ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विशेष अभियान चलाकर सभी स्कूल वाहनों की चैकिंग की जाएगी : संधू

 

चण्डीगढ़, 28 जून- हरियाणा पुलिस द्वारा राज्य में स्कूलों के ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विशेष अभियान चलाकर सभी स्कूल वाहनों की चैकिंग की जाएगी, जिसमें उसके कागजात से लेकर उसमें दी जाने वाली सुविधाओं की भी पूरी परख की जाएगी ताकि बच्चों की सुरक्षा को पुख्ता किया जा सके। इसमें किसी भी स्तर पर कोई भी कौताही नहीं बरती जाएगी।

हरियाणा पुलिस के महानिदेशक श्री बी.एस संधू ने सडक़ सुरक्षा बैठक में यह जानकारी देते हुए बताया कि यह अभियान स्कूल वाहनों की दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान बसों में सीसीटीवी कैमरा, प्रथम चिकित्सा बॉक्स व अन्य उपकरणों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाएगा। वाहन चालकों के ड्राईविंग लाईसेंस और गाड़ी के अन्य दस्तावेज भी चैक किए जांएगे।

उन्होंने कहा कि यह अभियान सुबह स्कूल समय के बाद चलाया जाएगा और एक-एक स्कूल को कवर किया जाएगा। स्कूल की छुट्टी होने तक सभी वाहनों की चैकिंग की जाएगी। एक दिन में एक स्कूल कवर होगा। स्कूल के समय से पहले और बाद मेें चैकिंग नहीं की जाएगी ताकि बच्चों व अभिभावकों को परेशानी न हो।

आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र गांव पहाड़ी के समुचित विकास में अपना योगदान देंगे

 

 

चंडीगढ़ 28 जून-

आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र गुरुग्राम जिला के हेलीमण्डी के निकट स्थित गांव पहाड़ी के समुचित विकास में अपना योगदान देंगे। इसके लिए रविवार 1 जुलाई को गांव पहाड़ी में प्रात: 9:30 बजे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल शिरकत करेंगे। यह गांव आईआईटी दिल्ली की एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा गोद लिया जा रहा है, जिसके साक्षी प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बनेंगे। बताया गया है कि आईआईटी दिल्ली की एलुमनाई एसोसिएशन ने देश के 100 गांवों को सही ढंग से विकसित करने का बीड़ा उठाया है, जिसमें गुरुग्राम जिला का गांव पहाड़ी भी शामिल है।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल शनिवार व रविवार को गुरुग्राम पधार रहे हैं। वे शनिवार 30 जून को गुरुग्राम के स्वर्ण जयंती लोक निर्माण विश्राम गृह में मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगियों के विदाई कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे।

इस बारे में जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी एक वर्ष के अंतराल के लिए लगाए जाते हैं और उनकी यह अवधि इस वर्ष 30 जून को पूरी हो रही है। मुख्यमंत्री प्रात: 8 बजे से ही इस विदाई कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम लगभग 3 घंटे तक चलेगा। इन सुशासन सहयोगियों की नियुक्ति एक वर्ष के लिए की जाती है। देश के विभिन्न उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों से आईआईटी और आईआईएम के पास आउट युवा को सुशासन सहयोगियों के तौर पर रखा जाता है। एक जिला में एक या दो सुशासन सहयोगी नियुक्त होते हैं जो जिला प्रशासन और सरकार को आम जनता को सरकार की ओर से बेहत्तर सेवाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में काम करते हैं, उसके लिए आवश्यक हो तो सॉफटवेयर भी तैयार करते हैं। ये सुशासन सहयोगी जिला में विभिन्न विषयों का अध्ययन करके जिला प्रशासन व सरकार को सुझाव देते हैं ताकि शासन की ओर से आम जनता को जो सुविधाएं दी जानी है वे सरलता से उन तक पहुंचे। साथ ही जो कठिनाइयां आ रही हैं उनका समाधान कैसे हो सकता है, उसके लिए भी सुशासन सहयोगी अपने सुझाव देते हैं। इन सहयोगियों की हर महीने मुख्यमंत्री के साथ लंबी बैठक होती है जिसमें वे अपने अध्ययन के विषय के साथ प्रैजेन्टेशन देते हैं, साथ ही समस्याओं को उजागर करते हुए उनके समाधान के सुझाव भी देते हैं।

सुशासन सहयोगियों के विदाई कार्यक्रम के बाद लोक निर्माण विश्राम

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई कमेटी सभी कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है : राजीव जैन

 

चंडीगढ़, 28 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि अदालत के निर्णय को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई कमेटी सभी कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हितों को लेकर पूरी तरह से गंभीर और संवेदनशील है।

आज सर्व हरियाणा कर्मचारी संघ के बैनर नीचे कर्मचारियों द्वारा पंचकूला में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व सरकार की नियमित पालिसी को रद्द करके 6 माह में नए सिरे से भर्ती के निर्णय पर जताए गए विरोध पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा कर्मचारियों के हित में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। वर्तमान में भी अदालत के निर्णय पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई जा चुकी है, जो सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करते हुए सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

आगामी 15 अगस्त से गुरुग्राम में 200 लो फलोर नोन एसी बसें चलेंगी।

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चंडीगढ़ 28 जून- गुरुग्राम में सिटी बस सेवा को सुचारू करने के लिए आगामी 15 अगस्त से 200 लो फलोर नोन एसी बसें चलाई जाएंगी। ये बसें शहर के विभिन्न 11 रूटो पर चलेंगी और इनके लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में 450 बस क्यू शैल्टर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस सिटी बस सेवा के लिए गुरुग्राम में तीन बस डिपो-सैक्टर 10, सैक्टर 54 तथा सैक्टर 72 में बनाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगले चरण में मानेसर क्षेत्र में भी सिटी बस का एक डिपो बनाया जाएगा क्योंकि वहां से भी भारी संख्या में सवारियों का आवागमन इन बसों के माध्यम से होता है।

गुरुग्राम का मुख्य बस अड्डा सिही गांव में बनाने की योजना है। उन्होंने बताया कि वहां पर मैट्रो डिपो के साथ बस अड्डे का एक इंटिग्रेटिड प्रोजैक्ट तैयार किया जाएगा।

डी. एस. पी. सतीश कुमार के खिलाफ गृह सचिव को शिकायत और कार्रवाई की मांग, अविनाश सिंह शर्मा

आज “चंडीगढ़ की आवाज” के चेयरमैन अविनाश सिंह शर्मा एवं महामंत्री कमल किशोर शर्मा ने चंडीगढ़ यू०टी० सेक्रेटेरिएट में जाकर डी.एस.पी. सतीश कुमार को अपने पद का दुरूपयोग एवं गुंडागर्दी और धमकी और घर पर पुलिस भेज कर आयुष की मां ममता को मदद नहीं करने की धमकी के सबूत सी सी टीवी कैमरे का वीडियो और डी.एस.पी. से बातचीत का आडीओ दिया ।

अविनाश सिंह शर्मा ने कहा । डी.एस.पी. सतीश बताये कि किस राजनैतिक दलों के नेताओं के ईशारे पर घर पर पुलिस भेज कर गुंडागर्दी किए । आजाद भारत में पुलिस की हो रही तानाशाही नहीं सहेंगे । जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी चुप नहीं बैठेंगे । सडक से लेकर न्यायालय तक गुहार लगाएंगे ।

महामंत्री कमल किशोर शर्मा ने कहा कि जनता के हित में आवाज उठाने पर पुलिस आयुष की  मौत के गुनहगारों को बचाने के लिए पिछे हटने के लिए मजबूर कर रही थी । झूठे मुकदमे की धमकी देने एवं घर पर पुलिस भेज कर गुंडागर्दी से हम डरने वालो में नहीं है । गुनाहगारो को जेल के सलाखों के पीछे भिजवाएंगे । साथ ही डी.एस.पी. सतीश कुमार और घर पर आने वाले पुलिस को भी मालूम होना चाहिए कि कानून सब के लिए बराबर होता है । अगर अपनी जान पर खेल कर किसी गरीब के लिए लढ़ सकते है तो आपने ऊपर हो रहे गुंडा गर्दी का जवाब भी डट कर देंगे | कानूनी कार्रवाई पुलिस वाले पर भी होगी । अब जंग की शुरुआत हो गई है। देखते है। उच्च अधिकारियों की कार्रवाई का इन्तजार करेंगे ।

विजय बंसल ने HMT के हितार्थ दिया सभी दलों के नेताओ को निमंत्रण

विजय बंसल पत्रकार वार्ता में


सेब मंडी का विरोध,एचएमटी में नया उद्योग लगाने की मांग 


पिंजोर जून 28 :

एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक व पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार , विजय बंसल ने 3 जुलाई को एचएमटी बचाओ धरना करने का एलान किया है।विजय बंसल ने भाजपा सरकार द्वारा एचएमटी को बंद करने के विरोध में व इस औद्योगिक प्लांट पर निजी लोगो को फायदा पहुंचाने की नजर से प्रस्तावित सेब मार्किट बनाने के विरोध में तथा उद्योग लगाने की मांग को लेकर धरना देने का निर्णय लिया है।विजय बसंल के नेतृत्व में इससे पूर्व भी हजारो की संख्या में एचएमटी पिंजोर से चंडीगढ़ तक पदयात्रा निकाल कर सरकार के विरुद्ध रोष व्यक्त किया था।एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति का गठन 2016 में किया गया था।गौरतलब है कि विजय बंसल ने सभी दलों के नेताओ को राजनीतिक स्वार्थो से उठकर क्षेत्र को बचाने के लिए व सरकार के विरुद्ध इस धरने में पहुंचने के लिए निमंत्रण दिया है।विजय बंसल ने बताया है कि इस धरने में कांग्रेस,इनेलो समेत अनेक विपक्षी दलों के नेताओ की आने की संभावना है।विजय बंसल के नेतृत्व में 3 जुलाई को एचएमटी बचाओ धरना एचएमटी के बस स्टैंड पर प्रातः 9.30 बजे होगा जहा हजारो की तादाद में स्थानीय निवासी व एचएमटी के कमर्चारी व सेवानिवृत कर्मचारी पहुंचेगे।विजय बंसल ने कहा कि एचएमटी इस क्षेत्र की जीवनरेखा है, और इसे बचाने के लिए सभी को एक मंच कर आकर लड़ाई लड़नी होगी तथा सरकार की जनविरोधीनीतियों के विरुद्ध इस लड़ाई में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना होगा।विजय बंसल ने स्थानीय निवासियों से आह्वान किया है कि एचएमटी बचाओ धरना में हजारो की तादाद में पहुंच कर सरकार को अपनी एकता का परिचय दे।सरकार द्वारा एचएमटी की जगह पर सेब मंडी लगाने का प्रस्ताव हुआ है, जबकि इस क्षेत्र में सेब की पैदावार ही नही है और यहाँ के किसानो – नोजवानो व स्थानीय निवासियों को इस सेब मंडी से कोई फायदा नही होने वाला जबकि सरकार को यहां कोई बड़ा उद्योग लगाना चाहिए या एचएमटी को पुनः शुरू करके जनहित में कार्य करना चाहिए।एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक विजय बंसल ने कहा कि एचएमटी ट्रेक्टर प्लांट बन्द होने से लाखों का रोजगार खत्म हुआ है जबकि सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते मशीन टूल्स भी बन्द होने के कगार पर है।अब सरकार की मंशा जाहिर है जिसके विरोध में विजय बंसल के साथ हर स्थानीय निवासी,नेता,कार्यकर्ता व कर्मचारी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

दिग्विजय सिंह मानते हैं कि हिंदू होता ही नहीं है : रामेश्वर शर्मा


रामेश्वर शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह के पिता भगवान राम के बहुत बड़े भक्त थे, लेकिन दिग्विजय सिंह मानते हैं कि हिंदू होता ही नहीं है.


 

मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयानों को पकिस्तान से जोड़ते हुए कहा कि दिग्विजय लाहौर में जाकर बयान दिया करें. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हिंदुत्व को लेकर दिए दिग्विजय सिंह जो कहते हैं उससे उनके ही डीएनए पर सवाल खड़े हो गए हैं.

रामेश्वर शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह के पिता भगवान राम के बहुत बड़े भक्त थे, लेकिन दिग्विजय सिंह मानते हैं कि हिंदू होता ही नहीं है. शर्मा ने ये कहा कि दिग्विजय सिंह को अपने बयान लाहौर में जाकर देने चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि लाहौर का कोई मौलवी मध्य प्रदेश में बैठकर ये बयान देता है.

दिग्विजय सिंह अपने बयानों से अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. हाल ही में ही झाबुआ में उन्होंने बयान दिया था कि जितने भी हिंदू धर्म के आतंकवादी पकड़े गए हैं वे सब के सब संघ के कार्यकर्ता रहे हैं. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे भी आरएसएस का हिस्सा थे. उन्होंने कहा कि यह विचारधारा नफरत फैलाती है, नफरत हिंसा की ओर ले जाती है और हिंसा आतंकवाद की ओर ले जाती है.

इससे पहले भी उनके हिंदू आतंकवाद वाले बयान पर भी खूब बवाल मचा था. इसके बाद दिग्विजय ने सफाई भी दी थी. उन्होंने कहा कि मैंने हिंदू आतंकवाद नहीं, बल्कि संघी आंतकवाद की बात कही है.

सतना पंहुचे कार्तिकेय ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा


कार्तिकेय ने माना कि चुनावी साल में अपने पिता का सहयोग करने के लिए वे मैदान में उतरे हैं. वंशवाद की खिलाफत करने वाली भाजपा आज उसी की राह पर होने के सवाल को कार्तिकेय ने टाल दिया.


भारतीय जनता युवा मोर्चा की संकल्प यात्रा बुधवार को सतना पहुंची. यात्रा का नेतृत्व भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष अभिलाष पांडे एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान कर रहे थे. दोनों युवा नेताओं ने भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को जागरूक करने के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ में निशाना साधते हुए कांग्रेस को हिंसक पार्टी करार दिया.

कार्तिकेय ने माना कि चुनावी साल में अपने पिता का सहयोग करने के लिए वे मैदान में उतरे हैं. वंशवाद की खिलाफत करने वाली भाजपा आज उसी की राह पर होने के सवाल को कार्तिकेय ने टाल दिया. भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कार्तिकेय ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने आपसी फूट है, भारतीय राजनीति में इस वक्त झूठ, फरेब और हिंसा का बोलबाला है. कांग्रेस सत्ता के लिए किसानों को बहला फुसलाकर हिंसा करवा रही है. उन्होंने महागठबंधन को लेकर कहा कि जो एक दूसरे को देखना पसंद नहीं करते थे वे आज एकजुट हो रहे हैं. कार्तिकेय ने चेतावनी देते हुए कहा कि सत्ता के लिए अगर किसी ने हिंसा फैलाने की कोशिश की तो यह भाजपा कभी नहीं होने देगी.

कार्तिकेय और प्रदेशाध्यक्ष अभिलाष पांडे ने आगामी चुन व में तन, मन और धन से पार्टी को जिताने में लगने के लिए युवाओं को संकल्प दिलाया. भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष अभिलाष ने कहा कि संकल्प यात्रा पूरे मध्यप्रदेश में घूमकर छिंदवाड़ा में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के घर जाकर भाजपा सरकार बनाने का शंखनाथ कर समाप्त होगी. इस संकल्प यात्रा के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पुत्र कार्तिकेय की सियासी लॉंचिग हो गई है.

 

तेलंगना की तर्ज़ पर हो सकता है उत्रांधरा आन्दोलन : कल्याण


पवन कल्याण कर रहे हैं बटवारे की राजनीति.  जब एक जिला बनता है तो अरबों रूपये का सालाना खर्च बढ़ जाता है. यह तो एक पूरा पूरा राज्य मांगने की धमकी दे रहे हैं.


‘जन सेना पार्टी’ के प्रमुख पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा उत्तरांध्रा को ‘जानबूझकर उपेक्षित’ किए जाने पर अलग राज्य के लिए तेलंगाना जैसा ही आंदोलन करने की धमकी दी है.

उत्तरी आंध्रा के बुद्धिजीवियों के  साथ एक बातचीत के दौरान अनिभेता से राजनेता बने पवन कल्याण ने कहा, “यदि आंध्रा के शासक वर्गों का, लालच, क्रूरता और उत्पीड़न जारी रहता है तो अगले कुछ सालों में उत्तरांध्रा नया राज्य बन जाएगा.”

उत्तरी आंध्रा में श्रीककुल्म, विजिनागरम और विशाखापत्तनम जिले शामिल हैं.

उत्तरांध्रा के लोगों के गुस्से का जिक्र करते हुए पवन ने कहा, “उत्तरी आंध्र के इलाके हरी भूमि और प्राकृतिक संसाधनों से भरे हुए हैं, लेकिन इसे उपेक्षित किया जा रहा है. अधिकांश प्राकृतिक संसाधनों और खानों में घोटाला हुआ है, लूट की सभी योजनाएं सरकारी योजनाएं थीं ”

इसके बाद एक के बाद एक कई ट्वीट करके उन्होंने कह, “युवा, महिलाएं और बुद्धीजीवी अपने आत्मसम्मान, गरिमा और राजनीतिक आर्थिक समानता के लिए एक मजबूत आंदोलन बना रहे हैं. वे तथाकथित राजनीतिक वर्गों पर भरोसा नहीं करते हैं और यह नजर भी आता है. तेलंगाना आंदोलन भी इसी तरह शुरू हुआ और उन्होंने राज्य का दर्जा प्राप्त किया.”

जन सेना नेता ने व्यवसाय पर बाहरी लोगों का प्रभुत्व, उत्तरांध्रा की भाषा और संस्कृति का उपहास, प्रवास, स्थानीय व्यवसाय, भूमि हथियाने और जनजातीय कल्याण जैसे मुद्दों को उठाया.

पवन कल्याण ने कहा कि अगर वह 2019 में सत्ता में आते हैं तो सुनिश्चित करेंगे कि उत्तरांध्रा विकसित हो और प्राकृतिक संसाधन प्रभावित न हो. उन्होंने उत्तरांध्रा से प्रत्येक प्रवासी श्रमिकों को एक हेक्टेयर भूमि वितरित करने के लिए सभी कदम उठाने का वायदा किया.

बता दें कि जन सेना पार्टी 2019 में सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

मगहर से होगा 2019 का शंखनाद

 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करिश्माई अपील के साथ संत कबीर को उनके मकबरे पर श्रद्धांजलि और फिर मगहर में होने वाली रैली का बड़ा राजनीतिक महत्व हो सकता है.


साल 2014 में ‘मोक्ष’ की नगरी (वाराणसी) से शुरू हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा ने एक नया मोड़ लिया है. प्रधानमंत्री अब पूर्वी उत्तर प्रदेश के कस्बे मगहर से बीजेपी का चुनावी बिगुल फूंकने जा रहे हैं. इस कस्बे को ‘नरक का द्वार’ भी कहा जाता है. उधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने राम मंदिर के निर्माण की बात फिर से उठानी शुरू कर दी है. ऐसे में लगता है कि पीएम मोदी ‘सबके विकास’ पर फोकस रखेंगे.

बता दें कि पीएम मोदी आज मगहर के दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री, संत कबीर दास की 500वीं पुण्यतिथि पर उनकी परिनिर्वाण स्थली पर जाकर उनकी मजार पर चादर चढ़ाएंगे. साथ ही वह कबीर अकादमी का शिलान्यास करेंगे. मोदी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिसे बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रचार की शुरूआत के रूप में देख रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की अपनी हालिया कड़ी में इस ओर इशारा भी दिया. पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में 15वीं शताब्दी के मशहूर कवि और संत कबीर दास का जिक्र करते हुए कहा था कि कबीर ने ‘लोगों को धर्म और जाति के विभाजन से ऊपर उठने और ज्ञान को पहचान का एकमात्र आधार बनाने की अपील की थी’.

ऐसे में कई लोगों ने कबीर के लिए पीएम मोदी के ‘अचानक उठे प्यार’ पर सवाल उठाया था, जिसका जवाब इस गुरुवार को होने वाले पीएम मोदी के मगहर दौरे में निहित है.

ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री का यह निर्णय ‘अगड़ी जाति’ के लोगों को परेशान कर सकता है, जो राज्य में बीजेपी का मुख्य वोटबैंक रहे हैं. हालांकि, नदजीक से देखने पर यह फैसला उपचुनाव में मिली हार के बाद बेहद सोच समझ कर उठाया गया प्रतीत होता है. गोरखपुर से सटे संत कबीर नगर जिले में स्थित मगहर धार्मिक मान्यताओं में वाराणसी के विरोधी के रूप में खड़ा दिखता है.

‘वाराणसी के खिलाफ मगहर’ कबीर दास बनाम अगड़ी जाति के हिंदुओं पर प्रभुत्व रखने वालों के बीच विचारों के संघर्ष को दर्शाता है. कबीर ने मगहर में अपनी आखिरी सांस लेने का फैसला किया था, क्योंकि वह ब्राह्मणों द्वारा प्रचारित विश्वास के खिलाफ लड़ना चाहते थे कि ‘मोक्ष’ केवल वाराणसी में ही प्राप्त किया जा सकता है, जबकि मगहर में मरने से व्यक्ति नरक में जाता है.

हिन्दुओं और मुसलमानों  में बराबर रूप में सम्मानित 15वीं शताब्दी के कवि संत कबीर दास का मगहर में एक मकबरा और समाधि है. संत कबीर के अनुयायियों को ‘कबीर पंथी’ के नाम से जाना जाता है, जो मुख्य रूप से दलित और पिछड़ी मानी जाने वाली हिंदू जातियों से आते हैं. उत्तर प्रदेश में वाराणसी से गोरखपुर तक उनका खासा प्रभाव है.

यह माना जाता है कि कबीर के पिता एक मुस्लिम जुलाहे थे और मुसलमानों के बीच भी उनका एक मजबूत अनुयायी वर्ग है. संत कबीर गरीब और दमित लोगों के बीच राजनीति का एक मजबूत प्रतीक हो सकते हैं, जिन्हें पारंपरिक रूप से बसपा और सपा जैसी पार्टियों का समर्थक माना जाता है.

ऐसे वक्त जब 80 संसदीय सीटों वाली यूपी में बीजेपी के लिए परेशानियों का सबब बढ़ रहा है, तो बीजेपी के लिए संत कबीर मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के एक अग्रदूत बन सकते हैं. बीते कुछ महीनों में दलितों के बीच असंतोष और उनके कथित अलगाव से यहां बीजेपी के लिए चुनौती बढ़ी है.

बीएसपी और एसपी के एकसाथ आने के बाद गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में हुई हार को दलितों और पिछड़ों की नई एकता के रूप में देखा जा रहा है. आलोचकों का मानना है कि फिलहाल बीजेपी के पास इन मुसीबतों के लिए कोई स्पष्ट रणनीति नहीं है. इसलिए, संत कबीर दास बीजेपी के लिए खोया आत्मविश्वास हासिल करने का एक संभावित माध्यम हो सकते हैं.

भाजपा हालांकि कबीर को लेकर किसी भी राजनीति से इनकार करती है. पार्टी के महासचिव और एमएलसी विजय बहदुर पाठक कहते हैं, ‘हमारे लिए कबीर दास राजनीति नहीं, बल्कि विश्वास के पात्र हैं. हमारी पार्टी और सरकार ने हमेशा उनके नजरिये का ध्यान रखा है. कबीर ने निराश-हताश लोगों के लिए लड़ाई लड़ी. कुछ ऐसी ही बीजेपी भी है, जो ‘सबका साथ-सबका विकास’ के लिए प्रतिबद्ध है. पाठक साथ ही कहते हैं कि प्रधानमंत्री मगहर में मंच से संबोधन देंगे तो यह “समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय दिलाने” के हमारे संकल्प को और मजबूत करेगा.

उधर कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह कहते हैं, ‘कबीर पाखंड के खिलाफ लड़े थे और प्रधानमंत्री का पाखंड मगहर में सामने आएगा. लोगों को इस तरह की तिकड़म से बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता.’