राहुल गांधी को प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करने की योजना पर फिरा पानी


राहुल गांधी को प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करने की योजना पर पानी फिर गया है. कांग्रेस कार्यसमिति ने रविवार को ही राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए प्रस्ताव पास किया था.


राहुल गांधी को प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करने की योजना पर पानी फिर गया है. कांग्रेस कार्यसमिति ने रविवार को ही राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए प्रस्ताव पास किया था. राहुल गांधी साफ कह दिया है कि प्रधानमंत्री बनने के लिए सिर्फ वही उम्मीदवार नहीं हैं. बल्कि गठबंधन में से कोई भी प्रधानमंत्री बन सकता है. हालांकि पार्टी के भीतर किसी महिला को इस पद के लिए आगे करने पर विचार किया जा रहा है. जिसमें दलित चेहरे की चर्चा ज्यादा हो रही है. मीरा कुमार कांग्रेस की पंसद हो सकती हैं. लेकिन मायावती और ममता बनर्जी गठबंधन के भीतर से उम्मीदवार हो सकते हैं. जिनके पास राहुल गांधी से ज्यादा प्रशासनिक अनुभव है.

राहुल ने जमीनी हकीकत को समझा

राहुल गांधी को लेकर कई आपत्ति आ रही थी. जिसमें सबसे पहले कांग्रेस के सबसे विश्वस्त सहयोगी आरजेडी की तरफ से आया. आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि राहुल के अलावा भी प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हैं. इस बीच मायावती ने कहा कि वो सम्मानजनक सीट मिलने पर ही गठबंधन करेंगी. पार्टी को पता है कि रीजनल पार्टियां अपने हिसाब से बिसात बिछा रही हैं. कांग्रेस को सबको साथ लेकर चलना मजबूरी है.

हालांकि कांग्रेस के सूत्र कह रहे है कि गठबंधन बनाना महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री पद इस वक्त कांग्रेस के लिए प्राथमिकता नहीं है. कांग्रेस के लिए प्राथमिकता बीजेपी को हटाना है. इसके लिए एक बडा एलांयस खड़ा करना जरूरी है. कांग्रेस के नेता अब कह रहे हैं कि चुनाव के बाद संख्या बल पर तय होगा कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा. हालांकि कांग्रेस को उम्मीद है कि संख्या बल कांग्रेस के पक्ष में रहेगा.

कैसे होगा विपक्षी गठजोड़

कांग्रेस की परंपरा के मुताबिक वर्किंग कमेटी ने राहुल गांधी को गठबंधन करने के लिए अधिकृत कर दिया है. 2019 के चुनाव तक गठबंधन के फैसले राहुल गांधी ही करेंगे. जिसके लिए राहुल गांधी एक कमेटी का गठन करेंगें जो गठबंधन के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों से बात करेगी. लेकिन अंतिम फैसला राहुल गांधी करेंगे.

वर्किंग कमेटी में युवा ब्रिगेड इस बात पर जोर देता रहा कि गठबंधन को कांग्रेस ही लीड करे, यानी राहुल गांधी ही किसी भी तरह गठबंधन के अगुवा बने रहें, सचिन पायलट, रमेश चेन्निथला जैसे नेता यही चाहते हैं. कांग्रेस की महासचिव अंबिका सोनी ने कहा कि ये स्वाभाविक है, राहुल गांधी मुख्य विपक्षी दल के नेता है, हम चाहेंगे कि राहुल गांधी विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनें.

2004 जैसे हालात नहीं

साल 2004 में लोकसभा चुनावों के पहले कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते सोनिया गांधी. ( रॉयटर्स इमेज )

राहुल गांधी को विपक्ष का चेहरा बनाना आसान नहीं है. 2004 में जब यूपीए गठबंधन वजूद में आया था तो माहौल दूसरा था. कांग्रेस के तकरीबन 145 से ज्यादा सांसद थे. बीजेपी की तादाद 138 सांसदों की थी इसके अलावा लेफ्ट तीसरी सबसे बड़ी ताकत थी. 13 वीं लोकसभा में यूपीए के घटक दलों की ताकत ज्यादा नहीं थी. कई दलों के सांसदो की संख्या दहाई के आंकड़े से भी कम थी. इसलिए कांग्रेस की अगुवाई छोटे दलों ने स्वीकार कर लिया था अब हालात ऐसे नहीं हैं.

कांग्रेस को इसको समझना पड़ेगा कि अब कांग्रेस के हिसाब से क्षेत्रीय दल गठबंधन करने के लिए तैयार होंगे ये मुश्किल लग रहा है. हालांकि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गठबंधन के लिए नया रास्ता निकालने की हिमायत की है. चिंदबरम ने कहा यूपी से लेकर बंगाल तक और तमिलनाडु में पार्टी की हालत नाजुक है. इसलिए गठबंधन ही रास्ता है. यानी तकरीबन 200 सीट पर कांग्रेस की स्थिति खराब है. इस बात का अंदाजा सभी नेताओं को है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन का विरोध नहीं किया है.

कांग्रेस मुश्किल दौर में

16 वीं लोकसभा में कांग्रेस अपने न्यूनतम स्तर पर है. कांग्रेस के बाद ममता बनर्जी की पार्टी है. जिसको राहुल गांधी के नाम पर सबसे ज्यादा एतराज है. ममता बनर्जी की मंशा है जो गठबंधन बने उसका कोई अगुवा ना हो यानी पहले से नेता ना तय हो बल्कि चुनाव के बाद ये मसला तय किया जाए. ममता बनर्जी ने कांग्रेस की बैठक से पहले 19 अगस्त को संघीय मोर्चा की रैली का ऐलान कर चुकी है. जिसमें कांग्रेस को भी आमंत्रित करेंगी.

ममता एकला चलो का नारा भी दे चुकी हैं, बंगाल में टीएमसी सभी 42 सीट पर अकेले लड़ने का मन बना रही हैं. हालांकि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का दावा है कि ममता का ये बयान आखिरी नहीं है. जब बातचीत होगी तो तय हो जाएगा चुनाव से पहले बयानों में तब्दीली हो सकती है. सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और शरद पवार किसी भी गठबंधन की संभावना से इनकार कर चुके हैं.

 

 वर्किंग कमेटी को रोडमैप नहीं दे पाए राहुल गांधी

राहुल गांधी की अध्यक्षता में पहली वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी को रोडमैप नहीं दे पाए. इस विस्तारित बैठक से उम्मीद थी कि ये पार्टी के लिए कोई दिशा तय करेगी. 2019 की तैयारी को लेकर कोई खाका नहीं बनाया गया है. जिससे पार्टी और जनता के बीच कनेक्ट बन सके, कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि पार्टी ऐसा प्रोग्राम तय करेगी. जिससे बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया जा सकता है. हालांकि अविश्वास प्रस्ताव के बाद कांग्रेस के नेताओं का आत्मविश्वास बढ़ा था.

जिस तरह राहुल गांधी की स्पीच के बाद बीजेपी में खलबली थी. उसको वर्किंग कमेटी की बैठक में बढ़ाने का माद्दा नदारद था. संसद का तेवर आगे बढ़ाया जा सकता था. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया पार्टी के नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करने की कवायद करते रहे, लेकिन राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी कैसे बनेगी, इस बात को लेकर किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है. ज्यादा जोर गठबंधन पर ही था.

आरएसएस से सीख रहे राहुल गांधी

राहुल गांधी ने संसद में कहा कि हिंदू होने का मतलब सीख गए हैं. यानि सहिष्णु होने का, राहुल गांधी ने तंज के जरिए ही कहा था. लेकिन वर्किंग कमेटी में राहुल गांधी ने गंभीरता से कहा कि जिस तरह बीजेपी/आरएसएस का काम चल रहा है. उससे सीखने की जरूरत है. राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासी समाज के भीतर संघ ने काम किया उसकी वजह से ये समाज कांग्रेस से दूर हुआ है.

संघ की शाखा वनवासी कल्याण आश्रम काम कर रहा है. उस तरह ही काम करने की जरूरत है. लेकिन ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के पास इस तरह का संगठन नहीं है. कांग्रेस सेवादल इन सब कामों के लिए बना है. लेकिन निष्क्रिय है. पार्टी की आला लीडरशिप कोई प्रोग्राम फ्रंटल संगठनों को नहीं दे पाया है.

क्या वाकई में मोदी का काउंटडाउन शुरू हो गया है

क्या वाकई में मोदी का काउंटडाउन शुरू हो गया है

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार का काउंट डाउन शुरू हो गया है. मनमोहन सिंह ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है. लेकिन अविश्वास प्रस्ताव में शिव सेना के वॉकआउट के बाद एनडीए को 325 वोट मिले ये कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है. प्रधानमंत्री के साथ मजबूत संख्या बल है. जिसको तोड़ने के लिए कांग्रेस को 2004 वाली नीति अपनानी पड़ सकती है.

जनता के मुद्दों पर संघर्ष

कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में तय हुआ कि किसानों की समस्या से लेकर कानून व्यवस्था के मसले पर आंदोलन किया जाएगा. लेकिन बेहतर होता कि इस बैठक में ये रोड मैप तय कर दिया जाता. जिसमें सभी 239 सदस्यों को पार्टी काम सौंपती. जिसकी समय समय पर समीक्षा भी की जाती. कौन सा मुद्दा कब उठाना है. कितने दिन तक आंदोलन करना है, ये सब तय किया जाता. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है.

कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा कि कांग्रेस को तय करना होगा कि किस सामाजिक मुद्दे की वजह से कौन नेता पार्टी में है, या किस मुद्दे के लिए काम कर रहा है. ये तय नहीं होगा तब तक पार्टी की हालत नहीं सुधरेगी. झप्पी का पोस्टर लगाने से काम नहीं चलने वाला है. बल्कि ऐसा कुछ करें कि जनता कांग्रेस को झप्पी देने के लिए बेकरार हो जाए.

नितीश कुमार को बिहार में किसी और को मौका देना चाहिए: कुशवाहा


केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर गरमाई राजनीति


लखनऊ/पटना।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री और रालोसपा के राष्ट्रीेय अध्य क्ष उपेंद्र कुशवाहा के नीतीश कुमार को अगले मुख्यमंत्री नहीं मानने की बात पर बिहार की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने उपेंद्र कुशवाहा के बयान का स्वागत करते हुए एनडीए में फूट की बात कही। कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के बयान के बाद एनडीए में फूट तय है। आने वाले दिनों में लोजपा से भी ऐसे बयान आएंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू के बड़े भाई के दावे को खत्म कर दिया है। आने वाले दिनों में बीजेपी भी नीतीश कुमार से किनारा कर लेगी। गौरतलब है किपत्रकारों से खास बातचीत में उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को सीएम पद पर रहते हुए 15 साल हो गए हैं। अब उन्हें खुद अपने पद से हट जाना चाहिए। रालोसपा नेता ने कहा कि नीतीश जी हमारे भी नेता रहे हैं। बिहार की जनता ने उन्हें लगभग 15 साल का मौका दिया है। मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि नीतीश कुमार को खुद पद छोड़ देना चाहिए और बिहार में किसी और को मौका देना चाहिए। उन्हें बड़ी राजनीति करनी चाहिए।

कांग्रेस हताश, किसी को भी पीएम उम्मीदवार बनाने को तैयारः अनंत कुमार

 

प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती और ममता बनर्जी के नाम पर कांग्रेस की सहमति पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार का कहना है, ‘ये कांग्रेस की हताशा को दर्शाता है. जिस दिन वर्किंग कमेटी ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर चयनित किया था. हमने उसी दिन कहा उनकी उम्मीदवारी  के लिए कोई सहमति नहीं होगी.’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की साथी पार्टियों में इस कारण विकट परिस्थिति शुरू हो गई है. जब ऐसी स्थिति पैदा होती है तो निराश होकर कोई भी प्रधानमंत्री बने, कैसे भी बने तो हम उसका समर्थन करेंगे. यही स्थिति कांग्रेस की हो गई है.’

वहीं राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा विशेषाधिकार हनन लाए जाने के नोटिस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार का कहना है कि विशेषाधिकार हनन का नोटिस संसद के नियमों के हिसाब से होता है.

अगर कांग्रेस विशेषाधिकार हनन लाती है तो उसका कोई स्टैंड नहीं करेगा. प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के खिलाफ जो विशेषाधिकार हनन लाने की बात कर रहे हैं, उसमें कोई दम नहीं है. इससे कांग्रेस के लिए अजीब सी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.

संसद में जब विशेषाधिकार हनन का नोटिस आता है वो संसद की नियमावली के सूझ-बूझ और ज्ञान, विवेक के हिसाब से देते हैं. हर बार इस तरीके से विशेषाधिकार हनन का नोटिस इस्तेमाल करने का प्रावधान नहीं है. लेकिन बिना सूझ-बूझ और बिना विवेक के कांग्रेस जहां कोई विशेषाधिकार का हनन नहीं है, कोई विशेषाधिकार हनन का कोई मुद्दा ही नहीं बनता है, वहां पर नोटिस दे रही है. तो एक और बार खुलासा होगा कि जो संसदीय प्रक्रिया है उसकी कमी कांग्रेस में.

अनिल अंबानी ने राहुल को लिखी चिट्ठी मांगा मिलने का समय

राफेल सौदा मिलने के समय रिलायंस डिफेंस के पास रक्षा क्षेत्र के मैन्युफैक्चरिंग का किसी तरह के अनुभव न होने के राहुल गांधी के आरोप का अनिल अंबानी ने लेटर लिखकर जवाब दिया था. राहुल गांधी को भेजे गए एक पत्र में अनिल अंबानी ने कहा था कि रिलायंस डिफेंस के पास पानी वाले जहाज यानी शिप बनाने का अनुभव था. इस लेटर की कॉपी इंडिया टुडे-आजतक के पास है.

यूपीए सरकार ने जब राफेल सौदा किया था, तब अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस का कोई नामोनिशान नहीं था. इस कंपनी का गठन मार्च 2015 में हुआ और इसके करीब डेढ़ साल बाद सितंबर 2016 में मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल विमान के लिए नया सौदा किया.

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिसंबर, 2017 में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नजरअंदाज कर अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड के पक्ष में फैसला लिया, जिसे हवाई जहाज बनाने का इससे पहले का कोई अनुभव नहीं है.

नए समझौते के मुताबिक भारत में राफेल विमानों के निर्माण का काम रिलायंस डिफेंस के द्वारा ही किया जाएगा. 28 मार्च, 2015 को अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने रक्षा क्षेत्र में कदम रखते हुए रिलायंस डिफेंस नामक कंपनी का गठन किया गया. इसके बाद 23 सितंबर, 2016 को एनडीए सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल विमानों की खरीद का समझौता किया. इसके ढाई महीने बाद ही 16 दिसंबर, 2016 को रिलायंस ने राफेल के साथ मिलकर एक संयुक्त उद्यम रिलायंस राफेल स्थापित किया.

रोचक यह है कि पीएम मोदी ने रिलायंस डिफेंस की भारत में स्थापना के 13 दिन बाद ही फ्रांस के अपने दौरे पर 10 अप्रैल, 2015 को रफाल सौदे की घोषणा की.

इंडिया टुडे-आजतक के पास उस लेटर की कॉपी है, जो अनिल अंबानी ने राहुल गांधी को लिखी है. इस लेटर में उन्होंने तर्क दिया है कि रिलायंस को यह सौदा इसलिए मिला क्योंकि उसके पास डिफेंस शिप बनाने का अनुभव था. यह लेटर 12 दिसंबर, 2017 का है.

इस लेटर में अनिल अंबानी ने लिखा था, ‘मुझे यह जानकर व्यक्तिगत रूप से काफी दुख हुआ है कि कांग्रेस के कुछ नेता मेरे और मेरे समूह के बारे में दुर्भाग्यपूर्ण बयान दे रहे हैं. साथ ही दसॉ के साथ हमारे जेवी के बारे में भी तमाम तरह की टिप्पणियां की गई हैं. कांग्रेस के आपके कई सहयोगियों ने कहा है कि रिलायंस को डिफेंस सेक्टर का कोई अनुभव नहीं है. आपको यह जानकर खुशी होगी कि रिलायंस डिफेंस के पास गुजरात के पिपावाव में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा शिपयार्ड है.’

अनिल अंबानी ने लिखा, ‘राहुल जी, मेरे सम्माननीय पिता स्वर्गीय पद्मविभूषण श्री धीरु भाई अंबानी ने तो औपचारिक शिक्षा भी हासिल नहीं की थी. उन्हें कोई भी अनुभव या विरासत हासिल नहीं था, लेकिन उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल एवं रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स स्थापित किया और एक दृष्ट‍ि वाले उद्यमी के रूप में उन्होंने भारत में कई बड़े उद्यम स्थापित किए.’

अनिल अंबानी ने राहुल से मुलाकात का भी अनुरोध किया था. उन्होंने लिखा कि यदि राहुल जल्दी मिलने का समय दें तो उन्हें बड़ी खुशी होगी.

दंगों के दोषी हार्दिक पटेल को मिली 2 साल की सज़ा साथ ही मिली जमानत


गुजरात के बीजेपी विधायक रुशिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ करने के मामले में पाटीदार आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल को दोषी करार दिया गया


गुजरात के बीजेपी विधायक रुशिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ करने के मामले में पाटीदार आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल को दोषी करार दिया गया है. हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा उनके दो साथियों को भी इस मामले में विसनगर कोर्ट ने दोषी करार दिया है. मेहसाणा दंगा मामले में हार्दिक पटेल और लालजी पटेल समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया गया है.

तीनों दोषियों को दो-दो साल की सजा सुनाई गई है. जब कि मामले से जुड़े 14 अन्य लोगों को बरी कर दिया गया है. आपको बता दें कि पटेल आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की पहला घटना 23 जुलाई, 2015 को बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में हुई थी. इस दौरान आगजनी और जमकर तोड़फोड़ की गई थी.

कोर्ट ने तीनों को IPC की धारा 120/बी (साजिश रचने), 435 (आगजनी), 427 (सरकारी सामान को नुकसान पहुंचाना) और IPC की धारा 143, 147, 148 (दंगा फैलाना) के तहत दोषी माना है.

शुरुआती समय में हार्दिक पटेल और लालजी पटेल एक साथ थे. बाद में हार्दिक पटेल पाटीदार आंदोलन अनामत समिति के नेता हो गए और लालजी पटेल ने सरदार पटेल ग्रुप बनाया. पाटीदार आंदोलन की शुरुआत 23 जुलाई साल 2015 में हुई थी.

23 जुलाई 2015 को हुई इस घटना के कुल 17 नामजद दोषियों में से 14 अन्य को अदालत ने बरी कर दिया। अदालत ने तीनों को 50 – 50 हजार रूपये के जुर्माने की भी सजा सुनायी और इस रकम में से दस हजार रूपये शिकायतकर्ता और एक समाचार चैनल के कैमरामैन सुरेश वणोल (जिन पर भी भीड़ ने हमला कर कैमरा तोड़ दिया था)को देने के आदेश दिये। इसके अलावा इस रकम से घटना के दौरान आगजनी में जली कार के मालिक बाबूजी ठाकोर को एक लाख रूपये और 40 हजार रूपये तत्कालीन विधायक श्री पटेल को भी बतौर मुआवजा देने के आदेश दिये। ज्ञातव्य है कि उक्त रैली के दौरान भीड़ ने पटेल के कार्यालय में तोडफ़ोड़ की थी और आगजनी कर एक कार को भी जला दिया था। अदालत ने तीनो को केवल दंगा करने यानी रायटिंग की धारा के तहत ही दोषी ठहराया है, कई अन्य धाराओं में बरी कर दिया है।

कारगिल विजय दिवस पर मंडी में होगा जिला स्तरीय समारोह: उपायुक्त

मण्डी 25 जुलाई, 2018:–

कारगिल विजय दिवस पर जिला स्तरीय समारोह मंडी के सेरी मंच पर 26 जुलाई, 2018 को आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मंडी के सासंद श्री रामस्वरूप शर्मा सहित विभिन्न जन प्रतिनिधि व भूतपूर्व सैनिक भाग लेंगे। समारोह की तैयारियों पर एक बैठक का आयोजन आज यहां उपायुक्त श्री ऋग्वेद ठाकुर की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय में किया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश की अखंडता एवं सम्मान की रक्षा हेतु अपने प्राण न्यौछावर करने वाले कारगिल शहीदों की याद में प्रतिवर्ष 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्णय अनुसार इस अवसर पर जिला स्तर के साथ-साथ उपमंडल व खंड स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय कार्यक्रम के अंतर्गत मंडी स्थित शहीद पार्क में कारगिल के वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इसके अतिरिक्त कारगिल शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर देश के गौरवमय इतिहास की रक्षा हेतु शपथ दिलाई जाएगी और देशभक्ति से परिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने संबंधित विभागों से समारोह को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि समारोह के आयोजन में भूतपूर्व सैनिक लीग का भी सक्रिय सहयोग रहेगा। उन्होंने सभी भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों व समस्त जनता से आग्रह किया कि वे समारोह में पधार कर इसकी शोभा बढ़ाएं।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्री राजीव कुमार, सहायक आयुक्त राज किशन, उप निदेशक, सैनिक कल्याण एस.के. कौंडल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व भूतपूर्व सैनिक लीग के पदाधिकारी उपस्थित थे।

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर डेरा प्रबंधक रंजीत हत्या मामले में आज हुई सुनवाई

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर डेरा प्रबंधक रंजीत हत्या मामले में आज हुई सुनवाई।

पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई अदालत में हुई सुनवाई।

मुख्य आरोपी राम रहीम विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग से हुआ सीबीआई कोर्ट में पेश।

वहीं मामले के अन्य आरोपी जसबीर,शब्दिल,इन्द्रसेन,अवतार और कृष्ण प्रत्यक्ष रूप से सीबीआई कोर्ट में हुए पेश।

आज मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने 18 गवाहों की लिस्ट दाखिल की।

जिसे सीबीआई कोर्ट ने मंजूर कर दिया।

इस मामले की अगली सुनवाई अब
27 जुलाई को होगी।

वहीं 27 जुलाई को सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम पर डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या दोनो मामलों के गवाहों की होगी गवाही।

50 वर्षीय नूर मोहम्मद गायों को बचते हुए रेल गाड़ी की चपेट में आया

 

अंबाला कालका रेलमार्ग पर मंगलवार शाम डेराबस्सी के जनेतपुर के समीप ट्रैक पार कर रही गउयों को बचाने के प्रयास में उनका चरवाहा ट्रेन की चपेट में आ गया। चरवाहे के अलावा उसकी पांच गायें भी ट्रेन की चपेट में आकर मारी गईं। मृतक चारवाहे की पहचान 50 वर्षीय नूर मोहम्मद पुत्र बोहिया खान वासी गांव रेहणा, रायपुर रानी के तौर पर हुई है। रेलवे पुलिस ने कार्रवाई शुरु कर दी है।

जानकारी मुताबिक रेलवे पुलिस, लालडू को हादसे की जानकारी शाम छह बजे लगी। रेलवे पुलिस इंचार्ज रामपाल ने बताया कि नूर मोहम्मद अपनी करीब 50 गायों के झुंड के साथ जवारहपुर के नजदीक अस्थायी डेरा डाले हुए था। गायों के झुंड को ट्रैक पार कराते समय अचानक ट्रेन आ गई। चरवाहा उन्हें बचाने के प्रयास उनके पीछे दौड़ा परंतु इस बीच वह खुद भी ट्रेन की चपेट में आ गया। हादसे में ट्रैक पार कर रही पांच गायें भी ट्रेन की चपेट में आकर कट गईं। नूर मोहम्म्द उस समय अकेला ही था जबकि उसके साथी की सूचना पर रेहना गांव से आए लोगों ने बताया कि नूर मोहम्मद ऊंचा सुनता था। इसी वजह से शायद उसे ट्रेन के आने का समय रहते पता नहीं चल सका। बहरहाल, रेलवे पुलिस ने शव को डेराबस्सी सिविल अस्पताल में मॉर्चरी में रखवा दिया है जहां बुधवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा जबकि मरी हुईं गायें हटाकर उन्हें दफनाने की तैयारी की जा रही है।

ऊर्जा संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान करने वालों को मिलेंगे लाखों के पुरस्कार-डॉ. यश गर्ग


विभिन्न श्रेणियों में तीन लाख रुपये तक के नकद पुरस्कार मिलेंगे


रोहतक, 25 जुलाई: ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट सहयोग व सराहनीय कार्य करने वाले बड़े एवं छोटे उद्योगों, सरकारी व अर्धसरकारी भवनों, नगरपालिका, नगर परिषदों, सरकारी अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों, वाणिज्यिक भवनों, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के तहत स्टार रेटिंग भवनों तथा व्यक्तिगत श्रेणी में लाखों रुपये के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में निर्धारित प्रफोर्मा में आवेदन किया जा सकता है।
उपायुक्त डॉ. यश गर्ग ने बताया कि नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के माध्यम से ऊर्जा का संरक्षण करने वालों, जिन्होंने नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा के संयंत्रों व उपकरणों को प्रोत्साहित करने के लिए तथा ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में नये-नये कार्य, खोज व तकनीक विकसित करने में सहयोग किया हो, को प्रतिवर्ष की भांति इस साल भी नकद पुरस्कार, प्रशंसा-पत्र व शील्ड देकर सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत एक मैगावाट से अधिक लोड वाले बड़े उद्योगों को प्रथम पुरस्कार के रूप में 3 लाख रुपये व द्वितीय पुरस्कार के रूप में 2 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार एक मैगावाट से कम लोड वाले छोटे उद्योगों को प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये दिया जाएगा।
व्यावसायिक भवनों की श्रेणी में शॉपिंग माल, प्लाजा, होटल, अस्पताल, कॉरपोरेट, रिसॉर्ट आदि जिनमें एलईईडी, ग्रीन बिल्डिंग, गृृहा रेटिड या ईसीबीसी अनुसार भवन बना हो तथा जिनका कुल लोड एक मेगावाट या अधिक हो, ऐसे उर्जा के लिए प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये दिया जाएगा। इसी श्रेणी के भवनों, जिनका लोड एक मेगाावाट से कम हो, को प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार 50 हजार रुपये दिया जाएगा।
पांच हजार वर्गफुट क्षेत्र में बने तथा 500 किलोवाट से अधिक लोड वाले सरकारी भवनों की श्रेणी, जिनमें एलईईडी, ग्रीन बिल्डिंग, गृहा रेटिड या ईसीबीसी अनुसार हों, को उर्जा संरक्षण के लिए प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये, तथा द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये दिया जाएगा। इसी श्रेणी के 500 किलोवाट से कम के भवनों को प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये व द्वितीय पुरस्कार 50 हजार रुपये दिया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि सस्ंथागत, सगंठन व रिहायशी भवनों की श्रेणी में, 30 किलोवाट से अधिक लोड वाले निजी स्कूल, महाविद्यालय, शिक्षण विश्वविद्यालय, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय एवं संगठन को प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये व द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये दिया जाएगा। इसी क्रम में 50 किलोवाट से अधिक लोडधारक आवासीय भवन या सोसायटी को 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। नवोत्थान, नई तकनीक, नवोत्थान प्रचार के साथ आरएंडडी परियोजनाएं, उर्जा संरक्षण में अनुसंधान एवं नवाचार, उर्जा दक्षता, उपशिष्ट उर्जा एवं उर्जा नवीकरणीय उर्जा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों, सस्थाओं को प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये व द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये दिया जाएगा।

ग्रामीण विकास के लिए सहायक तरूण योजना का प्रशिक्षण शिविर

फ़ाइल फोटो


रोहतक, 25 जुलाई:

ग्रामीण विकास के लिए सहायक तरूण योजना के प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन हरियाणा नवयुवक कला संगम के डारेयक्टर जसफूल सिंह ने किया। स्थानीय खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के कार्यालय में आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ग्रवित स्वयं सेवकों को तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षित ग्रवित महम के नागरिकों के साथ मिलकर 16 से 31 अगस्त तक आयोजित किये जाने वाले स्वच्छता पखवाड़े में भाग लेकर महम को स्वच्छ बनाने का कार्य करेंगे। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी पूरी तन्मयता से कार्य करते हुए महम को हरा-भरा बनाने में बढ़ चढकऱ भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि जन शिक्षण संस्थाओं रोहतक एवं हरियाणा नवयुवक कला संगम तथा प्राइड ऑफ इंडिया सहित तीनों संस्थाएं महम उपमंडल के चहुमुखी विकास में भी अग्रणी भूमिका निभायेंगे।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक अशोक कुमार ने शिविर में स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ सामजिक स्वच्छता को भी अपनाना चाहिए। तभी हम पूर्ण रूप से स्वच्छ रहकर अनेक बीमारियों से निजात पा सकते है। महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर प्रीति ने विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज समाज में बेटियां बोझ नहीं बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढकर समाज का नेतृत्व कर रही है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा बेटियों के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है।
ग्रवित स्वयं सेवक इन योजनाओं का लाभ दिलाने में मद्दगार साबित होंगे। हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलो खेड़ी से आरसी पुनिया ने चरित्र निर्माण पर मार्ग दर्शन करते हुए कहा कि हमें सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हुए बेहतर चरित्र निर्माण बनाने पर बल देना चाहिए। ताकि समाज को सभ्य एवं संस्कारवान बनाकर राष्ट्र व देश के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकें।
जिला कार्यक्रम अधिकारी विजय रोहिल्ला ने ग्रवित से जुडऩे का लाभ विस्तार से चर्चा की। मास्टर ट्रेनर सुनील तोमर ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्रियान्वित एवं राष्ट्रीय आजीविका मीशन के बारे में अवगत करवाया। इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों ने पौधारोपण किया और सभी को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलवाई। ब्लॉक हेड वेदपाल भी मौजूद थे।