अवसरवादिता राजनीति नहीं, कांग्रेस की केजरीवाल को सीख


कांग्रेस प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आम आदमी पार्टी द्वारा उपसभापति के चुनाव से दूर रहने पर तीखा हमला किया और उन्हें खरी खरी सुना दी.


शर्मिष्ठा मुखर्जी  ने आज अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के उप-सभापति चुनावों का ‘बहिष्कार’ कर आम आदमी पार्टी ने सिर्फ भाजपा की मदद ही की है. 2015 में सत्ता में आने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल का केंद्र और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ झगड़ा रहा है. लेकिन आज के मतदान से आम आदमी पार्टी के तीन सांसदों ने बहिष्कार कर न सिर्फ विपक्ष के आंकड़ों को कम कर दिया बल्कि बहुमत की संख्या को कम करके करके सरकार की मदद भी की. पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया- “आम आदमी पार्टी कहती है, ‘राजनीति अहंकार पर नहीं चलती है. बिल्कुल! यही कारण है कि अरविंद केजरीवाल ने भाजपा की मदद करते हुए राज्यसभा में मतदान से दूर रहने का फैसला किया.”

 

आआपा ने विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को सशर्त समर्थन दिया था. वे चाहते थे कि राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल को फोन करें और उनसे मदद मांगे. जब राहुल गांधी ने फोन नहीं किया तो पार्टी ने घोषणा की कि वह चुनाव से बाहर रहेगी. कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा, ‘अगर राहुल गांधी नरेंद्र मोदी को गले लगा सकते हैं, तो वह अरविंद केजरीवाल से उनके पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन के लिए क्यों नहीं पूछ सकते हैं.’

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि तीन वरिष्ठ नेताओं – गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और अहमद पटेल – ने फोन किया था. लेकिन केजरीवाल राहुल गांधी से फोन कॉल चाहते थे.

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया:

आखिर राहुल गांधी को ऐसे इंसान से समर्थन की मांग क्यों करनी चाहिए जिसने खुलेआम 2019 के चुनावों में बीजेपी के समर्थन की घोषणा की है. अगर उनकी मांग पूरी हो जाए तो 2019 के चुनावों में वो बीजेपी का समर्थन करेंगे. राजनीति विचारधाराओं की लड़ाई है. ये अवसरवादी लोगों के लिए एक हाथ दे एक हाथ दे के तर्ज पर नहीं की जाती.


Sharmistha Mukherjee

Rupashree Nanda

@rupashreenanda

AAP will not vote for Congress candidate unless Cong Pres @RahulGandhi reaches out to CM @ArvindKejriwal; @RahulGandhi can hug PM @narendramodi,why can’t he call @ArvindKejriwal ? Politics does not run on ego says @AamAadmiParty #RSVP ellections


जून में दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने घोषणा की थी कि अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया तो वह 2019 में बीजेपी के लिए प्रचार करने के लिए तैयार हैं. शर्मिष्ठा मुखर्जी अपने ट्वीट में इसी घोषणा का जिक्र कर रही थीं. कांग्रेस और आआपा के बीच के तनावपूर्ण संबंध 2011 से ही चले आ रहे हैं. जब आआपा का गठन नहीं हुआ था और केजरीवाल और उनके करीबी अन्ना हजारे के सहयोगी थे. अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया था. यह आंदोलन 2014 के चुनावों में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण बना था.

2013 में आआपा ने दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन के साथ सरकार बनाई. लेकिन 49 दिनों के बाद ही अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर भाजपा के साथ सहयोग करने और जन लोकपाल विधेयक को रोकने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया.

जिस गुरु से करुणानिधि ने राजनीति के गुर सीखे,जीवन के अंत में भी उनका साथ मिल गया.


अंतिम संस्कार के लिए जब राजाजी हॉल से मरीना बीच के लिए करुणानिधि की शवयात्रा निकली तो उनके पीछे लाखों समर्थकों का हुजूम था


पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाया गया. करुणानिधि को अंतिम वक्त में अपने राजनीतिक गुरु अन्नदुरई की समाधि के  बगल में ही जगह मिली. जिस गुरु से करुणानिधि ने राजनीति के गुर सीखे,जीवन के अंत में भी उनका साथ मिल गया.

अंतिम संस्कार के लिए जब राजाजी हॉल से मरीना बीच के लिए करुणानिधि की शवयात्रा निकली तो उनके पीछे लाखों समर्थकों का हुजूम था. समर्थकों ने नम आंखों से कलाइग्नर को अंतिम विदाई दी.

करुणानिधि के अंतिम संस्कार में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राजनेता शामिल हुए थे. इनमें में मुख्य रूप से कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, माकपा महासचिव प्रकाश करात, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कई अन्य नेताओं ने करुणानिधि को श्रद्धांजलि अर्पित की.

केरल के राज्यपाल पी सदाशिवम, मुख्यमंत्री विजयन और विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला के साथ राजाजी हॉल में श्रद्धांजलि देने पहुंचे. चांडी ने कहा, ‘वह हमारे देश के एक दिग्गज नेता और बहुत बढ़िया प्रशासक थे. जब वह मुख्यमंत्री थे, तब वह केरल और केरलवासियों का ध्यान रखते थे. हमारे बीच रहे अच्छे संबंध को मैं याद करता हूं.’

तमिल फिल्म जगत के लोगों ने भी करुणानिधि को श्रद्धांजलि अर्पित की. पेरियार ई वी रामास्वामी के निधन के बाद करुणानिधि ने एक कविता लिखी थी. उस कविता को संवाददाताओं के सामने उद्धृत करते वक्त लेखक और गीतकार वैरामुथु रो पड़े.

उन्होंने कहा, ‘क्या हम ताजमहल के विध्वंस को सिर्फ इसलिए स्वीकार कर सकते हैं कि उसकी संरचना पुरानी हो चुकी है? वही जो करुणानिधि ने पेरियार के निधन पर लिखा था, हम इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि कलाइग्नर अब नहीं रहें.’

बुधवार सुबह मद्रास हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ने उनका अंतिम संस्कार मरीना बीच पर करने की इजाजत दे दी थी. हाईकोर्ट का यह फैसला सुनते ही राजाजी हॉल के बाहर जमे हजारों डीएमके में खुशी की लहर दौड़ पड़ी, वहीं करुणानिधि के बेटे और उनके सियासी वारिस स्टालिन की आंखों से आंसू छलक आएं.

अपने नेता के अंतिम दर्शन के लिए राजाजी हॉल के बाहर पार्टी समर्थकों का भारी हुजूम लगा रहा, जो किसी भी तरह दर्शन को आतुर थे. इस दौरान पुलिस को भीड़ पर काबू के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा. लाठीचार्ज के बाद मची भगदड़ में 3 लोगों की मौत हो गई और करीब 33 लोग घायल हो गए.

डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की. स्टालिन ने इसके साथ कहा, ‘पुलिस हमें सुरक्षा दे या नहीं, लेकिन मैं आपके पैर पकड़कर विनती और विनम्र निवेदन करता हूं कि शांति व्यवस्था बनाए रखते हुए धीरे-धीरे यहां से हट जाएं.’

शिवभक्त कांवड़िए योगी के रंग में रंगे


काँवड़ यात्रा पर जगह जगह हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा होगी

यात्रा के मार्ग में शराब ओर मीट की दुकानें नहीं होंगी 

कनवादियों की सुरक्षा के लिए यात्रा के दोनों मार्गों पर पुलिस बल की तैनाती रहेगी 


 

दिल्ली/मुजफ्फरनगर समाचार

हरिद्वार से गंगा जल लेकर अपने आराध्य देव पर जलाभिषेक करने के लिये रवाना हुए शिवभक्त कांवडियों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ ने हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की।
इस शानदार नजारे को देखने के लिये जगह-जगह लोगों का हूज्जूम लग गया। लखनऊ से नोएडा पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की बैठक लेकर विकास कार्यों की समीक्षा की। इसके पश्चात अपरान्ह लगभग चार बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा से हेलीकाप्टर में रवाना हुए। उनके साथ मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। हरिद्वार से दिल्ली तक जाने वाले कांवडियों पर मुख्यमंत्री द्वारा हेलीकाप्टर से ही पुष्प वर्षा की गई।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस बार कांवड़ियों की यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए कई उपाय किए हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने सावन के महत्व और पूजा की सात्विकता को देखते हुए कावड़ के रास्ते में मीट और शराब की दुकानें बंद रखने के आदेश दिए हैं.

हरिद्वार से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जिन-जिन स्थानों और रास्तों से कांवड़ यात्रा गुजरेगी, उन रास्तों पर न तो मीट की दुकानें होंगी और न ही शराब की. इसके अलावा कांवड़ियों के पूरे रास्ते में ड्रोन से नजर रखी जाएगी.

दरअसल कांवड़ियों की सुरक्षा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसलिए बेहद अहम हो जाती है, क्योंकि यह रास्ता अति संवेदनशील क्षेत्रों में आता है. कई बार कांवड़ियों के साथ झड़प और कांवड़ियों का हुड़दंग देखा जाता है. ऐसे में इस बार प्रशासन ने व्यवस्था और चुस्त-दुरुस्त रखने की कोशिश की है.

डीजे बजाने को लेकर हर साल कांवड़ियों और स्थानीय लोगों में ठन जाती है. इस बार डीजे की आवाज़ को लेकर खास मानक तय किए गए हैं, जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन को दी गई है. इससे साफ जाहिर है कि कांवड़िए DJ तो बजा सकते हैं, लेकिन उसकी आवाज तय मानक के अनुसार हो.

प्रशासन ने 11 बिंदुओं में एक गाइडलाइन मेरठ, मुजजफरनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, बरेली, बिजनौर, मुरादाबाद और हापुड़ तथा अन्य जिलों में भेज दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कहा था कि चार नेशनल हाइवे और दो प्रमुख रेल रूटों से गुजरने वाली कांवड़ यात्रा की निगरानी के लिए ड्रोन, हेलिकॉप्टर का विशेष प्रबंध किया जाएगा.

पूरे सावन में यह यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से गुजरती है. इसमें सबसे ज्यादा कांवड़िए रुड़की, मुजफ्फरनगर, मेरठ, शामली और कैराना होते हुए लोग हरियाणा के पानीपत को जाते हैं. दूसरा रूट रुड़की से सहारनपुर होते हुए है. इन दोनों रास्तों पर लाखों की तादाद में कांवड़िए धार्मिक यात्रा करते हैं. इस दौरान डीजे बजता है, साथ-साथ बोल बम के नारे गूंजते हैं.

यूपी से गुजरने वाली सौ-सौ किलोमीटर के दो रूट बेहद अहम और संवेदनशील हैं. ऐसे में प्रशासन ने अपनी तरफ से तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं.

उन्होंने इस शानदार नजारे को हेलीकाप्टर से ही निहारा मेरठ से मुजफ्फरनगर के पुरकाजी क्षेत्र तक हेलीकाप्टर ने दो चक्कर लगाये। उडान के दौरान हेलीकाप्टर काफी नीचे तक आया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हाईवे पर कांवडियों की तरफ हाथ हिलाकर उनका अभिवादन भी स्वीकार किया। शिवभक्त कांवडियों पर अपने हाथों से पुष्प वर्षा कर मुख्यमंत्री प्रफुल्लित नजर आ रहे थे। उनके साथ मौजूद फोटोग्राफर इस नजारे को अपने कैमरे में कैद कर रहा था।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि महाशिवरात्रि तक प्रतिदिन हरिद्वार से दिल्ली के बीच जगह-जगह कांवडियों पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाये। इस दौरान सडक मार्ग पर भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भ्रमण करते रहे।

India Tuesday

Here’s what is expected to make the news on Tuesday:

Karunanidhi health update: Former Tamil Nadu chief minister M Karunanidhi, who was admitted to Chennai’s Kauvery Hospital on Saturday because of an infection and age-related ailments, is said to be stable, and leaders from various parties are expected to visit the DMK chief at the hospital on Tuesday.

Vijay Mallya hearing: The extradition trial of liquor baron Vijay Mallya will take place at the Westminster Court in London on Tuesday. Closing arguments are expected to be made today, while the judge is likely to set further timelines for the final ruling.

File image of Vijay Mallya.

Flood warning in north India: The army has been put on high alert as incessant rains and Haryana government’s decision to release water from the Hathnikund barrage has resulted in a flood warning across hundreds of villages and towns across western Uttar Pradesh and the National Capital Region.

Parliament: The Assam NRC issue hit Parliament’s functioning on Monday and is likely to again be taken up for debate and discussion on Tuesday. Trinamool MPs are likely to take up the NRC issue in Parliament, while West Bengal chief minister Mamata Banerjee has said she will call on Home Minister Rajnath Singh on the issue.

Narendra Modi to hold BJP parliamentary meeting with party MPs: The prime minister is expected to make a brief address to lawmakers, whereby he will spell out the party’s stand on contentious issues like the Dalit agitation and tricky situation with disgruntled allies like Ram Vilas Paswan’s LJP.

Nawaz Sharif health update: Former Pakistan prime minister Nawaz Sharif, who has been hospitalised since Sunday after complaining of chest pain and irregularities were detected in an electrocardiogram, is expected to stay at the hospital through Tuesday. Late on Monday came the news that the doctor treating Sharif has also suffered a heart attack.

Quarterly results of Tata Motors; Tech Mahindra: The quarterly results of these two will be announced today. The results will also reveal stock market movements post the result; it will also look at future course of action of these companies.

Release of Draft E-Commerce National Policy: This policy is also likely to be released on Tuesday. The policy looks at making available customer data to be stored exclusively in India. This move could affect e-commerce giants like Flipkart, Amazon and others and also social media firms.

Badminton: World Championships are on at the moment in Nanjing, China. Top Indian shuttlers Saina Nehwal and Kidambi Srikanth will play. International stars like Tai Tzu Ying and Carolina Marin will also be in action.

Mehbooba Mufti advised PM Modi to hold Imran Khan’s ‘hand of friendship’

Peoples Democratic Party (PDP) President Mehbooba Mufti waves at party workers and supporters during a programme organised on the party’s 19th Foundation Day, in Srinagar on July 28, 2018


Speaking on the 19th foundation day of the People’s Democratic Party (PDP), Mufti said that the “Centre should respond positively to the peace talks offer made by Imran Khan”.


Jammu-Kashmir Chief Minister Mehbooba Mufti wants Prime Minister Narendra Modi to accept the “hand of friendship” extended by Pakistani PM-in-waiting Imran Khan to end the cycle of violence in her state.

Speaking on the 19th foundation day of the People’s Democratic Party (PDP), Mufti said that the “Centre should respond positively to the peace talks offer made by Imran Khan”.

“I appeal to Prime Minister Narendra Modi. A new government will be formed in Pakistan and there will be a new prime minister, who has extended a hand of friendship towards India. He (Khan) spoke of dialogue. He (Modi) should respond to it positively,” Mufti said referring to the first public address of the cricketer-turned politician in which he said that he will be willing to take “two steps if India takes one” for the sake of peace.

“It is my request that he (Modi) should grab the opportunity and respond positively to the offer of friendship by Imran Khan,” Mufti said at the rally held in Srinagar.

Khan, whose party emerged as the single largest in the recently concluded general elections in Pakistan,  said that he is ready to improve its ties with India and his government would like the leaders of the two sides to resolve all disputes, including the “core issue” of Kashmir, through talks.

In her address, Mufti reminded PM Modi of the actions of former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee whose “statesmanship” led to peace between India and Pakistan at the border.

“Elections come and go. (Then Prime Minister) A B Vajpayee extended a hand of friendship to Pakistan and also entered a ceasefire on the borders. This is statesmanship, such leaders do not think about elections but about the people. Jammu and Kashmir is the biggest challenge for the PMs of our country…,” Mufti said.

She said the prime minister who resolves the issue of Jammu and Kashmir and ends bloodshed in the state will have his name written in “golden letters” in the history.

At the same time, Mufti said that Hurriyat leaders arrested by NIA on Eid should be released if the government wanted to bring the separatist leaders on the table for a dialogue.

Mufti claimed that she was not allowed to work peacefully since 8 July 2016, when her party joined hands with BJP to form a government in the state.

“Forming an alliance with the Bharatiya Janata Party (BJP) was like taking poison out of compulsion. But we took that decision in the larger interest of the state and the country,” she said.

She said she had taken two months to decide whether or not she would continue the alliance because “politics for me had begun with my father and I had decided to end my political career with his death”.

“It was because of continued persuasion by my party workers that I finally agreed to head the coalition government,” she added.

PDP leaders skip rally

Six rebel legislators from the PDP skipped the rally that was organised to mark the day in Srinagar. A dissident leader Abdul Majeed Paddar claiming his faction as the real PDP organised a parallel rally in Kulgam in south Kashmir.

The six legislators conspicuously absent from Mehbooba’s rally were Haseeb Drabu, whom she had sacked as finance minister, Imran Reza Ansari, Majeed Padroo, Abid Ansari, Abbas Wani and Javeed Baig.

The rebels appear to have not reconciled even after Mehbooba’s maternal uncle Sartaj Madni quit his position of vice-president of the party.

सुरजेवाला का राफेल को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला


उन्होंने कहा कि एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलना मोदी सरकार का चाल, चेहरा और चरित्र बन गया है। समय आ गया है कि प्रधानमंत्री देश को जवाब दें।


रणदीप सिंह सुरजेवाला, मीडिया प्रभारी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी; डॉ. अमी याजनिक, सांसद एवं नासिर हुसैन, सांसद द्वारा जारी बयान :-

60,145 करोड़ रु. की राफेल डील ने साबित कर दिया कि ‘कल्चर ऑफ क्रोनी कैपिटलिज़्म’ यानि 3C’s मोदी सरकार का डीएनए बन गया है। ‘झूठ परोसना’ व ‘छल-कपट का चक्रव्यूह बुन’ देश को बरगलाना ही अब सबसे बड़े रक्षा सौदे में भाजपाई मूल मंत्र है। एक झूठ छिपाने के लिए सौ और झूठ बोले जा रहे हैं। वास्तविकता यह है कि 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की एकतरफा खरीद से सीधे-सीधे ‘गहरी साजिश’, ‘धोखाधड़ी’ व ‘सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के षडयंत्र’ की बू आती है। अब साफ है कि:-

1. राफेल जहाज बनाने वाली कंपनी, डसॉल्ट एविएशन ने 13 मार्च, 2014 को एक ‘वर्कशेयर समझौते’ के रूप में सरकारी कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 36,000 करोड़ रु. के ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए। परंतु प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी का ‘क्रोनी कैपिटलिज़्म प्रेम’ तब जगजाहिर हो गया, जब 10 अप्रैल, 2015 को 36 राफेल लड़ाकू जहाजों के खरीद की मोदी जी द्वारा की गई एकतरफा घोषणा के फौरन बाद, सरकारी कंपनी, एचएएल को इस सबसे बड़े ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ से दरकिनार कर दिया गया व इसे एक निज़ी क्षेत्र की कंपनी को दे दिया गया। प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री इसका कारण क्यों नहीं बता रहे?

2. ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ एक निजी कंपनी, रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को दे दिया गया, जिसे लड़ाकू जहाजों के निर्माण का शून्य भी अनुभव नहीं। रिलायंस डिफेंस लिमिटेड का गठन फ्रांस में 10 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री जी द्वारा 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की खरीद की घोषणा किए जाने से 12 दिन पहले यानि 28 मार्च, 2015 को किया गया। रिलायंस डिफेंस लिमिटेड के पास लड़ाकू जहाज बनाने का लाईसेंस तक नहीं था।

3. आश्चर्य वाली बात यह है कि रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड को रक्षा मंत्रालय द्वारा लड़ाकू जहाजों के निर्माण का लाईसेंस तो दिया गया, लेकिन 2015 में लाईसेंस का आवेदन देने व उसके बाद लाईसेंस दिए जाने की तिथि, 22 फरवरी, 2016 को इस कंपनी के पास लड़ाकू जहाज बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए न तो कोई जमीन थी और न ही उस पर कोई बिल्डिंग। आश्चर्य की बात यह भी है कि रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड का गठन 24 अप्रैल, 2015 यानि प्रधानमंत्री जी द्वारा 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस में 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की खरीद की घोषणा करने के 14 दिन बाद ही किया गया था।

4. चौंकाने वाले खुलासों एवं प्रमाणों से 30,000 करोड़ रु. का ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ रिलायंस समूह को दिए जाने बारे रक्षामंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमन की झूठ जगजाहिर हो जाती है। इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन जगजाहिर है। रिलायंस समूह व डसॉल्ट एविएशन के 30,000 करोड़ के ऑफसैट कॉन्ट्रैक्ट के साझे समझौते को रक्षामंत्री व एक्विजि़शन मैनेजर, रक्षा मंत्रालय की अनुमति दिशानिर्देशों के मुताबिक अनिवार्य थी। पूरे मसौदे को डिफेंस एक्विजि़शन काउंसिल के समक्ष पेश करना भी जरूरी था। खुद मोदी सरकार ने ही रक्षा मंत्रालय के सभी दिशानिर्देशों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा दीं।

मोदी सरकार का 1,30,000 करोड़ रु. का झूठ – ‘30,000’ करोड़ रु. का ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ एवं 1,00,000 करोड़ का ‘लाईफ साईकल कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट’

रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने दावा किया है कि उसे ‘डसॉल्ट एविएशन’ से 30,000 करोड़ रु. का ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ एवं 1 लाख करोड़ रु. का ‘लाईफसाईकल कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट’ मिल गया है। कृपया दिनांक 16.02.2017 की रिलायंस की प्रेस विज्ञप्ति देखें, जो संलग्नक A1 में संलग्न है तथा आरइन्फ्रा इन्वेंस्टर्स प्रेज़ेंटेशन संलग्नक A2 देखें।

डसॉल्ट एविएशन ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2016-17 (संबंधित अंश संलग्नक A3 है) में माना है कि ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ का क्रियान्वयन ‘रिलायंस समूह’ कर रहा है।

इन सब दावों के बावज़ूद, रक्षामंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमन ने दिनांक 07.02.2018 को एक पीआईबी प्रेस विज्ञप्ति में यह दावा कर दिया कि डसॉल्ट एविएशन द्वारा ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिया ही नहीं गया’। प्रेस विज्ञप्ति की प्रति संलग्नक A4 है।

प्रश्न बहुत साफ है- क्या मोदी सरकार व रक्षामंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमन झूठ नहीं बोल रहीं? क्या रिलायंस समूह को 30,000 करोड़ का डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट व 1,00,000 करोड़ का लाईफ साईकल कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मिला है?

30,000 करोड़ रु. का ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ देने में ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिशानिर्देशों’ का उल्लंघन

रक्षा मंत्रालय में एक स्थायी ‘डिफेंस ऑफसेट मैनेजमेंट विंग’ (डीओएमडब्लू) की स्थापना की गई है और सभी ‘ऑफसेट कॉन्ट्रेक्टों’ के लिए ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिशानिर्देश’ भी जारी किए गए हैं (http://www.makeinindiadefence.gov.in/DefenceOffsetGuidelines.pdf)। संबंधित अंश संलग्नक A5 है। इन दिशानिर्देशों में यह अनिवार्य है कि:-

I. सभी ऑफसेट प्रस्ताव रक्षामंत्री द्वारा स्वीकृत किए जाएंगे (ऑफसेट नियमों का अनुच्छेद 8.6)। ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट पर रक्षा मंत्रालय के ‘एक्विजि़शन मैनेजर’ के हस्ताक्षर जरूरी होंगे (ऑफसेट नियमों का अनुच्छेद 8.6)।

II. ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट की प्रगति का डिफेंस ऑफसेट मैनेजमेंट विंग के नामांकित अधिकारी द्वारा हर छः माह में ऑडिट कराया जाएगा (ऑफसेट नियमों का अनुच्छेद 8.8)।

III. रक्षा मंत्रालय की ‘एक्विजि़शन विंग’ को हस्ताक्षर किए गए ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट एवं क्रियान्वयन की स्थिति के विवरण बारे ‘डिफेंस एक्विजि़शन काउंसिल’ को वार्षिक रिपोर्ट देनी होगी (ऑफसेट नियमों का अनुच्छेद 8.17)। किसी भी साल ऑफसेट नियमों का पालन न कर पाने की स्थिति में पूरे न किए गए ऑफसेट दायित्व के 5 प्रतिशत के बराबर दण्ड के साथ पेनल्टी लगाई जाएगी (ऑफसेट नियमों का अनुच्छेद 8.13)।

प्रश्न सीधे हैं:-

I. क्या रिलायंस एवं डसॉल्ट एविएशन 30,000 करोड़ रु. के ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ पर रक्षामंत्री की अनुमति के बिना हस्ताक्षर कर सकते हैं?

II. क्या इस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट पर रक्षा मंत्रालय के ‘एक्विजि़शन मैनेजर’ ने हस्ताक्षर किए?

III. डीओएमडब्लू द्वारा छः महीने में किया जाने वाला ऑडिट क्यों नहीं किया गया?

IV. क्या ‘एक्विजि़शन विंग’ ने ‘डिफेंस एक्विजि़शन काउंसिल’ को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा कराई? यदि नहीं, तो इसका कारण क्या है?

V. क्या देश के एक बड़े रक्षा सौदे में किसी प्राईवेट कंपनी और रक्षा उपकरणों की सप्लायर को पूरे ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट नियमों/निर्देशों’ को ताक पर रखने की अनुमति है?

कैटेगरी A, ‘हाई सिक्योरिटी डिफेंस प्रोडक्शन’ के लिए औद्योगिक लाईसेंस बिना किसी भूमि या बिल्डिंग के दिया जाना

भारत में रक्षा उत्पादन के लिए लाईसेंस इंडस्ट्रीज़ (डेवलपमेंट एण्ड रेगुलेशन), एक्ट, 1951; रजिस्ट्रेशन एण्ड लाईसेंसिंग ऑफ इंडस्ट्रियल अंडरटेकिंग रूल्स, 1952 और न्यू आर्म्स रूल्स, 2016 के तहत दिया जाता है (www.makeinindiadefence.gov.in – industrial licenses)।


अभी श्री भूपेंद्र भूपी जी ने श्री रणदीप सुरजेवाला का प्रेसनोट पोस्ट किया है। इसमें मोदी सरकार के 1,30,000 करोड़ के झूठ का जि़क्र है। मैं यह कहना चाहूंगा कि मीडिया ने इस फिगर को आसान बनाने के लिए एक लाख तीस हजार करोड़ की तरह कहना और लिखना शुरू कर दिया क्योंकि यह लिखना या कहना आसान लगता है और सचमुच आसान है भी। लेकिन इसमें एक भारी दिक्कत है क्योंकि आम आदमी इसकी गंभीरता को नहीं समझ पाता। आइये जरा समझें कि मैं क्या कहना चाहता हूं। एक करोड़ लिखना हो तो “एक” लिखने के बाद “सात ज़ीरो” और लगेंगे। यानी, अगर हमने 1,30,000 करोड़ को सचमुच पूरा लिखना हो तो
1,30,00,00,00,00,000
लिखा जाएगा। सौ करोड़ का एक अरब बनता है, सौ अरब का एक खरब बनता है और सौ अरब का शायद “शंख” बनता है या शायद एक “नील”, मुझे भी पक्का पता नहीं है। यानी, अगर ये आरोप सच है तो हमें समझना चाहिए कि यह कितनी बड़ी राशि है जिसकी हेराफेरी हुई है, क्योंकि सिर्फ एक लाख तीस हजार करोड़ कह देने से आम आदमी को पक्का अंदाजा नहीं लग पाता कि यह राशि असल में “शंख” या “नील” जितनी बड़ी है। अंग्रेजी में भी इसे कितने ट्रिलियन कहा जाएगा मुझे पता नहीं है।
मैं फिर दोहराता हूं कि अगर श्री रणदीप सुरजेवाला का आरोप सही है तो यह बहुत बड़ी रकम है जिसकी हेराफेरी हुई है। यह बहुत गंभीर मामला है और सारे देश को, देश के एक-एक नागरिक को प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए —

“राफेल का दाम बताओ, कौन है दलाल, नाम बताओ”।

कहना है क्षेत्र के जाने माने “विचारक ओर विश्लेषक श्री पी के खुराना” का


रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड व उसकी संबंधित कंपनियों – रिलायंस डिफेंस लिमिटेड एवं रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड को लड़ाकू जहाज बनाने का कोई अनुभव नहीं। वास्तव में रिलायंस डिफेंस लिमिटेड का गठन प्रधानमंत्री जी द्वारा 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस में 36 लड़ाकू जहाज खरीदे जाने की घोषणा करने के केवल 12 दिन पहले, यानि 28 मार्च, 2015 को किया गया था (संलग्नक A6)। रिलायंस डिफेंस लिमिटेड के पास लड़ाकू जहाज बनाने का लाईसेंस तक नहीं था।

रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड का गठन 24.04.2015 को किया गया था। कंपनी ने लड़ाकू जहाज बनाने के औद्योगिक लाईसेंस के लिए आवेदन साल, 2015 में दिया और इसे 22.02.2016 को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा यह अनुमति दे दी गई। उस समय श्रीमति निर्मला सीतारमन वाणिज्य मंत्री थीं। लाईसेंसों का आवंटन करने से संबंधित सूची संलग्नक A7 में दी गई है। इस कंपनी का गठन भी 24.04.2015 को, यानि प्रधानमंत्री जी द्वारा 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस में 36 लड़ाकू जहाज खरीदे जाने की घोषणा करने के केवल 14 दिन बाद किया गया था।

लड़ाकू जहाज बनाने के लिए लाईसेंस के आवेदन में रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपना पता एवं स्थान, ‘सर्वे नं. 589, तालुका जफराबाद, ग्राम लुंसापुर, जिला अमरेली, गुजरात’ दिया था। उस समय ये परिसर रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड के स्वामित्व में नहीं थे। उपरोक्त स्थान की मल्कियत ‘पीपावाव डिफेंस एण्ड ऑफशोर इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड’ के पास थी। लाईसेंस के दिन, यानि 22.02.2016 को भी रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड के पास उपरोक्त पते पर कोई जमीन या भवन नहीं था। पीपावाव डिफेंस लिमिटेड का अधिग्रहण रिलायंस डिफेंस लिमिटेड द्वारा 18.01.2016 को किया गया और उसके बाद इसका नाम बदलकर रिलायंस डिफेंस एण्ड इंजीनियरिंग लिमिटेड रख दिया गया। यह बात वार्षिक रिपोर्ट 2015-16 से साबित हो जाती है, जिसका संबंधित हिस्सा संलग्नक A8 में संलग्न है।


वैसे पूछते हैं,

कहीं यह सारी कवायद राहुल गांधी द्वारा केन्द्रीय रक्षा मंत्री ओर प्रधान मंत्री पर संसद में लगाए अनर्गल ओर मिथ्या आरोपों (जिससे सम्पूर्ण राष्ट्र को शर्मिंदा हीना अदा इतना ही नहीं मित्र राष्ट्र को भी बचाव में आना पड़ा) की शर्मिंदगी से बचने की दूसरी कोशिश तो नहीं?

To keep Hindutva intact, Hindu families should have five kids at least

 

BJP MLA from Bairia district Surendra Singh has once again managed to get several eyebrows raised with his controversial remark.

According to the BJP lawmaker, Hindu couples must have at least five children each to give a boost to Hindu population and Hindutva intact.

“It is the desire of every spiritual leader (mahant) for every couple to have a minimum of five children. This way the population will be under control, and Hindutva would remain intact,” ANI quoted Singh as saying.

Recently, Singh had come under fire for saying rape was a “natural pollution”, and that even Lord Ram would not have been able to end incidents of rape.

“I can say this with full confidence that even Lord Ram will not be able to prevent such instances. This is natural pollution, which has not left anybody untouched,” the BJP lawmaker had said, when he was asked about the rising cases of rape in Uttar Pradesh.

“It is people’s responsibility to treat others as their family, as their sisters. We can only control it through values, not the Constitution,” he added.

In June, he had shockingly compared the government officials to prostitutes. He had said those in flesh trade always completed their work after taking money, but officials wouldn’t complete their assignments even after taking money.

The BJP MLA is known for making controversial statements.

After the recent Kairana Lok Sabha and Noorpur assembly bypolls, he had blamed ministers in the Yogi Adityanath government for the party’s humiliating defeat at both places.

He had said if certain ministers were not removed from the state cabinet, the ruling party’s downfall in UP was certain.

In the past, Singh had said the 2019 Lok Sabha elections would be an “Islam vs Bhagwan” battle.

गौहत्या रोकने में हुए नाकाम तो थानेदार ने अपने ही खिलाफ की शिकायत


चार्ज लेते समय थानेदार ने अपने और सभी पुलिसवालों के लिए सख्त नियम बना दिए थे


यूपी पुलिस हमेशा अपने उलटे सीधे कारनामों के लिए चर्चा में बनी रहती है. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी थानेदार ने अपने ही थाने में अपने ही खिलाफ शिकायत दर्ज की हो? मामला मेरठ के खरखोदा थाने का है.  एक थानेदार ने अपने काम में लापरवाही मानते हुए अपने ही थाने की जीडी (जनरल डायरी) में अपने खिलाफ शिकायत दर्ज कर डाली. मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है.

राजेंद्र त्यागी मेरठ के थाना खरखौदा के थानाध्यक्ष हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले ही थाने का चार्ज लिया है. चार्ज लेते समय थानेदार ने अपने और सभी पुलिसवालों के लिए सख्त नियम बना दिए थे कि किसी भी क्षेत्र में चोरी होने पर उस क्षेत्र के बीट कॉन्स्टेबल की जिम्मेदारी होगी. लूट होने पर बीट कॉन्सटेबल और इलाके के हल्का प्रभारी या फिर चौकी प्रभारी (दरोगा) की जिम्मेदारी होगी.

डकैती, गौहत्या या हत्या जैसे अपराध होने पर उसकी जिम्मेदारी बीट कॉन्स्टेबल, दरोगा और खुद थानाध्यक्ष की होगी. जिसकी भी लापरवाही पाई जाएगी, उसके खिलाफ थाने के खास रिकॉर्ड जीडी में शिकायत दर्ज की जाएगी. अगर यह लापरवाही दो बार से ज्यादा पाई गई, तो उस पुलिसकर्मी चाहे वह खुद थानाध्यक्ष ही क्यों न हो, उसकी शिकायत आला अफसरों को भेजी जाएगी. इसके बाद आला अफसर उस पर कार्रवाई करेंगे.

खरखौदा के थाना अध्यक्ष राजेंद्र त्यागी ने बताया कि थाने में उनके चार्ज लेने के बाद से अबतक उनके क्षेत्र में छह छोटी-छोटी चोरियां हो चुकी हैं जिनमें उन्होंने 6 कांस्टेबल के खिलाफ जीडी में शिकायत दर्ज की है. लेकिन आज उनके क्षेत्र में गौहत्या हुई जिसमें बीट कांस्टेबल, दरोगा और खुद को जिम्मेदार मानते हुए  उन्होंने अपने ही थाने के जीडी में अपने, बीट कांस्टेबल अनिल तेवतिया, दरोगा प्रेम प्रकाश, एसआई चंद किशोर, रात्रि प्रभारी दरोगा सुनील, कॉन्स्टेबल आजाद और नीलेश के खिलाफ जीडी में शिकायत दर्ज की है.

अब स्कॉलर्स पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी नहीं कर सकेंगे: जेएनयू

 

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अगले सेमेस्टर के लिए सोमवार से रजिस्ट्रेशन भरे जाएंगे. लेकिन इस बार जेएनयू के स्कॉलर्स को रजिस्ट्रेशन फार्म भरते समय एक अंडरटेकिंग भी देना होगा. इसके मुताबिक अब स्कॉलर्स पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी नहीं कर सकेंगे.

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 11 जुलाई को यह सूचना जारी की है. जारी किए गए आदेश के मुताबिक सभी स्कूलों के डीन, केंद्रों के अध्यक्षों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रत्येक छात्र से स्कूल, विशेष केंद्र या किसी भी कार्यक्रम के लिए पंजीकरण के समय हर छात्र से अंडरटेकिंग ले. इस अंडरटेकिंग के मुताबिक छात्र किसी भी सरकारी, सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में नौकरी में नहीं होना चाहिए.

यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस फैसले का शिक्षक और विद्यार्थी कड़ा विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह कदम यूनिवर्सिटी के अध्यादेशों के खिलाफ है. हालांकि रेक्टर चिंतामणी महापात्रा ने से कहा कि वह सिर्फ 2016 यूजीसी गजट नोटिफिकेशन का पालन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘यूजीसी नियमों के अनुसार, कोई पूर्णकालिक स्कॉलर कहीं भी नौकरी नहीं कर सकता है. बहुत से लोग पूरी नोटिफिकेशन नहीं पढ़ते हैं, इसलिए हम समय-समय पर चेतावनी जारी करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘यह नियम पहले भी था, लेकिन यह बहुत स्पष्ट नहीं था. एमफिल में, अंशकालिक नौकरियों का कोई नियम नहीं है, लेकिन पीएचडी स्तर पर, यदि कोई काम करना चाहता है, तो उन्हें खुद को अंशकालिक स्कॉलर के रूप में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. जिसका मतलब है कि उसे हॉस्टल की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.’

The interviews for the admission to M.Sc. Environment Science on July 24th

The interviews for the admission to M.Sc. (Environment Science) 1st year for the candidates who have qualified the CET (PG) 2018 conducted by the University and have applied online for admission in the Department of Environment Studies, P.U., Chandigarh for the session 2018-2019 will be held on July 24th, 2018 at 10:00 A.M. in the Department of Environment Studies, Panjab University, Chandigarh. The applicants should come with all the original documents. No separate letter will be sent for interview.