WJI ने दिल्ली में अपना मांग पत्र PMO को सौंपा

महाधरना के बाद WJI ने‌  देश की मीडियाकर्मियों की 28 मांगों का ज्ञापन PMO को सौंपा

WJI ने अपने सदस्यों को 3 लाख का दुर्घटना बीमा  देने की घोषणा की

नई दिल्ली /  वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया ने 16 जनवरी अपने स्थापना दिवस के अवसर पर  मीडिया महा धरना का आयोजन किया।

पिछले कुछ समय से पत्रकारों की मांगो को लेकर वर्किंग जर्नलिस्ट आफ इंडिया सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ काफी सक्रिय रहा है।

देश में पत्रकारों का शीर्ष संगठन है। यह  संगठन पत्रकारों के कल्याणार्थ समय समय पर रचनात्मक और प्ररेणादायक कार्यक्रम और आंदोलन चलाता रहा है।इसको देश के विभिन्न राज्यों से आये पत्रकार संगठन समर्थन दे रहे है।

वर्किंग जर्नलिस्टस ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी और राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र भंडारी ने

आज के महाधरना में पत्रकार एकजुटता का दृश्य देखने को मिला।देश के 12 राज्यों के पत्रकार और कई पत्रकार संगठन धरना में आकर सरकारों के प्रति आक्रोश व्यक्ति किया।पत्रकारों का खाना था केंद्र सरकार तो नया मीडिया आयोग बना रही है और न ही ऑनलाइन मीडिया को मंदिर का दे रही है जबकि पूरे देश में मीडिया कर्मी देश को मजबूत बनाने का काम करते हैं। महा धरना के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी के नेतृत्व में WJI  प्रतिनिधिमंडल pmo पहुंचा और वहां पर पत्रकारों की 28 मांगो का ज्ञापन सौंपा गया।

आज  WJI ने अपने स्थापना दिवस पर अपने सदस्य पत्रकारों के हित में 3 लाख दुर्घटना बीमा की घोषणा की।

माहौल उस समय बहुत ही उत्साहवर्धक हो गया जब भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार,  संगठन महामंत्री अनीश मिश्रा और संगठन मंत्री ब्रजेश कुमार धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों की मांगों का समर्थन दिया।

वर्किंग जर्नलिस्ट आफ India  WJI प्रवक्ता उदय मन्ना ने बताया कि पत्रकारों में जो आक्रोश भरा वो कोई भी दिशा ले सकता है। मीडियाकर्मी RJS स्टार सुरेंद्र आनंद के गीत ने माहौल में जोश भर दिया।

 वर्किंग जर्नलिस्टस ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों द्वारा तैयार मांग पत्र जिसमे सरकार से मांग हैः-

वर्तमान समय की मांगों पर ध्यान में रखते हुए वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में संशोधन किया जाये।

कार्यकारी पत्रकार अधिनियम में इलेक्ट्रानिक मीडिया, वेब मीडिया, ई-मीडिया और अन्य सभी मीड़िया को

अपने अधिकार क्षेत्र में लाया जाये।

भारत की प्रेस काउंसिल के स्थान पर मीडिया काउंसिल बनाई जाये। जिससे पीसीआई के दायरे और

क्षेत्राधिकार को बढ़ाया जाये।

भारत के सभी पत्रकारों को भारत सरकार के साथ पंजीकृत किया जाये और वास्तविक मीड़िया

पहचान पत्र जारी किया जायें।

जिन अखबारों ने वेज कार्ड की सिफारिशों को लागू नहीं किया उन पर सरकारी विज्ञापन देने पर

कोई अनुशासत्मक प्रतिबंध हो।

केन्द्र सरकार लघु व मध्यम समाचार पत्रों को ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन जारी करने के अपने

नियमों को जल्द से जल्द परिवर्तित करे।

देश में पत्रकार सुरक्षा कानून तैयार किया जाये।

तहसील और जिला स्तर के संवाददाताओं एवं मीडिया व्यक्तियों के लिए 24 घंटे की हेल्पलाईन

सेवायें उपलब्ध कराई जायें।

भारत में सभी मीड़िया संस्थानों को वेज बोर्ड की सिफारिशों को सख्ती से लागू करवाने के नियम बनाये जाये।

ड्यूटी के दौरान अथवा किसी मिशन पर काम करते हुये पत्रकार एवं मीडियाकर्मी की मृत्यु होने पर उसके परिजन को 15 लाख का मुआवजा और परिजनों को नौकरी दी जाये।

सभी पत्रकारों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा ओर सेवानिवृति की उम्र 64 वर्ष की जाये।

सभी पत्रकारों को राज्य एवं केन्द्र सरकारों की तरफ से चिकित्सा सुविधा और बीमा सुविधा दी जाये।

पत्रकारिता नौकरियों में अनुबंध प्रणाली का उन्मूलन किया जाये।

कैमरामैन समेत सभी पत्रकारों को सरकारी कार्यक्रमों को कवर करने के लिए कोई पांबदी नहीं होनी चाहिए।

बेहतर पारस्परिक सहयोग के लिए जिला स्तर पुलिस-पत्रकार समितियां गठित की जाये।

 शुरूआती चरणों में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा पत्रकारों से संबंधित सभी मामलों की समीक्षा की जाये

और पत्रकारों से जुड़े मामलों को जल्द से जल्द निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जाये।

मीड़िया व्यक्तियों को देश भर में उनकी संस्थान के पहचान पत्र के आधार पर सड़क टोल पर भुगतान

करने से मुक्त किया जाये।

पत्रकारों को बस और रेल किराये में कुछ रियायत प्रदान की जाये।

केन्द्रों और राज्य सरकारें PIB-DIP पत्रकारों की मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया को एकरूपता व सरल बनायें।

समाचार पत्रों से GST खत्म की जाए।

विदेशी मीडिया के लिए भारतीय मीडिया संस्थानों में विनिवेश की अनुमति ना दी जाये।

आनलाईन मीडिया को मान्यता दी जाये उन्हें सरकारी विज्ञापन दिये जायें व उनका सरकारी एक्रीडेशन किया जाये।

केन्द्र सरकार अविलम्ब नये मीडिया आयोग का गठन करें।

संविधान में मीडिया को चौथे स्तम्भ के रूप में संवैधानिक दर्जा दिया जाये।

महिला पत्रकारों के लिए होस्टल बनाये जायें।

पत्रकारों की रिहायश के लिए सस्ती दरों पर भूखंड आबंटित किये जायें। अलग-अलग राज्यों से पत्रकार और WJI पदाधिकारी भी उपस्थित रहे और संबोधन दिया।

हरियाणा

भूपिंदर सिंह

धर्मेंद्र यादव

अमित चौधरी

राजिंदर सिंह

मोहन सिंह

राज कुमार भाटिया

उत्तर खंड

सुनील गुप्ता  महा सचिव उत्तरखंड  व कार्यकारिणी सदस्य

लखनऊ

पवन श्रीवास्तव अध्यक्ष उत्तर प्रदेश व कार्यकारिणी

विशेष

Mr अशोक मालिक – राष्ट्रीय अध्यक्ष

नेशनल यूनियन ऑफ जॉर्नलिस्ट

मनोहर सिंह अध्यक्ष

दिल्ली पत्रकार संघ

संजय राठी अध्यक्ष

हरियाणा यूनियन ऑफ जॉर्नलिस्ट

चंडीगढ़ से नेशनल मीडिया कन्फेडरेशन के उपाध्यक्ष सुरेंद्र वर्मा,

राष्ट्रीय मीडिया फाउंडेशन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष आशीष पाण्डेय,

दिल्ली एनसीआर की टीम आरजेएस मीडिया

इसके अलावा WJI की‌ राष्ट्रीय कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष संजय उपाध्याय,संजय सक्सेना

कोषाध्यक्ष अंजलि भाटिया,

सचिव अर्जुन जैन,विपिन चौहान आदि ने महाधरना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आशा है पत्रकारों के संगठनों की एकजुटता का प्रयास सरकार का ध्यान आकर्षित करेगा।

माता मनसा देवी परिसर में आयोजित होगा 11वाँ आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम

पंचकूला, 14 जनवरी:

अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा की अध्यक्षता में अगामी 23 से 29 फरवरी तक चलने वाले माता मनसा देवी परिसर में 11 वें आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये बैठक आयोजित की गई।

बैठक में एसडीएम पंकज सेतिया, नेहरु युवा केंद्र के संयोजक डाॅ जीएस बाजवा, उपसिविल सर्जन सरोज अग्रवाल, श्रीमाता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की सचिव शारदा प्रजापति सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि यह कार्यक्रम नेहरु युवा केंद्र पंचकूला, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार एवं जिला प्रशासन पंचकूला द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों के लगभग 200 युवक, युवतियां व सिक्योरिटी आॅफिसर भाग लेंगें। उन्होंने श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की सचिव को निर्देश दिये कि वे मंदिर परिसर लक्ष्मी भवन धर्मशाला में इनके ठहरने व खाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने एमडीएम पंचकूला से कहा कि वे जिला की विभिन्न जगहों पर इन्हें भ्रमण करवाने के लिये ट्रांसपोरेशन की व्यवस्था करवाना सुनिश्चित करें ताकि ये युवा यहां की संस्कृति को नजदीक से देख सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निदेश दिये कि वे इस कार्यक्रम में प्रत्येक दिन किसी चिकित्सक की ड्यूटि लगाये। उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि वे सातों दिन एक पीसीआर व जवानों को लक्ष्मी भवन में तैनात रखें।

  उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासी युवाओं को विभिन्न स्थानों की भाषा, लोकाचार एवं जीवनशैली को समझकर शिक्षित रास्ते पर रोजगार के अवसर तलाशना और ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्मारकों को देखना है। इससे सदभावना, शांति, सांस्कृतिक आदान प्रदान एवं समग्र विकास होगा। उन्होंने नेहरु युवा केंद्र पंचकूला के संयोजक डाॅ जीएस बाजवा से कहा कि वे इन युवाओं को यादविंद्रा गार्डन, सीआरपीएफ कैंप पिंजौर तथा राजभवन का भी भ्रमण करवाना सुनिश्चित करें ताकि इन युवाओं को यहां की संस्कृति का बोध हो। इसके साथ साथ कालका व सेक्टर-1 पंचकूला के काॅलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करवाये।

International Currency Cheater Arrested

12.1.19

          In a major breakthrough the Crime Branch of Chandigarh Police under the supervision of DSP Pawan Kumar team headed by Inspector Amanjot Singh is able to arrest the person who is involved in the incident of cheating of 10,000 Euros from Sector-9, Chandigarh.

Profile of accused

                    Snigdha Saurav Dash S/o Sh. Samarendra Dash R/o Vill. Barabatiya Distt. Kendra Pada (Odisha). Aged 30 years. Who is working as consultant with the channel National Geographic and who was earlier research analyst with the same channel. He has done his B.Tech and M.Tech from NIT Nagpur and MBA from IMT Gaziabad.

          On 8.1.2019 an information was received that the person who in involved in cheating of 10,000 Euro from Sector-9, Chandigarh is presently staying in the area of Connaught Place, Delhi. Acting swiftly upon this information a team was sent to Delhi, where accused Snigdha Saurav Dash was arrested from the York Hotel, Connaught Place, Delhi.

Modus Operandi:

                    Snigdha Saurav Dash is an educated person, with the criminal intent and with the bent of mind to earn easy money by cheating innocent people. He used to search on internet about the money changers and then by procuring their telephone number from the internet he used to make them calls and asked them to bring certain amount of money at the given address and used to pretend that he is the owner of the place where he has called the money changer for changing India Rupees into foreign currency. He used to gain their confidence and make them sit at that place and take the foreign currency on the pretext of giving them the India currency, whereas the money changer kept on sitting and waiting for him to come back and in the mean time Snigdha Saurav Dash used to flee with cheated amount.

        On 24.12.2018 Snigdha Saurav Dash adopted the same modus operandi and called Manchanda Money Changer to SCO No. 156,157, Sec.9, Chandigarh and pretend them that this is his office and took 10,000 Euros from them and asked them to wait in the office and let him bring the Indian Currency. As the Money changers were waiting, he fled away with the 10,000 Euros. Regarding this case FIR No. 252 dated 24.12.2018 u/s 420 IPC PS-3, Chandigarh was registered.

          On 24.12.2018 after cheating the said amount Snigdha Saurav Dash he immediately went to Delhi and then from Delhi he entered Nepal by road in a bus and lost all the money in Grand Casino, Nepal and he came back to Delhi on 2.1.2019. He is habitual gambler and visited almost all the gambling hubs of the world i.e. Hong Kong, Singapore, Macaw, Nepal, Goa and Sikkim etc.

Previous Record

          Snigdha Saurav Dash has a tainted past and previously arrested by Delhi Police in year 2016 for cheating money Changer of 8000 USD in which he has been arrested and presently on bail.

          He was produced before the hon’ble Duty Magistrate on 8.1.2019 and his four days police remand was obtained till today i.e. 12.1.2019.

मणि शंकर ऐय्यर ने कांग्रेस में वापिस आते ही राम मंदिर के बनाने के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लगाया

मुसलमानों का बंटवारा नहीं हुआ होता तो आज साठ करोड़ मुसलमानों की आवाज कौन दबा सकता था
दशरथ के महल में दस हजार कमरे थे और ऐसे में ये कैसे कहा जा सकता है कि श्रीराम का जन्म किस कमरे में हुआ? उन्होंने ये भी कहा कि यह समझ से परे है कि राम मंदिर वहीं बनाने की जिद क्यों की जा रही है
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर श्रीराम को काल्पनिक अवतार बताने वाली कांग्रेस अब ये मानने लगी है कि अयोध्या में राजा दशरथ का महल था
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राम जन्मभूमि विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. इस मामले की अगली सुनवाई में ये तय होगा कि कौन सी बेंच और कौन से जज किन-किन मामलों को देखेंगे. लेकिन उस सुनवाई से पहले सियासत राम जन्मभूमि विवाद पर अपनी अलग नजर गड़ाए हुए है.

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने राम मंदिर को लेकर अबतक का सबसे विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने अयोध्या में भगवान राम के जन्म लेने के दावों पर ही सवाल उठा दिया है. मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि अयोध्या नरेश दशरथ के महल में दस हजार कमरे थे और ऐसे में ये कैसे कहा जा सकता है कि श्रीराम का जन्म किस कमरे में हुआ? उन्होंने ये भी कहा कि यह समझ से परे है कि राम मंदिर वहीं बनाने की जिद क्यों की जा रही है?

जहां एक तरफ कांग्रेस लगातार बीजेपी पर ये आरोप लगाती रही है कि वो ऐन लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण का मुद्दा विहिप, आरएसएस और बजरंग दल के जरिए जानबूझकर उछाल रही है तो वहीं दूसरी तरफ मणिशंकर अय्यर हिंदू आस्था पर सवाल उठा कर मामले को और गरमाने का काम कर दिया.

मणिशंकर अय्यर ने ये भी कहा कि मुसलमानों का बंटवारा नहीं हुआ होता तो आज साठ करोड़ मुसलमानों की आवाज कौन दबा सकता था. आखिर इस बयान से मणिशंकर अय्यर तुष्टीकरण की राजनीति के जरिए कौन सा संदेश और किस दिशा में संदेश देना चाहते हैं? क्या ये बयान सांप्रदायिक माहौल खराब करने और उकसाने के लिए नहीं माना जा सकता?

मणिशंकर अय्यर के बयान पर बीजेपी ने कहा कि कम से कम अय्यर ने ये तो माना अयोध्या में बाबरी ढांचा का गिरना कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी गलती थी और इसके लिए कोई माफी नहीं है. साथ ही बीजेपी के लिए ये भी मुद्दे की बात है कि कल तक सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर श्रीराम को काल्पनिक अवतार बताने वाली कांग्रेस अब ये मानने लगी है कि अयोध्या में राजा दशरथ का महल था.

लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर मणिशंकर अय्यर आखिर अपनी राजनीति से किसका भला करना चाहते हैं?

3 राज्यों में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस जोश में है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंदिरों की परिक्रमाएं कर रहे हैं. इस बार कांग्रेस के नारों में ये शोर नहीं है कि सत्ता में सांप्रदायिक ताकतों को आने से रोकना है क्योंकि मोदी सरकार सबका साथ-सबका विकास के नारे के साथ विकास के नाम पर वोट मांग रही है. राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी सत्ता में आने के बाद बेताबी की जगह सतर्कता ज्यादा दिखा रही है. लेकिन इन चार साल में बीजेपी के स्वभाविक हिंदू कार्ड की तोड़ निकालने के लिए कांग्रेस ने खुद की मुस्लिम परस्त छवि को बदलने की कोशिश की है. कांग्रेस का हिंदुत्व राहुल गांधी के जनेऊ और गोत्र के जरिए उसकी नई ताकत बन चुका है. खुद राहुल गांधी राम मंदिर के मुद्दे पर कोई भी बयान नहीं दे रहे हैं. लेकिन मणिशंकर अय्यर अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष से कुछ सीखना नहीं चाहते. जबकि राहुल गांधी कई दफे ये कह चुके हैं कि पार्टी के नेताओं को विवादास्पद मुद्दों पर बयान देने से बचना चाहिए और सतर्कता बरतनी चाहिए.

अब मणिशंकर अय्यर ने श्रीराम को लेकर नई बहस छेड़ दी है. जाहिर तौर पर ये सवाल अब कांग्रेस अध्यक्ष से भी पूछा जाएगा. राहुल से भी पूछा जाएगा कि वो क्या मानते हैं कि श्रीराम का जन्म कहां हुआ? राहुल से ये भी पूछा जाएगा कि मणिशंकर अय्यर के बयान पर उनकी क्या राय है? जिस तरह राफेल डील पर राहुल गांधी सवालों की फेहरिस्त ट्वीट के जरिए सामने रख रहे हैं उसी तरह हिंदूवादी संगठन भी उनसे राम मंदिर मुद्दे पर खुली राय मांग सकते हैं.

बहुत मुमकिन है कि मणिशंकर अय्यर के पहले के विवादास्पद बयानों की तरह इस बार भी कांग्रेस उनके बयान से पल्ला झाड़ ले. लेकिन सवाल उठता है कि मणिशंकर अय्यर खुद ऐसे बयानों से कब किनारा करेंगे?पिछले पांच साल में मणिशंकर अय्यर के विवादास्पद बयानों का सिलसिला सा दिखाई और सुनाई देता है जिसका सीधे तौर पर फायदा बीजेपी को ही मिलता आया है तो नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा है. चाहे साल 2014 का लोकसभा चुनाव हो या फिर गुजरात विधानसभा का चुनाव.

‘चायवाला’ से शुरु हुआ बयानों का दौर ‘नीच’ जैसे शब्दों पर जा कर ठहरा. ऐसे आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल अय्यर ने पहले पीएम उम्मीदवार तो बाद में पीएम के लिए किए. तभी उन्हें पार्टी से निलंबन भी झेलना पड़ा है. लेकिन अब निलंबन के बाद वापसी करते हुए अय्यर के तेवरों में वहीं तल्खी बरकरार है. बहरहाल, दिल्ली में ‘एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम’ मुशायरा कार्यक्रम में मणिशंकर अय्यर ने देश के सबसे विवादास्पद मुद्दे पर विवादित बयान देकर विवाद की आग में घी उड़ेलने का काम किया है जिसकी आंच एक बार फिर उस कांग्रेस को लग सकती है जिस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगता आया है.

‘याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा’: उपेंद्र कुशवाहा


कुशवाहा 2019 के लोकसभा चुनावों में इस बार पार्टी को महज दो सीटें दिए जाने से नाराज हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा था और तीनों ही सीटों पर उसे जीत मिली थी


बीजेपी गठबंधन के सदस्य और आएलएसपी पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अब आर पार की लड़ाई के मूड में हैं. इसी कारण वो अब खुलकर बीजेपी के खिलाफ बोल रहे हैं. कुशवाहा जी ने बीजेपी पर कई आरोप लगाए और उसे जुमला पार्टी तक कह डाला. इसके जवाब में बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी के नेता प्रमोद कुमार ने जहानाबाद में कहा कि- ‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव भी बीजेपी को ‘जुमला’ पार्टी कहा करते थे. अब नीतीश कुमार कहां हैं और लालू यादव कहां?’


Bihar Minister & BJP leader Pramod Kumar in Jehanabad on Upendra Kushwaha calling BJP a ‘jumla’ party: Bihar CM Nitish Kumar & Lalu Yadav also used to call BJP a ‘jumla’ party, now where is Nitish Kumar & where is Lalu Yadav?


इसके पहले बिहार के मोतिहारी में पार्टी अधिवेशन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया. कुशवाहा ने दिनकर की कविता का जिक्र करते हुए कहा, ‘याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा.’ कुशवाहा के इस बयान से साफ हो गया कि अब एनडीए के भीतर उनके लिए जगह नहीं है और उन्होंने अब सीधी लड़ाई का मन बना लिया है.

दरअसल, कुशवाहा 2019 के लोकसभा चुनावों में इस बार पार्टी को महज दो सीटें दिए जाने से नाराज हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा था और तीनों ही सीटों पर उसे जीत मिली थी. लेकिन, अब जबकि जेडीयू की दोबारा एनडीए में वापसी हो गई है तो फिर कुशवाहा को महज 2 सीटें दी जा रही थीं. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, कुशवाहा इसके लिए तैयार नहीं थे. उनका दावा था कि अब उनकी पार्टी का जनाधार पांच सालों में पहले से बढ़ गया है, लिहाजा उनकी हिस्सेदारी ज्यादा होनी चाहिए.

सोमनाथ मंदिर को सोने से मढ़ने का संकल्प लेना चाहिए: अमित शाह


शाह ने कहा, ‘एकमात्र जवाब है…मंदिर के वैभव को बहाल करने के लिए एक संकल्प लें. जिस गति से कार्य चल रहा है, आप जल्द ही मंदिर के ऊपर लगे सभी कलशों को स्वर्ण में मढ़ा देखेंगे.’


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि लोगों को ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर को लूटने वालों के खिलाफ क्रोध की भावना नहीं रखनी चाहिए बल्कि उसे ‘पूरी तरह से सोने से मढ़कर’ उसके पुराने गौरव को बहाल करने का संकल्प लेना चाहिए.

सोमनाथ ट्रस्ट के न्यासी शाह ने यह टिप्पणी पास के तट के किनारे एक पर्यटक पैदल पथ की आधारशिला रखने के बाद की. शाह ने कहा, ‘करीब एक करोड़ श्रद्धालु यहां प्रत्येक वर्ष आते हैं. ट्रस्ट ने भीड़ के लिए इंतजाम के वास्ते कई पहल की हैं. यद्यपि मेरा मानना है कि मंदिर का विकास अधूरा है.’

उन्होंने कहा, ‘मेरे जैसे लोग जो इस मंदिर से बचपन से जुड़े हुए हैं, उनके लिए उसका विकास तब तक बेमतलब है जब तक इसे पूरी तरह से स्वर्ण से मढ़ नहीं दिया जाता.’

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक रिकार्ड से पता चलता है कि यह मंदिर कभी सोने और चांदी से ढका हुआ था और उसकी रक्षा के लिए कितने लोगों ने अपने प्राणों की आहूति दी.

उन्होंने कहा, ‘मंदिर को हालांकि पूर्व में कई बार नष्ट किया गया और लूटा गया, लेकिन लोगों को कोई द्वेष नहीं रखना चाहिए और बदला लेने के बारे में नहीं सोचना चाहिए.’

शाह ने कहा, ‘एकमात्र जवाब है…मंदिर के वैभव को बहाल करने के लिए एक संकल्प लें. जिस गति से कार्य चल रहा है, आप जल्द ही मंदिर के ऊपर लगे सभी कलशों को स्वर्ण में मढ़ा देखेंगे.’

India to import Iranian crude oil using rupee payment mechanism


Oil refiners such as state-owned Indian Oil Corp (IOC) and Mangalore Refinery and Petrochemicals Ltd (MRPL) could use UCO Bank Bank to route oil payments to Iran.

India’s state-owned UCO Bank is expected to announce the payment mechanism in the next 10 days


New Delhi:

India will import crude oil from Iran using a rupee-based payment mechanism, an industry source told media persons  on Thursday, adding that 50 percent of those payments will be used for exporting items to Tehran.

The United States last month re-imposed sanctions on Iran’s oil exports to punish Tehran for its involvement in several Middle Eastern conflicts.

Accordingly, India has signed an agreement with Iran to pay for crude oil it imports from the Persian Gulf nation in rupees, sources in know of the development said.

Representational image

The memorandum of understanding (MoU) was signed following the US letting India and seven other nations to keep buying Iranian oil despite sanctions were reimposed on the Islamic state on 5 November.

Sources said Indian refiners will make rupee payments in a UCO Bank account of the National Iranian Oil Co (NIOC).

Half of these funds would be earmarked for settling payments for exports of Indian goods to Iran, they said.

Under the 180-day exemption, India is allowed to import a maximum of 300,000 barrels a day of crude oil. This compares to an average daily import of about 560,000 barrels this year.

India, which is the second biggest purchaser of Iranian oil after China, has since then restricted its monthly purchase to 1.25 million tonne or 15 million tonne in a year (300,000 barrels per day), down from 22.6 million tonne (452,000 barrels per day) bought in 2017-18 financial year, sources said.

Two of its refiners — Indian Oil Corp (IOC) and Mangalore Refinery and Petrochemicals Ltd (MRPL) — bought 1.25 million tonne of oil from Iran in November and December.

India, the world’s third biggest oil consumer, meets more than 80 percent of its oil needs through imports. Iran is its third largest supplier after Iraq and Saudi Arabia and meets about 10 percent of total needs.

US President Donald Trump in May withdrew from the 2015 nuclear accord with Iran, re-imposing economic sanctions on the Persian Gulf nation. Some sanctions took effect from 6 August, while those affecting the oil and banking sectors will start from 5 November.

Prior to this, India paid its third largest oil supplier in euros using European banking channels. These channels got blocked from November.

During the first round of sanctions when EU joined the US in imposing financial restrictions, India initially used a Turkish bank to pay Iran for the oil it bought. Beginning February 2013, India paid 45 percent of the oil import bill in rupees while keeping the remainder pending till the opening of payment routes. It began clearing the dues in 2015 when the restrictions were eased.

Sources said New Delhi may export goods, including wheat, soybean meal and consumer products, to Iran during the exemption period.

Iran was the India’s second biggest supplier of crude oil after Saudi Arabia till 2010-11 but Western sanctions over the Persian Gulf nation’s suspected nuclear programme relegated it to the seventh spot in the subsequent years. In 2013-14 and 2014-15, India bought 11 million tonne and 10.95 million tonne crude, respectively from Iran.

Sourcing from Iran increased to 12.7 million tonne in 2015-16, giving it the sixth spot. In the following year, the Iranian supplies jumped to 27.2 million tonne to catapult it to the third spot.

Iranian oil is a lucrative buy for refiners as the Persian Gulf nation provides 60 days of credit for purchases, terms not available from suppliers of substitute crude — Saudi Arabia, Kuwait, Iraq, Nigeria and the US.

Besides blocking of banking channels from November, shipping firms are unwilling to transport Iranian oil. To get around this, Iran is using its own ships to transport crude to India. Its insurance companies are also providing insurance cover for such shipments, sources added.

राजनाथ सिंह बोले- आंध्र प्रदेश से अलग करके ‘तेलंगाना’ में कितना विकास हुआ?


तेलंगाना में विधानसभा चुनाव सात दिसंबर को होने वाले हैं और मतगणना 11 दिसंबर को होगी

‘अटलजी ने जिन 3 राज्यों को बनाया वो आज विकसित राज्यों की श्रेणी में हैं लेकिन क्या तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अलगाव के बाद कोई विकास हुआ है?’


गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आंध्र प्रदेश से अलग करके बनाए गए राज्य तेलंगाना पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने तेलंगाना के आसिफाबाद में कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 नए राज्य बनाए थे. उन्होंने मध्य प्रदेश से अलग करके छत्तीसगढ़ बनाया था, बिहार से अलग करके झारखंड बनाया था और उत्तर प्रदेश से अलग करके उत्तराखंड बनाया था.’

राजनाथ ने कहा, ‘अटलजी ने जिन 3 राज्यों को बनाया वो आज विकसित राज्यों की श्रेणी में हैं लेकिन क्या तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अलगाव के बाद कोई विकास हुआ है?’

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव सात दिसंबर को होने वाले हैं और मतगणना 11 दिसंबर को होगी. चुनावों को देखते हुए सभी दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं और एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं.

गौरतलब है कि तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग होकर भारत का 29वां राज्य बना था. इसके लिए यह व्यवस्था की गई थी कि हैदराबाद को 10 साल के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाई जाएगी.

इस नए राज्य के लिए ड्राफ्ट बिल को 5 दिसम्बर 2013 को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी और यह बिल 18 फरवरी 2014 को लोक सभा से पास हो गया था. दो दिनों के बाद इसे राज्यसभा में भी मंजूरी मिल गई थी.

कोयला घोटाला मामले में पूर्व सचिव एचसी गुप्ता दोषी, 3 दिसंबर को सजा पर होगा फैसला


कोयला घोटाला मामले में दिल्ली की एक कोर्ट के जरिए पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और अन्य को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के एक मामले में दोषी ठहराया है.


कोयला घोटाला मामले में दिल्ली की एक कोर्ट के जरिए पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और अन्य को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के एक मामले में दोषी ठहराया है. यह मामला पश्चिम बंगाल में कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा हुआ है.

मामला पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) कोयला ब्लॉकों का वीएमपीएल को किए आवंटन में कथित तौर पर अनियमितता पाए जाने से जुड़ा है. कोयला घोटाले के इस मामले में सीबीआई के जरिए सितंबर 2012 में एफआईआर दर्ज की गई थी.

कोयला घोटाले से जुड़े इस मामले में विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पाराशर ने गुप्ता के साथ ही निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड, एक सेवारत और एक सेवानिवृत्त नौकरशाह कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव के एस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-1) केसी सामरिया को दोषी करार दिया गया है. साथ ही कोर्ट के जरिए कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पटानी, उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी दोषी ठहराया गया है.

वहीं सभी दोषियों को हिरासत में ले लिया गया है. सजा के लिए सुनावाई 3 दिसंबर को की जाएगी. माना जा रहा है कि इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करते हुए अधिकतम पांच साल तक की जेल की सजा दी जा सकती है. वहीं अगस्त 2016 में गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने के आरोप समेत दो नौकरशाहों, कंपनी और उसके दो अधिकारियों पर आरोप तय किए थे.

कलाग्राम में बिखरते भारत के सांस्कृतिक रंग

आर्ट एंड क्राफ्ट मेला., फोटो फीचर : पुरनूर, चंडीगढ़

 

 

कलाग्राम में 18 नवम्बर तक चलने वाले आर्ट एंड क्राफ्ट मेले में खूब रौनक है. और इसकी वजह है भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्र से आये कलाकार, कारीगर, व्यापारी व् खिलाड़ी. यहाँ पर आये सभी कलाकारों ने अपने नृत्य,अपने संगीत व् अपने आत्मविश्वास के साथ मेले का आकर्षण बने हुए हैं.

 

भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्रों से आये कलाकारों में शामिल हैं राजस्थान के ‘ब्न्वालाल जाट’ का कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप जिसमें ब्न्वालाल जी के साथ साथ 7 और लोग भी हैं . कच्ची घोड़ी ग्रुप में संगीत के   लिए ढोलकी, करताल व् अल्गोज़ा जैसे संगीत वादयन्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है. ब्न्वालाल कहतें हैं कि ग्रुप उनके लिए उनका परिवार है. इस ग्रुप में हर एक सदस्य के पास अपना एक हुनर है जैसे ढोलक वादक विनोद, अल्होजा वादक शिवजी राव व् झांज पर इनका साथ देते हुए शिवजी राव, राम दयाल जाट और जगदीश जाट यहाँ पर इनके साथ गंगाधरी जो कि इस ग्रुप के नृतक हैं व् साथ ही कच्ची घोड़ी नृतक सीता राम भी हैं.

कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप के अलावा यहाँ मध्य परदेश से रामसहाय पांडे अपने बधाई डांस ग्रुप के साथ आये हुए हैं. उनके ग्रुप ने यहाँ पुरे उत्साह के साथ बधाई नृत्य पेश किया.

सिक्किम से घातु डांस ग्रुप व् बठिंडा से आये वकील सिंह की नटों कि टोली जो कि हवा में ऊँची छलांग लगाने के साथ साथ अपने गले से दम लगाकर लोहे का सख्त से सख्त सरिया भी मोड़ देती है, वकील सिंह का कहना है कि वह यह काम पीढ़ियों से करते आ रहे हैं व यह उनकी बरसों कि मेहनत है जो कि आज उन्हें और उनके पूरे ग्रुप को बिना किसी डर के यह खतरनाक करतब करने में मदद करती है.