जातों और किसानों को जोड़े रखने कि कवायद, सर छोटू राम कि प्रतिमा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतक के सांपला में सर छोटूराम की 64 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक बड़ी रैली को संबोधित किया.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतक के सांपला में सर छोटूराम की 64 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक बड़ी रैली को संबोधित किया. जाटलैंड में सर छोटूराम को यादकर मोदी ने नाराज जाटों को अपने साथ जोड़ने की पूरी कोशिश की. छोटूराम जाटों के अलावा किसानों के भी मसीहा थे. मोदी अपनी रैली के दौरान सर छोटूराम की तारीफ करते दिखे. उन्हें हरियाणा के बाहर भी याद करने और उनके बताए रास्ते पर चलने की जरूरत बताई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांपला की रैली में ‘दीनबंधु’ सर छोटूराम को किसानों का मसीहा बताते हुए सरकार की तरफ से किसानों के लिए किए गए कामों को एक-एक कर गिनाया. फसल के एमएसपी में की गई बढ़ोतरी से लेकर फसल बीमा योजना और सॉयल हेल्थ कार्ड तक का जिक्र कर मोदी ने किसानों को लुभाने की पूरी कोशिश की. मोदी का सांपला जाना और वहां सर छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण करना आने वाले दिनों में बीजेपी की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है

हालांकि, सर छोटूराम की प्रतिमा करीब 9 महीने पहले ही बनकर तैयार हो गई थी. लेकिन, अबतक इसका अनावरण नहीं हो रहा था. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1 नवंबर को हरियाणा के करनाल में खट्टर सरकार के चार साल पूरा होने के मौके पर कार्यक्रम में आने की चर्चा थी. लेकिन, उसके पहले 9 अक्टूबर को ही मोदी ने ‘जाटलैंड’ गढ़ सांपला पहुंचकर जाटों और किसानों को लुभाने के लिए सर छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण कर दिया.

पिछले 9 महीने से छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण नहीं करने को लेकर आईएनएलडी ने बीजेपी को निशाने पर लिया था. माना जा रहा है कि इस राजनीति के चलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हरियाणा का दौरा वक्त से पहले करना पड़ा.

हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मोदी की यात्रा समय से पहले कराने पर कहा कि मूर्ति का अनावरण कोई मुद्दा नहीं था. खट्टर ने कहा, ‘नवंबर में तीन राज्यों के चुनाव होने हैं, बाद में प्रधानमंत्री मोदी को वक्त नहीं मिलेगा. इसलिए वह 9 अक्टूबर को आएंगे. अगर वह 1 नवंबर को भी आ सके तो वह खुश होंगे. हालांकि इस दिन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपस्थित रहेंगे.’

चौधरी वीरेंद्र सिंह का विरासत पर दावा

गौरतलब है कि सर छोटूराम की विरासत को लेकर आईएनएलडी की तरफ से ओमप्रकाश चौटाला ने भी दावा किया था. दूसरी तरफ 2014 में कांग्रेस से बीजेपी में आए जाट नेता और केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने भी अपने आपको उनका राजनीतिक वारिस घोषित किया है. चौधरी वीरेंद्र सिंह सर छोटूराम के पोते हैं. ऐसे में लड़ाई छोटूराम के बहाने जाटों को साधने की हो रही है.

चौधरी वीरेंद्र सिंह ने ही 2004 में उनकी याद में स्मारक बनाने का सुझाव दिया था. 2005 में आईएनएलडी सुप्रीमो ओम प्रकाश चोटाला ने गढ़ सांपला में एक विशाल रैली का आयोजन कर सर छोटूराम को एक कमरे का म्यूजियम समर्पित किया था. इस म्यूजियम में उनकी किताबें, कपड़े और इस्तेमाल किए जाने वाले दूसर सामान भी रखे गए थे.

लेकिन, चौधरी वीरेंद्र सिंह ने खुद को उनका राजनीतिक वारिस घोषित करते हुए गढ़ सांपला में उनकी ऊंची मूर्ति स्थापित करने की घोषणा 2016 में कर दी थी. इसके बाद ही 64 फीट ऊंची लोहे की प्रतिमा बनाई गई है जिसका अनावरण प्रधानमंत्री ने किया है. हालाकि, चौटाला द्वारा बनवाई गई छोटी मूर्ति को सांपला के सरकारी कॉलेज में शिफ्ट करा दिया गया है, क्योंकि बीजेपी इसमें चौटाला और उनकी पार्टी को कोई श्रेय नहीं लेने देना चाहती.

हरियाणा में जाटों का बड़ा महत्व

हरियाणा में लगभग एक चौथाई आबादी जाटों की है. हरियाणा की राजनीति में जाटों का दबदबा काफी ज्यादा है. पिछले लोकसभा और उसके बाद विधानसभा के चुनावों में भी अधिकांश जाटों ने मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी के पक्ष में अपना समर्थन जताया था. लेकिन, वहां मुख्यमंत्री एक गैर-जाट मनोहर लाल खट्टर को बना दिया गया.

जाट आंदोलन के दौरान जिस तरह खट्टर सरकार का व्यवहार था, उसको लेकर भी जाटों में काफी नाराजगी रही है. बीजेपी के कई प्रदेश स्तर के नेताओं की तरफ से भी इन चार सालों में की गई बयानबाजी से जाटों के एक तबके में रोष भी है. अब बीजेपी की कोशिश पिछली बार की तरफ फिर से जाटों को साधने की है. सर छोटूराम के नाम पर बीजेपी की कोशिश इसी रणनीति का हिस्सा लग रही है.

 

5 में से 4 राज्यों में जीतेगी कांग्रेस और 2019 बसपा और स्पा महागठबंधन में शामिल होंगे: मोइली


मोइली ने कहा कि प्रस्तावित महागठबंधन लोकसभा चुनावों के लिए बनना है, राज्य विधानसभा चुनावों में नहीं. उन्होंने कहा कि राज्य के चुनावों में पार्टियों की अपनी बाध्यताएं होती हैं


वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एम वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी नीत एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों के महागठबंधन में एसपी और बीएसपी भी शामिल होंगे. मोइली ने यह दावा भी किया कि कांग्रेस उन पांच में से कम से कम चार राज्यों में जीतेगी जहां अगले दो महीने में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री के बयान से पहले एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में गठबंधन पर कांग्रेस के फैसले का अब और इंतजार नहीं करेगी. उन्होंने संकेत दिया था कि वह मायावती की अगुवाई वाली बीएसपी से गठजोड़ कर सकते हैं.

इससे कुछ दिन पहले ही मायावती ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया था.

मोइली ने कहा कि प्रस्तावित महागठबंधन लोकसभा चुनावों के लिए बनना है, राज्य विधानसभा चुनावों में नहीं. उन्होंने कहा कि राज्य के चुनावों में पार्टियों की अपनी बाध्यताएं होती हैं.

लोकसभा चुनाव तक बन जाएगा महागठबंधन

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी प्रमुख इच्छा लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एकजुट देखने की है और हमें उम्मीद है कि इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि बीएसपी और एसपी इस महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में वोटों का ध्रुवीकरण कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ही जीतेगी और मध्य प्रदेश में भी वह बीजेपी से आगे चल रही है.

मोइली ने कहा, छत्तीसगढ़ में 50-50 की स्थिति है. वहां (परिणाम) हमारे चुनाव प्रबंधन, उम्मीदवारों के चयन पर निर्भर करेगा. मिजोरम में हम जीतेंगे. उन्होंने यह दावा भी किया कि उनकी पार्टी तेलंगाना में तेलुगु देशम पार्टी, सीपीएम और अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन बनाएगी.

महागठबंधन के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के सवाल पर मोइली ने कहा कि संभवत: यह मुद्दा नहीं उभरेगा क्योंकि प्रस्तावित गठजोड़ में कोई पार्टी इस पर जोर नहीं देगी.

मोदी टीवी पर इतना क्यूँ दीखते हैं


सेल्फ गोल में माहिर खिलाड़ी राहुल गाँधी कि एक और बेक किक

पीएम की मार्केटिंग उनके उद्योगपति मित्र कर रहे हैं जिन्हें पीएम करोड़ों रुपए देते हैं

और जब राहुल गाँधी टीवी पर दिखाई देते हैं तब उनकी मार्केटिंग के लिए टीवी को पैसे कौन देता है?


चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिनों की राजस्थान यात्रा पर हैं. राहुल गांधी ने राजस्थान के बारी में आज एक जनसभा को संबोधित किया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला.

राहुल गांधी ने कहा कि- मोदी जी 24 घंटे टीवी पर आते रहते हैं. उनके पोस्टर हर जगह दिखाई देते हैं. कोई भी टीवी पर फ्री में नहीं दिख जाता. अगर ऐसा होता तो हर कोई टीवी पर दिखाई दे रहा होता. मार्केटिंग के लिए करोड़ों रुपए लगते हैं. और पीएम की मार्केंटिंग उद्योगपतियों द्वारा की जा रही है जिन्हें पीए करोड़ों रुपए दे रहे हैं.

इससे पहले धौलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी ने किसानों और गरीबों की जेब से 45 हजार करोड़ रुपए निकालकर अनिल अंबानी को दे दिए. मैंने संसद में पूछा कि पीएम ने उन्हें कॉन्ट्रैक्ट क्यों दिया?’

राहुल ने कहा, ‘मैंने पीएम की आंखों में देखकर सवाल किया लेकिन वह इधर-उधर देखते रहे. पूरे देश ने देखा कि पीएम देश के युवा से नजरें नहीं मिला सकते.’ उन्होंने कहा, ‘आप लोग सेल्फी लेते हैं लेकिन जब फोन पलटकर देखते हैं तो उस पर मेड इन चाइना लिखा होता है. मैं चाहता हूं कि उस पर मेड इन धौलपुर लिखा हो, मेड इन राजस्थान लिखा हो, मेड इन जयपुर लिखा हो.’

राहुल ने यह भी कहा, ‘मैं चाहता हूं कि जब कोई चीन में सेल्फी ले तो वह पूरी दुनिया को दिखा सके कि फोन के पीछे मेड इन धौलपुर लिखा है. इससे विदेशी लोगों के मन में धौलपुर के बारे में जानने की इच्छा होगी. वो टूरिस्ट के रूप में यहां आएंगे. आपकी जेब में पैसा होगा और हम उन्हें दोबारा फ्लाइट से वापस भेज देंगे.’

नवरात्री पूजन क्या क्या करें और क्या क्या नहीं

माँ दुर्गा पूजा दिनांक10/10/2018 से शुरू हो रहा है।

◆ कलश पर नारियल रखने में त्रुटि न करे,◆
◆ दुर्गा पाठ में फूल माँ को प्रिय है एवं जरूरी बात◆

★★ प्रतिदिन पढ़े, पूजा पाठ विधि, क्या करना चाहिये, क्या नही करना चाहिये, पाठ शास्त्रोक्त विधि से, या तांत्रिक विधि से, इत्यादि पर पोस्ट करेंगे लाभ उठायें। ★★
【नोट- यह पोस्ट मानो या ना मानो यह आपकी इच्छा पर निर्भर है, मुझे लगता है कि जानकारी शेयर करना चाहिये, इसी उद्देश्य से पोस्ट कर रहे है।】

◆ ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते ।। ◆

माँ के महा मंत्र-

1-ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्यै ।
2- ॐ महिषमर्दिनी नमः।
इस महा मंत्र एक-एक माला जप करना चाहिये, रुद्राक्ष की माला से।
3- नारियल की स्थापना इसप्रकार करनी चाहिए कि उसका मुख साधक यानि पाठ करने वाले कि तरफ रहे।नारियल का मुख उस सिरे से होता है जिस तरफ से पेड़ की टहनी से जुड़ा रहता है।
इसलिये नारियल का मुख अपनी तरफ रख कर ही स्थापना करें।

माँ के रूप के अनुसार फूल अर्पित करके उनकी पूजा करने से माता की अनुकंपा जल्दी मिलती है।
1- माँ काली या कालरात्रि हो या माँ तारा हो या माँ छिन्मस्तिका हो सभी के लिये, अड़हुल लाल का फूल और माँ को अपराजिता का फूल अधिक प्रिय है।जो नीला रंग का होता है।
108 अड़हुल लाल फूल माँ को अर्पित करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
2- माँ शेरावाली को लाल फूल अधिक प्रिय है, माँ को प्रसन्न करने के लिए लाल गुलाब या लाल अड़हुल के फूल की माला पहनाये तो आर्थिक परेशानी दूर होती है।
3- माँ वीणा वाली शारदा मैया यानी माँ सरस्वती को सफेद फूल और पीले रंग का फूल चढ़ाने से माँ ज्ञान की देवी अतिप्रसन्न होती है।माँ वीणा वाली भगवती शांत एवं सौम्य की मूर्ति है।
4- माँ धन-धान्य की देवी माँ भगवती लक्ष्मी इन्हें भी लाल ही फूल प्रिय है, माँ सौभाग्य और संपदा की देवी को कमल का फूल या गुलाब का फूल लेकिन माँ को कमल का फूल ही ज्यादा पसंद है,फूल अर्पित करना चाहिए।
माँ श्री तो है ही लेकिन श्री हरि की होने के कारण, यानी भगवान् विष्णु की अर्धांगनी होने से माँ लक्ष्मी को पीले फूल भी पसंदीदा है।और कमल का फूल ज्यादा प्रिय इस लिए है कि माँ लक्ष्मी स्वयं सागर से प्रकट हुई है।
5- अब बारी आ गई माँ भगवती गौरी की साथ माँ शैल पुत्री की तो इन्हें सफेद फूल और लाल फूल पसंद है,
पतिव्रता स्त्री या सुहागन स्त्रियों को लाल फूल से माँ भगवती की पूजा करनी चाहिये, जिससे सुहाग की उम्र बढ़ती है।
जो भी कुमारी कन्याओं हो, मन पसंद वर के लिये भी लाल रंग की फूल से माँ की पूजा करनी चाहिये।
6- नवरात्रि में बहुत ही शुभ होता है नवनाग स्त्रोत का पाठ, इसका पाठ कहते है कि किसी नागदोष या सर्प दोष दूर होते है, बहुत से लोग इस दोष नही मानते है, फिर भी महादेव हो या श्री हरि हो इनकी सोभा तो नागदेवता ही बढ़ाते है, इस बात को तो जरूर मानेंगे।चलिये इसी बहाने नवरात्रि में नौ नाग की पूजा का फल प्राप्त करने के लिये इनका स्त्रोत का जप करना चाहिये।
-: नव नाग स्त्रोत:-
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलं

शन्खपालं ध्रूतराष्ट्रं च तक्षकं कालियं तथा

एतानि नव नामानि नागानाम च महात्मनं

सायमकाले पठेन्नीत्यं प्रातक्काले विशेषतः

तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत

ll इति श्री नवनागस्त्रोत्रं सम्पूर्णं ll
कहते है कि नौ नागों के नामो का स्मरण सायंकाल और प्रातः काल करता है, सर्वत्र विजयी होता है, और किसी प्रकार का भय नही रहता है।

चुनाव आयोग पर दलित नायक खड्गे का गुस्सा फूटा

खड्गे का फाइल फोटो


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘जो भी उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे उन्हें सिर्फ 5-6 महीने के मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के लिए चुनाव का भारी-भरकम खर्च वहन करना होगा’

आचार संहिता के बहाने अब सरकारी मशीनरी को कुछ दीं और आराम के मिल जायेंगे


कर्नाटक के 3 संसदीय क्षेत्रों में उपचुनाव की घोषणा को लेकर चुनाव आयोग कांग्रेस के निशाने पर आ गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिना राज्य सरकार को भरोसे में लिए उपचुनावों के तारीखों की घोषणा की.

उन्होंने आयोग के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा, ‘जो भी उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे उन्हें सिर्फ 5-6 महीने के मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के लिए चुनाव का भारी-भरकम खर्च वहन करना होगा.’

खड़गे ने कहा, ‘वो (चुनाव आयोग) इसे रोक सकते थे लेकिन उन्होंने पहले भी ऐसा किया है, वो जब चाहते हैं तब चुनाव की तारीखें टाल देते हैं या उसे घोषित समय से पहले कर देते हैं. कुछ क्षेत्र सूखे की चपेट में हैं, कुछ बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. अब आचार संहिता लागू हो जाने के कारण यहां किसी तरह का काम नहीं हो सकेगा.’

बता दें कि चुनाव आयोग ने शनिवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही कर्नाटक की तीन संसदीय क्षेत्रों (शिमोगा, बेल्लारी और मांडया) में भी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया था.

40,000 people, mostly from Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and Bihar, have fled Gujarat


Gujarat Home Minister Pradeepsinh Jadeja said that the state government has asked the police to take action on anyone threatening migrant workers forcing them to flee the state.

Ahead of elections in 5 states it seems to be pretty strategic move to disturb immigrant voters in the states


Gujarat Home Minister Pradeepsinh Jadeja said that the state government has asked the police to take action on anyone threatening migrant workers forcing them to flee the state.

“Thirty-five FIRs have been lodged and the number of attacks on migrants has decreased in the last 24 hours,” Jadeja said, adding, “We appeal to people to not be frightened as we are taking appropriate actions.”

In a statement issued today, Gujarat Chief Minister Vijay Rupani assured the safety of migrant workers and promised appropriate action against those involved in attacks.

He also appealed for the unity “which is the culture and identity of Gujarat”.

Reports say that around 40,000 people, mostly from Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and Bihar, have fled Gujarat following days of violence against them by unidentified groups.

In a press conference held on Monday, Jadeja acknowledged that there have attacks on the people from the three states in the last 4-5 days adding that action has been taken against the perpetrators.

“Police are interrogating the people who have been arrested for these attacks. We have registered three cases under the IT Act for spreading hatred on social media,” Jadeja told the media.

He said that the ruling Bharatiya Janata Party (BJP) government in the state is committed to provide security to those who come to Gujarat for employment.

“We have submitted a report to the central govt regarding every incident,” the state home minister said.

Railways stations in northern parts of Gujarat witnessed crowds of migrant workers boarding trains bound for their home state to escape targeted attacks on them.

The attacks on the migrants began after a labourer from Bihar was arrested for allegedly raping a 14-month-old girl in a village in Sabarkantha district on 28 September.

Hate messages on Whatsapp were circulated calling for attacks on people from Bihar and Uttar Pradesh. Around 170 people were arrested in connection with the attacks till 6 October. Though the intensity of attacks has reduced stray incidents continue to be reported from seven districts in north Gujarat.

Bihar Chief Minister Nitish Kumar said that he had spoken to his Gujarat counterpart on Sunday.

“I spoke to Gujarat CM yesterday. We’re in touch with them. They’re monitoring situation. Those who’ve committed a crime should be punished but no bias should be harboured for others,” Kumar was quoted as saying by ANI on Monday.

In a letter written to Gujarat High Court Chief Justice R Subhash Reddy, Deputy Chief Minister Nitin Patel had requested the setting up of a special fast-track court in the case.

Addressing reporters on Saturday in Ahmedabad, Patel said, “I have written to the chief justice with request to set up a special fast-track court so that trial in rape cases at Himmatnagar (in Sabarkantha district) and Surat are held there and completed in a month or so.”

Meanwhile, the state government blamed Congress MLA Alpesh Thakor for the violence. According to reports, the toddler who was raped belonged to the Thakor community.

His group, the Thakor Sena, have been staging protests in north Gujarat demanding justice for the girl. Thakor had on Sunday called the attacks “unfortunate” and stated that his group “never advocated violence and only talked peace”.

Thakor had on 3 October announced a fast outside Ahmedabad’s Sabarmati Ashram on 8 October to seek justice

जिस पार्टी ने राम के अस्तित्व को नकार दिया था वाही आज राम नाम जप रही है यही भाजपा कि वैचारिक जीत है: स्मृति ईरानी


इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंदिरों में खूब दर्शन के लिए जा रहे हैं. जिसको लेकर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने निशाना साधा है.


इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंदिरों में खूब दर्शन के लिए जा रहे हैं. जिसको लेकर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने निशाना साधा है. ईरानी का कहना है कि अगर राहुल मंदिर जाने लगे हैं तो इसमें भारतीय जनता पार्टी की ही जीत है.

स्मृति ईरानी का कहना है कि राहुल गांधी का आरती करना और राम नाम जपना भारतीय जनता पार्टी की जीत है. राहुल ने कहा था कि वे हिंदू आतंकवाद से डरते हैं और उनकी पार्टी ने कहा था कि भगवान राम का अस्तित्व नहीं है.

स्मृति ईरानी ने कहा कि आधी सच्चाई और झूठ के साथ राहुल गांधी को आज मंदिरों में अपने राजनीतिक लाभ के लिए जाते हुए देखा जा सकता है. उनके जरिए यह काम लोगों को इस बात पर विश्वास कराने का प्रयास है कि वह बहुसंख्यक समुदाय के बीच स्वीकार्य हो सकते हैं, जिसे उन्होंने सालों से अपमानित किया है.

Elections to five Assemblies from Nov. 12 to Dec 7; results on Dec. 11


Polling dates: November 12 and 20 (Chhattisgarh); November 28 (Madhya Pradesh and Mizoram) and December 7 (Rajasthan and Telangana


The Election Commission of India (ECI) on Saturday announced the election schedule to five States – Madhya Pradesh, Mizoram, Rajasthan, Chhattisgarh and Telangana.

Polling would be held in two phases in Chhattisgarh and in single phase in the other States, said Chief Election Commissioner O.P. Rawat at a press conference in New Delhi. All the results will be out on December 11.

Here are the updates:

Madhya Pradesh

Polling in single phase in 230 constituencies

Date of filing of nominations: November 7

Last date for withdrawal of nominations: November 14

Polling day: November 28

Chhattisgarh

First phase Southern Part-18 constituencies  (LWE-affected areas)

Date of filing of nominations: October 16

Last date for withdrawal of nominations: October 23

Last date for withdrawal of nominations: October 26

Polling day: November 12

Second phase -72 constituencies

Polling date: November 20

Rajasthan and Telangana

Polling in single phase

Date of filing of nominations: November 12

Last date for withdrawal of nominations: November 22

Polling day: December 7

Mizoram

Date of filing of nominations: November 7

Last date for withdrawal of nominations: November 14

Polling day: November 28

5 राज्यों में चुनावों कि घोषणा के साथ आज दोपहर 3:00 बजे से आदर्श आचार संहिता लागू


चुनाव आयोग ने आदेश कर आज दोपहर 3:00 बजे से आदर्श आचार संहिता लागू की। आदर्श आचार संहिता के अनुसार अब कोई स्थानांतरण पदस्थापन कोई मंत्रिमंडल की बैठक, कोई राजकीय स्वीकृति या किसी भी प्रकार की कोई बैठक कोई सरकारी वाहन का प्रयोग समस्त प्रकार की कार्यवाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है


नई दिल्ली
चुनाव आयोग आज 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के साथ-साथ तेलंगाना के लिए भी चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो सकता है। चुनाव आयोग आज दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान कर सकता है। बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने समय से पहले विधानसभा भंग कर चुके हैं, जिसके बाद वहां भी विधानसभा के निर्धारित कार्यकाल से पहले ही चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। तेलंगाना में अगले साल चुनाव होने थे।

सूत्रों ने बताया कि इन राज्यों में चुनाव की पूरी प्रक्रिया दिसंबर के पहले हफ्ते तक पूरी कर ली जाएगी। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होने की संभावना है। अन्य राज्यों में एक चरण में ही चुनाव कराए जाने की उम्मीद है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने पांचों राज्यों के मुख्य निर्वाचन आयुक्तों से शुक्रवार को दिल्ली में बैठक की थी। दो दिवसीय इस बैठक में राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के मुख्य निर्वाचन आयुक्तों ने भाग लिया था।

इन चुनावों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा है। बीजेपी, कांग्रेस समेत सभी दलों ने काफी पहले से ही इन चुनावों के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। पीएम नरेंद्र मोदी एकबार फिर से बीजेपी के स्टार प्रचारक होंगे वहीं, राहुल गांधी कांग्रेस के प्रचार की कमान खुद थामेंगे।

अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले, 5 राज्यों के चुनाव काफी अहम है। इन चुनावों के नतीजों का 2019 के चुनाव पर भी असर पड़ सकता है। अभी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकारें हैं। मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है तो तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार है।

“याचना नहीं अब रण होगा” राम मंदिर पर संतों कि हुंकार


वीएचपी और साधु-संतों की तरफ से इस बीच बनाया जा रहा माहौल भी फिलहाल राम मंदिर के मुद्दे को फिर से गरमाने की ही रणनीति है. इस मसले पर सियासत का फायदा अबतक बीजेपी ही उठाती रही है


संत समाज कि हुंकार आज रश्मिरथी कि पंक्तियों से उद्धरित हुई

“याचना नहीं, अब रण होगा,
जीवन-जय या कि मरण होगा।

‘टकरायेंगे नक्षत्र-निकर,
बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर,
फण शेषनाग का डोलेगा,
विकराल काल मुँह खोलेगा”

दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी के कार्यालय में देश भर से आए बड़े संतों का जमावड़ा लगा. राम मंदिर मुद्दे को लेकर चर्चा हुई और फिर संतों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार से कानून बनाने का फरमान जारी कर दिया.

सरकार को संतों का फरमान

‘संत उच्चाधिकार समिति’ की बैठक राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में स्वामी वासुदेवानंद और विश्वेशतीर्थ महाराज समेत और कई बड़े संत मौजूद रहे. सबने एक सुर में साफ कर दिया कि सरकार जरूरत पड़ने पर लोकसभा और राज्यसभा का संयुक्त सत्र बुलाकर मंदिर निर्माण के लिए कानून पास कराए.

इस बैठक में रामानन्दाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य, परमानंद जी महाराज और राम विलास वेदांती, चिदानंद पुरी, स्वामी चिन्मयानंद, स्वामी अखिलेश्वरानन्द समेत देश भर से आए साधु संतों ने कहा कि संसद में जब कानून बनाने की बात आएगी तब पता चल जाएगा कि असल में रामभक्त कौन है?

संतों ने अपनी इस बैठक के बाद कानून बनाने के प्रस्ताव पर अमल के लिए राष्ट्रपति से भी मुलाकात की. आग्रह किया कि अपनी सरकार को कानून बनाने के लिए कहें.

संतों के देशव्यापी अभियान से दिसंबर तक गरमाएगा मुद्दा

वीएचपी के साथ संत समाज की बैठक के बाद जो तय हुआ है उसे आने वाले दिनों में मंदिर निर्माण के लिए देश भर में समर्थन की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है.

संतों ने प्रस्ताव पास कर अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के लिए जनजागरण अभियान भी शुरू करने का फैसला किया है. जनजागरण अभियान के तहत हर राज्य में राम भक्तों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपालों से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपेगा. राज्यपालों के माध्यम से भी केंद्र सरकार तक राम भक्तों की मांग को पहुंचाने की कोशिश होगी.

इसके अलावा सभी संसदीय क्षेत्रों में राम मंदिर को लेकर बड़ी–बड़ी जनसभा कराने का भी फैसला किया गया है. हर क्षेत्र में जन सभाओं के बाद उस क्षेत्र के सांसदों से संतों और स्थानीय लोगों का प्रतिनिधिमंडल मिलकर राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने की पहल के लिए उन सांसदों से मांग करेगा.

इसके अलावा दिसंबर में जिस दिन विवादित ढांचा गिराया गया था, उस दिन से लेकर 26 दिसंबर तक देशभर में हर पूजा-पाठ के स्थान, मठ- मंदिर, आश्रम, गुरुद्वारा और हर घरों में अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए उस इलाके की परंपरा के मुताबिकि अनुष्ठान किया जाएगा.

लेकिन, संत समाज महज इतने भर से ही संतुष्ट नहीं होने वाला है. बल्कि आने वाले दिनों में संतों का एक प्रतिनिधि मण्डल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें करोड़ों राम भक्तों की भावना से अवगत कराकर कानून बनाने का आग्रह करेगा.

अक्टूबर में संतों की यह कवायद क्यों?

साधु-संतों की तरफ से पहले से ही राम मंदिर निर्माण की मांग की जाती रही है. पहले से भी अलग-अलग मंचों से संसद में कानून के जरिए भी इस पर पहल करने की मांग उठती रही है. लेकिन, अब इस मुद्दे को लेकर संत समाज और वीएचपी के लोग एक साथ मंथन कर रहे हैं. उनकी तरफ से एक साथ अभियान चलाने की बात की जा रही है. अब कानून की मांग को लेकर जनजागरण अभियान तेज किया जा रहा है.

यह सब तब हो रहा है जब, बीजेपी और सरकार की तरफ से पहले ही साफ कर दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक या फिर दोनों समुदायों के बीच आम सहमति के आधार पर ही मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो सकता है. तो सवाल उठता है कि आखिर इस वक्त कानून बनाने की मांग इतनी तेज क्यों की जा रही है, जब 29 अक्टूबर से इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय हो गई है.

संतों के प्रस्ताव पर गौर करें तो कहीं भी आंदोलन की बात नहीं की गई है. संत समाज और वीएचपी इस मुद्दे पर जनजगारण अभियान की बात कर रहा है. सरकार से मांग कर रहा है. यानी संत समाज और वीएचपी सरकार को परेशान नहीं करना चाहता, महज माहौल को गरमाए रखना चाहता है.

वीएचपी और संत समाज की बैठक में जो जनजागरण अभियान का कार्यक्रम तय हुआ है, उसका समय अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक का है. यानी एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही होगी तो दूसरी तरफ देश भर में वीएचपी के साथ मिलकर संत समाज राम मंदिर के निर्माण को लेकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा होगा.

सियासत पर कितना होगा असर?

अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा सियासी तौर पर भी बहुत ही संवेदनशील है. बीजेपी के एजेंडे में राम मंदिर का मुद्दा पहले से रहा है. यहां तक कि हर चुनावी घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र रहता है. राम लहर पर ही सवार होकर नब्बे के दशक में बीजेपी का राष्ट्रीय स्तर पर उभार हुआ था.

अब जबकि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर से दोबारा सुनवाई होगी, तो उम्मीद की जा रही है कि इस पर फैसला भी अगले लोकसभा चुनाव के पहले हो जाए. राम मंदिर पर आने वाला हर फैसला बीजेपी के साथ-साथ विपक्ष की राजनीति के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण होगा. क्योंकि, इस मुद्दे पर कोर्ट के अंदर से आने वाले फैसले से देश के अंदर की सियासत फिर गरमाएगी.

वीएचपी और साधु-संतों की तरफ से इस बीच बनाया जा रहा माहौल भी फिलहाल राम मंदिर के मुद्दे को फिर से गरमाने की ही रणनीति है. इस मसले पर सियासत का फायदा अबतक बीजेपी ही उठाती रही है. अब अगले तीन-चार महीने भी चुनाव से पहले संतों की कवायद का फायदा भी बीजेपी को ही मिलेगा. यही वजह है कि वीएचपी के साथ संतों की राम मंदिर मुद्दे को गरमाने की कवायद को सियासी नजरिए से ही देखा जा रहा है