर काशी तक काम चल रहा है, इसके लिए 21 हजार करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है और काशी में 600 करोड़ की परियोजना की स्वीकृति दी जा चुकी है. सीवर और पेय जल की कमियां सुधारी जा रही हैं. इसके अलावा उन्होंने रेल नेटवर्क और वाराणसी के पर्यटन उद्योग के विकास पर सामूहिक प्रकाश डालते हुए कहा, ‘वाराणसी से अनेक नई रेल गाड़ियों की शुरुआत पिछले 4 सालों में की गई है, बनारस के रेल संपर्क बहुत मजबूत हो रहा है. शहर के सौंदर्य से भी पहचाना जा रहा है, यहां के घाट भी रोशनी से नहा रहे हैं. क्रूज की भी सवारी यहां की जा रही है. वाराणसी के टॉउन हाल का जीर्णोद्धार किया जा रहा है एवं सारनाथ में लाइट ऐंड साउंड की व्यवस्था की जा रही है. बनारस और पूर्वी भारत के बुनकर और शिल्पकार मिट्टी को सोना में बनाने का काम कर रहे हैं.
महामना मालवीय और लाल बहादुर शास्त्री का भी उल्लेख
प्रधानमंत्री ने प्रस्तावित गैस पाइपलाइन योजना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘काशी अब देश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल है जहां गैस पाइप लाइन से पहुंच रही है. इसके अलावा उज्ज्वला योजना के जरिये 60 हजार लोगों को एलपीजी सिलिंडर मिला है. इसके बाद वे फिर योगी आदित्यनाथ की तरफ मुखातिब होकर उन्होंने कहा, ‘यूपी में बीजेपी में सरकार बनने के बाद काम मे तेजी आई है, इसलिए योगी जी और उनकी टीम को बधाई देता हूं. वेद के ज्ञान से लेकर 21 वी सदी के विज्ञान को जोड़ा गया है मालवीय जी का सपना था कि सबको प्राचीन से लेकर अत्याधुनिक शिक्षा मिले उसे बीएचयू पूरा कर रहा है.’
इसके बाद वे चिकित्सा सेवाओं पर हुए कार्यों का विवरण देने के क्रम में देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज काशी पूर्वी भारत का हब बन रहा है. मेडिकल की दृष्टि में भी ये पूर्वी भारत का हब बनता जा रहा है. 54 साल पहले लाल बहादुर शास्त्री ने नेत्र विभाग का उद्घाटन किया था और अब मुझे क्षेत्रीय नेत्र संस्थान बनाने का मौका मिला है इससे मोतियाबिंद से लेकर आंख की गम्भीर बीमारियों से बहुत कम पैसे में छुटकारा मिलेगा.’
इसके बाद के अंश जिसके राजनैतिक निहितार्थ निकाले जाने चाहिये वो कुछ इस प्रकार है…
‘नई काशी और नए भारत के निर्माण में अपना योगदान दें. मैंने भले ही पीएम पद का दायित्व निभाया है पर मैं एक सांसद के नाते क्या किया इसका भी जिम्मेदार हूं. 4 साल में क्या किया, यह बताने की कोशिश की है, आप मेरे मालिक हैं, आप मेरे हाई कमान हैं, भारत माता की जय.’
दरअसल भाषण के इस अंश को अगर एक विषय से जोड़कर देखा जाय तो उत्तर प्रदेश के राजनीतिक शक्ति स्थलों और सत्ता के गलियारों में यह बात आजकल आम है कि बीजेपी आगामी चुनावों के मद्देनजर प्रदेश की कई लोक सभा सीटों में अपने प्रत्याशी बदलने के मूड में है.
प्रदेश भर में सबसे अधिक परिवर्तन पूर्वांचल में देखने को मिलेंगे इस बात की चर्चा भी गाहे-बगाहे होने लगी है. हालांकि पार्टी की ओर से बीजेपी सांसदों के टिकट काटे जाने या बदले जाने के बाबत कोई औपचारिक बयान अब तक नहीं जारी हुआ है लेकिन अंदरखाने में यह बात आम है कि प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की कसौटी पर खरे न उतरने वाले लोक सभा सदस्यों को इस बार बैठा दिया जाएगा. ऐसे में प्रदेश की कई सीटों से नए-नए आवेदकों द्वारा दिल्ली लखनऊ के राजनीतिक मठाधीशों के समक्ष पेशबन्दी जोर-शोर से चल रही है.
अमित शाह और उत्तर प्रदेश
पिछले कुछ महीनों में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में कई बार प्रवास किया है. इन दौरों के बाद करीब 35 से 50 मौजूदा पार्टी सांसदों के टिकट काटे जाने की चर्चाएं हर तरफ हो रही हैं. इन चर्चाओं के आलोक में बीजेपी के सभी 68 सांसदों की धड़कनें तेज हो गई हैं. गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से भाजपा के 71 और सहयोगी दल अपना दल के दो सांसद जीते थे.
इनमें गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव हार जाने के बाद मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में भाजपा के 68 सांसद ही रह गए हैं. पिछले दो महीनों में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष काशी, अवध और गोरखपुर के क्षेत्रीय संगठनों के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के क्रम में कई बैठकें कर चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने ब्रज क्षेत्र, कानपुर क्षेत्र और पश्चिम क्षेत्र के संगठनों के साथ भी बैठक की है.
बन चुके हैं रिपोर्ट कार्ड
सूत्रों की मानें तो बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने यूपी में अपनी पार्टी के सभी 68 सांसदों के रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिए हैं, और इनमें से आधे से अधिक सांसदों के चार साल के कामकाज को निराशाजनक बताया गया है. इन सांसदों के बारे में नेतृत्व को यह ताकीद की गई है कि दोबारा इन्हें प्रत्याशी बनाया गया तो क्षेत्रीय जनता इन्हें जिताकर संसद नहीं भेजेगी. इस सूचि में से कुछ सांसद दलित और पिछड़े वर्ग से भी संबंधित हैं और कुछ ऐसे सांसद भी हैं जो बीजेपी के खिलाफ ही बगावत का बिगुल फूंक चुके हैं. इनके अलावा कुछ सांसदों के आचरण से सबंधित शिकायतें भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं बीजेपी अध्यक्ष के पास हैं.
इनके स्थान पर उन सीटों पर चुनाव मैदान में उतारने के लिए नए चेहरों की तलाश भी की जा रही है. टिकट कट जाने के अंदेशे में चार साल तक अपने संसदीय क्षेत्र में काम न करने वाले सांसदों ने संघ से लेकर प्रदेश व क्षेत्रीय संगठनों के बड़े पदाधिकारियों की चौखटों पर गणेश परिक्रमा करनी शुरू कर दी है.
उत्तर प्रदेश एक बार फिर बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दलों के चुनावी उपक्रम का साक्षी बन रहा है, ऐसे में कांग्रेस का सिकुड़ना, शिवपाल यादव का नया मोर्चा, अमर सिंह का राजनीतिक पुनर्जागरण, मायावती की खामोशी और अखिलेश की रक्षात्मक शैली के दूसरी तरफ बीजेपी के खेमे में एक साथ कई हांडियां आग पर चढ़ी हुई हैं.
देखना होगा कि इनमें से कौन सी हांडी में दाल पकती है और कौन सी हांडी में खिचड़ी, लेकिन तब तक इन सभी हाण्डियों में पानी खौल रहा है, पानी के उबाल मारने के बाद ही शायद तस्वीर साफ हो लेकिन तब तक सिर्फ चिन्ह की भाषा समझने में ही राजनीतिक यथार्थ का चित्रण संभव है.
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