रोज वैली और शारदा चिटफंड मामला क्या है जानें

रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए सीबीआई उनकी तलाश कर रही है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी भी तय हो चुकी है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि चिटफंड मामले में राजीव कुमार शक के घेरे में हैं. पूछताछ के लिए उन्होंने कुमार को दो बार समन भी भेजा, लेकिन वो जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में फरार पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के निवास पर सीबीआई के 40 अधिकारियों की एक टीम पहुंची थी. दरअसल, रोज वैली स्कैम 15000 करोड़ रुपए और शारदा चिट फंड में 2500 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है.

रोज वैली घोटाला

रोज वैली घोटाले पर काफी वक्त से हड़कंप मचा हुआ है. इसमें कई बड़े नेताओं का नाम भी शामिल होने की बात सामने आ चुकी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर चूना लगाने वाले इस समूह के पैर राजनीति, रियल एस्टेट और फिल्म जगत तक पसरे हुए थे. दरअसल, रोज वैली चिटफंड घोटाले में रोज वैली ग्रुप ने लोगों 2 अलग-अलग स्कीम का लालच दिया और करीब 1 लाख निवेशकों को करोड़ों का चूना लगा दिया था. आशीर्वाद और होलिडे मेंबरशिप स्कीम के नाम पर ग्रुप ने लोगों को ज्यादा रिटर्न देने का वादा किया. जिसके बाद लोगों ने भी इनकी बातों में आकर इसमें निवेश कर दिया. ग्रुप एमडी शिवमय दत्ता इस घोटाले के मास्टरमाइंड बताए जाते हैं.

शारदा चिटफंड घोटाला

पश्चिम बंगाल की एक चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को लुभावने ऑफर देकर चूना लगा दिया. शारदा चिटफंड ने लालच दिया कि सागौन से जुड़े बॉन्ड्स में निवेश कर 34 गुना ज्यादा रिटर्न हासिल किया जा सकेगा. इसके लिए 25 साल का लॉकिंग पीरयड बताया गया था. मसलन, अगर आप 1 लाख रुपए का निवेश करते हैं तो 25 साल बाद आपको 34 लाख रुपए मिलते. हालांकि ये बस एक लोगों को लालच देकर ठगी करने का पैंतरा था. वहीं आलू के बिजनेस में 15 महीनों के भीतर ही रकम डबल करने का सपना भी इस ग्रुप ने दिखाया. लालच में आकर 10 लाख लोगों ने निवेश किया और आखिर में कंपनी पैसों के साथ फरार हो गई.

वहीं इन चिटफंड घोटालों की जांच करने वाली पश्चिम बंगाल पुलिस की SIT टीम का नेतृत्व 2013 में राजीव कुमार ने किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई सूत्रों का कहना है कि एसआईटी जांच के दौरान कुछ खास लोगों को बचाने के लिए घोटालों से जुड़े कुछ अहम सबूतों के साथ या तो छेड़छाड़ हुई थी या फिर उन्हें गायब कर दिया गया था. इसी सिलसिले में सीबीआई कुमार से पूछताछ करने चाहती है. राजीव कुमार पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं. रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई ने अब तक 80 चार्जशीट फाइल की हैं जबकि एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपए रिकवर कर लिए गए हैं.

पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी ममता के साथ धरने पर बैठे

कोलकाता में चिटफंड घोटाले से जुड़ा जबरदस्त हंगामा सामने आया है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई हैं. बनर्जी को कल यानी सोमवार को पश्चिम बंगाल की विधानसभा में बजट भाषण देना था. अब वह धरना स्थल से ही विधानसभा को फोन के जरिए संबोधित करेंगी.

इसके अलावा खबर ये भी मिली है कि कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के जिन अधिकारियों को हिरासत में लिया था उन्हें छोड़ दिया गया है. साथ ही सीबीआई के दफ्तर के बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों को भी हटा लिया गया है.

दरअसल कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर चिटफंड घोटालों के मामले की पूछताछ के लिए रविवार को सीबीआई की एक टीम पहुंची लेकिन वहां तैनात पुलिस ने सीबीआई को घर में घुसने से रोक दिया. इस दौरान सीबीआई अधिकारियों और मौजूद पुलिस के बीच टकराव की स्थिति भी बन गई क्योंकि कोलकाता पुलिस सीबीआई के कुछ अधिकारियों को जबरदस्ती नजदीक के थाने में ले गई.

मामले के सामने आने के बाद बंगाल की सियासत में तूफान आ गया. खुद सीएम ममता बनर्जी राजीव कुमार के लाउडन स्ट्रीट स्थित आवास पहुंच गईं. सीबीआई ने शनिवार को दावा किया था कि राजीव कुमार फरार चल रहे हैं और शारदा व रोज वैली चिटफंड घोटालों के सिलसिले में उनकी तलाश की जा रही है. इस दावे के एक दिन बाद सीबीआई के करीब 40 अधिकारियों की एक टीम रविवार शाम कुमार के आवास पर पहुंची थी, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया.

कुछ ही देर बाद कोलकाता पुलिस के अधिकारियों की एक टीम सीबीआई अधिकारियों से बातचीत के लिए मौके पर पहुंची और यह पता लगाने की कोशिश करने लगी कि क्या उनके पास कुमार से पूछताछ करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स थे.

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पुलिस कमिश्नर के घर के बाहर खड़े सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर अभी कोई बात नहीं करना चाहते. देखते हैं कि क्या होता है. थोड़ा इंतजार करें.’

बाद में सीबीआई अधिकारियों की एक छोटी सी टीम को बात करने के लिए शेक्सपियर सरनी पुलिस थाने ले जाया गया. कुछ और लोगों के मौके पर पहुंचने पर हंगामा हो गया. जिसके बाद सीबीआई अधिकारियों को जबरन पुलिस थाने ले जाया गया.

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस मामले पर क्या कहा

हंगामे के बीच सीएम ममता बनर्जी वहां पहुंच गईं. वह पहले ही राजीव कुमार के प्रति अपना समर्थन जता चुकी थीं. रविवार सुबह ही उन्होंने राजीव कुमार को देश का सबसे बेस्ट पुलिस ऑफिसर बताया था.

ममता ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी, पुलिस और अन्य सभी संस्थाओं पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही है. यह सारा विवाद पीएम मोदी की साजिश है इसलिए उनके घर पर सीबीआई भेजी गई.

ममता ने कहा, ये कार्यवाही पीएम मोदी के बंगाल दौरे के बाद हो रही हैं. उनके घर पर काम करने वालों से भी पूछताछ हो रही है. ये सब एनएसए अजीत डोभाल के इशारे पर हो रहा है लेकिन राजीव कुमार दुनिया के सबसे बेहतरीन अधिकारियों में से एक हैं.

बनर्जी ने यह भी कहा, ‘चिटफंड मामले में हमने जांच और गिरफ्तारी की, इसके बाद भी सीबीआई की इतनी हिम्मत कैसे हुई कि कोलकाता के कमिश्नर के घर बिना वारंट के पहुंच गई.’ उन्होंने कहा कि यह भारतीय संघीय ढांचे पर हमला है इसलिए तमाम विपक्षी दल एक होकर मोदी हटाओ देश बचाओ की मुहिम चलाएं.

ममता की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी सामने आए. हालांकि उन्होंने मीडिया से बातचीत नहीं की. ममता ने कहा कि यह कार्रवाई बदले की भावना से की गई है. सीबीआई बिना वारंट के पुलिस कमिश्नर के ऑफिस पहुंची थी.

उन्होंने कहा, ‘मैं इस घटना से दुखी हूं. देश में अपातकाल है और मैं संविधान बचाने के लिए हड़ताल पर बैठूंगी. बंगाल में कल बजट पेश होना है लेकिन मैं इस कार्यवाही के चलते मेट्रो सिनेमा के बाहर धरने पर बैठूंगी.’

ममता ने कहा, कोलकाता पुलिस प्रमुख के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध वाली है, प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल में तख्तापलट की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने यहां विपक्ष की रैली का आयोजन किया था. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर सीबीआई को निर्देश दे रहे हैं.

ममता बनर्जी ने चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई के साथ दस्तावेज साझा करने पर कहा, कानून-व्यवस्था राज्य का मामला है, हम क्यों आपको (सीबीआई) सब कुछ दे दें. मैं संविधान की रक्षा के लिए आज रात धरने पर बैठूंगी और इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन करूंगी.

क्या है चिटफंड घोटालों से जुड़ा पूरा मामला

सीबीआई के मुताबिक, चिटफंड घोटालों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गठित एसआईटी की अगुवाई कर चुके आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार से गायब दस्तावेजों और फाइलों के बारे में पूछताछ करनी है, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए जारी नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया.

सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार ने चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए पिछले दिनों कोलकाता आए चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था. रविवार को कोलकाता पुलिस ने एक बयान जारी कर उन खबरों को सिरे से खारिज किया था कि राजीव कुमार ड्यूटी से गायब हैं.

पुलिस ने अपने बयान में कहा था, ‘कृपया इस बात पर ध्यान दें कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर न केवल शहर में उपलब्ध हैं बल्कि नियमित तौर पर ऑफिस आ रहे हैं. सिर्फ 31 जनवरी 2019 को वह ऑफिस नहीं आए, क्योंकि उस दिन उन्होंने छुट्टी ली थी. इसलिए सभी संबंधित पक्ष इस बात पर गौर करें कि अगर बिना जांच के कोई खबर फैलाई जाती है तो कोलकाता के पुलिस कमिश्नर और कोलकाता पुलिस दोनों की मानहानि का मामला चलाया जाएगा.’

अवार्ड वापसी गैंग फिर सक्रिय

मणिपुर के जाने माने फिल्मकार और कम्पोजर अरिबम श्याम शर्मा ने 2006 में प्राप्त पद्म श्री सम्मान को वापस कर दिया है. 

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले देश में एक बार फिर अवार्ड वापसी गैंग सक्रिय हो गया है. मणिपुर के जाने माने फिल्मकार और कंपोजर अरिबम श्याम शर्मा ने 2006 में प्राप्त पद्म श्री सम्मान को वापस कर दिया है. बताया जा रहा है कि उन्होंने यह सम्मान नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में किया है. रविवार को इंफाल स्थित अपने आवास से अरिबम ने सम्मान को वापस करते हुए कहा कि ‘नागरिकता बिल के विरोध में उन्होंने ये सम्मान वापस करने का फैसला किया है. 

फिल्मकार अरिबम ने सम्मान वापस करते समय कहा कि, मणिपुर वासियों को इस वक्त सबसे अधिक सुरक्षा की जरूरत है. जहां एक तरफ लोकसभा में 500 से अधिक सदस्य हैं. वहीं सिर्फ एक या दो सदस्य ही लोकसभा में मणिपुर की तरफ से हैं. उत्तर पूर्वी हिस्से की आवाज सदन में नहीं पहुंचती. यहां के लोगों के लिए अधिक सुरक्षा और व्यवस्था की जरूरत है.

क्या है नागरिकता संशोधन बिल 
नागरिकता संशोधन विधेयक-2016 को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी के बाद ही असम में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है. प्रस्तावित विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है. असम के लोगों को मानना है कि नागरिकता संशोधन बिल 2016 को कैबिनेट की मिली स्वीकृति के बाद असम की संस्कृति और असमिया अस्तित्व खत्म हो जाएगा. विरोधियों का कहना है कि इस विधेयक की वजह से कि इसका संवेदनशील सीमावर्ती राज्य की भौगोलिक स्थिति पर विपरीत असर पड़ेगा. और विधेयक के प्रावधान से 1985 का असम समझौता खत्म हो जाएगा . जिसमें मार्च 1971 के बाद राज्य में प्रवेश करने वाले सभी अवैध प्रवासियों को वापस भेजे जाने का प्रावधान है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. 

बिहार चुनाव के दौरान शुरू हुआ था अवार्ड गैंग
आापको बता दें कि इससे पहले साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने दावा किया था है कि उनके पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि 2015 का तथाकथित ‘अवार्ड वापसी’ अभियान का मकसद राजनीतिक था और उसका मकसद बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार को बदनाम करना था. हिंदी लेखक और कवि अशोक वाजपेई की अगुवाई में 2015 में 50 से अधिक साहित्यकारों ने अपने पुरस्कार यह कहते हुए वापस कर दिए थे कि मोदी सरकार के आने के बाद देश में असहिष्णुता बढ़ गई है.

पुरस्कार वापसी अभियान राजनीति से प्रेरित था ताकि मोदी सरकार बदनाम हो : विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने अपनी पत्रिका दस्तावेज में दस पेज के एक लेख में इन बातों का जिक्र किया था. समाचार पत्र इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार अशोक वाजपेई ने इन दावों को खारिज किया था. वाजपेई कहा कि जिन लोगों ने पुरस्कार वापस किए, उनमें से ज्यादातर एक दूसरे को जानते तक नहीं थे और पुरस्कार इसलिए वापस किए गए क्योंकि देश में पैदा हुए हालात लेखकों से एकजुटता की मांग कर रहे थे.

लेखकों के तीन समूह
तिवारी ने ‘एवार्ड-वापसी की सच्चाई और इसके पीछे का पाखंड’ शीर्षक वाले अपने लेख में लिखा था कि चार महीने तक चल ये अभियान लेखकों के तीन समुहों द्वारा प्रेरित था. पहला- जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से घृणा करते थे, दूसरा- जो सरकार को बदनाम करना चाहते थे और तीसरा- ऐसे लेखक जो अपना प्रचार चाहते थे. तिवारी ने लिखा, ‘मेरे पास सबूत है कि अवार्ड वापसी स्वतःस्फूर्त नहीं था और इसे पांच लेखकों ने योजना बनाकर शुरू किया था. इसमें से कई ऐसे हैं जो पीएम मोदी के सत्ता में आने के पहले से एंटीमोदी सभा कर रहे थे.’

उन्होंने लिखा था कि ये अभियान पीएम मोदी, साहित्य अकादमी और खुद तिवारी के प्रति उनकी घृणा का परिणाम था. उन्होंने इस समय के मैसेज और पत्र भी प्रकाशित किए जो उन लेखकों ने भेजे थे, जिन पर पुरस्कार उनके साथ पुरस्कार वापस करने के लिए दबाव बना रहे थे. उन्होंने कहा कि इस अभियान को चलाने वाले कई लोग लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान लालू प्रसाद यादव की जीत का जश्न मना रहे थे.

ऋषि कुमार शुक्ला नए सीबीआई चीफ

IPS ऋषि कुमार शुक्ला को मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ ने पांच दिन पहले 29 जनवरी को डीजीपी पद से हटाया था.

केन्द्रीय जांच ब्यूरो के विशेष निदेशक के पद पर ऋषि कुमार का नाम तय हो गया है, ऋषि कुमार कांग्रेस की आखिरी पसंद हैं क्योंकि वह मद्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं और उन्होने 8 आतंकियों का एनकाउंटर भी कर चुके हैं। जल्दी ही कांग्रेस इस नियुक्ति के प्रति अपना विरोध दर्ज करवा देगी।

नई दिल्ली/भोपाल: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से विवाद के बाद आलोक वर्मा को सीबीआई के प्रमुख के पद से हटाए जाने के 20 दिन बाद शनिवार को मध्यप्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया प्रमुख नियुक्त किया गया. सीबीआई प्रमुख का नाम तय करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय चयन समिति की बैठक के अगले दिन शुक्ला को दो वर्ष के कार्यकाल के लिए सीबीआई प्रमुख चुना गया. सीबीआई प्रमुख चुनने के लिए समिति पिछले नौ दिनों में दो बार बैठक कर चुकी है.

एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, “समिति की अनुशंसा वाले पैनल के आधार पर दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के अनुच्छेद 4 ए(1) के आधार पर गठित कैबिनेट की चयन समिति ने ऋषि कुमार शुक्ला को दो वर्ष के लिए सीबीआई के निदेशक के तौर पर चुना.”

मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में डीजीपी रहे शुक्ला (59) इस समय पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रमुख थे. उन्हें सीबीआई में काम करने का तो कोई अनुभव नहीं है, मगर इंटेलीजेंस ब्यूरो में काम कर चुके हैं.

डीजीपी पद से हटाया
ऋषि कुमार शुक्ला को मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ ने पांच दिन पहले 29 जनवरी को डीजीपी पद से हटाया था. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं. शुक्ला अगस्त, 2020 में सेवानिवृत्त हो जाते, लेकिन सीबीआई प्रमुख बनने के बाद उनका कार्यकाल फरवरी, 2021 में खत्म होगा. शुक्ला मध्यप्रदेश के डीजीपी के तौर पर 30 जून, 2016 को चुने गए थे. इस पद पर वह 29 जनवरी, 2019 तक रहे.

70 अफसरों को पछाड़ CBI चीफ बने आरके शुक्ला, डीजीपी रहते कराया 8 आतंकियों का एनकाउंटर
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सवाल उठाया था कि सीबीआई में अंतरिम प्रमुख एम. नागेश्वर राव से कब तक काम चलाया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने सरकार को बताया था कि सीबीआई निदेशक का पद संवेदनशील होता है और सरकार को अभी स्थायी निदेशक चुनना होगा.

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सीबीआई प्रमुख के पद पर वर्मा को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बहाल किए जाने के बाद उच्चस्तरीय समिति ने 10 जनवरी को वर्मा को फिर से हटा दिया था. केंद्र सरकार ने उन्हें अग्निशमन, नागरिक सेवा और होम गार्ड का महानिदेशक नियुक्त किया था. उन्होंने इस पद को अस्वीकार कर दिया था.

मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है

नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस याचिका पर शनिवार को सुनवाई होगी. गौरतलब है कि रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति हैं. दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला वाड्रा के करीबी सुनील अरोड़ा से जुड़ा हुआ है. वाड्रा ने इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका लगाई है.

लंदन की प्रॉपर्टी से जुड़ा है यह कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामला
गौरतलब है कि राबर्ट वाड्रा के करीबी कहे जाने वाले सुनील अरोड़ा के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. इस मामले में सुनील अरोड़ा को कोर्ट ने 6 फरवरी तक के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है. दरअसल, यह मामला लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्कवायर स्थित 19 लाख पाउंड (करीब 17 करोड़ रुपये) की एक प्रॉपर्टी की खरीदारी में हुए कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. ईडी ने दावा किया है कि इस संपत्ति के असली मालिक राबर्ट वाड्रा हैं. 

भगोड़े डिफेंस डीलर संजय भंडारी पर भी दर्ज है मुकदमा
ईडी ने कोर्ट में बताया कि लंदन स्थित इस प्रॉपर्टी को भगोड़े डिफेंस डीलर संजय भंडारी ने खरीदा था. भंडारी ने यह प्रॉपर्टी 16 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा था. ईडी के अनुसार, भंडारी ने 2010 में इसी कीमत पर इसकी बिक्री वाड्रा के नियंत्रण वाली फर्म को कर दी थी. ईडी ने बताया कि इस प्रॉपर्टी में मरम्मत के लिए इस पर 65,900 पाउंड का अतिरिक्त खर्चा हुआ था. बावजूद इसके भंडारी ने इस प्रॉपर्टी की बिक्री कर दी थी. गौरतलब है कि भंडारी के खिलाफ ऑफिशल सीक्रेट ऐक्ट के तहत 2016 में मुकदमा दर्ज किया था. 

आखिर सीबीआई निदेशक के नाम पर आम सहमति क्यों नहीं बन पा रही?

पिछले कुछ हफ्तों से सीबीआई काफी हरकत में है जिससे विपक्ष बौखलाया हुआ है। सभी अपनी अपनी गोटियाँ बैठाने में लगे हैं। जहा सीबीआई का काम हाइ प्रोफ़ाइल मामलों की जांच कर उन्हे अंजाम तक पहुंचाना है वहीं जिनके खिलाफ जांच चल रही है वह सीबीआई निदेशक के पद पर अपना आदमी बैठाने की फिराक में हैं। सीजेआई रंजन गोगोई और खडगे प्रधान मंत्री मोदी के साथ विचार विमर्श कर अभी तक इस नतीजे तक नहीं पहुँच पाये हैं की अगला सीबीआई निदेशक कौन होगा?

शुक्रवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन(सीबीआई) के नए निदेशक के नाम पर एक बार फिर से कोई फैसला नहीं हो सका. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चयन समिति की बैठक तो हुई पर किसी एक नाम पर कोई सहमति नहीं बन पाई. शुक्रवार को लंबी बैठक के बाद किसी एक नाम पर न तो आम सहमति बन पाई और न ही 2-1 से फैसला ही हो पाया. पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगई और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सीबीआई के अगले निदेशक का फैसला करेंगे.

ऐसा कहा जा रहा है कि शुक्रवार को सेलेक्शन कमिटी ने पांच नाम तय किए थे. 1985 बैच के मध्यप्रदेश कैडर आईपीएस अधिकारी और मध्यप्रदेश के डीजीपी आर के शुक्ला, डीजी सीआरपीएफ राजीव राय भटनागर, यूपी के पूर्व डीजीपी और एनसीएफएस के डीजी जाविद अहमद, बीपीआर के डीजी एपी मेहश्वरी और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अरविंद कुमार के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई है. गौरतलब है कि सीबीआई के अगले डायरेक्टर के नाम पर बीते 24 जनवरी को भी बैठक हुई थी जो बेनतीजा रहा थी. बीते 10 जनवरी को आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाए जाने के बाद से ही यह पद खाली चल रहा है. वहीं पिछली बैठक टलने के बाद यह तय हो गया था कि देश की पहली महिला सीबीआई डायरेक्टर बनने की तमन्ना पाले बैठी रीना मित्रा अब इस रेस से बाहर हो जाएंगी. रीना मित्रा 31 जनवरी को रियाटर हो गईं. इसके बावजूद इस रेस में अब और कई हाई प्रोफाइल अधिकारियों का नाम जुड़ गया है.

10 जनवरी से पद खाली

1985 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी और राजस्थान के पूर्व डीजीपी ओपी गल्होत्रा का नाम भी रेस में शामिल हो गया है. गल्होत्रा सीबीआई में 10 साल तक काम कर चुके हैं. हरियाणा कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी और आईटीबीपी के डीजी एसएस देशवाल भी सीबीआई डायरेक्टर के रेस में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा यूपी कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार का भी नाम सीबीआई के अगले डायरेक्टर के रेस में लिया जाने लगा है. दरअसल, पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने ही बीते 10 जनवरी को आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटा दिया था, तब से यह पद खाली चल रहा है. सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और सीबीआई के ही पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की लड़ाई के बाद सीबीआई चर्चा में आई थी. सीबीआई के नंबर वन और टू अधिकारी ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जिसके बाद आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाकर दमकल सेवा महानिदेशक, नागरिक रक्षा और होम गार्ड्स का महानिदेशक बनाया गया था, जिसके बाद उन्होंने खुद इस्तीफा दे दिया था.

जानकारों का मानना है कि सरकार इस बार कोई मौका मोल नहीं लेना चाहती है. इसीलिए उन्होंने 12-18 अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. जिन अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, उनमें 1983 बैच से 1985 बैच के कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल हैं. गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा, बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा, सीआईएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन, एनआईए के डीजी वाईसी मोदी और मुंबई पुलिस आयुक्त सुबोध जायसवाल के नाम सीबीआई के फ्रंट रनर में पहले से ही शामिल चल रहा है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि शिवानंद झा का सीबीआई डायरेक्टर बनने का चांस ज्यादा बन रहा है. एक तो झा पीएम के भी नजदीकी हैं और दूसरा 2021 में रिटायर भी होंगे. दूसरी तरफ कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि एनआईए के डीजी वाईसी मोदी इस पद के लिए एक और मजबूत दावेदार हैं. बीएसएफ के महानिदेशक आरके मिश्रा की दावेदारी से भी इनकार नहीं किया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि वह पीएम के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की पहली पसंद हैं. मुंबई के पुलिस कमिश्नर सुबोध जायसवाल भी अपने आरएसएस लिंक के लिए जाने जाते हैं और वह भी इस पद के रेस में अब तक बने हुए हैं.

पांच आईपीएस अफसरों की दावेदारी

सीबीआई डायरेक्टर के लिए इसके अलावा जिन नामों को प्रमुखता से लिया जा रहा है, उनमें 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी और सीआईएसएफ के डीजी राजेश रंजन के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक राजीव राय भटनागर और रॉ के विशेष सचिव विवेक जौहरी का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी के पांच आईपीएस अफसरों की दावेदारी सामने आ रही है. यूपी के डीजीपी ओपी सिंह के अलावा डीजी रैंक के तीन आईपीएस अधिकारी इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, जबकि एक अधिकारी यूपी में ही सेवाएं दे रहे हैं. बीएसएफ के डीजी रजनीकांत मिश्रा, एनआईसीएसएफ के डीजी जावीद अहमद, आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार और यूपी में निदेशक सतर्कता हितेश चंद्र अवस्थी भी रेस में शामिल बताए जाते हैं.

बता दें कि हितेश चंद्र अवस्थी और जावीद अहमद के पास सीबीआई में काम करने का लंबा अनुभव है. जावीद अहमद तो यूपी के डीजीपी भी रह चुके हैं. अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री के अंतिम दिनों में जावीद अहमद यूपी के डीजीपी बने थे. पिछला यूपी विधानसभा का चुनाव जावीद अहमद के नेतृत्व में ही संपन्न हुआ था. बाद में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के कुछ महीनों के बाद अहमद का ट्रांसफर कर दिया गया. अवस्थी और जावीद अहमद का सीबीआई में 15-15 सालों का काम करने का तजूर्बा है. ये दोनों अधिकारी सीबीआई में एसपी से लेकर ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल जैसे पदों पर काम कर चुके हैं.

बता दें कि तीन सदस्यीय चयन समिति चाहे तो किसी एक नाम पर सर्वसम्मति से फैसला कर निदेशक तय कर सकती है. अगर तीन सदस्यीय समिति में आम राय नहीं बन पाती है और तीनों की राय अलग-अलग होती है तो डीओपीटी से कहा जाता है कि कुछ और अधिकारियों के नामों को भेजे. साथ ही अगर दो सदस्यों की किसी एक नाम पर सहमति बन जाती है और तीसरा सदस्य दोनों सदस्यों की राय से इत्तेफाक नहीं रखता है तब भी यह फैसला 2-1 से माना जाता है. यानी किसी को हटाने और बनाने में दो सदस्यों की राय अहम होती है.

10th Rose Festival at PU

Chandigarh February 1, 2019
        The 10th Panjab University Rose Festival is going to be held from 8th to 10th 
February, 2019.
        Prof. R.C. Paul Rose Garden has been given a facelift for the Festival. The entrance gates have been beautified and hedges have been better designed. More than 3200 Rose plants of 155 varieties are adorning the garden. 200 nos. new plants have been added this year. Certain varieties will have different colours of flowers blossoming in the same plant will add to the beauty of the garden.
        The three day mega event will be inaugurated by Prof. Raj Kumar, Vice 
Chancellor, Panjab University on 08.02.2019 at 2:00 pm at Prof. R.C. Paul Rose Garden, Panjab University. 

On the first day, the following competitions will be held:-
1st Day (08.02.2019)
Competition     TIMING  VENUE   Participation Fees (per entry)  
Flower  12:30 p.m.      Prof. R.C. Paul Rose Garden     50.00   
Photography     12:30 p.m.      Prof. R.C. Paul Rose Garden     100.00  
School Band     4:30 p.m.       Prof. R.C. Paul Rose Garden     Free    
The theme of Photography Competition are:- 
 1. Life at Panjab University 
 2. P.U. Gardens/Landscape of P.U. Campus
On the second day, the following competitions will be held:-

1st Day (08.02.2019)
Competition     TIMING  VENUE   Participation Fees (per entry)  
Flower  12:30 p.m.      Prof. R.C. Paul Rose Garden     50.00   
Photography     12:30 p.m.      Prof. R.C. Paul Rose Garden     100.00  
School Band     4:30 p.m.       Prof. R.C. Paul Rose Garden     Free    
The theme of Photography Competition are:- 
 1. Life at Panjab University 
 2. P.U. Gardens/Landscape of P.U. Campus
On the second day, the following competitions will be held:-

2nd Day (09.02.2019)

Competition     Timing  Categories      VENUE   Participation Fees (per entry) Singing (Solo & Duet)   8:30 a.m.
1st group (5-12 yrs) 
2nd group (12-18 yrs)
3rd group (18-27 yrs)   Old Convocation Ground  300.00
Rangoli 10:00 a.m. 
1st group (5-12 yrs) 
2nd group (12-18 yrs)
3rd group (18-27 yrs)   Pond near Admn. Block   100.00
Collage Making  12:15 p.m. 
1st group (5-12 yrs) 
2nd group (12-18 yrs)
3rd group (18-27 yrs)   Old Convocation Ground  100.00
Slogan Writing  2:00 p.m. 
1st group (5-12 yrs) 
2nd group (12-18 yrs)
3rd group (18-27 yrs)   Old Convocation Ground  100.00
Face Painting   3:00 p.m.       1st group (5-12 yrs) 
2nd group (12-18 yrs)
3rd group (18-27 yrs)   Old Convocation Ground  100.00

On the third day, the following competitions will be held:-
                3rd Day (10.02.2019)    
Dancing (Solo, Duet & Group)    8:30 a.m. 

1st group (3-10 yrs)
2nd group (10-15 yrs)
3rd group (above 15 yrs)        Old Convocation Ground  300.00
Poetic Recitation       9:30 a.m. 
1st group (5-12 yrs) 
2nd group (12-18 yrs)
3rd group (18-27 yrs)   Balwant Gargi Open Air Theatre  100.00
Rose Prince & Rose Princess     9.30 a.m.

1st group (0 -1 year)
2nd group (1-2 yrs)
3rd group (2-3 yrs)     Prof. R.C. Paul Rose Garden     300.00
Painting        11.00 a.m.      1st group (5-12 yrs) 
2nd group (12-18 yrs)
3rd group (18-27 yrs)   Old Convocation Ground  100.00
Creative Mehandi        2:00 p.m.       1st group(5-10 yrs)
2nd group (10-15 yrs)
3rd group (15-30 yrs)   Old Convocation Ground  100.00
Fancy Dress     2.00 p.m. 
1st group (3-6 yrs)
2nd group (6-9 yrs)
3rd group (9-12 yrs)    Prof. R.C. Paul Rose Garden     100.00

The forms for participation in festival are available at:-
1.      Single Window Enquiry, Near Post Office, Panjab University
2.      Student Centre, Panjab University
3.      Website of the Festival ‘www.panjabuniversityrosefestival.in

The fees can also be deposited online.
        Entries for Flower Competition will be accepted upto 07.02.2019 till 5:00 p.m. 
at Rose Festival Secretariat, Single Window Enquiry, Near Post Office, Panjab 
University, Sector-14, Chandigarh and on 08.02.2019 till 10:00 a.m. at Prof. R.C. Paul 
Rose Garden, Panjab University, Chandigarh.
         Entries for photography competition will be accepted upto 05.02.2019 till 
5:00 p.m. and all other competitions will be accepted upto 06.02.2019 till 5:00 p.m. 
        The form for booking of stalls at the Panjab University Rose Festival can also 
be downloaded from the website.
        There has been a huge rush of participants for participating in various 
competitions of the Panjab University Rose Festival and more than 200 entries have 
been received till date.
        For any enquiry or information pertaining to participation in competitions, 
stalls and sponsorship, phone no. 7888331330 and 9814893401 are available 24×7.

अंतरिम बजट 2019, कर राहत 2.5 लाख से बढ़ा कर 5 लाख की गयी

नई दिल्लीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पहले पांच साल के कार्यकाल का अंतिम बजट आज संसद में पेश किया. वित्त मंत्री पीयूष गोयल सुबह वित्त मंत्रालय पहुंचे और इसके बाद बजट डॉक्यूमेंट अंतरिम बजट 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की औपचारिक मंजूरी के लिए ले गए. इस दौरान वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल और पोन राधाकृष्ण भी उनके साथ थे. इसके बाद वित्त मंत्री संसद पहुंचे. संसद में उन्होंने बजट भाषण के अंत में वह घोषणा की जिसका मिडिल क्लास को इंतजार था. वित्त मंत्री ने जैसे ही इनकम टैक्स स्लैब में टैक्स रहित आय को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किए जाने का ऐलान किया. पूरे सदन में मोदी-मोदी के नारे लगे.

LIVE अपडेट

– दो घर होने पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा

– अफॉर्डेबल हाउसिंग को प्रोत्साहन देने के लिए इनकम टैक्स में छूट दी गई है

– मकान के किराए पर लगने वाला टीडीएस की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 2.5 कर दी गई है

– 40 हजार तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं लगेगा,  

– स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया. 

– तीन करोड़ से ज्यादा मध्यमवर्गीय को लाभ मिलेगा 

– 10 से ज्यादा आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा

– पांच लाख से 10 लाख तक आय वालों को 20 प्रतिशत टैक्स देना होगा

 – साढ़े 6 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा, अगर इनवेस्टमेंट करते हैं तो

– जिनकी आय पांच लाख है उन्हें इनकम टैक्स में छूट दे दी गई है.

– हम महंगाई दर को 10 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत ले गएः वित्त मंत्री

– 2030 तक सभी नदियों को साफ किया जाएगाः वित्त मंत्री

– इलैक्ट्रोनिक और ऑटोमोबाइल में भारत दुनिया हब बनेगाः वित्त मंत्री

– हर महीने 97 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हो रहा हैः वित्त मंत्री

– भारत अगले पांच साल में 5 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगाः वित्त मंत्री

– जनवरी में जीएसटी 1 लाख 3 हजार करोड़ पहुंची

– 50 लाख तक कारोबार करने वालों को 6 प्रतिशत जीएसटी देना होगा

– जिसकी टोटल टर्नओवर 5 करोड़ से कम है उ्न्हें सिर्फ तीन महीने में एक बार रिटर्न भरना पड़ेगाः वित्त मंत्री

– जीएसटी में कटौती करके टैक्स में 80 हजार करोड़ की राहत

– जीएसटी की वजह से कई जरूरी सामानों पर टैक्स घटे हैंः वित्त मंत्री

– टैक्स कलेक्शन बढ़कर 12 लाख करोड़ हुआः वित्त मंत्री 

– पहली बार एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने इनकम टैक्स भरा

– टैक्स देने वालों की संख्या 80 प्रतिशत तक बढ़ गई हैः वित्त मंत्री

– लगातार इनकम टैक्स में लोगों को राहत देने के काम सरकार ने किए है

– 1 लाख डिजिटल गांव बनाना सरकार का लक्ष्य हैः वित्त मंत्री

– पशु पालकों और मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण पर 2% की ब्याज सब्सिडी- वित्त मंत्री

– भारत ने ग्रामीण स्वच्छता कवरेज में 98% का आंकड़ा हासिल किया- वित्त मंत्री

– सरकार ने मौजूदा आरक्षण, जो कि एसटी/एससी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए है उसको पूर्ण रूप से बरकरार रखते हुए गरीबों के लिए भी शैक्षिण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10% का आरक्षण सुनिश्चित किया है : वित्त मंत्री 

– वर्ष 2014 तक देश में लगभग ढ़ाई करोड़ परिवार बिना बिजली के थे, सौभाग्य योजना से हमने लगभग हर घर को बिजली का मुफ्त कनेक्शन उपलब्ध कराया- वित्त मंत्री

– अब देश में 100 एयरपोर्ट सक्रिय रूप से चल रहे हैः वित्त मंत्री

– भारतीय रेलवे के लिए ये साल सबसे सुरक्षित रहा है, देश में कहीं भी मानव रहित क्रॉसिंग नहीं हैः वित्त मंत्री

– पीएम कौशल विकास योजना से स्टार्टअप को मददः वित्त मंत्री

– उज्ज्वला योजना में 8 करोड़ गैस कनेक्शन का लक्ष्य हैः वित्त मंत्री

– असंगठित क्षेत्र के लिए  60 के बाद 3000 रुपये पेंशन दी जाएगी. अगर 18 साल से इसे शुरू किया जाएगा तो माज्ञ 55 रुपये प्रतिमाह देने होंगे. 

– प्रधानमंत्री श्रम धन मानव धन योजाना के तहत 29 साल की उम्र में कामगार को 60 साल तक 100 रुपये देने होंगे

– असगंठित क्षेत्र के कामगारों के लिए सरकार पेंशन योजना लेकर आई है. जिससे 10 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा.

– पांच सालों में कामगारों का वेतन 42 प्रतिशत बढ़ा है

– ईएसआई की लिमिट को बढ़ाया गया है, बीमा की राशि को 2.5 लाख से 6 लाख किया गया है.

– सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम को आसान बनाया

– नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड के जरिए किसानों को मदद दी जाएगी

– आपदा की सूरत में फसल खराब होने पर ब्याज में 5 प्रतिशत की छूट

– मनरेगा के लिए वर्ष 2019-20 में 60,000 करोड़ रु. का आवंटन: वित्त मंत्री 

– पशु पालन को किसान क्रेडिट कार्ड के दायरे में लाया जाएगा

– कामधेनू आयोग का गठन किया जाएगा, गायों के सम्मान के लिए सरकार पीछे नहीं हटेगीः वित्त मंत्री

–  किसानों को साल में 6 हजार रुपये, 2 हजार की तीन किश्तों में मिलेंगे

– छोटे सीमांत किसानों के खाते में हर साल आएंगे 6000 रुपये

– जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर से कम की जमीन है उन्हें मासिक आय सरकार देगीः वित्त मंत्री

– प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत कर रहे हैः वित्त मंत्री

– पहली बार 22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 प्रतिशत से ज्यादा तय किया गया 

– देश में 115 पिछड़े जिले अब तेजी से प्रगति कर रहे हैं. वित्त मंत्री

– आयुष्मान भारत योजना से करोड़ों भारतीयों को लाभ मिल रहा हैः वित्त मंत्री

–  लगभग 5.45 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए है- वित्त मंत्री

– पारदर्शिता के नए युग की शुरुआत, हमने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाई:वित्त मंत्री

– सरकारी बैकों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए 2.6 लाख करोड़ रु. का निवेश किया गया: वित्त मंत्री

– 2018-19 के संशोधित अनुमान में राजकोषीय घाटे को 3.4% तक लाया गया है: वित्त मंत्री

– दिसंबर 2018 में मुद्रास्फीति महज 2.1% थी: वित्त मंत्री

– गरीबों को सस्ता अनाज उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2018-19 में 1,70,000 करोड़ रु. का व्यय किया गया – वित्त मंत्री 

– आर्थिक आरक्षण से मौजूदा आरक्षण की सीटें कम नहीं होंगीः वित्त मंत्री

– 2018-19 में वित्तीय घाटा 3.4%, बैंकिग सुधार में सरकार ने कई कदम उठाएः पीयूष गोयल

– चालू खाते का घाटा कंट्रोल किया, टैक्स और बैकिंग सेक्टर में सुधार कियाः पीयूष गोयल

– भारत दोबारा विकास की पटरी पर दौड रह, GST लागू करना बड़ा कदमः पीयूष गोयल

– हमने भ्रष्ट्राचार मुक्त सरकार चलाई,  3 बैंकों पर कर्ज देने पर लगी रोक हटा दी हैः पीयूष गोयल

– हमने बैंकिग व्यवस्था में सुधार का प्रोसेस शुरू किया हैः पीयूष गोयल

–  हम महंगाई दर 10 प्रतिशत से घटाकर 4.6 लाए हैः पीयूष गोयल

– भारत दुनिया की छठी अर्थव्यवस्था बना है, 5 सालों में विदेशी निवेश बढ़ा हैः पीयूष गोयल

– सरकार की उपलब्धि रही है कि हमने सोच बदलने के अथक प्रयास किए हैः पीयूष गोयल

 -पीयूष गोयल, हमारी सरकार ने वित्तीय घाटा कम किया है.

–  पीयूष गोयल, हमने कमरतोड़ महंगाई की कमर ही तोड़ दी है

– 2022 तक सरकार सभी लोगों को घर देगी, 2022 तक नया भारत बनाएंगे.

– ‘भारत विकास की पटरी पर दौड़ रहा है, हमने महंगाई को कम किया है’

– केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा, ये बजट किसानों को समर्पित होगा.

– कैबिनेट ने अंतरिम बजट 2019 को दी मंजूरी 

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई

– केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद संसद भवन पहुंचे.

– अंतरिम बजट के साथ ही रेल बजट भी पेश किया जाएगा.

– रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि उम्मीद है कि इस बार के बजट में रेलवे में निवेश बढ़ेगा.

– रेलवे में निवेश बढ़ाकर सीसीटीवी कैमरे, वाईफाई आदि लगाए गए हैंः रेल राज्य मंत्री

– संसद भवन में कैबिनेट बैठक जारी है, बैठक के बाद बजट पेश किया जाएगा.

– वित्त मंत्री पीयूष गोयल संसद पहुंच चुके हैं. कैबिनेट की बैठक के बाद लोकसभा में बजट पेश किया जाएगा.

 वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति से बजट की औपचारिक मंजूरी ली.

– बजट की कापियां संसद सदस्‍यों और मीडिया को दी जाएंगी.

–  अंतरिम बजट की कापियां संसद भवन परिसर में पहुंच चुकी हैं.

– सुबह करीब 8.45 बजे वित्त मंत्री पीयूष गोयल वित्त मंत्रालय पहुंचे 

कांग्रेस की साफिया ने जीता रामगढ़, जीत के साथ कांग्रेस का शतक

रामगढ़/अलवर ।। रामगढ़ के रण में भाजपा को पछाड़ते हुए कांग्रेस ने बाजी मार ली. रामगढ़ में जीत के साथ ही राजस्थान में कांग्रेस ने जीत का शतक लगा दिया. इससे पहले राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में 99 सीटें थी. जो अब रामगढ़ मिलकर पूरी 100 हो गई.

जीत से पहले की कांग्रेस प्रत्याशी साफिया खान की प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रत्याशी साफिया खान ने 12228 मतों से भाजपा के प्रत्याशी सुखवंत सिंह को हराया है. सुबह आठ बजे से लगातार भाजपा प्रत्याशी सुखवंत सिंह पर बढ़त बनाए हुए कांग्रेस प्रत्याशी साफिया खान ने धोबी पछाड़ देते हुए भाजपा को चित कर दिया. 20 राउंडों की निर्णायक काउंटिग में लगातार साफिया जुबेर खान अपनी बढ़त बनाई हुई थी. 

कर्नाटक में सब ठीक नहीं है

बेंगलुरू: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के बीच तल्खी और बढ़ गई है. बुधवार को मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने फिर से धमकी दी कि अगर कांग्रेस के नेता उन पर आक्षेप लगाते रहे तो वह इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा, “हां, मैंने कहा था कि अगर कांग्रेस के नेता मुझे निशाना बनाते रहे तो मैं पद छोड़ दूंगा.”  

जेडीएस के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “अगर वे (कांग्रेस के नेता) फिर से इस तरह के बयान देंगे तो मैं कितने दिन तक यह सब बर्दाश्त करता रहूंगा. सत्ता तो अल्पकालिक है. जो स्थायी है, वह आप (पार्टी कार्यकर्ता) हैं और इस राज्य की साढ़े छह करोड़ जनता है.” 

इससे पहले, 28 जनवरी को कुमारस्वामी ने कांग्रेस के एक विधायक की टिप्पणी से आहत होकर इस्तीफा देने की धमकी दी थी जिसके बाद गठबंधन सहयोगी ने मामले को शांत किया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा ने भी कहा कि कुछ कांग्रेसी नेता की ओर से निशाना बनाए जाने से मुख्यमंत्री आहत हुए हैं. उन्होंने 2006-2007 में सिद्धरमैया के मुख्यमंत्री बनने की कथित महात्वाकांक्षा का भी हवाला दिया.