गाय और भैंस के नाम पर मुसलमानों का कत्ल बंद करें, वर्ना नतीजे अच्छे नहीं होंगे: बेग


बेग ने कहा, गाय और भैंस के नाम पर मुसलमानों का कत्ल बंद करें, वर्ना नतीजे अच्छे नहीं होंगे. उन्होंने कहा, 1947 में एक बंटवारा पहले ही हो चुका है


पत्रकारों के अनुसार बेग ने कहा, गाय और भैंस के नाम पर मुसलमानों का कत्ल बंद करें, वर्ना नतीजे अच्छे नहीं होंगे. बेग ने कहा, 1947 में एक बंटवारा पहले ही हो चुका है. उनके इस बयान से साफ है कि वो एक और विभाजन की धमकी दे रहे हैं.

बता दें कि देश में भीड़ की हिंसा (मॉब लिन्चिंग) की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. हाल ही में राजस्थान के अलवर में एक मुस्लिम युवक अकबर खान उर्फ रकबर खान को गो-तस्करी के आरोप में उग्र भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था. इस घटना के बाद राजस्थान की बीजेपी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है.

पीडीपी शनिवार को अपना स्थापना दिवस मना रही है. इस मौके पर मुजफ्फर बेग के दिए इस बयान से सियासी हलकों में विवाद होना तय है. बेग पीडीपी के संस्थापक सदस्य भी हैं, इसलिए उनका यह बयान पार्टी के बयान के रूप में देखा जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद पीडीपी की ओर से लगातार विवादित बयान दिए जा रहे हैं. अभी हाल में पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि पीडीपी विधायकों पर दबाव बनाने और उन्हें तोड़ने के लिए बीजेपी एनआईए के छापे डलवा रही है.

उसके पहले महबूबा ने कहा था कि पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की गई तो घाटी में सलाउद्दीन जैसे लोग पैदा होंगे. महबूबा की इन बातों का बीजेपी ने कड़ा प्रतिकार किया था और सख्त लहजे में अपना विरोध दर्ज कराया था.

‘बीजेपी को हमारे बारे में चिंता करने की बजाय अपना घर संभालना चाहिए’: ज्योतिरादित्य


सिंधिया ने शिवराज पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें राजे-रजवाड़ों से जुड़ी शब्दावली के इस्तेमाल के सिलसिले में बीजेपी से जुड़ी उनकी दोनों बुआओं से भी बात करनी चाहिए


मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे नेताओं की बयानबाजी भी तेज होती जा रही है. इसी कड़ी में शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है. सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात का प्रचार कतई नहीं करना चाहिए की वह पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. क्योंकि मुख्यमंत्री का संवैधानिक पद जाति-धर्म की सीमाओं से परे होता है.

प्रदेश कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ने कहा, ‘शिवराज अपने सार्वजनिक वक्तव्यों में अक्सर खुद को पिछड़ा बताते हैं. लेकिन वह सुन लें कि मुख्यमंत्री पद की कोई जाति या धर्म नहीं होता. मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री सूबे की साढ़े सात करोड़ जनता का प्रतिनिधि होता है.’

ग्वालियर के राजघराने के 48 वर्षीय उत्तराधिकारी ने उन्हें शिवराज द्वारा ‘महाराजा’ कहे जाने पर भी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद राजा-महाराजाओं का दौर खत्म हो गया है. एक राजनेता के रूप में मेरा मूल्यांकन सार्वजनिक क्षेत्र में मेरे परिश्रम के आधार पर होना चाहिए.’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अगर शिवराज मेरे लिए राजा-महाराजा जैसे शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उन्हें इस सवाल का भी जवाब देना चाहिए कि जब वह 30 साल पहले बीजेपी के एक कार्यकर्ता थे. तब उन्होंने मेरी दिवंगत दादी (विजयाराजे सिंधिया) के लिए राजे-रजवाड़ों से जुड़ी शब्दावली का इस्तेमाल क्यों नहीं किया था.’

सिंधिया ने शिवराज पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें राजे-रजवाड़ों से जुड़ी शब्दावली के इस्तेमाल के सिलसिले में बीजेपी से जुड़ी उनकी दोनों बुआओं से भी बात करनी चाहिए. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और मध्यप्रदेश की कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ हैं.

गौरतलब है कि कांग्रेस ने प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा अब तक घोषित नहीं किया है. हालांकि सत्तारूढ़ बीजेपी की ओर से प्रमुख विपक्षी दल को लगातार चुनौती दी जा रही है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस इस पद पर दावेदारी के लिए अपने किसी नेता को शिवराज के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारकर दिखाए.

इस बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा, ‘बीजेपी को हमारे बारे में चिंता करने की बजाय अपना घर संभालना चाहिए. शिवराज को केवल अपनी कुर्सी की फिक्र है. लेकिन हम सत्ता के लिए लालायित नहीं हैं और हमें केवल जनता की चिंता है.’ उन्होंने कहा, ‘फिलहाल सूबे की साढ़े सात करोड़ जनता ही हमारा चुनावी चेहरा है.’

Kerala sex-for-silence case

Controversy over the Kerala sex-for-silence scandal, uncovered at a local church where a priest allegedly used revelations made during confessions to sexually harass a woman, refuses to die as religious groups, the national minority commission and a women’s body all have their concerns and takes on the matter.

The most recent reactions came from Kerala’s Malankara Orthodox Church, which said it will hold a protest on 5 August against the National Commission for Women’s (NCW) recommendation for banning confessions in churches over fears they could lead to women being blackmailed. The church sent a memorandum to the Union government against the move on Friday, calling the recommendation “shocking”.

A Kerala bishop’s body has echoed the church’s sentiments. It wrote to Prime Minister Narendra Modi on Friday, accusing the NCW of “abusing its powers” by submitting a “one-sided report” without consulting the church. The body called it an “irresponsible” act done “with ulterior motives”, PTI reported.

Representational image.

“It was shocking not only for the Christian community but also to everyone who stands for the freedom of religion,” Kerala Catholic Bishops’ Council president Archbishop Soosa Pakiam said at a press conference in Thiruvananthapuram. “It amounts to insulting the practice of sacrament of confession in the name of an isolated incident, which has yet to be proved. It also amounts to violation of the freedom of faith and religion guaranteed by the Constitution.”

On the alleged sexual exploitation of the woman by four priests, he said: “The church is a body of humans. So it is not beyond errors. The mistakes will be corrected within the church and the offenders punished.”

The National Commission for Minorities (NCM) also strongly opposed the NCW recommendation, saying the practice of confessions was an integral part of Christianity and cannot be interfered with. “The minority commission outrightly rejects the recommendation and is opposed to it,” NCM chairperson Syed Ghayorul Hasan Rizvi told PTI. “The practice of confession is an integral part of the religion of Christianity, so it cannot be banned. There can be no interference with religious practice.”

Moreover, Archbishop of Bombay Diocese and president of the Catholic Bishops Conference of India, Cardinal Oswald Gracias,  also criticised the NCW recommendation, calling it a “direct infringement on our freedom of religion guaranteed by the Indian Constitution.” He also suggested that there were “very many issues concerning women that the commission should pay attention to” instead of trying to meddle with Christianity, without any understanding “of the nature, meaning, sanctity and importance of this sacrament for our people”.

Union minister says NCW recommendation not govt stand

Meanwhile, Union minister Alphons Kannanthanam, a Kerala native and a Christian, “rejected outright” the NCW’s recommendation, insisting that the Modi government would never interfere in people’s religious beliefs. Kannanthanam came out against the NCW recommendation after the Church in Kerala protested.

“It is not the official stand of the government. The Union government has no connection with the stand taken by NCW chairperson Rekha Sharma. It is her personal opinion,” the minister of state for tourism wrote in a Facebook post.

“The Narendra Modi government would never interfere in people’s religious beliefs,” he insisted. The minister said there was no need for making such a recommendation. “Since it has come, the Modi government rejects it outright.”

Earlier, the Supreme Court had also reacted on the issue. It sought a status report of the police investigation in the case related to priests from the Malankara Church. “What is happening in Kerala? Priests are becoming accused in rape cases,” the Supreme Court had said on Thursday.

On Thursday, NCW chief Rekha Sharma had said that the women’s body had recommended abolishing the practice of “confessions” in churches as it can lead to women being blackmailed. She said a central agency needed to investigate the incidents of rape and sexual assault in the Kerala’s churches. “The priests pressure women into telling their secrets. and we have one such case in front of us. There must be many more such cases, and what we have right now is just the tip of the iceberg,” she said.

The NCW’s recommendations came in the backdrop of a rape case against four priests of the Malankara Orthodox Syrian Church, who have been accused of sexually exploiting a married woman belonging to their church. The matter came to the fore after the victim’s husband wrote to the church, alleging that the priests had blackmailed and abused his wife, a school teacher.

The women’s panel had set up an inquiry committee to look into the alleged sexual assaults against women in churches. It has sent its findings to Prime Minister Narendra Modi, Home Affairs Minister Rajnath Singh, Women and Child Development Minister Maneka Gandhi and the director general of the Kerala and Punjab police.

“The woman was socially harassed. She left her job after the incident as her photograph was circulated on social media. The two priests are at large and they need to be nabbed,” the NCW chairperson said.

In another incident, in a complaint to the Kottayam district police chief in June, a nun had alleged that Jalandhar Bishop Franco Mulakkal had raped her and had unnatural sex with her multiple times at a small town near Kottayam between 2014 and 2016.

कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए खट्टर सरकार अध्यादेश लाये- सुरजेवाला

वार्षिक वेतन बढ़ौतरी, प्रमोशन, एलटीसी, सीसीएल सुविधाएं रोकना कर्मचारी विरोधी मानसिकता
कांग्रेस सरकार बनने पर सभी एडहॉक, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ किया जाएगा पूरा न्याय


चंडीगढ़, 28 जुलाई

वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश के 4,654 कर्मचारियों की वार्षिक वेतन बढ़ौतरी, प्रमोशन, एलटीसी, सीसीएल सुविधाएं बंद करने के कर्मचारी विरोधी निर्णय को वापस लेते हुए अध्यादेश लाकर और विधानसभा का मॉनसून सत्र में बिल के माध्यम से ऐसे सभी प्रभावित कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है।
खट्टर सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए श्री सुरजेवाला ने याद दिलाया की सरकार ने पहले इन कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि उनको रेगुलर करने के लिए अध्यादेश लाया जाएगा, लेकिन अब वायदे से पलटते हुए सरकार ने इन कर्मचारियों के भत्ते व सुविधाएं रोककर साफ कर दिया है कि यह सरकार झूठ व फरेब की नीति अपना रही है।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हरियाणा के अस्थाई कर्मचारियों का दु:ख दर्द समझती है और दु:ख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है।यदि भाजपा सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को उनका हक नहीं दिया तो आठ महीने के बाद कांग्रेस सरकार बनने पर सभी एडहॉक, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ न्याय किया जाएगा।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत शुरू से ही ठीक नहीं थी और अपना राजनीतिक उल्लू साधने के लिए कर्मचारियों के भविष्य से खेल रही थी, जिसके कारण 2014 में पहले सरकार ने इस पॉलिसी पर रोक लगाई और बाद में हरियाणा सरकार के एडवोकेट जनरल कार्यालय ने भी इन रेगुलाइजेशन पॉलिसियों पर दिए गए अपने लीगल ओपिनियन में गलत तथ्यों का हवाला देकर इन पॉलिसियों को कानून के खिलाफ बताया था। इससे साफ हो जाता है कि इस सरकार का असली मकसद शुरू से ही हजारों अस्थाई कर्मचारियों को रेगुलर होने से वंचित रखना था।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार कर्मचारियों का आश्वासन देती रही कि अध्यादेश व एक्ट लाकर कर्मचारियों की नौकरी बचाई जाएगी, लेकिन अब इसी खट्टर सरकार ने अपने वायदे से पलटते हुए कर्मचारियों की सभी सुविधाएं व भत्ते रद्द कर दिए हैं। सरकार का यह कदम कर्मचारी विरोधी नज़रिये को जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की मंशा साफ है तो सरकार को तुरंत विधानसभा का सत्र बुलाकर इन कर्मचारियों की नौकरी बचाए तथा अन्य कर्मचारियों को भी रेगुलर करे।

केजरीवाल सरकार से सीख ले हरियाणा सरकार : योगेश्वर शर्मा


बोले: जवान और किसान की जय करने वाली सरकार है दिल् ली की केजरीवाल की सरकार


चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी की पंचकूला ईकाई ने  दिल्ली की आप की सरकार द्वारा कल लिए गये जवानों और किसानो के हित में एक ऐतिहसिक फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए इसका स्वागत किया है। पार्टी ने इसे एक इतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार आम आदमी के लिए बनी है और आम आदमी के लिए ही काम करती है, ये केजरीवाल सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है। पार्टी ने कहा कि हरियाणा सहित अन्य राज्यों को भी इससे सबक लेना चाहिए और आम आदमी के हित में ही काम करने चाहिए।

आज यहां जारी एक ब्यान में आप के जिला प्रधान योगेश्वर शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 3 साल पहले देश के जवानों के लिए जो स्कीम लागू की थी जिसे उपराज्यपाल द्वारा रोक दिया था, कल फिर दिल्ली मंत्रिमंडलने उसे लागू कर दिया है। जिसमे दिल्ली में रहने वाले सैनिक-अर्धसैनिक बल, आर्मी , एयर-फोर्स, नेवी , दिल्ली पुलिस, फायर सर्विस, रेस्क्यू सर्विस,होमगार्ड के शहीद होने पर जवान के परिवार की 1 करोड़ की आर्थिक मदद करेगी व युद्ध में गुमशुदा व विकलांग जवानो को 50 हजार रूपये व परिवार में से किसी एक सदस्य को दिल्ली सरकार पक्की नौकरी देगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का यह भी मानना है कि देश के जवानों की शहादत के आगे 1 करोड़ रूपये कुछ भी नहीं हैं। उन्होंने आशा जताई कि केंद्र सरकार व हरियाणा की खट्टर सरकार भी दिल्ली की आम आदमी की सरकार की तरह शहीद जवान के परिवार के ये आर्थिक मदद जारी करेगी ताकि जवान के शहीद होने के बाद उसके परिवार को कही धक्के न खाने पड़ें।

योगेश्वर शर्मा ने कहा कि खट्टर सरकार खरीफ की फसल पर 100 से 200 रूपये बढ़ा कर नाच रही है, जबकि केजरीवाल सरकार ने तो किसानों की आय लाखों में में कर दी है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार पहले ही देश में सबसे ज्यादा फसल खराब होने पर 20 हजार प्रति एकड़ दे रही है और अब किसान के लिए सोलर योजना शुरू कर किसानों को एक और तोहफा दे दिया है। जिसके तहत किसान के खेत में सोलर पेनल लगेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी कम्पनी किसान की जमीन के तीसरा हिस्सा पर सोलर प्लेट लगाएगी और सोलर जमीन से लगभग साढ़े 3 मीटर उपर होगा। जिससे पूरी जमीन किसान के लिए खेती के लिए रहेगी और कम्पनी किसानों को 1 लाख रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से उस जमीन का किराया आद करेगी।  जोकि हर साल 6 प्रतिशत बढ़ेगा और साथ में प्रति एकड़ 1000 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी। योगेश्वर शर्मा ने कहा कि अब दिल्ली के किसानों की आय अब 3 से 4 गुना बढ़ जायेगी जो आज तक कोई भी सरकार  किसानों के लिए ऐसा नहीं कर पाई है।

शर्मा ने आगे कहा कि दिल्ली की केजरीवाल की सरकार जय जवान, जय-किसान के नारे ही नहीं लगाती बल्कि उनका सम्मान करके दिखाती भी है । उन्होंने  कहा कि  केजरीवाल सरकार द्वारा लिए फैसले ने जिस तरह से दिल्ली के किसानों के दिन फेर दिए हैं, उसी तरह हरियाणा के किसानों व जवानों के दिन भी आम आदमी पार्टी की सरकार आने पर बदल जायेंगे।

कुमारस्वामी के सत्संग के लिए निगम ने कुमारस्वामी को ही दिया जबरन वसूली का ठेका


अचानक ही पंचकूला की सभी शोरूम मार्केट में रातों रात पेड पार्किंग के बोर्ड लगाकर पेड पार्किंग शुरू कर दी गई है ! हर तरह से जनता का गला घोटने मैं कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही


नगर निगम पंचकूला ने आज पंचकूला की मेन शोरूम मार्केटस् की पार्किंग को पेड बना डाला ! यह सभी पार्किंगस रातों रात पेड बना दी गई ! पिछले कुछ महीने से नगर निगम पंचकूला शहर के नागरिकों के हितों को नजरअंदाज करते हुए अपने कार्य कर रहा है ! शहर में प्रत्येक सेक्टर में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन बनी हुई है ! नगर निगम को शहर के लिए कोई भी निर्णय लेने से पहले शहर के नागरिकों अथवा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनस को विश्वास में लेना चाहिए ! लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा ! पिछले कई महीने से शहर के नागरिक नगर निगम की कार्यप्रणाली के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं लेकिन कभी कोई सुनवाई नहीं हुई या यूं कहिए कि उनकी आवाज़ को कोई तवज्जो ही नहीं दी गई !


व्यापार मंडल पंचकूला ( रजि.) नगर निगम द्वारा शहर में की गई पेड पार्किंग का विरोध करता है ! इस संबंध में सभी व्यापारियों की एक बैठक बुलाई जाएगी और नगर निगम से आग्रह किया जाएगा कि इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और इस निर्णय को खारिज करें !

Kuldeep Chitkara, President


आज एक बार फिर पेड पार्किंग का जो निर्णय जनता पर थोप दिया गया है वह निर्णय अत्यंत अनुचित है ! शहर के नागरिकों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को विश्वास में लिए बगैर ऐसा निर्णय किया गया है ! इस वक्त मार्केट में जाने वाले सभी नागरिक पार्किंग फीस देने को मजबूर हो रहे हैं ! उनसे पार्किंग फीस वसूलने के लिए धक्केशाही की जा रही है ! नगर निगम के इस कदम का विरोध करने के लिए और इस पर विचार करने के लिए आज दोपहर 3:00 बजे रेड बिशप पंचकूला में मीटिंग बुलाई जा रही है ! शहर के सभी प्रबुद्ध वर्ग से एवं वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों से अनुरोध है कि वह इस मीटिंग में आएं और अपने विचार रखें ताकि आगे की रूपरेखा बनाई जा सके !
सीमा भारद्वाज पंचकुला


बाबा कुमार स्वामी के दो दिन के सत्संग के लिए बिना कोई टेंडर निकाले, बिना शहर की जनता को बताए बेच डाली सैक्टर की पार्किंग….. बाबा के नुमाइंदे दो दिन लेंगे पार्किंग फीस… शोरूम में बैठे दुकानदारों भी हो रहे इस गुंडा गर्दी का शिकार…. ज़बरन उनके वाहन की फीस रहे वसूल


 

मोदी के खिलाफ कांग्रेस को विपक्ष की रणनीति के मुताबिक लड़ाई लड्नी होगी: ममता


ममता ने कहा कि अगले लोकसभा चुनावों के लिए संभावित महागठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर किसी का नाम नहीं चुना जाना चाहिए


नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खड़ा करने की कोशिशों में जुटी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री पद की दावेदारी बीजेपी से लड़ने की क्षेत्रीय पार्टियों की एकजुटता का बंटाधार कर देगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी विरोधी क्षेत्रीय पार्टियों को साथ आना चाहिए और देश के फायदे के लिए उन्हें बलिदान देना चाहिए.

ममता बनर्जी ने यह बात शनिवार को कोलकाता में नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक के बाद कही. दोनों के बीच हुई इस बैठक को लेकर लगाए जा रहे अटकलों के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ने कहा कि अगले लोकसभा चुनावों के लिए संभावित महागठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर किसी का नाम नहीं चुना जाना चाहिए.

वहीं उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विपक्ष की एकजुट लड़ाई तब तक कामयाब नहीं हो सकती जब तक बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस विपक्षी रणनीति के मुताबिक लड़ाई न लड़े.


The question you asked about Mamata didi’s proposal, is what we’re discussing – how best can regional parties come together to take on BJP in general elections. No effort towards opposition unity will succeed unless Congress is able to fight BJP in the way we hope: Omar Abdullah


उन्होंने कहा, ममता दीदी का प्रस्ताव यही है कि भावी आम चुनावों के लिए बीजेपी विरोधी पार्टियों को कैसे लामबंद किया जाए और इसमें विपक्षी एकजुटता तब तक कामयाब नहीं हो सकती जब तक कांग्रेस विपक्ष की रणनीति के मुताबिक बीजेपी से लोहा न ले.


The question you asked about Mamata didi’s proposal,is what we’re discussing – how best can regional parties come together to take on BJP in general elections. No effort towards opposition unity will succeed unless Congress is able to fight BJP in the way we hope: Omar Abdullah

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It’s an ongoing conversation. You have seen a number of efforts made particularly by Sonia Gandhi to bring opposition parties together. As we get closer to the general election in 2019 I’m sure it’ll take on a greater shape: Omar Abdullah in Kolkata


महागठबंधन की तैयारियों के बारे में उमर ने कहा, बातचीत चल रही है. लोग देख रहे हैं कि विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने के लिए कई प्रयास हुए हैं, खास कर सोनिया गांधी की ओर से. जैसे-जैसे 2019 का चुनाव नजदीक आएगा, मुझे भरोसा है कि महागठबंधन एक बड़ा आकार लेगा.

कांग्रेस ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए बताया था उम्मीदवार 

बता दें कि हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस की नवगठित कार्यकारिणी बैठक में पार्टी ने एक सुर में राहुल गांधी का चेहरा आगे कर भावी लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया था. पार्टी ने यह घोषणा की थी कि राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री के दावेदार होंगे.

कांग्रेस की ओर से यह भी कहा गया कि कोई भी विपक्षी गठबंधन बने लेकिन कांग्रेस को ही केंद्र में रखकर रणनीति बनाई जानी चाहिए. ऐसे में महागठबंधन बनने से पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर एक तरह से ब्रेक लगा दिया है.

एनएसयूआई हरियाणा का आज “जवाब दो हिसाब दो” अभियान

“जवाब दो हिसाब दो” अभियान के तहत पंचकूला से चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास के घेराव के लिए किया कूच।

इस अभियान में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फीरोज़ खान, गीता भुक्कल, एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु
बुद्धिराजा मौजूद।

भाजपा सरकार से घोषणा पत्र का जवाब व वायदों का हिसाब लेने के लिए , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन , एनएसयूआई हरियाणा ने पंचकूला के सेक्टर 8-18 के चोंक से लगभग प्रातः 12 बजे सीएम से प्रश्नों का जवाब लेने के लिए सीएम आवास के घेराव का विशाल आंदोलन आयोजित किया।एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश सचिव व मीडिया प्रभारी दीपांशु बंसल ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा द्वारा किया गया था जिसमे एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करी और झज्जर से विधायक व पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन कुंडू , एनएसयूआई हरियाणा के प्रभारी व राष्ट्रीय सचिव बिट्ठल शर्मा आदि ने विशेष तौर पर पहुंचकर छात्रो को सम्भोधित किया और आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए सीएम आवास घेराव के लिए कूच किया।एनएसयूआई हरियाणा के जवाब दो हिसाब दो , सीएम आवास घेराव आंदोलन में प्रदेश के लगभग 2 हजार युवाओ व छात्रो ने हिस्सा लिया जिसमे एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष,प्रदेश पदाधिकारी आदि ने भारी संख्या में हिस्सा लिया।इसके साथ ही दीपांशु ने बताया कि एनएसयूआई हरियाणा द्वारा छात्र-जनविरोधी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर , शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का प्रदेश के छात्रो-युवाओ के प्रति भेदभावपूर्ण रवैए के विरोध में शव यात्रा निकाल ,पुतला फूंक कर रोष व्यक्त किया गया।भाजपा ने 2014 के चुनावों के समय छात्रो व युवाओ को आश्वस्त किया था कि छात्रो के लोकतांत्रिक हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएगे परन्तु चार वर्ष बीतने के बाद सरकार ने न तो तिथि निश्चित करी व नाही बजट आवंटित किया जोकि सरकार की मंशा को दर्शाता है, इसके साथ ही भाजपा ने अपने किसी वायदे को पूरा नही किया क्योंकि न तो प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ नौकरियों दी गई, न ही प्रदेश के बेरोजगारों को 6000-9000 बेरोजगारी भत्ता दिया गया , न ही प्रदेश में एम्स स्तरीय मेडिकल संस्थान का निर्माण हुआ, न ही पंचकूला/अम्बाला में विश्वविद्यालय खोला गया,न ही उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए विदेश में शिक्षा प्राप्त करने हेतु व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए संस्थान का निर्माण नही किया गया,न ही बजट में आवंटन कर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाया गया।,न ही प्रदेश के सरकारी कालेजो-विद्यालयों का स्तर प्राइवेट स्कूल के तर्ज पर बनाया गया आदि अनेको मुद्दों को लेकर एनएसयूआई ने जोरदार प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव व मीडिया प्रभारी दीपांशु बंसल,प्रदेश महासचिव साहिल शर्मा,प्रदेश सचिव कृष्ण अत्रि,जग्गा खेरा अम्बाला,एनएसयूआई पंजाब अध्यक्ष अक्षय शर्मा,एनएसयूआई चंडीगढ़ अध्यक्ष गुरजोत संधू,अमन पन्नू करनाल अध्यक्ष, ईशान शर्मा कुरुक्षेत्र जिलाध्यक्ष, अभिमन्यु भाटी, कवींद्र सिंह, महेश शर्मा, आशीष लाम्बा, हार्दिक नैन, राहुल खटकड़ आदि हजारो एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने भाग लिया ।

प्रधान मंत्री का लखनऊ दौरा आज से

चित्र केवल संदर्भ हेतु

 

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 और 29 जुलाई को लखनऊ का दौरा करेंगे। 28 तारीख को वे शहरी भूपरिदृश्‍य में बदलाव विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्‍सा लेंगे। यह कार्यक्रम भारत सरकार की शहरी विकास योजना पहल की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। शहरी विकास के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत और स्‍मार्ट सिटी योजनाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री इस अवसर पर शहरी विकास मिशन पर आयोजित एक प्रदर्शनी भी देखने जाएंगे और राज्‍यों तथा संघ शासित प्रदेशों से आए प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के 35 लाभार्थियों से मिलेंगे। वह इस अवसर पर उत्‍तर प्रदेश के विभिन्‍न शहरों में रहने वाले इस योजना के लाभार्थियों से वीडियो लिंक के जरिए उनके अनुभव भी जानेंगे।

प्रधानमंत्री इस अवसर पर शहरी विकास योजना के तहत उत्‍तर प्रदेश में कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे।

राज्‍य में निवेश आकर्षित करने और औद्योगिकरण प्रोत्‍साहित करने के लिए उत्‍तर प्रदेश सरकार ने फरवरी 2018 में उत्‍तर प्रदेश निवेशक सम्‍मेलन आयोजित किया था। इससे राज्‍य में नवीकरणीय ऊर्जा, आधारभूत संरचना, बिजली सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्‍ट्रॉनिक विनिर्माण और पर्यटन आदि के क्षेत्र में 4.28 लाख करोड़ रूपये से ज्‍यादा का निवेश हुआ।

पिछले कुछ महीनों के भीतर राज्‍य में शहरी विकास से जुड़ी 81 परियोजनाओं के लिए करीब 60,000 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त हो चुके हैं। प्रधानमंत्री 29 जुलाई को लखनऊ में इन परियोजनाओं के लिए होने वाले भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे।