अखिलेश अपनी नीतियों के कारण अजमगढ़ खो देंगे : ‘निरहुआ’

नई दिल्ली: 

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ के नाम से जाने जाते हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में निरहुआ भी चुनावी मैदान में हैं और बीजेपी की तरफ से उन्हें यूपी के आजमगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है. इस सीट पर निरहुआ का मुकाबला यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश सिंह यादव से होने वाला है. अब तक अपनी फिल्मी करियर में निरहुआ ने खूब नाम कमाया है और अब वह राजनीतिक गलियारों में भी अपनी पहचान बनाने निकल पड़े हैं.

पूरा आजमगढ़ यही कह रहा है

एक निजी टीवी चैनल के साथ खास बातचीत में निरहुआ ने आजमगढ़ सीट पर चर्चा करते हुए बताया, ‘अखिलेश सिंह हमारे बड़े भाई हैं, साथ ही एक बड़े नेता भी हैं, लेकिन आजमगढ़ में वह सिर्फ अपने नीतियों के कारण हारेंगे. मेरे लिए तो पूरा आजमगढ़ ही मेरा है, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लमान हो, चाहे वो कोई दलित हो या पिछड़ा हो कोई भी हो, सारे मेरे साथ हैं. पूरा आजमगढ़ कह रहा है कि भइया हमें सिर्फ आप ही चाहिए. सच के साथ जो हैं, उसके साथ सभी हैं. अगर मैं गलत राह पर होता तो मेरे साथ कोई नहीं होता.’

आजमगढ़ में चुनाव लड़ना को बताया नियती

आज तक जिसके लिए आप चुनाव प्रचार करते आए हैं और आज उन्हें के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. क्या आप उन्हें हराने की क्षमता रखते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए निरहुआ ने बताया, ‘ईश्वर को कब क्या करना है और नियती में कब क्या लिखा है वो हम लोग नहीं जानते. कहा जाता है कि एक पल में क्या से क्या हो जाएगा ये कोई नहीं जानता है और आज मैं अखिलेश सिंह के खिलाफ चुनाव में खड़ा हूं, यह उसी का उदाहरण है.’

पीएम मोदी ने जो कहा वो कर दिखाया

वहीं, पीएम मोदी के बारे में बातचीत करते हुए निरहुआ ने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी आज किसी से ये नहीं पूछने जाते हैं कि तुम अगले हो या पिछले हो, तुम मोदी हो या यादव हो. अरे भाई गरीब है तो इसको पेंशन दो, शौचालय दो… सबको दे रहे हैं, सबका साथ सबका विकास. पीएम ने जो कहा, वो करके दिखाया भी. कथनी और करनी में बाकी लोगों का तो बड़ा अंतर है. बाकी लोग तो कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं.’

यूपी में सारी सीटें बीजेपी की

निरहुआ ने कहा, ‘वे लोग कहते हैं कि हम बाबासाहेब अंबेडकर जी को मानते हैं. बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर दलितों को इकट्ठा किए और बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा कि शिक्षत बनो, संघर्ष करो और आगे बढ़ो. ये थोड़ी ही न कहा था कि शिक्षक बनो और दलितों का शोषण करो. ये (मायावती) तो शिक्षक बन गईं और शिक्षक बनने के बाद इन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल करके सबको एक साथ जुटाकर उनके हक की चीजों को आज क्या कर रही हैं, देखिए आप.’ उन्होंने अंत में कहा, ‘यूपी में सारी सीटें बीजेपी ही जीतेगी. मैं उन लोगों के विचार से बिलकुल भी सहमत नहीं हूं, जो ये सोचते हैं कि नरेंद्र मोदी जी से बेहतर प्रधानमंत्री कोई और हो सकते हैं.

नो कोममेंट्स प्लीज: ममता

उम्मीद तो नहीं तेरे आने की कभी
फिर भी न जाने क्यूँ ये दिल आस लिए बैठा है.

कम-ओ-बेश यही हालत ममता बेनर्जी की है। अप्रत्यक्ष गठबंधन और कुर्सी पीएम वाली की उम्मीद अभी बाकी है। इसीलिए तो न निगलते बनता है न उगलते बनता है। आज जब पत्रकारों ने ममता से कांग्रेस के घोषणा पत्र के बारे में पूछा तब उनकी हालत देखने वाली थी।

कोलकाता: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में वोटरों को लुभाने के लिए कांग्रेस अपना घोषणा पत्र जारी कर चुकी है. ऐसे में घोषणापत्र पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि राजनीतिक दलों को अपने-अपने घोषणापत्रों में किये गये वादों के समुचित कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. पूर्व के चुनावों में अपनी पार्टी द्वारा के किए गए वादों में से अधिकतर को पूरा करने का दावा करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि एक पार्टी का घोषणापत्र इसका ‘विजन डाक्यूमेंट’ होता है. इसलिए पार्टी की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए पार्टी को अपने वादों को पूरा करना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय में मंगलवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि, ‘‘घोषणापत्र एक पार्टी की विचारधारा को दर्शाता है इसीलिए पार्टियों को अपनी प्राथमिकताओं का ध्यान रखना चाहिए. आप पूरे घोषणापत्र को देखिये. हमने 200 से अधिक वादों को पूरा किया.’’ वहीं जब ममता बनर्जी से मंगलवार को जारी कांग्रेस के घोषणापत्र पर पूछा गया तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा कि ‘किसी भी पार्टी के घोषणापत्र पर मेरी कोई टिप्पणी नहीं है. घोषणापत्र किसी भी पार्टी का विशेषाधिकार होता है, ऐसे में मैं कांग्रेस के घोषणापत्र पर कुछ नहीं कहना चाहती. हां कुछ कहना और कुछ करना अलग बात है. सबकी अपनी प्राथमिकताएं होती हैं, लेकिन जब कोई भी पार्टी जनता से कोई वादा करती है तो उन्हें उसे पूरा करना चाहिए.’

शीला की कीमत पर गठबंधन होगा??

आम आदमी पार्टी से गठबंधन की बैठक को शीला दीक्षित बीच ही में छोड़ कर क्यों चलीं गईं थीं, कांग्रेस आज सार दिन इस सवाल से बचती नज़र आई। केजरीवाल के शीला दीक्षित को महत्वपूर्ण नेता न मानने पर भी कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। शाम होते होते 4/3 के फार्मूले पर कयास लगने लग पड़े। लगा की बात तकरीबन बन चुकी है। पूछे जाने पर भी कोई ठीक उत्तर नहीं मिला।

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के बारे में सवाल को टालते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूरे देश में गठबंधनों को लेकर उनकी पार्टी का रुख लचीला है.

राहुल गांधी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन के सवाल पर सीधे उत्तर नहीं देते हुए कहा,‘इस पर कोई असमंजस नहीं है. स्थिति बहुत स्पष्ट है. देश भर में हमने गठबंधन किए हैं. हमारे दरवाजे गठबंधन के लिए खुले हुए हैं. इस मुद्दे पर हमारा रुख लचीला है.’

राहुल ने की शीला दीक्षित और पीसी चाको के साथ बैठक 
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को सुबह पार्टी की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष शीला दीक्षित और राज्य के पार्टी प्रभारी पीसी चाको के साथ एक बैठक की. गौरतलब है कि आप के साथ गठबंधन को लेकर अब तक दिल्ली कांग्रेस के नेताओं में भिन्न भिन्न राय सामने आई है.

पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक के दौरान डीपीसीसी अध्यक्ष शीला दीक्षित और तीनों कार्यकारी अध्यक्षों राजेश लिलोठिया, देवेंद्र यादव और हारून यूसुफ तथा पूर्व अध्यक्ष जेपी अग्रवाल ने गठबंधन का विरोध किया तो अजय माकन, सुभाष चोपड़ा, अरविंदर सिंह लवली तथा कुछ अन्य नेताओं ने तालमेल के पक्ष में राय जाहिर की. दिल्ली में सभी सात सीटों के लिए 12 मई को वोट डाले जाएंगे. 23 मई को मतगणना होगी.

हालांकि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए नयी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है. ‘आप’ प्रमुख ने कहा था कि उन्होंने हाल ही में राहुल गांधी से मुलाकात की थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘आप के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.’ 

दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित के उनसे संपर्क ना करने के बयान पर केजरीवाल ने कहा, ‘हमने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. दीक्षित इतनी महत्वपूर्ण नेता नहीं हैं.’ केजरीवाल लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए लगातार कांग्रेस से गठबंधन करने की अपील कर रहे हैं.

कांग्रेस के सभी फेस बूक पेजों के साथ पाकिस्तान के 103 पेजों की भूमिका के चलते उन्हे डिलीट किया गया: फेसबूक

सोश्ल मीडिया का इस्तेमाल जानकारी के आदान प्रादान के लिए किया जाता है। इस मीडियमसे लोगों के फासले खत्म हसे हो गए हैं, शारीरिक रूप से दूर भी अभूत सहजता से स्व्यम को आपके पास पाता है और उस दूरी का एहसास खत्म हो जाता है। लोग इस माध्यम से मिली जानकारी को भी बहुत ही संजीदगी से लेते हैं, खास कर युवा वर्ग। जब यहीं पर प्रचार सामग्री मिल रही हो तो राजनाइटिक दल भी इसका भरपूर इस्तेमाल करते हैं। राजनाइटिक विद्वेष यहाँ प्रचार कम अपितु दुष्प्रचार अधिक करते हैं। कोई अचरज नहीं जब पाकिस्तान भी भारत के लोकसभा चुनावों में दल विशेष की मदद कर रहा हो। फस बुक के अनुसार उन्होने कांग्रेस संबन्धित तमाम पेज डिलीट कर दिये हैं परंतु आश्चर्य यह है की इन्हीं पेजिस के साथ साथ पाकिस्तान सेन के 103 पेज भी भारत चुनावों में संलिप्त थे। है तो जांच का विषय। कपिल सिब्बल ज़रूर जानना चाहेंगे की गद्दार कौन है।

  • सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि ‘अप्रमाणिक व्यवहार’ के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी से जुड़े इन पेजों को हटाया गया है
  • फेसबुक के साइबर सिक्यॉरिटी पॉलिसी के हेड नाथनेल ग्लेचियर ने कहा, ‘लोगों ने अपनी पहचान को छिपाकर यह काम करने का प्रयास किया
  • सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग से जुड़े 103 पन्नों को भी हटाने का फैसला लिया है

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के कुछ दिन पहले फेसबुक ने एक सख्त कदम उठाते हुए देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से संबंधित तमाम पेज डिलीट करने की घोषणा की है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक फेसबुक ने सोमवार को यह भी बताया है कि इसके साथ ही उसने पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों से जुड़े 103 अकाउंट भी रिमूव कर दिए हैं. सोमवार को सोशल मीडिया कंपनी ने अपने इस कदम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘अप्रमाणिक व्यवहार’ के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) से जुड़े पेजों को हटाया गया है. फेसबुक ने इसके साथ ही यह भी साफ किया है कि इन पन्नों को उनमें प्रकाशित सामग्री की बजाय उनके ‘इनअथेंटिक बिहेवियर’ यानी अप्रामाणिक जानकारी के चलते हटाया गया है.

फेक अकाउंट बना कर तमाम ग्रुप में जुड़े थे लोग
आपको बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा फेसबुक यूजर भारत में हैं जिनकी संख्या तकरीबन 30 करोड़ है. फेसबुक ने कहा है कि उसने अपनी जांच में पाया है कि पहले लोगों ने फेक अकाउंट्स बनाए और अलग-अलग ग्रुप्स से जुड़कर अपनी बातों (कंटेंट) को फैलाया और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का काम किया. फेसबुक ने कहा कि उन फेसबुक पन्नों पर लोकल न्यूज के साथ-साथ अपने विरोधी दल जैसे कि पीएम नरेंद्र मोदी के बीजेपी की आलोचना भी की जाती थी.

कांग्रेस की आईटी सेल से जुड़े थे लोग
फेसबुक के साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी के प्रमुख नथानिएल ग्लीइकर ने इस बारे में बताते हुए कहा, “लोगों ने अपनी पहचान को छिपाकर यह काम करने का प्रयास किया था, लेकिन हमने अपनी जांच में पाया कि ऐसे फेसबुक पेज कांग्रेस की आईटी सेल के लोगों से जुड़े हुए थे.” इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि इन अकाउंट्स को उनके द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट के आधार पर नहीं बल्कि उनके व्यवहार के चलते हटाया जा रहा है.

पाकिस्तान के 103 अकाउंट भी हटाए गए
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने इसके साथ ही यह भी कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग से जुड़े 103 फेसबुक पेज, ग्रुप और अकाउंट को भी हटाने का फैसला लिया है. फेसबुक के मुताबिक इनका संचालन पाकिस्तान से ही होता था और ये पाकिस्तानी सेना के अंतर-सेवा जनसंपर्क विभाग के कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहे थे.

इस वजह से उठाया गया है यह कदम
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भारत सरकार के साथ ही साथ दुनिया भर की कई अथॉरिटीज ने फेसबुक पर इस बात के लिए दबाव बनाया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए फर्जी जानकारियां फैलाने (खासकर आने वाले चुनावों के वक्त) के लिए नहीं किया जाएगा.

मिशन शक्ति पर घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक और बेइंतहा नौटंकी तथा प्रचार का तरीका है: येचूरी

जब मोदी एक राष्ट्र एक चुनाव की बात कहते हैं तो उनका आशय होता है कि प्रधानमंत्री तो राष्ट्र का होता है, परंतु वह आता एक दल विशेष से है, जिसके प्रति उस सांसद जो कि प्रधान मंत्री है कि जिम्मेदारियाँ भी होतीं हैं। वह चुनाव प्रचार में भी संलिप्त होता है। चुनाव आते ही चाहे वह लोक सभा के हों, विधान सभा के हों या फिर स्थानीय निकाय के चुनाव हों, आचार संहिता लागू होते ही कार्यप्रणाली ठप्प हो जाती है, विकास कार्य थम जाते हैं और प्रगति से संबन्धित कार्यों का प्रचार-प्रसार भी रुक जाता है। इसकी एक बानगी देखिये कि भारत आज चौथी विश्वशक्ति बन कर उभरा, आज हम सामरिक दृष्टि से अन्तरिक्ष को सुरक्शित रखने में भी सक्षम हैं, विडम्बना यह कि प्रधान मंत्री जब राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए इस उपलब्धि के बारे में बताते हैं तो विपक्ष अपने अपने कारणों से चुनाव आयोग को आचार संहिता के उल्लंघन कि शिकायत करता है, गोया कि चुनावों के दौरान भारत में सभी कार्य ठप्प होने चाइए और प्रधान मंत्री को प्रधानमंत्री नहीं रहना चाहिए।

नई दिल्ली: सीपीएम ने उपग्रह रोधी मिसाइल के सफल प्रयोग की देश को जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए जाने पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से यह बताने का आग्रह किया है कि चुनाव के दौरान इस उपलब्धि का ‘राजनीतिक लाभ’ लेने की उन्हें अनुमति क्यों मिल गई. 

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को चुनाव को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह के अभियान की देश-दुनिया को जानकारी सामान्य रूप से संबद्ध वैज्ञानिक संस्था द्वारा दी जाती है. इसके बजाय प्रधानमंत्री ने इसके लिए देश को संबोधित करने का रास्ता अपनाने था. 

‘घोषणा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन’ 
येचुरी ने प्रधानमंत्री द्वारा इस उपलब्धि को सार्वजनिक किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान जबकि प्रधानमंत्री स्वयं उम्मीदवार हैं, इस तरह की घोषणा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. उन्होंने आयोग से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री द्वारा देश को संबोधित करने की आयोग को पूर्व जानकारी दी थी. 

उन्होंने उपग्रह रोधी मिसाइल ए-सेट के सफल प्रयोग के लिये डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधायी देते हुए कहा कि भारत ने यह तकनीक 2012 में ही विकसित कर ली थी, जिसकी घोषणा तत्कालीन डीआरडीओ प्रमुख ने की थी. 

विपक्षी दलों ने पीएम पर लगाया राजनीति करने का आरोप
सीपीएम के अलावा अन्य राजनीतिक दलों ने ‘मिशन शक्ति’ की सफलता के लिए डीआरडीओ और वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर राजनीति कर रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वह मोदी को ‘विश्व रंगमंच दिवस’ की बधाई देते हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘ बहुत खूब डीआरडीओ, आपके कार्य पर हमें गर्व है.’ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री को विश्व रंगमंच दिवस की बधाई भी देना चाहता हूं.’ 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने दावा किया कि मिशन शक्ति पर घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक और बेइंतहा नौटंकी तथा प्रचार का तरीका है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिशन शक्ति की सफलता के लिए डीआरडीओ और वैज्ञानिकों के बधाई दी तथा आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बेरोजगारी, कृषि संकट और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए टेलीविजन पर आकर घोषणा की.

थरूर के मौसा-मौसी और 13 अन्य ने उठाई केरल में कमल की ज़िम्मेदारी

जब प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूर्वी उत्तरप्रदेश की कमान संभाली तभी से वह राष्ट्र भर ए दौरों पर हैं। और तभी से कभी बिहार कभी उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात से वरिष्ठ नेता यहाँ तक की विधायक भी अपने पदों से इस्तीफा दे कर भाजपा का दामन पकड़ रहे हैं। अभी टॉम वादक्कन का मामला शांत भी नहीं हुआ था की शोभना शशिकुमार अपने पति और 13 अन्य सहित भाजपा में शामिल हो गईं। कांग्रेस के अपने को पुन:sथापित करने की राह में यह बड़ी रुकावट है। वहीं शशि थरूर के लिए भी यह अच्छी खबर नहीं है।

कोच्चि: कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन के भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर के मौसा-मौसी ने शुक्रवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. थरूर की मां की बहन, सोभना शशिकुमार और उनके पति शशिकुमार तथा 13 अन्य लोग बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी के राज्य अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लै ने सभी का पार्टी में स्वागत किया. थरूर के मौसा-मौसी ने कहा कि एक लंबे समय से वे भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा का अनुसरण कर रहे हैं.

 लोकसभा चुनाव 2019 चुनावों के समर में कांग्रेस प्रवक्‍ता टॉम वडक्‍कन ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. केरल में शशि थरूर कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक हैं. वह इस समय त‍िरुवनंतपुरम से सांसद है. बीजेपी की लंबे समय से इस सीट पर नजर है. इस बार भी वह उनके सामने अपना मजबूत उम्‍मीदवार उतार सकती है. एेसी भी चर्चा है कि हाल ही में मिजोरम के राज्‍यपाल पद से इस्‍तीफा देने वाले कुम्‍मानम राजशेखरन यहां से चुनाव लड़ सकते हैं. पद संभालने के 10 महीने के बाद ही उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था.

आरएसएस के निष्ठावान व्यक्ति माने जाने वाले और भाजपा की प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख राजशेखरन (65) को केरल में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बेहतर मौका नजर आ रहा है. इस राज्य में पार्टी अभी तक अपना खाता नहीं खोल पायी है. भाजपा नेतृत्व ने उम्मीदवार सूची की घोषणा नहीं की है, लेकिन प्रदेश पार्टी के सूत्रों ने यहां कहा कि इसकी काफी संभावना है कि राजशेखरन बहुचर्चित तिरूवनंतपुरम सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पार्टी राज्य में करीब छह सीटों पर अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है और यह सीट भी उनमें से एक है.

केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ ने शुरू किया चुनावी अभियान, कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी तय नहीं
केरल में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 23 अप्रैल को होना है और सत्तारूढ़ एलडीएफ ने इसके लिए सोशल मीडिया पर और घर-घर जाकर प्रचार शुरू कर दिया है. उधर, विपक्षी यूडीएफ तथा भाजपा नीत राजग अभी प्रत्याशियों के नामों पर माथापच्ची करने में जुटे हैं. माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने बहुत पहले उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. इस मोर्चे ने चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखें घोषित करने से पहले ही अपने उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक कर दिये थे. वाम मोर्चे के उम्मीदवारों ने मतदाताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलना शुरू कर दिया है जबकि विपक्षी दल अभी चुनावी समर में उतरने की तैयारी ही कर रहे हैं.

माकपा की ज्‍यादा से ज्‍यादा सीटों पर नजर
भाकपा के वरिष्ठ नेता और तिरूवनंतपुरम सीट से एलडीएफ के उम्मीदवार सी दिवाकरन ने यहां एक स्थानीय मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आईं महिला श्रद्धालुओं से वोट मांगे. एलडीएफ ने अपने छह वर्तमान सांसदों और छह विधायकों को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है. मोर्चे ने इसके अलावा वरिष्ठ नेताओं और अनुभवी पार्टी सदस्यों को टिकटें दी हैं. अधिक से अधिक सीटें हासिल करना माकपा के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा चुनावों के नतीजों को उनकी तीन साल पुरानी सरकार के कामकाज के मूल्यांकन के तौर पर देखा जाएगा.

सबरीमाला मुद्दे का कितना होगा असर
विजयन को नतीजों के जरिये यह भी साबित करना है कि सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के उनके निर्णय को आम लोगों से समर्थन प्राप्त हुआ. विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) और भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वे सबरीमला मुद्दे तथा विजयन के ‘‘अड़ियल रवैये’’ को उठाएंगे.

बीजेपी को खाता खुलने की उम्‍मीद
इस बीच, खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, केपीसीसी प्रमुख एवं वर्तमान सांसद मुल्लापल्ली रामचंद्रन और वरिष्ठ नेता वीएम सुधीरन सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने लेाकसभा चुनाव लड़ने से अनिच्छा जाहिर की है जिससे कांग्रेसी नेतृत्व दुविधा में है. कांग्रेस नीत गठबंधन की चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों ने भी आशाएं बढ़ा दी हैं, जिनमें कांग्रेस नीत मोर्चे का केरल में शानदार प्रदर्शन का पूर्वानुमान लगाया गया है. भाजपा नीत राजग इस दक्षिणी राज्य में अपने उम्मीदवारों पर माथापच्ची करने में जुटा है. उसे इस बार केरल में खाता खुलने की उम्मीद है. वर्ष 2014 लोकसभा चुनावों में, केरल की कुल 20 सीटों में से कांग्रेस नीत यूडीएफ ने 12 जबकि माकपा नीत एलडीएफ ने आठ सीटें जीती थीं.

नेताओं का भाजपा में खिंचाव कब तक?

चुनावों से पहले बदलते राजनैतिक समीकरण, बयार किस ओर बह रही है का इशारा माने जाते हैं। मोदी को चोर, डरपोक हत्यारा और भी न जाने क्या क्या कहने वाले इन हवाओं के रुख को नहीं समझ पा रहे।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले कई दलों में हलचल बढ़ गई है. बीजेपी में आज तीन बड़े नेता शामिल हुए हैं. तीनों नेता अलग-अलग दलों के हैं. ये तीन दल तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और बीजू जनता दल हैं. सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश के सपा-बसपा के कई नेता बीजेपी के पाले में जा सकते हैं.  

चार बार के तृणमूल विधायक अर्जुन सिंह बीजेपी में शामिल
पश्चिम बंगाल की भाटापारा सीट से तृणमूल कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह बृहस्पतिवार को भाजपा में शामिल हो गए. चार बार के विधायक सिंह के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को आम चुनावों में पश्चिम बंगाल में काफी लाभ मिलने की संभावना है. भाटपारा से तृणमूल कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह भाजपा मुख्यालय में पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए. हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने सिंह के भाजपा में शामिल होने को कुछ खास महत्व नहीं दिया और उन्हें अपनी सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की चुनौती दी. गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित सांसद अनुपम हाजरा तथा कुछ और नेता कुछ ही दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे. इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौमित्र खान भी भाजपा में शामिल हुए थे.

सोनिया गांधी के करीबी नेता ने थामा बीजेपी का दामन
कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को गुरुवार को बड़ा झटका लगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टॉम वडक्कन बीजेपी में शामिल हो गए. टॉम वडक्कन केरल के त्रिशूर जिले से आते हैं. वडक्कन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निजी सहायक रहे हैं. राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद भी वह उनके करीबी माने जाते हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद टॉम वडक्कन ने कहा, ‘मैंने 20 साल कांग्रेस को दिए. कांग्रेस में वंशवाद की राजनीति हावी है. पुलवामा हमले के बाद कांग्रेस के रुख से मैं काफी दुखी हूं. कांग्रेस पुलवामा हमले पर राजनीति कर रही है. मैं भारी मन से कांग्रेस को छोड़ रहा हूं.पाकिस्तानी आतंकियों का हमारी जमीन पर हमला और आप उस पर राजनीति करते हैं.’

बीजेडी के पूर्व नेता दामोदर राउत बीजेपी में 
बीजेडी के पूर्व नेता व विधायक दामोदर राउत ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. राउत ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ओडिशा के बीजेपी प्रभारी अर्जुन सिंह की उपस्थिति में बीजेपी ज्वॉइन की. बीजेपी में शामिल होने के बाद राउत ने कहा, “आखिरकार, बहुत ज्यादा सोच-विचार करने के बाद मैंने आज बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया है. मैंने 45 साल राजनीति में गुजारे हैं. बीजेडी बीजू बाबू की विचारधारा को भुला चुकी है. राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ा है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा, “उनके मन में ओडिशा के लोगों के प्रति कोई प्यार नहीं है. ओडिशा में कई साल गुजारने के बाद भी वह उड़िया भाषा को नहीं बोल सकते.”  

चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल प्रदेश को ही अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित करें: भाजपा

निकाय चुनावों में बंगाल का राजनैतिक परिदृश्य कोई भी भूला नहीं है, जहां प्रत्याशियों को नामकङ्कन पत्र दाखिल करने तक नहीं दिया गया था। वहीं चुनाव लड़ने वाले कई प्रत्याशी ममता-सुतों द्वारा मौत की घाट उतार दिये गए थे। जीतने के बावजूद भाजपा कार्यकर्ता भाजपा से निष्कासित जीवन व्यतीत आर रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं के मामले में बंगाल का नाम केरल के बाद दूसरे नंबर पर है। पुलिस व्यवस्था वाहन्न इन मंतमाई के गुंडों का साथ देती है और खासकर भाजपा कार्यकर्ताओं पर अक्सर धरणे प्रदर्शन के दौरान लाठीयान भाँजती है। वहीं बीरभूमी का इलाका घरेलू शस्त्र एवं आयुध निर्माण के लिए कुख्यात है और माना जाता है की इन सभी कारकों पर ममता का मंतमाई वरदहस्त है।

नई दिल्ली: BJP ने चुनाव आयोग जाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पीएम मोदी के बारे में दिए बयान की शिकायत दर्ज कराई है। इसके अलावा आयोग से BJP ने पूरे पश्चिम बंगाल प्रदेश को ही अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित करने की भी मांग की। BJP ने आयोग के सामने बंगाल में हिंसा की आशंका जताते हुए राज्य को अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित करने की अपील है। अपनी मांगों को लेकर BJP की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, जेपी नड्डा समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता आयोग दफ्तर पहुंचे थे।

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Union Minister Ravi Shankar Prasad after BJP delegation meeting with Election Commission in Delhi today: We’ve requested EC to take action against Rahul Gandhi for levelling unverified allegations against PM y’day in Ahmedabad, when the Model Code of Conduct is already in effect.4731:24 अपराह्न – 13 मार्च 2019182 लोग इस बारे में बात कर रहे हैंTwitter Ads की जानकारी और गोपनीयता

चुनाव आयोग के दफ्तर से बाहर आने के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘चुनावों के मामले में पं. बंगाल का बहुत ही गंदा रिकॉर्ड रहा है। हाल ही में हुए लोकल बॉडी इलेक्शन्स में बंगाल में करीब 100 लोगों की हत्या की गई थी।’ उन्होंने कहा कि ‘हमने चुनाव आयोग से बंगाल में हिंसा की आशंका जताते हुए पूरे प्रदेश को अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित करने की मांग की। हमने बूथ केंद्रों पर केंद्रीय पुलिस बल तैनात करने की भी मांग की।’

Union Minister Ravi Shankar Prasad after BJP delegation meeting with Election Commission in Delhi today: We have conveyed to the EC that Bengal’s track record in free & fair election is very very deplorable. Recently, 100 people were killed during local body&gram panchayat polls.ANI@ANIUnion Minister Ravi Shankar Prasad after BJP delegation meeting with Election Commission in Delhi today: We have demanded that the state of West Bengal should be declared as super-sensitive state. We’ve also demanded that central forces should be deployed at all polling booths.2321:38 अपराह्न – 13 मार्च 2019Twitter Ads की जानकारी और गोपनीयता100 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं

बता दें कि राहुल गांधी ने मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद में रैली में पीएम मोदी पर राफेल डील में अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने अंबानी की जेब में देश का पैसा डाला है। रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के बारे में जो बोला, इतना पैसा उसकी जेब में डाला। मैं तो वह दोहरा भी नहीं सकता। हमने इस बयान की शिकायत कर आयोग से संज्ञान लेने की अपील की है।’

“हमारा काम लक्ष्य भेदने का था लाशें गिनने का नहीं”: धनोंआ

माया, ममता, केजरीवाल, सिद्धू और कुछ पार्टियों के प्रवक्ताओं द्वारा सरकार और सेना को घेरने और फिर उन्हीं नेताओं के बयानों को पाकिस्तान का सहारा आबंटे देख पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में जैश के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के बाद पहली बार एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने मीडिया को ब्रिफिंग दी. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर नापाक हरकत का जवाब देने की ताकत रखती है. एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए? इस सवाल पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हमारा काम लक्ष्य भेदना था. लाशें गिनना नहीं.

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Air Chief Marshal BS Dhanoa: We hit our target. The air force doesn’t calculate casualty numbers, the government does that.1,68612:34 PM – Mar 4, 2019811 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘पाकिस्तान के बालाकोट में अपने टार्गेट को भेदा, जो हमारा काम था. एयरफोर्स का काम यह बताना नहीं है कि जमीन पर कितने लोग थे. हमारे पास कितने लोग मारे गए इसकी कोई जानकारी नहीं है. भारत सरकार इसपर ज्यादा बेहतर तरीके से बता सकती है.

एयर चीफ मार्शल ने कहा, एगर हम किसी टारगेट को हिट करने का प्लान बनाते हैं तो हम उसे हिट करते हैं. अगर हमने जंगल में बम गिराए होते तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एयर स्ट्राइक पर प्रतिक्रिया क्यों देते?

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Air Chief Marshal BS Dhanoa on air strikes: The target has been clearly amplified by FS in his statement. If we plan to hit the target, we hit the target, otherwise why would he (Pak PM) have responded, if we dropped bombs in the jungles why would he respond.4,83012:32 PM – Mar 4, 20192,663 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

उन्होंने कहा, ‘F-16 से डॉग फाइट के लिए मिग-21 का इस्तेमाल किया गया. हमें इसके सबूत मिले हैं, जिसे अधिकारियों को सौंपा गया है.’ एयर चीफ मार्शल ने कहा, पाकिस्तान ने f-16 इस्तेमाल करके नियम तोड़ हैं. पाकिस्तान पर कार्रवाई अभी खत्म नहीं हुई है.

एयर स्ट्राइक में मिग-21 का इस्तेमाल क्यों हुआ? इस सवाल पर वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘मिग-21 हमारा एक कामगार विमान है, जिसे अपग्रेड कर दिया गया है. इस विमान के पास बेहतर रडार है.’ उन्होंने बताया, ‘जो भी विमान हमारे बेड़े में है, हम उसे अपनी लड़ाई में इस्तेमाल करते हैं

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#WATCH Air Chief Marshal BS Dhanoa says, “The Mig-21 Bison is a capable aircraft, it has been upgraded, it has better radar, air-to air missiles and better weapons system.”2,41612:44 PM – Mar 4, 2019763 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

इसके अलावा धनोआ ने ये भी कहा, ‘जब आप कोई ऑपरेशन प्लान करते हैं तो आप ये भी प्लान करते हैं कि इस ऑपरेशन में कौनसा एयरक्राफ्ट इस्तेमाल होगा. लेकिन जब दुश्मन की तरफ से स्ट्राइक होती है तो उस वक्त जो एयर क्राफ्ट उपलबध होता है, उसका ही इस्तेमाल स्ट्राइक का जवाब देने के लिए किया जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि सभी एयरक्राफ्ट में दुश्मन से लड़ने की क्षमता है.’

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#WATCH Air Chief Marshal BS Dhanoa on Mig-21 Bison, says, “One is a planned operation in which you plan & carry out.But when an adversary does a strike on you, every available aircraft goes in, irrespective of which aircraft it is. All aircraft are capable of fighting the enemy”

ममता की पुलिस ने भाँजीं भाजपा की रैली पर लाठीयां

कोलकाता: राज्य में कई स्थानों पर बीजेपी की ‘विजय संकल्प’ रैली को रोके जाने के कारण पश्चिम बंगाल में रविवार को अलग-अलग स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच संघर्ष हो गया. कानून प्रवर्तकों ने बताया कि स्कूल बोर्ड परीक्षाएं जारी रहने के दौरान जन रैलियों पर प्रतिबंध के कारण रैलियों के लिए अनुमति नहीं होने के वजह से उन्होंने मोटरसाइकिल रैली को रोका. ‘विजय संकल्प’ मोटरसाइकिल रैली लोगों से संपर्क करने के लिए भाजपा के देशव्यापी चुनाव पूर्व संपर्क अभियान का हिस्सा है.

बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच दुर्गापुर और पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल, मिदनापुर शहर और पश्चिम मिदनापुर के गोआलतोर और दक्षिण दिनाजपुर के बालुरघाट में उस समय झड़पें हुई जब वे मोटरसाइकिल रैली निकाल रहे थे. पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आसनसोल और गोआलतोर में लाठीचार्ज किया जिसमें दोनों तरफ के कुछ लोग घायल हो गये.

बीजेपी  के राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने दुर्गापुर में कहा कि पुलिस द्वारा उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किए जाने के बाद भी रैलियां की जांएगी