खिलाडियों की एक तिहाई कमाई वाली फ़ाइल् खट्टर ने वापिस बुलाई

 

चंडीगढ,8जून। हरियाणा में सरकारी सेवा में नियुक्त खिलाडियों के पेशेवराना खेल या अन्य व्यावसायिक गतिविधि से कमाए जाने वाले धन का एक तिहाई हिस्सा हरियाणा खेल परिषद को देने के नियम पर शुक्रवार शाम प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रोक लगाते हुए फाईल अपने पास तलब कर ली। इस मुद्दे पर दिनभर विवाद चलता रहा और प्रतिक्रियाएं आती रहीं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस नियम पर रोक लगा दी।

यह पुराने नियमों पर नया विवाद सामने आया है। सरकार की नौकरी में रहते हुए पेशेवराना खेलों या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के जरिए धन कमाने वाले खिलाडियों पर राज्य सरकार ने पहले से शर्तें लागू की हैं और इनके अनुसार खिलाडियों को इस आमदनी का हिस्सा हरियाणा खेल परिषद में जमा कराना होगा। सरकार का कहना है कि इस धन को प्रदेश में खेलों के विकास पर खर्च किया जाएगा। इन नियमों पर नया विवाद सामने आया है। प्रदेश के प्रमुख खिलाडी इन शर्तों का विरोध कर रहे है। उन्होंने राज्य सरकार से इन शर्तों पर पुनर्विचार की अपील की है।

राज्य सरकार द्वारा 30 अप्रेल 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार यदि खिलाडी को पेशेवराना खेलों या आमदनी से जुडी अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए बगैर वेतन असाधारण अवकाश प्रदान किया जाता है तो खिलाडी को आय का एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद में जमा करवाना होगा। वहीं यदि खिलाडी को ऐसी गतिविधि में शामिल होने के दौरान सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति से ड्यूटी पर माना जाता है तो उसे पूरी आय राज्य खेल परिषद को देनी होगी।

इन दो शर्तों पर प्रदेश के प्रमुख खिलाडियों ने कडा विरोध जताया है। रेसलर गीता फोगाट और उनकी बहिन बबीता फोगाट ने मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनहोंने कहा है कि राज्य सरकार जो कर रही है वह खिलाडियों के हित में नहीं है। गीता फोगाट अभी हरियाणा पुलिस में उपअधीक्षक के पद पर नियुक्त है। गीता ने कहा कि मैं राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार की अपील करती हूं। गीता की छोटी बहिन बबीता ने कहा कि सरकार इस बात को नहीं समझ रही कि देश के लिए पदक लाने पर खिलाडी को कितनी मेहनत करना होती है। मैं इन शर्तों का समर्थन नहीं करती हूं। सरकार को नियम बनाने से पहले खिलाडियों से राय लेना चाहिए।

अभा कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार इस तरह के तुगलकी फरमान आये दिन जारी कर रही है। वह अप्रिय सख्त आदेश जारी करने में होड की तरह काम कर रही है। खेल मंत्री ने इस बारे में कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के सेवा नियमों में यह शर्त पहले से लागू है। नियम है कि यदि राज्य सरकार का कर्मचारी आय हासिल करता है तो उसे एक तिहाई सरकार को जमा कराना होगा। खिलाडियों के मामले में यह मुद्दा तब सामने आया था जबकि बाॅक्सर विजेंन्द्र को पेशेवर स्पद्र्धा में खेलने की अनुमति दी गई थी और मामला पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट ने सरकार को ऐसे मामलों के नियम बनाने को कहा था। उन्होंने कहा कि शर्ते उन खिलाडियों पर लागू होंगी जो कि व्यावसायिक खेल स्पद्र्धाओं में खेलकर आय हासिल करेंगे। ओलम्पिक,एशियाई खेल और काॅमन वैल्थ खेलों के लिए ये शर्ते लागू नहीं है।

जैश-ए- मोहम्मद ने रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी

 

अम्बाला, 8 जून

पंजाब के फिरोजपुर रेल मंडल प्रमुख को आई आतंकवादियों की एक चिट्ठी ने पूरे उत्तर भारत की सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। आतंकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद की ओर से भेजे गए इस धमकी भरे पत्र में देश के कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है जिसके बाद अम्बाला में भी रेलवे स्टेशन को सुरक्षा छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम को एक चिट्ठी प्राप्त हुई है जिसमें देश के अहम रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। अम्बाला रेलवे स्टेशन का नाम देश के सबसे अहम रेलवे जंक्शन में शुमार होता है। यहां से सेना और अन्य अहम महकमों को रसद सप्लाई होती है। साथ ही यहां से हरियाणा समेत, जम्मू, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश के लिए बड़े पैमाने पर ट्रेनें चलती हैं। अम्बाला स्टेशन की सुरक्षा को देखते हुए आज जीआरपी, आरपीएफ और रेल वार्डन ने रेलवे स्टेशन पर चेकिंग अभियान चलाया और साथ साथ यात्रियों को जागरूक किया।

हुड्डा को भाखड़ा नहर की याद आई

चण्डीगढ़ 08 जून 2018
हरियाणा के पूर्व मुख्य मन्त्री भूपेन्द्र सिह हुड्डा ने आज प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी लापरवाही व उदासीनता के कारण हरियाणा में भयंकर पेयजल संकट दस्तक दे रहा है। अधिकांश जलघर, तालाब व जोहड़ सूख गये हैं या सूखने के कगार पर हैं। नहरों से पानी सप्लाई पहले से आधी या उससे भी कम रह गई है। प्रदेश सरकार सोई रही या जानबूझ कर आँखें बन्द रखी या कोई बाहरी दबाव था, यह तो वही बता सकती है, पर इस तथ्य से इन्कार नहीं किया जा सकता कि मार्च 2018 से मई 2018 के बीच हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिला। न्यायसंगत बात यह है कि किसी डैम से राज्यों को पानी का बँटवारा उनके तय हिस्सेदारी के हिसाब से होना चाहिये।

हुड्डा ने कहा कि 20 सितम्बर 2017 को भाखड़ा बाँध में पानी अपने उच्चतम स्तर 1680 फुट से थोड़ा नीचे 1673 फुट था, जो औसत से बेहतर था। पर आज भाखड़ा में पानी का स्तर 31 फुट घटकर 1642 फुट है, जो खतरनाक स्थिति बयां करता है। याद रखें कि बाँध अपने निर्माण के बाद शायद ही 1650 फुट से नीचे के स्तर पर आया हो। बीबीएमबी की 29 मई 2018 की बैठक में बहाना बनाया गया कि 2017-18 में कम बर्फबारी से जलाशय में कम पानी आया। यह आँखों में धूल झौंकने वाली बात है। सवाल यह भी उठता है कि इस विषय में मौसम विभाग की भविष्यवाणी की अनदेखी किसने की और क्यूं की ? दूसरे यह ध्यान क्यों नहीं दिया गया कि सर्दियों में कम बर्फबारी हुई है, तो गर्मियों में पानी कुदरती तौर पर कम आयेगा व पानी को बाँध से उसी हिसाब से छोड़ना चाहिये था। क्यों मार्च व मई महिने के बीच इतना पानी छोड़ा गया कि अपने निम्नतम 1642 फुट पर आ गया। सरकार बताये कि जब हरियाणा बीबीएमबी का अपने हिस्से का पूरा खर्च उठा रहा है तो उसे उसके हिस्से का पानी क्यों नही मिला ?

हुड्डा ने कहा कि देश में कई बड़े बाँध हैं व हर जगह मैनेजमैन्ट बोर्ड का चेयरमैन हिस्सेदार राज्यों से बाहर का होता है ताकि भेदभाव या अपने-पराये की शिकायत न हो। पर दुर्भाग्यवश बीबीएमबी में इस परम्परा को तोड़ दिया गया व एक हिस्सेदार राज्य से सम्बन्धित व्यक्ति को ही चेयरमैन बना दिया गया। जबकि चेयरमैन किसी बाहरी राज्य से होना चाहिए था, ताकि वो निष्पक्षता के साथ काम कर सके। परिणाम यह हुआ कि नये चेयरमैन ने कानून सम्मत दायित्त्व निभाने की जगह अपने आकाओं की सुनी व हिस्सेदार राज्यों को एक नजर से नहीं देखा। लिहाजा किसी राज्य को उसके हिस्से से ज्यादा तो हरियाणा को अपने हिस्से से कम पानी मिला। दूसरे मेम्बर इरीगेशन जो हरियाणा से है व एक्सटैन्शन पर है, ने हरियाणा के हितों को क्यों कुर्बान होने दिया ?

हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सीएमओ में बाहरी लोगों की भरमार है, जिलों में तैनात अधिकांश सुशासन सहयोगी भी बाहर के हैं। अब यही स्थिति बीबीएमबी में बनती जा रही है। हरियाणा के कोटे के पदों पर भी बाहरी लोगों की नियुक्ति हो रही है। हमें नहीं पता कि सरकार को इसकी जानकारी है या सब उसकी रजामन्दी से हो रहा है। एक्ट में मेम्बर इरीगेशन की योग्यता कार्यरत मुख्य अभियन्ता की है, जो अब तक हरियाणा से बनते आये हैं पर अब अन्दरखाते शर्तें बदली जा रही हैं व नई शर्त के मुताबिक मेम्बर इरीगेशन की 25 साल की सेवा व 3 साल का मुख्य अभियन्ता का अनुभव अनिवार्य किया जा रहा है। हरियाणा सरकार को पता होना चाहिए कि यह नई शर्तें प्रदेश में कोई भी मुख्य अभियन्ता पूरी करने वाला नहीं है, मतलब आगे से मेम्बर इरिगेशन हरियाणा से नही होगा, जिससे प्रदेश के हितों को आगे चलकर बड़ा नुकसान हो सकता है।

हरियाणा में पुराने नियमों पर नया विवाद खिलाडियों को नहीं मंज़ूर

चंडीगढ,8जून।

हरियाणा में पुराने नियमों पर नया विवाद सामने आया है। सरकार की नौकरी में रहते हुए पेशेवराना खेलों या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के जरिए धन कमाने वाले खिलाडियों पर राज्य सरकार ने पहले से शर्तें लागू की हैं और इनके अनुसार खिलाडियों को इस आमदनी का हिस्सा हरियाणा खेल परिषद में जमा कराना होगा। सरकार का कहना है कि इस धन को प्रदेश में खेलों के विकास पर खर्च किया जाएगा। इन नियमों पर नया विवाद सामने आया है। प्रदेश के प्रमुख खिलाडी इन शर्तों का विरोध कर रहे है। उन्होंने राज्य सरकार से इन शर्तों पर पुनर्विचार की अपील की है।

राज्य सरकार द्वारा 30 अप्रेल 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार यदि खिलाडी को पेशेवराना खेलों या आमदनी से जुडी अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए बगैर वेतन असाधारण अवकाश प्रदान किया जाता है तो खिलाडी को आय का एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद में जमा करवाना होगा। वहीं यदि खिलाडी को ऐसी गतिविधि में शामिल होने के दौरान सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति से ड््यूटी पर माना जाता है तो उसे पूरी आय राज्य खेल परिषद को देनी होगी।

इन दो शर्तों पर प्रदेश के प्रमुख खिलाडियों ने कडा विरोध जताया है। रेसलर गीता फोगाट और उनकी बहिन बबीता फोगाट ने मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया दी है। डनहोंने कहा है कि राज्य सरकार जो कर रही है वह खिलाडियों के हित में नहीं है। गीता फोगाट अभी हरियाणा पुलिस में उपअधीक्षक के पद पर नियुक्त है। गीता ने कहा कि मैं राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार की अपील करती हूं। गीता की छोटी बहिन बबीता ने कहा कि सरकार इस बात को नहीं समझ रही कि देश के लिए पदक लाने पर खिलाडी को कितनी मेहनत करना होती है। मैं इन शर्तों का समर्थन नहीं करती हूं। सरकार को नियम बनाने से पहले खिलाडियों से राय लेना चाहिए।

अखिल भारतीय कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार इस तरह के तुगलकी फरमान आये दिन जारी कर रही है। वह अप्रिय सख्त आदेश जारी करने में होड की तरह काम कर रही है। खेल मंत्री ने इस बारे में कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के सेवा नियमों में यह शर्त पहले से लागू है। नियम है कि यदि राज्य सरकार का कर्मचारी आय हासिल करता है तो उसे एक तिहाई सरकार को जमा कराना होगा। खिलाडियों के मामले में यह मुद्दा तब सामने आया था जबकि बाॅक्सर विजेंन्द्र को पेशेवर स्पद्र्धा में खेलने की अनुमति दी गई थी और मामला पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट ने सरकार को ऐसे मामलों के नियम बनाने को कहा था। उन्होंने कहा कि शर्ते उन खिलाडियों पर लागू होंगी जो कि व्यावसायिक खेल स्पद्र्धाओं में खेलकर आय हासिल करेंगे। ओलम्पिक,एशियाई खेल और काॅमनवैल्थ खेलों के लिए ये शर्ते लागू नहीं है।

कब बनेगा आर यू बी  : राणा

प्रताप राणा सबसे दायें

जीरकपुर 8 जून (पुरनूर )

रेलवे अंडर ब्रिज के लिए कब तैयार होगा प्रशासन ओर रेलवे मंडल? यह सवाल है श्री प्रताप राणा का जो की बलटाना रेजिडेंट वेलफेयर समिति के प्रधान हैं. चंडीगढ़ – बलटाना लिंकिंग रायपुर कलां रेलवे फाटक पर लगने वाला जाम शहर निवासियों के लिए सिर दर्द बन गया है. शहर की बढती जनसंख्या के चलते इस फाटक पर सुबह से शाम तक ट्रैफिक जाम लगा रहता है. कारण यहाँ से रोजाना गुजरने वाली 50 से अधिक रेल गाड़ियां हैं. ख़ास तौर पर सुबह ओर शाम यहाँ आवाजाही की बहुत दिक्कत है. पिछले कुछ महीनों से यहाँ डबल लें शुरू होने की वजह से समस्या ओर गम्भीर हो गई है.

इस समस्या से निजत आने के लिए शहर निवासी काफी लम्बे समय से संघर्ष रत हैं . इस मुद्दे को लेकर समिति ने 17 नवम्बर 2017 को एक बैठक की ओर कपनी लम्बित मांग से सम्बन्धित फाइल केंद्र को भी भेजी.

जॉइंट एक्शन कमेटी  बल्टाना रेसिडेंट्स वेलफेयर के प्रधान श्री प्रताप  राणा ने बताया कि समिति की  लम्बित मांग को देखते हुए अम्बाला रेल मंडल ने चंड़ीगढ़ प्रशासन को अंडर रेलवे ब्रिज बनाने का प्रस्ताव भेजा था इस पर कार्यवाही हुए चंडीगढ़ प्रशासन  ने एक से अधिक बार जगह का निरीक्षण किया ओर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी प्रस्तावितकर दिया लेकिन बाद ने तयार रूप रेखा बदल दी. सूत्रों के अनुसार सम्बन्धित अधिकारी बार बार  रूपरेखा में फेर बदल इस लिए कर रहे हैं जिससे की अंडर रेलवे ब्रिज का निर्माण टाला जा सके. इस विषय पर टिप्पणी करने के लिए आर्किटेक्चर विभाग के अधिकारी उपलब्ध नहीं थे.

 

समिति के प्रधान श्री राणा ने बताया की इस मांग को लेकर  वह न केवल  प्रतिनिधिदल के साथ लगभग सभी सम्बन्धित अधिकारीयों से ओर राजनैतिक नेताओं से भी  सी समय पर मिले बल्कि अपनी बात सरकार तक पहुँचने के लिय रोष प्रदर्शन भी किया.

श्री राणा ने शहर बताय की फाटक पर लगने वाले जाम से काफी हद तक निजात मिल गई है. ट्रैफिक को रेगुलेट करने के लिए समिति के सदस्यों ने सयम सुबह शाम फाटक पर ड्यूटी दी ओर यातायात को सुचारू रूप से चलाने की चंड़ीगढ़ ट्रैफिक पुलिस की मदद की. उन्होंने इस कार्य में ट्रैफिक पुलिस के तत्कालीन उपाधीक्षक यशपाल की सराहना की.

समिति सदस्यों ने शहरवासियों से अपील की की इस समस्या के समाधान के लिए किये जा रहे संघर्ष में साथ दें जिससे की सभी को इससे फायदा हो सके.

 

Police Launched Drive Against “JUGAD”

Chandigarh Traffic Police is conducting a special drive against rehri/rickshaw with unauthorized fitment of engine in the city. During this special drive from 30.5.2016 to 6.6.2018, 62 such illegal rehri/rickshaw have been impounded by Chandigarh Traffic Police.

In view of the fact that such illegal vehicles can cause accidents and being without registration number plates are almost difficult to trace out and the fact that the persons driving these illegal vehicles may not be possessing valid driving license and that such illegal vehicles cause air and noise pollution, therefore, Chandigarh Traffic Police is requesting the courts not to release such illegal vehicles without dismantling of the illegally fitted engine so that the same cannot ply again on the city roads.  Further, strict action shall be continued to be taken against such violations in the future.

37 कामगार संघो की संयुक्त सभा आयोजित

आज कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एम सी  इंप्लाईज एंड वर्कर्स यूटी चंडीगढ़ की ओर से कम्युनिटी सेंटर सेक्टर 42 में कन्वेंशन का आयोजन किया गया जिसमें 37 यूनियन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया मुलाजिम अपनी मांगों के हक में नारे लगा रहे थे|

     भरवी  कन्वेंशन को श्री अश्विनी कुमार कन्वीनर कोआर्डिनेशन कमेटी ने संबोधन करते हुए कहा कि कोआर्डिनेशन कमेटी ने अपनी मांगे मनवाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन के विरुद्ध कई एक्शन प्रोग्राम उलीके   पर चंडीगढ़ प्रशासन ने कोआर्डिनेशन कमेटी के नेताओं को बुलाकर बात की और कई मांगे मानी और कई मांगों पर भरोसा दिया कि मांगों पर विचार किया जाएगा और कोआर्डिनेशन कमेटी ने चंडीगढ़ प्रशासन के भरोसे पर अपने एक्शन प्रोग्राम स्थगित कर दिए पर प्रशासन अपने वादे पर खरा नहीं उतरा और मुलाजिमों को संघर्ष करने के ओर धकेल रहा है चंडीगढ़ प्रशासन अपने वादे के अनुसार पंचायत विभाग में काम करने वाले डेलीवेज सफाई कर्मचारियों को बेसिक पे + डीए अभी तक नहीं दीया ना ही मृतक के वारिसों को नौकरी दी गई और ना ही कॉन्ट्रैक्ट वर्करों के लिए सुरक्षित पॉलिसी बनाई गई ना ही सेंट्रल रूल सेंट्रल पे स्केल दिए नाही सफल उम्मीदवारों की इंप्लॉइज सेल्फ हाउसिंग स्कीम के तहत मकान दिए नाहीं  खाली पोस्टे भरी गई| 1-1-96 के बाद नौकरी  पर लगे डेलीवेज मुलाजिमों को रेगुलर मुलाजिम जितने बेनिफिट नहीं दिए गए अश्विनी कुमार कन्वीनर कोआर्डिनेशन कमेटी ने कहा कि पंजाब में वित्तीय  संकट के कारण 6वां पे स्केल मुलाजिमों को नहीं दिया गया पर चंडीगढ़ में सब ठीक है फिर  भी चंडीगढ़ मुलाजिमों को 6 वां पे स्केल लागू नहीं किया गया|  2018-19 का डीसी रेट जल्द बढ़ाया जाए| समान काम समान वेतन दिया जाए|  सी टी यू विभाग में वोलवो बस ना लाई जाए| स्कूलों में काम कर रहे चौकीदारों की 8 घंटे ड्यूटी निश्चित की जाए|
        अश्विनी कुमार ने कहा कि अगर प्रशासन ने मानी हुई मांगे और रहती हुई मांगू लागू नहीं की तो कोआर्डिनेशन कमेटी 13/7/18 अपनी मांगों के हक में गवर्नर हाउस को कुच करेगी और 4/7/18 को कोआर्डिनेशन कमेटी की लीडरशिप डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर के सामने धरना देगी और अपना मांग पत्र डिप्टी कमिश्नर के द्वारा प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया और होम मिनिस्टर ऑफ इंडिया को भेजेंगे|
कन्वेंशन को जसवंत सिंह को कन्वीनर दविंदर सिंह को कन्वीनर रंजीत मिश्रा को कन्वीनर अजीत सिंह चेयरमैन विजय कुमार को कन्वीनर राकेश कुमार एडवाइजर  दलजीत सिंह जनरल सेक्टरी इलेक्ट्रिकल स्ट्रीट लाइट वर्कर यूनियन संजय कुमार जनरल सेक्रेटरी चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट वर्कर यूनियन राजाराम जनरल सेक्टरी हॉर्टिकल्चर वर्कर  यूनियन मलकीत सिंह जनरल सेक्रेटरी पब्लिक हेल्थ वर्कर यूनियन अमरजीत रंधावा प्रेसिडेंट यूनाइटेड फ्रंट पब्लिक हेल्थ वर्कर यूनियन नरेश कुमार जनरल सेक्टरी सीवरेज एंप्लाइज यूनियन एम सी सुरमुख सिंह एम सी वर्कर यूनियन मनी माजरा डॉ धर्मेंद्र प्रेसिडेंट गवर्नमेंट टीचर यूनियन डेमोक्रेटिक अनिल कुमार  एम सी हॉर्टिकल्चर इंप्लाइज यूनियन किशोरीलाल प्रेसिडेंट इलेक्ट्रिकल वर्कर यूनियन सतिंदर  सिंह  जनरल सेक्रेटरी सीटीयू कंडक्टर यूनियन आदि ने संबोधन किया|

No conflict Between us: Sukhbir

BJP president Amit Shah held a meeting with the Shiromani Akali Dal (SAD) leadership on Thursday as part of his outreach drive. Shah met SAD patron and former Punjab chief minister Parkash Singh Badal and his son and party president Sukhbir Singh Badal in a closed-door meeting in Chandigarh.

Chandigarh: A day after his meeting with Shiv Sena in Mumbai, Bharatiya Janata Party (BJP) president Amit Shah held another meeting with the Shiromani Akali Dal (SAD) leadership on Thursday as part of his outreach drive. Shah met SAD patron and former Punjab chief minister Parkash Singh Badal and his son and party president Sukhbir Singh Badal in a closed-door meeting in Chandigarh.

After the meeting, Sukhbir Singh Badal rubbished rumours of conflict between the two allies. “Shiromani Akali Dal’s a permanent ally of BJP. There is no conflict between us. I would like to appeal to all our allies that this is time to fight, the battle is in six months. We should get together and cast away all our differences,” Sukhbir Singh Badal told newsmen.

The BJP-SAD alliance, which has been in power in Punjab for over three decades, pushed to the third spot in the 2017 Assembly polls. Of the 13 Lok Sabha seats in Punjab, the Akali Dal-BJP combine holds six (four Akali Dal; two of BJP), while the Congress has three seats and AAP another four.

The BJP has launched the ‘sampark for samarthan’ (contact for support) exercise to mark the fourth anniversary of the Modi government as it prepares for the 2019 polls. Around 4,000 BJP functionaries, including chief ministers and Union ministers, will contact one lakh people, who are recognised names in their fields, to inform them about the government’s achievements.

राम रहीम की राजदार हनीप्रीत को पंचकूला कोर्ट से बड़ा झटका : ज़मानत नामंज़ूर

पंचकूला, 07 जून, 2018

पंचकूला की एक अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की करीबी हनीप्रीत इंसा की जमानत याचिका आज खारिज कर दी. गुरमीत को बलात्कार के मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में आठ महीने पहले हनीप्रीत को गिरफ्तार किया गया था.

हनीप्रीत के वकील ने कहा कि अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया लेकिन हमें आदेश की प्रति अभी नहीं मिली हैं. वकील ने कहा कि वह (हनीप्रीत) विभिन्न आधारों पर जमानत चाहती थीं जिसमें से एक आधार यह था कि हरियाणा पुलिस को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है.

हिंसा के सिलसिले में राज्य पुलिस द्वारा वांछित 43 लोगों की सूची में 37 वर्षीय हनीप्रीत का भी नाम था. गौरतलब है कि दो महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले में गुरमीत को 20 साल की सजा सुनाई गई थी और वह इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है.

राम रहीम को सजाए सुनाए जाने के बाद पंचकूला में जमकर हिंसा हुई थी जिसमें करीब 31 लोग मारे गए थे. ये सभी पुलिस के साथ झड़प में मारे गए थे. राम रहीम समर्थक उत्पातियों ने पंचकूला, सिरसा सहित कई शहरों में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी जिसमें करोड़ों की संपत्ति को नुकसान हुआ और कईयों की जान गई. इसी सिलसिले में पुलिस ने हनीप्रीत को गिरफ्तार किया था. हनीप्रीत कई दिनों तक पुलिस को चकमा देती रही थी, लेकिन आखिर में पुलिस की गिरफ्त में आ ही गई.

हनीप्रीत पर राम रहीम के गुनाहों का भागीदार बनने का आरोप भी है. राह रहीम को रेप के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा उस पर हत्या का आरोप भी चल रहा है. हनीप्रीत उसकी बेहद खास और करीबी थी और राम रहीम के हर गुनाह की राजदार भी थी. इसी आरोप में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है. हालांकि वह अपने ऊपर लगे आरोपों से लगातार इनकार करती रही है.

बता दें कि पुलिस ने हनीप्रीत के खिलाफ FIR नंबर 345 में IPC की धारा 121, 121ए, 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत है अन्य आरोपियों पर मामला दर्ज। हनीप्रीत पंचकूला में हिंसा भड़काने और देशद्रोह मामले की आरोपी है।

पंचकूला पुलिस ने छेड़छा़ड़ के आरोपी एचसीएस अधिकारी रीगन कुमार को किया गिरफ्तार

 

पंचकूला,07 जून 2018:

पंचकूला पुलिस ने छेड़छा़ड़ के आरोपी एचसीएस अधिकारी रीगन कुमार को किया गिरफ्तार, जिला कोर्ट ने रीगन कुमार को हाथोंहाथ जमानत दे दी। आरोपी अधिकारी पर उत्कर्ष सोसाइटी में काम करने वाली एक लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था।

आज आरोपी अधिकारी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था जिसके बाद तीन निजी मुचलकों पर आरोपी अधिकारी को जमानत दे दी गई। अब इस मामले में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।

बता दें कि उत्कर्ष सोसाइटी में कांट्रेक्ट बेस पर डाटा इंट्री ऑपरेटर की पोस्ट पर काम करने वाली लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था वहीं लड़की के परिजनों ने आकर एचसीएस अधिकारी रीगन कुमार की ऑफिस में ही धुनाई की थी।

हालांकि उस वक्त विभागीय जांच के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था और अब पुलिस ने आरोपी एचसीएस अधिकारी को गिरफ्तार कर आज कोर्ट में पेश किया था,

वहीं विभाग ने भी एचसीएस अधिकारी रीगन कुमार से किनारा कर लिया था और सेवाएं वापस ले ली थी।