उच्च न्यायालय ने 13 दिनों तक डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई टाली

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी डीके शिवकुमार की जमानत पर अब 13 दिन बाद ही सुनवाई हो सकती है. बुधवार को सुनवाई के दौरान ही शिवकुमार के वकीलों ने जमानत की याचिका भी लगाई. हालांकि कोर्ट ने इस पर सुनवाई नहीं की.

  1. समर्थकों ने की ED गाड़ी रोकने की कोशिश
  2. गाड़ी में मौजूद थे कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार
  3. 13 सितंबर तक ED की हिरासत में रहेंगे

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज करते हुए उन्हें 13 सितंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है. वहीं डीके शिवकुमार को ले जाते वक्त उनके समर्थकों ने ईडी की गाड़ी को रोकने की कोशिश की. उस गाड़ी में डीके शिवकुमार भी थे.

समर्थकों की इस हरकत की वजह से गाड़ी को आगे ले जाने में लगातार दिक्कत हो रही थी. समर्थकों की भीड़ के आगे सुरक्षाकर्मी भी बेबस नजर आ रहे थे. हालांकि किसी तरह समर्थकों को गाड़ी के पास से हटाने में पुलिस को कामयाबी मिल गई.

ईडी ने डीके शिवकुमार की 14 दिन की कस्टडी मांगी थी. ईडी की कस्टडी में रोज आधा घंटे परिजन और वकील डी के शिवकुमार से मिल सकते हैं. इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान अडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) केे एम नटराजन ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग को जांच के दौरान विभिन्न जगहों से कई अहम दस्तावेज और पैसे मिले हैं. डीके शिवकुमार के वकील ने कोर्ट में दो अर्जी दाखिल की थीं. पहली अर्जी में रिमांड को चुनौती दी गई और दूसरी में जमानत याचिका दाखिल की गई थी.

 बता दें कि डीके शिवकुमार को ईडी ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार हुए हैं. डीके शिवकुमार 2016 की नोटबंदी के दौरान चर्चा में आए थे. आयकर विभाग और ईडी लंबे समये से उनके आर्थिक लेन-देन की जांच कर रही थी. दो अगस्त, 2017 को नई दिल्ली स्थित आवास पर आयकर ने छापा मारा था, जिसमें 8.59 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे.

इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार दूसरे सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आयकर विभाग के आरोपपत्र के आधार पर ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था. डीके शिवकुमार ने गिरफ्तारी से पहले ही कहते आ रहे हैं कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार उनके खिलाफ बदले की भावना से काम कर रही है. डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी पर कांग्रेस के कई दिग्गज नेता बीजेपी पर राजनीतिक प्रतिशोध करने का आरोप लगा रहे हैं.

ईडी द्वारा डीके शिवकुमार गिरफ्तार

  1. कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार गिरफ़्तार
  2. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हुई गिरफ़्तारी
  3. बुधवार को डीके शिवकुमार की कोर्ट में होगी पेशी
  4. जेडीएस-कांग्रेस की ‘दोस्ती’ को बचाए रखने की डीके शिवकुमार ने की थी भरसक कोशिशें
  5. बागी विधायकों को मनाने पहुंचे तो मुंबई पुलिस ने होटेल के सामने से हिरासत में ले लिया था

नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस नेताओं के गिरफ्तार होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को कांग्रेस के बड़े नेता डीके शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. डीके शिवकुमार कर्नाटक में कांग्रेस के बड़े नेता हैं. इन्होंने जदयू और कांग्रेस की गठबंधन सरकार को कई मौकों पर गिरने से बचाया था, हालांकि अब यह सरकार गिर चुकी है.

यहां आपको बता दें कि कर्नाटक में डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है. 2017 में आयकर विभाग ने डीके शिवकुमार के 64 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान डीके शिवकुमार के ठिकानों से करीब 8 करोड़ रुपये जब्त हुए थे. पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हो सकते हैं. कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को उनकी एक याचिका खारिज कर दी थी. इस याचिका में शिवकुमार ने ईडी के समन को निरस्त करने की मांग की थी.

याचिका खारिज होने के बाद शिवकुमार को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन उन्होंने इसमें लापरवाही बरती, जिसके बाद मंगलवार को उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. 

तीन बार पहले भी शिवकुमार से हो चुकी है पूछताछ
डीके शिवकुमार इससे पहले तीन बार ईडी के सामने पूछताछ के लिए पेश हो चुके हैं. डीके शिवकुमार से मनी लॉड्रिंग के एक मामले में शुक्रवार को ईडी ने चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. अधिकारियों ने बताया था कि शिवकुमार शाम करीब साढ़े छह बजे यहां खान मार्केट में लोक नायक भवन स्थित एजेंसी के मुख्यालय पहुंचे. उनके साथ उनके समर्थक भी थे. वह रात करीब 11 बजकर 45 मिनट पर वहां से निकले. अधिकारियों ने बताया था कि धनशोधन रोकथाम कानून के तहत शिवकुमार का बयान दर्ज कर लिया गया है.

गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने कनकपुरा विधानसभा सीट से विधायक शिवकुमार की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने ईडी द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती दी थी. इसके बाद उन्हें एजेंसी के सामने पेश होना पड़ा. 

शिवकुमार ने मीडिया में कहा था कि 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान गुजरात के कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक के एक रिसॉर्ट में सुरक्षित रखने में उनकी ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ आयकर छापों और बाद में ईडी की कार्रवाई का कारण है. केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार, नई दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था. ईडी का मामला आयकर विभाग द्वारा पिछले साल बेंगलुरु की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर एक आरोपपत्र पर आधारित है जिसमें करोड़ों रुपये की कर चोरी और हवाला लेनदेन का आरोप लगाया गया था. 

मालूम हो कि लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस के बड़े नेता पी चिदंबरम फिलहाल गिरफ्तार हैं. इनके बेटे भी कार्ति चिदंबरम भी जेल जा चुके हैं. इसके अलावा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी अहमद पटेल पर भी ईडी का शिकंजा कसा हुआ है.

Unaccounted assets worth 162 crores and dozens of Kg gold recovered from former congress minister in Karnataka

The I-T officials raided the houses of Karnataka Small-Scale Industries Minister Ramesh Jarkiholi at Gokak in Belagavi district and the home-office of Congress women’s wing President Laxmi Hebbalkar at Belagavi and Bengaluru.

angluru/ Delhi

The Income Tax department has detected undisclosed assets worth over Rs 162 crore and seized Rs 41 lakh cash, besides over a dozen kg in gold and jewellery during searches on the premises of a Karnataka minister and state Mahila Congress chief.

Officials said the department has also got inputs about a number of “benami” assets and “unexplained investments” during the searches at the premises of Small Scale Industries Minister Ramesh L Jarkiholi and Mahila Congress president Laxmi R Hebbalkar in Gokak, Belgaum and here last week. The searches followed allegations of tax evasion.

Both Jarkiholi and Hebbalkar were not available for comments.

“The searches led to the admission of undisclosed income of Rs 162.06 crore and unexplained cash amounting to Rs 41 lakh, besides 12.8 kg gold and jewellery. Many people who had large incomes and investments were found not to be filing I-T returns and the probe in the case is going on,” they said.

The searches, they said, were launched on January 19 to probe allegations of tax evasion in the sugar business apparently run by groups associated with the duo.

The investigators, sources said, found “huge unexplained cash deposits” had been made in the bank accounts of their family members and associates, and in benami names in primary cooperative socities which were transferred to business entities engaged in sugar manufacturing.

“It was also detected that non-existent persons have been made share holders and investors in one of the sugar companies. Evidences of creation of bogus assets and siphoning off money from the company through various concerns engaged in turn-key projects for setting up sugar factories have also been gathered,” they said.

The IT department sources said, entry operators, people who facilitate in hawala-like transactions, were involved in making huge deposits in banks which were routed through various intermidiaries to escape the tax net.

The department has also issued summonses to a number of people allegedly involved in the case to take the probe forward, they said.

चंद्रयान – 2 ने पार किया आखिरी पड़ाव

भारत का पहला चांद का मिशन चंद्रयान-1 साल 2008 में सम्पन्न किया गया था. इस मौके पर इसरो केंद्र पर लगभग 200 वैज्ञानिक तथा अन्य कर्मी इकट्ठे थे

दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 के चांद की कक्षा में प्रवेश करने के अंतिम 30 मिनट बहुत मुश्किल भरे थे. यह कहना है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के. सिवान का. इस महत्वपूर्ण चरण के तुरंत बाद सिवान ने बताया, “अभियान के अंतिम 30 मिनट बहुत मुश्किल भरे थे. घड़ी की सुई के आगे बढ़ने के साथ-साथ तनाव और चिंता बढ़ती गई. चंद्रयान-2 के चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करते ही अपार खुशी और राहत मिली.”

यान के चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करने के बाद अधिकारियों ने उल्लेखनीय उपलब्धि पर एक-दूसरे को बधाइयां दीं. इसरो के एक अधिकारी के अनुसार, चंद्रयान-2 की 24 घंटे निगरानी की जा रही है.

सिवान ने कहा कि भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान पर भी काम चल रहा है. इसके लिए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करने का काम जारी है.

यूएपीए बिल राज्यसभा में पास

  • गैर-कानूनी गतिविधि निवारण संशोधन (यूएपीए) विधेयक, 2019 बिल राज्यसभा में भी पास हुआ
  • इसमें गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का प्रावधान, विपक्षी दल इसके विरोध में
  • गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- कब तक संगठनों पर प्रतिबंध लगाएंगे, एक के बाद दूसरा सामने आ जाता है
मैं भरोसा दिलाता हूं कि आप कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा : अमित शाह

नई दिल्ली. आतंकी गतिविधियों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए मोदी सरकार संशोधित यूएपीए बिल लेकर आई है। शुक्रवार को यह विधेयक राज्यसभा में भी पास हो गया। चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने विधेयक में संशोधन का विरोध किया। दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर आतंकवाद से समझौता करने का आरोप लगाया। गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें जवाब देते हुए कहा, ”दिग्विजय सिंह जी कह रहे हैं कि मुझे ही आतंकी घोषित कर दो। आपका गुस्सा जायज है, वे क्योंकि अभी-अभी चुनाव हारे हैं। लेकिन मैं भरोसा दिलाता हूं कि आप कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा।”

संशोधित बिल में सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति विशेष को आतंकी घोषित करने का प्रावधान शामिल किया है। दिग्विजय ने कहा कि हमें भाजपा की मंशा पर संदेह है। कांग्रेस ने कभी आतंकवाद से समझौता नहीं किया, इसीलिए यह कानून लेकर आए थे। आतंकवाद से समझौता करने वाले आप लोग हैं। भाजपा सरकार ने ही पहले रुबैया सईद और फिर मसूद अजहर को छोड़ा था।

कानून का दुरुपयोग के आरोप लगाने से पहले अपना इतिहास देखिए

गृह मंत्री ने कहा, ”इमरजेंसी के दौरान क्या हुआ था? मीडिया पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया और विपक्ष के सभी नेताओं को जेल में डाल दिया था। 19 महीने तक देश में लोकतंत्र को खत्म कर दिया गया और अब आप (कांग्रेस) हम पर कानून के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं। कृपया अपना इतिहास भी देख लीजिए। जब हम विपक्ष में थे तो 2004, 2008 और 2013 में हमने यूपीए सरकार के यूएपीए बिल को समर्थन दिया था। क्योंकि हमें लगता था कि आतंकवाद से लड़ने के लिए यह जरूरी था।”

हम सिर्फ व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के विरोध में: कांग्रेस

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, ”अगर विधेयक के संशोधन को देखें तो लगता है कि यह एनआईए को ताकतवर बनाएगा। लेकिन इसमें किसी व्यक्ति का नाम आतंकी की सूची में हटाने और जोड़ने का प्रावधान है। हम इसी का विरोध कर रहे हैं न कि गैर-कानूनी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बने कानून का। 2008 में जब मैंने गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाली तो आतंकवाद का सामना करने के लिए तीन स्तंभ- एनआईए, नेटग्रिड और एनसीटीसी बनाए थे। आज हमारे पास सिर्फ एक स्तंभ है। आपने एनआईए को छोड़कर बाकी दो के लिए क्या किया?”

कब तक संगठनों पर ही रोक लगाते रहेंगे: गृह मंत्री

अमित शाह ने चिदंबरम को जवाब दिया, ”आपने पूछा कि आतंकी गतिविधियों में लिप्त संगठनों पर प्रतिबंध है तो किसी व्यक्ति को विशेष को आतंकी घोषित करने की क्या जरूरत है। हमने संशोधन में ऐसा प्रावधान रखा है क्योंकि एक संगठन पर रोक लगाई जाती है तो कुछ व्यक्तियों के द्वारा दूसरा खड़ा कर दिया जाता है। कब तक हम संगठनों पर ही रोक लगाते रहेंगे?

एनआईए को पहले से ज्यादा अधिकार, इसलिए विरोध

बिल में नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इसमें सबसे बड़ा प्रावधान यह है कि एनआईए अब आतंकी के समर्थकों को भी आतंकी घोषित कर उनकी संपत्ति जब्त कर सकेगी। यही नहीं, अब आतंकी संगठन के साथ-साथ उस व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जा सकेगा, जो किसी न किसी रूप से आतंक को बढ़ावा दे रहा होगा। उसकी संपत्ति जब्त करने के लिए एनआईए को उससे संबंधित राज्य की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।

किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के 4 आधार होंगे

1. जो व्यक्ति आतंकी घटना को अंजाम देगा या इसमें सहयोग देगा।
2. जो व्यक्ति किसी आतंकी घटना की तैयारी कर रहा होगा।
3. जो देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले कृत्य करेगा।
4. जो व्यक्ति किसी भी तरह से आतंकवाद से जुड़ा हुआ पाया जाएगा।

विपक्ष ने लोकसभा में चर्चा के दौरान वॉकआउट किया था

लोकसभा में 24 जुलाई को बिल पर बहस के दौरान विपक्ष ने इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजनी की मांग करते हुए वॉकआउट किया था। चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सरकार लड़ती है। कौन-सी पार्टी सत्ता में हैं और बिल कौन लेकर आया, उससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए। आतंकवाद के खात्मे के लिए कड़े कानून की जरूरत है। कांग्रेस सरकार बिल लाती है तो सही, लेकिन हम संशोधन कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? हम आतंकवाद को खत्म करना चाहते हैं, संशोधित कानून से राज्यों की शक्ति कम नहीं होगी। यह कानून 1967 में कांग्रेस सरकार लेकर आई। इसके बाद आप ही ने इसमें तीन संशोधन किए।

कार्ति ओर पी चिदम्बरम की गिरफ्तारी पर रोक 9 अगस्त तक बढ़ी

कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब तक सरकारी अनुमति न लेने पर जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को फटकार लगाई थी. इस अग्रिम जमानत का ईडी और सीबीआई विरोध कर रही है. ईडी और सीबीआई का कहना है कि उसे जांच आगे बढ़ाने और आरोपियों से पूछताछ करने के लिए हिरासत चाहिए ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया जाए

नई दिल्लीः एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में दिल्ली की राॅउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर अब रोक 9 अगस्त तक बढ़ा दी है.गुरुवार को सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि कार्ति को सीबीआई और ईडी जब भी पूछताछ के लिए बुलाएगी वो जाएंगे. पी चिदम्बरम और कार्ति चिदम्बरम दोनों सांसद है. दोनों के खिलाफ कभी भी साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ का मामला नहीं आया है.

आपको बता दें कि कोर्ट इस समय कार्ति और पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है और इस अग्रिम जमानत का ईडी और सीबीआई विरोध कर रही है. ईडी और सीबीआई का कहना है कि उसे जांच आगे बढ़ाने और आरोपियों से पूछताछ करने के लिए हिरासत चाहिए ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया जाए.

कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब तक सरकारी अनुमति न लेने पर जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को फटकार लगाई थी.कोर्ट ने जांच एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर मामले की अगली सुनवाई तक चार्जशीट में दर्ज नामों के खिलाफ सरकार से कार्रवाई के लिए इजाज़त नहीं मिली तो अदालत जांच एजेंसियों की तरफ से दायर चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लेगी.पिछली सुनवाई में पी चिदंबरम पर मुकद्दमा चलाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी थी.

पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ ईडी और सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीटपर पटियाला हाउस कोर्ट को संज्ञान लेना है. ईडी और सीबीआई ने कार्ति और पी चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

एयरसेल-मैक्सिम केस में दायर हुई थी चार्जशीट

एयरसेल-मैक्सिस मामले में सीबीआई ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.चार्जशीट में कहा गया था कि पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए अपनी पावर का गलत इस्तेमालकिया.उनकेखिलाफ आईपीसी की धारा 120B और पीसी एक्ट की धारा 7, 1213 (2) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है.दरअसल, इस मामले में कुल 18 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी.जबकि ईडी ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

विधान सभा चुनावों के लिए काँग्रेस की चयन समिति से मिलने कोई भी दावेदार नहीं पहुंचा

मुंबई के महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस पार्टी के ऑफिस में इन दिनों विधानसभा की तैयारी के लिए अहम बैठकें बुलाई जा रही है. विधानसभा के लिए इच्छुक उम्मीदवारों का साक्षात्कार भी इसी ऑफिस में होना है. मुंबई में बुधवार को कांग्रेस के इच्छुक उम्मीदवारों का साक्षात्कार रखा गया था. लेकिन कोई भी मौजूदा विधायक इस साक्षात्कार के लिए नहीं आया. मुंबई के विधायक वर्षा गायकवाड, अमीन पटेल भी साक्षात्कार लिए नहीं पहुंचे. इस पूरे मामले पर अब कांग्रेस पार्टी पर्दा डालती नजर आ रही है.

मुंबईः लोकसभा चुनाव 2019 में महाराष्ट्र से सिर्फ एक सीट जीती कांग्रेस पार्टी की हालत काफी गंभीर मानी जा रही है. पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उत्सुक उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया था. लेकिन मुंबई में कोई भी विधायक इस साक्षात्कार के लिए आया नहीं. जिससे इस बात का पता चलता है कि पार्टी की हालात कितने खस्ता है और पार्टी के विधायको में कितना असमंजस और निराशा फैली है.  

मुंबई के महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस पार्टी के ऑफिस में इन दिनों विधानसभा की तैयारी के लिए अहम बैठकें बुलाई जा रही है. विधानसभा के लिए इच्छुक उम्मीदवारों का साक्षात्कार भी इसी ऑफिस में होना है. हर बार जब चुनाव आते है तो पार्टी सभी चुनाव क्षेत्र के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से अर्जी लेती है. जिसके बाद उनका साक्षात्कार होता है. जो फिलहाल विधायक चुनकर आए है वह भी इस साक्षात्कार के लिए आते है. लोकसभा की हार के बाद पार्टी में जो असमंजस की स्थिती तैयार हुई है. इसका असर दिखना अब शुरु हुआ है.

यह भी पढ़ें : 50 से अधिक विधायक भाजपा में शामिल होना चाहते हैं: महाजन

मुंबई में बुधवार को कांग्रेस के इच्छुक उम्मीदवारों का साक्षात्कार रखा गया था. लेकिन कोई भी मौजूदा विधायक इस साक्षात्कार के लिए नहीं आया. मुंबई के विधायक वर्षा गायकवाड, अमीन पटेल भी साक्षात्कार लिए नहीं पहुंचे. इस पूरे मामले पर अब कांग्रेस पार्टी पर्दा डालती नजर आ रही है.

कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष बाळासाहेब थोरात ने कहां, ‘जो विद्यमान विधायक है उनको साक्षात्कार की जरुरत नहीं है. वह कभी भी आकर अपनी बात रख सकते है. हर चुनाव क्षेत्र में पार्टी की टिकट के लिए उत्सुक उम्मीदवारों की संख्या बढी है. हम हर जिलास्तर यह साक्षात्कार लेते है. फिलहाल जो विधायक है वह अगर इस सात्क्षात्कार के लिए नही आता तो इसका मतलब यह नही है की वह चुनाव लढने के लिए उत्सुक नही है.’

पार्टी सूत्रों की मानें तो फिलहाल पार्टी संक्रमण की स्थिती से गुजर रही है. यह कहां जा रहा है की मुंबई के मालाड से पार्टी के विधायक अस्लम शेख शिवसेना में जाने की तैयारी कर रहे है. कलिना विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले कृपाशंकर सिंह ने अब तक चुनाव लड़ने के लिए तैयार होने की अर्जी भी पार्टी के पास नही भेजी है. वर्षा गायकवाड और अमीन पटेल ने भी साक्षात्कार के लिए ना आना इस बात को दर्शाता है की पार्टी में असमंजस और दुविधा बनी हुई है. 

सिर्फ मुंबई की बात करें तो इन दिनों पार्टी के पास कोई भी मुंबई अध्यक्ष नहीं है. फिलहाल पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड के पास मुंबई कार्यकारी अध्यक्ष पद का जिम्मा अस्थायी तौर पर दिया गया है. मिलिंद देवड़ा ने लोकसभा चुनाव के हार के बाद मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था.  यह हालत सिर्फ मुंबई की नहीं है. मुंबई के बाहर भी पार्टी के कई विधायकों ने फिर से चुनाव लड़ने की अपनी अर्जी नहीं भेजी है.

50 से अधिक विधायक भाजपा में शामिल होना चाहते हैं: महाजन

इसके साथ ही महाजन ने कहा है कि बीजेपी हर किसी को पार्टी में शामिल नहीं करेगी. उन्हीं विधायकों को शामिल करेगी जिनके रिकॉर्ड सही हैं. वहीं लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र से सिर्फ एक सीट जीतने वाली कांग्रेस पार्टी की स्थिति भी खराब है. पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उत्सुक उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया था, लेकिन कोई भी विधायक इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए.

मुम्बई : महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन का दावा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों के 40 विधायक भी चुनकर नहीं आएंगे. महाजन ने कहा है कि विपक्षी पार्टियों की हालत काफी गंभीर है. महाजन ने दावा किया है कि विपक्षी पार्टीयों के लगभग 50 विधायक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होना चाहते हैं.

इसके साथ ही महाजन ने कहा है कि बीजेपी हर किसी को पार्टी में शामिल नहीं करेगी. उन्हीं विधायकों को शामिल करेगी जिनके रिकॉर्ड सही हैं.

ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे ठीक पहले शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में बड़े स्तर पर भगदड़ मची है. खबर है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के कई विधायकों ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों का कहना है कि ये सभी विधायक बीजेपी में शामिल होंगे.

वहीं, लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र से सिर्फ एक सीट जीतने वाली कांग्रेस पार्टी की स्थिति भी खराब है. पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उत्सुक उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया था, लेकिन कोई भी विधायक इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए.

बागी विधायक स्पीकर के आदेशों को निरस्त करवाने पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर द्वारा अयोग्य करार दिए गए कांग्रेस – जेडीएस के अन्य 9 बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आपकों बता दें कि 25 जुलाई को तीन जबकि 28 जुलाई 14 बाग़ी विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था

ब्यूरो:

कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर द्वारा अयोग्य करार दिए गए कांग्रेस-जेडीएस के अन्य 9 बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई है. इससे पहले कांग्रेस के दो बागी विधायक रमेश जरकिहोली, महेश कुमाथल्ली और निर्दलीय विधायक आर शंकर ने मौजूदा विधानसभा के पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य ठहराने के फैसले को चुनौती दी थी. दरअसल,स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस-जेडीएस के 14 बागी विधायकों को मौजूदा विधानसभा के पूरे कार्यकाल 2023 तक के लिए अयोग्य करार दिया था.

इससे पहले भी स्पीकर तीन बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा चुके हैं. बीएस येदियुरप्पा ने दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है कुल 17 विधायकों (कांग्रेस के 13 और जदएस के तीन) को अयोग्य करार दिए जाने के बाद सदन का नया समीकरण बदल गया है. 224 सदस्यीय विधानसभा में स्पीकर को छोड़कर सदस्यों की प्रभावी संख्या 207 हो गई है. ऐसे में बहुमत का आंक़़डा 104 पर आ गया है. भाजपा के खुद 105 विधायक हैं तथा उसे एक निर्दलीय का भी समर्थन है.

25 और 28 जुलाई को अयोग्‍य घोषित हुए थे विधायक  

आपकों बता दें कि 25 जुलाई को तीन जबकि 28 जुलाई 14 बाग़ी विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था. जिनमें रमेश जारकिहोली (कांग्रेस), महेश कुमतल्‍ली (कांग्रेस), आर शंकर (निर्दलीय). कांग्रेस विधायक प्रताप गौड़ा पाटिल, शिवराम हेब्‍बर, बीसी पाटिल, बयराती बासवराज, एसटी सोमशेखर, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रोशन बेग, आनंद सिंह और मुनिरत्‍ना और जेडीएस विधायक ए एच विश्‍वनाथ, नारायण गौड़ा, के गोपालैया शामिल हैं.


अमेठी से काँग्रेस गायब, संजय सिंह ने दिया काँग्रेस से इस्तीफा

अमेठी से पहले रहुल गांधी भागे अब रही सही कसर संजय सिंह ने काँग्रेस छोड़ कर पूरी आर दी। अमेठी होगी पूरी तरह से भगवा। डॉ. संजय सिंह असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उनका कार्यकाल अभी एक साल का बचा हुआ है. इसके बावजूद उन्होंने राज्यसभा और कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया. संजय गांधी के दोस्त रहे संजय सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कांग्रेस से ही किया था, लेकिन राममंदिर आंदोलन के दौरान कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे.

नई दिल्‍ली: कांग्रेस नेता संजय सिंह ने राज्‍यसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है. चेयरमैन वेंकैया नायडू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उन्‍होंने और पत्‍नी अमिता ने कांग्रेस से भी इस्‍तीफा दे दिया है. उन्‍होंने कहा कि वह कल बीजेपी ज्‍वाइन करेंगे. संजय सिंह ने कहा कि मेरा गांधी परिवार से करीबी रिश्‍ता है और उन रिश्तों में कोई गड़बड़ी नहीं है. हमारा 40 साल से कांग्रेस से नाता है लेकिन 15-20 साल में पार्टी के भीतर जो संवादहीनता हुई, पहले कभी नहीं थी. हम दो बार लोकसभा में और दो बार राज्यसभा में रहे और ये फैसले 1-2 दिन के नहीं होते है. 

उन्‍होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में संवादहीनता है, नेतृत्‍व में शून्‍यता है. पार्टी बीते हुए कल में चल रही है और आने वाले कल से बेखबर है. उधर पीएम मोदी ने नारा दिया है- सबका साथ सबका विकास. उन्‍होंने जो कहा है, वो किया है. मुझे लगता है कि देश उनके साथ है और अगर देश उनके साथ है तो मैं भी उनके साथ हूं. अपनी आगे की योजनाओं के बारे में उन्‍होंने कहा कि मैं कल बीजेपी ज्‍वाइन करूंगा.