आधार कार्ड पर उच्चतम न्यायलय का फैसला

नई दिल्ली 
सर्वोच्च न्यायलय में आधार की अनिवार्यता पर आज अहम फैसला आने वाला है। इस साल जनवरी से चल रही आधार मामले की सुनवाई पर शीर्ष अदालत ने 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। केंद्र सरकार समेत सभी याचिकाकर्ताओं की नजरें इस सुप्रीम फैसले पर लगी हैं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई में 5 जजों की बेंच फैसला सुनाएगी। यह ऐसा फैसला है, जिसका असर आपकी जिंदगी पर दिखेगा। आइए जानते हैं आधार से जुड़ी से सारी जानकारी….

फैसले के पहले आधार की यात्रा, यहां जानिए सबकुछ
-28 जनवरी, 2009 को योजना आयोग ने UIDAI का नोटिफिकेशन जारी किया
-सितंबर 2010 में ग्रामीण महाराष्ट्र इलाके में योजना की लॉन्चिंग
-2010-11-नैशनल आइडेन्टफकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया बिल पेश किया गया। बाद में बिल को वित्तीय मामलों की स्टैडिंग कमिटी के पास भेजा गया। कमिटी ने निजता और संवेदनशील जानकारी पर सवाल उठाए।

ऐसे कोर्ट में गया मामला 

30 नवंबर 2012: रिटायर्ड जज के एस पुट्टास्वामी समेत कई जनहित याचिकाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस भेजा।
23 सितंबर 2013-दो जजों की बेंच ने सभी मामले की सुनवाई का आदेश दिया।
26 नवंबर 2013- बेंच ने आदेश दिया कि इस मामले में सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पार्टी बनाया जाएगा।

ससंद में यूं हुआ पास 
3 मार्च 2016- आधार बिल 2016 को लोकसभा में पेश किया गया, बाद में इसे वित्त विधेयक के रूप में पास कर दिया गया।
10 मई- कांग्रेस नेता जयराम रमेश आधार बिल को वित्त विधेयक के रूप में पास करने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
21 अक्टूबर- एस जी वोमबात्करे ने आधार ऐक्ट की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

ऐसे बढ़ता रहा आधार 
31 मार्च 2017- सरकार ने इनकम टैक्स ऐक्ट में सेक्शन 139AA शामिल किया। इसके तहत पैन कार्ड, रिटर्न फाइल करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया।
1 जून- आधार कार्ड को बैंक में अकाउंट खोलने और 50 हजार से ऊपर के लेनदेन पर अनिवार्य किया गया।
9 जून-दो जजों की पीठ ने आईटी ऐक्ट 139AA को बरकरार रखा। कोर्ट ने साथ ही कहा कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं उसका पैन कार्ड कुछ समय के लिए अवैध नहीं माना जाएगा।

प्रिवेसी से जुड़ा मामला 
24 अगस्त 2017- सुप्रीम कोर्ट में नौ जजों की बेंच ने फैसला दिया कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार हैं। आधार के डेटा को भी इस फैसले से जोड़ा गया।

आधार पर 5 जजों की बेंच ने की सुनवाई 
17 जनवरी 2018- पांच जजों की बेंच ने आधार मामले की सुनवाई शुरू की।
10 मई 2018- सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर फैसला सुरक्षित रखा।

अगर फैसला आधार के खिलाफ तो?
-केंद्र सरकार कई जगहों पर आधार को अनिवार्य बना चुकी है। अगर फैसला खिलाफ आता है तो बड़ा असर होगा।
-सुप्रीम कोर्ट अगर बॉयोमिट्रिक डेटा जुटाने को गलत करार देता है तो यह प्रक्रिया रुक जाएगी। केंद्र सरकार के अनुसार अबतक देश में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों का आधार बन चुका है।
-सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अगर आधार की अनिवार्यता सुप्रीम कोर्ट खत्म कर देता है तो सरकार को अपनी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए अन्य रास्ता आख्तियार करना होगा।
-अगर सुप्रीम कोर्ट बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर आदि के लिए आधार की अनिवार्यता को गलत बताता है तो कई आर्थिक और अन्य अपराध को रोकने के लिए केंद्र को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

आज का राशिफल

आपका राशिफल

टिप्स फॉर 26-09-2018 बुधवार हमारी हर टिप्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करे सबका मंगल हो

*आज गंड मुला योग – ध्रुव योग
– पंचक – तिथि कृष्ण प्रतिपदा और रेवती नक्षत्र …

आज के योग के अनुसार आज निचे दिए मंत्रो पाठ की जप माला जरुर करे और आखिर में श्री सूक्तं स्तोत्र पाठ भी करे

आज प्रथम श्री विष्णु पजन करे या विष्णु शहस्त्र पाठ करे और अगर आप पुरुसुकतम स्तोत्र कर शकते हे तो उत्तम हे

मंत्र – ॐ श्रिंग रिंग श्रिंग कमले कमलालए प्रसिद प्रसिद श्रिंग रिंग श्रिंग ॐ महालक्ष्मे नमः ( तिन माला जप सुबह और शाम दोनों वक्त

श्राद्ध – पितृ पक्ष में करने योग्य उपाय के लिए निचे दी गई लिंक से पितृदोष शांति के उपाय करे

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ विष्णुवे नमः यह मंत्र २१ बार लिख ( हो शके तो 108 बार लिखे ) श्राद्ध पक्ष में केवल यही मंत्र नित्य लिखना है

आज क्या करे – आज बिजनेश एक्टिविटी करे। आर्थिक व्यहवार करे । आज आराम भ कर शकते है । कोई स्पिरिच्यूल काम करना है तो भी शुभ समय ।।

आज क्या ना करे – आज कोई भी नेगेटिव शार्प एक्शन ना ले । आज कोई भी शस्त्र क्रिया भी ना करे ।

आज कहा जाना शुभ रहेगा – आज अपनी बहन या बुआ से मिलने जाना है तो शुभ समय

आज दोपहर 12 बजे से 2 30 बजे के बिच कोई भी शुभ कार्य ना करे

भोजन उपाय – आज से ले कर अगली अमावस्या तक खीर पूरी का भोजन अवश्य करे ( जो लोग व्रत या उपवास करते हे वह लोग साबूदाने की खीर बनाकर खा शकते हे )

दान पुण्य उपाय – आज हरी सब्जी का दान करे

वस्त्र उपाय – आज हरे या ब्ल्यू रंग के वस्त्र धारण करे परन्तु पीले रंग के वस्त्रो से परहेज करे

वास्तु उपाय – आज शाम घर में गुगुल और कपूर का धुप जरुर करे

सावधानी रक्खे – आज के ग्रहों के अनुसार आज जिन्हें शर्दी खासी रोग की शिकायत ज्यादा रहती हे या फिर इससे जुडी कोई भी परेशानी ज्यादा रहती या ऐसी कोई भी समस्या से पीड़ित है वो आज अपने व्यवहार में एवं तामसी खान पान में सावधानी बरतें और ध्यान जरुर करे

26 सितम्बर जिनका जन्म दिन हे और जिनकी शादी की सालगिरह हे वो आज बकरी और गाय को चारा खिलाये

🐏मेष
राजकीय सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। थकान रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद से बचें। नए कार्यों में लाभ होने की संभावना है। परिवार की तरक्की होगी। आपको अपने कर्म पर विश्वास रखते हुए कार्य करना चाहिए।

🐂वृष
रोजगार में वृद्धि होगी। संपत्ति के बड़े सौदे हो सकते हैं। बड़ा लाभ होगा। जल्दबाजी न करें। प्रमाद से बचें। दूरदर्शिता एवं बुद्धिमानी से कई रुके हुए काम पूरे होने की संभावना है। खर्चों में कमी करना होगी। व्यापार में सही निर्णय नहीं लेने से हानि हो सकती है।

👫मिथुन
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। दिन प्रतिकूल रह सकता है। सामाजिक स्तर में परिवर्तन एवं प्रतिष्ठा को लेकर चिंतित रहेंगे। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा। अधिक लोभ-लालच न करें।

🦀कर्क
शोक समाचार मिल सकता है। भागदौड़ अधिक होगी। थकान रहेगी। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। माता-पिता का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। दिन प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। व्यापार में लाभ की स्थिति बनेगी। रुका पैसा प्राप्त होने के योग हैं।

🐅सिंह
रुके कार्य पूर्ण होंगे। मेहनत सफल रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। नई योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। बड़े लोगों से भेंट होगी, जिसका लाभ भविष्य में मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे। आलस्य से बचकर रहें।

🙎‍♀कन्या
पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। अच्छी खबरें मिलेंगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। पारिवारिक वातावरण सहयोगात्मक रहेगा। आपकी बुद्धिमानी से समस्याओं का समाधान संभव है। सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

⚖तुला
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखना चाहिए। श्रम अधिक करना होगा। आपके कार्यों की समाज एवं परिवार में आलोचना हो सकती है। व्यापार सामान्य चलेगा।

🦂वृश्चिक
फालतू खर्च होगा। तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, बाकी सामान्य रहेगा। आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। मित्रों की मदद से महत्वपूर्ण कार्य पूरे होने के आसार हैं। साझेदारी में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

🏹धनु
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। जोखिम न लें। आवास संबंधी समस्या रहेगी। रचनात्मक कामों का प्रतिफल मिलेगा। पूर्व में किए गए कार्यों का शुभ फल प्राप्त हो सकेगा। स्वाध्याय में रुचि बढ़ेगी।

🐊मकर
योजना फलीभूत होगी। घर-बाहर पूछ-परख बढ़ेगी। कार्यसिद्धि होगी। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आत्मविश्वास बढ़ने से व्यापारिक लाभ अधिक होने के योग हैं। यात्रा में सावधानी रखें। जल्दबाजी एवं लापरवाही से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं।

🍯कुंभ
राजकीय सहयोग मिलेगा। रुके कार्य पूर्ण होंगे। अध्यात्म में रुचि रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में उचित लाभ हो सकेगा। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। जीवनसाथी की उन्नति सामाजिक सम्मान को बढ़ाएगी।

🐟मीन🐟
चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। आर्थिक समस्या रह सकती है। नए कामों में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। खर्च का बोझ बढ़ेगा।

आजका पंचांग

 

🌷🌷🌷पंचांग🌷🌷🌷
26 सितम्बर 2018, बुधवार

अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – दक्षिण
ऋतु – शरद
मास – आश्विन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – प्रतिपदा
नक्षत्र – रेवती
योग – ध्रुव
करण – कौलव
राहुकाल –
12:00PM – 1:30PM
🌞सूर्योदय – 06:17 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 18:10 (चण्डीगढ)
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🚩विशेष:-🚩
द्वितीया का श्राद्ध।
पंचक समाप्त।

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आज फिर एक कलयुगी माँ ने अपने जिगर के टुकड़े को मरने के लिए छोड़ा

नरेश भरद्वाज, जालंधर:

जहां देश भर में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कि मुहीम ज़ोर पकडती जा रही है वहीँ पंजाब में एक कलयुगी माँ ने 2 दिन पहले जन्मी बच्ची को ज्योति चौक पुलिस नाके के पास छोड़ गई. पीसीआर टीम को गश्त के दौरान वहाॆ बच्ची मिली तो उसे तुरंत सिविल अस्पताल ले गए वहां स्टाफ ने पहचाना कि बच्ची का जन्म दो दिन पहले यही हुआ था. अब पुलिस उक्त बच्ची के परिजनों का पता निकलवा कर वहां तक पहुंच वैरीफाई करेगी कि यह बच्ची वही है या कोई और. गौर हो कि तीन दिन पहले भी जालंधर में कलयुगी मां दो दिन की बच्ची को छोड़ गई थी.

HARYANA TO GET FIVE NEW TOWNSHIPS

Chandigarh, Sept 25- Haryana Cabinet   here today accorded approval to the Panchgram Development Bill, 2018 for developing five new cities over an area of 50,000 hectares on each side of the Kundli-Manesar-Palwal (KMP) expressway. Panchgram Development Authority will be constituted as the Apex Body for policy making, development and regulation for the development of Panchgram Region.

            The Cabinet approved the concept of the Panchgram Region and developing five cities on the Kundli-Manesar-Palwal (KMP) expressway on 50,000 hectares each side of the expressway which would cover eight districts of the State namely Sonipat, Rohtak, Jhajjar, Gurugram, Rewari, Mewat, Faridabad and Palwal. While the entire vacant area between the KMP expressway and Delhi has been included in the cities, the area on the outer side varies depending on the development potential.

            Haryana State Industrial and Infrastructure Development Corporation(HSIIDC) has initiated the process for hiring a world class consultancy firm through a global tender for undertaking the master plan. The master plan will be prepared using the high resolution area, photography and act as a guiding document for all the future initiatives. This plan will be finalized after the study of the ground realities and demand-supply paradigm. The proposed legislation envisages creation of an authority for planning development and growth of Panchgram Region and a complete code for establishing and operationalising five modern and efficient cities. The Chief Minister will be the Chairperson of the Authority and the other members of the Authority will comprise of State Ministers, public representatives, State Government officers and local body representatives.

            Urbanization of the region along the KMP e-way is inevitable. It is estimated that around 50 per cent of the total population of India will be residing in urban areas by 2050. In case of Haryana, urban population will reach 50 per cent mark before 2040. The key urban areas of the State around National Capital Region (NCR) will see unprecedented growth in urban population. Haryana has an advantage of availability of maximum non-urbanized area around NCR which can be developed as new cities.

‘एनआरसी मुद्दे पर कांग्रेस संसद में ऐसे कांव-कांव करने लगी जैसे उनकी नानी मर गई हो.’ शाह


अमित शाह ने मध्य प्रदेश में भोपाल के जंबूरी मैदान में बीजेपी कार्यकर्ता महाकुंभ रैली को संबोधित कर रहे थे


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के मुद्दे पर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. मंगलवार को उन्होंने कहा कि ‘एनआरसी मुद्दे पर कांग्रेस संसद में ऐसे कांव-कांव करने लगी जैसे उनकी नानी मर गई हो.’

अमित शाह ने मध्य प्रदेश में भोपाल के जंबूरी मैदान में बीजेपी कार्यकर्ता महाकुंभ रैली को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा,‘असम में पंजीकरण में प्राथमिक रूप से 40 लाख घुसपैठियों की पहचान की गई है. अब इनको मतदाता सूची से भी हटाया जाएगा.’

शाह ने कहा,‘आज कार्यकर्ताओं की लाखों की भीड़ मेरे सामने खड़ी है. मैं पूछना चाहता हूं कि इस देश से घुसपैठियों को जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए?’

इस पर जनता की ओर से आवाज आई – ‘हां जाना चाहिए’.

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा,‘पूरे देश से घुसपैठियों को निकालने की शुरुआत असम से की जाएगी.’ उन्होंने कहा कि हमने असम में सरकार बनने के बाद एनआरसी को लागू किया. भारत के नागरिकों पर रजिस्टर बनते ही अवैध घुसपैठियों की सूची बन जाएगी.

अमित शाह ने कहा,‘बीजेपी के लिए देश की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. आपको चिंता करने की जरूरत नहीं. एनआरसी की प्रक्रिया रुकने वाली नहीं है.’

वसुंधरा जी काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है, बार-बार नहीं. जनता आपकी विदाई तय कर चुकी है: गहलोत


गहलोत ने कहा, राजे को झूठी उपलब्धियों का ढिंढ़ोरा पीटकर जनता को भ्रमित करने की बजाय सच का सामना करना चाहिए


कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में राज्य पर कर्ज की लगातार बढ़ोतरी हुई है. काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है, बार-बार नहीं. जनता उनकी विदाई तय कर चुकी है.

गहलोत ने यहां एक बयान में कहा कि राजे बार-बार कांग्रेस सरकार पर ऋणभार बढ़ाकर खजाना खाली छोड़ने का झूठा और बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उन्होंने खुद राजस्थान को कर्ज में डुबो दिया है. राजे को झूठी उपलब्धियों का ढिंढ़ोरा पीटकर जनता को भ्रमित करने की बजाय सच का सामना करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय राज्य पर साल 2012-13 में 1,17,809 करोड़ रुपए का कर्ज भार था, आज उससे दोगुने से भी अधिक कर्ज राज्य की जनता पर डाल दिया गया है. साल 2018-19 के बजट अनुमानों के अनुसार राज्य पर ऋण भार उदय योजना सहित 3,08,033 करोड़ रुपए माना जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि कांग्रेस सरकार ने राज्य का खजाना खाली कर दिया, असत्य और भ्रामक है. हकीकत में कांग्रेस सरकार ने साल 2012-13 में 3451 करोड़ रुपए का राजस्व अधिशेष छोड़ा था जबकि साल 2018-19 के बजट अनुमानों के अनुसार बीजेपी सरकार का उदय योजना सहित 17454 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा है.

उन्होंने कहा कि कुशल वित्तीय प्रबंधन से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय राज्य सरकार के राजकोषीय घाटे को एफआरबीएम अधिनियम के तहत निर्धारित जीएसडीपी के 3 प्रतिशत की सीमा के अंदर ही नियंत्रित रखा गया था.

गहलोत ने कहा कि वित्तीय कुप्रबन्धन के कारण राज्य के राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने में भी राजे सरकार विफल रही है. साल 2016-17 के अंत तक राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.19 प्रतिशत रहा जो निर्धारित सीमा से अधिक है.

उन्होंने कहा कि इस बार जनता इनके भ्रम जाल में फंसने वाली नहीं है, जैसा कि पिछली बार हुआ. यात्रा में झूठी गौरव गाथा गाने की बजाय जनता से माफी मांगनी चाहिए. चुनाव में कांग्रेस पर रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाने वाली राजे जो बिना बजट प्रावधान के लोकलुभावन घोषणाएं कर रही हैं, उन्हें पूरा करना अब उनके बस में नहीं है.

गणपति पंडाल से भगवन गणेश की स्तुति करना पठान को पड़ा महंगा

वारिस पठान


ये कोई पहला मौका नहीं है जब वारिस पठान किसी ऐसे विवाद में फंसे हैं. 2017 में भी पठान ‘राष्ट्रीय गीत’ वंदे मातरम नहीं गाने के लिए सुर्खियों में आए थे. इसके बाद पठान का बीजेपी के विधायक राज पुरोहित के साथ गर्मागर्म बहस हुई थी


अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM ) के वारिस पठान को बायकुला में गणपति का दर्शन करना कार्यक्रम के दौरान ‘गणपति बप्पा मोरया’ बोलना बहुत भारी पड़ गया. वारिस को इसके लिए माफी मांगनी पड़ी. कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा विरोध होने के बाद पठान ने वीडियो जारी कर इसके लिए माफी मांगी.

पठान गणेश चतुर्थी के त्यौहार के दौरान बायकुला के गणपति पंडाल पहुंचे, जहां उन्होंने लोगों को संबोधित किया था और प्रार्थना की कि भगवान गणेश सभी के लिए खुशी, सुख और समृद्धि लाएं. लोगों की सारी बाधाएं दूर करें. ये वीडियो वायरल हो गया और पठान पर मुस्लिम नेताओं का गुस्सा फूट पड़ा. इसके बाद पठान ने एक वीडियो जारी कर अपनी ‘गलती’ स्वीकार की और अल्लाह से अपनी बेवकूफी के लिए माफी मांगी.

वारिस ने वीडियो में कहा, ‘चंद दिन पहले मेरी जुबान से कुछ ऐसे कलेमात निकल गए थे जिसके लिए मैं शर्मिंदा हूं. और मैंने अल्लाह से इसके लिए माफी मांगी है. हां मुझसे गलती हुई है. दोबारा से ऐसी गलती नहीं होगी. मैं भी इंसान हूं. हर इंसान से गलती होती है. मैं मानता हूं कि मैं गलत था. अल्लाह सर्वशक्तिमान है और वह हर किसी को क्षमा करता है और मुझे पता है कि अल्लाह मुझे माफ कर देगा… मैं आपकी दुआओं का मोहताज हूं. आप दुआ करें कि अल्लाह मेरे गुनाहों को माफ करे. मेरे ईमान को मजबूत बनाएं. आपकी दुआओं में मुझे याद रखिए.’

ये कोई पहला मौका नहीं है जब वारिस पठान किसी ऐसे विवाद में फंसे हैं. 2017 में भी पठान ‘राष्ट्रीय गीत’ वंदे मातरम नहीं गाने के लिए सुर्खियों में आए थे. इसके बाद पठान का बीजेपी के विधायक राज पुरोहित के साथ गर्मागर्म बहस हुई थी.

पद्मश्री, पद्मविभूषण जसदेव सिंह नहीं रहे


87 बरस की उम्र में आवाज के जादूगर जसदेव सिंह ने ली आखिरी सांस


हॉकी वर्ल्ड कप विजय की वर्षगांठ थी. दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम में एक समारोह रखा गया. इसमें जसदेव सिंह भी आए थे. तमाम औपचारिकताओं और एक प्रदर्शनी मैच के बीच जसदेव सिंह से उस जीत की यादें ताजा करने को कहा गया. मार्च का महीना था. जसदेव सिंह ने छोटा सा कागज निकाला. उस पर कुछ पॉइंट लिखे हुए थे. माइक हाथ में लिया. …और अगले 4-5 मिनट उनकी आवाज की खनक और रवानगी उस माहौल को जसदेवमय बना गई.

मैं जसदेव सिंह बोल रहा हूं… इस घोषणा के साथ ही रेडियो की आवाज बढ़ा दी जाती थी. लोग रेडियो के करीब आ जाते थे. उसके बाद बस, एक आवाज गूंजती थी. जसदेव सिंह की. 1975 के विश्व कप की उस दौर का कोई शख्स नहीं भूल सकता. यहां तक कि फाइनल में विजयी गोल करने वाले अशोक कुमार ने कुछ समय पहले कहा था कि जब हम लौटकर आए, तो वो कमेंट्री दोबारा सुनी. उन्होंने कहा, ‘मैं दिल से कहता हूं कि उस कमेंट्री का रोमांच मैं शब्दों में नहीं बता सकता.’

हॉकी के हर पास की रफ्तार जसदेव सिंह के मुंह से निकलते शब्द की रफ्तार से मुकाबला करते थे. ऐसा लगता था, जैसे वो एक भी लम्हा नहीं चूकना चाहते. ..और कमेंट्री को लेकर उनका लगाव ही था, जो वर्ल्ड कप के 30 बरस बाद भी वो कमेंट्री शब्द-दर-शब्द उन्हें याद थी.

दरअसल, महात्मा गांधी के अंतिम सफर की कमेंट्री से उनका कमेंट्री के साथ लगाव शुरू हुआ था. उनके शब्दों में 1962 के स्वतंत्रता दिवस पर जो शुरुआत की, तो फिर वो किसी भी स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस की आवाज बन गए. खासतौर पर गणतंत्र दिवस परेड की. माहौल बताना उनकी खासियत थी. उनकी कमेंट्री चिड़ियों के चहचहाने, सुहानी बयार, पेड़ों के झूमने से शुरू होती थी. यहां तक कि मजाक में कहा जाने लगा था कि जसदेव सिंह तो इनडोर स्टेडियम में चिड़ियों की आवाज सुना देते हैं.


Rajyavardhan Rathore

@Ra_THORe

It is with deep sadness that I note the demise of Sh Jasdev Singh, one of our finest commentators.

A veteran of @AkashvaniAIR & @DDNational, he covered 9 Olympics, 6 Asian Games & countless Independence Day & Republic Day broadcasts.

His demise is truly the end of an era.


शायद ही कोई ऐसा बड़ा इवेंट हो, जहां जसदेव सिंह की आवाज न गूंजी हो. जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी जैसे नेताओं की अंतिम यात्रा हो… खेलों के हर बड़े इवेंट के साथ जुड़ाव हो.. हर जगह जब भी कमेंट्री की बात आती, जसदेव सिंह का नाम पहले आता था. उन्हें फिल्म चक दे में कमेंटेटर के रोल के लिए भी बुलाया गया. लेकिन लिखी हुई लाइन के बजाय अपने हिसाब से बोलने पर वो अड़ गए, जिस वजह से उन्हें फिल्म में नहीं लिया गया.

एक समय के बाद उनमें कुछ कड़वाहट आने लगी. उन्हें लगने लगा कि उनका वो सम्मान नहीं हो रहा, जिसके वो हकदार थे. हालांकि सब जानते हैं कि पद्म भूषण, पद्म श्री, ओलिंपिक ऑर्डर.. ये सब उनके नाम हैं. लेकिन रिटायरमेंट के बाद हालात बदले. 1955 से कमेंट्री कर रहे जसदेव शायद कमेंट्री से अपने प्यार की वजह से इससे दूर नहीं होना चाहते थे. उन्हें स्टार स्पोर्ट्स में भी शुरुआती समय में सुनील गावस्कर के साथ मौका दिया गया. 2000 के सिडनी ओलिंपिक में उन्होंने ओपनिंग सेरेमनी की कमेंट्री की. लेकिन तब तक साफ होने लगा कि आवाज का जादू तो बरकरार है, लेकिन अब आंखों और आवाज का समन्वय गड़बड़ा रहा है. कुछ खिलाड़ियों को पहचानने में उन्हें समस्या होने लगी थी.

इसके बाद भी कई सालों तक वो कमेंट्री करते रहे. वो लगातार यह कहते रहे कि उनसे कमेंट्री करवाई जानी चाहिए. लेकिन जैसा कहा जाता है कि दिन किसी के लिए नहीं थमते. आज, 24 सितंबर 2018 को 87 साल की उम्र में जसदेव सिंह दुनिया छोड़ गए हैं. कमेंट्री का वो दौर खत्म हो गया है, जिसे उनकी आवाज ने पहचान दी थी.

आकाशवाणी के सबसे चर्चित नामों में एक देवकी नंदन पांडेय थे. समाचार पढ़ने के उनके तरीके ने उन्हें ख्याति दिलाई थी. उनके बारे में कहा जाता है कि एक बार इंदिरा गांधी से आकाशवाणी से लोग मिलने गए. सबने परिचय दिया. इंदिरा गांधी सिर नीचे किए कोई फाइल देख रही थीं. जब देवकी नंदन पांडेय ने अपना परिचय दिया तो इंदिरा जी ने सिर उठाया और कहा- अच्छा, आप हैं… 11 साल पहले 2007 में देवकी नंदन पांडेय का निधन हुआ था.

इसी तरह जसदेव सिंह को कमेंट्री की आवाज कहा जाता है. उनके लिए भी कहा जाता है कि 1975 के हॉकी वर्ल्ड कप फाइनल की कमेंट्री सुनने के लिए इंदिरा गांधी ने संसद की कार्यवाही रुकवा दी थी. यकीनन इसमें कोई शक नहीं कि जसदेव सिंह की आवाज गूंजती थी, तो ऐसा लगता था, मानो दुनिया थम जाए. सवाई माधोपुर में जन्मे जसदेव सिंह दिल्ली और जयपुर में रहते थे. जयपुर में अमर जवान ज्योति पर हर शाम उनकी आवाज गूंजा करती है. वो आवाज सिर्फ अमर जवान ज्योति नहीं, हर उस दिल मे हमेशा गूंजती रहेगी, जिसने उनकी कमेंट्री सुनी है. वो आवाज अमर है.

Congress-led government cancelled the deal with Dassault as the French company did not accept one of Vadra’s firm as “middleman”: Gajendra Shekhawat


The Congress has been accusing massive irregularities in the deal, alleging that the government was procuring each aircraft at a cost of over Rs 1,670 crore as against Rs 526 crore finalised by the UPA government.


Firing fresh salvo at the Congress party and its president Rahul Gandhi, BJP leader and Union minister Gajendra Shekhawat on Monday alleged that the opposition leader was being part of an “international conspiracy” to sabotage the Rafale fighter jet deal to benefit his brother-in-law Robert Vadra.

The minister also claimed that Vadra had links with arms dealer Sanjay Bhandari. He said the Congress-led government cancelled the deal with Dassault as the French company did not accept one of Vadra’s firm as “middleman”.

“They (Vadra and Bhandari) represent themselves as middlemen at many defence expos but they have not got a big breakthrough yet. The then government wanted that the French firm should accept it (Vadra’s company) as the middleman. But since it did not materialise, the deal with Dassault was cancelled,” the minister said.

Referring to former French president Francois Hollande, who stirred controversy about the Rafale fighter jet deal with India last week, Shekhawat said, “How Rahul Gandhi and he (Hollande) are linked as a part of nexus, and are trying to sabotage the deal needs to be understood.”

Accusing the opposition of messing with national security, the minister said the Congress party was weakening the Army’s morale by keeping the nation’s interest on the business interests of its son-in-law (Robert Vadra).

Hollande, who left office in May last year, said on Friday during a trip to India that French jet manufacturer Dassault Aviation had been given no choice about its local partner in a 2016 deal with the Indian administration.

Hollande’s announcement that Dassault “did not have a say in it” added fuel to claims from India’s opposition that the New Delhi government had intervened to help Ambani.

The Congress has been accusing massive irregularities in the deal, alleging that the government was procuring each aircraft at a cost of over Rs 1,670 crore as against Rs 526 crore finalised by the UPA government when it was negotiating procurement of 126 Rafale jets.

Congress president Rahul Gandhi went on the offensive. He attacked Prime Minister Narendra Modi after the reports of French media and said that the PM Modi personally negotiated and changed the Rafale deal behind closed doors.

“An ex-president of France is calling him (the prime minister of India) a thief. It’s a question of the dignity of the office of the prime minister,” he told a news conference in New Delhi.

PM Modi announced the purchase of 36 Rafale fighters after talks with Hollande on April 10, 2015, in Paris.