कश्मीर यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातक अंद्राबी चार साल पहले पाकिस्तानी झंडा फहराने और पाकिस्तानी राष्ट्रगान गाने के कारण सुर्खियों में आई थी. काश्मीर को सुलगाने में और वहाँ धार्मि सौहार्द बिगाड़ने में जितना हाथ काश्मीर के अलगाव वादी नेताओं का है उतना ही हाथ वहाँ के राजनेताओं और आम जनता का है। घाटी में आए दिन पत्थरबाजी, यवाओं का आतंकी कैंपों में जाना और अभिभावकों/ राजनेताओं का दलील देना कि घाटी में अवसरों कि कमी है, गले नहीं उतरता। 3.5 साल तक महबूबा मुफ़्ती कि सरकार थी उन्होने घाटी में रोजगार ए अवसरों के लिए क्या किया? बच्चों को पढ़ाने के लिए क्या किया? आज जब उनकी सरकार नहीं है तो उन्हे केंद्र सरकार धार्मिक सौहार्द बिगाड़ती नज़र आ रही है। महबूबा ओमर दोनों ही आज छती पीट पीट कर धार्मिक सौहार्द कि बात कर रहे हैं। जबकि उनकी रहनुमाई में आसिया अंद्राबी जैसे लोगों ने घाटी के अमन चैन को लील लिया है।
नई दिल्ली:कश्मीरी अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी ने खुलासा किया है कि वह पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी के जरिये लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के करीब आई. अधिकारी दुख्तारन-ए-मिल्लत नेता अंद्राबी का रिश्तेदार था. अंद्राबी के साथ ही दो अलगाववादी नेताओं से इन दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पूछताछ कर रही है. कश्मीर यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातक अंद्राबी चार साल पहले पाकिस्तानी झंडा फहराने और पाकिस्तानी राष्ट्रगान गाने के कारण सुर्खियों में आई थी. अंद्राबी के इस कृत्य के पीछे हाफिज सईद को माना जाता है.
एनआईए सूत्र ने कहा कि अंद्राबी का भतीजा पाकिस्तान सेना में कैप्टन रैंक का अधिकारी है. उसका एक अन्य करीबी रिश्तेदार पाकिस्तान सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में है. अंद्राबी के रिश्तेदार दुबई और सऊदी अरब में भी हैं जहां से वह फंड प्राप्त करती है और भारत के खिलाफ गतिविधियों में इस्तेमाल करती है.
एनआईए ने अंद्राबी के खिलाफ एक केस दर्ज किया है जिसके तहत जमात-उद-दावा के अमीर और लश्कर के मास्टरमाइंड सईद बड़े पैमाने पर अंद्राबी को फंड मुहैया कराते थे. यह धन पत्थरबाजों और हुर्रियत के समर्थकों में बांटे गए थे जिन्होंने श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए. सूत्रों ने कहा कि अंद्राबी के अलावा मसरत आलम और शब्बीर शाह से भी एनआईए ने पूछताछ की.
तीनों अलगाववादी नेता अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं. इस केस के निगरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं जो घाटी में आंतकवादी घटनाओं पर केंद्र की रणनीति अमलीजामा पहना रहे हैं.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/215160-jammu-and-kashmir123.jpg545970Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-06 03:10:242019-06-06 03:10:27आसिया अंद्राबी ने भारत में तबाही मचाने के लिए पाकिस्तान की मदद कबूली
अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ खासकर अफगानिस्तान और भारत में अलगाववादियों, नक्सलाइट लोगों की रुपए-पैसे और बाकी तरह से मदद करने और अपने यहाँ आतंक की पाठशालाएं चलाने से पाकिस्तान की माली हालत पस्त हो चुकी है। पाकिस्तान अपने रक्षा बजट में कटौती की बात कर रहा है। पाकिस्तान की फौज ने स्वेच्छा से फैसला लिया है, कि वो अगले वित्तीय वर्ष के रक्षा बजट में कटौती करेगी. पाकिस्तान की सेना के तीनों अंग,यानी थल सेना, वायु सेना और नौसेना, इस कटौती का बोझ उठाएंगे. पाकिस्तान की असली समस्या वहाँ की जहालत है, वहाँ रोजगार का एक ही साधन समझ में आता है और वह है ‘आतंक-वाद’। पाकिस्तान जब तक सेना के कब्जे में रहेगा और अपने नागरिकों की भलाई की सोचते हुए एक कल्याणकारी राज्य बनाने की ओर अग्रसर नहीं होगा तब तक वहाँ के हालात नहीं सुधरेंगे।
‘कंगाली’ के दरवाज़े पर खड़े पाकिस्तान के हालात इतने ख़राब हो गए हैं, कि पाकिस्तान की सेना अब कह रही है, कि हम कम पैसे में काम चला लेंगे. पाकिस्तान की फौज ने स्वेच्छा से फैसला लिया है, कि वो अगले वित्तीय वर्ष के रक्षा बजट में कटौती करेगी. पाकिस्तान की सेना के तीनों अंग,यानी थल सेना, वायु सेना और नौसेना, इस कटौती का बोझ उठाएंगे. पाकिस्तान के पास पैसे की इतनी कमी है कि वहां के Officers Rank के अधिकारियों की तनख्वाह नहीं बढ़ाई जाएगी. हालांकि, सैनिकों को इससे अलग रखा गया है. पाकिस्तान की सेना ने कहा है कि उसने बलोचिस्तान और क़बायली इलाक़ों के विकास के लिए रक्षा बजट में कटौती की है.
प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी सेना के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि रक्षा बजट से बचाई गई रक़म को बलोचिस्तान और क़बायली इलाक़ों में ख़र्च किया जाएगा. पाकिस्तान के अखबार The Express Tribune के मुताबिक, अगले वित्तीय वर्ष का अनुमानित रक्षा बजट एक लाख 27 हज़ार करोड़ पाकिस्तानी रुपए है. इस में पूर्व सैनिकों की पेंशन और स्पेशल सैन्य पैकेज में होने वाले खर्च शामिल हैं.
विकास के नाम पर बलिदान का दावा कर रही पाकिस्तान की फौज एक सच छुपा रही है. वो सच ये है कि पाकिस्तान के ख़ज़ाने में पैसे नहीं हैं. उसे अपना ख़र्च चलाने के लिए दुनिया भर से उधार मांगना पड़ रहा है. पिछले महीने जब पाकिस्तान ने क़र्ज़ के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से समझौता किया, तो उसे अपने ख़र्च घटाने की शर्त माननी पड़ी. जब से पाकिस्तान ने IMF से समझौता किया है, तबसे वहां लगभग हर चीज़ की क़ीमतें काफी तेज़ी से बढ़ी हैं.
पाकिस्तान में पेट्रोल 112 पाकिस्तानी रुपए प्रति लीटर से ज़्यादा हो गया है. पाकिस्तान में दूध क़रीब 120 पाकिस्तानी रुपए प्रति लीटर है. खाने-पीने के सामान और सब्ज़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं. शेयर बाज़ार की हालत ख़राब है. Pakistan Stock Exchange के CEO ने बिना कारण बताए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. पाकिस्तान की सबसे बड़ी परेशानी ये है, कि वहां पर कोई विदेशी निवेश नहीं आ रहा है.
इस साल पाकिस्तान की विकास दर सिर्फ 2.9 प्रतिशत रहेगी. जबकि World Bank के मुताबिक़ अगले दो साल तक भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. दूसरी तरफ पाकिस्तान की स्थिति लगातार बिगड़ती चली जाएगी. World Bank की मानें तो साल 2020 तक पाकिस्तान में महंगाई दर साढ़े 13 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी.
पाकिस्तान की इस दुर्दशा के लिए काफी हद तक भारत की आक्रामक कूटनीति भी ज़िम्मेदार है. क्योंकि, पुलवामा हमले के बाद भारत ने एक साथ कई मोर्चों पर पाकिस्तान के खिलाफ अघोषित युद्ध का ऐलान कर दिया था. भारत ने पाकिस्तान से Most Favoured Nation का दर्जा वापस ले लिया था. Financial Action Task Force में पाकिस्तान की घेरेबंदी करके, उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने का दबाव भी भारत ने बनाया.
फिर भी, पाकिस्तानी सेना ने अपने खर्चों में ख़ुद से कटौती की, तो सोशल मीडिया पर उसकी तारीफ़ होने लगी. लेकिन किसी ने ये नहीं सोचा, कि रक्षा बजट घटाने के बाद भी पाकिस्तान की सेना कंगाल नहीं होगी।क्योंकि, पाकिस्तान में सेना ही देश चलाती है. वहां के बड़े उद्योग भी सेना ही संचालित करती है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में पाकिस्तान, हथियारों पर खर्च करने वाला 20वां सबसे बड़ा देश था. 2018 में पाकिस्तान ने जो पैसा हथियारों पर खर्च किया, वो उसकी GDP के 4 प्रतिशत के बराबर था. 2018 और 2019 में पाकिस्तान का रक्षा बजट 66 हज़ार 500 करोड़ रुपये का है. सबसे बड़ी बात ये है, कि पाकिस्तान अपने सालाना बजट में 18 प्रतिशत से ज़्यादा पैसा रक्षा पर खर्च करता है. जबकि पाकिस्तान का शिक्षा बजट, उसके कुल बजट का सिर्फ 2 प्रतिशत है. पाकिस्तान के सालाना बजट में स्वास्थ्य का हिस्सा 1 प्रतिशत से भी कम होता है.
अगर कोई देश प्रगति करना चाहता है, तो उसे स्वास्थ्य और शिक्षा पर ज़्यादा खर्च करना चाहिए. रक्षा पर कम. लेकिन पाकिस्तान में बिल्कुल उल्टा होता है. वैसे रक्षा बजट में पाकिस्तान की सेना कितनी कटौती करेगी, ये नहीं बताया गया है. लेकिन, पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भारत के मीडिया को ज़रुर कोसा है.
उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के रक्षा बजट के आंतरिक विषय को भारत का मीडिया ग़लत तरीके से पेश कर रहा है. अपने Tweet में मेजर जनरल गफ़ूर ने भारत को धमकी भरे लहज़े में चेतावनी दी है. और कहा है, कि भारत ये ना भूले कि 27 फरवरी 2019 को यही पाकिस्तानी फौज थी. और यही रक्षा बजट था. आपको याद होगा, 26 फरवरी को बालाकोट हवाई हमले के बाद, पाकिस्तान की वायुसेना ने 27 फरवरी को भारतीय वायुसीमा में घुसपैठ की थी, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया था और पाकिस्तान के एक लड़ाकू विमान को मार गिराया था. लेकिन, आसिफ गफूर ने ये भी कहा है, कि पाकिस्तान की सेना के पास क्षमता भी है. और जवाब देने की योग्यता भी है. और मुद्दा रक्षा बजट का नहीं है. बल्कि पाकिस्तान की सेना की काबिलियत का है.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता का ये Tweet बताता है, कि रक्षा बजट में कटौती के नाम पर पाकिस्तान शायद कुछ छुपाने की कोशिश कर रहा है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/11/imran-khan-begging-cover.jpg7001200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-06 02:40:242019-06-06 02:40:26रक्षा बजट में कटौती से नहीं सुधरेंगे पाकिस्तान के हालात
Panchkula: All india Shaheed bhagat Singh Trophy released Hotel Red Bishop, Panchkula here today.According to organising Secretary of th e tournament Amarjit kumar total 10 boys under-16 Cricket teams including Our neighbouring Countries NEPAL & United Arab Emirates & 8 Rural areas teams from Tamilnadu, Hyderabad , Delhi, Chennai, Telangana, Bihar , Chandigarh & Haryana shall take part in this tournament .
Total 10 teams divided into 2 pools.Every team shall play 4 league matches & Top two teams shall qualify for the Semifinal stage. All the matches of the tournament shall played at TDL Cricket Stadium,Panchkula & IVCA Cricket Grounds ,Derabassi .All the league matches shall be played 25 overs & Semifinals & final shall be played 3o overs innings. All the matches shall be played coloured dress & white balls.
The tournament committee shall given Cricket kits to Best players of the tournament alongwith Trophies.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/d741da36-18bb-49fd-a53a-827cd0fb681f.jpg7751280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-29 15:20:542019-05-29 15:21:37The Tournament poster of 33rd All india Shaheed Bhagat Singh Trophy
बिमस्टेक में भारत के अलावा बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान देश शामिल हैं. वहीं, कहा जा रहा है कि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो पाएंगी.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद संसदीय दल के नेता चुने गए नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह 30 मई को शाम 7 बजे होगा. 30 मई को प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री भी राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. इन सबके बीच सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में ‘बे ऑफ़ बंगाल इनिशिएटिव फ़ॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एंड इकनॉमिक कोऑपरेशन (BIMSTEC)’ यानी बिमस्टेकके नेता भी शामिल होंगे.
सूत्रों की मानें तो, बिमस्टेक में भारत के अलावा बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान देश शामिल हैं. वहीं, कहा जा रहा है कि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो पाएंगी. शेख हसीना के शामिल न हो पाने के कारणों का पता नहीं चल पाया है. हालांकि, उनके स्थान पर बांग्लादेश सरकार के कोई बड़े मंत्री आ सकते हैं. वहीं, सबसे बड़ी खबर ये है कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान को निमंत्रण नहीं दिया गया है.
भारत की ओर से किर्गिस्तान के राष्ट्रपति और शंघाई सहयोग संगठन के अध्यक्ष सूरोनबे जीनबेकोब को भी न्योता भेजा गया है. इसके साथ ही मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्राविन्द जगन्नाथ को भी न्योता भेजा गया है. प्राविन्द जगन्नाथ इस वर्ष के प्रवासी भारतीय दिवस में मुख्य अतिथि थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून के दूसरे सप्ताह में एससीओ समिट में शामिल होने के लिए किर्गिस्तान का दौरा करेंगे. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में अपने शपथ ग्रहण में सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को न्योता दिया था.
प्रधानमंत्री गुरुवार को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मेहमानों के आने की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में होगा. केंद्रीय मंत्रियों में कितने सदस्य होंगे, इस बारे में भी अभी सिर्फ अटकलें लगाई जा रही हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई सरकार के गठन का दावा पेश करने के लिए शनिवार रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी. प्रधानमंत्री रात करीब आठ बजे राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे थे. इससे पहले शाम सात बजे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (एनडीए) के नेता महामहिम से मिल थे. लोकसभा चुनाव में एनडीए बड़े बहुमत के साथ वापस लौटा है और बीजेपी ने अकेले 303 सीटें हासिल की हैं. 543 में से 542 सीटों पर चुनाव हुए थे. वेल्लोर लोकसभा सीट पर धन के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग ने मतदान निरस्त कर दिया था.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/bimstec-copy-13112018075227-1000x0.jpg303800Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-28 05:07:002019-05-28 05:07:03शपथ समारोह में BIMSTEC को न्योता
राजनैतिक ख़बरों के बीच जब समग्र उन्नति की बात आत है तो मन प्रफुल्लित हो उठता है। एक्ज़िट पोल या नतीजे कुछ भी हों भारत आगे बढ़ता रहेगा। मोदी ए आने से पहले चंद्रयान आ सपना देखा जा चुका था, मोदी के आने पर न केवल इसे अमली जमा पहनाया गया अपितु चंद्रयान 2 को भी साकार किया गया। इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि अगला चंद्रयान-दो भारत के लिए ऐतिहासिक मिशन होने जा रहा है
श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने सबसे महत्वाकांक्षी मिशन के तहत चंद्रयान-2 का 9 से 16 जुलाई के बीच प्रक्षेपण करने की तैयारी कर रहा है. इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि छह सितंबर को चंद्रमा पर लैंडिंग की संभावना है . उन्होंने कहा,‘एक खास स्थान पर लैंडिंग होने जा रही है, जहां पर इससे पहले कोई नहीं पहुंचा है. ’
बुधवार को पीएसएलवी-सी 46 द्वारा रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह रीसैट-2 बी के सफल प्रक्षेपण के बाद सिवन ने कहा कि अगला चंद्रयान-दो भारत के लिए ऐतिहासिक मिशन होने जा रहा है .
मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,‘इसरो का यह सबसे जटिल मिशन होने वाला है. यह इस साल नौ से 16 जुलाई के बीच होगा. ’ उन्होंने कहा कि एजेंसी छह सितंबर को चंद्रमा की सतह पर रोवर की लैंडिंग पर नजर रखेगी. इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 दूसरा चंद्र अभियान है और इसमें तीन मॉडयूल हैं ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान).
रिसैट-2बी का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण बता दें इसरो ने पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह रिसैट-2 बी को बुधवार को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में पहुंचा दिया. यह उपग्रह घने बादलों के बावजूद भी पृथ्वी की तस्वीरें ले सकेगा और इसके जरिए सीमा पार पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर निगरानी रखी जा सकेगी। साथ ही, इसने सैन्य एवं असैन्य क्षेत्रों में देश की निगरानी क्षमताओं को भी बढ़ाया है। ‘जासूस’ उपग्रह बताए जा रहे रिसैट-2 बी (रडार इमेजिंग सैटेलाइट-2बी) अपने पूर्ववर्ती रिसैट-2 का स्थान लेगा।
उल्लेखनीय है कि आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए सीमा पार आतंकी ठिकानों में गतिविधियों की निगरानी करने में भारत ने रिसैट-2 का सक्रियता से उपयोग किया है। उस उपग्रह को 2009 में प्रक्षेपित किया गया था।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/136586-combo.jpg300500Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-22 18:19:412019-05-22 18:19:449 से 16 जुलाई को प्रक्षेपण के पश्चात 6 सितंबर को चाँद पर उतरेगा चंद्रयान 2
The Linnaean Society of London has
awarded Dr. Ranjana Jaiswara, DST-INSPIRE Faculty, Department of Zoology,
Panjab University, Chandigarh a prestigious research grant of £ 1000 (British
pound) for the year 2019. The current research grant from the Linnaean Society
of London is to explore and document diversity of Indian cricket species based
exclusively on their acoustic signals. Crickets sound producing structure is
now being extensively studied by bioengineers and nanotechnologists to design
highly efficient and smaller speakers for portable devices like mobile phones
and hearing aids for humans. The Linnaean Society of London is the world’s oldest
active biological society founded in 1788 and named in the honor of the Swedish
naturalist Carl Linnaeus, “Father of Modern Taxonomy”. It is an international
society of many prominent scientists dedicated to the study of, and the
dissemination of information concerning, natural history, evolution, and
taxonomy of biological specimens.
Dr. Ranjana recently joined PU with India’s most distinguished faculty award by the Department of Science and Technology. She pursued her PhD degree from the top most institute, Indian Institute of Science, Bangalore in collaboration with Museum National d’Histoire Naturelle, Paris, France. Over a decade, Dr. Ranjana’s research work has been focused on demonstrating the use of acoustic signals as an efficient tool in addressing the serious problem of species identification in biology. Scientific publications in the international journals of Zoological Journal of Linnaean Society, London and PLoS ONE are a few to evidence.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/Press-note-2-photo.jpeg531413Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-20 16:47:382019-05-20 16:47:43Award to PU Faculty by the Linnaean Society of London
चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी है कि वे व्यापार युद्ध में उसे ‘कमजोर न समझे’ क्यों की वह यह लड़ाई अंत तक लड़ने में समर्थ है. यह मामला तब आगे बढ़ा जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चेतावनी दी कि अगर चीन ने व्यापार समझौता नहीं किया तो वह बुरी तरह प्रभावित होगा. वहीं अब चीन भी समझौते के मूड में नहीं है, उसने भी अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर बदले में आयात शुल्क लगाने का ऐलान कर दिया है.
चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी है कि वे व्यापार युद्ध में उसे ‘कमजोर न समझे’ क्यों की वह यह लड़ाई अंत तक लड़ने में समर्थ है. चीन ने यह रुख ऐसे समय दिखाया है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन से आने वाले 200 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दिया . उन्होंने चीन से आयात होने वाले बाकी सामान पर भी शुल्क बढ़ाने की धमकी दी है. चीन ने भी जबाव में 50 अरब डॉलर के अमेरिकी सामान पर प्रशुल्क की दरें बढ़ा दी हैं. अमेरिका ने पिछले साल चीन से 539 अरब डॉलर के सामान का आयात किया था जबकि चीन को अमेरिका का निर्यात महज 120 अरब डॉलर ही था.
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने यह चेतावनी ऐसे समय में दी है जब करीब 200 अमेरिकी कंपनियां अपना प्लांट चीन से हटाकर भारत में लगाने की चर्चा कर रही हैं. ट्रंप ने ट्वीट में लिखा, ‘मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीन के अपने अन्य सभी दोस्तों से खुलेआम कहना चाहता हूं कि अगर आपने व्यापार समझौता नहीं किया तो चीन बुरी तरह प्रभावित होगा, क्योंकि कंपनियां चीन को छोड़ अन्य देश में जाने के लिए बाध्य हो जाएंगी.’
अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकी से बिदके चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा, ‘चीन बार बार कहता आ रहा है कि प्रशुल्क ऊंचा करने से समस्या हल नहीं होगी. व्यापार युद्ध शुरू करने से स्वयं और अन्य के लिए नुकसान ही होता है.’ चीन के प्रवक्ता ने यह भी कहा, ‘चीन व्यापार युद्ध की इच्छा या कामना नहीं करता पर उसे इससे किसी तरह का भय भी नहीं है.
चीन ने सोमवार को कहा कि वह 1 जून से वह 60 अरब डॉलर की वैल्यू के अमेरिकी गुड्स पर शुल्क लगाएगा, चीन के कैबिनेट टैरिफ पॉलिसी कमीशन ऑफ द स्टेट काउंसिल के एक बयान में कहा, ‘चीन अमेरिकी सामानों पर 5 फीसदी से लेकर 25 फीसदी तक शुल्क लगाएगा. चीन 5,140 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाएगा.’
यदि किसी ने हमारे ऊपर युद्ध थोपा तो हम उसको अंत तक लड़ेंगे. हम किसी बाहरी दबाव में झुकने वाले नहीं है. हम अपने न्यायोचित अधिकारों की रक्षा का संकल्प और सामर्थ्य रखते हैं. दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध भड़कने के बाद यह चीन की सबसे कड़ी प्रतिक्रिया है .व्यापार वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा , ‘11वें दौर की वार्ता के बाद मैं समझता हूं कि दोनों पक्ष बातचीत जारी रखने पर राजी हैं.’
ट्रंप ने अपने ट्वीट में चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया. ट्रंप ने चीनी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाने के अपने फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, ‘हम सही हैं, हमें चीन के साथ जहां होना चाहिए हम वहीं हैं. याद रखिए, चीन ने हमारे साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत को तोड़ा है और फिर से बातचीत की कोशिश की.’
इससे पहले
ट्रंप ने चीन के खिलाफ प्रशुल्क बढ़ाने के लिए कहा था कि हमने शुक्रवार तक शुल्क
काफी ऊंचा कर दिया है . 200 अरब डॉलर
के सामान पर यह 25 प्रतिशत हो
गया है . इस तरह कुल 250 डॉलर पर 25 प्रतिशत शुल्क हो गया है . इसके
अलावा हमारे पास 325 अरब डॉलर
और बचा है जिस पर हम यदि चाहेंगे तो कार्रवाई कर सकते है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/home_051319091743.jpg6831024Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-14 15:27:262019-05-14 15:27:28अमेरिका – चीन में व्यापार युद्ध कोई भी झुकने को नहीं तैयार
श्रीलंका अभी गृह युद्ध के संताप से उबर रहा है। चीन की विसतरवादी नीति और मदद से यहाँ श्रीलंका को एक आर्थिक उपनिवेश बनाया जा रहा है। चीन की उपस्थिती से वहाँ कोई धार्मिक असहिशुणता का माहौल नहीं बनता। अभी हाल ही में हुए धमाकों से दहला श्रीलंका अपने राष्ट्र हित में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कुछ कड़े निर्णय लेने को बाध्य हुआ है। इन निर्णयों के पीछे राष्ट्र में तुष्टीकरण की राजनीति का न होना ही प्रमुख कारण है। श्रीलंका द्वारा अपने राष्ट्र हित में उठाए गए कदम स्वागत योग्य हैं।
कोलंबो: श्रीलंका ईस्टर आत्मघाती बम धमाकों के बाद से अब तक 200 मौलानाओं समेत 600 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को निष्कासित कर चुका है. एक मंत्री ने रविवार को यह जानकारी दी. गृह मंत्री वाजिरा अभयवर्द्धने ने कहा कि मौलाना वैध रूप से देश में आए थे, लेकिन हमलों के बाद हुई सुरक्षा जांच में पाया गया कि वह वीजा खत्म होने के बावजूद देश में रह रहे थे. इसके लिये उन पर जुर्माना लगाकर देश से निष्कासित कर दिया गया. अभयवर्द्धने ने कहा, “देश में सुरक्षा की ताजा स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने वीजा प्रणाली की समीक्षा की और धार्मिक शिक्षकों के लिये वीजा प्रतिबंध को कड़ा करने का निर्णय लिया.”
उन्होंने कहा, “निष्कासित किये गए लोगों में 200 मौलाना हैं.” गौरतलब है कि श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से ज्यादा घायल हो गए थे. इन हमलों को स्थानीय मौलाना ने अंजाम दिया था, जिसने हमले से पहले पड़ोसी देश भारत का दौरा कर जिहादियों से संपर्क बनाए थे. हमले की जिम्मेदारी एक स्थानीय जिहादी समूह ने ली थी.
ईस्टर के मौके पर बम विस्फोट के दो सप्ताह बाद सोमवार को फिर से खुलेंगे श्रीलंका के स्कूल देश में सबसे भीषण आतंकी हमले के दो सप्ताह के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार को श्रीलंका में फिर से स्कूल खुलेंगे. हमले के बाद अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया था. हमले के बाद अधिकारियों ने अगले आदेश तक स्कूलों को बंद कर दिया था. कोलंबो पेज की खबर के मुताबिक, सोमवार को छठी से लेकर 13 वीं कक्षा तक के सभी सरकारी स्कूलों का दूसरा सत्र शुरू हो जाएगा.
पहली से लेकर पांचवीं तक का दूसरा सत्र 13 मई को शुरू होगा. हालांकि, सरकारी सूचना के महानिदेशक नलका कलुवेवा के मुताबिक, कक्षा छठी और उससे ऊपर की कक्षाएं ही चलेंगी. मंत्री अकिला विराज करियावासम ने बताया कि स्कूल के नए सत्र की शुरूआत के साथ स्कूल परिसरों में एक विशेष सुरक्षा कार्यक्रम को लागू किया जाएगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि स्कूलों की सुरक्षा के सिलसिले में शिक्षा मंत्रालय द्वारा विशेष परिपत्र जारी किए गये हैं.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/z_p03-ISIS.jpg450800Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-05 15:54:122019-05-05 15:54:14श्रीलंका नहीं सहेगा धार्मिक उन्माद, 200 मौलानाओं समेत 600 लोगों को देश से निकाला
Dr Gurmeet Kaur, Department of
Geology, Panjab University and her students in collaboration with other geoscientists
from India and abroad are carrying out work to promote significant stones of
India which were used in the architectonic heritage in the past. Under
prestigious Roland Schlich travel support and IGCP project 637 two students
from Dr Kaur’s lab, Mr Amritpaul Singh and Ms Parminder Kaur received funding
to attend EGU general assembly 2019 which had more than 16000 geoscientists
from 113 countries in attendance. Both the students presented their posters and
participated for the Outstanding Student Poster and PICO (OSPP) award.
Parminder Kaur (CSIR fellow) received the prestigious OSPP award for her poster
presentation. Her award includes full registration fee waiver for the next EGU
assembly and an award certificate. She will attend the next EGU assembly at
Vienna, Austria in 2020 to receive her award.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/Press-note-2-photo-4.jpg420560Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-03 14:56:382019-05-03 14:56:40Parminder Kaur awarded with OSPP Award
बारबाडोस: भारत से भाग कर ब्रिटेन में रह रहे कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के हाथों से कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) की टीम बारबाडोस ट्रीडेंट्स (Barbados Tridents) का मालिकाना हक जाएगा. लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) डेमियन ओ डोनोहोए ने कहा कि टीम के मालिकाना हक को स्थानांतरित करने के लिए कई लोगों से बात चल रही है. आईपीएल (IPL) की तर्ज पर शुरू हुई कैरेबियन लीग (Caribbean Premier League) में छह टीमें खेलती हैं.
क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, बारबाडोस ट्रीडेंट्स टीम के नए मालिक के नाम का ऐलान 22 मई को लंदन में होने वाले प्लेयर ड्राफ्ट से पहले घोषित कर दिया जाएगा. माल्या ने बारबाडोस ट्रीडेंट्स की टीम को 2016 में खरीदा था. इस टीम के खिलाड़ियों को पिछले सीजन की फीस और अनुबंध राशि अब तक नहीं मिली है. पिछला सीजन सितंबर 2018 में खत्म हुआ था. माल्या इस समय बैंक धोखाधाड़ी के चलते देश से भाग कर ब्रिटेन में पनाह लिए हुए है. माल्या के पास इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू का मालिकाना हक भी है.
कैरेबियन लीग के सीईओ डोनोहोए ने गुयान क्रोनिकल से बातचीत में कहा, ‘यह हमारे लिए सबसे बड़ा सिर दर्द है. लेकिन बारबाडोस से संबंधित यह मुद्दा अगले दो-तीन सप्ताह में सुलझा लिया जाएगा. हम इसके मालिकाना हक में बदलाव करेंगे. उम्मीद है कि अगले दो सप्ताह में हम ऐसा कर पाएंगे.’ हाल ही में बाराबाडोस ट्रीडेंट्स के मार्की प्लेयर ड्वेन स्मिथ ने खिलाड़ियों को पैसे नहीं मिलने के मामले में सीपीएल की आलोचना की थी.
कैरेबियन प्रीमियर लीग में से एक टीम ट्रिनबेगो नाइटराइडर्स (Trinbago Knight Riders) है. इसका मालिकाना हक कोलकाता नाइटराइडर्स के मालिक शाहरुख खान, जूही चावला की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट (Red Chillies Entertainment) के पास है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Vijay-Mallya-Bank-Fraud.jpg6691200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-01 16:54:532019-05-01 16:55:56विजय माल्या के हाथों से सीपीएल की टीम Barbados Tridents का मालिकाना हक जाएगा
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