मर्सिडीज कार और दूध पर एक ही दर से कर नहीं लगाया जा सकता : मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी के तहत सभी वस्तुओं पर 18 प्रतिशत की एक समान दर से कर लगाने की कांग्रेस पार्टी की मांग को यदि स्वीकार किया जाता है तो इससे खाद्यान्न और कई जरूरी वस्तुओं पर कर बढ़ जाएगा
GST लागू होने के एक वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए कर कानून से विकास, सरलता और पारदर्शिता आई है.
मोदी ने ट्वीट किया है, ‘जीएसटी विकास, सरलता और पारदर्शिता लेकर आया है. यह संगठित कारोबार और उत्पादकता को बढ़ावा देता है , कारोबार सुगमता को और गति देता है, इससे लघु और मझोले उद्योगों को लाभ हो रहा है.’
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में 24 जून को प्रधानमंत्री ने जीएसटी को सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण करार देते हुए कहा था कि नई व्यवस्था ‘ईमानदारी का उत्सव’ है जिसने देश में ‘इंस्पेक्टर राज’ खत्म कर दिया है.
प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘यदि ‘एक देश एक कर’ सुधार के लिए मुझे सबसे ज्यादा किसी को श्रेय देना है तो मैं राज्यों को श्रेय देता हूं.’
उन्होंने कहा था, ‘जीएसटी सहकारी संघवाद का एक बेहतरीन उदाहरण है, जहां सभी राज्यों ने मिलकर देशहित में फ़ैसला लिया और तब जाकर देश में इतना बड़ा कर सुधार लागू हो सका.’
मोदी ने तीन अलग-अलग ट्वीट में डॉक्टर्स डे और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स डे का भी जिक्र किया हैं.
उन्होंने लिखा है, ‘उनका पेशा मानवों में सबसे सभ्य और पावन है. यह देखना बहुत ही सुखद है कि भारतीय डॉक्टर खुद को दुनिया भर में बेहतर साबित कर रहे हैं और अनुसंधान तथा नवोन्मेष के क्षेत्र में लीक से हटकर काम कर रहे हैं.’
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) के लिए मोदी ने लिखा है, ‘देश के निर्माण में सीए समुदाय की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है. आशा करते हैं कि सीए समुदाय देश के विकास में अपना योगदान जारी रखेगा.’
प्रधानमंत्री ने जीएसटी में एकल दर व्यवस्था को किया खारिज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत सभी वस्तुओं पर एक ही दर से कर लगाने की अवधारणा को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मर्सिडीज कार और दूध पर एक ही दर से कर नहीं लगाया जा सकता.
उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत सभी वस्तुओं पर 18 प्रतिशत की एक समान दर से कर लगाने की कांग्रेस पार्टी की मांग को यदि स्वीकार किया जाता है तो इससे खाद्यान्न और कई जरूरी वस्तुओं पर कर बढ़ जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के एक साल के भीतर ही अप्रत्यक्ष करदाताओं का आधार 70 प्रतिशत तक बढ़ गया. इसके लागू होने से चेक-पोस्ट समाप्त हो गए, इसमें 17 विभिन्न करों, 23 उपकरों को समाहित कर एक बनाया गया है.
मोदी ने कहा कि जीएसटी समय के साथ बेहतर होने वाली प्रणाली है. इसे राज्य सरकारों , व्यापार जगत के लोगों और संबंध पक्षों से मिली जानकारी और अनुभवों के आधार इसमें लगातार सुधार किया गया है.
जीएसटी में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, सेवाकर, राज्यों में लगने वाले मूल्यवर्धित कर (वैट) तथा अन्य करों को समाहित किया गया है. इसका उद्देश्य इंस्पेक्टर राज को समाप्त करते हुये अप्रत्यक्ष करों को ‘सरल’ बनाना है.
प्रधानमंत्री ने ‘स्वराज्य’ पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘यह काफी आसान होता कि जीएसटी में केवल एक ही दर रहती लेकिन इसका यह भी मतलब होगा कि खाद्य वस्तुओं पर कर की दर शून्य नहीं होगी. क्या हम दूध और मर्सिडीज पर एक ही दर से कर लगा सकते हैं ?’
उन्होंने कहा , ‘इसलिए कांग्रेस के हमारे मित्र जब यह कहते हैं कि हमारे पास जीएसटी की केवल एक दर होनी चाहिए, उनके कहने का मतलब है कि वह खाद्य पदार्थों और दूसरी उपभोक्ता जिंसों पर 18 प्रतिशत की दर से कर लगाना चाहते हैं. जबकि वर्तमान में इन उत्पादों पर शून्य अथवा पांच प्रतिशत की दर से कर लगाया जा रहा है.’
स्वराज पत्रिका की वेबसाइट पर जारी साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से जहां 66 लाख अप्रत्यक्ष करदाता ही पंजीकृत थे वहीं एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद इन करदाताओं की संख्या में 48 लाख नए उद्यमियों का पंजीकरण हुआ है.