The 4th edition of North East Youth Fest concludes
Congress leader and former Karnataka Minister TB Jayachandra says ‘Prime Minister Modi had said (during demonetization) that give me 15 days or you can burn me alive. Now the time has come to do exactly that. If he has any self respect then he should quit and go.’
संजय निरूपम ने नोटेबन्दी पर प्रधानमंत्री मोदी के लिए कहा,”क्या मोदी की पदाइश के लिए भी कॉंग्रेस जिम्मेदार है?”
जगदलपुर के लाल बाग में गुरुवार को पीएम मोदी ने चुनावी रैली में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. बस्तर की 12 सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होना है. पहले चरण में 18 सीटों पर मतदान होने जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा ‘इस बार विकास की नई योजना लेकर आया हूं. पहले मेरा परिवार और मेरा रिश्तेदार होता था. बस्तर से भुखमरी, गरीबी और बेरोजगारी को मिटाना है.’
उन्होंने कहा कि बस्तर को समृद्ध और मजबूत बनाना है. पीएम मोदी ने कहा कि हमने बिचौलियों को खत्म किया है.
जगदलपुर के लालबाग में पीएम मोदी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने बस्तर के विकास के लिए बहुत प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि हर बार बस्तर के विकास की नई योजना लेकर आए हैं. नक्सली मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अर्बन नक्सल बस्तर के आदिवासियों को शिकार बना रहे हैं और अर्बन नक्सलियों ने आदिवासियों की जिंदगी तबाह कर दी है.
पीएम मोदी ने अर्बन नक्सलियों के खिलाफ हमला बोला और कहा कि शहरी नक्सलवाद ने आदिवासियों को शिकार बनाया है.
उन्होंने कहा ‘अब अर्बन नक्सली शहरों में रहते हैं और छत्तीसगढ़ के नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करते हैं. काम करने वाली सरकार चाहिए या काम रोकने वाली सरकार चाहिए? क्या आप आजादी के बाद भी सालों विकास के लिए इंतजार करेंगे?’
प्रधानमंत्री ने कहा ‘माओवादियों को क्रांतिकारी कहने वाली कांग्रेस को जनता माफ नहीं करेगी. दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है, जो छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम कर रही है. चार सालों में छत्तीसगढ़ 9 हजार से अधिक गांवों को सड़क से जोड़ा गया.’
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने इतने साल सत्ता में रही, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पहली बार आदिवासी विकास के लिए अलग से मंत्रालय बनाया. कांग्रेस सरकार आदिवासियों का मजाक बनाया
Aizawl:
Mizoram Speaker Hiphei jumping ship to the Bharatiya Janata Party (BJP) ahead of the Assembly elections comes as latest blow to the Congress in the North East state. Hiphei resigned from his post as well as from the Congress primary membership on Monday, citing dissatisfaction with the party for ignoring his candidature for the polls from the Palak constituency.
The 81-year-old political figure said he decided to quit came after Mizoram Congress president and Chief Minister Lal Thanhawla failed to give a “green signal” for his candidature. “The Congress was very unkind to me. Thanhawla and other party leaders not only failed to approve my name but also told me to resign,” he claimed.
“The Mara Autonomous District Congress Committee nomination board recommended my name three times and All India Congress Committee (AICC) agreed that I would be the official Congress candidate for Palak constituency. But I was kept in the dark. The state Congress failed to officially release a list of candidate several days after the AICC approved my name,” Hiphei said.
While Hiphei has a positive outlook about his decision to join the saffron party, the Congress believes that this might be the beginning of the end of his political career. Mizoram Pradesh Congress Committee spokesperson Lallianchhunga said Hiphei’s steadfast loyalty to the Congress had contributed towards his stellar political career, which included his work as a two-time Rajya Sabha MP from 1990 to 1996 and 1996 to 2002.
Lallianchhunga is also confident that Hiphei’s resignation was unlikely to impact Congress’ chances in the state as he had been under the scanner for a long time. He said the Congress had been suspicious of Hiphei’s link with the BJP — considered communal and anti-Christian party by Mizos — after he sold his building to the party a few years ago.
However, political observers in Mizoram likely rightly believe that Hiphei’s decision will affect the Congress’ prospects in the state not only because he is an influential mass leader, but also as Hiphei was the fifth Congress legislator to resign from the Mizoram legislature since September. The others were R Lalzirliana, Lalrinliana Sailo, Dr BD Chakma and Hmingdailova Khiangte.
He added that the Congress is likely to be defeated due to the internal differences and squabbles in the grand old party.
The seven-time Congress legislator who was once a staunch BJP critic said he was happy to join the saffron party as he did not come across any anti-Christian elements in its ideology. “Prime Minister Narendra Modi has nearly completed his tenure but during these five years, the BJP government did not amend our constitution to alter the secular feature. The party completely believes in secularism and the BJP-led government would not pose any threat to the Mizos and their religion,” he said.
After joining the BJP in the presence of party leader Himanta Biswa Sarma, who is also the convenor of the North East Democratic Alliance, Hiphei said he had joined the BJP as he wanted to contribute towards the development of Mizoram.
Hiphei, also known as ‘Father of Mara” (a native tribe in Mizoram), was dropped from the Congress’ list of candidates for the upcoming Assembly elections. The party had replaced him as its candidate from Palak with former legislator and Congress general secretary KT Rokhaw for the seat.
देश की राजनीति में हमारे राजनेताओं की जबान गाहे-बगाहे तो फिसलती ही रहती है. लेकिन कभी-कभी उनसे बहुत सामान्य सी गलतियां भी हो जाती हैं, जो उनके एक राजनेता होने के नाते उनसे उम्मीद नहीं की जाती है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी ऐसे ही एक स्थिति का शिकार हो गए और बीजेपी ने उन्हें आड़े हाथों ले लिया.
दरअसल, राहुल गांधी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने के दौरान मिजोरम को मणिपुर लिख दिया. गलती तो बड़ी थी और इसे ‘सुनहरा मौका’ समझकर बीजेपी ने तुरंत झपट लिया और राहुल गांधी की बकायदा क्लास लगा दी.
राहुल गांधी ने मिजोरम में आधी सदी के बाद सैनिक स्कूल में लड़कियों के लिए खुले दरवाजे पर एक लिंक शेयर किया. उन्होंने इसकी तारीफ की लेकिन गलती से वो मिजोरम को मणिपुर लिख गए.
इस पोस्ट को बाद में डिलीट कर दिया गया लेकिन बीजेपी की आईटी सेल को मौका मिल चुका था. आईटी सेल के हेड अमित मालवीय बकायदा राहुल गांधी को लिखने के लिए सबक दे दिया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘राहुल गांधी जाइए और ये लाइन हजार बार लिखिए कि- मणिपुर और मिजोरम उत्तर-पूर्वी भारत के दो अलग-अलग राज्य हैं और इसे याद रखिए.’
राहुल गांधी को उनके बयानों की वजह से हमेशा ही ट्रोल किया जाता है. इस साल मार्च में राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें एनसीसी ट्रेनिंग को लेकर बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है. इसपर उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. आजाद ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अब उन्हें हिंदू भाई प्रचार के लिए नहीं बुलाते. पहले उन्हें चुनाव प्रचार करने का खूब निमंत्रण मिलता था. उन्होंने कहा, ऐसा इसलिए हो रहा है कि उनके मन में डर बैठ गया है कि मेरे आने से हिंदू वोट कट जाएंगे.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की जयंती के अवसर पर लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए आजाद ने कहा कि अब वक्त बदल गया है. लोग बंट रहे हैं, परिवार आपस में बंट रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने पाया है कि बीते चार सालों में अपने कार्यक्रमों में बुलाने वाले 95 प्रतिशत हिंदू भाई और नेता अब घटकर मात्र 20 फीसदी ही रह गए हैं.
आजाद ने कहा, जब युवा कांग्रेस में थे तब से ही अंडमान-निकोबार से लेकर लक्षद्वीप तक, देशभर के कोने में प्रचार के लिए जाते थे. तब उन्हें अपने कार्यक्रम में बुलाने वाले 95 फीसदी हिंदू भाई हुआ करते थे जबकि मुसलमानों की संख्या सिर्फ 5 फीसदी ही रहती थी. अपने बयान के जरिए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के समय में हिंदू-मुसलमानों के बीच दूरियां बढ़ी हैं और माहौल खराब हुआ है.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह हिंदुओं को कम कर आंकने की कांग्रेस की साजिश है. कांग्रेस के बुरे दिन आ गए हैं, उन्हें अब कोई नहीं बुला रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतक के सांपला में सर छोटूराम की 64 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक बड़ी रैली को संबोधित किया. जाटलैंड में सर छोटूराम को यादकर मोदी ने नाराज जाटों को अपने साथ जोड़ने की पूरी कोशिश की. छोटूराम जाटों के अलावा किसानों के भी मसीहा थे. मोदी अपनी रैली के दौरान सर छोटूराम की तारीफ करते दिखे. उन्हें हरियाणा के बाहर भी याद करने और उनके बताए रास्ते पर चलने की जरूरत बताई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांपला की रैली में ‘दीनबंधु’ सर छोटूराम को किसानों का मसीहा बताते हुए सरकार की तरफ से किसानों के लिए किए गए कामों को एक-एक कर गिनाया. फसल के एमएसपी में की गई बढ़ोतरी से लेकर फसल बीमा योजना और सॉयल हेल्थ कार्ड तक का जिक्र कर मोदी ने किसानों को लुभाने की पूरी कोशिश की. मोदी का सांपला जाना और वहां सर छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण करना आने वाले दिनों में बीजेपी की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है
हालांकि, सर छोटूराम की प्रतिमा करीब 9 महीने पहले ही बनकर तैयार हो गई थी. लेकिन, अबतक इसका अनावरण नहीं हो रहा था. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1 नवंबर को हरियाणा के करनाल में खट्टर सरकार के चार साल पूरा होने के मौके पर कार्यक्रम में आने की चर्चा थी. लेकिन, उसके पहले 9 अक्टूबर को ही मोदी ने ‘जाटलैंड’ गढ़ सांपला पहुंचकर जाटों और किसानों को लुभाने के लिए सर छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण कर दिया.
पिछले 9 महीने से छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण नहीं करने को लेकर आईएनएलडी ने बीजेपी को निशाने पर लिया था. माना जा रहा है कि इस राजनीति के चलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हरियाणा का दौरा वक्त से पहले करना पड़ा.
हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मोदी की यात्रा समय से पहले कराने पर कहा कि मूर्ति का अनावरण कोई मुद्दा नहीं था. खट्टर ने कहा, ‘नवंबर में तीन राज्यों के चुनाव होने हैं, बाद में प्रधानमंत्री मोदी को वक्त नहीं मिलेगा. इसलिए वह 9 अक्टूबर को आएंगे. अगर वह 1 नवंबर को भी आ सके तो वह खुश होंगे. हालांकि इस दिन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपस्थित रहेंगे.’
चौधरी वीरेंद्र सिंह का विरासत पर दावा
गौरतलब है कि सर छोटूराम की विरासत को लेकर आईएनएलडी की तरफ से ओमप्रकाश चौटाला ने भी दावा किया था. दूसरी तरफ 2014 में कांग्रेस से बीजेपी में आए जाट नेता और केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने भी अपने आपको उनका राजनीतिक वारिस घोषित किया है. चौधरी वीरेंद्र सिंह सर छोटूराम के पोते हैं. ऐसे में लड़ाई छोटूराम के बहाने जाटों को साधने की हो रही है.
चौधरी वीरेंद्र सिंह ने ही 2004 में उनकी याद में स्मारक बनाने का सुझाव दिया था. 2005 में आईएनएलडी सुप्रीमो ओम प्रकाश चोटाला ने गढ़ सांपला में एक विशाल रैली का आयोजन कर सर छोटूराम को एक कमरे का म्यूजियम समर्पित किया था. इस म्यूजियम में उनकी किताबें, कपड़े और इस्तेमाल किए जाने वाले दूसर सामान भी रखे गए थे.
लेकिन, चौधरी वीरेंद्र सिंह ने खुद को उनका राजनीतिक वारिस घोषित करते हुए गढ़ सांपला में उनकी ऊंची मूर्ति स्थापित करने की घोषणा 2016 में कर दी थी. इसके बाद ही 64 फीट ऊंची लोहे की प्रतिमा बनाई गई है जिसका अनावरण प्रधानमंत्री ने किया है. हालाकि, चौटाला द्वारा बनवाई गई छोटी मूर्ति को सांपला के सरकारी कॉलेज में शिफ्ट करा दिया गया है, क्योंकि बीजेपी इसमें चौटाला और उनकी पार्टी को कोई श्रेय नहीं लेने देना चाहती.
हरियाणा में जाटों का बड़ा महत्व
हरियाणा में लगभग एक चौथाई आबादी जाटों की है. हरियाणा की राजनीति में जाटों का दबदबा काफी ज्यादा है. पिछले लोकसभा और उसके बाद विधानसभा के चुनावों में भी अधिकांश जाटों ने मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी के पक्ष में अपना समर्थन जताया था. लेकिन, वहां मुख्यमंत्री एक गैर-जाट मनोहर लाल खट्टर को बना दिया गया.
जाट आंदोलन के दौरान जिस तरह खट्टर सरकार का व्यवहार था, उसको लेकर भी जाटों में काफी नाराजगी रही है. बीजेपी के कई प्रदेश स्तर के नेताओं की तरफ से भी इन चार सालों में की गई बयानबाजी से जाटों के एक तबके में रोष भी है. अब बीजेपी की कोशिश पिछली बार की तरफ फिर से जाटों को साधने की है. सर छोटूराम के नाम पर बीजेपी की कोशिश इसी रणनीति का हिस्सा लग रही है.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एम वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी नीत एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों के महागठबंधन में एसपी और बीएसपी भी शामिल होंगे. मोइली ने यह दावा भी किया कि कांग्रेस उन पांच में से कम से कम चार राज्यों में जीतेगी जहां अगले दो महीने में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री के बयान से पहले एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में गठबंधन पर कांग्रेस के फैसले का अब और इंतजार नहीं करेगी. उन्होंने संकेत दिया था कि वह मायावती की अगुवाई वाली बीएसपी से गठजोड़ कर सकते हैं.
इससे कुछ दिन पहले ही मायावती ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया था.
मोइली ने कहा कि प्रस्तावित महागठबंधन लोकसभा चुनावों के लिए बनना है, राज्य विधानसभा चुनावों में नहीं. उन्होंने कहा कि राज्य के चुनावों में पार्टियों की अपनी बाध्यताएं होती हैं.
लोकसभा चुनाव तक बन जाएगा महागठबंधन
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी प्रमुख इच्छा लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एकजुट देखने की है और हमें उम्मीद है कि इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि बीएसपी और एसपी इस महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में वोटों का ध्रुवीकरण कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ही जीतेगी और मध्य प्रदेश में भी वह बीजेपी से आगे चल रही है.
मोइली ने कहा, छत्तीसगढ़ में 50-50 की स्थिति है. वहां (परिणाम) हमारे चुनाव प्रबंधन, उम्मीदवारों के चयन पर निर्भर करेगा. मिजोरम में हम जीतेंगे. उन्होंने यह दावा भी किया कि उनकी पार्टी तेलंगाना में तेलुगु देशम पार्टी, सीपीएम और अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन बनाएगी.
महागठबंधन के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के सवाल पर मोइली ने कहा कि संभवत: यह मुद्दा नहीं उभरेगा क्योंकि प्रस्तावित गठजोड़ में कोई पार्टी इस पर जोर नहीं देगी.
चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिनों की राजस्थान यात्रा पर हैं. राहुल गांधी ने राजस्थान के बारी में आज एक जनसभा को संबोधित किया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला.
राहुल गांधी ने कहा कि- मोदी जी 24 घंटे टीवी पर आते रहते हैं. उनके पोस्टर हर जगह दिखाई देते हैं. कोई भी टीवी पर फ्री में नहीं दिख जाता. अगर ऐसा होता तो हर कोई टीवी पर दिखाई दे रहा होता. मार्केटिंग के लिए करोड़ों रुपए लगते हैं. और पीएम की मार्केंटिंग उद्योगपतियों द्वारा की जा रही है जिन्हें पीए करोड़ों रुपए दे रहे हैं.
Modi Ji appears on TV 24-hrs,his posters can be seen everywhere.Nobody can appear on TV free of cost,otherwise everyone would have appeared on TV. It requires crores for marketing&PM’s marketing is done by the industrialists to whom PM is giving crores:R Gandhi in Bari,Rajasthan pic.twitter.com/lQX9lDFefB
इससे पहले धौलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी ने किसानों और गरीबों की जेब से 45 हजार करोड़ रुपए निकालकर अनिल अंबानी को दे दिए. मैंने संसद में पूछा कि पीएम ने उन्हें कॉन्ट्रैक्ट क्यों दिया?’
राहुल ने कहा, ‘मैंने पीएम की आंखों में देखकर सवाल किया लेकिन वह इधर-उधर देखते रहे. पूरे देश ने देखा कि पीएम देश के युवा से नजरें नहीं मिला सकते.’ उन्होंने कहा, ‘आप लोग सेल्फी लेते हैं लेकिन जब फोन पलटकर देखते हैं तो उस पर मेड इन चाइना लिखा होता है. मैं चाहता हूं कि उस पर मेड इन धौलपुर लिखा हो, मेड इन राजस्थान लिखा हो, मेड इन जयपुर लिखा हो.’
राहुल ने यह भी कहा, ‘मैं चाहता हूं कि जब कोई चीन में सेल्फी ले तो वह पूरी दुनिया को दिखा सके कि फोन के पीछे मेड इन धौलपुर लिखा है. इससे विदेशी लोगों के मन में धौलपुर के बारे में जानने की इच्छा होगी. वो टूरिस्ट के रूप में यहां आएंगे. आपकी जेब में पैसा होगा और हम उन्हें दोबारा फ्लाइट से वापस भेज देंगे.’
You are taking a selfie, if you turn the phone you will find ‘Made in China’ written on it. I want ‘Made in Dholpur’, ‘Made in Rajasthan’, ‘Made in Jaipur’ written on it: Rahul Gandhi in Dholpur, Rajasthan pic.twitter.com/CxuA0kch83
कर्नाटक के 3 संसदीय क्षेत्रों में उपचुनाव की घोषणा को लेकर चुनाव आयोग कांग्रेस के निशाने पर आ गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिना राज्य सरकार को भरोसे में लिए उपचुनावों के तारीखों की घोषणा की.
उन्होंने आयोग के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा, ‘जो भी उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे उन्हें सिर्फ 5-6 महीने के मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के लिए चुनाव का भारी-भरकम खर्च वहन करना होगा.’
Assembly elections are important but announcing by-poll election without taking state govt into confidence…Those who contest these will have to bear election expenses only for a term of 5-6 months: M Kharge, Congress on upcoming by-polls in Shimoga, Bellary & Mandya #Karnatakapic.twitter.com/BFoPrG020Y
खड़गे ने कहा, ‘वो (चुनाव आयोग) इसे रोक सकते थे लेकिन उन्होंने पहले भी ऐसा किया है, वो जब चाहते हैं तब चुनाव की तारीखें टाल देते हैं या उसे घोषित समय से पहले कर देते हैं. कुछ क्षेत्र सूखे की चपेट में हैं, कुछ बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. अब आचार संहिता लागू हो जाने के कारण यहां किसी तरह का काम नहीं हो सकेगा.’
They could’ve stopped it but they’ve done this earlier too whenever they want, they postpone/pre-pone election. It wasn’t needed. Some areas are facing drought, some flooded. Due to Model Code of Conduct no work can be done: M Kharge on Shimoga,Bellary&Mandya by-polls #Karnataka pic.twitter.com/jQ3bB68WVl
बता दें कि चुनाव आयोग ने शनिवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही कर्नाटक की तीन संसदीय क्षेत्रों (शिमोगा, बेल्लारी और मांडया) में भी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया था.
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