Thursday, October 2

कोशिक खान यमुनानगर, डेमोक्रेटिक फ्रंट – छछरौली  : छछरौली रेस्ट हाउस में वन विभाग द्वारा पेड़ व पर्यावरण बचाओ जागरूक कैम्प का…

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Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh May 9, 2022 दयानन्द वैदिक अध्ययन पीठ   दयानन्द चेयर के अध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने मुख्यवक्ता डॉ. प्रशान्त का परिचय देते हुए बताया कि छः दर्शनों के समन्वय की पहली स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने सत्यार्थप्रकाश के तृतीय समुल्लास में की है। दयानन्द ने सृष्टि विद्या नामक विषय के छः कारणों का उल्लेख करते हुए छः दर्शनों में बडा व्यावहारिक समन्वय स्थापित किया है। डॉ. प्रशान्त आचार्य ने बताया कि भारतीय-दर्शन जैसा शब्द विदेशियों द्वारा दिया गया है। भारतीय छात्रों को विश्वविद्यालयों में जो न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, पूर्व मीमांसा एवं उत्तर मीमांसा का क्रम पढाया जाता है, वह भारतीय चेतना से मेल नहीं खाता। सत्यार्थप्रकाश में स्वामी दयानन्द ने सर्वप्रथम मीमांसा दर्शन को पढने का निर्देश किया है, उसके बाद वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग और वेदान्त। इस क्रम से पढने में पाठक को पूर्वापर ज्ञान का परिचय स्वतः हो जाता है। ऋषियों की ग्रन्थ लेखन शैली पर भी विचार विमर्श किया गया, जिसमें 50 से अधिक छात्र, शोधच्छात्र, अध्यापक आदि विद्यमान थे। इस कार्यक्रम में चण्डीगढ के विभिन्न महाविद्यालयों से जैसे सैक्टर 10 डी.ए.वी से डॉ. सुमित्र बालिया, डॉ. सुषमा अलंकार, गवर्मेन्ट कॉलेज सैक्टर 11 से डॉ. चन्दन गुप्ता, पी.यू के अंग्रेजी विभाग से डॉ. दीप्ति गुप्ता आदि अध्यापकों ने भी भाग लिया।

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उपायुक्त ने गांव गढ़ी में जल्द ही बस स्टाॅप बनवाने का दिया आश्वासन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान 18 से 45 वर्ष तक…

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पंचकूला संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 9 मई : राजकीय महाविद्यालय कालका में अर्थशास्त्र विभाग द्वारा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया ।…

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राहुल भारद्वाज, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सहारनपुर : थाना कोतवाली देहात, सहारनपुर पुलिस द्वारा लिवाइस कम्पनी की डुप्लीकेट जींस बनाने वाली फैक्ट्री का भंड़ाफोड,…

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पंचकूला संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 9 मई :   हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री भाई चन्द्रमोहन न्यूयार्क यूएसए विदेश के दौरे पर हैं…

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या…

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पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि…

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