एच डी देवेगौडा ने कांग्रेस से जताई नाराजगी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के पिता और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुझे पीड़ा है, आज एचडी कुमारस्वामी को सीएम बने 6 महीने हो गए. इन 6 महीनों में सब कुछ हो गया लेकिन मैंने अपना मुंह नहीं खोला लेकिन अब मैं चुप नहीं रह सकता.

उन्होंने कहा, ‘क्या यह गठबंधन सरकार चलाने का तरीका है, जहां आपको अपने सहयोगी से यह अनुरोध करना पड़े कि असंसदीय भाषा का इस्तेमाल न करें.’ देवगौड़ा ने ये बातें बुधवार को कहीं.

पत्रकारों के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के साथ मैं दोस्ती नहीं खराब करना चाहता लेकिन अगर ओछी बातों को करने वालों को नहीं रोका गया तो हालात बेकाबू हो जाएंगे. कांग्रेस आलाकमान इस बात को समझ ले.’ देवगौड़ा ने ये बातें कांग्रेस नेता सिद्धारमैया की मौजूदगी में कहीं.

देवगौड़ा ने कहा कि उन्होंने सिद्धारमैया के सीएम रहते कभी उन पर विवादित कमेंट नहीं किए लेकिन कुछ कांग्रेस विधायक एचडी कुमारस्वामी पर टिप्पणी करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जेडीएस अपने सहयोगी दल के साथ अच्छा व्यवहार करती है लेकिन कांग्रेसी नेताओं को हम पर बयानबाजी नहीं करना चाहिए.

गौरतलब है कि पूर्व सीएम सिद्धारमैया की मौजूदगी में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कुमारस्वामी की आलोचना की थी जिससे कुमारस्वामी नाराज हो गए थे और उन्होंने सीएम पद छोड़ने की धमकी दी थी.

षटतिला व्रत तिथि, महत्व, कथा और विधि

षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) हिंदू धर्म में बेहद ही खास मानी जाती है. मान्यता है कि इस एकादशी (Ekadashi) का व्रत और दान करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं. षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की खास पूजा-अर्चना की जाती है. इस एकादशी (Ekadashi) में तिल का भी बेहद खास महत्व है. पूजा से लेकर दान करने और हवन करने तक, हर चीज़ में तिल का इस्तेमाल किया जाता है. यहां जानिए षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) का महत्व, व्रत कथा, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में.

षटतिला एकादशी कब है?
हर साल की तरह इस बार भी षटतिला एकादशी जनवरी महीने में है. हिंदु कैलेंडर के मुताबिक कुष्ण पक्ष की एकादशी को है. वहीं, अंग्रेज़ी कैलेंडर के मुताबिक षटतिला एकादशी 31 जनवरी, 2019 को है.   

षटतिला एकादशी का महत्‍व
षटतिला एकादशी के दिन दान पुण्य करने का खास महत्व है, खासकर तिल का. इस एकादशी का व्रत रखने वाले अपनी दिनचर्या में तिल को हर तरीके से इस्तेमाल करते हैं. वो तिल के तेल से नहाते हैं, तिल को पूजा में इस्तेमाल करते हैं. तिल की या फिर तिल से बनी मिठाई का दान भी करते हैं. 

षटतिला की तिथि और मुहूर्त 
एकादशी तिथि प्रारम्भ: 30 जनवरी 2019 को दोपहर 03 बजकर 33 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त: 31 जनवरी 2019 को शाम 05 बजकर 02 मिनट तक
पारण (व्रत तोड़ने का) की तिथि: 01 फरवरी 2019 को सुबह 07 बजकर 11 मिनट से सुबह 09 बजकर 23 मिनट तक
पारण तिथि समाप्‍त: 01 फरवरी 2019 को शाम 06 बजकर 59 मिनट. 

षटतिला एकादशी की पूजन सामग्री 
षटतिला एकादशी के एक दिन पहले ही पूजन सामग्री एकत्रित कर लें. पूजन सामग्री इस प्रकार है- फूल, फूलों की माला, नारियल, सुपारी, अनार, आंवला, लौंग, बेर, धूप, दीपक, घी, पंचामृत (कच्‍चे दूध, दही, घी, चीनी और शहद का मिश्रण), अक्षत, कुमकुम, लाल चंदन, तिल से बने हुए मिष्‍ठान, तिल और कपास मिश्रित गोबर की 108 पिंडीका. 

षटतिला एकादशी का व्रत कैसे करें, जानिए पूजन विधि 
– षटतिला एकादशी के दिन स्‍नान करने के बाद स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें. 
– अपनी सभी इंद्रियों को वश में कर काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्‍या और द्वेष का त्‍याग कर श्री हरि विष्‍णु का स्‍मरण करें. 
– अब घर के मंदिर में श्री हरि विष्‍णु की मूर्ति या फोटो के सामने दीपक जलाकर व्रत का संकल्‍प लें.
– भगवान विष्‍णु की प्रतिमा या फोटो को स्‍नान कराएं और वस्‍त्र पहनाएं. 
– अब भगवान विष्‍णु को नैवेद्य और फलों का भोग लगाएं. 
– इसके बाद विष्‍णु को धूप-दीप दिखाकर विधिवत् पूजा-अर्चना करें और आरती उतारें. 
– पूरे दिन निराहार रहें. शाम के समय कथा सुनने के बाद फलाहार करें और रात में जागरण करें.
– षटतिला एकादशी के दिन पुष्य नक्षत्र में गोबर, कपास, तिल मिलाकर उनके कंडे या पिंड‍िका बनानी चाहिए. उन कंडों से 108 बार हवन करें.
– दूसरे दिन भगवान विष्‍णु का का पूजन करने के बाद उन्‍हें खिचड़ी का भोग लगाए. 
– फिर पेठा, नारियल या सुपारी का अर्घ्‍य देते हुए कहें- “हे भगवान! आप दीनों को शरण देने वाले हैं, इस संसार सागर में फंसे हुओं का उद्धार करने वाले हैं. हे पुंडरीकाक्ष! हे विश्वभावन! हे सुब्रह्मण्य! हे पूर्वज! हे जगत्पते! आप लक्ष्मीजी सहित इस तुच्छ अर्घ्य को ग्रहण करें.”
– इसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं. भोजन में तिल से बने खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करें. उसे जल से भरा घड़ा दान में दें. ब्राह्मण को श्यामा गौ और तिल पात्र देना भी अच्‍छा माना जाता है.
– मान्‍यता है कि जो जितने तिलों का दान करता है, उतने ही हजार वर्ष स्वर्ग में वास करता है. 

तिल का महत्‍व 
षटतिला एकादशी में तिल का विशेष महत्‍व है. तिल का प्रयोग ही इस एकादशी को अन्‍य एकादशियों से पृथक करता है. इस दिन छह तरीकों से तिल का इस्‍तेमाल किया जाता है:  1- तिल स्नान 2- तिल का उबटन 3- तिल का हवन 4- तिल का तर्पण 5- तिल का भोजन 6- तिल का दान. छह तरीकों से तिल के प्रयोग के कारण ही इसे षटतिला एकादशी कहा जाता है. इस व्रत रखने वालों के अलावा सभी को लोगों कुछ इस तरह छह तरीकों से तिल का इस्‍तेमाल करना चाहिए: 
तिल का पहला प्रयोग: स्‍नान के पानी में तिल का प्रयोग करें और पीले कपड़े पहनें. 
तिल का दूसरा प्रयोग: तिल का उबटन लगाएं. 
तिल का तीसरा प्रयोग: पूर्व दिशा की ओर बैठ जाएं. फिर पांच मुट्ठी तिल लेकर 108 बार “ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र” का जाप करें.
तिल का चौथा प्रयोग: दक्षिण दिशा की ओर खड़े होकर पितरों को तिल का तर्पण दें. 
तिल का पांचवां प्रयोग: एकादशी के दूसरे दिन यानी कि द्वादश को ब्राह्मणों को तिल युक्‍त फलाहारी भोजन कराना चाहिए. 
तिल का छठा प्रयोग: दूसरे दिन ब्राह्मणों को तिल का दान दें. मान्‍यता है कि इस दिन जो जितना अधिक तिल का दान करेगा उसे स्‍वर्ग में रहने का उतना ही अवसर मिलेगा. 

षटतिला एकादशी व्रत के नियम
– जो लोग षटतिला एकादशी का व्रत करना चाहते हैं उन्‍हें एक दिन पहले यानी कि दशमी के दिन से व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए. 
– दशमी के दिन सूर्यास्‍त के बाद भोजन ग्रहण न करें और रात में सोने से पहले भगवान विष्‍णु का ध्‍यान करें. 
 व्रत के दिन पानी में गंगाजल और तिल डालकर स्‍नान करना चाहिए. 
– दशमी और एकादशी के दिन मांस, लहसुन, प्‍याज, मसूर की दाल का सेवन वर्जित है. 
 रात्रि को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए तथा भोग-विलास से दूर रहना चाहिए.
– एकादशी के दिन गाजर, शलजम, गोभी और पालक का सेवन न करें.

षटतिला एकादशी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार नारदजी ने भगवान श्रीविष्णु से षटतिला एकादशी कथा के बारे में पूछा.  भगवान ने नारदजी से कहा, “हे नारद! मैं तुमसे सत्य घटना कहता हूं. ध्यानपूर्वक सुनो. प्राचीन काल में मृत्युलोक में एक ब्राह्मणी रहती थी. वह सदैव व्रत किया करती थी. एक समय वह एक मास तक व्रत करती रही. इससे उसका शरीर अत्यंत दुर्बल हो गया. वो ब्राह्नणी कभी अन्न दान नहीं करती थी एक दिन भगवान विष्णु खुद उस ब्राह्मणी के पास भिक्षा मांगने पहुंचे.  

वह ब्राह्मणी बोली, “महाराज किसलिए आए हो?” मैंने कहा- “मुझे भिक्षा चाहिए.” इस पर उसने एक मिट्टी का ढेला मेरे भिक्षापात्र में डाल दिया. मैं उसे लेकर स्वर्ग में लौट आया. 
 
कुछ समय बाद ब्राह्मणी भी शरीर त्याग कर स्वर्ग में आ गई. उस ब्राह्मणी को मिट्टी का दान करने से स्वर्ग में सुंदर महल मिला, परंतु उसने अपने घर को अन्नादि सब सामग्रियों से शून्य पाया. घबरा कर वह मेरे पास आई और कहने लगी, “भगवन् मैंने अनेक व्रत आदि से आपकी पूजा की, परंतु फिर भी मेरा घर अन्नादि सब वस्तुओं से शून्य है. इसका क्या कारण है?” 
 
इस पर मैंने कहा, “पहले तुम अपने घर जाओ. देवस्त्रियां आएंगी तुम्हें देखने के लिए. पहले उनसे षटतिला एकादशी का पुण्य और विधि सुन लो, तब द्वार खोलना.” मेरे ऐसे वचन सुनकर वह अपने घर गई. जब देवस्त्रियां आईं और द्वार खोलने को कहा तो ब्राह्मणी बोली- “आप मुझे देखने आई हैं तो षटतिला एकादशी का माहात्म्य मुझसे कहो.”
 
उनमें से एक देवस्त्री कहने लगी, “मैं कहती हूं.” जब ब्राह्मणी ने षटतिला एकादशी का माहात्म्य सुना तब द्वार खोल दिया. देवांगनाओं ने उसको देखा कि न तो वह गांधर्वी है और न आसुरी है वरन पहले जैसी मानुषी है. उस ब्राह्मणी ने उनके कथनानुसार षटतिला एकादशी का व्रत किया. इसके प्रभाव से वह सुंदर और रूपवती हो गई तथा उसका घर अन्नादि समस्त सामग्रियों से युक्त हो गया.
 
अत: मनुष्यों को मूर्खता त्याग कर षटतिला एकादशी का व्रत और लोभ न करके तिलादि का दान करना चाहिए. इससे दुर्भाग्य, दरिद्रता तथा अनेक प्रकार के कष्ट दूर होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है.

बॉबी सिंह व्यापार मण्डल पंचकुला के प्रधान नियुक्त

बॉबी सिंह ने आज हरियाणा व्यापार मण्डल की पंचकूला इकाई के प्रधान पद का कार्यभार सम्भाला। व्यापार मण्डल के अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने एक पत्रकार वार्ता में यह घोषणा की और उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर पंचकूला चण्डीगढ़ और पिंजौर से बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।

11 वें आदिवासी युवा आदान-प्रदान समारोह समाप्त

पंचकूला 29 जनवरी:

उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि विभिन्न प्रदेशों के आदिवासी क्षेत्रों से आए युवा हरियाणा की समृद्ध एवं सभ्य संस्कृति का देश के अन्य क्षेत्रों में अवश्य आदान प्रदान करें ताकि वहां के नागरिक भी हमारी संस्कृति के बारे में जागरूक हो सके।

  उपायुक्त माता मनसा देवी मंदिर परिसर मंें स्थित सत्संग भवन में भारत सरकार के खेल एवं युवा कार्यक्रम मामले, गृह मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित 11 वें आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपस्थित युवाओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवाओं ने अवश्य ही हरियाणा की संस्कृति के बारे में सीखा है तथा पंचकूला व आसपास के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण भी किया है। यह कार्यक्रम मनसादेवी में दूसरी बार आयोजित किया गया है और युवाओं को इसका भूरपूर लाभ मिला है।

  उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में खेल नीति लागू की है और युवाओं के कल्याण के लिए अनेक स्कीमें भी लागू की है जिनका युवाओं को भरपूर लाभ मिल रहा है। सरकार की ओर से खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करोड़ों रूपए की नकद राशि भी प्रदान की जा रही है। इस  प्रकार हरियाणा खेलों के मामले में अग्रणीय राज्य बन रहा है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा नेे युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि जो भी इस सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर मे उन्होंने सीखा है और उन्हे जो अच्छा लगा है उनको अपने अपने क्षेत्रों में जाकर अन्य लोगो से भी सांझा करें ताकि हमारे प्रदेश की संस्कृति अन्य क्षेत्रों में भी जानकर वहां के लोग राष्ट्र की एकता ओर अखण्डता को भी मजबूतकर सके। कार्यक्रम मंे विभिन्न क्षेत्रों से आए युवाओं ने संबधित संस्कृति में पारम्परिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुती भी दी।

  उपायुक्त ने वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रथम रही बिहार की वनिता को 20 हजार रुपए, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली बिहार की सनोज को 15 हजार रुपए तथा उडीसा के सोगबेसवाल को तीसरा स्थान पाने पर 5 हजार रुपए की नकद राशि प्रदान कर सम्मानित किया। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम में तेलंगना प्रथम, महाराष्ट्र द्वितीय तथा बिहार तृतीय स्थान पर रहने उन्हें भी नकद राशि देकर पुरस्कृत किया। गायन कार्यक्रम में बिहार की वनिता  प्रथम, महाराष्ट्र की बबीता द्वितीय तथा उड़ीसा की मारिया ने तीसरा स्थान पाया। इसी प्रकार लड़कों की गायन प्रतियोगिता में सुनील कुमार ने प्रथम, सुजीत ने द्वितीय तथा नैंनदी ने तृतीय स्थान पाया। इस अवसर पर नेहरू युवा केन्द्र के समन्वयक डा. जी एस बाजवा ने भी शिविर में उपस्थित होने पर सभी राज्यों के युवाओं का आभार व्यक्त किया। नेहरू युवा केन्द्र की शशि बाला, करनाल से राजकुमार गौड, मोरनी से प्रदीप सिंह, अमित शर्मा, सिमरन, ललित, सरोज, जगदीप मलिक, एमडीसी सदस्य शारदा प्रजापति सहित कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। 

सरकार ने 25 जनवरी की शाम को प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भारत रत्न सम्मान से नवाजने की घोषणा की है

देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न की लिस्ट में तीन नए नाम शामिल हो चुके हैं. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, समाजसेवी नानाजी देशमुख और संगीतकार/गायक भूपेन हजारिका को भारत रत्न से नवाजने का एलान किया गया. प्रणब मुखर्जी जहां बंगाल से ताल्लुक रखते हैं, वहीं स्वर्गीय भूपेन हजारिका को असम की शान माना जाता है, जबकि स्वर्गीय नानाजी देशमुख की पहचान संघ के बड़े और जमीनी नेता के तौर पर की जाती है.

दरअसल इन तीनों विभूतियों को भारत रत्न देकर मोदी सरकार ने पश्चिम बंगाल और असम के लोगों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भी खुश करने की कोशिश की है. जाहिर है कि बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में बंगाल और असम की जनता के भरपूर समर्थन के साथ संघ के मार्गदर्शन और मदद की सख्त दरकार है, ताकि नतीजों को अपने पक्ष में किया जा सके.

लगभग सभी सरकारें पुरस्कारों के जरिए सियासी समीकरण साधती हैं

वैसे अगर कोई यह सोचता है कि, भारत रत्न और पद्म पुरस्कार केवल योग्यता और उपलब्धियों के आधार पर दिए जाते हैं, तो यकीनन वह शख्स बहुत मासूम है. इतिहास गवाह है कि, लगभग सभी सरकारें पुरस्कारों के जरिए सियासी समीकरण साधती आई हैं. ज्यादातर पुरस्कार कोई न कोई राजनीतिक संकेत दे ही देते हैं. देश को मिले तीन नए भारत रत्न का मामला भी इससे परे नजर नहीं आता है. इस साल अपने तीन पसंदीदा लोगों को भारत रत्न से सम्मानित कर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सीधा राजनीतिक संकेत देने की कोशिश की है. हालांकि कई लोग इस बात पर बहस कर सकते हैं कि, भारत रत्न के एलान के पीछे सरकार का कोई वास्तविक राजनीतिक उद्देश्य है भी या नहीं. लेकिन ज्यादातर लोगों को सरकार के इस फैसले में सिर्फ राजनीति ही नजर आ रही है.

संकेतों से पता चलता है कि, धीरे-धीरे लेकिन पक्के तौर पर देश का इतिहास खुद को दोहरा रहा है. अतीत में दबाए-कुचले गए ‘विचार’ अब सामने आ रहे हैं. स्वच्छ, शुद्ध और परिष्कृत भारत का विचार एक विशेष वंश परंपरा या संगठन की ओर से स्थापित करने के प्रयास हो रहे हैं. यह एक धीमा, स्थिर और कभी न पलटने वाला बदलाव है, जो राजनीतिक सत्ता परिवर्तन होने पर भी रुकने वाला नहीं है.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एक विशुद्ध कांग्रेसी और नेहरूवादी समाजवादी रहे हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिए जाने का फैसला, देश की दलगत राजनीति और सियासी छुआछूत की दीवार को गिराता नजर आता है. वहीं यह भी लगता है कि, मोदी सरकार का मकसद कांग्रेस के उन दिग्गज नेताओं की पहचान करना है, जो कभी वंशवाद के पक्ष में नहीं रहे. ऐसे में भारत रत्न के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी नरसिम्हा राव एक बेहतर विकल्प हो सकते थे.

प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न प्रदान कर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की  

प्रणब मुखर्जी की प्रोफाइल और राजनीतिक रिकॉर्ड बेजोड़ रहे हैं. लेकिन यह भी तथ्य है कि, कांग्रेस पार्टी ने उन्हें हमेशा एक अपरिहार्य असुविधाजनक व्यक्ति माना. लिहाजा मोदी सरकार ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न प्रदान कर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है. पांच दशकों तक कांग्रेस के कर्मठ सिपाही रहे प्रणब मुखर्जी को दो बार प्रधानमंत्री बनते-बनते चूक गए. दोनों बार कांग्रेस की वंशवादी परंपरा ने उन्हें पीएम की कुर्सी पर बैठने से रोक दिया. हालांकि दोनों अवसरों पर वह ही सबसे वरिष्ठ नेता और सबसे योग्य उम्मीदवार थे.

प्रणब बाबू का कांग्रेस और सत्ता के केंद्रों के साथ लंबा जुड़ाव रहा है, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उम्मीद थी कि, वो ही देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे. लेकिन तब उनकी जगह राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने और वंशवाद का विरोध करने के चलते प्रणब मुखर्जी को पार्टी छोड़नी पड़ी. जिसके बाद प्रणब दा ने राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस नाम की पार्टी की स्थापना की, जो साल 1989 में राजीव के नेतृत्व वाली कांग्रेस में विलय हो गई. इस विलय के बाद कांग्रेस में प्रणब मुखर्जी की पुरानी हैसियत फिर से बहाल हुई थी.

प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के एलान के बाद राजीव गांधी की जीवनी लिखने वाले मशहूर लेखक मिन्हाज मर्चेंट ने ट्विटर पर लिखा, ‘श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या की खबर सुनने के बाद प्रणब मुखर्जी 31 अक्टूबर, 1984 को कलकत्ता-दिल्ली की विशेष फ्लाइट पर सवार हुए. उनके सहयात्री कौन थे? राजीव गांधी और अन्य कांग्रेस नेता. पूरी उड़ान के दौरान प्रणब दा अकेले बैठे रहे, बतौर वरिष्ठतम कांग्रेसी नेता उम्मीद थी कि पीएम के पद पर उन्हें ही नियुक्त किया जाएगा. आगे का सब इतिहास है.’

Minhaz Merchant✔@MinhazMerchant

Pranab Mukherjee boarded special Calcutta-Delhi flight on Oct 31, 1984 after hearing about Mrs Gandhi’s assassination. Co-passengers? Rajiv Gandhi & other Cong leaders. Throughout flight Pranabda sat alone, expecting as seniormost Cong leader to be appointed PM. Rest is history.2,66410:28 PM – Jan 25, 2019

मनमोहन सिंह पर भरोसा कर प्रणब मुखर्जी को दरकिनार कर दिया

प्रणब मुखर्जी को प्रधानमंत्री बनने का दूसरा मौका साल 2004 में मिला था. उस समय संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए को हराकर सत्ता में आया था. लेकिन तब सोनिया गांधी ने डॉ. मनमोहन सिंह जैसे एक टेक्नोक्रेट पर भरोसा कर के मुखर्जी को दरकिनार कर दिया था. मनमोहन सिंह अनुभव और वरिष्ठता के मामले में प्रणब मुखर्जी से काफी पीछे थे. साल 1982 में महज 47 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी भारत के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने थे. बाद में उन्होंने वित्त मंत्रालय को एक बार और संभाला. इसके अलावा वो देश के रक्षा और विदेश मंत्री भी रह चुके हैं.

हालांकि वक्त के साथ प्रणब मुखर्जी गांधी परिवार के काफी करीबी भी बने, लेकिन दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी हमेशा महसूस की गई. ऐसा कहा जाता है कि, प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद के लिए भी सोनिया गांधी की पहली पसंद नहीं थे. यूपीए चेयरपर्सन सोनिया तब स्पष्ट रूप से हामिद अंसारी को राष्ट्रपति बनाए जाने के पक्ष में थीं, लेकिन अंतत: परिस्थितियों के दबाव में उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा था.

प्रणब मुखर्जी को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित कर के मोदी सरकार ने एक साथ कई संदेश दिए हैं. पहला यह कि, प्रणब जैसे कांग्रेसी नेता को भारत रत्न देकर बीजेपी ने अपनी निष्पक्षता को दर्शाने की कोशिश की है. बीजेपी ने यह जताने का प्रयास किया है कि, कांग्रेस ने भले ही अटल बिहारी वाजपेयी जैसे विपक्षी नेता को वह सम्मान न दिया हो, जिसके वो हकदार थे, लेकिन बीजेपी देश के लिए योगदान देने वाले सभी नेताओं को बराबरी की नजर से देखती है.

मोदी सरकार ने अपने फैसले के बहाने कांग्रेस के भीतर की गुटबाजी और पार्टी में गांधी परिवार के दबदबे को भी उजागर करने की कोशिश की है. इंदिरा गांधी की हत्या के साथ बाद गांधी परिवार से संबंध बिगाड़ने वाले नेता को पुरस्कार देकर मोदी सरकार ने कांग्रेस में बागी सुर रखने वालों को सब्जबाग भी दिखाने की कोशिश की है. मोदी सरकार अपने फैसले से यह भी साबित करना चाहती है कि, कांग्रेस में योग्यता का नहीं बल्कि वंश विशेष का बोलबाला है, वहीं बीजेपी में किसी व्यक्ति को पद और सम्मान उसकी काबिलियत और योगदान के आधार पर दिए जाते हैं.

प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने के पीछे RSS मुख्यालय का दौरा हो सकता है

पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने की एक वजह उनका वर्ष 2018 में आरएसएस मुख्यालय का किया गया दौरा भी हो सकता है. दरअसल आरएसएस के एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने के लिए प्रणब नागपुर गए थे, जिसके चलते उन्हें कांग्रेस नेतृत्व की तगड़ी नाराजगी झेलना पड़ी थी. लेकिन प्रणब बाबू को मिले भारत रत्न का महत्व बीजेपी-कांग्रेस की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से कहीं ज्यादा है. लोकसभा चुनाव काफी नजदीक है. ऐसे में बीजेपी हर हाल में पूर्वी भारत में भारी बढ़त हासिल करना चाहती है, ताकि हिंदी भाषी क्षेत्र (उत्तर भारत) में होने वाले अपेक्षित नुकसान की भरपाई कर सके. लिहाजा बीरभूम के रहने वाले बंगाली भद्रलोक (बंगाली सज्जन) को पुरस्कार थमाकर मोदी सरकार ने बंगाली समुदाय को लुभाने का प्रयास किया है. बीजेपी को उम्मीद है कि, आने वाले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन में प्रणब दा का पुरस्कार कारगार साबित हो सकता है. इसके अलावा बीजेपी ने अपनी चाल के जरिए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी घेरने की कोशिश की है.

दिलचस्प बात यह है कि, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने अभी तक भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बधाई नहीं दी है. हालांकि इसे सभी बंगालियों के लिए गर्व का पल माना जा रहा है. ममता ने हाल ही में क्षेत्रीय गौरव और बंगाल की सांस्कृतिक पहचान पर जोर देना शुरू किया है. ममता ने संभवत: यह रणनीति बीजेपी की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए बनाई है, क्योंकि बंगाल में बीजेपी को ‘उत्तर भारतीय पार्टी’ के रूप में देखा जाता है. लगता है कि, ममता की इसी रणनीति की काट के लिए बीजेपी ने प्रणब दा को भारत रत्न से नवाजा है. लिहाजा बंगाली कौमपरस्ती और संस्कृति की झंडाबरदार बनीं ममता ने ‘भद्रलोक’ के प्रतीक कहे जाने वाले प्रणब दा को पुरस्कार मिलने पर बधाई देने के बजाए अब तक अपनी जुबान बंद रखी है. दरअसल ममता बनर्जी अपने किसी बयान से यह जाहिर नहीं करना चाहती हैं कि, उन्हें इस वक्त किन राजनीतिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

भूपेन हजारिका के बहाने असम की जनता को साधने की कोशिश की है 

भारत रत्न पुरस्कार के एलान में निहित मोदी सरकार का यह संकेत दो अन्य पुरस्कार विजेताओं के मामले में भी देखा जा सकता है. गायक भूपेन हजारिका को मरणोपरांत भारत रत्न देकर सरकार ने न सिर्फ उनकी प्रतिभा और योगदान को सराहा है, बल्कि असम की जनता को भी साधने की कोशिश की है. दरअसल नागरिकता संशोधन विधेयक (एनआरसी बिल) को लेकर असम की जनता सरकार से खासी नाराज है. लिहाजा भूपेन हजारिका को भारत रत्न देकर केंद्र सरकार ने असम के लोगों की नाराजगी को कुछ हद तक कम करने का प्रयास किया है. इसी तरह, नानाजी देशमुख को मरणोपरांत भरत रत्न से सम्मानित कर के मोदी सरकार ने आरएसएस के कोर बेस को खुश करने की कोशिश की है. दरअसल संघ समर्थकों के बीच नानाजी देशमुख बेहद लोकप्रिय हैं. ज्यादातर संघ कार्यकर्ता नानाजी को अपना आदर्श मानते हैं. यह भी तथ्य है कि, सामाजिक कार्यों, ग्रामीण विकास और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए स्वर्गीय नानाजी देशमुख को अबतक वह उचित सम्मान नहीं मिला था जिसके वह हकदार थे.

नानाजी देशमुख को भारत रत्न दिए जाने के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘ग्रामीण विकास के लिए नानाजी देशमुख के महत्वपूर्ण योगदान ने गांवों में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाने की कोशिशों को सही दिशा दिखाकर नया प्रतिमान (मिसाल) स्थापित किया. उन्होंने दलितों के प्रति हमेशा विनम्रता, करुणा और सेवा का परिचय दिया. वह सच्चे अर्थों में भारत रत्न हैं!’

Narendra Modi✔@narendramodi Nanaji Deshmukh’s stellar contribution towards rural development showed the way for a new paradigm of empowering those living in our villages.
He personifies humility, compassion and service to the downtrodden. He is a Bharat Ratna in the truest sense!22.9K8:32 PM – Jan 25, 2019

शिक्षाविद् क्रिस्टोफ जेफरलोट ने अपनी किताब ‘रेलीजन, कास्ट एंड पॉलिटिक्स ऑफ इंडिया’ में नानाजी देशमुख को ‘असाधारण तौर पर गतिशील प्रचारक’ कहा है, जिन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर स्कूलों के माध्यम से ग्रामीण भारत में शैक्षिक आंदोलन शुरू किया था.

यकीनन पुरस्कार कई मायने में बहुत राजनीतिक महत्व रखते हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि, क्या भारत रत्न के लिए तीन नई विभूतियों के नाम का एलान बीजेपी के लिए लाभकारी साबित होगा. यहां तक कि, सबसे अच्छे चुनाव विश्लेषक (सैफोलॉजिस्ट) या राजनीतिक वैज्ञानिक भी पक्के तौर पर यह नहीं बता सकते हैं कि, देश की जनता क्षेत्रीय गर्व और अस्मिता जैसे रोजमर्रा के साधारण आवेगों और अमूर्त विचारों के आधार पर वोट देती है या नहीं.

प्रधानमंत्री नरिन्द्र मोदी के कार्यकाल में भारत ने विश्व की सबसे बडी अर्थव्यवस्था वाले देश चीन कोे पछाडते हुए नम्बर वन का खिताब हासिल किया: रतन लाल कटारिया

पंचकूला, (कमल कलसी)

अम्बाला के सांसद रतन लाल कटारिया व पंचकूला के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में भारत ने विश्व की सबसे बडी अर्थव्यवस्था वाले देश चीन कोे पछाडते हुए नम्बर वन का खिताब हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि 28 साल से लगातार चीन का सकल घरेलू उत्पाद 6.6 से गिरकर नीचे आ गया है और भारत की अर्थव्यवस्था का जीडीपी 7.5 की गति से आगे बढ रहा है।
सांसद कटारिया व विधायक गुप्ता सैक्टर 2 स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में भारतीय संविधान में कोई बदलाव नहीं किया गया बल्कि विरोधी व मौका प्ररस्त दल आरक्षण खत्म करने व संविधान बदलने का घिनौना प्रचार कर रहे है। भाजपा के 13 साल के कार्यकाल में संविधान पर कोई आंच नहीं आई न ही बदलाव किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि अम्बेडकर द्वारा रचित संविधान के अनुसार ही मोदी सरकार चलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा निगम चुनाव जीतने के बाद जींद के उपचुनाव में भी अन्य सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त करवाएगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में एक लाख 66 हजार करोड रुपए की राशि सड़कों के निर्माण पर व्यय की गई है जबकि युपीए के शासनकाल में 32 हजार 484 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 134 किलोमीटर लम्बाई सड़कों का कार्य प्रतिदिन किया गया जबकि युपीए के शासनकाल में केवल 69 किलोमीटर सड़के बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 तक देश के 55 प्रतिशत गांव ही सड़कों से जुडे थे जबकि भाजपा सरकार ने 91 प्रतिशत गांवों को सड़कें पहुंचाने का कार्य किया है। इसी प्रकार आयुष्मान भारत योजना के तहत सितम्बर 2018 से अब तक 7.50 लाख लोगों ने लाभान्वित हुए है। इस योजना के सही क्रियान्वयन के लिए देश में 4 हजार जन औषधीय केन्द्र खोले जा रहे है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री बिजली शौभाग्य योजना के 13 लाख लोगों को बिजली के कनैक्शन मुहैया करवाए है।
सांसद एवं विधायक ने कहा कि अनुसूचित समाज की जनभावनाओं के मध्येजनर संविधान निर्माता डा. भीम राव अम्बेडकर के अतुल्य योगदान के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 5 स्थानों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इनमें बाबा साहेब26 अलीपुर रोड पर कानून मंत्री के दौरान रहे, चेतन्य भूमि दादर मुम्बई में अंतिम संस्कार, नागपुर दीक्षा भूमि नागपुर में बौद्व ग्रहण किया,15 जनपद रोड़ अंतर्राष्ट्रीय शौध केन्द्र जन्म स्थान महु शामिल है। इसके अलावा अनुसूचित जाति के युवाओं की छात्रवृति दोगुनी करने का कार्य किया तथा अत्याचार निवारण अधिनियम में परिवर्तन किया।
उन्होंने कहा कि लोकसभा क्षेत्र अम्बाला में 3136 करोड़ रुपए की राशि सड़कों के निर्माण पर व्यय की गई जिसमें अम्बाला-कैथल, पचंकूला-यमुनानगर राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल है। इन सड़कों का 80 प्रतिशत भाग पूरा होने के कगार पर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के विधायकों के साथ संासद, विधायक ज्ञानचंद गुप्ता व लतिका शर्मा ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर सूरजपुर बदी नालागढ के सड़क मार्ग में आने वाली रूकावट को दूर करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि आयुष का एआईएमएस, निफ्ट, नारायणगढ में बागवानी युनिवर्सिटी का केन्द्र, अम्बाला में कैंसर अस्पताल लाने का कार्य किया और संसद में शत प्रतिशत हाजिरी सुनिश्चित करके जनता के हकों की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में मिलने वाले 25 करोड रुपए के विरूद्ध 30 करोड रुपए के एस्टीमेट भेजे गए है। इसके अलावा मुख्यमंत्री को भी 30 करोड रुपए की राशि के एस्टीमेट भेजे गए है। इस प्रकार क्षेत्र के हल्कों व 840 गांवों विकास कार्यो की बहार लगाई है।
इस अवसर पर भाजपा प्रधान दीपक शर्मा, महामंत्री हरेन्द्र मलिक, पूर्व जिला प्रधान विशाल सेठ, प्रदेश मीडिया प्रभारी वीरेन्द्र गर्ग, जिला मीडिया प्रभारी नवीन गर्ग सहित पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे।

गणतन्त्र की दिवस तैयारियां जोरों पर-जगदीप ढांडा

पंचकूला 21 जनवरी:

  अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा की अध्यक्षता में सैक्टर 5 स्थित परेड ग्राउण्ड में राज्य स्तरीय गणतन्त्र दिवस की तैयारियों को लेकर सांस्कृति रिहर्सल का आयोजन किया गया। इसके अलावा परेड की टुकड़ियों ने भी पूर्वाभ्यास किया।

  अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने वाली टीमों का अवलोकन किया और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। इसलिए सभी टीमें गणतऩ्त्र दिवस पर मनमोहक एवं रंगारंग कार्यक्रमों का बेहतर प्रदर्शन करें, जिसमें देशभक्ति से ओतप्रोत गीतों के साथ साथ हरियाणवी, राजस्थानी, पंजाबी संस्कृति का भी समावेश हो। उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिए कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन करते समय सभी कलाकार का सुर लय एवं ताल का विशेष ध्यान रखें।  परेड ग्राउण्ड में डीएवी  पब्लिक स्कूल सैक्टर 8, डीसी माॅडल स्कूल, सैक्टर 7, शिशु निकेतन स्कूल, जैनेन्द्रा पब्लिक स्कूल, गुरूकुल सैक्टर 20, होली चाईल्ड स्कूल, भवन विद्यालय तथा राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सैक्टर 15 की टीमों ने ग्रंुप सांग, एक्शन सांग, हरियाणवी सांग, राजस्थानी व भंगडे पर संास्कृतिक पूर्वाभ्यास किया।

रिहर्सल में स्कूली बच्चों ने डम्बल व पीटी शो का भी अभ्यास किया। इसके साथ ही पुलिस, एनसीसी की प्लाटूनों ने भी रिहर्सल की।  इस अवसर पर जिला राजस्व अधिकारी धीरज चहल, जिला शिक्षा अधिकारी एच एस सैनी सहित विभिन्न स्कूलों के शिक्षक एवं शिक्षा विभाग के कई अधिकारी, पुलिस अधिकारियों के साथ साथ विभिन्न स्कूलांे के छा़त्र मौजूद रहे। 

आतंकवाद के खिलाफ मुहीम छेड़ने पर वीरेश शांडिल्य को अभिनेता सुनील शेट्टी ने किया ब्रेव मैंन अवार्ड से सम्मानित

फोटो और ख़बर: राजकुमार
पंचकुला 20/01/19

देश में पहली दिल्ली से कश्मीर तक आतंकवाद विरोधी रथयात्रा निकालने पर भी अभिनेता सुनील शेट्टी ने की शांडिल्य की सराहना

मातृशक्ति फाउंडेशन की संस्थापक बाला शर्मा बोली – देश में आतंकवाद के खिलाफ जांबाजी से लड़ाई लड़ रहे है एटीएफआई प्रमुख शांडिल्य

देश में आतंकवाद के खिलाफ जोरदार मुहीम छेड़ने पर व देश में पहली बार दिल्ली से कश्मीर तक आतंकवाद विरोधी रथयात्रा निकालने पर आज दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री हिन्दू तख़्त के राष्ट्रीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य को ब्रेव-मैन आवार्ड देकर सम्मानित किया गया l शांडिल्य को यह अवार्ड मातृशक्ति फाउंडेशन की संस्थापक श्रीमति बाला शर्मा व विक्की शर्मा द्वारा आयोजित सहभागिता समारोह में दिया गया l

इस दौरान शांडिल्य ने दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों से आये विभूतियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी उनकी मौत आए तो वह देश की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए बम-गोलियों से आए। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वह हमेशा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे l अभिनेता सुनील शेट्टी ने वीरेश शांडिल्य की पीठ थपथपाते हुए पहली बार देश में आतंकवाद विरोधी रथयात्रा निकालने पर उनकी सराहना की और कहा की जहाँ भी उनके एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया को उनकी जरूरत पड़ेगी वह हमेशा उनका साथ देंगे और शेट्टी ने कहा की आज शांडिल्य जैसे देशभक्तों की देश को जरूरत है ताकि देशवासी आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूक हो सकें l वही शांडिल्य ने दिल्ली से एलान किया कि वह जल्द दिल्ली संसद भवन से कश्मीर लाल चौंक तक दूसरी बार आतंकवाद विरोधी रथयात्रा निकालेंगे जिसके माध्यम से पूरे देश में आतंकवाद के खिलाफ युवाओं को उनकी मुहिम में जोड़ा जाएगा l

वही मातृशक्ति फाउंडेशन की संस्थापक बाला शर्मा ने कहा देश में आतंकवाद के खिलाफ वीरेश शांडिल्य जांबाजी से बेख़ौफ़ होकर लड़ाई लड़ रहे है जो देश के लिए गर्व व गौरव की बात है l इस अवसर पर हरियाणा के प्रधान कुलवंत सिंह मानकपुर,फ्रंट के राष्ट्रीय सचिव मनोज सुन्द्रियाल,राष्ट्रीय प्रभारी ललित मोहन पाण्डेय,दिल्ली के प्रभारी मदन भारद्वाज,पंजाब के प्रधान लखविन्द्र सिंह साधापुर,प्रदेश महासचिव विकास ग्रोवर,सुरेश शर्मा समेत कई फ्रंट सदस्य मौजूद थे l

‘‘जब बहनजी ने उन्हें छोड़ दिया, तब यह स्वभाविक है कि वह दीदी (ममता) को याद करेंगे.’’ स्मृति ईरानी

‘‘विपक्षी दल बार – बार कह रहे हैं कि वे बीजेपी से अकेले नहीं लड़ सकते और इससे उनकी नाकामी उजागर होती है.’
मोदी ने अक्सर ही इस बात पर जोर दिया है कि देश को एक मजबूत सरकार चाहिए, ना कि एक मजबूर सरकार. 

नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की विपक्षी दलों की रैली का समर्थन करने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर शुक्रवार को बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि यह स्वभाविक है कि ‘बहनजी’ के छोड़ने के बाद वह ‘दीदी’ को याद करेंगे. 

कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड मैदान में आज बीजेपी के खिलाफ होने वाली इस रैली में 20 से अधिक विपक्षी दलों के नेताओं के शरीक होने की उम्मीद है. बीजेपी की इस टिप्पणी में संभवत: बहनजी का जिक्र बसपा प्रमुख मायावती और दीदी का जिक्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए किया गया है.

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रैली से भगवा पार्टियों के प्रतिद्वंद्वियों के बारे में यह खुलासा होता है कि वे अपने बूते मुकाबला नहीं कर सकते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या ममता को राहुल के समर्थन पत्र से विपक्ष की मजबूती प्रदर्शित होती है, स्मृति ने जवाब दिया, ‘‘जब बहनजी ने उन्हें छोड़ दिया, तब यह स्वभाविक है कि वह दीदी (ममता) को याद करेंगे.’’ 

उन्होंने उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के हाल ही में गठबंधन की घोषणा किए जाने की ओर संभवत: इशारा करते हुए यह कहा. दरअसल, उप्र में दोनों दलों (सपा और बसपा) ने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया है. केंद्रीय मंत्री ने भरोसा जताया कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने (मोदी ने) अक्सर ही इस बात पर जोर दिया है कि देश को एक मजबूत सरकार चाहिए, ना कि एक मजबूर सरकार. 

उन्होंने रैली का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘विपक्षी दल बार – बार कह रहे हैं कि वे बीजेपी से अकेले नहीं लड़ सकते और इससे उनकी नाकामी उजागर होती है.’

आज का राशिफल

Aries

19 जनवरी 2019: आज आप अपने आजीविका के क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए तैयार जरूर होगे। किन्तु सफलता हेतु आपको और मेहतन करनी होगी। वैसे आप किसी रोजगार परक कामों में लगना चाहेंगे। किन्तु घर में रूकावटों के चलते आपको चिंताएं होगी। स्वास्थ्य में गुप्तांगों की पीड़ाएं उभर सकती हैं, जिससे आप परेशान होगे।

Taurus

19 जनवरी 2019: आज आप अपने काम-काजी जीवन में अधिक बढ़त लाने के लिए तत्पर होगे। जिसमें कुछ हद तक आपको कामयाबी होगी। किन्तु गृहस्थ जीवन में आपकी अपेक्षा और अधिक बढ़ी होगी। जिन्हें लेकर आप परेशान होगे। स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन अनुकूल होगा। जिससे आपके काम-काज नहीं रूकने वाले हैं।

Gemini

19 जनवरी 2019: आज आप अपने किसी करीबी रिश्तेदार से मिलने के लिए जाएंगे। इस दौरान आप उनसे अपसी हितों के बारे मे कुछ बात-चीत करना चाहेंगे। किन्तु उनका कोई खास सहयोग नहीं होने से आप उदास हो सकते हैं। स्वास्थ्य के मामलों में आज चिंताएं हो सकती है। जिसके लिए आपको कुछ परहेज करना पड़ सकता है।

Cancer

19 जनवरी 2019: आज आप अपने भौतिक सुखों को बढ़ाने के लिए अधिक तत्पर होगे। किन्तु इस तत्परता में आप कुछ न कुछ जरूर अपने कामों को बना लेगे। आज आप किसी रोजगार परक विषयों में अपना नामांकन कराना चाहेंगे। जिससे कुछ कैरियर में सहयोग प्राप्त हो। आज प्रेम संबंधों में पहले से अधिक मधुरता होगी।

Leo

19 जनवरी 2019: व्यवसाय को आगे बढ़ाने की स्थिति आज और स्पष्ट होगी। जिससे कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति को भी हरी झंड़ी देगे। स्वास्थ्य पहले से अच्छा व खिला हुआ होगा। आप अपने अनुभवों के आधार पर आज कई कामों में पूरा करने में सफल होगे। प्रेम संबंधों में अधिक बढ़त की स्थिति होगी। किन्तु खर्च अधिक होगे।

Virgo

19 जनवरी 2019: रोजगार प्राप्त करने के लिए आज आप कुछ स्थानों की यात्रा में जाने के लिए तैयार होगे। आज आपका भाग्यप्रबल है। जिससे आप अपने लक्ष्य को भेदने में पूरा प्रयास करते होगे। और आपके यह प्रयास सफल भी होगे। स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन ज्यादा ठीक नहीं होगा। जिससे आपको कुछ इलाज लेना पड़ सकता है।

Libra

19 जनवरी 2019: भूमि की खरीद के लिए आज आप कुछ लोगों से जरूरी जानकारी अपने स्तर पर जुटाने में लगे होगे। भले ही आपको कुछ भाग-दौड़ करना पड़े किन्तु आप सही व पुख्ता काम करने के पक्ष होगे। वैसे आज आपके व्यय की स्थिति और तेज होगी। स्वास्थ्य में पीड़ाएं उभर सकती है। जिससे आपको कुछ परहेज करना होगा।

Scorpio

19 जनवरी 2019: सेहत के लिहाज से आज का दिन अनुकूलता देने वाला होगा। जिससे आप अपने कामों को पहले की भांति सक्रिय रूप से करते होगे। व्यवसाय को और आगे बढ़ाने की आपकी सोच होगी। किन्तु उसे अमल में लाने में अभी और समय देना होगा। सेहत सुखद होगी। भौतिक सुख के साधनों को जुटाने में थोड़ा परेशान होगे।

Sagittarius

19 जनवरी 2019: बाहरी लोगों के साथ अपने सम्पर्क को और तेज करते हुए आगे निकलने के लिए तैयार होगे। आज आप कुछ धन खर्च को कम करने की चाहत में होगे। किन्तु इस काम में आपको आज कोई साख सफलता नहीं होगी। निजी संबंधों की मधुरता को आप और बढ़ाने के लिए तैयार होगे। स्वास्थ्य में पीड़ाएं उभर सकती हैं।

Capricorn

19 जनवरी 2019: आज आप अपने भौतिक सुख के साधनों को जुटाने के लिए पूरी तरह कोशिश में लगे होगे। जिसमें कुछ सफलता होगी। आय के स्रोतों से आज आपको अधिक लाभ प्राप्त होगा। जिससे मन में प्रसन्नता होगी। प्रेम संबंधों में कुछ रूकावटे होगी। जो आने वाले समय में समाप्त होगी। घर में तालमेल बिठाने की चुनौती होगी।

Aquarius

19 जनवरी 2019: अपनों के साथ आज आप अधिक निकटता को बढ़ाने के लिए सोचेंगे। जिससे परिवार के साथ समांजस्य की स्थिति बन सके। इस कार्य में आपको अधिक कामयाबी होगी। अपने कामों को तय समय में पूरा करने के लिए आप कुछ लोगों से सहयोग लेना चाहेंगे। प्रेम संबंधों की दृष्टि से आज समय अच्छा होगा।

Pisces

19 जनवरी 2019: आज अपने कामों को और भी कुशलता से करते हुए होगे। जिससे आपको बढ़त प्राप्त होगी। आप अपने लोगों से साथ बढ़त बनाने के लिए तैयार होगे। प्रेम संबंधों को अधिक कारगर बनाने के लिए आप कुछ अधिक तत्पर होगे। स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन कुछ परेशानी देने वाला होगा। जिससे आपको दवा खानी होगी।