राहुल और ओलांद के मध्य कुछ तो ज़रूर है : जेटली


  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तथा फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयानों को देखकर लगता है कि दोनों के बीच जरूर कोई न कोई संबंध है।  

  • दोनों ही सत्ता से बहार और रफेल डील के पुराने सहयोगी हैं


जेटली ने रविवार को सोशल मीडिया पर ओलांद के इस बयान के संदर्भ में यह टिप्पणी की है जिसमें फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि उनकी सरकार ने प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को राफेल सौदे का सहयोगी बनाने के लिए प्रस्ताव नहीं सुझाया था बल्कि भारत सरकार ने सुझाया था।

वित्त मंत्री ने कहा कि गांधी ने 30 अगस्त को कहा था कि यह वैश्विक भ्रष्टाचार है और ये विमान सिर्फ दूर तक ही नहीं उड़ेंगे बल्कि आने वाले दिनों में ये बंकर ध्वस्त करने वाले बम भी बरसाएंगे। गांधी का यह बयान राफेल के बारे में ओलांद के प्रारंभिक बयानों से मेल खाता है।

वित्त मंत्री ने फेसबुक पर जारी अपने पोस्ट में कहा है कि 31 अगस्त को कांग्रेस पार्टी के टि्वटर हैंडल पर कहा गया कि इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि उद्योगपति अनिल अंबानी ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति को उनकी अभिनेत्री सहयोगी के जरिए दसाल्ट से काम लेने के बदले रिश्वत दी है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बयान में खुद अंतर्विरोध है। एक तरफ तो वह कहती है कि ओलांद को भारत की एक कंपनी ने राफेल ठेका पाने के लिए रिश्वत दी और अब उनको इस सौदे में गवाह के रूप में इस्तेमाल कर रही है।

उन्होंने कहा कि ओलांद अपनी सहयोगी तथा फिल्म निर्माता जूली गात से कथित संबंधों के कारण खुद चर्चा में हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि जूली की फिल्म में सहयोग के जरिए अम्बानी की कंपनी ने ओलांद को रिश्वत दी थी।

‘बेल पर बाहर राहुल गांधी और उनका परिवार भारत में भ्रष्टाचार का प्राथमिक स्रोत है. आज ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राफेल डील में आरोप लगा रहे हैं, जिन्होंने भारत को आजाद भारत के बाद सबसे सच्चा प्रशासन दिया है.’ पीयूष गोयल


कांग्रेस अध्यक्ष को लगता है कि अपनी बेदाग और ईमानदार छवि को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बरकरार है और एक बार अगर यह छवि धूमिल हो गई तो उनके लिए आगे के चुनावों में राह आसान हो जाएगी. यही वजह है कि इस बेदाग और ईमानदार छवि पर बार-बार प्रहार करने की कोशिश हो रही है.


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल सौदे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है, ‘राहुल गांधी को कोई भी बात एक बार में समझ में नहीं आती है. उनकी समझने की क्षमता कम है.’ राहुल गांधी पर तंज कसते हुए अरुण जेटली ने उनकी भाषा पर भी सवाल उठाए हैं.

जेटली ने कहा, ‘यह एक घोटाला कैसे हो सकता है यदि एक दर्जन भारतीय कंपनियां कहती हैं कि 56,000 करोड़ रुपए के अनुबंध के लिए ऑफसेट 28,000 करोड़ रुपए होने जा रहे हैं. मैं उन 20 में से एक बनना चाहता हूं जो ऑफसेट आपूर्ति करने जा रहे हैं? हर किसी को 2000 से 4000 करोड़ रुपए मिलेंगे. यह कैसे अप्रासंगिक है.’

जेटली ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए साफ कर दिया है, ‘राहुल कितने भी आरोप लगा लें राफेल सौदा रद्द नहीं होगा.’

राहुल गांधी की तरफ से राफेल सौदे में गड़बड़ी का आरोप सीधे प्रधानमंत्री पर लगाया जा रहा है

राफेल सौदे में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले 30 अगस्त को एक ट्वीट किया था जिसमें फ्रांस से बहुत सारे बम फूटने की बात कही गई थी. अरुण जेटली ने राहुल गांधी के उस ट्वीट और उसके बीस दिन बाद फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बीच की कड़ी को जोड़ने की कोशिश की है.

राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान पर उन्होंने कहा, ‘मुझे बिल्कुल हैरानी नहीं होगी अगर यह सब पहले से ही सुनियोजित निकलेगा. 30 अगस्त को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘पेरिस में कुछ धमाके होने वाले हैं’ और उसके बाद वही हुआ जैसा कि उन्होंने कहा था.’

गौरतलब है कि फ्रांस की सरकार ने अपने पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के उलट एक बयान जारी कर डील में किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया था. फ्रांस सरकार के रुख के बाद अब सरकार इस मुद्दे पर ओलांद के बयान को आधार बनाकर कांग्रेस के हमले की धार कुंद करने की कोशिश कर रही है.

पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार में राफेल विमानों की डील को यूपीए सरकार के वक्त हुए सौदे से काफी महंगा सौदा बताते हुए घोटाले का आरोप लगाया है. जिसके जवाब में बीजेपी भी अब काफी आक्रामक होकर जवाब दे रही है. बीजेपी ने इसके लिए सरकार के मंत्रियों को मैदान में उतार दिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली से लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल तक सबने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

राहुल गांधी की तरफ से राफेल सौदे में गड़बड़ी का आरोप सीधे प्रधानमंत्री पर लगाया जा रहा है. कांग्रेस की यह रणनीति मोदी सरकार के कार्यकाल में किसी तरह के घोटाले नहीं होने और किसी तरह का दाग नहीं होने के दावे को खोखला साबित करने की है. कांग्रेस अध्यक्ष को लगता है कि अपनी बेदाग और ईमानदार छवि को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बरकरार है और एक बार अगर यह छवि धूमिल हो गई तो उनके लिए आगे के चुनावों में राह आसान हो जाएगी. यही वजह है कि इस बेदाग और ईमानदार छवि पर बार-बार प्रहार करने की कोशिश हो रही है.

रणदीप सुरजेवाला के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 

बीजेपी भी पार्टी और सरकार के अपने सबसे बड़े चेहरे पर इस तरह के हमले को लेकर तिलमिलाई हुई है. बीजेपी राहुल गांधी के हमले को सफेद झूठ बता रही है. यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कांग्रेस के झूठ बार-बार बोलने का जिक्र किया था. अब पार्टी नेता और सरकार के मंत्री राहुल गांधी पर उसी भाषा में जवाब देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.

राहुल गांधी के ‘देश का चौकीदार चोर है’ के बयान पर अरुण जेटली ने पलटवार किया है. जेटली ने कहा है, ‘पब्लिक डिसकोर्स लाफ्टर चैलेंज नहीं है, कभी आप किसी को गले लगा लो, आंख मारो, फिर गलत बयान 10 बार देते रहो. लोकतंत्र में प्रहार होते हैं लेकिन शब्दावली ऐसी हो जिसमें बुद्धि दिखाई दे.’

बीजेपी की तरफ से अपने मंत्रियों की पूरी टीम को मोर्चे पर लगा दिया

राहुल के इस बयान पर रक्षा मंत्री ने भी हमला बोला है. निर्मला सीतारमण ने तो गांधी-नेहरु परिवार को ही कठघरे में खड़ा करते हुए ट्वीट किया है. निर्मला सीतारमण ने कहा  है, ‘कांग्रेस और राहुल गांधी ने कई बार प्रधानमंत्री के खिलाफ झूठ और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है. यह उनके सत्ता से दूर रहने की निराशा को प्रकट कर रहे हैं. हमारी सरकार में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ. इसमें कोई हैरानी नहीं है कि #RahulkaPuraKhandanChor है.’

Nirmala Sitharaman

@nsitharaman

The @INCIndia & Shri. @RahulGandhi repeat untruth several times and use brazen & abusive language about @PMOIndia @narendramodi. They betray their sense of desperation in being out-of-power. In our govt there is no corruption. No wonder today the buzz is

Hardeep Singh Puri

@HardeepSPuri

From the Jeep Scam of 1948 when Nehru was the PM, to Indira Gandhi’s infamous election scandal of 1971 among others. From Rajiv Gandhi’s Bofors deal to a barrage of scams, frauds & scams of UPA. The family has kept itself busy with self-development. #RahulKaPuraKhandanChor

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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी राहुल के प्रधानमंत्री पद दिए बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया है. गोयल के मुताबिक, ‘बेल पर बाहर राहुल गांधी और उनका परिवार भारत में भ्रष्टाचार का प्राथमिक स्रोत है. आज ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राफेल डील में आरोप लगा रहे हैं, जिन्होंने भारत को आजाद भारत के बाद सबसे सच्चा प्रशासन दिया है.’ पीयूष गोयल के अलावा सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और दूसरे कई नेताओं ने भी राहुल गांधी के बयान पर जवाब दिया है.


Piyush Goyal

@PiyushGoyal

Out on bail Rahul Gandhi & his family have long been the primary source of corruption in the country. They are today blaming Hon’ble PM Narendra Modi in the Rafael deal, who has given India its most honest administration since Independence.

लेकिन, इस पूरी लड़ाई और वाद-विवाद से एक बात बिल्कुल साफ हो गई है कि अब कांग्रेस और बीजेपी दोनों में यह लड़ाई परसेप्शन की हो गई है. यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप लगाकर बीजेपी ने मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ माहौल तैयार किया था. पार्टी को इस मसले पर काफी हद तक सफलता भी मिली थी.

अब कांग्रेस की तरफ से भी कुछ इसी तरह की कहानी दोहराने की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का लगातार प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलना कांग्रेस की उसी रणनीति को दिखाता है. कांग्रेस अध्यक्ष के अलावा उसके प्रवक्ताओं की पूरी टीम इस मसले पर हमलावर है. जिसके जवाब में अब बीजेपी की तरफ से अपने मंत्रियों की पूरी टीम को मोर्चे पर लगा दिया गया है.

लेकिन, कांग्रेस को यह समझना होगा कि तथ्यों के बगैर महज आरोप लगाने भर से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि अभी भी परसेप्शन के मामले में मोदी की छवि काफी बेहतर है.

पंजाब में आआपा  कि शर्मनाक हार

अरविन्द केजरीवाल का फाइल फोटो


मोहाली में अकालि दल के लोगों ने बारिश के बीच खरड़ हाईवे जाम कर दिया था, नेताओं का आरोप था कि पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान कांग्रेस की ओर से मतों की गिनती में गड़बड़ी हुई है


पंजाब में आम आदमी पार्टी को नगर निगम चुनावों की तरह जिला परिषद व ब्लॉक समिति के चुनावों में भी हार का सामना करना पड़ा है. ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों ने ही जीत हासिल की है. वहीं मजीठा विधानसभा इलाके को छोड़कर ज्यादातर इलाकों में अकाली दल को करारी हार मिली है. आम आदमी पार्टी का तो लगभग सफाया ही हो गया है. यहां तक कि सांसद भगवंत मान के संगरूर इलाके में भी आआपा  की शर्मनाक हार हुई है. आगामी लोकसभा चुनाव के लिए शिरोमनी अकाली दल व आप के लिए यह स्थिति चिंतित करने वाली हो सकती है.

 

जिन जिला परिषदों पर कांग्रेस ने 100 फीसदी सीटों पर कब्जा किया है उनमें जिला लुधियाना, गुरदासपुर, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, बठिंडा और मानसा शामिल हैं. यहां से अकाली दल व आप का पूरी तरह सफाया हो चुका है. नतीजों के बाद कुछ जगहों पर अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की थी. मोहाली में अकालियों ने बारिश के बीच खरड़ हाईवे जाम कर दिया था. नेताओं का आरोप था कि पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान कांग्रेस की ओर से मतों की गिनती में गड़बड़ी की गई है. शिरोमनी अकाली दल के राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ने ढींडसा की ओर से गोद लिए गांव गुलाड़ी (संगरूर) में जीत दर्ज की है.

ढींडसा ने कहा कि लोगों ने बता दिया है कि वह विकास को तरजीह देंगे. आआपा की करारी हार का आलम ऐसा रहा कि सांसद भगवंत मान के इलाके में भी लगभग सभी उम्मीदवार हार गए. जिला परिषद के चुनाव में आआपा पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई. ब्लॉक समिति की 193 सीटों में से पार्टी ने सिर्फ 50 सीटों पर ही अपने प्रत्याशी खड़े किए थे लेकिन वहां भी हार गई. रूपनगर में आम आदमी पार्टी के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ की बहन सुरिंदर कौर को भी हार का सामना करना पड़ा है. वह ब्लॉक समिति चुनाव में तख्तगढ़ जोन से खड़ी हुई थीं और तीसरे स्थान पर रही थीं.

जिस भी नेता के साथ भाजपा जुल्म और ज्यादती करेगी हम उसे कांग्रेस में शामिल कर खुद को गौरवान्वित महसूस करेंगे: प्रतापसिंह खाचरियावास

बाड़मेर के विधायक मानवेंद्र सिंह के बीजेपी छोड़ने के ऐलान के बावजूद पार्टी को उनके इस्तीफे का इंतजार है. वहीं कांग्रेस मानवेंद्र को गले लगाने को बेताब दिखाई दे रही है. जानकारों का मानना है कि मानवेंद्र के भाजपा छोड़ने के बाद अब मारवाड़ की राजनीति में नए जातीय और सामाजिक समीकरण बनकर उभरेंगे. इन समीकरणों में उनकी भूमिका अहम होगी.

मानवेन्द्र सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद सीएम वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान झुंझूनूं में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी स्वाभिमान रैली से अनजान बनते दिखाई दिए. मानवेंद्र सिंह के पार्टी छोड़ने के मुद्दे पर सैनी का कहना है कि उन्हें अभी तक सिंह का इस्तीफा नहीं मिला है. उनके पार्टी छोड़ने की उन्‍हें कोई खबर नहीं है.

स्वाभिमान रैली में गूंजे थे कांग्रेस जिंदाबाद के नारे:

इधर मानवेंद्र की स्वाभिमान रैली के बाद कांग्रेस उत्साहित दिखाई दे रही है. सिंह की स्वाभिमान रैली में कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे खूब गूंजे थे. लिहाजा कांग्रेस के नेता पलक पावड़े बिछाकर उनका पार्टी में स्वागत करने को बेताब नजर आ रहे हैं. कांग्रेस नेता प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा मानवेंद्र सिंह जैसे नेताओं के लिए कांग्रेस में दरवाजे खुले हैं. जिस भी नेता के साथ भाजपा जुल्म और ज्यादती करेगी हम उसे पार्टी में शामिल कर खुद को गौरवान्वित महसूस करेंगे.

वहीं जानकार मानते हैं कि मानवेंद्र इस चुनाव में मारवाड़ की राजनीति में अहम किरदार साबित होंगे.

सिंह जल्द शुरू करेंगे अपना नया सियासी सफर:

मानवेन्द्र अपनी धन्यवाद यात्रा के बाद जल्द नए सियासी सफर का आगाज करेंगे. मानवेन्द्र का रास्ता कांटों भरा जरूर है, लेकिन उनके पास गिनाने के लिए भाजपा की नाइंसाफी है और हासिल करने के लिए जनता की सहानूभूति. नतीजे चाहे जो हों, मगर मारवाड़ की राजनीति में उनकी भूमिका खासी महत्वपूर्ण होने वाली है. उल्लेखनीय है कि मानवेन्द्र सिंह ने शनिवार को बाड़मेर के पचपदरा में स्वाभिमान रैली में बीजेपी छोड़ने की घोषणा कर दी थी.

वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकता है : जनरल बिपिन रावत


विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए न्यूयॉर्क पहुंच गई हैं. इस दौरान अब पाकिस्तान से किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं की जाएगी.


विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए न्यूयॉर्क पहुंच गई हैं. जहां वह अपने वैश्विक समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें करेंगी. हालांकि इस दौरान अब पाकिस्तान से किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं की जाएगी. वहीं इस मामले को लेकर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इसका समर्थन किया है.

पाकिस्तान के साथ वार्ता रद्द करने के सरकार के निर्णय का समर्थन करते हुए बिपिन रावत ने कहा कि वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकता है. रावत ने कहा कि पाकिस्तान के जरिए संघर्षविराम के बावजूद सीमापार से घुसपैठ जारी है. उन्होंने कहा कि यह जारी रहने नहीं दी जा सकती और आतंकवादियों को घाटी में शांति बाधित करने से रोकने के लिए उचित कदम उठाना होगा.

बैठक रद्द

दरअसल, पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच बैठक होनी थी. भारत के जरिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रस्ताव को स्वीकार किया जा चुका था. लेकिन जम्मू-कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की बर्बर हत्या और इस्लामाबाद के आतंकवादी बुरहान वानी का महिमामंडन करते हुए डाक टिकट जारी करने का हवाला देते हुए भारत ने इस बैठक को रद्द कर दिया था. जिसके कारण अब सुषमा स्वराज पाकिस्तान के विदेश मंत्री से मुलाकात नहीं करेंगी.

इस दौरान सुषमा 29 सितंबर की सुबह महासभा को संबोधित करेंगी. इसके अलावा वह पूरे सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर कई बैठकों और चर्चाओं में भाग लेंगी. संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों के नेता वैश्विक निकाय को संबोधित करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप महासभा को 25 सितंबर को संबोधित करेंगे. ट्रंप का महासभा का यह दूसरा संबोधन होगा. इसके अलावा पाकिस्तान के महमूद कुरैशी 29 सितंबर की दोपहर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे.

Maoist killed a sitting and one former MLA From Telugudesham at Vishakhapatnam

TDP MLAs S. Somma (left) and K. Sarveswara Rao.

K. Sarveswara Rao and S. Soma of TDP were reportedly ambushed by a group of 50-60 Maoists

In the first major strike in many years in Andhra Pradesh, the outlawed CPI (Maoists) on Sunday shot dead a sitting MLA and a former MLA, both from the ruling TDP, in Araku area in Vishakhapatnam district, police said.

The incident occurred at Lippitiputta village under Dambriguda mandal when Araku sitting MLA Kidari Sarveswara Rao and former MLA Siveri Soma went to take part in a ‘grama darsini’ (village visit) programme, they said.

“A group of Maoists came along with the villagers and blocked the MLA’s car. As the personal security officers of the legislator and the ex-legislator got down, they snatched the AK-47 rifles from them and shot Sarveswara Rao and Soma dead,” Visakhapatnam Range Deputy Inspector General of Police Ch Srikanth said.

He said the exact number of Maoists involved in the attack and the reasons for shooting down the legislator were being ascertained.

Police sources, however, suspect that a group of about 50-60 outlaws led by Maoists Andhra-Odisha Border Committee secretary Ramakrishna could be involved in the deadly attack. They reportedly engaged the MLA in a conversation for some time before shooting them dead, the sources added.

As Chief Minister N. Chandrababu Naidu is currently flying to New York, officials in the Chief Minister’s Office spoke to Visakhapatnam district collector and superintendent of police seeking details of the incident, a CMO spokesperson said. Deputy Chief Minister (Home) N. China Rajappa, and DGP (in charge) Harish Kumar Gupta have rushed to the spot, it said.

Sarveswara Rao won as the YSR Congress candidate in 2014, but he later voted to the TDP.

Rewari gang rape: All key accused allegedly involved in the crime are arrested..: DGP Sandhu

 

Ten days after a 19-year-old girl from Rewari district was gangraped, the Haryana Police on Sunday arrested two key accused in the case. One of the accused, Pankaj, is a serving Army personnel.

Pankaj, who is posted in Rajasthan, and his co-accused Manish had been on the run, while the third key accused Nishu was arrested earlier.

With the arrest of Manish and Pankaj, DGP BS Sandhu said, all key accused allegedly involved in the incident had now been arrested..

The gangrape had prompted opposition parties to demand Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar’s resignation on moral grounds, alleging the state had failed to protect its daughters.

The victim was abducted at a bus stop in Kanina town in neighbouring Mahendragarh district on September 12 when she was on her way to a coaching class, the police had earlier said.

Read | Rewari gang rape: Haryana govt transfers SP but accused yet to be arrested

She was allegedly drugged and raped by several people at a room housing a tubewell for irrigation. The police had earlier arrested the owner of the house, Deen Dayal, and one Doctor Sanjeev, who was allegedly called in to the crime spot by the accused to check the victim’s condition.

The police said the owner of the property gave the keys of the room to the accused youth where they committed the crime on 12 September. The police claimed the owner knew about the crime, but did not report it.

According to the police, the doctor was called by the accused when the condition of the victim deteriorated. The police said the medical practitioner did not inform the police though he knew that the victim had been sexually assaulted. The doctor has claimed that he was threatened by the accused.

Last week, the Haryana government had shunted out Rewari’s Superintendent of Police (SP) Rajesh Duggal and replaced him with Rahul Sharma due to delay in the arrests.

Police File

DATED 23.09.2018 :

Special drive against consuming liquor at public place was carried out at different parts of the city in which total 15 cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered.

 In continuation of a special drive against consuming liquor at public place, yesterday, the drive was carried out at different parts of the city. Under this drive total 15 different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered in different police stations of Chandigarh in which total 18 persons were arrested while consuming liquor at public place. All later on bailed out. The detail of police Stations in which cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 got registered:- PS-11 = 2 cases, PS-17 = 2 cases, PS-SPR = 1 case, PS-19 = 1 case, PS-26 = 1 case, PS-IA = 1 case,  PS-MJ = 2 cases, PS-31 = 1 case, PS-36 = 2 cases, PS-39 = 1 case, PS-Maloya = 1 case.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

Accident

A case FIR No. 366, U/S 279, 337, 304A IPC has been registered in PS-31, Chandigarh on the statement ofDadan Kumar Mishra R/o # 1347, Ph-2, Ramdarbar, Chandigarh against driver of unknown vehicle which sped away after hitting M/Cycle No. PB 65 XT 5194 driven by Omparkash Mishra R/o # 354, Village-Behlana, Chandigarh near Makhan Majra Road, Chandigarh on 20.09.2018. He got injured and admitted in PGI, Chandigarh where later he declared dead. Investigation of the case is in progress.

Burglary

Sh. Lakhmir Singh Rathore R/o # 1399/A, Sector-39/B, Chandigarh reported that unknown person stolen away gold ornaments, silver coins and one ATM card from his house after breaking locks on 20-09-2018 . A case FIR No. 384, U/S 380, 454 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Workshop on ‘Drug Abuse’ held at Traffic & Security Lines, chandigarh

B. L. Sharma, IAS, Secretary Education & Sanjay Baniwal, IPS, DGP, U.T.

Chandigarh Police under the guidance of Sh. Sanjay Baniwal, IPS, DGP, U.T., Chandigarh in partnership with SPYM, Don Bosco Research Centre, Mumbai and Department of Education, Chandigarh UT organized training for teachers of selected schools of Chandigarh from 17th – 22nd September, 2018 at Traffic & Security Lines, Sector 29, Chandigarh. The purpose of the training was to orient the Government school teachers to equip them with necessary skills to carry messages of substance use prevention to students along with enabling them to identify early stages of addiction and risky behavior and facilitate students with ways to deal with such situations.

Today, i.e. on 22.09.2018 at 4:00 PM, the concluding ceremony has been organized by Chandigarh Police at Traffic Auditorium, Sec-29, Chandigarh. In this function, Sh. V.P. Singh Badnore, Hon’ble Governor of Punjab-cum-Administrator, U.T., Chandigarh was the Chief Guest. Sh. B. L. Sharma, IAS, Secretary Education, Sh. Sanjay Baniwal, IPS, W/DGP/U.T., Chandigarh, Sh. O.P. Mishra, DIG, U.T., Chandigarh, Sh. Shashank Anand, IPS, SSP Security & Traffic, Sh. Milind Mahadeo Dumbere, IPS, SSP/Head Quarter,  Ms. Nilambari Jagadale, IPS, SSP, UT, Chandigarh, Sh. Ravi Kumar Singh, IPS, SP/Oprs. and Sh. Manish, Team Leader “SPYM”  were also present in the function.

Administrator Badnore on dias

Ms. Nilambari Jagadale, IPS, Sr. Superintendent of Police, UT, Chandigarh welcomed the Chief Guest and other dignitaries. She gave speech on the importance of this workshop. A presentation on Drug Abuse was presented by Sh. Manish, Team Leader (SPYM) and the some participant teachers shared their views/experience to combat the drug abuse.

Sh. B. L. Sharma, IAS, Secretary Education addressed the audience and appreciated this initiative of Chandigarh Police with the collaboration of “SPYM”.  Sh. Sanjay Baniwal, IPS, W/DGP/Chandigarh has also delivered short speech to make the city beautiful drug free by initiating such type of workshops in near future.

Sh. V.P. Singh Badnore, Hon’ble Governor of Punjab-cum-Administrator, U.T., Chandigarh gave short speech on the menace of drug abuse and the role of the teachers as well as parents to curb this menace. He also advised the police department to keep continue such programme in slums area on regular basis being the national issue. He also appreciated police as well as “SPYM” for conducting this workshop in a decent manner.

पितृ पक्ष 2018: पितरों के प्रति श्रद्धा दर्शाना ही है पितृ पर्व का ध्येय


  • श्राद्ध में श्रेष्ठ ब्राह्मणों को कच्चा धान्य और थोड़ी भी दक्षिणा देगा, उसका श्राद्ध भी उत्तम होगा. अगर इसमें भी असमर्थ हो तो केवल 8 तिलों से जलांजलि देनी चाहिए.

  • अगर इसमें भी असमर्थ हो तो केवल 8 तिलों से जलांजलि देनी चाहिए. अगर यह भी नहीं कर सकते तो कहीं से गौ का चारा लाकर प्रीति और श्रद्धा पूर्वक गौ को खिला दें.

  • सभी वस्तुओं के आभाव में एकांत में सूर्य आदि दिक्पालों से हाथ उठाकर उच्चस्वर से कहें कि मेरे पास श्राद्ध कर्म के योग्य न वित्त है और न कोई सामग्री है, इसलिए मैं अपने पितृगण को नमस्कार करता हूं, वे मेरी भक्ति से ही तृप्ति का लाभ लें.


सनातनधर्म से जुड़े मनुष्यों को प्रबल इच्छा रहती है कि ‘मेरी संतान जो हो वह मरने के बाद तर्पण और पिंड दान से मुझे तृप्त करें.’ पुत्र शब्द की व्याख्या जहां पर की गई है, उसका भाव यह है कि पुन्नाम नरक से पिता को बचाने वाला ही पुत्र होता है.

नास्तिकता से या चंचलता से जो पुरुष तर्पण नहीं करता, उनके पितृ पिपासित होते हैं और देह से निकले अपवित्र जल को पीते हैं. विष्णु पुराण में आया है कि श्राद्ध काल में भक्ति और विनम्र चित्त से उत्तम ब्राह्मणों को यथा शक्ति भोजन कराएं और इससे असमर्थ होने पर, जो श्राद्ध में श्रेष्ठ ब्राह्मणों को कच्चा धान्य और थोड़ी भी दक्षिणा देगा, उसका श्राद्ध भी उत्तम होगा. अगर इसमें भी असमर्थ हो तो केवल 8 तिलों से जलांजलि देनी चाहिए. अगर यह भी नहीं कर सकते तो कहीं से गौ का चारा लाकर प्रीति और श्रद्धा पूर्वक गौ को खिला दें. सभी वस्तुओं के आभाव में एकांत में सूर्य आदि दिक्पालों से हाथ उठाकर उच्चस्वर से कहें कि मेरे पास श्राद्ध कर्म के योग्य न वित्त है और न कोई सामग्री है, इसलिए मैं अपने पितृगण को नमस्कार करता हूं, वे मेरी भक्ति से ही तृप्ति का लाभ लें.

श्राद्ध रहस्यपूर्ण, सोपपत्तिक और विज्ञानपूर्ण

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की तिथि में सभी पित्रों के श्राद्ध किए जाते हैं. उसमें विज्ञान यह है कि इन दिनों चंद्रमा अन्य महीनों की अपेक्षा पृथ्वी के पास होता है. इसी कारण उसकी आकर्षण शक्ति का प्रभाव पृथ्वी और उसमें अधिष्ठित प्राणियों पर विशेष रूप से पड़ता है. तब जितने सुक्ष्म-शरीरयुक्त जीव चंद्रलोक के ऊपरी भाग में स्थित पितृलोक में जाने के लिए बहुत समय से चल रहे होते हैं या चल पड़े होते हैं, उनका उद्देश्य करके उनके संबंधियों के जरिए प्रदत्त पिंड अपने अन्तर्गत सोम के अंश से उन जीवों को आप्यायित करके उनमें विशिष्ट शक्ति उत्त्पन्न करके उन्हें शीघ्र और अनायास ही यानि बिना अपनी मदद के ही पितृलोक में प्राप्त करा दिया करते हैं. तब वे पितृ भी उनकी ऐसी सहायता पाकर उन्हें हृदय से समृद्धि और वंशवृद्धि का आर्शीवाद देते हैं.

प्रतिवर्ष क्षयाह के मास और तिथि में श्राद्ध किया जाता है. उसमें कारण यह है कि तिथि चंद्रमास के और चंद्रगति के अनुसार होती है. उसमें चंद्र लोक में वे पितृ उसी मार्ग और स्थान को प्राप्त हुए थे. तब वे सुक्ष्माग्नि से प्राप्त कर लेते है और उस श्राद्ध के सुक्ष्मांश को अनायास प्राप्त कर लेते हैं.

दिनांक——- तिथि 24 सितंबर- पूर्णमासी श्राद्ध 25 सितंबर- प्रतिपदा श्राद्ध 26 सितंबर- द्वितीया श्राद्ध 27 सितंबर- तृतीया श्राद्ध 28 सितंबर- चतुर्थी श्राद्ध 29 सितंबर- पंचमी श्राद्ध 30 सितंबर- षष्ठी श्राद्ध 1 अक्टूबर- सप्तमी श्राद्ध 2 अक्टूबर- अष्टमी श्राद्ध 3 अक्टूबर- नवमी श्राद्ध 4 अक्टूबर- दशमी श्राद्ध 5 अक्टूबर- एकदशी श्राद्ध 6 अक्टूबर- द्वादशी श्राद्ध 7 अक्टूबर- त्रयोदशी श्राद्ध 8 अक्टूबर- चतुर्दशी/अमावस्या श्राद्ध 9 अक्टूबर- मातामह श्राद्ध

श्राद्ध विधि

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार श्राद्ध करने की भी विधि होती है. यदि पूरे विधि विधान से श्राद्ध कर्म न किया जाए तो मान्यता है कि वह श्राद्ध कर्म निष्फल होता है और पूर्वजों की आत्मा अतृप्त ही रहती है. शास्त्रसम्मत मान्यता यही है कि किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण के जरिए ही श्राद्ध कर्म (पिंड दान, तर्पण) करवाना चाहिए. श्राद्ध कर्म में पूरी श्रद्धा से ब्राह्मणों को तो दान दिया ही जाता है साथ ही यदि किसी गरीब, जरूरतमंद की सहायता भी आप कर सकें तो बहुत पुण्य मिलता है. इसके साथ-साथ गाय, कुत्ते, कौवे आदि पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन का एक अंश जरूर डालना चाहिए.

श्राद्ध करने के लिए सबसे पहले जिसके लिए श्राद्ध करना है उसकी तिथि का ज्ञान होना जरूरी है. जिस तिथि को मृत्यु हुई हो उसी तिथि को श्राद्ध करना चाहिए. लेकिन कभी-कभी ऐसी स्थिति होती है कि हमें तिथि पता नहीं होती तो ऐसे में आश्विन अमावस्या का दिन श्राद्ध कर्म के लिए श्रेष्ठ होता है क्योंकि इस दिन सर्वपितृ श्राद्ध योग माना जाता है. दूसरी बात यह भी महत्वपूर्ण है कि श्राद्ध करवाया कहां पर जा रहा है. यदि संभव हो तो गंगा नदी के किनारे पर श्राद्ध कर्म करवाना चाहिए. यदि यह संभव न हो तो घर पर भी इसे किया जा सकता है. जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए.भोजन के बाद दान दक्षिणा देकर भी उन्हें संतुष्ट करें.

श्राद्ध पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए. योग्य ब्राह्मण की सहायता से मंत्रोच्चारण करें और पूजा के पश्चात जल से तर्पण करें. इसके बाद जो भोग लगाया जा रहा है उसमें से गाय, कुत्ते, कौवे आदि का हिस्सा अलग कर देना चाहिए. इन्हें भोजन डालते समय अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए. मन ही मन उनसे श्राद्ध ग्रहण करने का निवेदन करना चाहिए.