पहले दिन शोक प्रस्ताव के बाद विधान सभा स्थगित

photo by Rakesh Shah


चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ। सत्र के पहले दिन पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी, जींद से इनेलो विधायक हरी चंद मिड्ढा, शहीद सैनिकों समेत कुल 15 शोक प्रस्ताव पेश करने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। 8 व 9 सितंबर को अवकाश रहेगा। 10 सितंबर को दोपहर बाद सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी।

photo by Rakesh Shah

इस बार सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं, क्योंकि विपक्ष सरकार को एसवाईएल, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए विधेयक सहित अन्य मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रहा है। कांग्रेस दूसरी विपक्षी पार्टी इनेलो के साथ मिलकर अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है। बता दें कि पहले मानसून सत्र 17 अगस्त से शुरू होना था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

Anil Vij photo by Rakesh Shah

 

 

 

Capt. Abhimanu photo by Rakesh Shah

Latika Sharma photo by Rakesh Shah

इन छह मुद्दों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव।

1. बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाते हुए दमनात्मक कार्रवाई।
2. बदतर होती स्वास्थ्य सेवाएं।
3. नदी और पहाड़ों में अवैध खनन।
4. आवारा पशु और गोशालाओं में गोवंश की मौत।
5. स्कूलों में खराब होता शैक्षणिक माहौल।
6. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान।

 

Abhay Choutala & INLO group photo by Rakesh Shah

इन मुद्दों पर काम रोको प्रस्ताव लाएगा इनेलो
1. सोनीपत के विद्यालय की छात्रओं से यौनाचार।
2. 8 सितंबर के हरियाणा बंद के दौरान सरकार की नाकामियों पर पूरे प्रदेश से मिले फीडबैक पर चर्चा।
3. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) का निर्माण शुरू नहीं होने का मुद्दा।
4. दादूपुर नलवी नहर की जमीन को डि-नोटिफाई करने का फैसला वापस लेते हुए नहर को पूरा कराने की मांग।
5. व्यापारियों पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और नोटबंदी की मार।
6. ई-ट्रेडिंग और इंस्पेक्टरी राज से व्यापारियों का शोषण।
7. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भाजपा की पांच रैलियों पर सवाल।
8. बिगड़ी कानून व्यवस्था और नशे का बढ़ता कारोबार।

Gian Chand Gupta

Kiran Choudhry photo by Rakesh Shah

 

Two day Special progamme organised by Pracheen kala Kendra in collaboration with Sangeetam at Tagore Theatre

Photos of Two day Special progamme organised by Pracheen kala Kendra in collaboration with Sangeetam at Tagore Theatre

Dr. Samira performing in special prog at Tagore

 

Dr. Shobha performing in special prog at Tagore

 

Prerna Shrimali performing in special prog at Tagore

 

CEC condemns CM Telangana’s remarks over election schedule

Chief Minister K. Chandrasekhar Rao had earlier stated that the State would go to polls in November

Chief Election Commissioner (CEC) O.P. Rawat on Friday condemned the remarks by caretaker Telangana Chief Minister K. Chandrasekhar Rao about the scheduling of fresh pools in the State. He said an EC team will be visiting the State on September 11 to assess the ground situation.

“The Commission strongly condemns the way the Chief Minister of Telangana announced the supposed schedule. It is uncalled for,” said Mr. Rawat, also denying that he had recently interacted with Mr. Rao or any State government official on the issue.

On Thursday, Mr. Rao had said: “The election notification is expected in the first week of October, polls in November and results in December”. The Telangana Pradesh Congress Committee had objected to it.

Following a government notification on the dissolution of the House, the Commission had sought a report from the State Chief Electoral Officer, which was discussed at the EC’s regular meeting on Friday.

“No decision has been taken on the poll schedule yet,” said Mr. Rawat. The EC is sending a team of officials headed by Senior Deputy Election Commissioner Umesh Sinha to assess the ground situation in the State. Further action will be taken on the basis of its report.

“Whenever a House is dissolved prematurely, as per the Supreme Court guidelines laid down in 2002, the ECI is required to initiate immediate steps for holding elections for constituting the Legislative Assembly on the first occasion and in any case, within six months from the date of premature dissolution of the Assembly,” said Mr. Rawat.

Given that circumstances, the Commission is faced with two possible scenarios. In case the EC receives a report confirming full preparedness, the election may be conducted along with those in Madhya Pradesh, Rajasthan, Chhattisgarh and Mizoram by December 15. However, if more arrangements are to be made, it may be held in January next year, ensuring that its results do not influence the 2019 Lok Sabha polls.

While the revision of the voters’ list in Telangana is also an issue before the EC, the electoral body is confident that it will not prove to be a hindrance. The process had been initiated on September 1.

The EC is also awaiting a corrigendum to be published by the Union Home Ministry on the transfer of seven “mandals” from Telangana to Andhra Pradesh and three from Andhra Pradesh to Telangana, under the reorganisation law. “We have been told that it would be done in a few days. The Ministry had earlier issued a corrigendum, but it had some flaws,” said Mr. Rawat.

बोर्ड परीक्षाओं को नकल-मुक्त बनाकर शैक्षिक स्तर ऊँचा उठाया जाएगा: आर.के. सिंह

बोर्ड परीक्षाओं को नकल-मुक्त बनाकर शैक्षिक स्तर ऊँचा उठाया जाएगा। शिक्षा तथा इसके महत्वपूर्ण अंगों परीक्षा व मूल्यांकन में सुधार करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
ये उद्गार आर.के. सिंह, एच.सी.एस. ने आज यहाँ स्थित बोर्ड मुख्यालय पर सचिव पद का कार्यभार संभालने के पश्चात् व्यक्त किए। इस अवसर पर बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेशभर में चल रही हरियाणा मुक्त विद्यालय की सितम्बर-2018 परीक्षाओं में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा नकल और अनुचित साधनों के प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए सुदृढ़ व सुसंगठित प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं जोकि प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा कि वे बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह के साथ मिलकर निरीक्षण टीमों का गठन करेंगे, जोकि परीक्षा केंद्रों पर प्रभावी निरीक्षण करेंगी। साथ ही बोर्ड के अध्यक्ष तथा वे स्वयं (सचिव) भी परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण करेंगे।
श्री सिंह ने आगे कहा कि बोर्ड अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर उनके सक्रिय सहयोग व भागीदारी के साथ बोर्ड कार्यालय में बेहतर कार्य परिवेश तैयार करेंगे, जिससे बोर्ड की कार्यप्रणाली में तीव्रता आए व बोर्ड अधिकाधिक छात्र हितैषी बने। बोर्ड की कार्यप्रणाली को पूर्णतया डिजीटल करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इन्हें और सुदृढ़ किया जाएगा।
बोर्ड में पद ग्रहण करने से पूर्व श्री आर.के. सिंह गुरूग्राम में ए.डी.सी.-कम-सी.ई.ओ., डी.आर.डी.ए. एवं सचिव, आर.टी.ए. के पद पर कार्यरत थे। बोर्ड मुख्यालय पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद श्री सिंह ने बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह से मुलाकात की। बोर्ड के सभी उप-सचिव व सहायक सचिवों व अन्य अधिकारियों द्वारा बोर्ड के प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार पर श्री सिंह का हार्दिक अभिनन्दन किया गया।

सुरजेवाला ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरा

आज हरियाणा विधानसभा सत्र की शुरुआत पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला।

सुरजेवाला ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरा।

सुरजेवाला ने कहा कि महंगाई से त्रस्त देश की जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए कांग्रेस 10 सितंबर को देशव्यापी #भारत_बंद करेगी।

पेट्रोल,डीजल,गैस की कीमतों व रैफेल विमान घोटाला के खिलाफ काँग्रेस का प्रदर्शन, मोदी का पुतला फूंका

फोट राकेश शाह


बीजेपी पेट्रोल,डीजल,गैस की कीमतों को रोकने में नाकाम:-कांग्रेस


राकेश शाह

चंडीगढ़, 7 सितंबर:

देश मे बढ़ती पैट्रोल, डीजल,गैस की कीमतों के खिलाफ चंडीगढ़ काँग्रेस ने आज जबरदस्त प्रदर्शन किया। बढ़ती पेट्रोल,डीजल व गैस की कीमतों के खिलाफ सेक्टर 15 में मार्च निकाल मोदी सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी व पुतला फूंका। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा की मौजूदगी में कांग्रेसियों ने जबरदस्त नारेबाजी की। छाबडा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय जो विदेश से क्रूड ऑयल 107 से 120 डॉलर प्रति बैरल खरीदकर देश की जनता को सस्ता पेट्रोल, डीजल देती थी आज बीजेपी सरकार 70 डॉलर प्रति बैरल (जो कि पिछली सरकार के मुकाबले लगभग आधी कीमत) खरीद कर मोदी सरकार 85 रु प्रति लीटर पेट्रोल बेच रही है पेट्रोल डीजल व गैस की कीमतें अबतक के उच्चतम स्तर पर है। दीपा दुबे ने कहा महंगे डीजल से किसानों की खेती पर बुरा असर पड़ रहा है, ट्रांस्पोर्टेशन महंगी होती जा रही है जिस से महंगाई मोदी सरकार के लिए बेलगाम हो चुकी है।

फोटो राकेश शाह

मनु दुबे ने कहा की जिस कांग्रेस की सरकार के समय गैस सिलेंडर की कीमत 400 रु होती थी अब केंद्र की नाकाम व नकारा बीजेपी सरकार के समय 800 से ऊपर हो गई है। ब्लॉक अध्यक्ष जावेद अली ने कहा कि भर्ष्टाचार मुक्त भारत का ढोंग करने वाली आज रैफेल विमान घोटाले में लिप्त हो चुकी है देश की जनता को झूठे वादे व गुमराह करके सत्ता पाने वाली बीजेपी के ढोंग का खुलासा हो गया है 2019 में जनता बीजेपी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए तैयार बैठी है।

फोटो राकेश शाह

वहां मौजूद अन्य नेताओं में रामपाल शर्मा, डीडी जिंदल, भूपिंदर बढ़ेरी, अनिता शर्मा, यादविंदर मेहता, राजीव मौदगिल, अश्वनी शर्मा, शेरी, रवि ठाकुर, नरिंदर सिंह,साहिल दुबे,सुभाश बकस,जावैद अलि, विक्की कनौजिया, विकासदीप, दिप्पू, नहिम अहमद, अशोक थापा, रूबल,उमेश सैठी, हरमनप्रीत,सरताज, अँकित ।

फोटो राकेश शाह

Gen Bajwa supports ‘Self Determination’ for J&K


Islamabad supports self-determination, Gen. Qamar Javed Bajwa says in the presence of Prime Minister Imran Khan during Defence and Martyrs Day ceremony.


Pakistan Army chief Gen. Qamar Javed Bajwa on Friday raked up the Kashmir issue and reaffirmed Islamabad’s support for “self-determination” in Jammu and Kashmir.

The Pakistan Army learnt a lot from the 1965 and 1971 wars with India and had made the country’s defence impregnable by developing nuclear weapons, he said at a Defence and Martyrs Day, organised to mark the anniversary of the 1965 war with India, at the Army headquarters in Rawalpindi.

The event was attended by Prime Minister Imran Khan.

Gen. Bajwa said Pakistan supported the people of Jammu and Kashmir in their “struggle for the right to self-determination”.

“We have learned a lot from the wars of 65 and 71. We were able to further strengthen our defence forces in the wake of these wars. Despite difficult economic times, we were able to become an atomic power. September 6, 1965, is an important day in the history of our nation,” he said, adding that Pakistani soldiers jumped into the fiery pits of warfare but did not let the country be harmed. “The bravery shown by our nation during the 1965 war serves as an important lesson and an inspiration to our youth even today.”

Won’t fight other people’s wars, says Khan

Mr. Khan said Pakistan would never fight any other country’s war in future and his government’s foreign policy would be in the best interest of the nation. “We will not become part of a war of any other country [in future]… Our foreign policy will be in the best interest of the nation,” he said, apparently referring to the country’s involvement in neighbouring Afghanistan.

Pakistan was the ally of the United States during the Cold War as it fought the American war with the erstwhile Soviet Union in Afghanistan.

Mr. Khan praised the armed forces for combating terrorism. “No other nation has fought the war on terror like the Pakistan Army.” The role of the security forces and intelligence agencies in making the country safer against all threats was unparalleled, he said.

Mr. Khan also talked about investing in human capital by sending children to schools and building hospitals and system of merit so that everyone is treated equally on the pattern of first Muslim state of Medina. “The government will bring meritocracy and transparency in all sectors by following the golden principles of state of Medina,” he said.

सरकार ने भीमा कोरेगांव में किसी तीसरे का हाथ होने की आशंका जताई


भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के लिए फरवरी में कमीशन को स्थापित किया गया था और बुधवार से मुंबई में इसकी सुनवाई शुरु हुई. इसकी सुनवाई पुणे में भी होगी


राज्य सरकार के स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर ने भीमा कोरेगांव हिंसा में पूछताछ कर रहे आयोग के सामने दावा किया कि 1 जनवरी को हुई घटना किसी ‘तीसरे ग्रुप’ ने ‘अराजकता फैलाने’ के लिए किया हो सकता है. 44 वर्षीय मनीषा खोपकर पर हिंसा के दौरान हमला हुआ था. मनीषा ने आयोग को बताया कि एक ग्रुप ने उनपर पत्थरों से हमला किया था. और भगवा झंडे लिए लड़के मोटरसाइकिलों पर नारे लगाते हुए वहां से निकल गए.

समस्त हिंदू अघादी नेता मिलिंद एकबोट और श्री शिव प्रतिस्ठान हिंदुस्तान नेता संभाजी भिड़े के खिलाफ शिक्रपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. 1 जनवरी को कोरेगांव की लड़ाई में शहीदों की 200 वीं वर्षगांठ के समय इकट्ठा हुए लोगों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने में उन लोगों की भूमिका की जांच की जाएगी. पुणे पुलिस ने पिछले साल 31 दिसंबर को शनिवार वाडा में आयोजित एल्गार परिषद के आयोजकों और प्रतिभागियों को भी नामजद किया है और आरोप लगाया कि उनके उत्तेजक भाषणों की वजह से ही हिंसा भड़की.

गवाहों से पूछताछ शुरु:

मनीषा खोपकर से जब ये पूछा गया कि, ‘क्या यह संभव है कि दोनों समूहों के बीच में गलतफहमी और हिंसा बढ़ाने के मकसद से किसी ने ये काम किया हो?’ इसके जवाब में खोपकर ने कहा कि वह किसी पर आरोप नहीं लगा रही हैं. हालांकि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जे एन पटेल ने कहा कि सवाल ‘कल्पित’ था. लेकिन हिरय ने कहा कि गवाह से सवाल पूछा गया क्योंकि उन्हें ‘विचारधारा’ का अर्थ पता है. किसी तीसरे पक्ष की संलिप्तता के बारे में सवाल पूछने से पहले मनीषा से पूछा गया था कि क्या वो विचारधारा का अर्थ समझती हैं. इसके बाद हिरय ने लिखा कि हिंसा के पीछे ‘अलग विचारधारा’ के तीसरे समूह की संभावना थी.

 

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक हिरय ने गवाह से कोरेगांव की लड़ाई के इतिहास के बारे में भी सवाल किया और पूछा कि क्या उनके पास इसके बारे में कोई लिखित सबूत है. खोपकर ने कहा कि पेशवा के खिलाफ लड़ाई में महारों की जीत का इतिहास उन्होंने अपने माता-पिता से सुना था. इसके बात हिरय ने खोपकर से 2014-15 में उनके खिलाफ चेक-बाउंसिंग के तीन लंबित मामलों को दिखाया. साथ ही उन्होंने खोपकर से उनके इस दावे के बारे में भी सवाल किया कि 1 जनवरी को दुश्मनों द्वारा उन्हें और दूसरे लोगों पर भीड़ द्वारा जातिवादी टिप्पणी की गई थी पुलिस ने उनके इस आरोप ध्यान नहीं दिया. एकतरफ जहां हिरय ने दावा किया कि वह झूठ बोल रही हैं. वहीं खोपकर ने कहा कि उन्होंने पुलिस को इसके बारे में बताया पर पुलिस ने इसे दर्ज नहीं किया था.

गुरुवार को एक और गवाह, तुकाराम गावड़े को भी पेश किया गया. कमीशन के वकील आशीष सतपूते द्वारा सवाल पूछने पर गावड़े ने कहा कि वह 2006 में राज्य और मुंबई पुलिस में अस्सिटेंट इंस्पेकटर के रूप में रिटायर हुए थे. उन्होंने कहा कि वो इसके पहले चार पांच बार भीम कोरेगांव का दौरा कर चुके थे. और 200वीं वर्षगांठ के समय वो एक बड़े समूह के साथ गए थे.

कमीशन को फरवरी में स्थापित किया गया था और बुधवार से मुंबई में इसकी सुनवाई शुरु हुई. इसकी सुनवाई पुणे में भी होगी.

मुलायम से भी नहीं संभली घर की तकरार, शिवपाल की नयी पार्टी अक्तूबर में


अब तक शिवपाल यादव मुलायम सिंह के साथ शांति वार्ता कर रहे थे लेकिन लगता है कि इनके बीच बात बनी नहीं है


समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर चुके शिवपाल यादव अब आखिरकार अक्टूबर के मध्य में लॉन्च करेंगे. अब तक वो यादव परिवार के साथ शांति वार्ता कर रहे थे लेकिन लगता है कि इनके बीच बात बनी नहीं है.

सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश राजनीति के यादव परिवार में शांति वार्ता पर बात बन नहीं पाई है और शिवपाल सिंह यादव आखिरकार अपनी नई पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा अक्टूबर में लॉन्च कर देंगे.

शिवपाल यादव ने कुछ दिनों पहले ही अपनी नई पॉलिटिकल पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नाम की घोषणा की थी और उन सभी को अपनी पार्टी जॉइन करने का न्योता भेजा था, जिन्हें लगता है कि समाजवादी पार्टी में उन्हें सम्मान नहीं मिलता.

इसके बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि शिवपाल के इस घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और मार्गदर्शक मुलायम सिंह यादव ने उनसे बातचीत कर मामला सुलझाने की कोशिश की. वो चाहते थे कि उनके भाई शिवपाल और बेटे अखिलेश यादव के बीच का विवाद खत्म हो जाए. हालांकि, लगता है कि ये दोनों नेता ही झुकने के मूड में नहीं हैं. कहा जा रहा है कि शिवपाल सिंह ने शर्त रखी है कि वो पार्टी में तभी रुकेंगे जब उनको और उनके साथियों को पार्टी में समुचित आदर मिलेगा.

खबर थी कि जब शिवपाल यादव ने अपने पार्टी के नाम की घोषणा की थी, उस वक्त ये खबर भी आई थी कि उन्होंने खुद मुलायम सिंह यादव तक इसमें शामिल होने का न्योता दिया था, जिसे मुलायम ने नकार दिया था. उधर लग रहा है कि अखिलेश यादव भी इस मामले को पूरी तरह से सुलटाने के मूड में हैं.

शिवपाल सिंह ने भी गुरुवार को ऐसी बात कही, जिससे लगता है कि अब वो पीछे मुड़कर देखने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी नई राजनीतिक पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाएंगी. हम बीजेपी के खिलाफ सेक्युलर मोर्चे को मजबूत करेंगे.

शिवपाल धड़े के सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस नई पार्टी को मैदान में ले जाने की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. नामों पर चर्चा की जा रही है और जल्दी ही पार्टी के लिए प्रवक्ता चुन लिए जाएंगे. अक्टूबर के मध्य तक रजिस्ट्रेशन तक का काम पूरा कर लिया जाएगा.

हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता इन खबरों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे और यादव परिवार भी हाथ खड़े कर चुका लगता है, ऐसे में इस डेवलपमेंट से बीजेपी को काफी खुशी होगी. इस सबमें सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को पहुंचेगा.

Akali and BJP workers were not allowed to file their nominations at Ferozepur

Ferozepur, September 7, 2018:  On the last day, the Akali and BJP workers were not allowed to file their nominations as a candidate for the Zila Parishad and Panchayat elections to be held on September 2018.

In Ferozepur also, there had been the tense situation at Mamdot and local Ferozepur over restricting the Akali and BJP workers to file the nominations on the last day.  Both these stations were virtually converted into cantonment with the deployment of heavy force as the Akali workers led by Nony Mann, Incharge Akali Dal Guruharsahai had sit on dharna in front of the DC and SSP Office.

Davinder Bajaj, District President BJP said, the BJP workers were not allowed to enter the DC office filing the nominations.  He said we were asked to come from the back gate and enter one by one.  When we entered the office, we saw hundreds of Congress were already there.  None of our workers could file the nominations.

While in Moga district at Dharamkot, there had been an incident of firing over the filing of nomination injuring one Congress worker.  Congress workers have alleged that there was a firing by the Akali workers, in Khanna also the office of BDPO was captured by the Akali leaders over the non-issue of NOCs.