आठ दिन और छ्ह फैसले

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ 31-अक्टूबर:

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई नवंबर की 17 तारीख को रिटाइर हो रहे हैं  उन्हें छह महत्त्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाना है। सुप्रीम कोर्ट में इस समय दिवाली की छुट्टियां चल रही हैं और छुट्टियों के बाद अब काम 4 नवंबर को शुरू होगा।

अयोध्या बाबरी मस्जिद मामला, राफल समीक्षा मामला , राहुल पर अवमानना मामला, साबरिमाला , मुख्य न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का मामला और आर टी आई अधिनियम पर फैसले आने हैं।

अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला इन सभी मामलों में सर्वाधिक चर्चित है अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला। पांच जजों की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई पूरी कर चुकी है और 16 अक्टूबर को अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा। इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ही कर रहे हैं। इस विवाद में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित 2 .77 एकड़ विवादित जमीन पर किसका हक़ है, इस बात का फैसला होना है। हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में कहा कि यह भूमि भगवान राम के जन्मभूमि के आधार पर न्यायिक व्यक्ति है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मात्र यह विश्वास की यह भगवान राम की जन्मभूमि है, इसे न्यायिक व्यक्ति नहीं बनाता। दोनों ही पक्षों ने इतिहासकारों, ब्रिटिश शासन के दौरान बने भूमि दस्तावेजों, गैज़ेट आदि के आधार पर अपने अपने दावे पेश किये है। इस सवाल पर कि क्या मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनाई गई? आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट भी पेश की गई।

 रफाल समीक्षा फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में एसके कौल और केएम जोसफ की पीठ के 10 मई को रफाल मामले में 14 दिसंबर को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई समीक्षा रिपोर्ट पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला 36 रफाल लड़ाकू विमानों के सौदे में रिश्वत के आरोप से संबंधित है। इस समीक्षा याचिका में याचिकाकर्ता एडवोकेट प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मीडिया में लीक हुए दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार ने फ्रेंच कंपनी (Dassault) से 36 फाइटर जेट खरीदने के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण सूचनाओं को छुपाया है। कोर्ट ने इस मामले में उन अधिकारियों के विरुद्ध झूठे साक्ष्य देने के सन्दर्भ में कार्रवाई भी शुरू की जिन पर यह आरोप था कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को गुमराह किया है। 10 अप्रैल को अदालत ने इस मामले में द हिन्दू आदि अखबारों में लीक हुए दस्तावेजों की जांच करने के केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी थी कि ये दस्तावेज सरकारी गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन करके प्राप्त किए गए थे, लेकिन पीठ ने इस प्रारंभिक आपत्तियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि साक्ष्य प्राप्त करने में अगर कोई गैरकानूनी काम हुआ है तो यह इस याचिका की स्वीकार्यता को प्रभावित नहीं करता।

राहुल गांधी के “चौकीदार चोर है” बयान पर दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा रफाल सौदे की जांच के लिए गठित मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रखा। राहुल गांधी ने रफाल सौदे को लक्ष्य करते हुए यह बयान दिया था कि “चौकीदार चोर है।” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी इस टिपण्णी के लिए माफी मांग ली थी।

सबरीमाला समीक्षा फैसला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सबरीमाला मामले में याचिकाकर्ताओं को एक पूरे दिन की सुनवाई देने के बाद समीक्षा याचिका पर निर्णय को फरवरी 6 को सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति नरीमन, न्यायमूर्ति चंद्रचूड और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में ट्रावनकोर देवस्वोम बोर्ड, पन्दलम राज परिवार और कुछ श्रद्धालुओं ने 28 दिसंबर 2018 को याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में अपनी दलील में यह भी कहा था कि संवैधानिक नैतिकता एक व्यक्तिपरक टेस्ट है और आस्था के मामले में इसको लागू नहीं किया जा सकता। धार्मिक आस्था को तर्क की कसौटी पर नहीं कसा जा सकता। पूजा का अधिकार देवता की प्रकृति और मंदिर की परंपरा के अनुरूप होना चाहिए। यह भी दलील दी गई थी कि फैसले में संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत ‘अस्पृश्यता’ की परिकल्पना को सबरीमाला मंदिर के सन्दर्भ में गलती से लाया गया है और इस क्रम में इसके ऐतिहासिक सन्दर्भ को नजरअंदाज किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के अधीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 4 अप्रैल को सीजेआई कार्यालय के आरटीआई अधिनियम के अधीन होने को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने दिल्ली हाईकोर्ट के जनवरी 2010 के फैसले के खिलाफ चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सीजेआई का कार्यालय आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2(h) के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकरण’है। वित्त अधिनियम 2017 की वैधता पर निर्णय ट्रिब्यूनलों के अधिकार क्षेत्र और स्ट्रक्चर पर डालेगा प्रभाव राजस्व बार एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा। इस याचिका में वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जिनकी वजह से विभिन्न न्यायिक अधिकरणों जैसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण, आयकर अपीली अधिकरण, राष्ट्रीय कंपनी क़ानून अपीली अधिकरण के अधिकार और उनकी संरचना प्रभावित हो रही है। याचिकाकर्ता की दलील थी कि वित्त अधिनियम जिसे मनी बिल के रूप में पास किया जाता है, अधिकरणों की संरचना को बदल नहीं सकता।

यौन उत्पीडन मामले में सीजेआई के खिलाफ साजिश मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोपों की साजिश की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति एके पटनायक ने की और जांच में क्या सामने आता है, इसका इंतज़ार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन और दीपक गुप्ता की पीठ ने न्यायमूर्ति पटनायक को एडवोकेट उत्सव बैंस के दावों के आधार पर इस मामले की जांच का भार सौंपा था। उत्सव बैंस ने कहा था कि उनको किसी फ़िक्सर, कॉर्पोरेट लॉबिस्ट, असंतुष्ट कर्मचारियों ने सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एप्रोच किया था। ऐसा समझा जाता है कि न्यायमूर्ति पटनायक ने इस जांच से संबंधित अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है।


भारत बांग्लादेश ने एक साल में 12 द्विपक्षीय समझौतों पर करार किया : मोदी

भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय रिश्ते नये मुकाम पर पहुंच रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने आज नई दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच तीन परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीएम शेख हसीना के साथ तीन और परियोजनाओं का उद्धाटन करने से मुझे खुशी है. आज की ये तीन परियोजनाएं तीन अलग-अलग क्षेत्रों में हैं. पीएम मोदी ने बताया कि एलपीजी इंपोर्ट, वोकेशनल ट्रैनिंग और सोशल फैसिलिटी के क्षेत्र में परियोजनाओं की शुरुआत की गई है.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की. पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, “भारत-बांग्लादेश की दोस्ती पूरी दुनिया के लिए बेहतरीन उदाहरण है.” वहीं, शेख हसीना ने कहा कि भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग और बढ़ेगा. इस अवसर पर ऊर्जा, कौशल और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े तीन प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया. पीएम मोदी ने कहा, “आज की ये तीन परियोजनाएं तीन अलग-अलग क्षेत्रों में हैं: एलपीजी आयात, कौशल, और सामाजिक सुविधा. लेकिन इन तीनों का उद्देश्य एक ही है. और वो है – हमारे नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाना. यही भारत-बांग्लादेश संबंधों का मूल-मंत्र भी है.”

दोनों देशों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए. भारत बांग्लादेश में तटीय क्षेत्र में सर्विलांस सिस्टम स्थापित करेगा. मालदीव के बाद बांग्लादेश ऐसा दूसरा देश है जहां भारत तटीय निगरानी प्रणाली लगाएगा. भारत लगभग 20 यूनिट लगाएगा. इसका उद्देश्य भारत-बांग्लादेश की साझा तटीय सीमा पर चौकस नजर रखना है. 

ऊर्जा के क्षेत्र में, बांग्लादेश, भारत के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में एलपीजी उपलब्ध कराएगा. पीएम मोदी ने कहा, “बांग्लादेश से बल्क एलपीजी की सप्लाई दोनों देशों को फायदा पहुंचाएगी. इससे बांग्लादेश में निर्यात, आय और रोजगार भी बढ़ेगा. ट्रॉन्सपोर्टेशन दूरी पंद्रह सौ किमी कम हो जाने से आर्थिक लाभ भी होगा और पर्यावरण को भी नुकसान कम होगा.”

पिछले एक साल में दोनों देश संयुक्त रूप से 12 प्रोजेक्ट की शुरुआत कर चुके हैं. तीन आज किए गए जबकि 9 पिछले कुछ महीनों में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये किए गए. दोनों देश मनु, मुहुरी, खोवाई, गुमटी और फेनी नदी के पानी का साझा इस्तेमाल करने के लिए समझौते पर विचार कर रहे हैं.

दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी पर फोकस

दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही बढ़ाने के लिए बांग्लादेश ने अखौरा – अगरतला पोर्ट के जरिये किए जाने वाले व्यापार से प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया है. मैत्री एक्सप्रेस और बंधन एक्सप्रेस के फेरे बढ़ाने की बात भी कही है. पीएम मोदी अगले साल मार्च में बांग्लादेश का दौरा कर सकते हैं. दरअसल, मार्च 2020 में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती है. पीएम मोदी इसमें भाग ले सकते हैं.


टीएमसी उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए बंगलादेशी कलाकार को किया ब्लैक लिस्ट

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के लिए पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के लिए चुनाव प्रचार करना बांग्लादेश के अभिनेता फिरदौस अहमद को भारी पड़ गया है. दरअसल, गृह मंत्रालय ने ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन की रिपोर्टमिलने के बाद कार्रवाई करते हुए बांग्लादेशी अभिनेता का बिजनेस वीजा रद्द कर दिया है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने फिरदौस को भारत छोड़ने का नोटिस भी जारी कर दिया है. वहीं, गृह मंत्रालय ने उन्हें भविषअय के लिए ब्लैकलिस्ट भी कर दिया है. 

मालूम हो कि बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस अहमद ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवार के समर्थन में सोमवार को चुनाव प्रचार किया था. इसके बाद मंगलवार को गृह मंत्रालय ने कोलकाता के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी थी. बता दें कि बांग्लादेश के अभिनेता फिरदौस अहमद ने रायगंज से तृणमूल उम्मीदवार कन्हैयालाल अग्रवाल के समर्थन में चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया था.

बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट में पाया है कि फिरदौस अहमद ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा लेकर वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है. इससे पहले भी अहमद बिजनेस वीजा पर कई बार भारत आ चुके हैं. अहमद को भारत-बांग्लादेश सीमा के पास हेमताबाद और करांदिघी में चुनाव प्रचार रैलियों में अग्रवाल के समर्थन में वोट मांगते देखा गया था. 

भाजपा के लिए अरुणाञ्चल बना मुसीबत

ईटानगर/गुवाहाटी: लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण से पहले अरुणाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के दो मंत्रियों और 12 विधायकों सहित कुल 15 नेताओं ने मंगलवार को पार्टी छोड़कर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में शामिल होने का ऐलान कर दिया. राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा पार्टी के राज्य महासचिव जारपुम गामलिन, गृहमंत्री कुमार वाई, पर्यटन मंत्री जारकर गामलिन और कई विधायकों को टिकट नहीं देने के बाद बड़े पैमाने पर पार्टी छोड़ने का यह कदम सामने आया है. 

राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 54 के लिए प्रत्याशियों के नामों पर बीजेपीके संसदीय बोर्ड ने रविवार को मुहर लगाई. राज्य में 11 अप्रैल को लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं. सोमवार को जारपुम गामलिन ने बीजेपी की अरुणाचल इकाई के अध्यक्ष तापिर गाओ को अपना इस्तीफा भेजा.  वह सोमवार सुबह से ही गुवाहाटी में हैं, जहां मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने उनसे मुलाकात की. 

एनपीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “जारपुम, जारकर, कुमार वाई और बीजेपीके 12 मौजूदा विधायकों ने एनपीपी महासचिव थामस संगमा से मंगलवार को मुलाकात की और एनपीपी में शामिल होने का फैसला किया.” उन्होंने कहा कि इन नेताओं के आने से एनपीपी मजबूत होगी. इस बीच, एनपीपी ने पूर्वोत्तर राज्यों की सभी 25 संसदीय सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने मेघालय के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. अन्य सीटों की भी सूची जल्द जारी की जाएगी. 

त्रिपुरा में बीजेपी के 3 नेता कांग्रेस में शामिल
लोकसभा चुनावों से पहले त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के नेता सुबाल भौमिक व दो अन्य वरिष्ठ नेता मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. दो अन्य नेता पूर्व मंत्री प्रकाश दास व तेजतर्रार माने जाने वाले देबाशीष सेन हैं. त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मन व एआईसीसी सचिव भूपेन बोरा ने एक मीडिया कांफ्रेंस में तीनों नेताओं का स्वागत किया. भौमिक, बीजेपीमें उपाध्यक्ष पद पर थे.  वह बीजेपीमें 2015 में शामिल हुए, जबकि दास व सेन 2017 में क्रमश: कांग्रेस व मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से बीजेपीमें शामिल हुए थे. 

National Seminar on Study of Sacred Spaces and Cults in Pre-Modern North West India

Chandigarh March 15, 2019

            Department of History, Panjab University, Chandigarh is organizing two days National Seminar on Study of Sacred Spaces and Cults in Pre-Modern North West India as per schedule below:-

Venue:            English Auditorium, PU

Date:               18-19, March 2019

Time:               10.30 am

पूर्वोत्तर में भाजपा ने मनाए सभी रूठे और नए साथियों को भी लिया साथ

बीजेपी ने पूर्वोत्तर (नॉर्थ ईस्ट) में गठबंधन की प्रक्रिया पूरी कर ली है. पार्टी ने यहां के आठ राज्यों की 25 लोकसभा सीटों में से कम से कम 22 पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है.

बीजेपी महासचिव राम माधव ने बुधवार को यह जानकारी दी.

बीजेपी के पूर्वोत्तर प्रभारी माधव ने मंगलवार को आधी रात तक कई दौर की चर्चा की और असम गण परिषद (AGP), बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF), इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT), नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के साथ गठबंधन होने की घोषणा की. 

बीजेपी नेता त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और IPFT के नेताओं के साथ बुधवार को अगरतला में बैठक करेंगे.

इस गठबंधन को पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (NEDA) के तहत अंतिम रूप दिया गया है. NEDA भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का क्षेत्र की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ राजनीतिक गठबंधन है.

राम माधव ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘इस गठबंधन में क्षेत्र की 25 में से कम से कम 22 सीटें जीतने की क्षमता है और मोदी जी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनते देखने में इसकी भूमिका महत्त्वपूर्ण है.’

इससे पहले मंगलवार को माधव ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और एनईडीए के संयोजक हेमंत विश्व शर्मा से मुलाकात की.

5 साल बाद 5 रोहङियाओं को वापिस भेजा

इन रोहिंग्याओं को बिना यात्रा दस्तावेज के पांच साल पहले पकड़ा गया था. इन पर विदेशी कानून का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया था.

गुवाहाटी: असम के तेज़पुर जेल में बंद एक रोहिंग्या परिवार के पांच सदस्यों को गुरुवार को म्यांमार वापस भेज दिया गया. अधिकारियों ने तीन महीने पहले भी सात अन्य लोगों को पड़ोसी देश वापस भेजा था. पुलिस ने यहां यह जानकारी दी.

असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीमा) भास्कर ज्योति महंत ने बताया कि इन लोगों को मणिपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर म्यांमार अधिकारियों को सौंप दिया गया. इन रोहिंग्याओं को  बिना यात्रा दस्तावेज के पांच साल पहले पकड़ा गया था और इन पर विदेशी कानून का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया था. यह जेल की सजा पूरी करने के बाद तेजपुर हिरासत केंद्र में बंद थे.

बता दें कि फिलहाल असम के अलग -अलग जिला के डिटेंशन कैंपों में कुल 20 रोहिंग्या हैं, जिनके प्रत्यार्पण की प्रस्तुति भी सजा पूरी करने के बाद कर दी जाएगी. बिना दस्तावेज के मणिपुर के मोरे से यह रोहिंग्या असम में प्रवेश करते हैं. चूंकि पहले से ही संदिग्ध बांग्लादेशियों के रहने के मामले आलोक में हैं इसलिए रोहिंग्याओं को केवल उनके बोली से ही पहचाना जाता है.

फिलहाल असम बॉर्डर पुलिस के पास अवैध रूप से असम में घुसे और रोहिंग्याओं के कोई तथ्य नहीं हैं कारण ये असम को केवल भारत के अन्य हिस्सों में जाने का मार्ग के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. भारत सरकार के तथ्य अनुसार फिलहाल भारत में 40 हज़ार रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं. असम बॉर्डर पुलिस बिना कोताही बरते संदिग्ध रोहिंग्याओं की खोजबीन जगह-जगह पर कर रही है.

म्यांमार देश में बर्मी लोगों के बोलचाल और संस्कृति से बिल्कुल भिन्न रोहिंग्या मुसलमान होते हैं. ये बांग्लादेश से म्यांमार के रखाइन प्रान्त में बहुतायत में बताये जाते हैं. रख़ाइन में कई लोगों का मानना है कि बढ़ती आबादी की वजह से एक दिन वो उनके ज़मीन को हथिया लेंगे.  म्यांमार के समाज और सेना को रोहिंग्याओं से अपनी संस्कृति और राजनैतिक क्षमता के जाने की चिंता सताती हैं. इसलिए इन्हें देश की सीमा से बहार खदेड़ देने की कोशिश की जाती है. इस लिए इन पर अमानवीय जुल्मो सितम भी ढहाये जाते हैं.

म्यांमार में बोली जाने वाली 135 आधिकारिक जातीय समूहों में रोहिंग्या मुसलमानों को गिना नहीं जाता है. म्यांमार के राष्ट्रवादी समूहों ने इस अवधारणा को प्रोत्साहित किया कि रोहिंग्या मुसलमान एक ख़तरा हैं, क्योंकि मुस्लिम पुरुषों की चार पत्नियां और कई बच्चे हो सकते हैं.

बता दें कि असम पहले से ही अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के संकट से जूझ रहा है. ऐसे में रोहिंग्या संकट चाहे शरणार्थी के तौर पर ही हो, असम के लोग इन्हें शरण देने के पक्ष में नहीं हैं. 

सम्मान चाहिए पर विकल्प भी खुले हैं चराग पासवान


पासवान ने राहुल की जीत पर कहा, अगर आप किसी की आलोचना करते हैं और वही अच्छा परफॉर्म करे तो उसकी तारीफ करनी चाहिए

कुशवाहा कि तर्ज़ पर यदि सम्मान जनक सीटों का फैसला समय रहते नहीं होता तो विकल्प उनके लिए भी खुले हैं. पासवान को चुनावी मौसम का विशेषज्ञ बताया जाता है, यदि वह NDA छोड़ना चाहते हैं तो वाकई मौसम बदल रहा है.


लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ की है. उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी में निश्चित ही सकारात्मक बदलाव आया है. कांग्रेस पार्टी को काफी समय बाद जीत हासिल हुई है.’

पासवान ने राहुल की जीत पर कहा, ‘अगर आप किसी की आलोचना करते हैं और वही अच्छा परफॉर्म करे तो उसकी तारीफ करनी चाहिए. उन्होंने मुद्दों को सही तरह से चुना.’

चिराग ने कहा, ‘जिस तरह कांग्रेस ने किसानों और बेरोजगारों की समस्याओं का मुद्दा उठाया, वह बहुत सही समय पर किया गया फैसला था. हम केवल धर्म और मंदिर के पेचीदे मामले में ही उलझे रहे.’

पासवान ने कहा, ‘मैं सरकार से मांग करता हूं कि आने वाले समय में हमें एक बार फिर विकास के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए.’

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को शानदार जीत मिली है.

रक्षा सौदों को कांग्रेस Punching Bag और Funding Source समझती थी: प्रधानमंत्री मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के पहले दौरे में ही आज रायबरेली को 1100 करोड़ की सौगात देने के साथ पहले की सरकारों पर निशाना साधा। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी को निशाने पर रखा।


रायबरेली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के साथ ही भाजपा का विरोध करने वाली पार्टियों पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस रक्षा सौदों के लेकर इसलिए भड़की है क्योंकि उसमें ‘क्वात्रोची मामा’ या फिर ‘क्रिश्चेन मिशेल अंकल’ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाइयों-बहनों देश में स्वतंत्रता के बाद से ही कुछ लोगों का शासन रहा है। कोई किसी का मामा, रिश्तेदार सेंध लगाते रहे हैं। अब सब रुक गया है तो फिर दर्द होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि भाजपा विरोधी के साथ कांग्रेस के लोग देश को कमजोर करने वालों के साथ हैं। क्या कारण हैं कि भाजपा के खिलाफ यहां के नेता भाषण देते हैं और ताली पाकिस्तान में बजती है।आज कांग्रेस व विरोधी उनके साथ खड़े हैं जो देश को कमजोर करना चाहते हैं। आप बताइए देश को सेना ताकतवर होनी चाहिए या नही। पीएम मोदी ने कहा कि आज दो पक्ष हैं, एक पक्ष सरकार सच्चाई का है, एक पक्ष देश को कमजोर कर रहा है। यह सब लोग मोदी पर वो किसी भी तरह एक दाग लगा देना चाहते हैं, मैं सब जानता हूँ, मगर इसके लिए देश की सुरक्षा के साथ क्यों खिलवाड़ कर रहे है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा एक ही मंत्र है। इसी मंत्र पर केंद्र के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी काम कर रही है। हम तो देश के सामान्य से सामान्य नागरिक के जीवन में हम परिवर्तन ला रहे हैं। रायबरेली में ही दो लाख महिलाओ को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए। सरकार चाहे केंद्र की हो या योगी जी की हमारा एक ही मंत्र है, सबका साथ सबका विकास। कांग्रेस इनको दबा रही है, कांग्रेस की साजिश को हमारी सरकार अब घर घर जाकर पहुंचाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने देश के किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है। कर्नाटक में सैकड़ों किसानों के वारंट निकल रहे हैं। कांग्रेस ने कर्ज माफी पर झूठे वादे किए। सौ रुपये में डेढ़ रूपये ज्यादा से ज्यादा पांच रूपये का प्रीमियम लिया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से सरकार में किसानों की सारी समस्याओं को दूर किया। किसके दबाव में कांग्रेस ने यूरिया का शत प्रतिशत नीम कोटिंग किया। इस एक फैसले से हमारे देश के किसानों को 60 हजार करोड़ का फायदा होगा। खरीफ व रबी की 22 फसलों पर एमएसपी लागू किया गया। इनका जवाब कांग्रेस कभी नही देगी। किसके दबाव में एमएसपी को दाब दिया। कांग्रेस ने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को क्यों लागू नहीं किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम किसानों का संकट दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। पहली बार 70 वर्ष में हमारी सरकार ने किसानों के लिए नीतियां बनाकर लागू किया। कांग्रेस के राज में किसी की कोई परवाह नहीं की। वन रैंक वन पेंशन हमने लागू की। जिस पार्टी के लोग सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर उंगली उठाते हैं, उनसे क्या उम्मीद करें। जिस पार्टी के लोग हमारे सेनाध्यक्ष को गुंडा कहते है और गुंडा को पार्टी में ऊंचे पद पर बैठाए हैं उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं। जब ईमानदारी से सौदे होते हैं तो कांग्रेस बौखला जाती है। एचएएल को 1400 करोड़ की मंजूरी दी गयी। हमने 2016 में 83 नए तेजस विमान खरीदने की स्वीकृति दी। इसे तेज करने की कोशिश नही हुई। इस साल अप्रैल में भारत की कंपनी एक लाख 16 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट बना रही है। सरकार ने ऑर्डर दे दिया। हमने 2014 में सरकार बनने के बाद 2016 जैकेट दिए। हमारी सेना की सुरक्षा के प्रति कांग्रेस से 2009 में भारतीय सेना ने लाखों बुलेटप्रूफ जैकेट मांगे मगर 2014 तक नही खरीदा। सेना के लिए मैं कड़ें से कड़े फैसले लेने में पीछे नही हटूंगा। उन माताओं बहनों, बच्चों का मैं जवाबदार हूँ जिंनके घरवाले सेना में हैं। जान की बाजी लगाने वाले सैनिकों को कोई दिक्कत नहीं होने दूंगा। हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि भारत को सेनाएं किसी से कम न हों। जब देश की सुरक्षा की बात हो, सेना की बात हो, तब एनडीए सरकार सिर्फ राष्ट्रहित का ध्यान रखती है। जो सौदा भाजपा सरकार सुरक्षा के लिए कर रही है, उसमे कोई दाग नहीं है। इस घोटाले में कांग्रेस ने अपना वकील बचाने को भेज दिया। कांग्रेस सरकार के क्वात्रोची मामा बोफोर्स घोटाले वाले को देश माफ नहीं करेगा। करगिल युद्ध के बाद वायुसेना को मजबूत करने को जरूरत थी मगर कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। सेना के प्रति कांग्रेस सरकार का रवैया क्या रहा इसके लिए देश उन्हें माफ नही करेगा। हमारे लिए दल से बड़ा देश है और जीवन पर्यंत रहेगा। झूठ बोलने वालों पर सत्य बोलने वालों की विजय होती है। सच को श्रृंगार की जरूरत नहीं होती, झूठ चाहे जितना बोलो इसमें जान नहीं होती। इन लोगों के लिए हमारी सेना झूठी हैं, हमारी सेना की रक्षा मंत्री झूठी हैं, हमारे वायु सेना के अफसर भी झूठे हैं। झूठ की पंक्तियों को कुछ लोगों ने जीवन का मूल मंत्र बना लिया है। कांग्रेस के समय तेजस विमान से जुड़ी हर कड़ी को कमजोर किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के पापों को बताने के लिए पूरा सपताह कम पड़ जायेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि जिस भारत मां के नारों से गौरव होता है कुछ लोग इस जयघोष पर शर्मिंदगी महसूस करते हैं। मैं तो सेना के शौर्य समर्पण के प्रति प्रहरियों का गौरव गान करके नमन करता हूँ। युद्ध में शामिल हर सैनिक को मैं नमन करता हूँ। 1971 में आज के ही दिन भारत की सेना ने अराजकता व आतंक को धूल चटाई थी। देश के इतिहास में आज का दिन एक और वजह से विशेष है। आपलोग बताइए कि देश की सेना मजबूत होनी चाहिए कि नहीं। उन्होंने कहा कांग्रेस को उसमें भी दिक्कत है। रामचरितमानस में एक चौपाई है झूठै लेना झूठे देना झूठै भोजन झूठ चबेना। आज कुछ लोगों को सत्य हजम नहीं हो पा रहा है। भारत आज सबसे बड़ा देश है। आज जब मैं देश के सपने देखता हूँ। भाजपा पार्टी राष्ट्रहित में सोचती है। इसके लिए हमको कड़े से कड़े फैसले लेने में भी कोई हिचक नहीं है। उन्होंने कहा अगले वर्ष तक देश के सैनिकों को बड़ी संख्या में बुलेटप्रूफ जैकेट प्रदान की जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि देश को यह भी जानकारी देना चाहता हूं कि सेना के जवानों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट भी देश की कंपनी बना रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा किआप सोचिए 2007 में स्वीकृत हुई रेल कोच 2010 में फैक्ट्री बनकर तैयार हो गयी। इसके बाद भी उत्पादन शून्य था। इससे पता चलता है कि पहले की सरकारों ने देश के संसाधनों के साथ अन्याय किया। इसकी गवाही रेल कोच फैक्ट्री दे रही है। अब जिस गति से काम हो रहा है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यहां मंच पर आने से पहले रेल कोच मॉडर्न फैक्ट्री में था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब आने वाले समय में यहां से 5000 कोच प्रतिवर्ष बनाए जाएंगे।अभी तो प्रतिवर्ष तीन हजार कोच बनेंगे। मैं चाहूंगा अगले वर्ष दो गुना डिब्बे बनें। उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार के काम का नतीजा है कि बीते वर्ष 711 कोच बने। रायबरेली के नौ जवान बहुत अच्छे हैं। यहां के लोगों को यहां काम मिले, हम इसके प्रयास में लगे हैं। भाइयों बहनों मैं छोटा सोचने की आदत नहीं रखता। भाजपा सरकार में नई मशीन लगाई जा रही हैं। हमारी सरकार आने के तीन महीने के भीतर ऐसा कोच निकला जो पूरी तरह रायबरेली रेल कोच में बना हुआ था। हालत ये थी कि 2014 तक यहां की तीन प्रतिशत मशीन काम कर रही थे। चार साल तक इस फैक्ट्री में कपूरथला से लाकर पेंच कस रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज रायबरेली में 1100 करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया है। मैं तो रायबरेली के लोगों व भूमि को नमन करता हूं। इसी भूमि पर पण्डित अमोल शर्मा हुए। यह तो बीरा पासी, राणा बेनी माधव के बलिदान की भूमि है। आज मैं उस भूमि पर हूँ जिसने साहित्य, राजनीति सहित सबको दिशा दिखाई है। इस भूमि के साथ न्याय नहीं किया गया। प्रधानमंत्री ने रायबरेली में कोच फ़ैक्टरी में उत्पादित 900वें रेल डिब्बे व हमसफर रेक को हरी झंडी दिखा कर देश को समर्पित किया। एल्युमिनियम के हल्के कोच बनाकर देश दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री बनाना हमारा लक्ष्य है। रेलवे, हाइवे, एयरवे और मोटरवे आदि के लिए दिन रात काम हो रहा है। थोड़ी देर पहले ही बांदा तक जाने वाली सड़क का उद्घाटन किया है। रायबरेली भी स्वस्थ रहे और अपने आसपासो के लोगों को स्वस्थ्य रखें इस नाते मेडिकल कालेज समेत कई योजना दी गई है। हमारे पीएम आवास लोगों की खुशहाली पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि आज के दिन देश के वीर सपूतों ने वलिदान दिया था। उनके सम्मान में जयकारे लगवाए।

रायबरेली व अमेठी का वास्तविक विकास 2014 के बाद से हुआ : योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने कहा रायबरेली का वास्तविक विकास 2014 के बाद से ही हुआहै। प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी भेदभाव के देश के साथ प्रदेश के हर जिले तथा गांव के विकास के बारे में योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी तक रायबरेली विकास के लिए तड़प रहा था। यहां 2014 के बाद से तेजी से विकास के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। यहां पर जुलाई में एम्स शुरू हुआ। सौभाग्य योजना में बिजली 1345 गांव पहुंचाई गई। केंद्र सरकार ने अमेठी और रायबरेली में भी पूरी ईमानदारी से काम किया है। कोई भेदभाव नहीं किया है। पहले की सरकारों ने कभी भी ईमानदारी से कार्य नहीं किया।

उन्होंने कहा कि रायबरेली में डेढ़ वर्ष में 23430 पीएम आवास बनाये गए है। आठ लाख 85 हजार पीएम आवास उत्तर प्रदेश में बन चुके हैं। पीएम आवास योजना ने मील का पत्थर स्थापित किया। स्वच्छ भारत मिशन में रायबरेली में 311858 तथा अमेठी में 214974 इज्जत घर बनाए गए हैं। हम अमेठी में 934 गांव के 5239 मजरों में विद्युतीकरण का कार्य कर रहे हैं।

रायबरेली में 7013 मजरों में विद्युतीकरण कर नि:शुल्क कनेक्शन दिये गए। रायबरेली के 3500 गांव सौर ऊर्जा से युक्त किये गए। सूबे के वीवीआइपी जनपद में सौभाग्य योजना में 1547 गाँव में विद्युतीकरण किया गया। सौभाग्य योजना से प्रत्येक घर में बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जाति के आधार पर लोगों ने बांटने का काम किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा रायबरेली की रेल फैक्ट्री नौजवानों को नौकरी दे रही है साथ ही मेक इन इंडिया के स्वरूप को भी साकार कर रही है। रायबरेली विकास के लिए तड़प रहा था। वहां 2014 के बाद से विकास के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। जुलाई में एम्स शुरू हुआ। सौभाग्य योजना में बिजली 1345 गांव पहुंचाई गई। उन्होंने, राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और क्षेत्रीय विधायक एमएलसी आदि का नाम लेकर उदबोधन शुरू किया।इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायबरेली को 1100 करोड़ का तोहफा देने के साथ मार्डन रेल कोच फैक्ट्री का निरीक्षण किया। उन्होंने हमसफर एक्सप्रेस के 900वें मार्डन कोच का भी शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने हमसफर एक्सप्रेस के 900वें कोच को राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे मार्डन कोच फैक्ट्री का रुख किया। उन्होंने कोच फैक्ट्री का निरीक्षण किया। इसके बाद यहां पर दो हजार रेल डिब्बों की उत्पादन क्षमता के लिए विस्तारीकरण कार्य का शुभारंभ करने के साथ कोच फैक्ट्री के इस वित्तीय वर्ष में उत्पादित 900वें रेल डिब्बे व हमसफर रैक को राष्ट्र को समर्पित किया। उनके साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल भी हैं। रायबरेली में उनका पहला हेलीकॉप्टर 10.20, दूसरा 10:22 पर तथा तीसरा 10.23 पर रेल कोच के कारखाना परिसर में बने हेलीपैड पर पहुंचा। वहां पर उनकी अगवानी तथा स्वागत किया गया। उधर सभा स्थल पर जाने के लिए यहां पर जनसैलाब उमड़ा है। पांडाल के सभी प्रवेश द्वारों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के कारण उत्साहित कार्यकर्ताओं और सतर्क सुरक्षाकर्मियों के बीच कई बार तकरार भी हुई। सुरक्षा बलों ने काली जैकेट पहने लोगो को वापस लौटाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कुर्सी संभालने के बाद आज पहली बार कांग्रेस के सनातन गढ़ रायबरेली में चुनावी शंखनाद करेंगे। पीएम मोदी के साथ यहां पर आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री के साथ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक व सीएम योगी आदित्यनाथ भी है।सोनिया गांधी और उनसे पहले नेहरू-गांधी परिवार का राजनीतिक दुर्ग रायबरेली का पीएम नरेंद्र मोदी का यह पहला दौरा होगा। पीएम नरेंद्र मोदी रायबरेली को लगभग 1100 करोड़ रुपये की सौगात देंगे। कांग्रेस का गढ़ रायबरेली को माना जाता रहा है। बीते साढ़े चार सालों में भाजपा ने इसे दरकाने की हर कोशिश की। उसे हल्की सफलता भी मिली। छह महीने पूर्व गांधी परिवार के करीबी कुनबे को साथ जोडऩे में सफल हुई। भाजपा अब आक्रामक मुद्रा में है। प्रदेश की सत्ता भी इस जिले पर पैनी निगाह रखे है। पांच राज्यों के आशा विपरीत चुनाव परिणाम के बाद पीएम जनसभा में जब बोलेंगे, तो कांग्रेस ही उनके निशाने पर होगी।प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा राजनीति के लिहाज से भी बहुत अहम है।

प्रदेश की इस लोकसभा सीट को गांधी परिवार और कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। यहां की सांसद यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुकी हैं। यहां की ही जनता ने एक बार इंदिरा गांधी को हरा भी दिया था। उसके बाद से सिर्फ दो बार ही यह सीट कांग्रेस के खाते में नहीं आई। प्रधानमंत्री का यहां आना महत्वपूर्ण है। इससे यह संदेश जाएगा कि भारत उसके कारखानों में तैयार डिब्बों के निर्यात के लिए प्रतिस्पर्धी बाजार में उतर रहा है। उनका यह दौरा इस लिहाज से काफी अहम है कि भारत की उच्च गुणवत्ता के रेल डिब्बों के विनिर्माण और निर्यात बाजार पर नजर है। रेलवे ने कुछ महीने पहले ही प्रस्ताव दिया था कि वह ऐसे देशों के लिए बुलेट ट्रेन के डिब्बे बनाने और निर्यात करने को इच्छुक है, जो तेज रफ्तार गलियारे का निर्माण कर रहे हैं। कारखाने को लेकर पहले ही कई देश अपनी रूचि दिखा चुके हैं। कोरिया, जापान, जर्मनी, चीन और ताइवान के अधिकारी कारखाने का दौरा कर चुके हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि कई देश कम उत्पादन लागत की वजह से भारत का इस्तेमाल विनिर्माण के प्रमुख केंद्र के रूप में कर सकते हैं। माडर्न कोच फैक्टरी (एमसीएफ)में पहली बार पूरे डिब्बे का विनिर्माण रोबोट ने किया है। एक किलोमीटर लंबी उत्पादन लाइन में रोबोट को समानांतर तौर पर काम में लगाया गया है, जहां वे डिब्बों पर कुछ-कुछ काम कर रहे हैं। वर्तमान में 70 रोबोट काम में लगे हुए हैं। यह पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ है।

भाजपा आम चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को उनके घर में ही घेरने की रणनीति पर तेजी से काम कर रही है। यही कारण है कि अमेठी में केंद्रीय नेतृत्व की सक्रियता के बाद बीते छह महीनों में कई बार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यहां आ चुका है। 21 अप्रैल को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शहर में रैली को संबोधित कर चुके हैं। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे। तबसे पार्टी नेताओं की सक्रियता बनी हुई है।पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने बताया कि रायबरेली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास की अलख जगाने आ रहे हैं। इससे यह साफ है कि भाजपा अपने विकास के एजेंडे पर ही पूरी मजबूती से चल रही है। भारतीय जनता पार्टी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में पार्टी हार से विचलित न होते हुए पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर कर रही है।

उत्तर प्रदेश से भाजपा को जहां 2014 में उसे 71 सीटों पर जीत मिली थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी आज पहली बार रायबरेली दौरे पर पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां एक जनसभा को संबोधित भी करेंगे। देश की सियासत के लिहाज से रायबरेली सदस्यीय सीट हमेशा से ही महत्वपूर्ण रही है। गांधी परिवार की इस सीट को अपने खाते में करने का सपना भाजपा और संघ का लंबे समय से रहा है।

कांग्रेस को जिस डील में घोटाला दीख पड़ता है जानिए उस डील का सच


राफेल विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबके सामने है, लेकिन याचिका और इस पर आए फैसले के पूर्व यह जानना जरूरी है कि राफेल विमान सौदा है क्या?


राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने इस मामले में जांच की मांग वाली सारी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. राफेल डील पर उठाए जा रहे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर कोई संदेह नहीं है.राफेल डील की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है.

साथ ही कोर्ट ने कहा कि कीमत देखना कोर्ट का काम नहीं है. कोर्ट के इस फैसले को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर बड़ा हमला करते हुए आरोप लगाया था कि राफेल डील में मोदी सरकार ने घपला किया है. उन्‍होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि मोदी इस डील के लिए निजी तौर पर पेरिस गए थे और वहीं पर राफेल डील हो गई और किसी को इस बात की खबर तक नहीं लगी.

यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में इस डील को लेकर जांच किए जाने की मांग वाली याचिकाएं भी दाखिल की गई थी. बीते 14 नवंबर को हुई सुनवाई में इसपर फैसला सुरक्षित भी रख लिया गया था. अब फैसला सबके सामने है, लेकिन याचिका और इस पर आए फैसले के पूर्व यह जानना जरूरी है कि राफेल विमान सौदा है क्या?

राफेल विमान क्या है?

राफेल एक फ्रांसीसी कंपनी डैसॉल्ट एविएशन निर्मित दो इंजन वाला मध्यम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) है. राफेल लड़ाकू विमानों को ‘ओमनिरोल’ विमानों के रूप में रखा गया है, जो कि युद्ध में अहम रोल निभाने में सक्षम हैं. ये बखूबी ये सारे काम कर सकती है- वायु वर्चस्व, हवाई हमला, जमीनी समर्थन, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध.

भारत ने राफेल को क्यों चुना है?

राफेल भारत का एकमात्र विकल्प नहीं था. कई अंतरराष्ट्रीय विमान निर्माताओं ने भारतीय वायुसेना से पेशकश की थी. बाद में छह बड़ी विमान कंपनियों को छांटा गया. इसमें लॉकहेड मार्टिन का एफ -16, बोइंग एफ / ए -18 एस, यूरोफाइटर टाइफून, रूस का मिग -35, स्वीडन की साब की ग्रिपेन और रफाले शामिल थे.

सभी विमानों के परीक्षण और उनकी कीमत के आधार पर भारतीय वायुसेना ने यूरोफाइटर और राफेल को शॉर्टलिस्ट किया. डलास ने 126 लड़ाकू विमानों को उपलब्ध कराने के लिए अनुबंध हासिल किया, क्योंकि ये सबसे सस्ता मिल रहा था. कहा गया कि इसका रखरखाव भी आसान है.

खरीद प्रक्रिया कब शुरू हुई?

भारतीय वायु सेना ने 2001 में अतिरिक्त लड़ाकू विमानों की मांग की थी. वर्तमान आईएएफ बेड़े में बड़े पैमाने पर भारी और हल्के वजन वाले विमान होते हैं रक्षा मंत्रालय मध्यम वजन वाले लड़ाकू विमान लाना चाहता था. वैसे इसकी वास्तविक प्रक्रिया 2007 में शुरू हुई. रक्षा मंत्री ए के एंटनी की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने अगस्त 2007 में 126 विमान खरीदने के प्रस्ताव पर हरी झंडी दे दी.

कितने राफेल खरीद रहे हैं और लागत क्या है?

इस सौदे की शुरुआत 10.2 अरब डॉलर (5,4000 करोड़ रुपये) से होनी अपेक्षित थी. 126 विमानों में 18 विमानों को तुरंत लेने और बाकि की तकनीक भारत को सौंपे जाने की बात थी. लेकिन बाद में इस सौदे में अड़चन आ गई.

फिर क्या हुआ?

राफेल के लिए भारतीय पक्ष और डेसॉल्ट ने 2012 में फिर बातचीत शुरू हुई. जब नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई तो उसने वर्ष 2016 में इस सौदे को फिर नई शर्तों और कीमत पर फिर किया.

यह देरी क्यों?

भारत और फ्रांस दोनों ने वार्ताओं का दौरान राष्ट्रीय चुनाव और सरकार में बदलाव देखा. कीमत भी एक अन्य कारण था. यहां तक कि खरीद समझौते के हस्ताक्षर के दौरान, दोनों पक्ष वित्तीय पहलुओं पर एक निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पा रहे थे. विमान की कीमत लगभग 740 करोड़ रुपए है. भारत उन्हें कम से कम 20 फीसदी कम लागत पर चाहता था. शुरुआत में योजना 126 जेट खरीदने की थी, अब भारत ने इसे घटाकर 36 कर दिया.

भारत और फ्रांस दोनों के लिए सौदा कितना अहम?

फिलहाल फ्रांस, मिस्र और कतर राफेल जेट विमानों का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि डेसॉल्ट कंपनी की माली हालत ठीक नहीं है. कंपनी को उम्मीद थी कि भारत से सौदे के बाद कंपनी अपने राजस्व लक्ष्यों को पूरा कर पाएगी. भारत ने रूस के मिग की बजाय डेसाल्ट को चुना. भारत ने अमेरिका के लॉकहीड को भी नजरअंदाज कर दिया था.

नई सरकार में क्या हुआ?

अप्रैल 2015 में नरेंद्र मोदी ने पेरिस का दौरा किया. तभी 36 राफेल खरीदने का फैसला किया गया. बाद में एनडीए सरकार ने इस सौदे पर वर्ष 2016 में साइन कर दिए. जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलैंड ने जनवरी में भारत का दौरा किया तब राफेल जेट विमानों की खरीद के 7.8 अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर हुए.

कांग्रेस को इस पूरी डील में घोटाला नजर आ रहा है. राफेल विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार पर कांग्रेस ने न सिर्फ हमला बोला है, बल्कि घोटाले का आरोप भी लगाया है. कांग्रेस ने राष्ट्रीय हित एवं सुरक्षा के साथ सौदा करने का भी आरोप लगाया. कहा कि इस सौदे में कोई पारदर्शिता नहीं है. इसके खिलाफ याचिका भी दायर की गई. अब इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं होने की बात कही है.