लोकसभा में बजट सत्र के छठे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी ने जवाब दिया.

नई दिल्ली: लोकसभा में पीएम मोदी ने गुरुवार को विपक्ष के सवालों का जवाब दिया. लोकसभा में बजट सत्र के छठे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी ने जवाब दिया. पीएम मोदी ने विपक्षी सांसदों को एक हैल्दी कॉप्टीशन के लिए भी बधाई दी. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पहली बार वोट डालने जा रही युवा पीढ़ी को भी भविष्य की शुभकामनाएं दीं. इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, कांग्रेस मुक्त भारत का नारा मेरा नहीं है. ये तो महात्मा गांधी ने बहुत पहले ही कह दिया था. हम उनका ये सपना जरूर पूरा करेंगे. पीएम मोदी ने कहा, लोकतंत्र में आलोचना जरूरी होती है. आप मोदी की आलोचना कीजिए, बीजेपी की आलोचना कीजिए. लेकिन विपक्ष मोदी और बीजेपी की आलोचना करते करते करते देश की आलोचना करने लगते हैं. इस पर जब टोकाटाकी हुई तो पीएम मोदी ने कहा कि आप लोग ही हैं जो विदेश में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झूठे आरोप लगाते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, पहले कभी नहीं हुआ जब देश की सेना पर उंगली उठाई गई. देश में चाहे किसी की भी सरकार रही हो, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि कभी भी किसी भी सरकार ने सेना पर सवाल उठाए हों. पीएम मोदी ने कहा, जब बात बजट की हो रही है, उस समय आप ईवीएम का रोना रो रहे हैं. कांग्रेस हम पर संस्थानों को खत्म करने का आरोप लगा रही है. लेकिन खुद उसने क्या किया. संस्थानों को कांग्रेस धमकाती है. न्यायपालिका को कांग्रेस धमकाती है. सीजेआई के खिलाफ महाभियोग कौन चलाना चाहता था. सेना पर आरोप किसने लगाए.

पीएम मोदी ने कहा, देश में आपातकाल कांग्रेस ने थोपा. लेकिन कहते हैं मोदी संस्थाओं को बर्बाद कर रहा है. सेनाध्यक्ष को गुंडा कांग्रेस ने कहा, और कहते हैं मोदी संस्थाओं को बर्बाद कर रहा है. आज खड़गे जी ने कहा कि मोदी जी जो बाहर बोलते हैं, वही राष्ट्रपति ने यहां कहा. इसका तात्पर्य है कि आप मानते हैं की आप बाहर कुछ और अंदर कुछ बोलते हैं और हम हमेशा सच बोलते हैं वो संसद हो या कोई जनसभा. जो कहते हैं कि ये अमीरों की सरकार है, तो मैं कहता हूं कि देश के गरीब ही मेरे अमीर हैं। गरीब ही मेरा इमान है, वही मेरी जिंदगी हैं, उन्ही के लिए जीता हूं, उन्हीं के लिए यहां आया हूं

महागठबंधन पर निशाना
पीएम मोदी ने अपने जवाब में महागठबंधन पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, देश देख चुका है मिलावट खतरनाक है. अब तो महा मिलावट आने वाली है. उन्होंने कहा, इधर चुनाव की आहट हुई, उधर महा मिलावट होने लगी.

पीएम मोदी ने गिनाई अपनी उपलब्धि
कांग्रेस ने 2004, 2009 और 2014 में अपने मैनीफेस्टो में कहा कि तीन साल के अंदर हर घर में बिलजी पहुंचाएंगे. गरीबी हटाओ की तरह हर घर में बिजली पहुंचाएंगे के वादे को भी कांग्रेस आगे बढ़ाती रही. कांग्रेस के 55 वर्षों में देश में स्वच्छता कवरेज केवल 38% था,  हमारे 55 महीनों में बढ़कर 98% हो गया है. हमने अपने कार्यकाल में अधिक गति से काम किया है.

राफेल पर दिया जवाब
पीएम मोदी ने राफेल पर जवाब देते हुए कहा, इससे पहले देश में कभी भी सौदे बिना दलाली के पूरे हुए ही नहीं. अब कांग्रेस किस की शह पर ये सब कर रही है. उन्होने कहा, हम घोटालों के 3-3 राजदार पकड़कर लाए. दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में एक तरफ हमारे खिलाड़ी पदक जीतने के लिए मेहनत कर रहें थे और कांग्रेस के लोग अपनी वेल्थ बना रहें थे.

हम पर आरोप लगाए जा रहे हैं. लेकिन हम उन लोगों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो लूटकर भाग गए हैं. जो लोग देश से भाग गए हैं, वो ट्विटर पर रो रहे हैं कि मैं तो 9 हजार करोड़ रुपये लेकर निकला था, लेकिन मोदी जी ने मेरे 13 हजार करोड़ जब्त कर लिए.

Doors of Indo French and Indo German collaborative Research ventures to be explored for PU

Chandigarh February 6, 2019

            The Prestigious Indo French workshop under the banner of Indo French Center, which is created jointly by the Department of Science and Technology, Govt of India and  Ministry of External and Culture Affairs, Govt. of France  concluded today after brain storming sessions during last three days. 

            During the three day workshop, various noted and eminent scientists spoke on the topics of Nuclear Physics. The prominent speakers included Prof. Joerg Aichelin from Nantes, France, Prof. Christoph Hartnack from France, Prof. Leifels from Germany, Prof. Bratkovskaya from Germany, Prof. Lopez from France, Prof. Napolitani from France.

            Prof. Rajeev Puri, Chief coordinator of the workshop told that the French and German delegates including the Director of Indo French Center  had series of meetings with Prof. Raj Kumar, Vice- Chancellor, Panjab University(PU). Apart from Physics, another important part was that both French/ German and Indian delegate stressed need for joint collaborative projects.

            Prof. Rajeev Puri, The Indian Chief Coordinator along with Vice Chancellor Prof. Raj Kumar, Prof. Devender Mehta, Dean Sciences and Prof. Aichelin, French Chief Coordinator will initiate platform for French-Indo and German –Indo MOU and also collaborative projects that will benefit students and faculty of Panjab University.

            It was further agreed upon to explore the possibility of joint Indo-French  Research center at PU  which can be a milestone for the faculty and students of the region.

            Prof. Puri and Prof Aichelin agreed to also explore possibility for joint Ph.D. Programs with France and India so that students can work in both countries.  It was also discussed to look for the Nuclear Engineering program of the France where M.Sc/ BTech students of PU can participate. The European Union also offers more than 20 Scholarships for Nuclear Engineering programs

            Prof. Leifel who is  head of the many giant projects at GSI, Germany, the world largest facility for Nuclear Physics along with Indian Chief Coordinator, Prof. Puri will explore for  possibility of MOU with Panjab University so that  local faculty and students  can also work at GSI.   Large number of countries have pumped  thousands of crore of rupees in the facility of GSI.

            This Indo French workshop, which was first of its kind at Panjab University, has set the ball for large research possibilities with initiatives of Prof. Rajeev Puri from Panjab University and Prof. Aichelin from Nantes, France. It is worth mentioning that Prof Rajeev Puri was the first scientists  who was awarded Indo French project   worth of Rs. 1 crore in 2012.

GSAT-31 इसरो ने फ्रेंच गुएना से लॉन्च किया संचार उपग्रह

बेंगलुरुः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) फ्रेंच गुएना के अंतरिक्ष केन्द्र से अपने 40वें संचार उपग्रह जीसैट-31 को बुधवार को प्रक्षेपित किया. अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार उपग्रह का जीवनकाल 15 साल का है. कक्षा के अंदर मौजूद कुछ उपग्रहों पर परिचालन संबंधी सेवाओं को जारी रखने में यह उपग्रह मदद मुहैया करेगा और जियोस्टेशनरी कक्षा में केयू-बैंड ट्रांसपोंडर की क्षमता बढ़ायेगा.

मंगलवार को जारी एक बयान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया था कि 2,535 किलोग्राम वजनी उपग्रह को फ्रेंच गुएना में कुरू से एरिएन-5 (वीए247) के माध्यम से प्रक्षेपित किया जाएगा. एजेंसी के अनुसार, उपग्रह जीसैट-31’ को इसरो के परिष्कृत I-2K बस पर स्थापित किया गया है. यह इसरो के पूर्ववर्ती इनसैट/जीसैट उपग्रह श्रेणी के उपग्रहों का उन्नत रूप है. यह उपग्रह भारतीय भू-भाग और द्वीप को कवरेज प्रदान करेगा.

इसरो ने यह भी कहा था कि जीसैट-31 का इस्तेमाल सहायक वीसैट नेटवर्कों, टेलीविजन अपलिंक्स, डिजिटल उपग्रह समाचार जुटाने, डीटीएच टेलीविजन सेवाओं, सेलुलर बैक हॉल संपर्क और इस तरह के कई ऐप्लीकेशन में किया जायेगा. इसरो के अनुसार यह उपग्रह अपने व्यापक बैंड ट्रांसपोंडर की मदद से अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के विशाल समुद्री क्षेत्र के ऊपर संचार की सुविधा के लिये विस्तृत बीम कवरेज प्रदान करेगा

Three day Indo-French Workshop commenced at PU

Chandigarh February 4, 2019
        A three day Indo-French Workshop commenced here today at the  Department of Physics, Panjab University, Chandigarh. The event is sponsored by Indo-French Centre for the Promotion of Advanced Research (CEFIPRA).

        Prof. R. K. Kohli, Vice Chancellor, Central University of Punjab was the Chief Guest of the event. He urged the students to adopt science and apply the same in their daily lives. He also gave details about facilities available at Central University of Punjab, Bhatinda. 
        Dr. Purnima Rupal, Director CEFIPRA in her keynote address apprised the researchers about various funding programs of CEFIPRA. She also shed light on different fellowships sponsored for students for doing joint research in India & France. 
        Earlier, Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University, Chandigarh in his address informed that nations in term of demographic dividend are strong on the basis of Science or spirituality and it is important  to use both the aspects for nation building. 
        Prof. Joerg Aichelin, The French Coordinator of this workshop briefed about the importance of the workshop and various possibilities of Indo-French Collaboration. 
        Prof. Navdeep Goyal, Chairman, Department of Physics, PU apprised the visitors about the department and its courses/research facilities.  
        The Organizing Committee honored Prof. Joerg Aichelin, University of Nantes, France and Prof. Surinder K. Khosa, Central University of Jammu with Lifetime Achievement Awards for their outstanding contribution over the years in the felid of nuclear physics. This workshop will have nine technical sessions where eminent speakers, both from India and abroad, will be sharing their ideas/work and experiences and will set a path for future international cooperation and collaboration.   

मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है

नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस याचिका पर शनिवार को सुनवाई होगी. गौरतलब है कि रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति हैं. दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला वाड्रा के करीबी सुनील अरोड़ा से जुड़ा हुआ है. वाड्रा ने इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका लगाई है.

लंदन की प्रॉपर्टी से जुड़ा है यह कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामला
गौरतलब है कि राबर्ट वाड्रा के करीबी कहे जाने वाले सुनील अरोड़ा के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. इस मामले में सुनील अरोड़ा को कोर्ट ने 6 फरवरी तक के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है. दरअसल, यह मामला लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्कवायर स्थित 19 लाख पाउंड (करीब 17 करोड़ रुपये) की एक प्रॉपर्टी की खरीदारी में हुए कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. ईडी ने दावा किया है कि इस संपत्ति के असली मालिक राबर्ट वाड्रा हैं. 

भगोड़े डिफेंस डीलर संजय भंडारी पर भी दर्ज है मुकदमा
ईडी ने कोर्ट में बताया कि लंदन स्थित इस प्रॉपर्टी को भगोड़े डिफेंस डीलर संजय भंडारी ने खरीदा था. भंडारी ने यह प्रॉपर्टी 16 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा था. ईडी के अनुसार, भंडारी ने 2010 में इसी कीमत पर इसकी बिक्री वाड्रा के नियंत्रण वाली फर्म को कर दी थी. ईडी ने बताया कि इस प्रॉपर्टी में मरम्मत के लिए इस पर 65,900 पाउंड का अतिरिक्त खर्चा हुआ था. बावजूद इसके भंडारी ने इस प्रॉपर्टी की बिक्री कर दी थी. गौरतलब है कि भंडारी के खिलाफ ऑफिशल सीक्रेट ऐक्ट के तहत 2016 में मुकदमा दर्ज किया था. 

आरोपी राजीव सक्सेना दुबई से प्रत्यर्पित होगा आज

नई दिल्ली: वीवीआईपी हेलीकाप्टर मामले में आरोपी दुबई के अकाउंटेंट राजीव सक्सेना को यहां कानून का सामना करने के लिए भारत लाया गया है. अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि सक्सेना को देर शाम दिल्ली लाया गया. उसे दुबई के अधिकारियों ने बुधवार सुबह पकड़ा था.

सक्सेना को धन शोधन के आरोपों में उनकी भूमिका की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपे जाने की उम्मीद है. 

जेम्स मिशेल को पिछले साल दुबई से भारत लाया गया था
इस मामले में सह आरोपी और कथित बिचौलिये ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन जेम्स मिशेल को पिछले साल दिसंबर में दुबई से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

ईडी ने दुबई में रहने वाले सक्सेना को इस मामले में कई बार तलब किया था और 2017 में चेन्नई हवाई अड्डे से उसकी पत्नी शिवानी सक्सेना को गिरफ्तार किया था. वह जमानत पर रिहा चल रही है.

ईडी का आरोप है कि सक्सेना, उसकी पत्नी और दुबई स्थित उसकी दो फर्मों ने धन शोधन किया. ईडी ने इस मामले में दायर आरोपपत्र में सक्सेना को नामजद किया और उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करवाया था.

मजीठिया समिति की सिफ़ारिशें लागू करने और कर्मचारियों के निलंबन के मामले तय समयसीमा में निपटाने के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश

मजीठिया व टर्मिनेशन के लंबित मामले तय समयसीमा में निपटाने के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश, देशभर के सभी हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को नोटिस जारी किये गये।

नए साल के साथ ही देशभर में मजीठिया वेतनमान के लिए संघर्ष कर रहे साथियों के लिए देश की सबसे बड़ी अदालत ने बड़ी राहत भरी खबर दी है। मजीठिया को लेकर दायर एक मिसलेनियस एप्लीकेशन पर सोमवार 28 जनवरी को प्रधान न्यायाधीश माननीय रंजन गोगोई व माननीय संजीव खन्ना की बेंच ने सुनवाई कर कर्मचारियों के हक में फैसला सुनाया है। कर्मचारियों की ओर से देश के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण व उनके सहयोगी अधिवक्ता गोविंद जी ने पैरवी की। श्री भूषण ने कर्मचारियों के पक्ष में जोरदार दलीलें दीं। भूषण जी ने माननीय अदालत के सामने कई साल से लंबित पड़े मामले व साथ ही termination के लंबित पड़े मामलो को रखा।इसके बाद माननीय न्यायालय ने आदेश दिया कि देशभर में मजीठिया के मामलों का निराकरण श्रम न्यायालय निश्चित तय अवधि में करें। इस दौरान हाईकोर्ट के स्टे का मामला भी उठाया गया। इस पर भी कोर्ट ने आदेश दिए कि हाईकोर्ट मजीठिया के मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करे और स्टे देने से बचे। साथ ही वर्तमान में हाईकोर्ट में जो मामले लंबित हैं, उन्हें जल्द से जल्द निपटाया जाए। इसके अलावा सालों से चल रहे बर्खास्तगी और ट्रांसफर के मामलों में भी कर्मचारियों को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि इन मामलों को भी श्रम न्यायालयों को निर्धारित समय सीमा में ही निपटाना होगा। सर्वोच्च न्यायालय का आदेश कर्मचारियों की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। पूर्व के कटू अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार बिलकुल तय रणनीति के मुताबिक माननीय सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को लड़ा गया। इससे सफलता मिली है। इस मामले में दिल्ली से महेश कुमार मजीठिया क्रांतिकारी ने मुख्य भूमिका निभाई, नोएडा से विवेक त्यागी जी, रतनभूषण प्रसाद जी, राजेश निरंजन जी , मध्यप्रदेश से राजेंद्र मेहता संयोजक स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन एमपी, मौ फैजान खान महासचिव स्टेट वर्किग जर्नलिस्ट एमपी, हिमाचल प्रदेश से राजेश गोस्वामी, राजेश शर्मा, पंजाब जालंधर से मानसिंह,सुनील कुमार, विकास सिंह लुधियाना से धीरज सिंह साथियों का विशेष सहयोग रहा। यहां के सभी साथी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने पूरे मामले के लिए न केवल धन बल्कि दस्तावेज और अन्य माध्यमों से केस में अपना सहयोग किया।
प्रभावी रणनीति से मिली सफलता
ज्ञात हो कि देशभर के श्रम न्यायालयों में करीब दो साल से मजीठिया के प्रकरण विभिन्न् कारणों से लंबित हैं। अखबार प्रबंधन श्रम न्यायालयों के अंतरिम आदेशों को लेकर हाईकोर्ट जाकर मामले में स्टे लेकर लंबित करने का प्रयास कर रहा है। इससे मामलों में अनावश्यक देरी हो रही है। इसके अलावा प्रबंधन की मंशा थी कि किसी भी श्रम न्यायालय से कोई अवार्ड पारित न हो सके। अखबार मालिकों की इस रणनीति से निपटने के लिए दिल्ली, नोएडा , पंजाब, से लेकर भोपाल के साथियों ने पूरी व्यूह रचना तैयार की। इसके बाद अधिवक्ता गोविंद जी के माधयम से प्रख्यात अधिवक्ता प्रशांत भूषण जी को सारे मामले से अवगत कराया और उनसे अनुरोध किया गया कि वे इस मामले को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रखें, जिसके बाद नवंबर माह में एक आईए दाखिल हुई। अवमानना मामलों की गलतियों से सबक लेते हुए इस बार पूरा प्लान तैयार किया गया था ताकि कोर्ट में इस बार कानूनी रूप से किसी तरह की कोई कमी न रह जाए। सभी के साझा प्रयासों और सहयोग से इस बार कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट से जीत मिली है। सभी साथियों को सुप्रीम कोर्ट के इस ताजा आदेश के अनुसार ही अपनी आगे की रणनीति तैयार करना चाहिए। देशभर के साथियों को पुन: जीत पर बधाई।
Note:- सुप्रीम कोर्ट का order आने पर और विस्तृत जानकारी दी जाएगी

पाकिस्तानी मंत्री को भारत में नयी सरकार से उम्मीदें

मोदी की यात्राएं ही नहीं विपक्ष के नेताओं की पाकिस्तान यात्राएं भी सफल हो रहीं नज़र आतीं हैं। विपक्ष द्वारा मोदी की भाजपा नीत सरकार को हटवाने की कई बार गुहार लगवा चुके हैं। विपक्ष में नए उमड़े विश्वास से पाकिस्तान को भी लगता है की सत्ता पलटने वाली है तभी तो यदा कडा पाकिस्तानी नेता नयी सरकार के साथ ही बातचीत करने की बात कह देते हैं हालिया ब्यान फवाद चौधरी की तरफ से गल्फ न्यूज़ के माध्यम से पता चला है।

दुबई: पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा है कि भारत में चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ही उनका देश उससे शांतिवार्ता बहाल करने का प्रयास करेगा, क्योंकि वर्तमान भारत सरकार से बड़े फैसलों की कोई उम्मीद नहीं है और ऐसे में उसके साथ बातचीत ‘निरर्थक’ है. गल्फ न्यूज के अनुसार पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि बातचीत करने के लिए यह सही वक्त नहीं है, क्योंकि भारतीय नेता आगामी चुनाव की तैयारी में जुटे हैं.

उन्होंने कहा, ‘जबतक (भारत में) कुछ स्थायित्व नहीं आ जाता, तबतक उससे बातचीत करना निरर्थक है. चुनाव के बाद नयी सरकार बन जाए, फिर हम आगे बढेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘भारत के साथ बातचीत में अपने प्रयासों में हमने देरी कर दी है, क्योंकि हमें वर्तमान भारतीय नेतृत्व से किसी बड़े निर्णय की आस नहीं है.’ चौधरी ने कहा कि भारत की जनता जिस किसी भी नेता और पार्टी को चुनकर सत्ता में लाएगी, पाकिस्तान उसका सम्मान करेगा.

जब उनसे पूछा गया कि जब शांति वार्ता की बात आएगी तो कौन से भारतीय नेता पाकिस्तान को सूट करेंगे- नरेंद्र मोदी या राहुल गांधी, तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इससे फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा, ‘भारत में जो कोई भी सत्ता में आएगा, हम बातचीत के लिए आगे बढ़ेंगे.’

पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा भारत में 2016 में आतंकवादी हमले करने और तत्पश्चात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. यह द्विपक्षीय संबंध 2017 में और बिगड़ा एवं दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई. भारत कहता रहा है कि आतंकवाद और वार्ता साथ साथ नहीं चल सकती.

चौधरी ने कहा कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर गलियारे का खुलना दोनों देशों के बीच संबंधों में उल्लेखनीय विकास है, क्योंकि इससे न केवल सिखों को मदद मिलेगी बल्कि द्विपक्षीय संबंध को भी फायदा होगा. जब उनसे पूछा गया कि जब विदेश नीति की बात आती है तो पाकिस्तान में कौन आखिरी निर्णय लेता है- सेना या नागरिक सरकार, तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल प्रधानमंत्री इमरान खान.

उन्होंने कहा, ‘‘पिछली सरकारों में नागरिक सरकार और सेना के बीच कई मुद्दों पर टकराव होते थे क्योंकि दोनों एक दूसरे से खुलकर बातचीत करने में समर्थ नहीं थी, लेकिन, जब से इमरान खान सत्ता में आये हैं, तब से बात ऐसी नहीं है.’

ISRO Successfully Launched World’s Smallest Satellite Build by Students ‘Kalam SAT’ On Board PSLV-C44 on 24th January 2019

Nellore, January 24: The Indian Space Research Organisation (ISRO) today successfully launched the world’s lightest satellite ‘Kalamsat’ made by Indian students at 11.40 pm from the First Launch Pad (FLP) of Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota. The communication satellite, KalamSat, is designed and built by students who work with a private organisation called “Space Kidz India.” Along with Kalamsat, the ISRO also launched Microsat-R, an imaging satellite, by the same launching vehicle. Both the satellites were launched by Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) in its 46th flight.

The ISRO has not charged a single rupee for the launch of Kalamsat. Speaking on the launch, ISRO Chief K Sivan said, “ISRO is open to all students of India. Bring to us your satellites and we will launch it for you. Let’s make India into a science-fairing nation.”

The Kalamsat satellite weighs just 1.26 kilogram and is lighter than a laptop. It cost Rs 12 lakh to make this satellite, and it was ready in only six days, but the group took six years to perfect the satellite. The satellite is named after Former President Dr APJ Abdul Kalam as a tribute to him. Notably, Kalamsat is the first satellite designed by an Indian Private entity to be launched by ISRO. In 2017, a 64-gram version of Kalamsat named as “Gulab Jamun” was launched by National Aeronautics and Space Administration (NASA), but it never reached the earth’s orbit.

About Kalam SAT satellite:

  • Kalam SAT is named after former Indian president Dr. A. P. J. Abdul Kalam and is the world’s smallest and lightest satellite.
  • The student satellite weighs just 64 grams and it is fitted in a 3.8 centimeters cube. The probe is composed of 3-D printed reinforced carbon fiber polymer. Part of the components were supplied from India and other parts from abroad.
  • The satellite is built by an Indian High school student team, led by Rifath Sharook, an 18-year-old from the Tamil Nadu town of Pallapatti.
  • The high school team participated in Cubes in Space, a STEM-based education program by Idoodle Learning.Inc and NASA.
  • As selected student competitors, the team won an opportunity to design experiments to be launched into space on a NASA rocket.
  • Kalam SAT was launched by NASA along with several other experiments on Terrier Orion sounding rocket on 22 June 2017 from Wallops Island flight facility in Virginia.
  • Kalam SAT is listed in the pages of Asia Book of Records, India Book of Records and Assist World Records, as holding the record title of “World’s lightest and smallest satellite”

On Friday, while addressing a conference, Dr K Sivan, ISRO Chairman stated that the launch window for Chandravaan-2 is March 25 – April 30 this year.  He said that ISRO has planned 32 missions this year. Elaborating on the priority areas of ISRO, the Chairman said that these include Gaganyaan project, reaching out to students, outreach programmes, planned missions of this year and Vikram Sarabhai Centenary celebrations.  ISRO Successfully Launches India’s Heaviest and Most Powerful Satellite GSAT-11 From French Guiana; All You Need to Know. 

For the first time, ISRO has announced the ‘Young Scientists Programme’ to encourage the scientific talent and increase scientific pool in the country. Under this programme, Dr Sivan said, 3 students from each state and UT will be selected for ISRO programme for one month during which they will visit ISRO centres, interact with senior scientists and will have access to Research and Development facilities, a government release stated. All the expenses of travelling and boarding will be borne by ISRO.

Meanwhile, the other satellite, Microsat-R imaging satellite of the Defence Research and Development Organisation (DRDO) weighs 700-kg. About 14 minutes into the flight the rocket would eject Microsat R at an altitude of about 277km, and it would start functioning at an altitude of 450km in about the 103rd minute after take-off. “To reduce weight and increase the mass, an aluminium tank is being used for the first time in the fourth stage,” ISRO Chairman K. Sivan had told IANS earlier. ISRO Successfully Launches India’s Heaviest and Most Powerful Satellite GSAT-11 From French Guiana; All You Need to Know.

PSLV is a four-stage launch vehicle with alternating solid and liquid stages. In its normal configuration, the rocket would have six strap-on motors. The PSLV with two strap-on configuration has been identified for this mission, and the configuration is designated as PSLV-DL. PSLV-C44 is the first mission of PSLV-DL and is a new variant of PSLV. In PSLV-C44, the fourth stage (PS4) of the vehicle will be moved to a higher circular orbit to establish an orbital platform for carrying out experiments.

‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम मतपत्र के दौर में वापस लौटने नहीं जा रहे हैं.’’ सीईसी

नई दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने इलेक्‍ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों और मतपत्र (बैलट पेपर) से चुनाव कराने की विभिन्न दलों की मांग को सिरे से खारिज करते हुए गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग मतपत्र के दौर में वापस नहीं लौटेगा. 

अरोड़ा ने आयोग द्वारा ‘चुनाव प्रक्रिया को समावेशी एवं सहज बनाने’ के विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम मतपत्र के दौर में वापस लौटने नहीं जा रहे हैं.’’ 

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को तकनीकी गड़बड़ियों से बचाने के लिए किए गए उपायों का जिक्र करते हुये अरोड़ा ने कहा, ‘‘इस मशीन को सार्वजनिक क्षेत्र की उन दो कंपनियों ने बेहद पुख्ता तकनीकी सुरक्षा उपायों से लैस करते हुए बनाया है, जो हमारे देश के रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए बहुत उल्लेखनीय काम कर रही हैं.’’

उन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वालों और मतपत्र की मांग करने वाले दलों का नाम लिये बिना कहा, ‘‘हम इसे (ईवीएम) फुटबॉल क्यों बना रहे हैं और इस पर छींटाकशी क्यों कर रहे हैं.’’ अरोड़ा ने कहा कि सम्मेलन में मौजूद लोग इस आरोप-प्रत्यारोप के सही या गलत होने पर फैसला करेंगे. 

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘‘इसलिए एक बार फिर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह सिर्फ मेरा ही नहीं बल्कि समूचे चुनाव आयोग का मत है कि हम मतपत्र के दौर में वापस लौटने नहीं जा रहे हैं.’’ अरोड़ा ने कहा कि उस दौर में वापस नहीं लौटा जा सकता है जबकि मतपत्र बाहुबलियों द्वारा लूटे लिये जाते थे, मतगणना में देर होती थी और मतदान कर्मियों का उत्पीड़न भी होता था. इसलिए मौजूदा व्यवस्था ही कायम रहेगी.