भारत में जल्द ही बिजली से चलने वाले ट्रक मिलेंगे

सड़क परिवहन और भारी उद्योग मंत्रालय इस तरह की एक संयुक्‍त परियोजना में काम कर रहे हैं. जिसके तहत, दिल्‍ली से मुंबई के बीच में निर्माणाधीन ग्रीन एक्‍सप्रेस हाईवे में बिजली से ट्रकों को दौड़ाने का ट्रायल रन शुरू करने की भी योजना है

नई दिल्‍ली: सड़क परिवहन और भारी उद्योग मंत्रालय की योजना सफल रही तो जल्‍द ट्रक का डीजल की जगह बिजली से दौड़ते नजर आएंगे. जी हां, सड़क परिवहन और भारी उद्योग मंत्रालय इस तरह की एक संयुक्‍त परियोजना में काम कर रहे हैं. जिसके तहत, दिल्‍ली से मुंबई के बीच में निर्माणाधीन ग्रीन एक्‍सप्रेस हाईवे में बिजली से ट्रकों को दौड़ाने का ट्रायल रन शुरू करने की भी योजना है. मंत्रालय का यह ट्रायल रन सफल रहा तो दिल्‍ली से मुंबई के बीच निर्माणाधीन इस हाईवे में बिजली से चलने वाले ट्रकों के लिए एक अलग कॉरिडोर बनाया जाएगा.  

80 टन क्षमता वाले ट्रक का बिजली से होगा परिचालन 
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, दिल्‍ली से मुंबई के बीच निर्माणाधीन ग्रीन एक्‍सप्रेस हाईवे में भारी उद्योग मंत्रालय की मदद से दस किलोमीटर का एक कॉरिडोर बनाया जाएगा. जिसमें बिजली की तारें लगी होंगी. इन तारों की मदद से 80 टन क्षमता वाले इलेक्ट्रिक ट्रक को पैंटोग्राफ से जोड़ा जाएगा. उन्‍होंने बताया कि इस कॉरीडोर पर चलने वाले ट्रकों में बैटरी का विकल्‍प भी होगा. पैंटोग्राफ की मदद से कुछ किलोमीटर ट्रक चलेंगे. इस समयावधि में ट्रक की बैटरी चार्ज हो जाएगी. जिसके बाद बैटरी पर ट्रकों को चलाया जा सकेगा. बैटरी डिस्‍चार्ज होने पर ये ट्रक वापस बिजली से चलेंगे. 

A truck with a pantograph drives on the “eHighay” test track in Gross Doelln, eastern Germany, on November 6, 2015. Since 2011 German engineering giant Siemens runs the test track for the development of electric driven freight traffic.

120 किमी कम हो जाएगी दिल्‍ली से मुंबई की दूरी
उन्‍होंने बताया कि यदि यह योजना सफल रहती है तो एक लीटर डीजल में जितनी दूरी एक ट्रक तय करता है, उसकी दूरी को तय करने में महज 12 रुपए का खर्च आएगा. उन्‍होंने संभावना जाहिर की है कि दिल्‍ली से मुंबई के बीच बनने वाला यह ग्री न एक्‍सप्रेस हाईवे अगले ढाई से तीन साल में बन कर तैयार हो जाएगा. जिसके बाद इलेक्ट्रिक ट्रकों का परीक्षण इस कारिडोर में किया जाएगा. उन्‍होंने बताया कि इस हाईवे के बनने के बाद दिल्‍ली से मुंबई की दूरी करीब 120 किमी कम हो जाएगी और महज 12 घंटे में दिल्‍ली से मुंबई का सफर पूरा किया जा सकेगा. 

इन देशों में सफलतापूर्वक चल रहे हैं इलेक्ट्रिक ट्रक 
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, बिजली से चलने वाले ट्रक हमारे देश के लिए भले ही नई बात हों, लेकिन दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जहां पर बिजली से ट्रकों को चलाया जा रहा है. जिन देशों में बिजली से ट्रक चलाए जा रहे हैं, उनमें अमेरिका, सैनफ्रांसिस्को, जर्मनी और स्‍वीडन शामिल हैं. उन्‍होंने बताया कि हाल में उन्‍होंने स्‍वीडन और जर्मनी में बिजली से चलने वाले ट्रकों की परियोजना को देखा है, जिसे जल्‍द ही भारत में लागू किया जाएगा. इस योजना के लागू होने के बाद सामान को एक शहर से दूसरे शहर ले जाने में आने वाली लागत में खासी कमी आएगी. 

जूनागढ़ निकाय चुनावों में काँग्रेस का सूपड़ा साफ

हर समय लोकतन्त्र को धता बता कर लोकतन्त्र ही की दुहाई देने वाली कॉंग्रेस के लिये आज चहुं ओर से बुरी ख़बरें ही आ रहीं हैं। एक ओर जहां कॉंग्रेस तेलंगाना में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है वहीं कर्नाटक में अपनी सत्ता गंवा चुकी है ओर गुजरात में तो और भी बुरा हाल है। जहां जूनागढ़ नगरपालिका की 56 सीटों पर लड़े गए चुनावों में कॉंग्रेस मात्र 1 सीट पर सिमट कर रह गयी है।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद गुजरात में स्‍थानीय निकाय चुनाव में भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. जूनागढ़ महानगर पालिका में भाजपा ने 54 जबकि एनसीपी 4 पर तथा कांग्रेस 1 सीट पर जीत दर्ज की है. जिला पंचायतों की पांच सीट के उपचुनाव में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है. जूनागढ़ महानगर पालिका के चुनाव रविवार को हुए थे. मनपा के 15 वार्ड की 59 सीट के लिए रविवार को 56 सीटों पर वोट डाले गए थे. 3 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे. एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन पत्र भरने के बाद बीजेपी के प्रत्याशी को समर्थन दे दिया था.

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इस परिणाम से ऐसा लगता है कि जूनागढ़ नगर निगम से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. चुनाव प्रचार के समय, कांग्रेस नेताओं द्वारा यह कहा गया था कि जूनागढ़ के कुछ वार्डों के लोग भाजपा उम्मीदवार को बाहर कर देंगे. लेकिन इस चुनाव का परिणाम बता रहा है के लोगों ने भाजपा की बजाय कांग्रेस को साफ करने का निर्णय लिया है.

खास बात यह है कि जूनागढ़ नगर निगम का मुस्लिम बहुल इलाके में है. यह चुनाव एक बार फिर संकेत दे रहे हैं कि जमीन पर कांग्रेस बिलकुल खत्म होती जा रही है. हार की सबसे बडी वजह यह है की कांग्रेस जूनागढ़ में नेतृत्व संकट से जूझ रही है.

भाजपा अध्‍यक्ष जीतू भाई वाघाणी ने कहा कि यह प्रजा व लोकतंत्र की जीत है, विधानसभा, लोकसभा व स्‍थानीय निकाय हर चुनाव में जनता भाजपा के साथ रही जबकि कांग्रेस ने जाति वर्ग में लोगोंको बांटकर चुनाव जीतने का प्रयास किया. 

99 के फेर में काँग्रेस – जेडीएस गयी

कर्नाटक में सत्ता के नाटक का अंत, क्मरस्वामी की सरकार गिरि, 105 वोट से भाजपा विजयी रही जबकि कुमारस्वामी को 99 वोट मिले 6 वोटों से गिरि कांग्रेस ए समर्थन से चली सरकार।

सूत्रों के अनुसार कर्नाटक में काँग्रेस के टूटने की खबर भी आ रही है।

विश्वास मत पर अभी भी असमंजस की स्थिति

स्पीकर ने विधायकों को फटकार लगाते हुए कहा कि मैं यहां रात 12 बजे तक बैठने के लिए तैयार हूं. आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? यह सही नहीं है.

ब्यूरो :  विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है. कांग्रेस-JDS विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया. ‘संविधान बचाने की दुहाई’ के नारे लगाए. स्पीकर ने विधायकों की इस हरकत पर फटकार लगाई और कहा कि मैं यहां रात 12 बजे तक बैठने के लिए तैयार हूं. आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? यह सही नहीं है.

इससे पहले, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से उनके चैंबर में मुलाकात की. कुमारस्वामी के अलावा, कर्नाटक के डिप्टी सीएम जी. परमेश्वर, जेडीएस विधायक सा रा. महेश, कृष्णा गौड़ा और सिद्धारमैया भी इस बैठक में मौजूद रहे. इससे पहले, स्पीकर ने बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की थी. उधर, विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा खत्म होने के बाद वोटिंग पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. हालांकि स्पीकर आज ही वोटिंग कराने पर अड़े हैं.

इससे पहले, मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा बुधवार तक का समय मांगे जाने पर विधानसभा अध्यक्ष कुमार ने नकार दिया. स्पीकर ने कहा, “जैसा कि शुक्रवार को निर्णय हुआ था मैं आज (सोमवार) विश्वास मत को मतदान के लिए रखूंगा.”

जेडीएस विधायकों ने बागी विधायकों को ‘जीरो ट्राफिक’ की सुविधा देने का आरोप लगाते गृहमंत्री एमबी पाटिल से स्पष्टीकरण मांगा. इस पर पाटिल ने कहा कि बागी विधायकों को ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई थी. पाटिल ने कहा कि राज्यपाल ने बागी विधायकों को सुरक्षा देने के लिए कहा था, हमने वही किया. जीरो ट्राफिक उन्हें प्रदान नहीं किया गया. गृहमंत्री का यह जवाब जेडीएस विधायक एटी रामास्वामी को रास नहीं आया. उन्होंने कहा, “यदि गृहमंत्री सदन के सामने इस तरह से झूठ बोलते हैं तो मैं यहां कैसे ठहर सकता हूं.” यह कहते हुए रामास्वामी सदन से बाहर निकल गए. 

गौरतलब है कि 15 बागी विधायकों, जिसमें 12 कांग्रेस व 3 जेडीएस ने सत्र में भाग नहीं लेने का फैसला किया है और दो कांग्रेस विधायक (बी.नाग्रेंद्र व श्रीमंत पाटिल) बेंगलुरू व मुंबई के निजी अस्पताल में भर्ती है. इस तरह 225 सदस्यीय विधानसभा में सहयोगियों का संख्या बल 99 होगा। इसमें विधानसभा अध्यक्ष (कांग्रेस) शामिल हैं. बीजेपी की संख्या दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 107 होगी, जो प्रस्ताव के विरोध में होगा.

कॉंग्रेस-जेडीएस विश्वास मत टालने के लिए चल सकते हैं नयी चालें: बागी विधायक

याचिकाकर्ता विधायकों ने अदालत से विधानसभाध्यक्ष के. आर. रमेश और मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को सोमवार को शाम पांच बजे तक विश्वास मत का आयोजन करने का निर्देश देने की मांग की. बागी विधायकों की याचिका के अनुसार, “ऐसा माना जाता है कि अल्पसंख्यक सरकार की अगुवाई करने वाले मुख्यमंत्री खुद को सदन की कार्यवाही से सोमवार को अलग रख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि वह (कुमारस्वामी) विश्वास मत को टाल सकते हैं. विश्वास मत को टालने के लिए वह अस्पताल में भर्ती समेत कोई चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति का इस्तेमाल कर सकते हैं.” सनद रहे यह वही विधान सभा है जहां विश्वास मत के लिए भाजपा को मात्र एक दिन मोहलत दी गयी थी, वहीं कॉंग्रेस-जेडीएस आज तकरीबन एक पखवाड़े से विश्वास मत की प्रक्रिया टाल रही है

नई दिल्ली/बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल-सेक्यूलर (जेडी-एस) के 15 बागी विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा में सोमवार को शक्ति परीक्षण करने का आदेश देने की मांग करते हुए रविवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक संयुक्त याचिका दायर की. याचिकाकर्ता विधायकों ने अदालत से विधानसभाध्यक्ष के. आर. रमेश और मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को सोमवार को शाम पांच बजे तक विश्वास मत का आयोजन करने का निर्देश देने की मांग की.

प्रदेश के 15 बागी और दो निर्दलीय विधायकों ने अपनी संयुक्त याचिका में कहा, “हम मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी द्वारा 18 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा में लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर 22 जुलाई को शाम पांच बजे से पहले शक्ति परीक्षण करने का निर्देश देने की मांग करते हैं.”

सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता दिशा राय द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री या गठबंधन सरकार में सहयोगी कांग्रेस और जेडी-एस कुछ और बहाना बनाकर शक्ति-परीक्षण टालने की कोशिश करेंगे. याचिका के अनुसार, “ऐसा माना जाता है कि अल्पसंख्यक सरकार की अगुवाई करने वाले मुख्यमंत्री खुद को सदन की कार्यवाही से सोमवार को अलग रख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि वह (कुमारस्वामी) विश्वास मत को टाल सकते हैं. विश्वास मत को टालने के लिए वह अस्पताल में भर्ती समेत कोई चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति का इस्तेमाल कर सकते हैं.”

आज फ्लोर टेस्‍ट पर सबकी निगाहें
सोमवार का दिन कर्नाटक की राजनीति में उठा पटक वाला हो सकता है. कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबि‍त हैं. इन पर सुनवाई हो सकती है. उधर विधानसभा में सरकार पर शक्‍त‍ि परीक्षण का दबाव होगा. कांग्रेस जेडीएस सरकार ने दो दिन फ्लोर टेस्‍ट को टाल दिया है. अब सोमवार को उन्‍हें फ्लोर टेस्‍ट कराना होगा. नंबर सरकार के पक्ष में नहीं हैं. अब अगर बागी विधायक सदन में नहीं आए तो सरकार का गिरना तय है.

रविवार को सभी पार्टि‍यों ने की बैठक
सोमवार को सदन में बहुमत साब‍ित करने से पहले सभी दलों ने अपने अपने विधायकों से बैठक की. बीजेपी ने अपने विधायकों से होटल में बैठक की. पिछले कई दिनों से बीजेपी के विधायक होटल में ही हैं. उधर जेडीएस और कांग्रेस ने भी अपने अपने विधायकों से अलग अलग बैठक की.

कांग्रेस के गुंडुराव का कहना है कि हमारे विधायक उत्‍साह से भरे हुए हैं. हम सोमवार सदन में बीजेपी को बेनकाब कर देंगे. कांग्रेस नेता ने कहा, बीजेपी ने ऑपरेशन कमल के लिए 1000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. इतना सारा पैसा कहां से आया. उन्‍होंने एक वि‍धायक को खरीदने में 20 से 30 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.

टीएमसी सांसदों को वाराणसी एयर पोर्ट पर रोका गया

टीएमसी सांसद आज योगी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्हे न तो सोनभद्र के घायलों से मिलने दिया जा रहा है, न ही सोनभद्र जाने दिया जा रहा है। आज टीएमसी सांसद अचानक ही वाराणसी एयरपोर्ट पर आ पहुंचे, राजनैतिक पर्यटन को रोकने के लिए चाक चोबन्द पुलिस ने उन्हे वहीं पर रोक लिया जिसके लिए उन्होने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। सनद रहे टीएमसी ने चुनावों के दौरान योगी के हेलिकॉप्टर बंगाल में उतरने नहीं दिये थे।

नई दिल्‍ली : सोनभद्र में हुए 10 लोगों के नरसंहार के बाद वहां पीड़ित परिवारों और घायलों से मुलाकात के लिए नेताओं का पहुंचना जारी है. शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से पुलिस ने रोक दिया. शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 3 नेता भी सोनभद्र घटना के घायलों और पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए जा रहे थे. लेकिन उन्‍हें वाराणसी एयरपोर्ट पर ही पुलिस ने रोक लिया. उनका दावा है कि पुलिस ने उन्‍हें हिरासत में लिया है. तीनों नेताओं ने इस घटना की जानकारी ट्विटर पर डाले एक वीडियो में दी है.

टीएमसी के इस तीन सदस्‍यीय प्रतिनिधिमंडल का आरोप है कि उन्‍हें पुलिस ने बिना कोई कारण बताए वाराणसी एयरपोर्ट पर सुबह 9:45 बजे से रोका हुआ है. अब वे वहीं पर धरने पर बैठ गए हैं. उन्‍हें बीएचयू ट्रामा सेंटर और सोनभद्र जाने से रोका जा रहा है. 

बता दें कि सोनभद्र में जमीन विवाद में हुए 10 लोगों के नरसंहार के बाद से ही राजनैतिक स्‍तर पर बवाल मचा है. सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्‍मेदार बताया. साथ ही उन्‍होंने इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी भी गठित की है. यह कमेटी 10 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी.

दूसरी ओर प्रशासन की ओर से सोनभद्र में 2 महीने के लिए धारा 144 लगा दी गई है. जिले में धारा 144 11 जुलाई से 12 सितंबर तक प्रभावी रहेगी. प्रशासन का कहना है कि बिना उसकी अनुमति के कोई भी सोनभद्र नहीं जा सकेगा. 

शुक्रवार को प्रियंका गांधी भी सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए जा रही थीं. उन्‍होंने पहले वाराणसी के बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती घायलों से मुलाकात की थी. इसके बाद वह सोनभद्र जा रही थीं. लेकिन पुलिस ने उन्‍हें नारायणपुर में ही रोक दिया था. वह इसके बाद वहां धरने पर बैठ गई थीं. पुलिस इसके बाद उन्‍हें चुनार गेस्‍ट हाउस ले गई थी. जहां रात भर प्रियंका गांधी और अन्‍य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने धरना दिया.

प्रियंका गांधी का कहना है कि वह सोनभद्र घटना के पीड़ित परिवारों से मिले बिना वापस नहीं जाएंगी. इसके बाद प्रशासन ने उन्‍हें पीड़ित परिवारों से मिलवा दिया है.

प्रियंका का साथ देने को बिहार के मुख्य मंत्री भी सोनभद्र पहुंचेंगे

सोनभद्र के मामले ने राजनैतिक पर्यटन के द्वार खोल दिये हैं। हाशिये पर आ चुकी कोंग्रेस को पुनर्जीवित करने और प्रियंका को एक सक्षम नेतृत्व साबित करने लिए देश भर से कोङ्ग्रेस्सी नेता सोनभद्र में प्रियंका के हुज़ूर में हाजरी देने को आतुर हैं। उन्हे लगता है की उनके इस प्रयास से जनता कर्नाटका में कोंग्रेस-जेडीएस के नाटक को विस्मृत कर देगी। इधर प्रियंका ने कहा कि वह तब तक धरने पर बैठी रहेंगी जब तक उन्हें सोनभद्र फायरिंग केस के पीड़ितों से नहीं मिलने दिया जाएगा. सनद रहे सोनभद्र जमीन हड़पने आ मामला तो 1955 का है जिसे अब तक की सभी सरकारों ने नज़रअंदाज़ किया, चाहे सोनभद्र का मामला हो या फिर आजम खान के ज़मीन हड़पने का। योगी राज में न्याय मिलने की उम्मीद नरसंहार से तोड़ी जा रही है,

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रायपुरः सोनभद्र में एक जमीनी विवाद के चलते हुई फायरिंग में 10 लोगों की हत्या के बाद सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका शुक्रवार को यहां मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंची थीं, जहां उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उन्हें मृतकों के परिवार से मिलने से रोक दिया. ऐसे में प्रियंका गांधी ने मिर्जापुर में ही धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया. प्रियंका ने कहा कि वह तब तक धरने पर बैठी रहेंगी जब तक उन्हें सोनभद्र फायरिंग केस के पीड़ितों से नहीं मिलने दिया जाएगा.

ऐसे में अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और वह आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का समर्थन करने रायपुर से वाराणसी के लिए रवाना होंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोनभद्र मामले में राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे. वहीं पीएल पुनिया पहले से ही सोनभद्र में मौजूद हैं, जहां अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचने वाले हैं.

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बता दें इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) का चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल सोनभद्र के लिए रवाना हुआ था, जिन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ने वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था. टीएमसी का यह प्रतिनिधि मंडल डेरेन ओ ब्रायन के नेतृत्व में वाराणसी पहुंचा था, जिन्हें फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ने रोक कर रखा है.

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प्रियंका वाड्रा के साथ कई दूसरे कांग्रेसी कार्यकर्ता भी धरने पर बैठे हैं और पीड़ितों से मिलने की मांग कर रहे हैं. बता दें सोनभद्र जाने के लिए रवाना हुई प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश प्रशा बीच रास्ते में ही रोक लिया गया, जहां उन्हें मिर्जापुर जिले के चुनार गेस्टहाउस में ठहराया गया है. जहां शनिवार को उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है.

लाशों पर राजनीति कॉंग्रेस प्रथा रही है: स्वतंत्रदेव सिंह

नई दिल्लीः सोनभद्र नरसंहार के बाद पीड़ित परिवार से मिलने के लिए धरने पर बैठीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित स्वतंत्र देव सिंह ने निशाना साधाते हुए इसे कांग्रेस की राजनीतिक प्रथा करार दिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि ‘सोनभद्र की घटना बेहद दुखद है, लेकिन जो भी इस घटना के दोषी हैं उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और अधिकारी इस पर कार्रवाई भी कर रहे हैं. यह कांग्रेसियों का कुकर्म था, जिसके कारण यह पूरी घटना हुई है.’ 

उन्होंने आगे कहा कि ‘सोनभद्र में हुई घटना पर प्रियंका गांधी सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही हैं. कांग्रेस के नेता सिर्फ उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं. वह यही चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश का माहौल खराब हो. लाशों पर राजनीति करना हमेशा से ही कांग्रेस की प्रथा रही है. प्रियंका गांधी को अब यह सब खत्म कर देना चाहिए. प्रियंका पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद माहौल खराब कर रही हैं.’

ध्यान रहे शुक्रवार वही दिन था जिस दिन कर्णाटक में कॉंग्रेस-जेडीएस को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस करनी थी एवं शक्ति परीक्षण होना था। कॉंग्रेस-जेडीएस की शक्तिपरिक्षण को टालने वाली चालों से राष्ट्र का राष्ट्रिय मीडिया का ध्यान हटाना था सो प्रियंका वाड्रा ने ऑपरेशन सोनभद्र को अंजाम देना शुरू किया, जिसे बाद में कॉंग्रेस के बड़े नेताओं का समर्थन मिला मानो प्रियंका मुद्दा न उठाती तो वह अपनी नींद में गाफिल रहते।

बता दें सोनभद्र में जमीनी विवाद के चलते हुई फायरिंग में 10 लोग मारे गए थे, जिसके बाद शुक्रवार प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए सोनभद्र के लिए निकली थीं, जहां उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उन्हें मिर्जापुर में ही रोक लिया था और उन्हें चुनार गेस्टहाउस में रखा गया था. जहां प्रिंयका गांधी ने धरने पर बैठने का ऐलान करते हुए कहा था कि वह पीड़ितों से मिले बिना यहां से नहीं जाएंगी.

सुरक्षा की दृष्टि से संवेदन शील और भावनात्मक रूप से व्यथित / आहात इलाके में पुन: कोई बात न भड़क जाये इसी कारण वहाँ राजनैतिक पर्यटन को रोका जा रहा है।

6 गवर्नरों की नियुक्ति

नई दिल्‍ली : राज्‍यपालों की नियुक्ति को लेकर शनिवार को बड़ा फैसला लिया गया है. राष्‍ट्रपति के प्रेस सेक्रेटरी अशोक मलिक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आनंदीबेन पटेल को उत्‍तर प्रदेश का नया राज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया है. वह अब तक मध्‍य प्रदेश की राज्‍यपाल थीं. इसके अलावा बिहार के मौजूदा राज्‍यपाल लालजी टंडन को मध्‍य प्रदेश का नया राज्‍यपाल बनाया गया है.

राष्‍ट्रपति भवन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक जगदीप धानकड़ को पश्चिम बंगाल का नया राज्‍यपाल बनाया गया है. रमेश बैस को त्रिपुरा के राज्‍यपाल की जिम्‍मेदारी दी गई है. फागू चौहान को बिहार का नया राज्‍यपाल बनाया गया है. वहीं आरएन रवि को नगालैंड का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया है. राष्‍ट्रपति भवन की ओर से कहा गया है कि इन सभी राज्‍यपालों की नियुक्ति उसी दिन से मान्‍य हो जाएगी, जिस दिन वे अपने ऑफिस का कार्यभार संभाल लेंगे.

बता दें कि इसी महीने 15 जुलाई को मोदी सरकार में मंत्री रहे कलराज मिश्र को राष्‍ट्रपति ने हिमाचल प्रदेश का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया था. वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश के गवर्नर आचार्य देवव्रत का स्‍थानांतरण कर गुजरात का राज्‍यपाल बनाया गया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के लगातार दूसरी बार सत्‍ता में आने के बाद राज्‍यपाल के पद पर इस तरह की यह पहली बड़ी नियुक्ति थी.

गवर्नर का नाम आते ही सभा स्थगित कर दी गयी

कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. दिनभर बहस जारी रही. शाम होते ही जैसे ही येडियरप्पा ने कहा की हम रात 12 बजे तक रुकने को तैयार हैं आप गवर्नर के निर्देश का सम्मान करें स्पीकर ने विधान सभा स्थगित कर दी। स्पीकर का आचरण संदेहास्पद हो रहा है।

बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. दिनभर बहस जारी रही. राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से मुख्यमंत्री एचडी. कुमारस्वामी को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार शाम 6 बजे तक का समय दिया गया था लेकिन कुमारस्वामी निर्धारित समय तक बहुमत साबित नहीं कर सके. बाद में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी. स्पीकर ने जब विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित की तब सदन में जो चर्चा हो रही थी, वह इस प्रकार है: 

एचके पाटिल (कांग्रेस): हमें इस सदन में सच को सामने लाने की जरूरत है. आप हमसे यहां शाम साढ़े सात बजे या रात साढ़े आठ बजे तक बैठने के लिए कह सकते हैं लेकिन आपको सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करनी होगी. विधयकों ने दावा किया है कि वे मुंबई सुरक्षा कारणों के चलते गए हैं, हमें उन्हें वापस लाने के लिए मनाना चाहिए. प्रसाशन के वरिष्ठ अधिकारी को मुंबई उनसे मिलने जाना चाहिए. यह सदन की गरिमा का सवाल है. इस सदन के संरक्षक होने के नाते, मैं आपसे यह इस प्रक्रिया को शुरू करने का आग्रह करता हूं.

स्पीकर: मैं यहां साढ़े सात बजे तक बैठ सकता हूं, आप लोग एकमत हो जाएं और मुझे बताएं. 

जीटी देवगौड़ा (जेडीएस) : गठबंधन सरकार और इसके सदस्यों के संबंध में सवाल उठाए गए. मधुस्वामी ने कहा है कि हमें इसे अभी समाप्त करना चाहिए लेकिन राज्यपाल ने पूर्व में कभी इस तरह से हस्तक्षेप नहीं किया.  

ईश्वर खांद्रे (कांग्रेस) : पूरा देश देख रहा है कि ऑपरेशन लोटस यहां चल रहा है. ऐसी परिस्थिति में, बीजेपी ने कहा है कि बहुमत परीक्षण तत्काल होना चाहिए लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए और इससे देश को एक संदेश दिया जाना चाहिए. 

एबी पाटिल: मैं 1998 में सांसद था, तब बाजपेयी जी का फ्लोर टेस्ट 9 दिन चला था. क्या अब नियम बदल गए हैं? 

येदियुरप्पा: मैं आपसे अपील करता हूं, गवर्नर ने मुख्यमंत्री से आज शाम तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है. हम यहां 12 बजे रात तक बैठे रहेंगे. हम आपको सहयोग देंगे. मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि वे गवर्नर के निर्देश का सम्मान करें. 

स्पीकर: मैं अब यहां और नहीं बैठ सकता. सदन सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित किया जाता है.