अब देश में होंगे 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर अब राज्य नहीं

इतिहास के पटल पर आज 31 अक्तूबर का दिन खास तौर पर दर्ज़ हो गया जब आज आधी रात से  जम्मू कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया ।

यह पहला मौका है जब एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया हो। आज आधी रात से फैसला लागू होते ही देश में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या नौ हो गई है।

आज जी सी मुर्मू और आर के माथुर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रथम उपराज्यपाल के तौर पर बृहस्पतिवार को शपथ लेंगे।

श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथ ग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल दोनों को शपथ दिलाएंगी।

सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था, जिसे संसद ने अपनी मंजूरी दी। इसे लेकर देश में खूब सियासी घमासान भी मचा। 

भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने की बात कही थी और मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 90 दिनों के भीतर ही इस वादे को पूरा कर दिया। इस बारे में पांच अगस्त को फैसला किया गया।


सरदार पटेल की जयंती पर बना नया इतिहास 


सरदार पटेल को देश की 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय का श्रेय है। इसीलिए उनके जन्मदिवस को ही इस जम्मू कश्मीर के विशेष अस्तित्व को समाप्त करने के लिए चुना गया।
देश में 31 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। आज पीएम मोदी गुजरात के केवडिया में और अमित शाह दिल्ली में अगल-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके साथ ही दो केंद्रशासित प्रदेशों का दर्जा मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए हैं।

 जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की बौखलाहट एक बार फिर सामने आई है. आतंकियों ने कुलगाम में हमला किया है, जिसमें 5 मजदूरों की मौत हो गई है. जबकि एक घायल है. मारे गए सभी मजदूर कश्मीर से बाहर के हैं. जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से घाटी में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला है. आतंकियों की कायराना हरकत से साफ है कि वे कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले से बौखलाए हुए हैं और लगातार आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं.

जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इस इलाके की घेराबंदी कर ली है और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है. अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया है. माना जा रहा है कि मारे गए मजदूर पश्चिम बंगाल के थे.

ये हमला ऐसे समय हुआ है जब यूरोपियन यूनियन के 28 सांसद कश्मीर के दौरे पर हैं. सांसदों के दौरे के कारण घाटी में सुरक्षा काफी कड़ी है. इसके बावजूद आतंकी बौखलाहट में किसी ना किसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. डेलिगेशन के दौरे के बीच ही श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं.

जम्मू एवं से अनुच्छेद-370 हटने के बाद यूरोपीय संघ के 27 सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाने पर भारतीय जनता पार्टी ने जवाब दिया है. पार्टी का कहना है कि कश्मीर जाने पर अब किसी तरह की रोक नहीं है. देसी-विदेशी सभी पर्यटकों के लिए कश्मीर को खोल दिया गया है, और ऐसे में विदेशी सांसदों के दौरे को लेकर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है.

भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा, ‘कश्मीर जाना है तो कांग्रेस वाले सुबह की फ्लाइट पकड़कर चले जाएं. गुलमर्ग जाएं, अनंतनाग जाएं, सैर करें, घूमें-टहलें. किसने उन्हें रोका है? अब तो आम पर्यटकों के लिए भी कश्मीर को खोल दिया गया है.’शहनवाज हुसैन ने कहा कि जब कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा था, तब शांति-व्यवस्था के लिए एहतियातन कुछ कदम जरूर उठाए गए थे, मगर हालात सामान्य होते ही सब रोक हटा ली गई. उन्होंने कहा, ‘अब हमारे पास कुछ छिपाने को नहीं, सिर्फ दिखाने को है.’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘जब कश्मीर में तनाव फैलने की आशंका थी, तब बाबा बर्फानी के दर्शन को भी तो रोक दिया गया था. यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर जाना चाहते थे. वे पीएम मोदी से मिले तो अनुमति दी गई. कश्मीर को जब आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है तो विदेशी सांसदों के जाने पर हायतौबा क्यों? विदेशी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर जाने से पाकिस्तान का ही दुष्प्रचार खत्म होगा.’

आठ दिन और छ्ह फैसले

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ 31-अक्टूबर:

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई नवंबर की 17 तारीख को रिटाइर हो रहे हैं  उन्हें छह महत्त्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाना है। सुप्रीम कोर्ट में इस समय दिवाली की छुट्टियां चल रही हैं और छुट्टियों के बाद अब काम 4 नवंबर को शुरू होगा।

अयोध्या बाबरी मस्जिद मामला, राफल समीक्षा मामला , राहुल पर अवमानना मामला, साबरिमाला , मुख्य न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का मामला और आर टी आई अधिनियम पर फैसले आने हैं।

अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला इन सभी मामलों में सर्वाधिक चर्चित है अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला। पांच जजों की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई पूरी कर चुकी है और 16 अक्टूबर को अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा। इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ही कर रहे हैं। इस विवाद में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित 2 .77 एकड़ विवादित जमीन पर किसका हक़ है, इस बात का फैसला होना है। हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में कहा कि यह भूमि भगवान राम के जन्मभूमि के आधार पर न्यायिक व्यक्ति है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मात्र यह विश्वास की यह भगवान राम की जन्मभूमि है, इसे न्यायिक व्यक्ति नहीं बनाता। दोनों ही पक्षों ने इतिहासकारों, ब्रिटिश शासन के दौरान बने भूमि दस्तावेजों, गैज़ेट आदि के आधार पर अपने अपने दावे पेश किये है। इस सवाल पर कि क्या मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनाई गई? आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट भी पेश की गई।

 रफाल समीक्षा फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में एसके कौल और केएम जोसफ की पीठ के 10 मई को रफाल मामले में 14 दिसंबर को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई समीक्षा रिपोर्ट पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला 36 रफाल लड़ाकू विमानों के सौदे में रिश्वत के आरोप से संबंधित है। इस समीक्षा याचिका में याचिकाकर्ता एडवोकेट प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मीडिया में लीक हुए दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार ने फ्रेंच कंपनी (Dassault) से 36 फाइटर जेट खरीदने के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण सूचनाओं को छुपाया है। कोर्ट ने इस मामले में उन अधिकारियों के विरुद्ध झूठे साक्ष्य देने के सन्दर्भ में कार्रवाई भी शुरू की जिन पर यह आरोप था कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को गुमराह किया है। 10 अप्रैल को अदालत ने इस मामले में द हिन्दू आदि अखबारों में लीक हुए दस्तावेजों की जांच करने के केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी थी कि ये दस्तावेज सरकारी गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन करके प्राप्त किए गए थे, लेकिन पीठ ने इस प्रारंभिक आपत्तियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि साक्ष्य प्राप्त करने में अगर कोई गैरकानूनी काम हुआ है तो यह इस याचिका की स्वीकार्यता को प्रभावित नहीं करता।

राहुल गांधी के “चौकीदार चोर है” बयान पर दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा रफाल सौदे की जांच के लिए गठित मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रखा। राहुल गांधी ने रफाल सौदे को लक्ष्य करते हुए यह बयान दिया था कि “चौकीदार चोर है।” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी इस टिपण्णी के लिए माफी मांग ली थी।

सबरीमाला समीक्षा फैसला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सबरीमाला मामले में याचिकाकर्ताओं को एक पूरे दिन की सुनवाई देने के बाद समीक्षा याचिका पर निर्णय को फरवरी 6 को सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति नरीमन, न्यायमूर्ति चंद्रचूड और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में ट्रावनकोर देवस्वोम बोर्ड, पन्दलम राज परिवार और कुछ श्रद्धालुओं ने 28 दिसंबर 2018 को याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में अपनी दलील में यह भी कहा था कि संवैधानिक नैतिकता एक व्यक्तिपरक टेस्ट है और आस्था के मामले में इसको लागू नहीं किया जा सकता। धार्मिक आस्था को तर्क की कसौटी पर नहीं कसा जा सकता। पूजा का अधिकार देवता की प्रकृति और मंदिर की परंपरा के अनुरूप होना चाहिए। यह भी दलील दी गई थी कि फैसले में संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत ‘अस्पृश्यता’ की परिकल्पना को सबरीमाला मंदिर के सन्दर्भ में गलती से लाया गया है और इस क्रम में इसके ऐतिहासिक सन्दर्भ को नजरअंदाज किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के अधीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 4 अप्रैल को सीजेआई कार्यालय के आरटीआई अधिनियम के अधीन होने को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने दिल्ली हाईकोर्ट के जनवरी 2010 के फैसले के खिलाफ चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सीजेआई का कार्यालय आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2(h) के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकरण’है। वित्त अधिनियम 2017 की वैधता पर निर्णय ट्रिब्यूनलों के अधिकार क्षेत्र और स्ट्रक्चर पर डालेगा प्रभाव राजस्व बार एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा। इस याचिका में वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जिनकी वजह से विभिन्न न्यायिक अधिकरणों जैसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण, आयकर अपीली अधिकरण, राष्ट्रीय कंपनी क़ानून अपीली अधिकरण के अधिकार और उनकी संरचना प्रभावित हो रही है। याचिकाकर्ता की दलील थी कि वित्त अधिनियम जिसे मनी बिल के रूप में पास किया जाता है, अधिकरणों की संरचना को बदल नहीं सकता।

यौन उत्पीडन मामले में सीजेआई के खिलाफ साजिश मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोपों की साजिश की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति एके पटनायक ने की और जांच में क्या सामने आता है, इसका इंतज़ार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन और दीपक गुप्ता की पीठ ने न्यायमूर्ति पटनायक को एडवोकेट उत्सव बैंस के दावों के आधार पर इस मामले की जांच का भार सौंपा था। उत्सव बैंस ने कहा था कि उनको किसी फ़िक्सर, कॉर्पोरेट लॉबिस्ट, असंतुष्ट कर्मचारियों ने सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एप्रोच किया था। ऐसा समझा जाता है कि न्यायमूर्ति पटनायक ने इस जांच से संबंधित अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है।


भाजपा ने त्रिपुरा में जीते तीनों निकायों के चुनाव

त्रिपुरा में सत्तारूढ़ बीजेपी ने त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में विपक्षी दलों का सफाया कर दिया है. राज्य की ग्राम पंचायत, पंचायत समित और जिला पंचायत की लगगभ सभी सीटों पर पार्टी ने कब्जा जमा लिया.

ब्यूरो: त्रिपुरा में सत्तारूढ़ बीजेपी ने त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में विपक्ष दलों का सफाया कर दिया है. राज्य की ग्राम पंचायत, पंचायत समित और जिला पंचायत की लगगभ सभी सीटों पर पार्टी ने कब्जा जमा लिया. बीते शनिवार को 6646 सीटों में 994 सीटों पर पंचायत चुनाव कराए गए थे. पार्टी ने 85% सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की. 

राज्य निर्वाचन अधिकारी ने अपने एक बयान में बताया, “994 सीटों में से, अधिकांश सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. उतरी त्रिपुरा की पांच ग्राम पंचायत सीटों पर कांग्रेस और सीपीआईएम के प्रत्याशी जीते हैं. कई जिलों में मतों की गिनती अभी भी जारी है. अंतिम परिणाम आज देर रात तक आएंगे.” अधिकारी ने बताया, “कांग्रेस और सीपीआईएम पंचायत समिति और जिला पंचायत की एक भी सीट नहीं जीत पाई है.” 

गौरतलब है कि त्रिपुरा चुनाव आयोग ने जुलाई माह की शुरुआत में ग्राम पंचायत की 6646 सीटों के चुनाव की घोषणा की थी. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 8 जुलाई थी. वहीं उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 11 जुलाई थी. बीजेपी के 83% उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. शेष 994 पर चुनाव करवाए गए जिसमें से अधिकांश सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है.

टीएमसी उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए बंगलादेशी कलाकार को किया ब्लैक लिस्ट

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के लिए पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के लिए चुनाव प्रचार करना बांग्लादेश के अभिनेता फिरदौस अहमद को भारी पड़ गया है. दरअसल, गृह मंत्रालय ने ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन की रिपोर्टमिलने के बाद कार्रवाई करते हुए बांग्लादेशी अभिनेता का बिजनेस वीजा रद्द कर दिया है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने फिरदौस को भारत छोड़ने का नोटिस भी जारी कर दिया है. वहीं, गृह मंत्रालय ने उन्हें भविषअय के लिए ब्लैकलिस्ट भी कर दिया है. 

मालूम हो कि बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस अहमद ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवार के समर्थन में सोमवार को चुनाव प्रचार किया था. इसके बाद मंगलवार को गृह मंत्रालय ने कोलकाता के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी थी. बता दें कि बांग्लादेश के अभिनेता फिरदौस अहमद ने रायगंज से तृणमूल उम्मीदवार कन्हैयालाल अग्रवाल के समर्थन में चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया था.

बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट में पाया है कि फिरदौस अहमद ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा लेकर वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है. इससे पहले भी अहमद बिजनेस वीजा पर कई बार भारत आ चुके हैं. अहमद को भारत-बांग्लादेश सीमा के पास हेमताबाद और करांदिघी में चुनाव प्रचार रैलियों में अग्रवाल के समर्थन में वोट मांगते देखा गया था. 

भाजपा के लिए अरुणाञ्चल बना मुसीबत

ईटानगर/गुवाहाटी: लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण से पहले अरुणाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के दो मंत्रियों और 12 विधायकों सहित कुल 15 नेताओं ने मंगलवार को पार्टी छोड़कर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में शामिल होने का ऐलान कर दिया. राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा पार्टी के राज्य महासचिव जारपुम गामलिन, गृहमंत्री कुमार वाई, पर्यटन मंत्री जारकर गामलिन और कई विधायकों को टिकट नहीं देने के बाद बड़े पैमाने पर पार्टी छोड़ने का यह कदम सामने आया है. 

राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 54 के लिए प्रत्याशियों के नामों पर बीजेपीके संसदीय बोर्ड ने रविवार को मुहर लगाई. राज्य में 11 अप्रैल को लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं. सोमवार को जारपुम गामलिन ने बीजेपी की अरुणाचल इकाई के अध्यक्ष तापिर गाओ को अपना इस्तीफा भेजा.  वह सोमवार सुबह से ही गुवाहाटी में हैं, जहां मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने उनसे मुलाकात की. 

एनपीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “जारपुम, जारकर, कुमार वाई और बीजेपीके 12 मौजूदा विधायकों ने एनपीपी महासचिव थामस संगमा से मंगलवार को मुलाकात की और एनपीपी में शामिल होने का फैसला किया.” उन्होंने कहा कि इन नेताओं के आने से एनपीपी मजबूत होगी. इस बीच, एनपीपी ने पूर्वोत्तर राज्यों की सभी 25 संसदीय सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने मेघालय के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. अन्य सीटों की भी सूची जल्द जारी की जाएगी. 

त्रिपुरा में बीजेपी के 3 नेता कांग्रेस में शामिल
लोकसभा चुनावों से पहले त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के नेता सुबाल भौमिक व दो अन्य वरिष्ठ नेता मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. दो अन्य नेता पूर्व मंत्री प्रकाश दास व तेजतर्रार माने जाने वाले देबाशीष सेन हैं. त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मन व एआईसीसी सचिव भूपेन बोरा ने एक मीडिया कांफ्रेंस में तीनों नेताओं का स्वागत किया. भौमिक, बीजेपीमें उपाध्यक्ष पद पर थे.  वह बीजेपीमें 2015 में शामिल हुए, जबकि दास व सेन 2017 में क्रमश: कांग्रेस व मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से बीजेपीमें शामिल हुए थे. 

National Seminar on Study of Sacred Spaces and Cults in Pre-Modern North West India

Chandigarh March 15, 2019

            Department of History, Panjab University, Chandigarh is organizing two days National Seminar on Study of Sacred Spaces and Cults in Pre-Modern North West India as per schedule below:-

Venue:            English Auditorium, PU

Date:               18-19, March 2019

Time:               10.30 am

पूर्वोत्तर में भाजपा ने मनाए सभी रूठे और नए साथियों को भी लिया साथ

बीजेपी ने पूर्वोत्तर (नॉर्थ ईस्ट) में गठबंधन की प्रक्रिया पूरी कर ली है. पार्टी ने यहां के आठ राज्यों की 25 लोकसभा सीटों में से कम से कम 22 पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है.

बीजेपी महासचिव राम माधव ने बुधवार को यह जानकारी दी.

बीजेपी के पूर्वोत्तर प्रभारी माधव ने मंगलवार को आधी रात तक कई दौर की चर्चा की और असम गण परिषद (AGP), बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF), इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT), नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के साथ गठबंधन होने की घोषणा की. 

बीजेपी नेता त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और IPFT के नेताओं के साथ बुधवार को अगरतला में बैठक करेंगे.

इस गठबंधन को पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (NEDA) के तहत अंतिम रूप दिया गया है. NEDA भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का क्षेत्र की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ राजनीतिक गठबंधन है.

राम माधव ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘इस गठबंधन में क्षेत्र की 25 में से कम से कम 22 सीटें जीतने की क्षमता है और मोदी जी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनते देखने में इसकी भूमिका महत्त्वपूर्ण है.’

इससे पहले मंगलवार को माधव ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और एनईडीए के संयोजक हेमंत विश्व शर्मा से मुलाकात की.

माता मनसा देवी परिसर में आयोजित होगा 11वाँ आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम

पंचकूला, 14 जनवरी:

अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा की अध्यक्षता में अगामी 23 से 29 फरवरी तक चलने वाले माता मनसा देवी परिसर में 11 वें आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये बैठक आयोजित की गई।

बैठक में एसडीएम पंकज सेतिया, नेहरु युवा केंद्र के संयोजक डाॅ जीएस बाजवा, उपसिविल सर्जन सरोज अग्रवाल, श्रीमाता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की सचिव शारदा प्रजापति सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि यह कार्यक्रम नेहरु युवा केंद्र पंचकूला, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार एवं जिला प्रशासन पंचकूला द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों के लगभग 200 युवक, युवतियां व सिक्योरिटी आॅफिसर भाग लेंगें। उन्होंने श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की सचिव को निर्देश दिये कि वे मंदिर परिसर लक्ष्मी भवन धर्मशाला में इनके ठहरने व खाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने एमडीएम पंचकूला से कहा कि वे जिला की विभिन्न जगहों पर इन्हें भ्रमण करवाने के लिये ट्रांसपोरेशन की व्यवस्था करवाना सुनिश्चित करें ताकि ये युवा यहां की संस्कृति को नजदीक से देख सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निदेश दिये कि वे इस कार्यक्रम में प्रत्येक दिन किसी चिकित्सक की ड्यूटि लगाये। उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि वे सातों दिन एक पीसीआर व जवानों को लक्ष्मी भवन में तैनात रखें।

  उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासी युवाओं को विभिन्न स्थानों की भाषा, लोकाचार एवं जीवनशैली को समझकर शिक्षित रास्ते पर रोजगार के अवसर तलाशना और ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्मारकों को देखना है। इससे सदभावना, शांति, सांस्कृतिक आदान प्रदान एवं समग्र विकास होगा। उन्होंने नेहरु युवा केंद्र पंचकूला के संयोजक डाॅ जीएस बाजवा से कहा कि वे इन युवाओं को यादविंद्रा गार्डन, सीआरपीएफ कैंप पिंजौर तथा राजभवन का भी भ्रमण करवाना सुनिश्चित करें ताकि इन युवाओं को यहां की संस्कृति का बोध हो। इसके साथ साथ कालका व सेक्टर-1 पंचकूला के काॅलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करवाये।

भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था: मेघालय हाईकोर्ट


मेघालय हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई, खासी, जयंतिया और गारो लोगों को बिना किसी सवाल या दस्तावेजों के नागरिकता दिया जाए.


12-12-2018

शिलॉन्ग: मेघालय हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री, विधि मंत्री, गृह मंत्री और संसद से एक कानून लाने का अनुरोध किया है ताकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई, खासी, जयंतिया और गारो लोगों को बिना किसी सवाल या दस्तावेजों के नागरिकता मिले.
बार एंड बेंच की खबर के मुताबिक कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी लिखा है कि विभाजन के समय भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था लेकिन ये धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना रहा.
जस्टिस एसआर सेन ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट से मना किये जाने पर अमन राणा नाम के एक शख्स द्वारा दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए 37 पृष्ठ का फैसला दिया. आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध हुई.
आदेश में कहा गया है कि तीनों पड़ोसी देशों में आज भी हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी, खासी, जयंतिया और गारो लोग प्रताड़ित होते हैं और उनके लिए कोई स्थान नहीं है. इन लोगों को किसी भी समय देश में आने दिया जाए और सरकार इनका पुनर्वास कर सकती है और नागरिक घोषित कर सकती है.
केंद्र के नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोग छह साल रहने के बाद भारतीय नागरिकता के हकदार हैं, लेकिन अदालती आदेश में इस विधेयक का जिक्र नहीं किया गया है.
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भारत के इतिहास को तीन पैराग्राफ में समेटा है. जस्टिस एसआर सेन ने लिखा, ‘जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश था और पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान का अस्तित्व नहीं था. ये सभी एक देश में थे और हिंदू सम्राज्य द्वारा शासित थे.’
कोर्ट ने आगे कहा, ‘इसके बाद मुगल भारत आए और भारत के कई हिस्सों पर कब्जा किया और देश में शासन करना शुरु किया. इस दौरान भारी संख्या में धर्म परिवर्तन कराए गए. इसके बाद अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम पर आए और देश में शासन करने लगे.’
न्यायालय ने आगे लिखा, ‘यह एक अविवादित तथ्य है कि विभाजन के समय लाखों की संख्या में हिंदू और सिख मारे गए, प्रताणित किए गए, रेप किया गया और उन्हें अपने पूर्वजों की संपत्ति छोड़ कर आना पड़ा.’
मेघालय हाईकोर्ट के जज एसआर सेन ने लिखा, ‘पाकिस्तान ने खुद को इस्लामिक देश घोषित किया था. चूंकि भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था इसलिए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था लेकिन इसने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाए रखा.’
एसआर सेन ने मोदी सरकार में विश्वास जताते हुए कहा कि वे भारत को इस्लामिक राष्ट्र नहीं बनने देंगे. उन्होंने लिखा, ‘मैं ये स्पष्ट्र करता हूं कि किसी भी शख्स को भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कोशिश नहीं करना चाहिए. मेरा विश्वास है कि केवल नरेंद्र मोदीजी की अगुवाई में यह सरकार इसकी गहराई को समझेगी और हमरी मुख्यमंत्री ममताजी राष्टहित में सहयोग करेंगी.’
जज ने मेघालय उच्च न्यायालय में केंद्र की सहायक सॉलिसीटर जनरल ए. पॉल को मंगलवार तक फैसले की प्रति प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह और विधि मंत्री को अवलोकन के लिए सौंपने और समुदायों के हितों की रक्षा के लिए कानून लाने को लेकर आवश्यक कदम उठाने को कहा है.

“Competition is normal, but contest must not turn into conflict.”: Nirmala Sitharaman


India and China should respect each other and resolve issues through dialogues and join hands together for peace and prosperity.


Defence Minister Nirmala Sitharaman on Sunday pitched for dialogues between India and China on various issues, saying differences between the two nations should not be allowed to become disputes.

Both India and China should respect each other and resolve issues through dialogues and join hands together for peace and prosperity, Ms. Sitharaman said.

There are various issues such as defence, border disputes, border trades and presence of Indian and Chinese defence forces in the Indian Ocean which can be resolved through continuous dialogues, the minister said.

“Competition is normal, but contest must not turn into conflict. Differences should not be allowed to become disputes, she said in Itanagar.

“Solution lies in dialogue, solution lies in peaceful engagement. But for this, mutual trust should be there.” However, she added, mutual recognition of sensitivity in each country should be respected and resolved through dialogues.

Ms. Sitharaman was delivering the seventh memorial lecture of former RSS activist from Arunachal Pradesh, Rutum Kamgo, on the theme: ‘Towards Bridging the Indo-China Relationship for an Emerging Asia’

On a proposal of Chief Minister Pema Khandu for opening up border trade with China through Bum La Pass, Ms. Sitharaman said trade was possible with the border villages of both the countries, like the current border haats at Nathu La in Sikkim and Moreh in Manipur.

However, she added, the balance of trade between the countries was in favour of China. “Trade between India and China is done in large scale amounting to USD 80-90 billion. But, sadly, we are purchasing from them in huge quantities. But, for our products, their market is not open.”

“We have several products like telecommunication, vegetables, tea, soya, raw sugar, pharmaceuticals etc in which China evinces keen interest,” the Defence Minister said, adding that there were certain areas where both the nations could cooperate, especially in containing terrorism and promoting sustainable development.

The minister termed India and China the growth engines for the entire world, saying that emergence of both the countries would pave the way for an emerging Asia. “Peace, security and development in Asia are possible when India and China are developed. Development of both the nations is possible only when there is mutual respect and understanding among the two countries.”

She quoted Prime Minister Narendra Modi as saying that both the countries should follow the mantra of samman (respect), sambad (dialogue), sahyog(cooperation), shanti (peace) and samriddhi (prosperity) for development.

“There are many multi-lateral institutions in the world like (the) UN, IMF, World Bank etc where representations from country like us with more population and demands are negligible. India and China should raise the issue jointly for mutual benefits,” she added