“हवाई प्रहार” के बाद पाकिस्तान पर भारत का “जल प्रहार”

पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी से पंजाब और राजस्थान में होगी सिंचाई

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई लगातार जारी है. बालाकोट में आतंकी कैम्पों में हवाई हमले, पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने के बाद अब भारत ने पाकिस्तान पर पानी से प्रहार किया है. भारत ने पाकिस्तान जाने वाली नदियों का पानी रोकने का ऐलान किया हैं. केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि पाकिस्तान की ओर जाने वाली तीन नदियों का पानी भारत ने रोक दिया है.


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राजस्थान में बीकानेर पहुंचे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल मेघवाल ने बताया कि पाकिस्तान में बहने वाली पूर्वी नदियों के 0.53 मिलियन एकड़ फीट पानी को रोक दिया गया है और इसे संग्रहित किया गया है. जब भी राजस्थान या पंजाब को इसकी जरूरत होगी, उस पानी का उपयोग पीने और सिंचाई के लिए किया जा सकता है.

14 फरवरी को पुलवामा अटैक के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान की ओर जाने वाली तीन नदियों ब्यास, रावी और सतलज का अपने हिस्से का पानी रोकने की बात कही थी.

पुलवामा हमले के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि सिंधु समझौते के तहत भारत अपने हिस्से का पानी पाकिस्तान जाने से रोक देगा. केंद्र सरकार का यह कदम 1960 की सिंधु जल संधि का उल्लंघन नहीं करता है, क्योंकि भारत ने केवल अपने हिस्से के पानी को रोका है. भारत अपने हिस्से के पानी का उपयोग करने का हकदार है.

भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था. यह समझौता पूर्व की ओर बहने वाली नदियों- ब्यास, रावी और सतलज के पानी के प्रयोग के लिए हुआ है. इस समझौते के तहत भारत को 3.3 करोड़ एकड़ फीट (एमएएफ) पानी मिला है, जबकि पाकिस्तान को 80 एमएएफ पानी दिया गया है. यहां इस बात पर विवाद है कि इस संधि के तहत पाकिस्तान को भारत से अधिक पानी मिलता है, जिससे यहां सिंचाई में भी इस पानी का सीमित उपयोग हो पाता है. केवल बिजली उत्पादन में इसका अबाधित उपयोग होता है. साथ ही भारत पर परियोजनाओं के निर्माण के लिए भी सटीक नियम बनाए गए हैं.

सीमा पार से आई याचिका ने टाला फैसला

सारिका तिवारी, पंचकुला
11 मार्च 2019

देश में आम चुनावों के ऐलान के साथ ही बने राजनीतिक माहौल के बीच सोमवार को हरियाणा के पंचकूला की स्पेशल एनआईए कोर्ट समझौता ब्लास्ट केस मामले में फैसला सुनाना था लेकिन इसे 14 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है.

इस केस में फाइनल बहस पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने अपना फैसला 11 मार्च, सोमवार के लिए सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के लिए सोमवार को मामले के आरोपी असीमानंद, कमल चौहान, लोकेश शर्मा और राजिंदर चौधरी पूंचकूला कोर्ट में पहुंच गए. कोर्ट के बाहर आरोपियों के समर्थकों ने भारत माता की जय के नारे लगाए.

एनआईए ने मामले में कुल 224 गवाह पेश किए जबकि बचाव पक्ष ने अपनी सफाई में कोई भी गवाह पेश नहीं किया, दूसरी ओर एनआईए द्वारा बार बार पाकिस्तान सम्मन भेजने के बावजूद वहाँ से कोई भी गवाह पेश नहीं हुआ, परंतु अब मोमिन मालिक जो अधिवक्ता हैं ने पाकिस्तानी महिला, राहिला एल वकील जिसके पिता कि इस ब्लास्ट में मृत्यु हो गयी थी की ओर से याचिका दायर की कि उसे कोई भी सम्मन नहीं मिला इस यचिका ने बहर हाल फैसले को टाल दिया है और मामले को फिर से सुनवाई कि स्थिति में ला दिया हैसूत्रों के अनुसार एक गैर सरकारी संगठन कि मदद से मोमिन खान ने या याचिका दायर कि है। अब देखना यह है कि क्या यह गैर सरकारी सगठन किसी राजनैतिक दल से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबन्धित है या नहीं, और पिछले 12 साल से राहिला को सम्झौता ब्लास्ट कि कोई खबर नहीं मिली और अब जबकि फैसला सुनाया जाना था तो कथित एनजीओ और राहिला की नींद कैसे खुली, क्या यह महज़ इत्तिफाक़ है या किसी राजनैतिक दल का दांव

समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के पास धमाका हुआ, इसमें 68 की मौत हुई थी एनआइए ने कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया, 6 मार्च को इस केस की सुनवाई पूरी हुई

पानीपत के दीवाना स्टेशन के नजदीक 12 साल पहले हुए समझौता ट्रेन ब्लास्ट मामले में पंचकूला की विशेष एनआईए कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुना सकती है।6 मार्च को इस केस की सुनवाई पूरी हो गई थी। मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंद्र चौधरी है। हालांकि कुल 8 आरोपी थे, जिनमें से 1 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन को भगोड़ा घोषित किया जा चुकाहै।

दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास धमाका हुआ था। इस धमाके में दो बोगियों में आग लग गई थी, जिसमें 68 लोग जिंदा जल गए थे। मरने वालों में ज्यादातार पाकिस्तान के रहने वाले थे।

पुलिस को घटनास्थल से दो सूटकेस बम मिले, जो फट नहीं पाए थे। 20 फरवरी, 2007 को प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर पुलिस ने दो संदिग्धों के स्केच जारी किए। ऐसा कहा गया कि ये दोनों लोग ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए। इसके बाद धमाका हुआ।

यह भी पढ़ें: कौन है समझौता ब्लास्ट को हिन्दू आतंकवाद से जोड़ने की खौफनाक साजिश के पीछे

15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। यह इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी। पुलिस इन तक सूटकेस के कवर के सहारे पहुंच पाई थी। ये कवर इंदौर के एक बाजार से घटना के चंद दिनों पहले ही खरीदे गए थे।

26 जुलाई 2010 को मामला एनआइए को सौंपा गया था। इसके बाद स्वामी असीमानंद को मामले में आरोपी बनाया गया। एनआइए ने 26 जून 2011 को पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पहली चार्जशीट में नाबा कुमार उर्फ स्वामी असीमानंद, सुनील जोशी, रामचंद्र कालसंग्रा, संदीप डांगे और लोकेश शर्मा का नाम था। आरोपियों पर आईपीसी की धारा (120 रीड विद 302) 120बी साजिश रचने के साथ 302 हत्या, 307 हत्या की कोशिश करना समेत, विस्फोटक पदार्थ लाने, रेलवे को हुए नुकसान को लेकर कई धाराएं लगाई गई।

एनआइए ने मामले में कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया। केवल अपने दस्तावेज और कई फैसलों की कॉपी ही कोर्ट में पेश की। इस मामले में कोर्ट की ओर से पाकिस्तानी गवाहों को पेश होने के लिए कई बार मौका दिया गया, लेकिन वह एक बार भी कोर्ट में नहीं आए।

सम्झौता ब्लास्ट में फैसला किसी भी वक्त

आज 11 मार्च 2019 को बारह साल पुराने सम्झौता ब्लास्ट मामले पर किसी भी समय पंचकुला की विशेष आईएनए अदालत में फैसला सुनाया जा सकता है। मुख्य आरोपी असीमानंद और तीन अन्य आरोपी भी कोर्ट परिसर में पहुँच चुके हैं।

समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के पास धमाका हुआ, इसमें 68 की मौत हुई थी एनआइए ने कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया, 6 मार्च को इस केस की सुनवाई पूरी हुई

पानीपत के दीवाना स्टेशन के नजदीक 12 साल पहले हुए समझौता ट्रेन ब्लास्ट मामले में पंचकूला की विशेष एनआईए कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुना सकती है।6 मार्च को इस केस की सुनवाई पूरी हो गई थी। मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंद्र चौधरी है। हालांकि कुल 8 आरोपी थे, जिनमें से 1 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन को भगोड़ा घोषित किया जा चुकाहै।

दिल्ली से लाहौर जा रही थी समझौता एक्सप्रेस

दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास धमाका हुआ था। इस धमाके में दो बोगियों में आग लग गई थी, जिसमें 68 लोग जिंदा जल गए थे। मरने वालों में ज्यादातार पाकिस्तान के रहने वाले थे।

पुलिस को घटनास्थल से दो सूटकेस बम मिले, जो फट नहीं पाए थे। 20 फरवरी, 2007 को प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर पुलिस ने दो संदिग्धों के स्केच जारी किए। ऐसा कहा गया कि ये दोनों लोग ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए। इसके बाद धमाका हुआ।

15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। यह इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी। पुलिस इन तक सूटकेस के कवर के सहारे पहुंच पाई थी। ये कवर इंदौर के एक बाजार से घटना के चंद दिनों पहले ही खरीदे गए थे।

26 जुलाई 2010 को मामला एनआइए को सौंपा गया था। इसके बाद स्वामी असीमानंद को मामले में आरोपी बनाया गया। एनआइए ने 26 जून 2011 को पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पहली चार्जशीट में नाबा कुमार उर्फ स्वामी असीमानंद, सुनील जोशी, रामचंद्र कालसंग्रा, संदीप डांगे और लोकेश शर्मा का नाम था। आरोपियों पर आईपीसी की धारा (120 रीड विद 302) 120बी साजिश रचने के साथ 302 हत्या, 307 हत्या की कोशिश करना समेत, विस्फोटक पदार्थ लाने, रेलवे को हुए नुकसान को लेकर कई धाराएं लगाई गई।

एनआइए ने मामले में कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया। केवल अपने दस्तावेज और कई फैसलों की कॉपी ही कोर्ट में पेश की। इस मामले में कोर्ट की ओर से पाकिस्तानी गवाहों को पेश होने के लिए कई बार मौका दिया गया, लेकिन वह एक बार भी कोर्ट में नहीं आए।

कॉंग्रेस भाग्य छींका फूटा, कर्ज़ माफी हुआ दूर का सपना

प्रदेश में नोटा और किसानों को झूटे सपने दिखा सत्ता में आई कांग्रेस अपने वादों से भागने के नित नए बहाने ढूंढती फिरती है। ताज़ातरीन उदाहरण आचार संहिता लागू होने पर कांग्रेस के मानो भाग जागे, किसानों की कर्ज़ माफी के नामपर जगह जगह जग हँसाई करवाती कांग्रेस ने एक तीर से दो निशाने लगा दिये। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आचार संहिता लागू होने के तुरंत पश्चात किसानों को मैसेज करने शुरू कर दिये जिसका सार था की 10 दिनों के वायदे को 75 दिनों तक न निभा पाने के बाद कांग्रेस अब केंद्र सरकार के हाथों मजबूर है। आवेदन तो प्राप्त हो गए हैं लेकिन अब पैसे दे नहीं सकते अब जो कुछ भी होगा वह चुनावों के पश्चात ही संभव है। (गोया कि केंद्र सरकार को लोक सभा चुनाव स्थगित कार्वा इनके वायदा पूर्ति कि बाट जोहनी चाहिए थी।)

भोपालः देश में सत्ता हासिल करने के 7 दिन के भीतर ही किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का ढिंढोरा पीटने वाली कांग्रेस सरकार 75 दिन के बाद भी अपने वायदे को पूरा नहीं कर पाई है. किसानों के आवेदन जमा हो जाने के बाद चिन्हित किसानों को प्रमाण पत्र तो दे दिए गए, लेकिन बैंकों में पैसा न होने के कारण किसान ठगा महसूस कर रहे हैं. रविवार को जैसे ही लोकसभा चुनाव की घोषणा होने की खबर मिली वैसे ही मुख्यमंत्री के नाम से किसानों को मोबाइल पर मैसेज भेजने का सिलसिला शुरू हो गया. मुख्यमंत्री कमलनाथ के हवाले से भेजे जा रहे मोबाइल मैसेज में कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव आचार संहिता के कारण कर्ज माफी की स्वीकृति नहीं मिल पाई है. चुनाव के बाद शीघ्र स्वीकृति दी जाएगी.

दोपहर में मिले इन संदेशों को पढ़कर किसान एक बार फिर से इसे सरकार द्वारा कर्ज माफ करने के नाम पर छलावा मान रहे हैं. कर्ज के बोझ तले दबे इन किसानों को विधानसभा चुनाव के पहले कर्जमाफी का जो सपना दिखाया गया था वो लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही मुरझा गया है. बता दें रविवार क आचार संहिता लगते ही किसानों को एक एक कर जिस तरह मैसेज भेजे जा रहे हैं, उसने इनके ख्वाबों को हकीकत में ढलने के पहले ही चकनाचूर कर दिया है. 

बैतूल के लालू वर्मा ऐसे ही किसानों में शामिल है जिन्हें एक हफ्ते पहले मैसेज मिला था कि उनका 47 लाख का कर्ज माफ हो गया है, लेकिन रविवार आए दूसरे मैसेज ने उनकी परेशानी बढ़ा दी. ताजा मैसेज है की अब उनका कर्ज लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते माफ नही हो पा रहा है. लालू वर्मा को अब चिंता है कि उन पर चढ़ा कर्ज उन्होंने 31 मार्च तक नही चुकाया तो खाता ओवर ड्यू हो जाएगा और भविष्य में मिलने वाला कर्ज भी वे नही ले सकेंगे.

बैतूल कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1 लाख 49 हजार किसानों को जय किसान ऋण माफी योजना का लाभ मिलना है. इनमें से कुछ ही किसानों को प्रमाण पत्र जारी किए जा सके हैं. जिन किसानों को प्रमाण पत्र मिले हैं उनके बैंक खाते में न तो अब तक राशि आ पाई है और न ही उनका कर्ज माफ हो पाया है. सहकारी बैंकों में किसान संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह बताया जा रहा है कि अभी तक राशि मुहैया नहीं कराई जा सकी है. जब राशि मिलेगी तब ही कर्ज माफ किया जा सकेगा. 

जिले की सहकारी समितियों में भी न तो किसानों की अंश पूंजी बची हुई है और न ही राशि मौजूद है. ऐसे में वे पुराना कर्ज तो माफ ही नहीं कर पाएंगी और न ही किसानों को नया कर्ज ही मिल सकेगा. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अफसरों की मानें तो कुल 96 हजार 854 किसान ऋण माफी के दायरे में आ रहे थे. इनमें से 87 हजार किसानों ने फॉर्म जमा कराए हैं. 60 हजार किसानों के कर्ज माफ करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक राशि ही उपलब्ध नहीं हो सकी है. 

यह लिखा है मैसेज में
कर्ज माफी योजना के पात्र किसानों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एचपी-जेकेएमआरवाय के द्वारा भेजे जा रहे मैसेज में संबंधित किसान को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि ‘जय किसान फसल ऋण माफी योजना में आपका आवेदन मिला है. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण आपकी ऋण माफी नहीं हो पाई है. चुनाव के बाद शीघ्र स्वीकृति की जावेगी. शुभकामनाएं, आपका कमलनाथ, मुख्यमंत्री.’

Insurance Scheme for Lawyers

Curtsy: Aditi Singh March 10 2019

The Central Government has set up a five-member committee to examine the issues related to framing a scheme for providing an insurance scheme for the advocates across the country.

It would also suggest modalities for the implementation of such a scheme.

The Committee would submit its reports on the issue within three months.

“In an order to this effect, Mr. Ravi Shankar Prasad has directed that the committee shall recommend a comprehensive insurance scheme for the welfare of the advocated all over India to address concerns relating to untimely death and medical insurance. It states that committee should submit its reports within three months and if the need be the committee may take opinion from all stakeholders including the representatives of the insurance companies to devise the proposed scheme.

The committee shall also suggest the modalities of administration of the insurance scheme under a high powered body with adequate representatives of all stakeholders.“, a PIB release dated March 8 reads.

The Committee would function under the chairmanship of Secretary Legal Affairs.

Other members of the Committee would include a senior representative from the Department of Financial Services and representative of the Department of legal affairs. The Committee would also have one representative each from Bar Council of India and State Bar Councils.

The decision has come after a delegation of lawyers led by BCI Chairman Manan Kumar Mishra met the Union Law Minister, Ravi Shankar Prasad in connection with their concerns and demands, earlier this month.

The Union Minister had then promised the delegation that the Centre would consider the framing an insurance cover scheme for lawyers, which might include assistance from Centre and State Governments.

चुनावों से संबन्धित 10 बातें

नई दिल्ली: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनली अरोड़ा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान कर दिया है. दस प्वाइंट में समझते हैं चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी घोषणाएं. 

1-लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता रविवार से लागू हो गई है. 

2-सभी पोलिंग स्टेशन पर वीवीपैट का इस्तेमाल होगा 

3-सात चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव 

4-पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा. दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल को होगा. 

5-तीसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल को होगा. चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा. 

6-पांचवे चरण का मतदान 6 मई को होगा. छठे चरण का मतदान 12 मई को होगा. 

7-सातवें चरण का मतदान 19 मई को होगा. 

8-प्रथम चरण के चुनाव में 91 लोकसभा सीटों और दूसरे चरण के चुनाव में 97 लोकसभा सीटों पर चुनाव होंगे. तीसरे चरण में 115 सीटों पर मतदान होगा. 

9-चौथे चरण में 71 सीटों पर और पांचवें चरण में 51 सीट पर चुनाव होंगे. छठे चरण में 59 सीट पर चुनाव और सातवें चरण में 59 सीटों पर चुनाव होंगे.

10-मतगणना 23 मई को होगी

लोकतंत्र के महाकुम्भ के लिए आचार संहिता लागू, 7 चरणों में होंगे चुनाव

विभिन्न मुख्यमंत्रियों ने भी ली अधिकारियों की बैठक। हरियाणा के सभी उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से खट्टर ने की विडियो कॉन्फ्रेंस के मधायम से मीटिंग। मुख्यमंत्री योगी ने भी विभिन्न बोर्ड के चेयर पर्सन और अधिकारियों की ली बैठक चुनावी प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने के लिए राष्ट्र एवं राज्य स्तर के अधिकारी लामबंध। लाउड स्पीकरों की अनावश्यक इस्तेमाल पर चुनाव आयोग की रोक का विद्यार्थियों और अभिभावकों ने किया स्वागत

चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इस बार 7 चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण की वोटिंग 11 अप्रैल, दूसरे चरण की 18 अप्रैल, तीसरे चरण की 23 अप्रैल, चौथे चरण की 29 अप्रैल, पांचवे चरण की 6 मई, छठे चरण की 12 मई और सातवें चरण की वोटिंग 19 मई को होगी. और 23 मई को मतगणना होगी.

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.

पहले चरण में 20 राज्यों की 91 सीटें, दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 सीटें, तीसरे चरण में 14 राज्यों की 115 सीटें, चोथे चरण में 9 राज्यों की 71 सीटें, पांचवे चरण में 7 राज्यों की 51 सीटें, छठे चरण में 7 राज्यों की 59 सीटें और सातवें चरण में 8 राज्यों की 59 सीटों पर चुनाव होगा.

पहले चरण में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, केरल, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, अंडमान, दादरा-नागर हवेली, दमन-दीव, लक्षदीप, दिल्ली, पांडिचेरी में मतदान होंगे.

कर्नाटक, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा में दो चरणों में मतदान होंगे. असम और छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में चुनाव होंगे. झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा में चार चरणों में मतदान होगा. जम्मू कश्मीर में पांच चरणों, जबकि बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव होंगे.

पहले चरण में 11 अप्रैल को आंध्र प्रदेश की 25, असम की पांच, बिहार की चार, छत्तीसगढ़ की एक, जम्मू कश्मीर की दो, महाराष्ट्र की सात, मणिपुर की दो, मेघालय की दो, नगालैंड की एक, मिजोरम की एक, तेलंगाना की 17, उत्तर प्रदेश की आठ, उत्तराखंड की पांच, पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर मतदान होगा.

दूसरे चरण में 18 अप्रैल को असम की पांच, बिहार की पांच, छत्तीसगढ़ की तीन, जम्मू कश्मीर की दो, कर्नाटक की 14, महाराष्ट्र की 10, मणिपुर की एक, ओडिशा की पांच, तमिलनाडु की 39, उत्तर प्रदेश की 8, पश्चिम बंगाल की तीन और पुदुच्चेरी की एक सीट पर वोट डाले जाएंगे.

तीसरे चरण में 23 अप्रैल को असम की चार, बिहार की पांच, छत्तीसगढ़ की सात, गुजरात की 26, गोवा की दो, जम्मू कश्मीर की एक, कर्नाटक की 14, केरल की 20, महाराष्ट्र की 14, ओडिशा की छह, उत्तर प्रदेश की 10, पश्चिम बंगाल की पांच, दादरा एवं नगर हवेली की एक, दमन व दीव की एक सीट पर वोटिंग होगी.

सुनील अरोड़ा ने कहा, ‘परीक्षा, त्योहारों और कटाई के मौसम को ध्यान में रखकर तारीख पर फैसला किया गया है. इस चुनाव में 90 करोड़ वोटर्स मताधिकार का प्रयोग करेंगे.’

साथ ही उन्होंने कहा, ‘EVM पर इस बार उम्मीदवारों की तस्वीर होगी. सभी मतदान केंद्रों पर इस बार VVPAT का इस्तेमाल होगा. साथ ही इस बार लोकसभा चुनाव में डेढ़ करोड़ युवा पहली बार वोट डालेंगे.

उन्होंने ये भी बताया कि, ‘1590 पर फोन कर और SMS के जरिए वोटर, वोटिंग लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं. कुल 10 लाख बूथों पर वोट डाले जाएंगे. देशभर में आज से आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी और किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.  लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर नजर रखी जाएगी और समय-सीमा के अंदर की उसके इस्तेमाल की इजाजत होगी.’

इसके साथ ही सभी संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे और वेबकास्टिंग होगी. सभी बड़ी घटनाओं की वीडियोग्राफी की जाएगी. आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देनी होगी. साथ ही कुछ राज्यों के लिए विशेष पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं. इसके साथ ही साथ चुनाव में ईवीएम की जीपीएस ट्रैकिंग भी की जाएगी. संवेदनशील इलाकों में CRPF की तैनाती भी की जाएगी.

सोशल मीडिया पर प्रचार करने के पहले भी राजनीतिक पार्टियों को इजाजत लेनी होगी. साथ ही सोशल मीडिया पर प्रचार का खर्च भी चुनाव के खर्च में जुड़ेगा. इसके साथ ही पेड न्यूज पर नजर रखने के लिए एक कमिटि का गठन किया जाएगा.

सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए चुनाव आयुक्त ने घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर में आम चुनाव के साथ नहीं होगा विधानसभा चुनाव.

जम्मू कश्मीर विधान सभा के चुनावों पर चुनाव आयोग का मत है की सुरक्षा कारणों से विधानसभा चुनावों को फिलहाल लोक सभा चुनावों के साथ नहीं किया जा रहा

कांग्रेसी कहलाने में शर्म आती है इसीलिए पार्टी छोड़ी: विनोद शर्मा

पटनाः बिहार में कांग्रेस के प्रवक्ता विनोद शर्मा ने पार्टी पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. विनोद शर्मा ने कहा है कि उन्हें देशहित को देखते हुए यह फैसला लिया है. क्योंकि कांग्रेस पार्टी आतंकियों के खिलाफ एयर स्ट्राइक का सबूत मांग रही है. जो कभी देशहित से जुड़ा नहीं हो सकता है. उन्हें अब कांग्रेसी कहलाने में शर्म आती है. इसलिए पार्टी से पहले देश को मानते हुए उन्होंने अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

विनोद शर्मा ने पद और पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा कि कांग्रेस लगातार बालाकोट में हुए आतंकियों के खिलाफ एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रही है. जो की गलत है. इतना ही नहीं विनोद शर्मा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भी इस बारे में चिट्ठी लिखी. जिसमें उन्होंने एयर स्ट्राइक पर सबूत मांगने की बात को गलत ठहराया था.

उन्होंने चिट्ठी में लिखा था कि उन्हें कांग्रेसी कहलाने में शर्म आ रही है. उन्होंने एयर स्ट्राइक का सबूत मांगना शर्मनाक बताया. और एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने को सेना का मनोबल तोड़ने वाला बताया. विनोद शर्मा ने कहा कि ऐसी ही कारणों से आज कांग्रेस की स्थिती बुरी हो रही है. लोग अब कांग्रेस को पाकिस्तानी एजेंट समझने लगे हैं.

विनोद शर्मा ने कहा कि वह पिछले 30 सालों से कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ हूं. उन्होंने पार्टी के लिए बहुत कुछ किया है. लेकिन देशहित को देखते हुए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. आपको बता दें कि कांग्रेस ने विनोद शर्मा को हाल ही में जम्बो कमिटी में प्रवक्ता नियुक्त किया था.

विनोद शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी को चिट्ठी लिखने के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इससे मुझे काफी दुख भी महसूस हुआ. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कार्यकर्ता भी चाहते थे कि पार्टी ऐसे बयान नहीं दे. उन्हें पहले भी चिट्ठी लिखी थी लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी इस बारे में बात की. वह खुलकर नहीं कहते हैं लेकिन वह भी चाहते थे कि पार्टी की ओर से इस तरह के बयान नहीं आए.

वहीं, उन्होंने आगे की राह को लेकर कहा कि मुझे जो भी पार्टी राष्ट्रहित से जुड़ा दिखेगा उससे मैं जुड़ जाऊंगा. लेकिन ऐसा हो सकता है कि मैं सामाजिक कार्यकर्ता की तरह भी रह सकता हूं. अभी किसी तरह का फैसला नहीं किया है.

आशा पटेल के बाद चावडा कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए शामिल

अहमदाबाद: कांग्रेस के लिए गुजरात से लगातार बुरी खबरें आ रही हैं. पिछले महीने मेहसाणा की ऊंझा सीट से पहली बार विधायक बनीं आशा पटेल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गई थीं. अब एक और विधायक ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन कर ली है. वरिष्ठ नेता जवाहर चावड़ा गुजरात विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं.

यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की 12 मार्च को बैठक होने वाली है. जूनागढ़ जिले की माणावदर सीट से चार बार से विधायक चावड़ा को अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) का प्रभावशाली नेता माना जाता है. वह अहीर समुदाय से आते हैं. 

चावड़ा ने माणावदर सीट पर 1990, 2007, 2012 और 2017 में जीत दर्ज की थी. वह बीते कुछ महीनों में सदन से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के तीसरे विधायक हैं. पिछले साल जुलाई में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक कुवंरजी बावलिया ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था और वह भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए थे. मेहसाणा की उन्झा सीट से पहली बार विधायक बनीं आशा पटेल भी पिछले महीने कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गई थीं.

अल्पेश ठाकोर भी जा सकते हैं बीजेपी में
ओबीसी नेता और कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने भी बीजेपी में जा सकते हैं. ठाकोर ने कल गुरुवार को कहा था कि वह अपने अगले राजनीतिक कदम के बारे में शुक्रवार को फैसला करेंगे. यानी आज शाम तक तस्वीर साफ हो सकती है कि अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में रहेंगे या नहीं. राधनपुर के कांग्रेस विधायक ठाकोर ने अपने अगले कदम पर फैसले के लिए गुरुवार को ठाकोर सेना की बैठक बुलाई थी. ठाकोर ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए मेरे बारे में अफवाह फैलाई जा रही है. मैं शुक्रवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा और अपना रूख साफ करूंगा.” 

राज्यपाल ने प्रदेश की महिलाओं को सम्मानित करते हुए मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

पंचकूला, 8 मार्च-      

हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने नागरिकों व समाजसेवी संस्थाओं का आहवान किया है कि वेे महिला सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक एवं प्रगतिशील सोच अपनाएं और प्रदेश में लिंगानुपात को संतुलित करने के लिए कन्या भ्रूण हत्या न करने और न करने देने का संकल्प लें ओर बेटियों को जीवन में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करें।

     राज्यपाल सैक्टर 1 स्थित रैडबिष्प में अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने महिला हैल्पलाईन टोल फ्र्री न. 181 तथा सैक्सुअल हरासमेंट टूल किट का भी लोकार्पण किया। समारोह में प्रदेश भर की 23 महिलाओं को विभिन्न शौर्य पुरस्कारों से सम्मानित किया। महिलाओं के लिए क्रियान्वित पोषण योजनाओं के सफल क्रियान्यन के लिए एवं सुधार हेतू पंचकूला के उपायुक्त डा.बलकार सिंह, रेवाडी के उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा व कुरूक्षेत्र के उपायुक्त डा. एस एस फुलिया को सम्मानित किया। इसके अलावा  लिंगानुपात में सुधार लाने पर जींद के उपायुक्त आदित्य दहिया, रेवाड़ी के उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा व महेन्द्रगढ की उपायुक्त डा. गरीमा मितल को भी सम्मानित किया।

     राज्यपाल ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि   ‘‘यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते, रमन्ते तत्र देवता,“ जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवताओं का वास होता है। भारतीय संस्कृति में नारी को देवी का स्थान दिया गया है। देश में माँ दुर्गा को शक्ति की देवी, लक्ष्मी को धन की देवी, सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी माना गया है। साथ ही साथ माता सीता, पार्वती, सावित्री व माँ काली का नाम भी श्रद्धा पूर्वक लिया जाता है और घर-घर में उनका पूजन होता है।

   उन्होंने कहा कि देश और समाज के निर्माण में महिलाओं की अहम् भूमिका होती है। महिलाओं की रचनात्मक भूमिका के बिना समाज का विकास संभव नहीं है। हमारे वेद और ग्रंथ नारी शक्ति के योगदान से भरे पड़े हैं। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, महारानी अहिल्याबाई होल्कर व रानी दुर्गावती ने अपनी वीरता का परिचय देकर विश्व को नारी की ताकत दिखाई थी। 21वीं सदी में भारत की चहुंमुखी प्रगति में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर योगदान दे रही हैं। 

राज्यपाल ने कहा कि प्रजातांत्रिक प्रणाली में महिलाओं को सम्मानित स्थान देने के लिए सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण का प्रावधान किया है। आरक्षण मिलने से देश व प्रदेश के विकास में महिलाओं का उल्लेखनीय योगदान रहा है और महिलाएं सशक्त हुई है। देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। प्रधानमंत्री मातृ योजना, उज्जवला योजना,  महिला हेल्पलाॅइन, नारी शक्ति पुरस्कार योजना, निर्भया योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढाओ सबका साथ -सबका विकास आदि इन योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाएं आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा नें भी महिलाओं के लिए क्रियान्वित योजनाओं को कारगर ढंग से लागू कर महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी गई है। यह गर्व की बात है कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान में तो हरियाणा ने उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की है। इसके फलस्वरूप वर्ष 2014 में लिंगानुपात 871 था जो अब बढकर 929 हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं 69 प्रतिशत उच्च शिक्षा में शिक्षित है जो पूरे देश में सर्वाधिक है।

समारोह को सम्बोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कविता जैन ने कहा कि नारी शक्ति को समर्पित दिवस पर वे हरियाणा की नारियों से मिलकर अभिभूत एवं गौरवान्वित हो रही है। प्रदेश की महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया है। यह आयोजन केवल एक दिन तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि हर दिन, हर पल, हर त्यौंहार महिलाओं की आस्था, विश्वास, समृद्वि का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि नारी वह शक्ति, अदभूत रचना है जो देश व दूनिया का रास्ता सजग करती है। इसे संजोकर नारी शक्ति आगे बढती रहती है।बाल विकास मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने महिलाओं को सम्मान देने के साथ साथ कन्या भ्रूण हत्या जैसी घिनौनी हरकतों को रोककर न केवल गर्भ में कन्याओं को सुरक्षित करने का कार्य किया है बल्कि उन्हें बेहतर ओर सुरक्षित माहौल देकर उन्हें शिक्षित किया है।

प्रदेश के 48 साल के इतिहास में केवल 32 कालेज खोले गए जबकि वर्तमान सरकार ने केवल चार साल में 36 महिला कालेज खोलकर रिकार्ड कायम किया है। प्रदेश में सबसे अधिक महिला पुलिस कर्मी भर्ती  किए तथा दुर्गा एप, दुर्गा वाहिन जैसी योजनाएं क्रियान्वित की गई।श्रीमति जैन ने कहा कि साढे तीन लाख ग्रामीण क्षेत्र व 70 हजार शहरी क्षेत्र में शौचालयों का निर्माण करवा प्रदेश को खुले में शौच मुक्त किया जिसका सबसे अधिक लाभ महिलाओं को मिला। इसके अलावा 25 हजार से अधिक स्वंय सहायता समूह खोलकर मुद्रा योजना के तहत 60 प्रतिशत ऋण देकर लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत की बजाय 42 प्रतिशत आरक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि नारी को ओर अधिक सम्मान दें ताकि भावी पीढी संस्कारी बने और एक सभ्य एवं विकसित समाज का निर्माण सम्भव हो।

स्मारोह को सम्बोधित करते हुए सांसद रतन लाल कटारिया ने कहा कि 111 साल पहले महिलाओं ने न्यूयार्क में रैली के माध्यम से अधिकार मांगे तथा 1975 में इस दिवस को मान्यता मिली। तब से लेकर इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि  विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, व रक्षामंत्री सीतारमण ने न केवल राजनीति में विश्व स्तर पर पहचान बनाई बल्कि अपने अपने मंत्रालयों में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा को बखूबी सिद्व किया।

गत दिनों पाकिस्तान सीमा पर देश की महिला रक्षामंत्री सीतारमण ने सेना का मनोबल बढाया। लोकसभा में भी उन्होंने महिलाओं के अनेक मुददे उठाए है। ंइस अवसर  पर महिला एंव बाल विकास विभाग के एसीएस वी राजशेखर वुंदू्र व महानिदेशक कैप्टन मनोज ने स्वागत एवं धन्यवाद किया। समारोह में महिला आयोग की चेयरमैन प्रतिभा सुमन, सदस्य प्रीति भारद्वाज, भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बंतो कटारिया, राज्यपाल के सचिव विजय सिंह दहिया, उपायुक्त डा. बलकार सिंह, डीसीपी कमलदीप गोयल, अतिरिक्त उपायुक्त उतम सिंह सहित कई अधिकारी एवं भारी संख्या में प्रदेश भर से आई महिलाएं मौजूद रही।