पार्टी से अलग जा कर थरूर ने किया मोदी का बचाव

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर झूठा बयान दिया है. इसकेजिंका बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी का बचाव किया है. शशि थरूर का यह बयान उस समय आया है जब लोकसभा में कॉंग्रेस ने जाम कर बवाल काटा। कॉंग्रेस नेताओं ने ट्रम्प के बयान पर प्रधान मंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया और उन्हे स्वयं उपस्थित हो कर जवाब देने को कहा। हालात तो यह हो गए की टीवी समाचारों में छुटभैये नेता भी जिनका अस्तित्व उनके मोहल्ले तक ही है वह भी स्वयं को प्रधान मंत्री का समकक्ष मान कर प्रधान मंत्री हाजिर हो वाली तर्ज़ पर एनएसई जवाब मांग रहे हैं।

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान  से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  को लेकर झूठा बयान दिया है. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी का बचाव किया है. थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप की क्लास लगाते हुए कहा है कि ट्रंप सरासर झूठ बोल रहे हैं. पीएम मोदी कभी भी कश्मीर मसले में किसी तीसरे की मध्यस्थता की बात कह ही नहीं सकते हैं. थरूर ने कहा है कि बातचीत के दौरान पीएम मोदी की कही गई बातों को ट्रंप ठीक से समझ नहीं पाए होंगे, इसलिए वह इस तरह की बातें कर रहे हैं.

भारत के विदेश मंत्रालय ने भी ट्रंप को झूठा ठहराया
इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय भी अमेरिकी राष्ट्रपति को झूठा ठहरा चुका है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर पर लिखा, ‘हमने राष्ट्रपति ट्रंप के बयान को प्रेस में देखा कि वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने को तैयार हैं, अगर भारत और पाकिस्तान इसकी मांग करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी कोई मांग राष्ट्रपति ट्रंप से नहीं की है.’

उन्होंने आगे लिखा है कि कश्मीर मसले पर भारत का स्टैंड साफ है. कश्मीर दो देशों के बीच का मुद्दा है, ऐसे में इस पर द्विपक्षीय वार्ता ही हो सकती है. पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत की शर्त ये है कि सीमा पार से आतंकवाद बंद हो.

ट्रंप ने क्या कहा?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत के दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘दो सप्ताह पहले मेरी पीएम नरेंद्र मोदी से भेंट हुई थी और उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या आप मथ्यस्थ बनना चाहेंगे? मैंने पूछा कहां? उन्होंने कहा, कश्मीर में.’

उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की भूमिका निभाने का आग्रह किया है. इसपर ट्रंप ने कहा, ‘अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे मध्यस्थ बन कर खुशी होगी.’

ट्रंप का यह बयान आते ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे झूठा बता दिया. दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमेशा आक्रामक रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी ट्रंप को झूठा ठहराया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पीएम मोदी कश्मीर मसले पर किसी तीसरे के मध्यस्थ बनने की बात कतई नहीं कह सकते हैं. यहां आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौर में शशि थरूर को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव पद के लिए नॉमिनेट किया गया था. हालांकि थरूर यह चुनाव हार गए थे.

कांग्रेस ने ट्रंप के बयान पर संसद में बहस की मांग की
हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंपके बयान पर संसद में बहस होनी चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर अपनी बात संसद में रखनी चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर अपनी बात संसद में रखनी चाहिए. कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा में नोटिस देकर कहा है कि ट्रंप के बयान पर बहस कराई जाए.

जूनागढ़ निकाय चुनावों में काँग्रेस का सूपड़ा साफ

हर समय लोकतन्त्र को धता बता कर लोकतन्त्र ही की दुहाई देने वाली कॉंग्रेस के लिये आज चहुं ओर से बुरी ख़बरें ही आ रहीं हैं। एक ओर जहां कॉंग्रेस तेलंगाना में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है वहीं कर्नाटक में अपनी सत्ता गंवा चुकी है ओर गुजरात में तो और भी बुरा हाल है। जहां जूनागढ़ नगरपालिका की 56 सीटों पर लड़े गए चुनावों में कॉंग्रेस मात्र 1 सीट पर सिमट कर रह गयी है।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद गुजरात में स्‍थानीय निकाय चुनाव में भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. जूनागढ़ महानगर पालिका में भाजपा ने 54 जबकि एनसीपी 4 पर तथा कांग्रेस 1 सीट पर जीत दर्ज की है. जिला पंचायतों की पांच सीट के उपचुनाव में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है. जूनागढ़ महानगर पालिका के चुनाव रविवार को हुए थे. मनपा के 15 वार्ड की 59 सीट के लिए रविवार को 56 सीटों पर वोट डाले गए थे. 3 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे. एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन पत्र भरने के बाद बीजेपी के प्रत्याशी को समर्थन दे दिया था.

यह भी पढ़ें: 99 के फेर में काँग्रेस – जेडीएस गयी

इस परिणाम से ऐसा लगता है कि जूनागढ़ नगर निगम से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. चुनाव प्रचार के समय, कांग्रेस नेताओं द्वारा यह कहा गया था कि जूनागढ़ के कुछ वार्डों के लोग भाजपा उम्मीदवार को बाहर कर देंगे. लेकिन इस चुनाव का परिणाम बता रहा है के लोगों ने भाजपा की बजाय कांग्रेस को साफ करने का निर्णय लिया है.

खास बात यह है कि जूनागढ़ नगर निगम का मुस्लिम बहुल इलाके में है. यह चुनाव एक बार फिर संकेत दे रहे हैं कि जमीन पर कांग्रेस बिलकुल खत्म होती जा रही है. हार की सबसे बडी वजह यह है की कांग्रेस जूनागढ़ में नेतृत्व संकट से जूझ रही है.

भाजपा अध्‍यक्ष जीतू भाई वाघाणी ने कहा कि यह प्रजा व लोकतंत्र की जीत है, विधानसभा, लोकसभा व स्‍थानीय निकाय हर चुनाव में जनता भाजपा के साथ रही जबकि कांग्रेस ने जाति वर्ग में लोगोंको बांटकर चुनाव जीतने का प्रयास किया. 

99 के फेर में काँग्रेस – जेडीएस गयी

कर्नाटक में सत्ता के नाटक का अंत, क्मरस्वामी की सरकार गिरि, 105 वोट से भाजपा विजयी रही जबकि कुमारस्वामी को 99 वोट मिले 6 वोटों से गिरि कांग्रेस ए समर्थन से चली सरकार।

सूत्रों के अनुसार कर्नाटक में काँग्रेस के टूटने की खबर भी आ रही है।

विश्वास मत पर अभी भी असमंजस की स्थिति

स्पीकर ने विधायकों को फटकार लगाते हुए कहा कि मैं यहां रात 12 बजे तक बैठने के लिए तैयार हूं. आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? यह सही नहीं है.

ब्यूरो :  विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है. कांग्रेस-JDS विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया. ‘संविधान बचाने की दुहाई’ के नारे लगाए. स्पीकर ने विधायकों की इस हरकत पर फटकार लगाई और कहा कि मैं यहां रात 12 बजे तक बैठने के लिए तैयार हूं. आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? यह सही नहीं है.

इससे पहले, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से उनके चैंबर में मुलाकात की. कुमारस्वामी के अलावा, कर्नाटक के डिप्टी सीएम जी. परमेश्वर, जेडीएस विधायक सा रा. महेश, कृष्णा गौड़ा और सिद्धारमैया भी इस बैठक में मौजूद रहे. इससे पहले, स्पीकर ने बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की थी. उधर, विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा खत्म होने के बाद वोटिंग पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. हालांकि स्पीकर आज ही वोटिंग कराने पर अड़े हैं.

इससे पहले, मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा बुधवार तक का समय मांगे जाने पर विधानसभा अध्यक्ष कुमार ने नकार दिया. स्पीकर ने कहा, “जैसा कि शुक्रवार को निर्णय हुआ था मैं आज (सोमवार) विश्वास मत को मतदान के लिए रखूंगा.”

जेडीएस विधायकों ने बागी विधायकों को ‘जीरो ट्राफिक’ की सुविधा देने का आरोप लगाते गृहमंत्री एमबी पाटिल से स्पष्टीकरण मांगा. इस पर पाटिल ने कहा कि बागी विधायकों को ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई थी. पाटिल ने कहा कि राज्यपाल ने बागी विधायकों को सुरक्षा देने के लिए कहा था, हमने वही किया. जीरो ट्राफिक उन्हें प्रदान नहीं किया गया. गृहमंत्री का यह जवाब जेडीएस विधायक एटी रामास्वामी को रास नहीं आया. उन्होंने कहा, “यदि गृहमंत्री सदन के सामने इस तरह से झूठ बोलते हैं तो मैं यहां कैसे ठहर सकता हूं.” यह कहते हुए रामास्वामी सदन से बाहर निकल गए. 

गौरतलब है कि 15 बागी विधायकों, जिसमें 12 कांग्रेस व 3 जेडीएस ने सत्र में भाग नहीं लेने का फैसला किया है और दो कांग्रेस विधायक (बी.नाग्रेंद्र व श्रीमंत पाटिल) बेंगलुरू व मुंबई के निजी अस्पताल में भर्ती है. इस तरह 225 सदस्यीय विधानसभा में सहयोगियों का संख्या बल 99 होगा। इसमें विधानसभा अध्यक्ष (कांग्रेस) शामिल हैं. बीजेपी की संख्या दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 107 होगी, जो प्रस्ताव के विरोध में होगा.

कॉंग्रेस-जेडीएस विश्वास मत टालने के लिए चल सकते हैं नयी चालें: बागी विधायक

याचिकाकर्ता विधायकों ने अदालत से विधानसभाध्यक्ष के. आर. रमेश और मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को सोमवार को शाम पांच बजे तक विश्वास मत का आयोजन करने का निर्देश देने की मांग की. बागी विधायकों की याचिका के अनुसार, “ऐसा माना जाता है कि अल्पसंख्यक सरकार की अगुवाई करने वाले मुख्यमंत्री खुद को सदन की कार्यवाही से सोमवार को अलग रख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि वह (कुमारस्वामी) विश्वास मत को टाल सकते हैं. विश्वास मत को टालने के लिए वह अस्पताल में भर्ती समेत कोई चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति का इस्तेमाल कर सकते हैं.” सनद रहे यह वही विधान सभा है जहां विश्वास मत के लिए भाजपा को मात्र एक दिन मोहलत दी गयी थी, वहीं कॉंग्रेस-जेडीएस आज तकरीबन एक पखवाड़े से विश्वास मत की प्रक्रिया टाल रही है

नई दिल्ली/बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल-सेक्यूलर (जेडी-एस) के 15 बागी विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा में सोमवार को शक्ति परीक्षण करने का आदेश देने की मांग करते हुए रविवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक संयुक्त याचिका दायर की. याचिकाकर्ता विधायकों ने अदालत से विधानसभाध्यक्ष के. आर. रमेश और मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को सोमवार को शाम पांच बजे तक विश्वास मत का आयोजन करने का निर्देश देने की मांग की.

प्रदेश के 15 बागी और दो निर्दलीय विधायकों ने अपनी संयुक्त याचिका में कहा, “हम मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी द्वारा 18 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा में लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर 22 जुलाई को शाम पांच बजे से पहले शक्ति परीक्षण करने का निर्देश देने की मांग करते हैं.”

सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता दिशा राय द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री या गठबंधन सरकार में सहयोगी कांग्रेस और जेडी-एस कुछ और बहाना बनाकर शक्ति-परीक्षण टालने की कोशिश करेंगे. याचिका के अनुसार, “ऐसा माना जाता है कि अल्पसंख्यक सरकार की अगुवाई करने वाले मुख्यमंत्री खुद को सदन की कार्यवाही से सोमवार को अलग रख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि वह (कुमारस्वामी) विश्वास मत को टाल सकते हैं. विश्वास मत को टालने के लिए वह अस्पताल में भर्ती समेत कोई चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति का इस्तेमाल कर सकते हैं.”

आज फ्लोर टेस्‍ट पर सबकी निगाहें
सोमवार का दिन कर्नाटक की राजनीति में उठा पटक वाला हो सकता है. कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबि‍त हैं. इन पर सुनवाई हो सकती है. उधर विधानसभा में सरकार पर शक्‍त‍ि परीक्षण का दबाव होगा. कांग्रेस जेडीएस सरकार ने दो दिन फ्लोर टेस्‍ट को टाल दिया है. अब सोमवार को उन्‍हें फ्लोर टेस्‍ट कराना होगा. नंबर सरकार के पक्ष में नहीं हैं. अब अगर बागी विधायक सदन में नहीं आए तो सरकार का गिरना तय है.

रविवार को सभी पार्टि‍यों ने की बैठक
सोमवार को सदन में बहुमत साब‍ित करने से पहले सभी दलों ने अपने अपने विधायकों से बैठक की. बीजेपी ने अपने विधायकों से होटल में बैठक की. पिछले कई दिनों से बीजेपी के विधायक होटल में ही हैं. उधर जेडीएस और कांग्रेस ने भी अपने अपने विधायकों से अलग अलग बैठक की.

कांग्रेस के गुंडुराव का कहना है कि हमारे विधायक उत्‍साह से भरे हुए हैं. हम सोमवार सदन में बीजेपी को बेनकाब कर देंगे. कांग्रेस नेता ने कहा, बीजेपी ने ऑपरेशन कमल के लिए 1000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. इतना सारा पैसा कहां से आया. उन्‍होंने एक वि‍धायक को खरीदने में 20 से 30 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.

प्रियंका का साथ देने को बिहार के मुख्य मंत्री भी सोनभद्र पहुंचेंगे

सोनभद्र के मामले ने राजनैतिक पर्यटन के द्वार खोल दिये हैं। हाशिये पर आ चुकी कोंग्रेस को पुनर्जीवित करने और प्रियंका को एक सक्षम नेतृत्व साबित करने लिए देश भर से कोङ्ग्रेस्सी नेता सोनभद्र में प्रियंका के हुज़ूर में हाजरी देने को आतुर हैं। उन्हे लगता है की उनके इस प्रयास से जनता कर्नाटका में कोंग्रेस-जेडीएस के नाटक को विस्मृत कर देगी। इधर प्रियंका ने कहा कि वह तब तक धरने पर बैठी रहेंगी जब तक उन्हें सोनभद्र फायरिंग केस के पीड़ितों से नहीं मिलने दिया जाएगा. सनद रहे सोनभद्र जमीन हड़पने आ मामला तो 1955 का है जिसे अब तक की सभी सरकारों ने नज़रअंदाज़ किया, चाहे सोनभद्र का मामला हो या फिर आजम खान के ज़मीन हड़पने का। योगी राज में न्याय मिलने की उम्मीद नरसंहार से तोड़ी जा रही है,

यह भी पढ़ें: सियासी संकट को कॉंग्रेस-जेडीएस ने संवैधानिक संकट बना दिया

रायपुरः सोनभद्र में एक जमीनी विवाद के चलते हुई फायरिंग में 10 लोगों की हत्या के बाद सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका शुक्रवार को यहां मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंची थीं, जहां उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उन्हें मृतकों के परिवार से मिलने से रोक दिया. ऐसे में प्रियंका गांधी ने मिर्जापुर में ही धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया. प्रियंका ने कहा कि वह तब तक धरने पर बैठी रहेंगी जब तक उन्हें सोनभद्र फायरिंग केस के पीड़ितों से नहीं मिलने दिया जाएगा.

ऐसे में अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और वह आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का समर्थन करने रायपुर से वाराणसी के लिए रवाना होंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोनभद्र मामले में राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे. वहीं पीएल पुनिया पहले से ही सोनभद्र में मौजूद हैं, जहां अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचने वाले हैं.

यह भी पढ़ें: लाशों पर राजनीति कॉंग्रेस प्रथा रही है: स्वतंत्रदेव सिंह

बता दें इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) का चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल सोनभद्र के लिए रवाना हुआ था, जिन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ने वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था. टीएमसी का यह प्रतिनिधि मंडल डेरेन ओ ब्रायन के नेतृत्व में वाराणसी पहुंचा था, जिन्हें फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ने रोक कर रखा है.

यह भी पढ़ें: सोनभद्र मामले में 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है : डीएम

प्रियंका वाड्रा के साथ कई दूसरे कांग्रेसी कार्यकर्ता भी धरने पर बैठे हैं और पीड़ितों से मिलने की मांग कर रहे हैं. बता दें सोनभद्र जाने के लिए रवाना हुई प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश प्रशा बीच रास्ते में ही रोक लिया गया, जहां उन्हें मिर्जापुर जिले के चुनार गेस्टहाउस में ठहराया गया है. जहां शनिवार को उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है.

गवर्नर का नाम आते ही सभा स्थगित कर दी गयी

कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. दिनभर बहस जारी रही. शाम होते ही जैसे ही येडियरप्पा ने कहा की हम रात 12 बजे तक रुकने को तैयार हैं आप गवर्नर के निर्देश का सम्मान करें स्पीकर ने विधान सभा स्थगित कर दी। स्पीकर का आचरण संदेहास्पद हो रहा है।

बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. दिनभर बहस जारी रही. राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से मुख्यमंत्री एचडी. कुमारस्वामी को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार शाम 6 बजे तक का समय दिया गया था लेकिन कुमारस्वामी निर्धारित समय तक बहुमत साबित नहीं कर सके. बाद में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी. स्पीकर ने जब विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित की तब सदन में जो चर्चा हो रही थी, वह इस प्रकार है: 

एचके पाटिल (कांग्रेस): हमें इस सदन में सच को सामने लाने की जरूरत है. आप हमसे यहां शाम साढ़े सात बजे या रात साढ़े आठ बजे तक बैठने के लिए कह सकते हैं लेकिन आपको सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करनी होगी. विधयकों ने दावा किया है कि वे मुंबई सुरक्षा कारणों के चलते गए हैं, हमें उन्हें वापस लाने के लिए मनाना चाहिए. प्रसाशन के वरिष्ठ अधिकारी को मुंबई उनसे मिलने जाना चाहिए. यह सदन की गरिमा का सवाल है. इस सदन के संरक्षक होने के नाते, मैं आपसे यह इस प्रक्रिया को शुरू करने का आग्रह करता हूं.

स्पीकर: मैं यहां साढ़े सात बजे तक बैठ सकता हूं, आप लोग एकमत हो जाएं और मुझे बताएं. 

जीटी देवगौड़ा (जेडीएस) : गठबंधन सरकार और इसके सदस्यों के संबंध में सवाल उठाए गए. मधुस्वामी ने कहा है कि हमें इसे अभी समाप्त करना चाहिए लेकिन राज्यपाल ने पूर्व में कभी इस तरह से हस्तक्षेप नहीं किया.  

ईश्वर खांद्रे (कांग्रेस) : पूरा देश देख रहा है कि ऑपरेशन लोटस यहां चल रहा है. ऐसी परिस्थिति में, बीजेपी ने कहा है कि बहुमत परीक्षण तत्काल होना चाहिए लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए और इससे देश को एक संदेश दिया जाना चाहिए. 

एबी पाटिल: मैं 1998 में सांसद था, तब बाजपेयी जी का फ्लोर टेस्ट 9 दिन चला था. क्या अब नियम बदल गए हैं? 

येदियुरप्पा: मैं आपसे अपील करता हूं, गवर्नर ने मुख्यमंत्री से आज शाम तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है. हम यहां 12 बजे रात तक बैठे रहेंगे. हम आपको सहयोग देंगे. मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि वे गवर्नर के निर्देश का सम्मान करें. 

स्पीकर: मैं अब यहां और नहीं बैठ सकता. सदन सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित किया जाता है.

सियासी संकट को कॉंग्रेस-जेडीएस ने संवैधानिक संकट बना दिया

हिमाचल प्रदेश में एक छोटा सा शहर है ‘कुमारहट्टी’ वहाँ से कुछ बच्चे डगशाई पढ़ने जाते थे, एक बार स्कूल से आते से आते हुए एक बच्चा पिट गया। तो रोते हुए पीटने वाले बच्चे से बोला की तू अब के पीट, तुझे अपने दोस्तों से पिटवाऊंगा, बेचारा फिर पिटा। आगे जाने पर बोला कोने वाली दुकान वाले अंकल से पिटवाऊंगा तू अबके मार, बेचारा फिर पिटा। आखिर में बोला की तूने अबके पीटा तो आंटी के कुत्ते से कटवाऊंगा बेचारा फिर पीट गया। यह कहानी अटपटी ज़रूर है लेकिन दर्शाती है की जिसने पीटना है वह तो पीटेगा ही, चाहे आप लाख धमका लो दलीलें दे लो। काँग्रेस-जेडीएस पीटने वाले हैं और संविधान पिटने वाला। स्पीकर के पद में बहुत ताकत होती है, इतनी कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को भी अमान्य कर सकता है, कर्नाटका में कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने तय समय सीमा की कोई बंदिश न लगा कर अपनी इज्ज़त बचाई।

माना की स्पीकर के पास बहुत ताकत है पर यह कहाँ लिखा है की राज्यपाल के आदेशों की खिल्ली उड़ाई जाये? कर्णाटक में यही हुआ। राज्यपाल समय देते रहे कॉंग्रेस-जेडीएस राज्यपाल के आदेशों को ‘प्रेमपत्र’ कह कर खिल्ली उड़ाते रहे। राज्यपाल ने केवल समय दिया था की आप शक्ति परिक्ष्ण करवा लो, कॉंग्रेस-जेडीएस ने स्पीकर के साथ मिल कर्नाटक विधान सभा को एक मज़ाक बना कर रख दिया। कुमार स्वामी स्वयं को निर्लिप्त व्यक्ति बताते हैं परंतु सत्ता लोलुप भ्रष्ट नेता की भांति आचरण कर रहे हैं। अलग अलग मुद्दों के साथ सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को नज़रअंदाज़ कर उन फैसलों को फिर से चुनौती दे रहे हैं। विधान सभा चुनावों में हाशिये पर आए कुमारस्वामी लोक सभा चुनावों में बुरी तरह पिट गए। अपने राजनैतिक भविष्य को भाँपते हुए वह मुख्यामन्त्री की कुर्सी से ऐसे चिपके हैं की न हिल पा रहे हैं न हिलाये जा पा रहे हैं। कर्नाटका का राजनैतिक संकट जल्द ही संवैधानिक संकट बन कर खड़ा हो जाएगा।

बेंगलुरू: कर्नाटक में जारी सियासी संकट और गहरा गया है. अब यह संवैधानिक संकट का रूप लेता जा रहा है. कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से मुख्यमंत्री एचडी. कुमारस्वामी को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार शाम 6 बजे तक का समय दिया गया था लेकिन कुमारस्वामी निर्धारित समय तक बहुमत साबित नहीं कर सके. अंत में, स्पीकर ने सदन को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

कर्नाटक में सियासी नाटक जारी, आज ये तीन संभावनाएं बन सकती हैं: 
1.
 कर्नाटक में आज सबकी निगाहें राज्यपाल पर टिक गई हैं. तीन बार लिखे पत्रों की अवहेलना हुई है. राज्यपाल केंद्र को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे. देखना होगा कि केंद्र इस रिपोर्ट पर क्या रुख अपनाता है.  

2. सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर की याचिका पर सुनवाई हो सकती है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शीर्ष अदालत से 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण की मांग की जिसमें 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने के विकल्प चुनने की अनुमति प्रदान की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति परीक्षण करने के संबंध में राज्यपाल हस्तक्षेप कर रहे हैं. उधर, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि न्यायालय का 17 जुलाई का आदेश पार्टी के अपने विधायकों को व्हिप जारी करने के अधिकार का हनन करता है. 

3. बीजेपी पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन कर सकती है. बीजेपी विधायकों ने बहुमत परीक्षण में देरी होने पर गुरुवार को विधानसभा में पूरी रात धरना दिया था. बीजेपी नेता येदियुरप्पा लगातार दावा कर रहे हैं कि उनके पास 106 विधायकों का समर्थन है. बीजेपी अपने विरोध-प्रदर्शन का दायरा बढ़ा सकती है. 

अपने गढ़ को बचाने की काँग्रेस की आखिरी कोशिश

कर्नाटक विधानसभा में भाजपा बहुमत के साथ आई थी, लेकिन चुनावों के दौरान डीएचआर विरोधी रहे कॉंग्रेस – जेडीएस ने भाजपा की बढ़त को रोकने के लिए गठबंधन किया और सरार बना ली। अब लो सभा चुनावों में कर्नाटक की जनता ने एक बार फिर 28 में से 25 लोक सभा सीटें भपा को सौंप दीं। लोक सभा चुनावों में भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत को देख कर काँग्रेस में निराशा का ज्वार आया हुआ है। बंगाल में टीएमसी के विधायक त्यागपत्र दे कर भाजपा में शामिल हो रहे हाँ तो स्दूर पश्चिम में गोवा में काँग्रेस के 15 विधायक भाजपा में शामिल हो गए( यहाँ कॉंग्रेस का वजूद ही खतरे में आ गया है)। मध्यप्रदेश में भी कॉंग्रेस ई गार्डन पर तलवार लटक रही है। करनाटक में बागी विधायों ने तो भाजपा में जाने आ मन बना लिया है, और तो और कारणता के दिग्गज काँग्रेस नेता तो पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। काँग्रेस बहुत डरी हुई है, कर्नाटक में सत्‍ता का संघर्ष बढ़ता जा रहा है. स्‍पीकर ने विधानसभा को एक दिन के लिए स्‍थग‍ित कर दिया है. बीजेपी फ्लोर टेस्‍ट आज ही चाहती है, ऐसे में बीजेपी विधायक विधानसभा में ही सो रहे हैं. अब राज्‍यपाल ने मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी को पत्र लिखकर कहा है कि वह शुक्रवार को अपना बहुमत साब‍ित करें.

बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार रहेगी या जाएगी, इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं. इस बीच सत्‍ता हासिल करने का ‘नाटक’ राज्‍य में बढ़ता जा रहा है. विधानसभा स्‍पीकर ने पहले व‍िश्‍वासमत हासिल करने के लिए गुरुवार का दिन तय किया, लेकिन शाम होते होते सदन को एक दिन के लिए स्‍थगि‍त कर दिया. इस पर बीजेपी भड़क गई है. उसने मांग की है कि फ्लोर टेस्‍ट गुरुवार को ही किया जाए. राज्‍यपाल ने स्‍पीकर से कहा था कि वह गुरुवार को ही विश्‍वासमत हासिल करने पर विचार करें. लेकिन स्‍पीकर ने सदन एक दिन के लिए स्‍थगित कर दिया. 

कर्नाटक में बढ़ते सियासी संकट के बीच राज्‍यपाल वजू भाई वाला ने अब मुख्‍यमंत्री एचडी कुमारास्‍वामी को पत्र लिखकर कहा है कि वह शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे अपना बहुमत साबित करें. इससे पहले राज्‍यपाल ने विधानसभा स्‍पीकर से आग्रह किया था कि वह गुरुवार को ही फ्लोर टेस्‍ट पर विचार करें. लेकिन स्‍पीकर ने सदन एक दिन के लिए स्‍थग‍ित कर दिया.

इसके बाद बाद बीजेपी ने अपने विधायकों के साथ विधानसभा में ही धरना देना शुरू कर दिया. पूर्व मुख्‍यमंत्री बीएस येदियुरप्‍पा अपने सभी साथी विधायकों के साथ फ्लोर पर सोते दिखाई दिए.

बीजेपी विधायकों ने अपना धरना विधानसभा में शुरू भी कर दिया है. बीजेपी विधायकों और विपक्ष के नेता बीएस येदि‍युरप्‍पा से कांग्रेस विधायक डीके शिवकुमार और एचएस पाट‍िल ने बात की है. हालांकि इस मुलाकात का कोई परिणाम नहीं निकल पाया है. कर्नाटक बीजेपी के विधायक विधानसभा में ही सो गए.

बीजेपी के नेता बीएस येद‍ियुरप्‍पा ने कहा, हमारी मांग सिर्फ इतनी है कि आज ही फ्लोर टेस्‍ट कराया जाए. लेकिन मुख्‍यमंत्री इसके लिए तैयार नहीं हैं. वह सदन और लोगों का भरोसा खो चुके हैं. उनके पास सिर्फ 98 विधायक हैं. हमारे पास 105 सदस्‍य हैं.

दरअसल नंबर गेम के कारण कांग्रेस और जेडीएस की सरकार चाहती है कि गुरुवार को सदन में फ्लोर टेस्‍ट न हो. वहीं बीजेपी ने साफ कर दिया है कि सदन में विश्‍वास मत आज ही हा‍स‍िल किया जाना चाहि‍ए. इसके ल‍िए बीजेपी विधायकों ने राज्‍यपाल वजूभाई वाला से मुलाकात की. इसके बाद राज्‍यपाल ने स्‍पीकर से कहा क‍ि वह आज ही विश्‍वासमत पर वि‍चार करें.

इधर कांग्रेस व‍िधायकों ने फि‍र से विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया है. उन्‍होंने हाथ में प्‍ले कार्ड लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कांग्रेस का का कहना है कि बीजेपी ने उसके विधायकों का अपहरण किया है. वह मुंबई में भर्ती कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाट‍िल की तस्‍वीरें भी लहराते दिखे.

इधर, कांग्रेस विधायक एचके पाट‍िल ने सदन में कहा राज्‍यपाल की सलाह पर कहा, राज्‍यपाल सदन की कार्यवाही में हस्‍तक्षेप नहीं कर सकते हैं. सदन की कार्यवाही संव‍िधान के हिसाब से चलेगी. मैं राज्‍यपाल से कहना चाहूंगा कि वह सदन की कार्यवाही में हस्‍तक्षेप न करें.

विधानसभा में बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री बीएस येद‍ियुरप्‍पा ने कहा, अगर रात 12 बजे तक बहस चले तो उसके बाद भी आज ही फ्लोर टेस्‍ट होना चाहि‍ए. दरअसल कांग्रेस और जेडीएस की सरकार आज सदन में फ्लोर टेस्‍ट से हिचकिचा रहे हैं. उनके पास जरूरी संख्‍या बल नहीं है.

गुरुवार को विश्वास मत पर विधानसभा में बहस शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस दोनों ही मतदान कराने से हिचकिचा रहे हैं. बहस के दौरान अपनी बात रखते वक्त सदन में कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू होता है या फिर हमारा व्हिप काम में आता है, तो दोनों ही तरफ से हमारी सरकार पर संकट बरकरार है.

कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाट‍िल की हालत बिगड़ी, मुंबई में भर्ती
इधर, कर्नाटक कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल विधानसभा सत्र में चल रहे विश्वास मत प्रस्ताव में शामिल नहीं हुए. उन्हें मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. सूत्र के अनुसार, “पाटिल ने बुधवार को सीने में दर्द व सांस लेने में शिकायत के बाद मुंबई के लिए उड़ान भरी और उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.”

पाटिल, राज्य के उत्तरपश्चिमी बेलगाम जिले के कागवाड विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह शहर के बाहरी इलाके में देवनहल्ली के पास एक रिजॉर्ट में पार्टी के अन्य विधायकों के साथ ठहरे हुए थे. सूत्र ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, “हमें सुबह रिजॉर्ट से उनके गैरहाजिर होने की बात पता चली और पता करने पर सामने आया है कि वह इलाज के लिए मुंबई गए हैं.”

पाटिल के सत्र से गैरहाजिर होने के बाद सत्तारूढ़ सहयोगी की विधानसभा में संख्या 66 रह गई है. इसमें विधानसभा अध्यक्ष व वरिष्ठ बागी विधायक आर.रामलिंगा रेड्डी शामिल हैं. कांग्रेस के 12 बागी विधायकों व जद (सेक्युलर) के तीन विधायकों के गैर हाजिर होने से सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन की संख्या 101 है. इसमें बहुजन समाज पार्टी का एक विधायक शामिल है. इस तरह से सदन की कुल संख्या 225 से घटकर 210 हो गई है.  इस तरह से बहुमत के लिए 106 सदस्यों की जरूरत होगी.

मुकुल रॉय के ब्यान ने मचाई खलबली

गोवा और कर्नाटक में सियासी हलचल से अभी कांग्रेस थी तरह उभरी भी नहीं थी की उसे बंगाल से एक बहुत ही भयंकर समाचार प्राप्त हुआ है। बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने कहा

है कि पश्चिम बंगाल में 107 विधायक बीजेपी में शामिल होंगे. मुकुल रॉय ने कहा कि इन सभी विधायकों की लिस्ट तैयार हो चुकी है और उनसे लगातार संपर्क बना हुआ है। कर्नाटक में अभी थोड़ी सुध आ ही रही थी कि मुकुल रॉय के ब्यान ने एक बार फिर सियासी तूफान मचा दिया है।

कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता मुकुल रॉय ने शनिवार को एक ऐसा दावा किया है, जिससे पश्चिम बंगाल की सियासत में भारी उथल-पुथल मच सकती है. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, मुकुल रॉय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में 107 विधायक बीजेपी में शामिल होंगे. उन्होंने दावा किया कि सीपीएम, कांग्रेस और टीएमसी के 107 विधायक बीजेपी में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि हमारे पास उन विधायकों की लिस्ट तैयार हो गई है और उनसे लगातार संपर्क में हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता पर काबिज हुई थी. बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत दर्ज की थी. वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को 22 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस को दो सीटों पर जीत मिली थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस किले में सेंध लगाने के लिए बीजेपी कोई भी कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती है. अभी हाल ही में टीएमसी के कई नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा था. टीएमसी के नेताओं का बीजेपी में शामिल होने का क्रम लोकसभा चुनाव से पहले ही शुरू हो गया था.  

यदि ऐसा हो जाता है तो सबसे अधिक नुकसान काँग्रेस को होगा। वह बंगाल में अपना बचाखुचा जनाधार भी खो देगी।