मैं कोई शहंशाह या दंभी शासक नहीं जो लोगों की गर्मजोशी से अप्रभावित रहे। लोगों के बीच रहने से मुझे ताकत मिलती है।’ मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर खुलकर बात की है। मोदी ने कहा है कि वह कोई शहंशाह या दंभी शासक नहीं हैं, जो लोगों की गर्मजोशी से अप्रभावित रहे। उन्होंने कहा कि लोगों के साथ संवाद करने से उन्हें ताकत मिलती है। पीएम रोड शो के दौरान अपनी निजी सुरक्षा के बारे में शुभचिंतकों के मन में उठते आशंकाओं से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह सडक़ों पर काफी संख्या में लोगों को उनका अभिनंदन और स्वागत करने के लिए खड़े देखते हैं तब वह अपनी कार में बैठे नहीं रह सकते। मोदी ने कहा, ‘मैं कोई शहंशाह या दंभी शासक नहीं जो लोगों की गर्मजोशी से अप्रभावित रहे। लोगों के बीच रहने से मुझे ताकत मिलती है।’

प्रधानमंत्री रोडशो के दौरान उनकी निजी सुरक्षा के बारे में उनके शुभचिंतकों के मन में उत्पन्न आशंकाओं से जुड़े एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं यात्रा कर रहा होता हूं, मैं समाज के सभी आयु वर्ग और क्षेत्र के लोगों को सडक़ों पर मेरा अभिनंदन और स्वागत करते देखता हूं। तब मैं अपनी कार में बैठा नहीं रह सकता, उनके स्नेह को नजरंदाज नहीं कर सकता। और इसलिए मैं बाहर आ जाता हूं और लोगों से जितना बात कर सकता हूं, करता हूं।’

उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने हाल में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के संबंध में नये दिशानिर्देश तैयार किए थे। गृह मंत्रालय ने अपने खुफिया इनपुट के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नक्सलियों से जान का खतरा बताया था। गृह मंत्रालय ने कहा है कि पीएम के रोड शो को नक्सली निशाना बना सकते हैं। इस इनपुट के बाद गृह मंत्रालय ने राज्यों के साथ पीएम की सुरक्षा करने वाली एसपीजी को भी एडवायजरी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि पीएम के दौरों में सुरक्षा इंतजाम और मजबूत किया जाए। रोड शो या कार्यक्रमों में किसी को पीएम के पास ना आने दिया जाए।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री का सुरक्षा घेरा इतना मजबूत होता है कि उनके आस-पास परिंदा भी पर नहीं मार सकता। पीएम मोदी दुनिया के सबसे आधुनिक और कड़े सुरक्षा घेरे में रहते हैं। जिनके आसपास सुरक्षा का एक अभेद किला हर वक्त उनकी हिफाजत करता है। आज हम इसी बारे में बताते है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा कैसी होती है।

पीएम मोदी के सुरक्षा का पहला लेयर एसपीजी का होता है। देश या देश से बाहर पीएम मोदी जहां भी जाते हैं। वहां एसपीजी का सुरक्षा घेरा उनके साथ मौजूद होता है। ये एसपीजी जवान फुर्तीले और आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस होते हैं। आंखों पर यह टैक्टिकल लेंस यानी काला चश्मा पहनते है, जिससे वह किसे देख रहे है। यह मालूम नहीं चल पता है। इनके कानों में कम्यूनिकेशन के लिए इयर प्लग लगा होता है। इनके पास अत्याधुनिक पी-90 ऑटोमेटेड गन होता है। सूट के भीतर एसपीजी जवान बुलेटप्रूफ जैकेट पहने हुए होते है। फिसलन से खुद को बचाने के लिए कॉम्बैट शूज का प्रयोग करते हैं।

पीएम के सुरक्षा घेरे में दूसरा लेयर एसपीजी के स्पेशल कमांडो देते हैं। आपस में बातचीत के लिए ये कमांडोज अत्याधुनिक कम्यूनिकेशन डिवाइस से लैस होते हैं। पीएम की हर मूवमेंट और संदिग्धों को लेकर कंट्रोल रूम से ये पूरे वक्त जुड़े रहते हैं। इनके जूते भी खास किस्म के होते हैं, जो किसी भी सतह पर नहीं फिसलते है। पीएम के साथ मौजूद एसपीजी के जवान अपने हाथ में काला ब्रीफकेस लेकर चलते हैं। दरअसल ये काला ब्रीफकेस पोर्टेबल बुलेटप्रूफ शील्ड होती है, जो पूरी तरह खुल जाती है। प्रधानमंत्री पर किसी तरह के हमले की नौबत आने पर कमांडोज तुरंत इसे खोलकर उन्हें कवर कर लेंगे। ये एक बार में इतना बड़ा हो जाता है कि प्रधानमंत्री को पूरी तरह से ढक सकता है।

पीएम मोदी का देश में जहां कहीं भी जाने का कार्यक्रम होता है। एसपीजी के कमांडो का एक दस्ता पहले ही वहां पहुंच जाता है। ये दस्ता पहले कार्यक्रम स्थल को अपने कब्जे में लेकर पूरी जांच पड़ताल करता है। जब पूरी तसल्ली हो जाती है। तभी इस कार्यक्रम के लिए सिक्योरिटी क्लियरेंस दी जाती है। पीएम का हर कार्यक्रम एसपीजी क्लियरेंस के बाद तय होता है।

सुरक्षा वजहों से एसपीजी के कमांडो को मीडिया से बात करने पर पूरी तरह से पाबंदी होती है। इसके अलावा इन्हें किसी भी तरह की कोई किताब, लेटर या दूसरा डॉक्यूमेंट ना तो पब्लिश करने की इजाजत होती है ना ही पब्लिश करने में मदद करने की। पीएम मोदी जहां कहीं भी जाते हैं। वहां हर एक स्टेप पर कुछ अदृश्य कमांडोज भी तैनात होते हैं। जो कार्यक्रम स्थल के आसपास ऊंची इमारतों पर तैनात होते हैं।

सड़कें चौड़ी करने के लिए सरकारी ज़मीनों पर मस्जिदें आप ही ढहाई


जब इस इलाके में रहने वाले मुस्लिमों को यह पता चला कि सड़क को चौड़ा करने का काम चल रहा है तो उन्होंने खुद इस मामले में पहल शुरू की


 

इलाहाबाद शहर के पुराने इलाके में मुसलमानों ने खुद कई मस्जिदों के कुछ हिस्सों को तोड़ दिया क्योंकि मस्जिदों के ये हिस्से सरकारी जमीन पर बने थे. एक मुस्लिम व्यक्ति ने बताया कि हमने खुद अपनी मर्जी से इन हिस्सों को तोड़ा है. सरकार कुंभ मेले के सड़कों को चौड़ा करने का काम कर रही है और हम इसका समर्थन करते हैं.

अगले साल संगम नगरी इलाहाबाद में कुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है. इसे लेकर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अधिकारियों को समय रहते तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया है. इसी के तहत इलाहाबाद की कुछ सड़कों को चौड़ा करने काम भी चल रहा है. इलाहाबाद के पुराने शहर का इलाका घनी आबादी वाला है और यहां सड़कें काफी सकरी हैं. जब इस इलाके में रहने वाले मुस्लिमों को यह पता चला कि सड़क को चौड़ा करने का काम चल रहा है तो उन्होंने खुद इस मामले में पहल शुरू की.

दिल्ली की रोहणी कोर्ट ने पुलिस को योगिता बाली और महाअक्षय के खिलाफ ऍफ़ आई आर करने का आदेश दिया


अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती की पत्नी योगिता बाली और उनके बेटे महाअक्षय चक्रवर्ती परेशानी में फंस गए हैं। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।


नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती की पत्नी योगिता बाली और उनके बेटे महाअक्षय चक्रवर्ती परेशानी में फंस गए हैं। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने योगिता और बेटे महाअक्षय पर रेप, जबरन गर्भपात कराने और धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। महाअक्षय पर एक अभिनेत्री को शादी का झांसा देकर बलात्कार करने और धोखा देने का आरोप है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंदी और भोजपुरी सिनेमा में की अभिनेत्री ने अदालत में शिकायत दायर की कि साल 2015 से वह महाअक्षय के साथ रिलेशनशिप में थी। अभिनेत्री ने यह भी कहा कि शादी  का वादा कर महाअक्षय ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। गौरतलब है कि महाअक्षय लूट, जिम्मी और एनिमी जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं। वह आखिरी बार फिल्म इश्केदारियां में नजर आए थे।

महाअक्षय पर रेप का आरोप ऐसे वक्त लगा है जब उनकी कुछ दिन बाद डायरेक्टर सुभाष शर्मा की बेटी मदालसा शर्मा से शादी होने वाली है। महाअक्षय की 7 जुलाई को मदालसा शर्मा से शादी तय है। स्पोर्टब्वॉय के मुताबिक, महाअक्षय ने मार्च के महीने में मदालसा के साथ मुंबई में सगाई की थी। मदालसा बॉलीवुड और तेलुगू फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं।

जब जब भाजपा सत्ता में आई बेरोजगारी बढ़ी है : योगेश्वर शर्मा


एचएमटी की जमीन पर गिद्ध निगाह, किसी चहेते पूंजीपति को देने की हो सकती है साजिश

सिर्फ अपने चहेतों को ही पहुंचाया हमेशा लाभ


पंचकूला,3 जुलाई।

योगेश्वर शर्मा

आम आदमी पार्टी का कहना है कि जब से केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकारें आई हैं, तभी से देश व प्रदेश में बेराजगारी बढ़ी है। जबकि यह पार्टी दोनों ही जगह पर रोजगार देने का वायदा कर सत्ता में आई थी। सरकार की गल्त नीति के चलते जहां कुछ उद्योग तालाबंदी करने को मजबूर हो रहे हैं, तो कुछ ऐसे राष्ट्रीय उद्योग हैं जिन्हें स्वयं सरकार जानबूझकर बंद कर उनकी जमीने अपने लोगों को देने का षडयंत्र कर रही है ताकि उन्हें लाभ पहुंचाया जा सके। देश की सबसे पुरानी एचएमटी फैक्टरी पर की गई तालाबंदी भी भाजपा की इसी सोची समझी साजिश का एक हिस्सा है। मगर आप इसका विरोध करेगी तथा एचएमटी कर्मचारियों की हर लड़ाई में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। आज पंचकूला में एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति द्वारा प्रदर्शन के दौरान कालका,पंचकूला और पिंजौर के आप कार्यकर्ता उनके साथ थे। आप नेताओं में अजय गौतम,सुशील मैहता,सुरेंद्र राठी,विजय पैतेका,ईश्वर सिंह,प्रवीण हुड़ा,जगदीश वर्मा,बलदेव सिंह,बृजभूषण आदि उपस्थित थे।

आज यहां जारी एक ब्यान में पार्टी के जिला अध्यक्ष योगेश्वर शर्मा ने कहा कि भाजपा की यह शुरु से ही यह नीति रही है कि वह जब जब सत्ता में आती है तो अपने पूंजीपति दोस्तों को लाभ देने का काम करती है। अब इसकी नजर पिंजौर की एचएमटी की बेशकीमती जमीन पर है। इसकी जमीन हथियाने के लिए ही वह इस फैक्टरी को बंद किया गया है। अब इसकी जमीन पर गिद्ध निगाह रखी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की इस कीमती जमीन को अपने किसी चहेते पूंजीपति को देने की साजिश हो सकती है। मगर ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। यह इलाके के लोगों की जीवनरेखा है। जिले में पहले से ही बेराजगारी है। सरकार ने देश व प्रदेश में हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरियां देने का जो वायदा किया था उसे पूरा करना तो दूर उल्टे लगे लगाये लोगों को रेाजगार छीनने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब सरकार यहां सेब मंडी बनाने की बात करती है जबकि पंचकूला की पहली करोड़ों रुपये की लगात से बनी पड़ी मंडी की सही ढंग से ही देखभाल नहीं हो पा रही। इसके साथ ही करोड़ों रुपये की लागत से बना एग्रोमाल भी धूल ही फांक रहा है। इसमें भी कुछ खास काम नहीं हो पा रहा है। आनाज मंडी में भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा,क्योंकि किसान अपने साथ ही पल्लेदार भी लेकर आते हैं। योगेश्वर शर्मा ने कहा कि जब यह इलाका सेब की पैदावार वाला है ही नहीं तो यहां के युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले करीब चार सालों से लोगों खासकर युवाओं को रोजगार देने की बात कर गुमराह करती आई भाजपा ने यहां आज तक एक भी बड़ा उद्योग लगाने की ओर ध्यान नहीं दिया। बड़ी बड़ी कंपनियां यहां आ सकती थी और इसी जमीन पर कोई बड़ा उद्योग लगाकर स्थानीय युवाओं और एचएमटी से बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार दिया जा सकता था। मगर ऐसा किया नहीं गया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के नेताओं को उनके इसय संघर्ष में हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।

बिहार में शराब बंदी फेल, चुनावी मुद्दा हो सकता है


पिछले दो वर्ष में शराब की खपत में कई गुना वृद्धि हुई है. बिक्री और गुप्त रूप से घर में बनाने का धंधा कुकुरमुत्ते की रफ्तार में बढ़ रहा है


हिंदू पौराणिक कथा में रक्तबीज नामक राक्षस का जिक्र आता है. इसके जिस्म से जब एक बूंद रक्त जमीन पर गिरता था तो सैकड़ों राक्षस पैदा हो जाते थे. अभी बिहार में उस नरभक्षी राक्षस की तुलना शराबबंदी से की जा रही है क्योंकि शराबबंदी के सारे प्रयास फेल हैं. सरकारी दावा मात्र दिखावा है. पिछले दो वर्ष में शराब की खपत में कई गुना वृद्धि हुई है. बिक्री और गुप्त रूप से घर में बनाने का धंधा कुकुरमुत्ते की रफ्तार में बढ़ रहा है.

कठोर हकीकत है कि शराबबंदी नीतीश कुमार की गले की फांस बन गई है. न निगलते बन रहा है और न ही उगलते. इनको गुमान था कि मां दुर्गा ने चामुंडा अवतार में जिस विधि का प्रयोग करके रक्तबीज का वध किया और उसके खून को जमीन पर गिरने नहीं दिया, कुछ वैसा ही कमाल करके हम भी बिहार को पूर्णरूप से दारू मुक्त कर देंगे. लेकिन लड़ाई हारे हुए योद्धा की तरह अब जनता के बीच कह रहे हैं कि ‘मर्डर रोकने का तो सख्त कानून देश में बना है फिर भी खून तो होते ही रहते हैं.’

हाल में इंस्पेक्टर से डीएसपी बने एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ‘प्रदेश में दारू की खपत पहले से 10 गुणा बढ़ गई है. मेरी अपनी सोच है कि अगले चुनाव में शराबबंदी बहुत बड़ा मुद्दा बनेगा- सगुण नहीं बल्कि निर्गुण रूप में.’ उसन ईमानदारी से उदाहरण सहित बताया कि कैसे जनता से लेकर अधिकारी और नेता शराबबंदी के खिलाफ तेज गति से लेकिन बिना शोरगुल के गोलबंद हो रहे हैं.

जनता से लेकर अधिकारी और नेता शराबबंदी के खिलाफ गोलबंद

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो वर्षों में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए करीब 6 लाख छापेमारी की गई जिसमें 1 लाख 21 हजार लोग हिरासत में लिए गए. 30 लाख लीटर अंग्रेजी और देशी शराब जब्त हुई. शराबबंदी सफल बनाने के लिए नीतीश कुमार सरकार ने सख्त कानून बनाए. दो बूंद पीने पर भी 5 साल जेल और 10 लाख रुपए तक जुर्माना. ‘पियक्कड़’ के परिवार के महिला, पुरूष को भी जेल. बस में कोई यात्री एक बोतल के साथ पकड़ाया तो बस भी सीज.

पटना हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा ‘अगर रेलगाड़ी में कोई यात्री एक बोतल के साथ अरेस्ट होगा तो आप ट्रेन भी जब्त करेंगे?’ कोर्ट में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरीय अधिवक्ता सिर नीचे झुकाकर जमीन देखने लगे.

जेल व्यवस्था चरमराई

प्रदेश में कुल 58 जेल हैं. दारू कैदियों की संख्या बढ़ने के कारण लगभग 30 जेलों में काफी भीड़ हो गई है. बेतिया कारा में 630 कैदी रखने की क्षमता है. वहां 1580 शराबबंदी कानून तोड़क कैदी पहुंच गए हैं. जेल के अंदर की अराजक स्थिति का अनुमान सहज लगाया जा सकता है. भोजन, खाना, पानी, सोने, बैठने की कुप्रबंधता के खिलाफ कैदियों ने कारा में 26 जून को आमरण अनशन कर दिया था. प्रशासन के बहुत समझाने पर शांत हुए थे. कचहरी के वकील और ताईद भी बंदी कानून की डंक झेल रहे गरीबों को खूब चूस रहे हैं.

दारूबंदी केस में अरेस्ट किए गए लोगों में 95 प्रतिशत अनुसूचित जाति और अति पिछड़ा समाज से आते हैं. दारू पीेने, रखने, बेचने और बनाने के धंधे में भी इसी समाज के बच्चे, महिलाएं, युवक इत्यादि ज्यादा सक्रिय हैं. तथाकथित उच्च वर्ग और मंडल के बाद नवधनाढ्य अवतार में आए बहुत सारे सबल लोग चंडीगढ़, वाराणसी, रांची, दिल्ली और कोलकाता में रहकर दारूबंदी कानून का अपने तरीके से मखौल उड़ा रहे हैं. जितने भी रसूखदार पकड़े जाते हैं उनके खिलाफ पुलिस सख्त नहीं है. मुजफ्फरपुर का एसएसपी सबूत के साथ पकड़ में आया. क्या कार्रवाई की गई, ये पुलिस भी बताने से परहेज करती है. ‘सर ये हाई प्रोफाईल मामला है. काहे हमको फंसा रहे हैं?’ ये जवाब है केस देख रहे एक पुलिस अफसर का.

नेता और जनता देख रहे हैं कि कानून के आड़ में कितने पुलिस जुर्म हुए और कितने दारोगा करोड़पति बन गए. सोमवार को पटना जिला के पालीगंज थाना का अनुसूचित जाति मुसहर के सैकड़ों पुरूष और महिलाओं ने घेराव किया. इनका आरोप है कि पुलिस वाले दारू के नाम पर आए दिन उन्हें परेशान करते रहते हैं.

दारूबंदी के कारण गांजा पीने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. बीबीसी हिंदी ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर टी एन सिंह के हवाले से एक सप्ताह पहले लिखा है कि ‘बिहार में गांजे की आवक और खपत दोनों बढ़ी है. गांजा के कारोबार से जुड़े लोग अब ज्यादा सक्रिय हो गए हैं, जिसकी पुष्टि हमारे जब्ती के आंकड़े करते हैं.’ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि साल 2016 में 496.03 किलो गांजा जब्त हुआ था, जबकि 2017 फरवरी तक 688.47 किलो गांजा जब्त हो चुका है.

शराबबंदी के बाद सबसे खतरनाक तरीके से कफ सीरप, अलप्रेक्स, नाईट्रोसिन, वेलियम, प्राक्सीवौन टैब्लेट की खपत बढ़ गई है. कई डाक्टरों और नशा मुक्ति केंद्र संचालिकाओं ने फ़र्स्टपोस्ट हिंदी को बताया कि ‘हमलोग के पास गांजा, फार्टवीन और मार्फिन इन्जेक्शन इस्तमाल करने वाले बहुत रोगी आ रहे हैं.’ दारू पियक्कड़ इसलिए अस्पताल या डी-एडीक्शन सेंटर में आने से डरते हैं कि डॉक्टर उन्हें पुलिस से पकड़वा देंगे.

नेता पहले ही कर रहे हैं विरोध

बहरहाल, धीरे धीरे हर दल के नेतृत्व ने यह महसूस करना शुरू कर दिया है कि शराबबंदी का असर चुनाव पर पड़ेगा. आरजेडी के कई नेता तो खुलकर बोल रहे हैं कि महाभारत 2019 में अगर केंद्र से नरेंद्र मोदी सरकार का नवीनीकरण नहीं होगा तो सबसे पहला काम होगा नीतीश सरकार की बर्खास्तगी और शराबबंदी कानून का खात्मा. बंद कमरे में बीजपी और जनता दल यू के भी कई वरिष्ठ नेता और मंत्री स्वीकारते हैं कि बंदी कानून अव्यावहारिक और चुनाव हराने वाला है. ‘हमने तो पिछले चुनाव में 15 लाख का दारू अपने वोटरों के बीच बांटा था तब जीते’. ऐसा कहना एक मंत्री का है.

वैसे, नीतीश कुमार सरकार ने जब अप्रैल 5, 2016 को शराबबंदी कानून लागू किया था तो केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बंदी कानून को तुगलकी फरमान कहा था. राम विलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपने बयान में कहा था कि शराबबंदी के नाम पर गरीब लोगों को परेशान किया जा रहा है. बीजेपी के सीनियर नेता शहनवाज हुसैन ने तो यहां तक कह दिया था कि ‘नीतीश कुमार ने बिना किसी से राय मशविरा किए अपने मन से अटपटा कानून थोप दिया है.’

पटना के एक लोकल टीवी चैनल ने हाल ही में शराबबंदी के मौजूदा हालात पर जनता के बीच जाकर एक सर्वे किया है, जिसमें 90 प्रतिशत भागीदारों ने माना है कि बंदी फेल है. आसानी से मिलता है. गरीब परेशान किए जा रहे हैं. अमीरों और अफसरों की चांदी है.

इसी बीच, खबर ये भी आ रही है कि नीतीश कुमार सरकार बंदी कानून को लोचदार बनाने पर विचार कर रही है. जुलाई 22 से शुरू हो रही विधानसभा के मॉनसून सत्र में बिल भी लाया जा सकता है, ऐसी चर्चा है. हो सकता है नीतीश कुमार को ये अहसास हो गया है कि वो चामुंडा का अवतार कभी नहीं ले सकते हैं. हर कोण से ये दिख रहा है कि शराबबंदी ‘निर्गुण’ आकार में अगले चुनाव का प्रमुख मुद्दा बनेगा.

‘एक बार फिर से टीएमसी ने मानवता को शर्मसार कर दिया’: शाह


इससे पहले भी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले के सामने आए थे


पश्चिम बंगाल में एक और बीजेपी कार्यकर्ता कि लाश बरामद हुई है. बंगाल के मुर्शिदाबाद में 54 साल के एक दलित बीजेपी कार्यकर्ता धर्मराज हजरा नामक कार्यकर्ता की हत्या का मामला सामने आया है.

हजरा की लाश मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर पुलिस थाने के तलदंगा नामक गांव के तालाब में तैरती हुई बरामद हुई. बीजेपी के कार्यकर्ता के हाथ रस्सी से बंधे हुए थे. इस हत्याकांड के पीछे बीजेपी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी का आरोप है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी के गुंडों ने दलित धर्मराज हजरा कि हत्या की है.

बंगाल बीजेपी ने ट्वीट कर कहा की, ‘मुर्शिदाबाद में टीएमसी के गुंडों ने दलित बीजेपी कार्यकर्ता धर्मराज हजरा की हत्या कर दी और उसके हाथ रस्सी बांधकर तालाब में फेंक दिया. हजरा की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि वह बीजेपी कार्यकर्ता था. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ आतंकी पार्टी द्वारा बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के पर्याप्त कारण हैं.’

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी हजरा की हत्या की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, ‘एक और सक्रिय बीजेपी कार्यकर्ता की दर्दनाक मौत. हजरा रविवार रात को लापता हो गया था और सोमवार तालाब से उसका शव बरामद हुआ. उसके हाथ रस्सी से बंधे हुए थे.’ बीजेपी का कहना है कि हजरा उसकी पार्टी कार्यकर्ता और कोर कमेटी का सदस्य था. पंचायत चुनाव के बाद से उसको लगातार धमकियां मिल रही थीं.

इस मामले को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रमुख अमित शाह ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ‘एक बार फिर से टीएमसी ने मानवता को शर्मसार कर दिया. एक और बीजेपी कार्यकर्ता की निर्मम हत्या कर दी गई. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का शासन हिंसा और क्रूरता का पर्याय बन गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस दुख की घड़ी में धर्मराज हजरा के परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है. मेरी गहरी संवेदना. ओम शांति.’

मालूम हो कि इससे पहले भी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले के सामने आए थे. जिसको लेकर बीजेपी ने इन हत्याकांडो के खिलाफ कदा विरोध जताया था और घटनाओं कि एनएचआरसी से मामले की जांच की मांग भी की थी. हालांकि ममता सरकार ने इन घटनाओं की जांच सीआईडी को सौंपी है.

सुंदरनगर में विभिन्न परियोजनाओं के तहत गठित समितियों की बैठक का आयोजन किया गया

उपमंडलाधिकारी, ना0, सुन्दरनगर श्री राहुल चैहान की अध्यक्षता में आज बाल विकास परियोजना के तहत गठित खंड स्तरीय समन्वयक एवं माॅनटरिंग तथा बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के तहत गठित समितियों की बैठक का आयोजन किया गया ।
उन्होंने बताया कि विकास खंड सुन्दरनगर के तहत चलाई जा रही समेकित बाल विकास परियोजना के तहत 360 आंगनबाड़ी केंद्रों में 9912 बच्चों, 1856 गर्भवती तथा धातृ महिलाओं तथा 6 किशोरियों को पोषाहार प्रदान किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त 3-6 साल के 2310 बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा भी प्रदान की जा रही है । उन्होंने बताया कि बेटी है अनमोल योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों में पैदा हुई पहली दो बेटियों को 12-12 हजार रूपये की एफडी बैंक में जमा करवाई जाती है जो कि बेटी की आयु 18 साल होने के बाद परिपक्व हो जाती है । उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में अभी तक 781 छात्रों को छात्रवृति प्रदान की गयी है ।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बेसहारा व विधवाओं की बेटियों की शादी के लिए भी सरकार द्वारा वितीय सहायता प्रदान की जा रही है । उन्होंने बताया कि योजना के तहत बेटियों के विवाह के लिए 40 हजार रूपये प्रदान किए जाते हैं । योजना के तहत वर्ष 2017-18 में 19 लड़कियों की शादी के लिए वितीय सहायता उपलब्ध करवाई गयी ।
उन्होंने बताया कि इन योजनाओं से पात्र व्यक्ति अधिक से अधिक लाभान्वित हो, इसके लिए आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जागरूक किया जा रहा है ।
बाल विकास परियोजना अधिकारी, सुन्दरनगर श्री कृष्ण पाल ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी प्रदान की । बैठक में शिक्षा व स्वास्थय सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी भाग लिया ।

हरियाणा ससरकार ने तुरंत प्रभाव से चार आईएएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए

चंडीगढ, 3 जुलार्ई-

हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से चार आईएएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं हरियाणा खनिज लिमिटिड, नई दिल्ली के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक राजीव अरोड़ा को विवेक जोशी के स्थान पर उनके वर्तमान कार्यभार के अलावा चीफ रेजि़डेंट कमीश्नर, हरियाणा भवन, नई दिल्ली का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है।
विवेक जोशी, चीफ रेजि़डेंट कमीश्नर, हरियाणा भवन, नई दिल्ली को आनंद मोहन शरण के स्थान पर प्रिसिंपल रेजि़डेंट कमीश्नर,हरियाणा भवन नियुक्त किया गया है जबकि वे निरीक्षण एवं समन्वय विभाग के प्रधान सचिव, अम्बाला मंडलायुक्त, हरियाणा व्यापार मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक और स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान के निदेशक के पदों पर पहले की भांति ही कार्य करते रहेंगे।
इसीप्रकार, फरीदाबाद मंडलायुक्त, स्वास्थ्य एवं पोषाहार, मेवात क्षेत्र की विशेष आयुक्त और मेवात विकास एजेंसी की अध्यक्ष श्रीमती जी.अनुपमा को उनके वर्तमान कार्यभार के अलावा महाप्रबंधक, हरियाणा व्यापार मेला प्राधिकरण का कार्यभार भी सौंपा गया है। मनोज कुमार, एडीसी-सह-सीईओ, डीआरडीए, चरखी दादरी और सचिव आरटीए, चरखी दादरी को श्रीमती संगीता तेत्रवाल की अवकाश अवधि के दौरान एडीसी-सह-सीईओ, डीआरडीए, भिवानी और सचिव आरटीए, भिवानी का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है।

NTR Biopic: Daggubati – Balan in lead cast

Vidya Balan, Rana Daggubati, Jisshu Sengupta in NTR biopic next

 

The Krish-directed film being made on the late legend is expected to kick off this month.

Earlier this year, the hugely anticipated biopic on legendary Telugu actor-turned-politician Nandamuri Taraka Rama Rao (NTR), to be directed by Krish, was launched by Vice President M Venkaiah Naidu at the Ramakrishna Studios, Hyderabad. Now, Mirror has learnt that the film, that has Nandamuri Balakrishna in the titular role, will feature Vidya Balan as NTR’s wife, Basavatarakam, who he had married at the age of 20.

Meanwhile, the film marks the Telugu debut of Bengali actor Jisshu Sengupta as the late filmmaker and Dadasaheb Phalke awardee LV Prasad, and Rana Daggubati is on board to play Andhra Pradesh Chief Minister Chandrababu Naidu.

Vidya and Rana remained unavailable for comment but Jisshu, who is presently recuperating after a gall bladder surgery confirmed the news. This will be his second film with Krish after playing King Gangadhar Rao, Rani Lakshmibai’s husband, in Manikarnika: The Queen of Jhansi, the upcoming Hindi film that has Kangana Ranaut in the lead. “As a producer, LV Prasad ji’s films revolved around catastrophic romances with theatrical characters and memorable music. As an actor and director, he chose subjects that were emotional, dramatic and driven by performances. I have begun my prep for the film as Krish has given me a lot of content to browse through. This will be my first ever stint in the South industry and I’m quite excited and nervous at the same time,” Jisshu said, adding that he has even shot at Prasad Studios and Prasad Film Labs in Hyderabad.

“But I never imagined I will get to play a pioneer filmmaker like him one day. He was the one to introduce NTR in the 1949 Telugu patriotic film Mana Desam and they were very close. I play a very important part in the film,” the actor added, further revealing that he starts shooting for the film on July 6.

As part of his prep, Jisshu is also learning Telugu. “I will reserve one week for extensive language training with my tutor when I reach Hyderabad. I have also told Krish that it would be great if I can meet anyone from Prasad ji’s family,” he informed.

The film marks his first collaboration with Vidya and Rana. “I am not sure about Rana’s part, but I am told that Vidya is playing NTR’s wife. I am looking forward to working with them. I have known Vidya for a while. In fact, she played the lead role in the Hindi version of my Bengali film, Rajkahini,” Jisshu said.

Majithia patronizing Drug Mafia : Mann


Addressing AAP MLAs and office bearers at a sit-in protest organised at the MLA hostel against the recent drug-related deaths in the state, Mann alleged that it appears that Congress and SAD are, both, running the government in the state as ‘alliance partner’.


Barely three months after AAP National Convener Arvind Kejriwal tendered an apology to Shiromani Akali Dal (SAD) leader Bikram Singh Majithia for falsely accusing him of being involved in drug smuggling, AAP MP from Sangrur, Bhagwant Mann, Monday levelled accusations against Majithia for “patronising drug traders”.

Kejriwal had tendered the apology to Bikram Majithia in March this year in a defamation case which had been filed against him by Majithia for levelling drug-related allegations against him. At the time, Bhagwant Mann had taken exception to Kejriwal’s apology and had ‘resigned’ from his position as state president of AAP in Punjab.

Addressing AAP MLAs and office bearers at a sit-in protest organised at the MLA hostel against the recent drug-related deaths in the state, Mann alleged that it appears that Congress and SAD are, both, running the government in the state as “alliance partners” as no action has been taken against any Akali Dal leader including Bikram Majithia. Later speaking to media persons, Mann again reiterated his allegations. When reminded about the apology tendered by Arvind Kejriwal to Majithia, Mann said he might have done so under “some legal compulsions.”

A statement issued by AAP later in the day also reiterated Mann’s comments against Majithia. Efforts were made to contact Majithia for his reaction to Mann’s comments but his phone was switched off and an aide informed that he was out of the country.

Amarinder calls AAP leaders for meeting

While the AAP sit-in was in progress, Sandeep Sandhu, an OSD to Chief Minister Capt Amarinder Singh, reached the spot and received a memorandum of demands from AAP leaders. After consultations, Amarinder agreed to meet the AAP delegation at 2:30 pm Tuesday. The AAP leaders then called off the ‘dharna’.