50 साल से ऊपर के सुस्त कर्मचारियों पर योगी की वक्र दृष्टि


इस आदेश में सभी विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि वे अपने विभाग के कर्मचारियों के अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए स्क्रीनिंग का काम 31 जुलाई तक जरूर पूरा कर लें


उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना काम सही ढंग से नहीं करने वाले 50 साल और उससे अधिक उम्र के सरकारी कर्मचारियों को ‘अनिवार्य रिटायरमेंट’ देने के लिए स्क्रीनिंग करने के आदेश दिए हैं.

कर्मचारी संगठनों ने छह जुलाई को जारी इस आदेश का विरोध किया है.

अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने राज्य के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों और सचिवों को रिटायरमेंट का आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि ‘वित्तीय बुकलेट के नियम-56 में व्यवस्था है कि नियुक्ति करने वाली अथॉरिटी, किसी भी समय, किसी सरकारी सेवक को (चाहे वह स्थायी हो या अस्थायी), नोटिस देकर बिना कोई कारण बताए, उसके 50 साल की उम्र के बाद रिटायर होने की अपेक्षा कर सकता है. ऐसे नोटिस की अवधि तीन माह होगी.’

इस आदेश में सभी विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि वे अपने विभाग के  कर्मचारियों के अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए स्क्रीनिंग का काम 31 जुलाई तक जरूर पूरा कर लें. 50 साल की उम्र तय करने के लिए कट-ऑफ डेट 31 मार्च 2018 होगी. यानी ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनकी उम्र 31 मार्च 2018 को 50 साल या उससे अधिक होगी, वे स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे.

कर्मचारियों ने शासन के इस आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उत्तर प्रदेश सचिवालय कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने कहा कि सरकार के इस तरह के कदम दरअसल, कर्मचारियों को परेशान करने के लिए हैं. इसे बरदाश्त नहीं किया जाएगा.

माना जा रहा है कि प्रदेश के 16 लाख में से चार लाख सरकारी कर्मचारी इस स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे. उनके कामकाज और प्रदर्शन के बारे विस्तृत रिपोर्ट 31 जुलाई तक संबंधित आला अधिकारियों को सौंपी जाएगी.

आम चुनाव से पहले कांग्रेस के संगठन को हर घर में पहुंचा दिया जाए :राहुल


अमेठी में राहुल गांधी ने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दिया है. बीजेपी से मुकाबले के लिए पार्टी के सभी फ्रंटल संगठन में फेरबदल किया गया है


राहुल गांधी अपने 2 दिन के अमेठी दौरे के बाद दिल्ली वापस आ गए हैं. दिल्ली में राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल के नेताओं से मुलाकात की है. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं से भी वो मिले हैं. अमेठी में राहुल गांधी ने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दिया है. जिसमें सभी फ्रंटल संगठन में फेरबदल किया गया है. किसान कांग्रेस को भी मजबूती से खड़ा करने की हिदायत दी है. यही नहीं यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई में धार लाने के लिए भी संगठनात्मक बदलाव किया गया है. राहुल गांधी चाहते है कि आम चुनाव से पहले कांग्रेस के संगठन को हर घर में पहुंचा दिया जाए. जिससे चुनाव के वक्त राहुल गांधी को अमेठी में ज्यादा वक्त देने की जरूरत ना पड़े.

सेवादल को मिला है अहम काम

कांग्रेस सेवादल की अमेठी में ट्रेनिंग चल रही है. इस बार खास तरह की वर्कशॉप चलाई जा रही है. सेवादल के लोग हर गांव में जाकर राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे दुष्प्रचार का जवाब देंगे. खास कर सोशल मीडिया कांग्रेस के विरोध में बताई जा रही बात को कैसे तथ्यों के जरिए गलत साबित किया जाए, इस पर खास ध्यान दिया जा रहा है. यह लोग ट्रेनिंग के बाद गांव में चौपाल लगा कर मोदी सरकार और राज्य की सरकार की नाकामी को जनता के सामने रखेंगें. कांग्रेस का प्रयोग नया होगा जिसमें सोशल मीडिया का जवाब परपरांगत तरीके से दिया जाएगा. हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि सोशल मीडिया को तरजीह नहीं दी जा रही है. बकायदा सोशल मीडिया की टीम बनाई जा रही है

हर बूथ, दस यूथ की रणनीति

अमेठी संसदीय क्षेत्र में तकरीबन 1522 बूथ हैं. राहुल गांधी की रणनीति है कि एक बूथ पर दस यूथ को जोड़ा जाए, इस योजना में फ्रंटल संगठनों का एक सदस्य इन बूथ कमेटियों का सदस्य बनाया जाएगा. इस काम से तकरीबन 15 हजार कार्यकर्ताओं की फौज तैयार हो जाएगी. जिससे इलेक्शन में कार्यकर्ताओं को खोजना नहीं पड़ेगा. सबकी फेहरिस्त राहुल गांधी के कार्यालय के पास मौजूद रहेगी.

EDS PLS TAKE NOTE OF THIS PTI PICK OF THE DAY:::::::: New Delhi: Congress President Rahul Gandhi during the Seva Dal meeting, at AICC Headquarter in New Delhi on Monday, June 11, 2018 (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI6_11_2018_000134B)(PTI6_11_2018_000212B)

2019 चुनाव से पहले कांग्रेस की योजना सेवादल को मजबूत बनाने की है (फोटो: पीटीआई)

हर बूथ पर सोशल मीडिया का यूथ

राहुल गांधी ने 2 दिन के इस दौरे में गौरीगंज में सोशल मीडिया की टीम से मुलाकात की. जिनकी तादाद तकरीबन 150 की थी. इन सभी को लीडरशिप और सोशल मीडिया की ट्रेनिंग दी जा रही है. राहुल गांधी चाहते हैं कि यह तादाद 1500 पहुंच जाए. जिसका मतलब हर बूथ पर सोशल मीडिया का एक आदमी तैनात हो जाए. जिसके स्मार्टफोन में उस बूथ की वोटर लिस्ट की सॉफ्ट कॉपी मौजूद रहे. वोटर का पूरा ब्योरा भी रखने के लिए कहा जा रहा है. ताकि हर वोट पर कांग्रेस की नजर रहे. यह सोशल मीडिया वर्कर बूथ की राजनीतिक हलचल से बड़े नेताओं को आगाह करता रहेगा. जिसके लिए अलग से वाट्सएप ग्रुप भी बनाया जा रहा है.

शक्ति एप लॉच

कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का डाटाबेस तैयार करने के लिए शक्ति एप दिल्ली में लॉन्च किया गया था. जिसको अब अमेठी में शुरू कर दिया गया है. इसके जरिए कार्यकर्ता सीधे राहुल गांधी से जुड़ सकता है. पार्टी के भीतर संवाद करने के लिए यह बेहतरीन तरीका हो सकता है. हालांकि दिल्ली में अमेठी के लोगों और कार्यकर्ता के लिए अलग से ऑफिस बना है. जिसमें अमेठी के लोगों के कामकाज के लिए सुविधा है.

बीजेपी के निशाने पर कांग्रेस का गढ़

अमेठी का किला ढहाने के लिए बीजेपी भी लगातार कोशिशें कर रही है. अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस पर विशेष ध्यान है. अमित शाह लगातार अमेठी और रायबरेली पर निगाह रखे हुए हैं. बीजेपी ने रायबरेली से एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह को अपने पाले में कर लिया है. उनके विधायक भाई बीजेपी के साथ हैं. लेकिन सदस्यता जाने के खतरे से औपचारिक तौर पर बीजेपी के साथ नहीं हैं. बीजेपी की तरफ से कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी राहुल के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश कर रहीं हैं.

Yogi Adityanath meets Amit Shah

राहुल गांधी को 2019 में अमेठी में पटखनी देने की योजना पर अमित शाह और योगी आदित्यनाथ मिलकर काम कर रहे हैं

2014 में घट गई थी राहुल की मार्जिन

अमेठी से लगातार 3 चुनाव जीत चुके राहुल गांधी के जीत का अंतर 2014 के चुनाव में काफी कम हो गया था. राहुल के खिलाफ मुकाबले में स्मृति ईरानी बीजेपी से और कुमार विश्वास आप से चुनाव लड़े थे. कांग्रेस का गढ़ होने के बाद भी प्रियंका गांधी को इस सीट के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. 2014 में राहुल गांधी ने बीजेपी की स्मृति ईरानी को 1 लाख 7 हजार वोटों से हराया था. जबकि 2009 में राहुल गांधी इस सीट से तकरीबन 3 लाख 70 हजार वोटों के अंतर से जीते थे.

पहली बार अमेठी से साल 2004 में चुनाव लड़ने गए राहुल गांधी 2 लाख 90 हजार वोटों से जीते थे. जिस तरह बीजेपी अमेठी की बदहाली का प्रचार कर रही है. उसकी काट के लिए कांग्रेस लगातार कोशिशें कर रही है. बीजेपी के गिरते ग्राफ से कांग्रेसी उत्साहित है. अमेठी से एमएलसी और गांधी परिवार के करीबी दीपक सिंह का कहना है कि इस बार विपक्ष हवा हो जाएगा. क्योंकि 2019 में अमेठी की जनता सासंद के साथ प्रधानमंत्री भी चुनने वाली है. इसलिए राहुल गांधी के जीत का अंतर काफी ज्यादा होगा. अमेठी के कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के तौर पर भले ही देखते हों लेकिन देश के राजनीतिक हालात अभी कांग्रेस के लिए मुफीद नहीं है.

अमेठी छोड़ने की अटकलें सिर्फ अफवाह

कांग्रेस से जुड़े लोगों का कहना है कि यह सिर्फ विपक्ष की साजिश है. जिसमें कहा जा रहा कि राहुल गांधी अमेठी छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ सकते हैं. इस बात को विराम लगाने के लिए राहुल गांधी रायबरेली की निगरानी समिति की बैठक में नहीं गए थे. जिसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की थी. राहुल गांधी के करीबी लोगों का कहना है कि वो 2019 में भी अमेठी से ही चुनाव लड़ेगे. इसलिए संगठन को चुस्त और दुरूस्त किया जा रहा है.

Rahul Gandhi In Amethi

अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में लोगों से मिलते हुए राहुल गांधी (फोटो: ट्विटर से साभार)

क्या है अमेठी लोकसभा का इतिहास

अमेठी संसदीय क्षेत्र 1967 में बना था. इसके पहले सांसद कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी बने थे. तब से लेकर आज तक कांग्रेस यहां सिर्फ 2 बार चुनाव हारी है. 1977 में संजय गांधी जनता पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र सिंह से चुनाव हार गए थे. उसके बाद 1998 में तब बीजेपी उम्मीदवार संजय सिह ने सतीश शर्मा को हराया था.

संजय गांधी के निधन के बाद 1981 में राजीव गांधी यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे. इस सीट पर बीजेपी सिर्फ 1998 में चुनाव जीत पाई है. लेकिन तब के बीजेपी सांसद काफी पहले घर वापसी कर चुके हैं. संजय सिंह इस वक्त कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हैं.

अमिताभ ठाकुर के मामले में मुलायम कि मुश्किलें बढ़ी

लखनऊ।

आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को धमकाने के मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) आनंद प्रकाश सिंह ने मुलायम को जांच में सहयोग देने को कहा है। अदालत ने विवेचक को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की आवाज का नमूना लेने के लिए 20 दिन का समय दिया है।

अदालत ने मुलायम सिंह को निर्देश दिया कि वे आवाज का नमूना लेने लेने में विवेचक का सहयोग करें अन्यथा यह मान लिया जाएगा कि कथित टैप में आवाज उनकी है। इससे पहले विवेचक व क्षेत्राधिकारी बाजारखाला अनिल कुमार यादव ने अदालत को बताया कि मुलायम सिंह आवाज का नमूना देने में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

सुनवाई के दौरान अमिताभ ठाकुर ने अदालत को बताया कि 10 जुलाई 2015 को मुलायम सिंह यादव ने फोन पर धमकी देकर परिणाम भुगतने को कहा था। इसकी रिपोर्ट कोर्ट के माध्यम से दर्ज हुई थी।

इस मामले में अदालत ने 20 अगस्त 2016 को विवेचक को निर्देश दिया था कि वह आरोपी मुलायम सिंह यादव की आवाज का नमूना लेकर उसका मिलान करें लेकिन आदेश का अनुपालन अभी तक नहीं हो पाया है।

स्वर सुधा स्टुडियो ले कर आए हैं “रंग पूर्वांचल के”

चण्डीगढ़ के सैकटर 22 में स्थित स्वर सुधा स्टूडियो के द्वारा “रंग पूर्वांचल के” कार्यक्रम शुरू किया जा चुका है। श्रीमती सरोज चौबे द्वारा निर्देशित इस कार्यक्रम का संयोजन और संचालन श्री प्रभुनाथ शाही ने किया। इस कार्यक्रम के निर्माता श्री संजय कुमार चौबे जी ने बताया के इस कार्यक्रम का प्रसारण का आरम्भ किया जा चुका है, इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से चंडीगढ़ ट्राई सिटी में बसे सभी पूर्वांचल साथियों जिन्होंने अपने अपने कार्य क्षेत्र में उच्च स्तर प्राप्त किया वह इस चंडीगढ़ ट्राय सिटी को खूबसूरत बनाने में योगदान दिया उनका इस कार्यक्रम के माध्यम से अभिनन्दन करते है और उन्हीं से उनके संघर्ष और सफलता के बारे में लोगों को अवगत कराने का प्रयास है। जिससे जनसाधारण उनसे प्रेरणा प्राप्त कर सकें।
अंत में उनमें से चुने गए योग्य व्यक्ति को सम्मानित किया जाएगा ।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य, एजुकेशन education, green city and नशामुक्ति के संदेश को बढ़ावा दिया जाएगा वह कार्यक्रम में शहर के उच स्तर के राजनैतिक, आला ऑफिसरों और समाज सेवकों का इंटरव्यू समय समय पर यूट्यूब वीडियो के माध्यम से प्रसारित किया जाता रहेगा।
अपने सुझाव वह परामर्श के लिए संपर्क करें प्रभूनाथ शाही 9357148202, संजय कुमार चौबे 9855431374

Hospital seized after unqualified owner was found performing surgery

Photo for referential purposes only


A private hospital in Shamli was sealed and a case registered against three people after a video widely shared on social media allegedly showed the unqualified hospital owner performing a surgery.


A private hospital in Shamli was sealed and a case registered against three people after a video widely shared on social media allegedly showed the unqualified hospital owner performing a surgery.The order to seal the Aryan Hospital was issued by Chief Medical Officer (CMO) Raj Kumar Sharma on Wednesday. A case has been registered at the Adarsh Nagar police station against Nar Dev alias Arjun, the owner of the hospital, a doctor identified as Shamshad Anwar and nurse Renu. The nurse was allegedly seen in the video administering anaesthesia to a patient in the operating theatre.

The case was registered on the directions of the CMO, who confirmed that the hospital has been sealed and an FIR lodged. He said that the registration of the hospital will be cancelled soon.

The hospital had been sealed once before for operating without registration. It was allowed to operate after it got itself registered.

Assuring stern action against the culprits, the CMO claimed that half of all the surgeries in the district were being performed in the hospital.

A video shared on social media two days ago allegedly showed the owner of the hospital performing a surgery in the absence of a qualified surgeon.

Taking cognisance of the video, the CMO sent a team of health department officials headed by an Additional CMO rank officer on Tuesday to inquire about the issue and gave two days time to the hospital authorities to furnish their reply.

“The decision to seal the hospital was taken on Wednesday when we did not get any reply from them,” said the CMO.

He said that the main accused worked as a compounder in a hospital for a few years where he obtained some knowledge of surgery and treatments.“He then opened his own hospital in the city six years ago and appointed surgeons and qualified doctors for few days in order to dodge the health department,” said the CMO.

रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिये योगी सरकार लायेगी रक्षा निर्माण नीति

लखनऊ ।

केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना रक्षा गलियारे को प्रोत्साहन देने के मकसद से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को बहुप्रतीक्षित रक्षा निर्माण नीति की घोषणा कर दी।

करीब 50 हजार करोड की यह परियोजना अगले पांच साल में पूरी होगी और इससे प्रदेश में ढाई लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में रक्षा निर्माण नीति के साथ एवं रोजगार नीति 2018 को भी मंजूरी दे दी गयी।

मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने दावा किया कि रक्षा निर्माण नीति देश की सर्वोत्तम नीतियों में एक है जो निजी अाैर सार्वजनिक क्षेत्र को निवेश करने के लिये सभी वित्तीय एवं प्रशासनिक मदद मुहैया करायेगी।

उन्होने कहा कि अलीगढ, आगरा,झांसी,चित्रकूट,कानपुर और लखनऊ को रक्षा निर्माण हब बनाने के लिये चिन्हित किया गया है जिसका केन्द्र बुंदेलखंड क्षेत्र होगा।

उन्होने कहा कि नोडल एजेंसी यूपीइडीए इसके लिये करीब तीन हजार हेक्टेयर जमीन अधिकृत करेगा अौर रक्षा इकाइयां प्लग एंड प्ले फार्मेूले के तहत जमीन देंगी। सारी जमीन सितम्बर से पहले अधिग्रहित कर ली जायेंगी और इसके बाद कई बडे प्रस्तावों के साथ काम की शुरूआत हाेगी।

सड़कें चौड़ी करने के लिए सरकारी ज़मीनों पर मस्जिदें आप ही ढहाई


जब इस इलाके में रहने वाले मुस्लिमों को यह पता चला कि सड़क को चौड़ा करने का काम चल रहा है तो उन्होंने खुद इस मामले में पहल शुरू की


 

इलाहाबाद शहर के पुराने इलाके में मुसलमानों ने खुद कई मस्जिदों के कुछ हिस्सों को तोड़ दिया क्योंकि मस्जिदों के ये हिस्से सरकारी जमीन पर बने थे. एक मुस्लिम व्यक्ति ने बताया कि हमने खुद अपनी मर्जी से इन हिस्सों को तोड़ा है. सरकार कुंभ मेले के सड़कों को चौड़ा करने का काम कर रही है और हम इसका समर्थन करते हैं.

अगले साल संगम नगरी इलाहाबाद में कुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है. इसे लेकर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अधिकारियों को समय रहते तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया है. इसी के तहत इलाहाबाद की कुछ सड़कों को चौड़ा करने काम भी चल रहा है. इलाहाबाद के पुराने शहर का इलाका घनी आबादी वाला है और यहां सड़कें काफी सकरी हैं. जब इस इलाके में रहने वाले मुस्लिमों को यह पता चला कि सड़क को चौड़ा करने का काम चल रहा है तो उन्होंने खुद इस मामले में पहल शुरू की.

Census 2021 to be stored electronically, Any tampering with info will be punished under IT Act

Any tampering with info will be punished under IT Act

The data collected during the 2021 Census will be stored electronically, the first time since the decennial exercise was conducted in 1951 in Independent India.

According to an amended rule notified by the Registrar General of India (RGI) on June 19, “The schedules and other connected papers shall be disposed of totally or in part by the Director of Census Operations, after creating an electronic record of such documents.”

Electronic format

A Home Ministry spokesperson said till now the “schedules” (a tabular form containing details of individuals), carried by enumerators to households, were being stored in a physical form at the government’s storehouse in Delhi. It is based on these schedules that the relevant statistical information on population, language, and occupation are sorted and published.

“The records running into crores of pages were occupying space in government office and it has now been decided that they will be stored in an electronic format. Any tampering with the data will invite punishment under the Information Technology Act, 2000,” said the spokesperson.

The RGI issued the notification as the process for the 2021 Census kicks in.

The spokesperson said enumerators will start “house listing” in 2020 and the headcount will begin from February 2021 onwards. “An individual’s household data is not published by the RGI. They are published in the form of tables on the Census website. The data is preserved for 10 years and then it is destroyed. From now on it can be stored forever in electronic format,” he said.

बहुविवाह के खिलाफ PIL दायर करने वाली मुस्लिम महिला को मिली जान से मारने की धमकी


समीना बेगम ने निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है. उनका कहना है कि ये लड़ाई सिर्फ उनके लिए नहीं है, बल्कि उन महिलाओं के लिए भी है, जिनके साथ ऐसी घटना हो सकती है


निकाह हलाला और बहुविवाह की प्रथा खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली मुस्लिम महिला को रेप और जान से मारने की धमकी मिल रही है. कोर्ट में निकाह हलाला के खिलाफ याचिका दायर करने वाली महिला समीना बेगम का आरोप है कि उनपर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. जिसके लिए उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है.

समीना के मुताबिक, वह ओखला विहार में किराये पर घर ढूंढ रही थीं, तभी कुछ लोगों ने उन्हें धमकी दी. समीना के मुताबिक, उन लोगों ने धमकी दी कि अगर वह अपनी सलामती चाहती है, तो केस वापस ले ले, वरना नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहे.

सुप्रीम कोर्ट में निकाह और हलाला के विरोध के लिए सरकार तैयार

बता दें कि समीना बेगम की पहली शादी 1999 में हुई थी और उनके दो बेटे हैं. उत्पीड़न की कई घटनाओं की पुलिस में शिकायत करने के बाद उनके पति ने उन्हें तीन तलाक दे दिया. जिसके बाद परिवार ने समीना की जबरन दूसरी शादी करा दी. दूसरा शौहर पहले से शादीशुदा था. जब समीना तीसरी बार प्रेग्नेंट हुई, तब उसके दूसरे पति ने फोन पर ही उन्हें तलाक दे दिया. अब समीना अपने तीन बच्चों के साथ अकेले रहती है.

समीना बेगम ने निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है. उनका कहना है कि ये लड़ाई सिर्फ उनके लिए नहीं है, बल्कि उन महिलाओं के लिए भी है, जिनके साथ ऐसी घटना हो सकती है. समीना ने कहा कि वो नहीं चाहती कि जो दर्द उन्होंने झेला, वो कोई और महिला झेले.

समीना ने कोर्ट से गुजारिश की है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (शरियत) एप्लीकेशन एक्ट 1937 के सेक्शन 2 को एकतरफा और विवेकाधीन घोषित किया जाए और इसे संविधान के आर्टिकल 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन करार दिया जाए. समीना बेगम का दावा है कि बहुविवाह के खिलाफ भी मुहिम चला रही हैं.

वह ‘मिशन तलाक’ के नाम से एक संगठन चला रही हैं. ‘NEWS18’ से बात करते हुए समीना बेगम ने बताया, ‘मुझे रेप और जान की धमकियां मिल रही हैं. पीआईएल वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है.’

समीना ने कहा, ‘मैंने ओखला विहार में किराए पर एक घर देखा था, लेकिन इसके लिए मुझे हर महीने 10 हजार रुपए और 3000 रुपए अलग से ब्रोकरेज देने के लिए कहा गया. मैंने राजी हो गई. दो दिन पहले जब मैं ओखला विहार पहुंची, तो कुछ दबंग किस्म के स्थानीय लोग और मकान मालिक के बेटे ने मुझपर दबाव बनाने की कोशिश की. उनलोगों ने कहा कि मैं केस वापस ले लूं. वर्ना अच्छा नहीं होगा.’

समीना का यह भी आरोप है कि 27 जून की शाम उनपर हमला भी हुआ. उन्होंने बताया, ‘कुछ लोगों ने मेरे साथ बदसलूकी की. मेरी चीजें ऑटो से बाहर फेंक दी. मुझे डराया-धमकाया. उन लोगों ने मेरे कपड़े भी फाड़ दिए और धमकी दी कि अगर मैंने केस वापस नहीं लिया, तो मेरे बच्चों को जिंदा जला देंगे.’ समीना ने पुलिस ने सुरक्षा की मांग की है.

निकाह हलाला प्रथा के तहत अगर किसी मुस्लिम महिला को उसका पति तलाक देता है तो उस महिला को अपने पति से फिर से निकाह करने के लिए किसी अन्य पुरुष से निकाह करना होता. इसके बाद जब महिला का दूसरा पति उसे तलाक देता है तभी वो अपने पहले पति से फिर से निकाह कर सकती है. इस प्रथा को अक्सर इंस्टेंट तीन तलाक वाले मामले में अपनाए जाने का चलन है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में तीन तलाक को गैर-कानूनी करार दिया है और केंद्र सरकार को इस पर कानून बनाने का निर्देश दिया है.

योगी के अफसर या सपा के कार्यकर्ता

 


योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इससे पहले आरोप लगाया था कि सरकार के अधिकारी एसपी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे है


यूपी में भले ही 15 महीने से योगी सरकार काम कर रही है लेकिन योगी सरकार के अधिकारियों के दिमाग पर एसपी सरकार ही काबिज है. ताजा मामला रविवार को सामने आया है, जहां एसपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के 2014 के सहारनपुर रैली के भाषण को 29 जून को शासनादेश के रूप में जारी कर दिया गया.

राज्य सरकार की अधिकृत शासनादेश की वेबसाइट पर 29 जून को जारी शासनादेशों में 27 जून को शाम 7 से 28 जून शाम 7 बजे तक जारी शासनादेश दिए गए हैं. इसमें उच्च शिक्षा विभाग के अनुभाग-6 के सूचना का अधिकार विषय से जारी शासनादेश में पूर्व एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव का दो पेज का भाषण है.

‘एसपी की केंद्र में सरकार बनी तो गरीबों को मुफ्त अनाज -मुलायम’ शीर्षक से जारी शासनादेश में सहारनपुर रैली का भाषण दिया गया है. इस रैली में मुलायम ने तब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी को अल्पसंख्यक विरोधी और यूपीए सरकार को कमजोर और डरपोक सरकार बताया था. रैली में उन्होंने केंद्र में एसपी सरकार बनने पर गरीबों को मुफ्त अनाज की घोषणा भी की थी.

‘सरकार के अधिकारी एसपी के कार्यकर्ता’

योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने इससे पहले आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार के अधिकारी एसपी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे है.

हमेशा विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरने वाले राजभर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहे है. उन्होंने एक बयान में कहा था कि लोगों ने मोदीजी को तब चुना जब उन्हें कांग्रेस से एक अच्छा विकल्प मिला. जनता कांग्रेस से खुश नहीं थी इसीलिए ये फैसला लिया.