मुख्यमंत्री की रैली में प्रदेश भर से किसानों ने शिरकत की

 

चंडीगढ़, 5 अगस्त

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि कपास बोने वाले किसानों को उनकी 3433 रुपये प्रति क्विंटल की लागत के मुकाबले अब उन्हें कम से कम 5150 रुपये का प्रति क्विंटल भाव जरूर मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुणा करके उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है जिसके तहत 2022 तक किसानों की आय को दोगुना किया जाएगा।
यह घोषणा मुख्यमंत्री ने आज बरवाला की कपास मंडी में आयोजित कपास-किसान धन्यवाद रैली में प्रदेश के कोने-कोने से आए किसानों के विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए की।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बाजरा उगाने वाले किसानों को सर्वाधिक लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा लागू की जा रही योजनाओं के बाद खुशहाली में किसान पीछे नहीं रहेगा।
इस अवसर पर एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में 2 लाख नए बीपीएल राशन कार्ड बनाए जाएंगे ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ और अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके।

इमरान की ताजपोशी का तोहफा होगा भारत पर आतंकी हमला


जिस दिन से इमरान खान चुनाव जीते हैं उसी दिन से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को खुली छूट मिल गयी है।स्कूलों का जलाना, नेताओं की हत्याएँ और अब खुल कर भारत पर आतंकी हमले की तैयारी मानो वह अपने नेता को उसकी जीत का तोहफा देना चाहते हैं जिसे इमरान खान खामोशी से स्वीकार करेंगे। 


नई दिल्ली:

पाकिस्तान में भले ही नई सरकार बनने जा रही हो, पर आतंकवाद को लेकर उसकी नीतियों में बदलाव के संकेत नहीं दिख रहे हैं. एक तरफ पूर्व क्रिकेटर इमरान खान 14 या 15 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. वहीं, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया है कि स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तानी आतंकी भारतीय सेना के शिविरों पर बड़े हमले की साजिश रच रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 15 अगस्त को सेना के शिविरों पर बड़ा हमला हो सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 20 से ज्यादा आतंकी हमले के लिए तैयार हैं. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) को जैश-ए-मोहम्मद पर पूरा भरोसा है. इस बाबत दो रिपोर्ट हैं कि नियंत्रण रेखा (LoC) पर चूरा के पास कुछ आतंकी मौजूद हैं, जिन्हें टंगधार क्षेत्र में स्थित सेना के कैंप पर हमले के लिए भेजा गया है.

खबर है कि कुछ आतंकी सीमा पार कर गए हैं और फिलहाल वे रेकी कर रहे हैं. यह बात सेटेलाइट फोन से पकड़ में आई है. दूसरी रिपोर्ट जैश-ए-मोहम्मद को लेकर है. जैश आतंकियों को बारामुला इलाके में हमले के लिए रवाना किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक पट्टन और बारामुला टाउन के बीच के इलाके में उन्हें हमले के लिए कहा गया है.

बताया जा रहा है कि हमले के लिए ये आतंकी जम्मू-कश्मीर के एक स्थानीय व्यक्ति की भी मदद ले रहे हैं. पुंछ, राजौरी में भी घुसपैठ या हमले का खतरा है.

क्या है आतंकी अलर्ट 
1. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में खोली नामक जगह से जैश के 5 आतंकी टंगधार में सेना के शिविरों पर हमले की साजिश रच रहे हैं.
2. आर्मी के कैंपों पर हमले से पहले आतंकियों को रेकी करने के लिए कहा गया है.
3. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को उत्तरी कश्मीर में केंद्रीय सुरक्षा बलों पर हमले के लिए भेजा गया है.
4. लश्कर के 6 आतंकी एक गाइड के साथ खोजाबंडी में टेरर लॉन्चपैड पर मौजूद हैं.
5. पुंछ के दूसरी तरफ से 3 आतंकी भारत में घुसने की फिराक में हैं.

न्यायमूर्ति जोसफ की नियुक्ति पर सरकार के रवैये से कई जज परेशान


सरकार ने विपक्ष के उन आरोपों का भी खंडन कर दिया जिसमें कहा गया था कि जस्टिस जोसेफ को 2016 के फैसले की वजह से टॉरगेट किया जा रहा है


सुप्रीम कोर्ट के कई जज सरकार से परेशान हैं क्योंकि सरकार ने जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना में उनकी वरिष्ठता में बदलाव किया है. एनडीटीवी के मुताबिक जज योजना बना रहे हैं कि वह चीफ जस्टिस दीपक मिश्र से मुलाकात करके केंद्र द्वारा किए जा रहे हस्तक्षेप पर शिकायत दर्ज कराएंगे.

सरकार की अधिसूचना के मुताबिक जस्टिस जोसेफ को जस्टिल इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन से निचले पद पर रखा गया है. एक जज ने कहा कि यह केंद्र सरकार का बहुत गहरा दखल है, जस्टिस जोसेफ का नाम पहले भेजा गया था और उनका नाम अधिसूचना में सबसे पहले होना चाहिए. लेकिन जस्टिस जोसेफ का नाम तीसरे स्थान पर रखा गया और उन्हें बाकी दो जजों से जूनियर बनाया जा रहा है. जबकि जस्टिस इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन का नाम जस्टिस जोसेफ के बाद भेजा गया था.

कोलेजियम ने जनवरी में एक स्लॉट के लिए जस्टिस जोसेफ का नाम दिया था, लेकिन सरकार ने अन्य राज्यों, विशेष रूप से केरल से शीर्ष अदालत में अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का हवाला देते हुए इस विकल्प पर सवाल उठाया. सरकार ने विपक्ष के उन आरोपों का भी खंडन कर दिया जिसमें कहा गया था कि जस्टिस जोसेफ को 2016 के फैसले की वजह से टॉरगेट किया जा रहा है, इस फैसले ने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को रद्द कर दिया था और कांग्रेस को सत्ता में रहने में मदद की थी.

बता दें कि कोलेजियम के रिटायर होने के बाद जस्टिस जोसेफ के नाम को सरकार ने स्वीकार कर लिया था. तीनों जज (जस्टिस इंदिरा बनर्जी, विनीत सरन और केएम जोसेफ) मंगलवार को शपथ ले सकते हैं.


 

उद्योग मंत्री विपुल गोयल की विधानसभा में शुरू हुआ स्मार्ट सिटी का पहला बड़ा प्रोजेक्ट


फरीदाबाद :

स्मार्ट सिटी फरीदाबाद के निर्माण के लिए पहले बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरु हो गया है। फरीदाबाद विधानसभा की संत नगर कॉलोनी में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 10 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास किया।

स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले कार्यों का विवरण इस प्रकार है –

1- मीठे पीने का पानी का 15/15 मीटर का टैंक बनाया जाएगा।
2-  घरों को रेनीवेल का मीठा पानी मिल सकेगा इसके लिए 16A बूस्टर से लाइन बिछाई जाएगी।
3 – संत नगर के चारों तरफ सीमेंटेड रोड बनाई जाएगी
4- संत नगर को नालियों से छुटकारा मिल सके इसके लिए यहां पर सीवर लाइन डाली जाएगी।
5-  संत नगर में स्कूल को बड़ा बनाया जाएगा और स्कूल को अपग्रेड किया जाएगा।
6- एक सामुदायिक भवन बनाया जाएगा।
7- संत नगर के चारो तरफ नए 4 बड़े ट्यूबेल लगाए जाएंगे।
8 – संत नगर की चार प्रमुख नए द्वार बनाये जायेगे ।
9 – संत नगर में सभी खम्भों पर एलईडी लाइट लगाई जाएंगी ।

10- सीवर लाइन के बाद सड़क निर्माण का कार्य किया जाएगा।
11 – सभी घरों पर नए नंबर लिखे जाएंगे
12 – दो नए बिजली के ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे।
13 – नया और बडा छठ घाट बनाया जाएगा।
14-  जिन गलियो में बिजली नही है वहां पर नए खम्भे लगाए जाएंगे।
15-  जिन गलियों में सीवर नही डल सकेगी ,उन में नालियां बनाई जाएगी ।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा की स्मार्ट सिटी का पहला प्रोजेक्ट झुग्गी बस्ती में शुरू हो रहा है यह दिखाता है कि बीजेपी सरकार की पहली प्राथमिकता गरीब और पिछड़ों का विकास करना है। उन्होंने कहा की पिछले 4 साल में बीजेपी सरकार ने फरीदाबाद को फिर से विकास के पथ पर अग्रसर किया है । वहीं उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने इस मौके पर कहा कि उन्हें खुशी है कि स्मार्ट सिटी का पहला बड़ा प्रोजेक्ट उनकी विधानसभा में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्तियों के लिए शुरू किया गया है जहां सुविधाओं का अबतक अभाव रहा है। विपुल गोयल ने कहा कि फरीदाबाद में आज सेक्टरों ,कॉलोनियों और गांव में एक समान विकास कार्य जारी है और पिछले 4 साल में सरकार ने जितना काम किया है उतना 40 साल में भी नहीं हुआ।
विपुल गोयल ने कहा कि जो लोग लोगों को शौचालय, मीठा पानी सीवर और सड़क जैसी सुविधाएं भी नहीं दे पाए तो किस बात का नंबर वन हरियाणा था । ऐसे लोग कैसे 4 साल में हम से हिसाब मांग सकते हैं।

उन्होंने कहा कि फरीदाबाद का नाम स्मार्ट सिटी में आया है तो हमारा मकसद ऐसी स्मार्ट सिटी बनाने का नहीं है,जिसमें कुछ एरिया स्मार्ट हो, बल्कि समूचा फरीदाबाद स्मार्ट सिटी के तहत विकसित हो सकें इसके लिए बीजेपी सरकार प्रतिबद्ध है और हर आदमी की विकास में भागीदारी होगी तभी फरीदाबाद स्मार्ट सिटी बन पाएगा। विपुल गोयल ने इस मौके पर स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अधिकारियों से प्रोजेक्ट को रफ्तार के साथ समय से पूरा करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि संत नगर में तंग गलियां है, इसीलिए लोगों को ज्यादा परेशानी ना हो इसके लिए समय से सारे प्रोजेक्ट पूरा करना जरूरी है। इस मौके पर फरीदाबाद नगर निगम की मेयर सुमन बाला, स्थानीय पार्षद छत्रपाल, पार्षद नरेश नंबरदार, नगर निगम कमिश्नर मोहम्मद शाइन, अजय गौड़, खादी बोर्ड के सदस्य विजय शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

खट्टर यू टर्न सरकार, इनैलो में चाचा भतीजा जुतम पजार इसलिए कांग्रेस आने को तैयार – सुरजेवाला


कहा – खट्टर सरकार के लुभावने वादे हर बार, चारों ओर फैला भ्रष्टाचार
इनैलो पर कटाक्ष – बाप बेटे की सरकार के बाद चाचा भतीजे की तकरार ! भाजपा व चौटाला एक ही थैली के चट्टे-बट्टे
बोले – इनेलो में अन्धकार, अज्ञान, सूखा, गुंडागर्दी और कमजोरी लेकिन कांग्रेस में रोशनी, सौभाग्य, समृद्धि और खुशहाली !
पूर्व विधायक सुलतान सिंह जडौला द्वारा आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में बत्तौर मुख्यातिथि पहुंचे अखिल भारतीय कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला


पुण्डरी, 05 अगस्त 2018

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खट्टर सरकार को अनाड़ी और यू टर्न सरकार करार देते हुए कहा कि खुद खट्टर और उनके कैबिनेट को यही जानकारी नही है कि उनके फैसलों का सिर और पैर कहाँ हैं? हर रोज नए फैसले करना और फिर अगले ही पल उन्हें पलटना यह खट्टर सरकार की पहचान बन गई है।अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी व कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला आज पुण्डरी में पूर्व विधायक सुल्तान सिंह जडौला द्वारा आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में उमड़ी भारी भीड़ को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।

इनैलो में चल रही अंदरूनी कलह और भाजपा पर पर चुटकी लेते हुए सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर यू टर्न सरकार, इनैलो में चाचा भतीजा जुतम पजार इसलिए कांग्रेस आने को तैयार इनैलो में चाचा भतीजे की अंदरूनी जुतम पजार ही असली कहानी है। उन्होंने कहा कि जब हरियाणा में चौटाला का शासन था तो समस्त हरियाणा व् कैथल में गुंडागर्दी, फिरौती, चोरी, डकैती और लूट की घटनाओं का बोलबाला था लेकिन कांग्रेस पार्टी की सरकार बनते ही हमने कैथल और हरियाणा में गुंडागर्दी पनपने नहीं दी यही फर्क है कांग्रेस और इनेलो के शासन में।

इनैलो पार्टी को भाजपा की बी टीम करार देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ तो लोकदल के सांसद व नेता जनता की भलाई की बात करते हैं और दूसरी तरफ जब जनता के हितों के लिए मोदी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने की बात आती है तो पीछे हट जाते हैं क्योंकि भाजपा व चौटाला एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। दोनों लोकदल सांसद दुष्यंत चौटाला व चरनजीत रोड़ी ने जनता के हकों की लड़ाई में मोदी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव में वोट न डालकर कन्नी काट ली व संसद छोड़ कर चले गए। जनता इस मिलीभगत को पहचानती है।

सुरजेवाला ने भाजपा सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि सत्ता मिलने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र के एक जलसे में किसानों को लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा देने का वायदा किया लेकिन सत्ता मिलने के बाद ने 22 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि वह किसानों को 50 फीसदी मुनाफा नहीं दे सकते। इससे बाजार भाव बिगड़ जाएगा। सुरजेवाला ने कहा कि मेरा सरकार से सवाल है कि जब देश के 12 उद्योगपतियों का 1 लाख 86 हजार करोड़ का कर्जा माफ कर दिया गया तो बाजार भाव क्यों नहीं बिगड़े। सुरजेवाला ने कहा कि जब कांग्रेस का शासन था तो कांग्रेस पार्टी ने इस देश के किसानों का 72 हजार करोड़ रुपया कर्जा माफ किया और जब इस बार फिर कांग्रेस सरकार बनेगी तो भी 3-4 एकड़ तक के किसानों और भूमिहीन किसान खेत मजदूरों का 1 लाख तक का कर्जा माफ किया जायेगा। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि आज हर रोज 47 किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। खट्टर सरकार के साढ़े तीन साल से ऊपर और मोदी सरकार के 4 साल से ऊपर में किसानों की दशा दर दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होने की हो गई है। कांग्रेस के शासन में बासमती की धान की कीमत 6,000 रु प्रति क्विंटल से 6500 रु प्रति क्विंटल और 1121 व 1509 किस्म की धान की कीमत 5000 रु प्रति क्विंटल से 5500 रु प्रति क्विंटल रही लेकिन आज भाजपा सरकार के शासनकाल में किसान फसलों को कौड़ियों के भाव बेचने को मजबूर है।इतिहास में पहली बार हुआ है कि खेती पर भाजपा द्वारा ट्रैक्टर एवं अन्य सभी उपकरणों पर 12 प्रतिशत का जीएसटी टैक्स लगाया गया जबकि टायर, ट्यूब और ट्रांसमिशन पार्ट्स पर 18 प्रतिशत का जीएसटी टैक्स लगाया गया। कीटनाशक दवाइयों पर 18 प्रतिशत, खाद पर 5 प्रतिशत तथा कोल्ड स्टोरेज पर 12 प्रतिशत का जीएसटी लगा दिया गया है। किसानो के आलू को सुरक्षित रखने वाले कोल्ड स्टोरेज पर भी 12 प्रतिशत टैक्स लगाकर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया गया है।

विधायक रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर और भाजपा एक तरफ तो भ्रष्टाचार को खत्म करने के झूठे दावे करती है, लेकिन दूसरी ओर प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और आम जनमानस भ्रष्टाचार से त्रस्त है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्राइवेट मुनाफा कम्पनी व किसान शोषण योजना करार देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि किसान की फसल खराब होती है तो केन्द्र व खट्टर सरकार कहती है कि हमने फसल बीमा योजना लागू की है। इसकी सच्चाई किसी को नहीं बताई। इस सरकार ने खेती बाड़ी पर टैक्स लगाकर 20 हजार 500 करोड़ रुपये एकत्रित कर लिए और किसानों को बीमा के रूप में केवल मात्र 5000 करोड़ रुपया दिया गया। 14 हजार करोड़ रुपये देश की7 बीमा कंपनियों के खाते में चले गए, इनमें से कुछ कंपनियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चहेती कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं, बल्कि प्राइवेट मुनाफा कम्पनी होना चाहिए।

सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि सरकार की कथनी और करनी में फर्क का पता इस बात से चलता है कि दो भाजपा नेताओं के बीच हुई बातचीत के वायरल हो जाने के पश्चात कांग्रेस के दबाव में खट्टर सरकार को इसकी जांच के आदेश देने पड़े, लेकिन इसके बावजूद भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों का सामना कर रहे भारत भूषण भारती को तीन साल के लिए स्टाफ सलेक्शन कमीशन के चेयरमैन के रूप में एक्सटेंशन दे दी गई, जबकि अन्य सदस्यों को एक साल की एक्सटेंशन दी गई। भारती द्वारा ब्राह्मण समुदाय का अपमान करना और खट्टर सरकार द्वारा भारती को फर्जी संस्पेंड करना और फिर उसे फर्जी बहाल करना। अब एक नया खुलासा चेयरमैन भारती के बेटे का नौकरी धांधली को लेकर कथित ऑडियो भाजपा के भ्रष्टाचार में संलिप्त चेहरे को प्रदर्शित करता है। जनता यह साफ समझ रही है कि तथाकथित जांच केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए की गई थी और भारती की कारगुजारियों को भाजपा सरकार का पूरा समर्थन व संरक्षण प्राप्त है, जिसे कांग्रेस पार्टी व प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवा कतई स्वीकार नहीं करेंगे। इस कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मलेन को पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य, पूर्व विधायक फूलसिंह खेड़ी, सज्जन सिंह ढुल, बिल्लू चंदाना, रणसिंह देशवाल, संजीव भारद्वाज, हरियाणा कृषक समाज अध्यक्ष ईश्वर नैन, वीरेंद्र जागलान, सुरेश युनिसपुर, अमन चीमा, सुरेश रोड़, धर्मवीर कौलेखां आदि कांग्रेस नेताओं ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सुदीप सुरजेवाला, कविराज शर्मा, पूर्व सरपंच शमशेर सिंह, रघुबीर सिंह फौजी, नरेश ढुल पाई, सुलतान सिंह साकरा, रामचंद्र गुर्जर ढांड, विजयपाल कौल, सुरेन्द्र सिरसल, महेंद्र रसीना, बाबू राम पांचाल, सुमित चौधरी, राजू कश्यप, जगदीश कश्यप, प्रीतम सिंह नैन, शेरसिंह मुन्नारेह्डी, नरेश रंगा, रघबीर, सोमदत्त, राजपाल, दर्शन सिंह, नरेंद्र सिंह, ईश्वर जांगड़ा, कश्मीरी जांगड़ा. पाला राम सैन, सतपाल सैन, रामभज शर्मा, संदीप शर्मा, सुभाष खेड़ी, पुष्पिन्दर सिंह, ब्रिजेश गोरा, नवीन गोरा,रामफल मोहना, सुशिल जाम्बा, राजकुमार, संदीप कौशिक आदि कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।

कांवड़ियों की आपसी लड़ाई में एक की मौत

काँवड़ यात्रा का प्र्तीकात्मक चित्र

अजय कुमार

बहादुरगढ़

गांव आसोदा से हरिद्वार कावड़ लेने गए जत्थे मैं शामिल दो युवकों का आपस में शामली के पास विवाद हो गया विवाद इतना बढ़ गया कि एक कावड़िया ने दूसरे कावड़िया को बोतल मार कर घायल कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई मृतक की पहचान गांव आसोदा निवासी परमजीत के रूप में हुई है

Nirankari Mata Savinder Hardev ji passes away

Nirankari Mata Savinder Hardev ji passes away after a prolong illness at 5:15 pm in New Delhi. She was 61. Born on 2nd January 1957 to Sh. Manmohan Singh and Smt. Amrit Kaur and later was adopted by Sh. Gurumukh Singh and Mrs Madan Kaur ji.

She got her education at convent of Christian and Mary Mussoorie As a better half of Baba Hardev Singh she supported him in prachar and welfare in india and abroad.

She was the 5th Saduru of nirankari mission

She is survived by three daughters. Samta, Renuka and Sudeeksha

Sadguru Sudiksha ji is the 6th head of Nirankari Mission

The body of Mata ji will be plaed for last ‘darshans’ in Samagam ground no. 8 till 7th of August, 2018, the cremation will be held at Nigam Bodh Ghat on 8th August at 12 noon in electrical crematorium. The mission sources told.

The Shradhaanjli samaroh will take place in samagam ground the same day at 2:00 pm

आज का राशिफल

आज का राशिफल

टिप्स फॉर 05-08-2018 रविवार हमारी हर टिप्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करे *सबका मंगल हो

*आज गंड योग – तिथि कृष्ण अष्टमी और अश्वनी और भरणी नक्षत्र

आज के योग के अनुसार आज सुबह अपने इष्टदेव को भोग लगावे और उनके मंत्र का जप करे और शांतिमय जीवन के लिए प्रार्थना करे

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ श्री एकलिंगजी नाथ नमो नमः यह मंत्र २१ बार लिख ( हो शके तो 108 बार लिखे )

आज क्या करे आज भी वाहन की मरमत के लिए शुभ दिवस, लीगल कामो के लिए शुभ दिवस…

आज क्या ना करे – आज भी शादी ना करे आज, ज्यादा भावुक ना हो आज, स्त्री संग से दूर ही रहे आज …

आज कहा जाना शुभ रहेगा – बोटनीकल गार्डन – हॉस्पिटल – प्रायमरी स्कुल – रेसकोर्स की मुलाक़ात के लिए शुभ दिवस …

आज शाम 5 बजे से 07 30 बजे के बिच कोई भी शुभ कार्य ना करे

भोजन उपाय – आज भोजन मिठाई जरूर खाये

दान पुण्य उपाय – आज किसी धर्म स्थान में गुड़ का दान करे

वस्त्र उपाय – आज भी ओरेंज रंग के वस्त्र धारण करे …

वास्तु उपाय – आज शाम घर में गुगुल और कपूर का धुप जरुर करे

सावधानी रक्खे – आज के ग्रहों के अनुसार आज जिन्हें आँख के रोग की शिकायत ज्यादा रहती हे या फिर इससे जुडी कोई भी परेशानी ज्यादा रहती या ऐसी कोई भी समस्या से पीड़ित है वो आज अपने व्यवहार में एवं तामसी खान पान में सावधानी बरतें और ध्यान जरुर करे

05 अगस्त जिनका जन्म दिन हे और जिनकी शादी की सालगिरह हे वो आज अपने पिता से आशीर्वाद ले और उन्हें कोई उपहार जरूर भेट करे

आज का राशिफल

दिनाँक 5/8/2018

मेष:
आज का दिन आपके लिए शुभ है। परिजन, स्नेहीजन तथा मित्रों के साथ समारोह में उपस्थित रह सकते हैं। नए कार्य का प्रारंभ करने के लिए उत्साह रहेगा, लेकिन अति उत्साह से हानि न हो इसका ध्यान रखें।

वृषभ:
शारीरिक तथा मानसिक रूप से आज आप व्यग्र रहेंगे। चिंताओं के कारण मानसिक भार रह सकता है, जो आपको मानसिक रूप से अस्वस्थ रख सकता है। परिजनो के साथ भी मनमुटाव ना हो, इसका ध्यान रखें। बिना सोचे समझे निर्णय न लें।

मिथुन:
आज आपका दिन बहुत लाभदायी है। अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी मिलने के योग हैं। धनप्राप्ति के लिए दिन शुभ है। मित्रों से अचानक हुई मुलाकात आनंददायी रहेगा। मित्रों से लाभ होगा। परिजनो से लाभ होने के संकेत हैं। स्त्री मित्रों से लाभ होगा।

कर्क:
आज का दिन आपके लिए अनुकूल है। आप आज हर काम सरलता से संपन्न कर पाएंगे। नौकरी में आपके उच्च पदाधिकारी खुश रहेंगे। आपके प्रमोशन के योग हैं। परिजनों के साथ मुक्त मन से बातचीत होगी। माता के साथ सम्बंध अच्छे रहेंगे।

सिंह:
आज आपका दिन मध्यम फलदायी रहेगा। आपका व्यवहार न्यायपूर्ण रहेगा। आज आपके धार्मिक एवं मांगलिक कार्यो में व्यस्त रहने की संभावना देख रहे हैं। धार्मिक प्रवास का आयोजन भी हो सकता है। विदेश में रहनेवाले स्वजनों के समाचार मिलेंगे।

कन्या:
आज का दिन कोई भी नए कार्य का श्रीगणेश करने के लिए योग्य है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बाहर के खाने-पीने से परहेज रखें। क्रोध की मात्रा अधिक रहेगी, इसलिए वाणी पर संयम रखें। परिजनों से उग्र चर्चा के कारण मनमुटाव न हो इसका खास ध्यान रखें।

तुला:
आज आपका दिन आमोद-प्रमोद में रहेगा। प्रणय के लिए आज का दिन अच्छा है। मित्र आपके प्रवास को आनंद से भर देंगे। नए वस्त्रों की खरीदी के योग हैं। तन-मन की तंदुरस्ती अच्छी रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। वैवाहिक सुख की अनुभूति होगी।

वृश्चिक:
आज आप अनिश्चितता और सुख-शांति के साथ घर में समय व्यतीत करेंगे। शारीरिक तथा मानसिक प्रसन्नता कार्य करने में उत्साह प्रदान करेगी। ऑफिस में स्टाफ की मदद से कार्य पूरे कर सकेंगे। अधूरे कार्य पूरे होंगे।

धनु:
आज कार्य सिद्धि व सफलता न मिले तो हताश न हों, सफलता जरूर मिलेगी। परिजनो के साथ मनमुटाव ना हो, इस बात का ध्यान रखें। आज कोई यात्रा प्रवास न करे। आज किसी भी नए कार्य का प्रारंभ न करें।

मकर:
आज का दिन मिश्रित फलदायी होगा। क्रोध पर संयम रखें। संपत्ति से संबंधित प्रश्नों के विषय में मन परेशान हो सकता है। आज कोई यात्रा न करें। नकारात्मक विचारों से दूर रहें। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। आकस्मिक धनखर्च हो सकता है।

कुंभ:
चिंताओं के बादल हटने से आप मानसिक हलकापन महसूस करेंगे। मन में उत्साह का संचार होगा। दिनभर आनंदपूर्वक बीतेगा। भाई-बंधुओं एवं स्नेहीजनों से मेलजोल बढ़ेगा। आज कोई महत्त्वपूर्ण योजना भी बना सकते हैं।

मीन:
आज वाणी और क्रोध पर संयम रखें, अन्यथा हानि हो सकती है। धन संबंधित लेन-देन में सावधानी की आवश्यकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। परिजनों से मनमुटाव ना हो, इसका ध्यान रखें।

आज का उपाय :- रोज़ाना हरी घास पर नंगे पाँव चलने से शारीरिक और आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।

जिस आरक्षण की मांग सवर्ण तबकों के खिलाफ शुरू हुई थी वो ही तबके धीरे-धीरे खुद के लिए आरक्षण का कवच मांगने लगे

अपने पैरों पर खड़ा होना होगा और सबसे बेहतर तरीके से अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़नी होगी. तो अपने गुस्से को बनाए रखिए और शक्ति को इकट्टठा कीजिए. सत्ता और सम्मान आपके पास संघर्ष के जरिए ही आएगा.’

राज वशिष्ठ


हमें तैयार रहना चाहिए कि जिस ब्राह्मणवाद के खिलाफ बाबा साहेब ने आरक्षण की मांग की थी अब ब्राह्मण समाज खुद को उपेक्षित मानता हुआ सड़कों पर बस-ट्रक फूंकता दिखाई दे

इसके कई कार्न हैं ओर शायद सबसे बड़ा यह कि तमाम मेहनत (99%) के बावजूद सुवर्ण तबका आरक्षण के 9% से हार जाता है


भारतीय संविधान में आरक्षण न शामिल किए जाने की बात पर संविधान सभा से इस्तीफे की पेशकश कर देने वाले भीम राव आंबेडकर आखिर किस सत्ता और सम्मान के लिए लोगों की शक्ति इकट्ठा करने की बात कह रहे थे. दरअसल आजादी के पहले भारतीय समाज की जो संरचना थी उसमें संपत्ति और संसाधनों पर अधिकार सवर्ण जातियों के पास ही हुआ करते थे जिसके खिलाफ बिगुल फूंकने का काम भीम राव आंबेडकर ने किया. लेकिन वक्त जैसे-जैसे गुजरा आरक्षण की परिधि चौड़ी होती गई है. आरक्षण की शुरुआत जिन सवर्ण तबकों के खिलाफ शुरू हुई थी वो ही तबके धीरे-धीरे खुद के लिए आरक्षण का कवच मांगने लगे. कह सकते हैं कि आरक्षण की पूरी अवधारणा ही उलट गई.

 

एक उदाहरण से समझें तो जिस महाराष्ट्र के रहने वाले भीम राव आंबेडकर थे उस महाराष्ट्र में दलितों को प्रताड़ित करने के आरोप सबसे ज्यादा मराठाओं पर ही लगते हैं. जिस मराठा साम्राज्य की गौरव गाथा महाराष्ट्र में गाई जाती हैं उस मराठा साम्राज्य में दलितों की स्थिति सबसे ज्यादा विदीर्ण थी. और शायद यही वजह है जिसकी वजह से मराठा साम्राज्य के खिलाफ वहां के दलितों ने अंग्रेजों का साथ दिया था जिसका जश्न हर साल मनाया जाता है और भीमा-कोरेगांव हिंसा भी उसी दिन हुई थी. अब वही मराठा समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है. और आरक्षण मांगने का अंदाज ‘मराठा स्टाइल’ में ही है. अब सोचिए क्या भीमराव आंबेडकर की आरक्षण की पूरी अवधारणा इस मराठा आंदोलन के बाद उलटी नहीं हो गई है? यानी जिन पर प्रताड़ना का आरोप था आज वही खुद को प्रताड़ित दिखा रहे हैं.

बड़े जातीय आंदोलनों की परिणति

संविधान निर्माण के समय जब भीमराव आंबेडकर आरक्षण की बात पर संविधान सभा से इस्तीफा तक देने को तैयार थे तो उस समय देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भी आरक्षण का एक मजबूत पक्ष रखा था. वल्लभ भाई को संशय था कि अगर आरक्षण की व्यवस्था संविधान में की जाएगी तो धीरे-धीरे ये अन्य जातियों में भी फैलेगा. लेकिन आंबेडकर अड़े रहे और वल्लभ भाई अपने संशय के बावजूद उनके सामने झुक गए लेकिन इतिहास ने दोनों दूरदर्शियों को सही साबित किया. आगे चलकर जैसे आरक्षण ने पिछड़ी जातियों को मजबूत करने और मुख्यधारा में जोड़ने में काफी हद तक भूमिका निभाई तो वल्लभ भाई का वो संशय भी सही साबित हुआ कि वक्त गुजरने के साथ आरक्षण की मांग अन्य जातियों में अपना पैर पसारेगी.

एक मजेदार बात यह भी देखिए कि सरदार वल्लभ भाई पटेल गुजरात की जिस पाटीदार बिरादरी से ताल्लुक रखते थे वो राज्य की सबसे मजबूत जातियों में गिनी जाती है. गुजरात की राजनीति में वर्तमान समय सबसे ज्यादा छाए रहने वाले चेहरे हैं हार्दिक पटेल. उनकी ख्याति की वजह है अनामत आंदोलन. मतलब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जो संशय जाहिर किया था उसने उनकी ही बिरादरी को घेर लिया.

इतना ही राजस्थान के गुर्जर, हरियाणा के जाट, आंध्र प्रदेश के कापू दशकों से आरक्षण की मांग करते रहे हैं. अब मराठा भी कुछ सालों से इनमें शामिल हो गए हैं. ये सभी जातियां अपने-अपने राज्यों में राजनीतिक और सामाजिक रसूख रखने वाली जातियां हैं.

गुर्जर आंदोलन

1990 में बने गुरनाम सिंह कमीशन ने जाट समुदाय को ओबीसी वर्ग में रखा था. लेकिन सालों तक चले वादों के खेल के बावजूद इस जाति के लोगों को ओबीसी स्टेटस नहीं मिला. 10 साल के शासन के बाद जब यूपीए की सरकार के आखिरी दिन तो केंद्र ने इस जाति को ओबीसी लिस्ट में डाल दिया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस प्रावधान को खारिज कर दिया और जाट फिर वहीं खड़े हो गए जहां खड़े थे. हालांकि जाट उतनी बुरी जगह नहीं खड़े थे जहां वो खुद को दिखाना चाहते थे. क्यों!!!

दरअसल जिस हरियाणा में जाटों ने ओबीसी स्टेटस पाने के लिए करोड़ों की संपत्ति फूंक डाली उस राज्य में तकरीबन 50 प्रतिशत के आस-पास जमीनों पर कब्जा जाट समुदाय का ही है. इसी वजह से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सितंबर 2014 में जाटों सहित चार अन्य जातियों को राज्य के स्पेशल बैकवर्ड क्लास के प्रावधान से भी बाहर कर दिया था.

कुछ ऐसी ही दिलचस्प कहानी गुजरात के पाटीदारों की भी है. मूल तौर पर पाटीदार नाम ही पट्टी यानी खेत से निकला हुआ है. आजादी के बाद गुजरात के पाटीदार समुदाय ने राजनीति से लेकर सामाजिक हैसियत बेहद मजबूत की है. लेकिन पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग करने वाले हार्दिक पटेल को खूब प्रसिद्धि मिली.

कुछ ऐसा ही हाल आंध्र के कापू और राजस्थान के गुर्जरों का है. दोनों ही राज्यों में इन जातियों का जबरदस्त प्रभाव है लेकिन आरक्षण की मांग दिन ब दिन बलवती होती जा रही है.

मराठा समुदाय तो महाराष्ट्र की लड़ाका कौम के तौर पर देखा जाता है. इस समुदाय की सामाजिक हैसियत ब्राह्मणों के ठीक बाद वाली श्रेणी में गिनी जाती है. मराठी जातियों पर रिसर्च करने वाली समाज विज्ञानी शर्मिला रेगे ने अपनी किताब:

Writing Caste/Writing Gender: Narrating Dalit Women’s Testimonies’

में लिखा है-‘ महाराष्ट्र में पारंपरिक जातीय संरचना के हिसाब से ब्राह्मण सबसे ऊपर आते हैं. उसके बाद मराठा जातियां आती हैं और उसके बाद महार व अन्या एससी जातियां. ‘

भारतीय समाज में आरक्षण का प्रावधान सामाजिक रूप से पिछड़ेपन की व्यवस्था को ठीक करने के लिए शुरू किया गया था. लेकिन ऊपर दी गई सभी जातियां दशकों से आरक्षण के लिए आंदोलनरत हैं जबकि सामाजिक स्थिति के आधार पर देखा जाए तो सभी तकरीबन रसूख वाली जातियां ही हैं.

जातियों को आरक्षण के जरिए दिए जा रहे प्रलोभन

मजबूत जातियों द्वारा भी आरक्षण की मांग से इतर राजनीतिक पार्टियां भी इसे चुनावी हथकंडे के तौर पर अपनाने लगी हैं. जातियों को आरक्षण देने को नेताओं के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जाता है. बिहार में दलित से अलग महादलित वाले फैसले को नीतीश कुमार की राजनीतिक महारत के तौर पर ही देखा जाता है. लेकिन क्या आरक्षण की शुरुआत के पीछे भी यही ‘लॉलीपॉप’ की अवधारणा थी? बिल्कुल नहीं. ये समाज के वंचित तबकों को सरकारी मदद के जरिए ताकतवर बनाने के प्रयास भर था जो वीभत्स राजनीतिक रूप लेता चला जा रहा है.

इसी साल अप्रैल महीने में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने उच्च जातियों को 15 फीसदी आरक्षण दिए जाने के वकालत कर दी है. इससे इतर राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड में ब्राह्मण आरक्षण की मांग उठ चुकी है. जिस तरीके मराठा आंदोलन अपना उग्र रूप धारण किए हुए है बहुत मुश्किल नहीं कि देश भर में ब्राह्मण और क्षत्रियों का संगठन बनाकर इनके लिए भी आरक्षण की मांग शुरू कर दी जाए.

रामविलास पासवान

संविधान निर्माण के समय आरक्षण के प्रावधान के साथ ही 10 सालों में इसकी समीक्षा किए जाने की भी बात कही गई थी जिसका उद्देश्य निश्चित रूप से यही होगा कि आरक्षित समाज के तबकों का अध्ययन कर धीरे-धीरे इसे कम किया जाए. लेकिन 20वीं सदी के मध्य में आजादी पाने वाला भारत 21वीं सदी की शुरुआत में आरक्षण की जकड़न में और फंसता हुआ दिखाई दे रहा है. हमें तैयार रहना चाहिए कि जिस ब्राह्मणवाद के खिलाफ बाबासाहेब ने आरक्षण की मांग की थी अब ब्राह्मण समाज खुद को उपेक्षित मानता हुआ सड़कों पर बस-ट्रक फूंकता दिखाई दे.

मुजफ्फरपुर कांड:: सहायक निदेशक देवेश कुमार शर्मा – निलंबित, आरोपी ब्रजेश ठाकुर गिरफ्तार

शेल्टर होम कांड के आरोपी ब्रजेश ठाकुर गिरफ्तार हो चुका है


विभाग के निदेशक राजकुमार के आदेश पर सहायक निदेशक देवेश कुमार शर्मा के खिलाफ मामले में देरी करने पर यह कार्रवाई की गई है


बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह (शेल्टर होम) रेप कांड में बड़ी कार्रवाई हुई है. बिहार सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए समाज कल्याण विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर (सहायक निदेशक) देवेश कुमार शर्मा को निलंबित कर दिया है.

विभाग के डायरेक्टर (निदेशक) राजकुमार के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है.

दिवेश शर्मा ने ही शेल्टर होम रेप कांड की एफआईआर दर्ज कराई थी. देवेश इस कांड में वादी भी हैं. देवेश शर्मा पर टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) की सोशल ऑडिट रिपोर्ट पर कार्रवाई में देरी करने का आरोप है.

शेल्टर होम रेप कांड पर बिहार से लेकर दिल्ली तक राजनीति तेज है. विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर बिहार सरकार पर लगातार हल्ला बोल रही हैं. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है.

शनिवार को शेल्टर होम कांड के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर तेजस्वी यादव ने खूब राजनीति की, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बुलाए इस धरने में राहुल गांधी समेत विपक्षी पार्टियों के कई बड़े नेता पहुंचे थे. इस दौरान सबने एक सुर से बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इस मामले में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया.

शनिवार को ही बिहार के नगर विकास एवं आवास विभाग मंत्री सुरेश शर्मा को इस मामले में विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. नगर निगम में योजनाओं का शिल्यान्यास करने दरभंगा पहुंचे सुरेश शर्मा को कांग्रेस सेवा दल के जमाल हसन ने अपने समर्थकों के साथ काले झंडे दिखाए.

TISS के सोशल ऑडिट से नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का हुआ था खुलासा

बता दें कि इस साल के शुरुआत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह (शेल्टर होम) में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था. इस दौरान कई लड़कियों को गर्भपात के लिए भी मजूबर किया गया था.

मेडिकल जांच में शेल्टर होम की कम से कम 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई है. पीड़ित कुछ बच्चियों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता था फिर उनके साथ रेप किया जाता था. इस दौरान उनके साथ मारपीट भी होती थी. पीड़ित लड़कियों ने बताया कि जब उनकी बेहोशी छंटती थी और वो होश में आती थीं तो खुद को निर्वस्र (बिना कपड़ों) पाती थीं.

मामले के तूल पकड़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की. इसके अलावा शेल्टर होम चलाने वाले एनजीओ को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया गया है.

28 जुलाई को सीबीआई की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी. इस हाई प्रोफाइल केस में कई आरोपी जेल में हैं.