Youth planning blasts in kerala arrested

‘He was following speeches of the Easter blasts mastermind’

The National Investigation Agency (NIA) on Monday said it had arrested a 29-year-old resident of Palakkad in Kerala, allegedly planning a suicide attack in the State.

In a statement, the NIA said it arrested Riyas A., who goes by the aliases Riyas Aboobacker and Abu Dujana, as part of its probe into the ‘ISIS Kasargod case’ filed in July 2016 after 15 young men from the district disappeared and later joined the Islamic State — 14 in Afghanistan and one in Syria.

It said he followed the videos and speeches of the mastermind of the Easter attacks in Sri Lanka, Zahran Hashim.

‘In contact with accused’

“During interrogation, he disclosed that he had been in online contact with the absconding accused Abdul Rashid Abdulla, alias Abu Isa, for a long time and was following his audio clips, including the one he had circulated on social media platforms instigating terror attacks in India,” the NIA said. The terror accused said he was also in online contact with Abdul Khayoom, alias Abu Khalid, who is accused in the Valapattanam ISIS case and is believed to be in Syria, the NIA said.

“He said he had been following speeches/videos of Zahran Hashim of Sri Lanka and Zakir Naik. He admitted that he wanted to carry out a suicide attack in Kerala,” the NIA statement read.

It said he followed the videos and speeches of the mastermind of the Easter attacks in Sri Lanka, Zahran Hashim.

“During interrogation, he disclosed that he has been in online contact with the absconding accused Abdul Rashid Abdulla, alias Abu Isa, for a long time and has been following his audio clips, including the one he had circulated on social media platform instigating terror attacks in India,” the NIA said.

The terror accused said he was also in online contact with Abdul Khayoom, alias Abu Khalid, who is accused in the “Valapattanam ISIS case” and is believed to be in Syria, the NIA said.

“He said he has been following speeches/videos of Zahran Hashim of Sri Lanka and Zakir Naik. He admitted that he wanted to carry out a suicide attack in Kerala,” the NIA statement read.

The agency said it had received inputs about a group of four people that had been in touch with some of the accused in the IS-related cases. The NIA carried out searches at three spots — two in Kasargod and one in Palakkad district — on Sunday, it said.

“Three group members have been interrogated for their ISIS links and their plans,” the NIA said. Riyas Aboobacker would be produced before an NIA court in Kochi on Tuesday.

कुमारस्वामी ने मीडिया का बहिष्कार किया

कर्नाटक में कांग्रेस की ऑक्सिजन पर सांस लेती जेडी(एस) के कुमारस्वामी ए बार फिर मीडिया से भीड़ गए हैं। यह पहली बार नहीं है कि उन्होने मेडिया का बाहिष्कार किया हो पिछले साल भी उन्होने मीडिया का बहिष्कार इया था उस समय कारण साफ नहीं थे परंतु इस बार वह अपने बेटे को तवज्जो न दिये जाने से नाराज़ बताए जाते हैं।

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने रविवार को कहा कि वह मीडिया का ‘बहिष्कार’ कर रहे हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि वह मांड्या लोकसभा चुनाव के कवरेज को लेकर मीडिया से नाराज हैं जहां से उनके बेटे निखिल गौड़ा उम्मीदवार हैं. कुमारस्वामी ने कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल से यहां मुकालात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, “मैं आपका बहिष्कार कर रहा हूं.” उन्होंने कहा, “आप अपनी स्टोरी के लिए जो चाहते हैं वह करिए.जाइए करिए.जाइए आनंद लीजिए.” उनके इस गुस्से की वजह पूरी तरह साफ नहीं थी लेकिन सूत्रों का कहना है कि वह मांड्या लोकसभा चुनाव की मीडिया कवरेज से नाराज हैं.

यहां से उनके बेटे निखिल को जद(एस) की टिकट पर निर्दलीय उम्मीदवार एवं बहुभाषी अभिनेत्री सुमालता अंबरीश के खिलाफ उतारा गया है. इस सीट पर मुकाबले को बेहद दिलचस्प माना जा रहा है. 
इस सीट की चुनावी दौड़ में कुमारस्वामी ने कई बार मीडिया पर हमला बोल उस पर सुमालता का समर्थन करने का आरोप लगाया है.

यह पहला मौका नहीं है जब मुख्यमंत्री ने मीडिया के बहिष्कार की बात कही है. पिछले साल नवंबर में कुमारस्वामी ने कहा कि वह प्रेस से “किसी भी कारण” से बात नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा था कि वह मीडिया को जो वह मंच से बोलते हैं बस वही दिखाने तक सीमित कर देंगे.

कुमारस्वामी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि मीडिया केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिखाती है क्योंकि वह कैमरा के सामने आने से पहले चेहरे पर चमक लाने के लिए “मेकअप” करवा लेते हैं.

साध्वी प्रज्ञा को मसूद को भी श्राप देना चाहिए: दिग्विजय

दिग्विजय सिंह ने साध्वी के करकरे को दिये श्राप वाले बयान पर तंज़ कसा है। तो ऐसे में वह श्राप को ले कर भी असमंजस में हैं। वह किसी की पीड़ा में भी आनंद लेते हैं। मान भी लेते हैं की श्राप होते हैं और लगते भी हैं तो वह यह क्यों भूलते हैं की राजा दशरथ को पुत्र वियोग का श्राप कब फलीभूत हुआ था।

नई दिल्‍ली : कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और भोपाल लोकसभा सीट से पार्टी के प्रत्‍याशी दिग्विजय सिंह ने बीजेपी प्रत्‍याशी साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर पर निशाना साधा है. शनिवार को दिग्विजय सिंह ने भोपाल में कहा कि अगर साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर पाकिस्‍तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के सरगना मसूद अजहर को श्राप दे देतीं तो पाकिस्‍तान में सर्जिकल स्‍ट्राइक की जरूरत नहीं पड़ती.

कांग्रेस प्रत्‍याशी दिग्विजय सिंह ने भोपाल में चुनावी रैली के दौरान अपनी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी प्रत्‍याशी साध्‍वी प्रज्ञा के विवादित बयान को लेकर उन पर हमला बोला. दरअसल साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर ने पिछले दिनों विवादित बयान दिया था कि उन्होंने महाराष्‍ट्र एटीएस चीफ शहीद हेमंत करकरे को श्राप दिया था. हेमंत करकरे 2008 के मंबई आतंकी हमले में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे.

उन्‍होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सब भाई हैं. आजकल ऐसी चर्चाएं फैलाई जा रही हैं कि हिंदुओं को एकजुट हो जाना चाहिए. क्‍योंकि वे खतरे में हैं. मैं ऐसी चर्चाएं करने वाले लोगों से कहना चाहता हूं कि इस देश पर मुस्लिमों ने करीब 500 साल राज किया है. उस दौरान किसी भी तरह की हानि नहीं हुई. लोगों को धर्म बेचने वाले लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.

भगौड़ा घोषित करना आर्थिक मृत्युदंड है: मलल्या

अब जब प्रत्यार्पण रोकने के सारे हथकंडे विफल हो चुके हैं और माल्या लंदन कोर्ट को हर तरह से समझाने में नाकामयाब रहे हैं तब उन्होने मुंबई उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है की वह तो मात्र तंत्र के शिकार हैं। उन्हे तो एक तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। सभी इल्ज़ाम बेबुनियाद हैं। परंतु जब वह लंदन कोर्ट द्वारा भारतीय जेलों की दशा पुछवा रहे थे तब उन्हे इस बात का एहसास नहीं था। तब उन्होने ज़ोर देकर क्यूँ नहीं कहा की वह निर्दोष हैं और भारत में एक सम्मानित व्यापारी की भांति उन्हे सफाई रखने और सभी विसंगतियों को दूर करने का मौका मिले?

मुंबई: 

संकट का सामना कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि विशेष अदालत द्वारा उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करना और उसकी संपत्ति को कुर्क करने की अनुमति देना आर्थिक रूप से मृत्युदंड देने जैसा है. माल्या ने अपने वकील अमित देसाई के जरिए न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ के समक्ष यह बयान दिया. पिछले साल अगस्त में वजूद में आए भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के कई प्रावधानों को चुनौती देने वाली माल्या की याचिका के दौरान वकील ने यह दलील दी.

माल्या ने अपने वकील के जरिए कहा, ‘‘ऐसे कर्ज पर मेरा ऋण और ब्याज बढ़ रहा है. मेरे पास इन कर्जों को चुकाने के लिए संपत्ति है लेकिन सरकार ने कर्ज चुकाने के लिए इन संपत्तियों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी . मेरी संपत्ति पर मेरा नियंत्रण नहीं है.’’ माल्या के वकील ने कहा, ‘‘इस तरह मुझे आर्थिक मृत्युदंड दिया गया है.’’ 

लोकतन्त्र के महापर्व के 3सरे चरण की 117 सीटों पर मतदान आज

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा. तीसरे चरण की 117 सीटों में से बीजेपी का लक्ष्य अपनी 62 सीटों को बचाने का होगा. पार्टी ने 2014 मे इन सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं विपक्षी दल बीजेपी से ये सीटें छीनना चाहेंगे. यह चरण बीजेपी और कांग्रेस के लिए काफी अहम है.  

नई दिल्ली: देश में सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा. इस चरण के साथ गुजरात, केरल, गोवा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, असम, दादर नागर हवेली और दमन-दीव की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा. तीसरे चरण की 117 सीटों में से बीजेपी का लक्ष्य अपनी 62 सीटों को बचाने का होगा जहां पार्टी ने 2014 मे जीत हासिल की थी. इसलिए यह चरण बीजेपी के लिए काफी अहम है.

तीसरे चरण में बीजेपी और कांग्रेस, दोनों दलों के प्रमुख चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहली बार लोकसभा चुनाव में उतर हैं. वह गांधीनगर से पार्टी के प्रत्याशी हैं, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस चरण में केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार हैं. पिछले चुनाव में इनमें से 16 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे, जबकि अन्य सीटें बीजद (6), माकपा (7), राकांपा (4), समाजवादी पार्टी (3), शिवसेना (2), राजद (2), एआईयूडीएफ (2), आईयूएमएल (2), लोजपा (1), पीडीपी (1), आरएसपी (1), केरल कांग्रेस-एम (1), भाकपा (1), स्वाभिमानी पक्ष (1), तृणमूल कांग्रेस (1) और निर्दलीय (3) की झोली में गई थीं.

गुजरात में बीजेपी की परीक्षा
इस बार बीजेपी की परीक्षा उसका गढ़ रहे गुजरात में होगी. प्रदेश की सभी 26 लोकसभा सीटों पर अज मतदान होगा. इसके अलावा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की परीक्षा होगी जहां पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में उसका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. बीजेपी ने इस चरण में मतदान वाली सीटों पर 2014 में गुजरात की सभी 26 सीटों, कर्नाटक की 14 में से 11 सीटों और उत्तर प्रदेश की 10 सीटों में से आठ पर, छत्तीसगढ़ की सात में से छह सीटों पर, महाराष्ट्र की 14 में से छह सीटों पर, गोवा की दोनों सीटों पर और असम, बिहार, दादर नागर हवेली और दमन-दीव की एक-एक सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी के सामने अपनी सीटों को बचाए रखने की चुनौती है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य होने के कारण बीजेपी इस बार भी गुजरात की सभी सीटों पर जीत हासिल करने की उम्मीद लगाए बैठी है. लेकिन, कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी को कड़ी चुनौती थी, इसलिए कांग्रेस भी 10 से 15 सीटों पर इस बार जीत की उम्मीद कर रही है. गुजरात के तीन युवा नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी ने विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनाने में मदद की थी, लेकिन इस बार वे चुनाव की दौड़ में शामिल नहीं हैं. पाटीदार नेता पटेल पिछले महीने कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन दंगा से संबंधित मामले में अभियुक्त होने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ पाए, जबकि ठाकोर ने इसी महीने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया. 

तय होगी यादव परिवार की किस्मत
समाजवादी पार्टी का गढ़ रहे मैनपुरी, बदायूं और संभल लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होने जा रहा है और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन होने के बाद इन क्षेत्रों में सपा की संभावना को मजबूती मिली है. यह भी एक राय है कि कांग्रेस भी बीजेपी का ही वोट काटेगी. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव फिरोजाबाद से अपने भतीजे व सपा उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं और वह सपा-बसपा गठबंधन के विरोध में लोगों को वोट करने कह रहे हैं. सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं.

कर्नाटक में बीजेपी को मिल रही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से कड़ी चुनौती
कर्नाटक में मंगलवार को जिन 14 सीटों पर मतदान हो रहा है, वहां बीजेपी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन उसे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है. उधर, बीजेपी को उत्तर प्रदेश में भी तीसरे चरण में यादव बहुल इलाके में कड़ी चुनौती मिल रही है. 

महाराष्ट्र में तीसरे चरण में बारामती, माधा, कोल्हापुर और सतारा समेत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के गढ़ में मतदान हो रहा है. राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले बारामती से चुनाव मैदान में हैं. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने अपनी सभी मौजूदा सांसदों को बदल दिया है. पार्टी को प्रदेश में 15 साल बाद पिछले साल सत्ता में वापस आई कांग्रेस से चुनौती मिल रही है. 

मधेपुरा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष
बिहार में इस चरण में जिन क्षेत्रों में चुनाव हो रहा है उनमें से बीजेपी को 2014 में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी और पार्टी इस बार भी इनमें से एक ही सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) तीन सीटों पर और लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, महागठबंधन में शामिल आरजेडी तीन सीटों पर जबकि कांग्रेस और विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही हैं. मुख्य मुकाबला मधेपुरा में है जहां वर्तमान सांसद पप्पू यादव (पिछली बार राजद के टिकट पर) इस बार अपने ही दल जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं और उनके खिलाफ आरजेडी उम्मीदवार शरद यादव चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एनडीए में शामिल जेडीयू के टिकट पर दिनेश चंद्र यादव चुनाव मैदान में हैं. मधेपुरा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष है. 

क्या पुरी में खिलेगा कमल
ओडिशा के पुरी लोकसभा क्षेत्र में भी त्रिकोणीय संघर्ष है जहां तीन प्रमुख दलों के प्रवक्ताओं के बीच लड़ाई है. वर्तमान सांसद और बीजू जनता दल (बीजद) प्रवक्ता पिनाकी मिश्र का मुकाबला बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा से है, जबकि कांग्रेस के मीडिया सेल अध्यक्ष सत्यप्रकाश नायक भी चुनावी मैदान में हैं. असम में चार लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होगा जहां कांग्रेस और ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर बीजेपी के विरोध का लाभ मिलने की उम्मीद है.

केरल में राहुल गांधी वायनाड लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं. प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों में से आठ पर पार्टी ने 2014 में जीत दर्ज की थी और उसके सहयोगियों ने भी कुछ सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी भी केरल में चार सीटों पर जीत की उम्मीद लगा रही है. पश्चिम बंगाल में बहुकोणीय संघर्ष है जहां तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस अपने-अपने दावे ठोंक रहे हैं.

Serial blasts claims more than 130 in Sri Lanka

A series of explosions were reported at three churches and two five-star hotels in Sri Lanka’s Colombo on Sunday. At the time of the explosions, Christian faithful were praying at the churches on the occasion of Easter.

According to reports, there have been a total of six blasts. Reports say that at least 130 people have been killed. Over 300 have been injured and taken to hospitals.

Reports say that foreign tourists were among the dead.

The blasts took place at the St. Anthony’s Church in Kochchikade in Colombo, the St. Sebastian’s Church in Katuwapitiya in Katana and a third in Batticaloa.

Sri Lankan media reports that two of the explosions occurred at the same time at around 8:45 am.

The hotels which were hit by explosions are the Shangri-La Hotel and Cinnamon Grand Hotel. Police say that the Kingsbury Hotel in the capital, too, was hit.

Cinnamon Hotels@CinnamonHotels

It is with deep regret that we wish to inform that an explosion occurred in a restaurant located on the ground floor of the @CinnamonGrandC earlier today.5312:22 PM – Apr 21, 2019Twitter Ads info and privacy58 people are talking about this

Unconfirmed reports suggest that two more explosions have taken place at Town Hall Red Cross building and Viharamadevi park.

Photos circulating on Twitter show rubble from tiles of the roof of St Anthony’s church and a disoriented congregation. The explosion apparently happened inside the church during the Easter mass.

St Sebastian Church has appealed for help on its Facebook page.

Police have cordoned off all the sites where the explosions took place. It is not clear what triggered the explosions but Sri Lankan security officials said they were checking for details.

The military has been called in to guard the churches and the hotels.

Initial reports suggest that church-goers may have been specifically targeted on the occasion of Easter. The Sri Lankan police are yet to issue an official statement.

Sri Lankan President Maithripala Sirisena called for calm in a statement issued by his office. Reports say that Prime Minister Ranil Wickremesinghe is chairing an emergency meeting.

Finance Minister Mangala Samaraweera said on Twitter the attacks appeared to be a “well-co-ordinated attempt to create murder, mayhem and anarchy” and had killed “many innocent people”.

Mangala Samaraweera✔@MangalaLK

Easter Sunday bomb blasts in churches & hotels, killing many innocent people seems to be a well coordinated attempt to create murder,mayhem & anarchy.All those who cherish democracy,freedom & economic prosperity must unite now with nerves of steel to defeat this heinous attempt.38510:49 AM – Apr 21, 2019Twitter Ads info and privacy186 people are talking about this

PM Modi expresses grief

Prime Minister Narendra Modi condemned the blasts and said that India stands in solidarity with the people of Sri Lanka.

“Strongly condemn the horrific blasts in Sri Lanka. There is no place for such barbarism in our region. India stands in solidarity with the people of Sri Lanka. My thoughts are with the bereaved families and prayers with the injured,” the PM wrote on Twitter.

Strongly condemn the horrific blasts in Sri Lanka. There is no place for such barbarism in our region. India stands in solidarity with the people of Sri Lanka. My thoughts are with the bereaved families and prayers with the injured.33.7K12:48 PM – Apr 21, 2019Twitter Ads info and privacy10.5K people are talking about this

The Congress, too, expressed grief.

“We are deeply saddened by the terrible attacks on several churches in #SriLanka on the holy day of Easter. We stand with the people in their time of grief & pray for their recovery,” the party said in a tweet.

We are deeply saddened by the terrible attacks on several churches in #SriLanka on the holy day of Easter. We stand with the people in their time of grief & pray for their recovery.2,34211:39 AM – Apr 21, 2019Twitter Ads info and privacy742 people are talking about this

External Affairs Minister Sushma Swaraj said that she is in constant touch with Indian High Commissioner in Colombo. The High Commission also released phone numbers where Indian citizens can approach for any assistance

Dr. Sudha & Dr.K. Sivan to be honoured with Vigyan Rattan and Honoris Causa

Purnoor, Chandigarh April 21, 2019

      A meeting of the Syndicate and the special meeting of Senate of Panjab
University, Chandigarh, held here today considered the recommendations with regard to conferment of Degree (Honoris Causa) and award of Vigyan Rattan on the following persons:- 
1.      Dr. Sudha N. Murty, Trustee Infosys Foundation, Bangalore- D.Litt. (Honoris Causa)
2.      Dr. K. Sivan, Chairman, ISRO & Secretary, Department of Space, Bangalore- Vigyan Rattan

The Syndicate unanimously approved the above and the same was approved by the Senate also. 

कांग्रेस का ‘न्याय’ अब न्यायालय में, 2 हफ्तों में मांगा जवाब

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना (न्याय) को लेकर पार्टी को शुक्रवार को नोटिस जारी किया. इस जनहित याचिका में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र से न्यूनतम आय की गारंटी के वादे को हटाने की मांग की गई है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जिस याचिक को स्वीकार किया है वह याचिका बहुत साल पहले ही स्वत: संगयान से ले ली जानी चाहिए थी। लैपटाप, साइकल, राशन, कर्जा माफी इत्यादि। 72000 हों या मुफ्त राशन पानी, यह सब बंद होना चाहिए। न्यायालय का यह स्वागत योग्य कदम है, बस यह वकीलों की बहस ही में न उलझ कर रह जाये।

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना (न्याय) को लेकर पार्टी को शुक्रवार को नोटिस जारी किया. इस जनहित याचिका में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र से न्यूनतम आय की गारंटी के वादे को हटाने की मांग की गई है.

जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस राजेंद्र कुमार की पीठ ने अधिवक्ता मोहित कुमार और अमित पांडेय द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया. अदालत ने कांग्रेस पार्टी और चुनाव आयोग को दो सप्ताह के भीतर अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. 

अदालत ने पूछा- इस तरह की घोषणा वोटरों को रिश्वत देने की कैटगरी में क्यों नहीं? क्यों न पार्टी के खिलाफ पाबंदी या दूसरी कोई कार्रवाई की जाए, अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी जवाब मांगा, कांग्रेस पार्टी और चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया, अदालत ने माना कि इस तरह की घोषणा रिश्वतखोरी व वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश है. 

याचिकाकर्ता की दलील थी कि चुनावी घोषणा पत्र में 72,000 रुपये न्यूनतम आय की गारंटी का वादा रिश्वत के समान है और यह जन प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है. एक राजनीतिक दल इस तरह का वादा नहीं कर सकता क्योंकि यह कानून और आचार संहिता का उल्लंघन है. इस याचिका में अदालत से चुनाव आयोग को निर्देश जारी कर कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र से न्यूनतम आय की गारंटी का वादा हटवाने का अनुरोध किया गया है. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 मई तय की. 

भाजपा अपना दक्षिणदुर्ग कैसे बचा पाएगी?

विधानसभा चुनावों में प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी भाजपा को एक बार फिर से कर्णाटक में अपना परचम लहराने की उम्मीद है। गांधी-देवेगौड़ा गठबंधन में हमेशा ही अविश्वास की स्थिति, इस विचार को बल देती है। गणित और भी हैं…..

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल को हो रहा है. दूसरे और तीसरे चरण में दक्षिण के एक महत्वपूर्ण राज्य कर्नाटक में वोटिंग होनी है. दक्षिण में यही इकलौता राज्य है जहां बीजेपी न सिर्फ अपने दम पर सरकार बना चुकी है, बल्कि यह दक्षिण में उसका प्रवेश द्वार कहलाता है. पिछले साल मई में यहां विधानसभा चुनाव हुआ था जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और एच डी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर अलग-अलग लड़े थे. उस समय बीजेपी बहुमत से मामूली अंतर से चूक गई और कांग्रेस जेडीएस ने मिलकर सरकार बना ली. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जेडीएस गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन गठबंधन के बावजूद बीजेपी को उम्मीद है कि कर्नाटक का उसका गढ़ बचा रहेगा.

इसकी एक वजह तो यह है कि कर्नाटक में बीजेपी न सिर्फ इस विधानसभा चुनाव में हारी बल्कि पिछला विधानसभा चुनाव भी हारी थी, लेकिन विधानसभा हारने के बावजूद लोकसभा में उसकी ताकत कम नहीं हुई. बीजेपी को लोकसभा 2014 में कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 17 सीटें मिली थीं. इससे पहले जब 2004 और 2009 में देश में कांग्रेस की सरकार बनी तब भी बीजेपी को यहां क्रमश: 18 और  19 लोकसभा सीटें मिलीं. यानी खराब दौर में भी बीजेपी का यह गढ़ कायम रहा.

लेकिन सवाल यह है कि गठबंधन के बावजूद गढ़ कैसे बचेगा. ऐसे में 2014 में हुए लोकसभा चुनाव परिणाम का विश्लेषण करें, तो कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन विरोधाभासी असर डालता नजर आएगा. एक तरफ यह गठबंधन के वोट बैंक में खासी बढ़ोतरी दिखाएगा, तो दूसरी तरफ सीटों का इजाफा न के बराबर होगा.

क्या है कर्नाटक का लोकसभा का गणित
लोकसभा में कर्नाटक से 28 सीटें आती हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी को 17, कांग्रेस को 9 और जेडीएस को 2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. तब बीजेपी को 43.37 फीसदी, कांग्रेस को 41.15 फीसदी और जेडीएस को 11.07 फीसदी वोट मिले थे. अगर कांग्रेस और जेडीएस के वोट जोड़ लें तो यह 52 फीसदी से अधिक हो जाता है.

पिछले लोकसभा चुनाव का परिणाम देखें, तो पता चलता है कि कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से सिर्फ मैसूर इकलौती लोकसभा सीट है, जहां अगर जेडीएस और कांग्रेस साथ आते तो बीजेपी के हाथ से यह सीट निकल जाती.

जेडीएस की इलाकाई ताकत बनी गठबंधन की कमजोरी
देखने में यह अजीब लग सकता है कि 52 फीसदी वोट पाने वाला गठबंधन बीजेपी को इतना कम नुकसान कैसे पहुंचा रहा है. इसे आंकड़ों से समझने से पहले जरा एक उदाहरण से समझें. कर्नाटक में जेडीएस मुख्य रूप से मैसूर और आसपास के इलाके की पार्टी है और उसका कोर वोटर वोक्कालिगा है. जेडीएस अपने कोर वोटर के साथ मुस्लिम वोटर को मिलाकर जीत हासिल करती हैं. जब इसका मुस्लिम वोटर कहीं और चला जाता है तो यह धरातल पर आ जाती हैं.

जेडीएस बीजेपी से लड़ती ही नहीं तो हराएगी कैसे
जेडीएस के साथ सबसे बड़ी बात यह है कि वह अपने प्रभाव वाले इलाके में कांग्रेस से ही मुकाबला करती है. दिलचस्प बात यह है कि इन इलाकों में बीजेपी का खास असर नहीं है. यानी अगर गठबंधन न हो तो इन इलाकों की सीटें कांग्रेस और जेडीएस के बीच बंटेंगी. वहीं गठबंधन हो गया तो दोनों पार्टियां राजीखुशी यही सीटें आपस में बांट लेंगी. चूंकि बीजेपी इस इलाके में है ही नहीं इसलिए उसे नुकसान होने का खास सवाल नहीं उठता.

उधर, जहां बीजेपी मजबूत है, वहां जेडीएस का मामूली असर है. इन इलाकों में जेडीएस के पास निर्णायक वोट नहीं है. ऐसे में गठबंधन होने के बावजूद वह बीजेपी से लड़ने में कांग्रेस की मदद नहीं कर सकती. यहां जो करना है कांग्रेस को अपने दम पर करना है.

9 लोकसभा सीट पर जेडीएस का असर, सीधी लड़ाई कांग्रेस से
पिछले लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की 28 में से जो 17 सीटें बीजेपी ने जीतीं, उनमें मैसूर सीट पर बीजेपी को 43.45 फीसदी, कांग्रेस को 40.73 फीसदी और जेडीएस को 11.95 फीसदी वोट मिले थे. यहां कांग्रेस और जेडीएस के वोट मिला लें तो कांग्रेस यह सीट बीजेपी से छीन सकती है. अगर बीजेपी की जीती बाकी सीटें देखें तो शिमोगा में जेडीएस को 21.49 फीसदी वोट मिले थे. यहां भी कांग्रेस और जेडीएस के कुल वोट मिलाकर बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा के वोटों का मुकाबला नहीं कर पाते. बीजेपी की जीती बाकी सीटों में जेडीएस कहीं भी इतने वोट नहीं पा सकी, कि उन्हें कांग्रेस के वोटों में जोड़ दिया जाए तो कांग्रेस जीत जाए.

जेडीएस ने जिन सीटों पर अच्छे वोट पाए वे थीं- चित्रदुर्ग, तुमकुर, बेंगलुरू रूरल, चिक्कबालपुर और कोलार. लेकिन ये सारी सीटें पिछले चुनाव में कांग्रेस ने ही जीती थीं. यानी इस सीटों पर गठबंधन का वोट तो बहुत बढ़ जाएगा, लेकिन सीटों की संख्या वहीं रहेगी. पिछले चुनाव में जेडीएस ने दो सीटें जीती थीं- हासन और मांड्या, लेकिन इन सीटों पर भी उसने बीजेपी नहीं, कांग्रेस को हराया था. इन सीटों पर बीजेपी का वोट इतना कम है कि वह कहीं रेस में ही नहीं है. इस तरह देखा जाए तो जेडीएस के प्रभाव वाली 9 में से 8 सीटें पहले ही गठबंधन के पास हैं. ले-देकर मैसूर ही बचती है, जिसका परिणाम गठबंधन बदलेगा.

खिसकता वोट बैंक है बीजेपी की असली चिंता
अब तक के विश्लेषण से इतना साफ है कि गठबंधन से वोट तो खूब बढ़ेंगे, लेकिन सीटें नहीं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बीजेपी को लोकसभा में कर्नाटक से झटका लगने की कोई आशंका नहीं है. दरअसल 2014 लोकसभा चुनाव में 43.37 फीसदी वोट पाने वाली बीजेपी 2018 के विधानसभा चुनाव में महज 36 फीसदी वोट पा सकी. इस तरह चार साल में बीजेपी ने 7 फीसदी से अधिक वोट गंवा दिया है.

बीजेपी के लिए सबसे बड़ी तकलीफ यह है कि यह वोट उसने कांग्रेस के हाथों गंवाया है. यानी बीजेपी के प्रभाव वाले इलाकों में जब कांग्रेस बीजेपी आमने-सामने आएंगी तो कांग्रेस 2014 की तुलना में बेहतर स्थिति में होगी. दूसरी तरफ कांग्रेस का वोट भी लोकसभा 2014 के 41.15 फीसदी से घटकर 2018 में 38 फीसदी रह गया है. लेकिन कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि उसने अपना वोट बीजेपी नहीं, जेडीएस के हाथ गंवाया है.

जेडीएस को लोकसभा में 11 फीसदी वोट मिला था जो विधानसभा चुनाव में बढ़कर 18 फीसदी हो गया. यानी कांग्रेस जो गंवाएगी वह अपनी दोस्त जेडीएस के लिए गंवाएगी यानी कुल मिलाकर कोई घाटा नहीं है. जेडीएस के साथ एक बात और है कि क्षेत्रीय पार्टी होने के कारण हर बार विधानसभा में उसका वोट बढ़ जाता है और लोकसभा में घट जाता है. इसीलिए विधानसभा में वह 40 सीट तक पहुंच जाती है, जबकि लोकसभा में दो सीट से ऊपर नहीं बढ़ पाती.

ऐसे में यह उलझा हुआ गठबंधन बीजेपी के किले को वाकई ढहा पाएगा, ऐसा दिखाई नहीं देता.

Kanimozhi house raided IT officials said it was ‘false tip’

CHENNAI: 

Amid allegations of a huge cash-for-votes racket in Tamil Nadu, officials of the Income Tax department visited the house of DMK leader Kanimozhi this evening to “verify allegations of cash being stashed there,” sources said.  Kanimozhi, DMK lawmaker and the sister of party chief MK Stalin, is the candidate for the Tuticorin seat. It was alleged that “lots of cash” was stashed on the first floor of her house in Thoothukudi, sources said. IT sources, however, said later that it was a “false tip” and they drew a blank. No case has been registered.

“Crores and crores of rupees are kept in the house of Tamilisai Soundararajan’s (state BJP chief) residence, why no raids there? Modi is using IT, CBI, judiciary and now Election Commission to interfere in the elections. They are doing this as they fear losing,” DMK chief Stalin said.

Elections for the state’s 39 Lok Sabha seats and 18 assembly seats will be held on Thursday, during the second phase.

In the run-up to the polls, a string of raids have been held in the state, in which around Rs. 500 crore — in illegal cash and gold — has been seized.

Today, in a first, election for the Vellore Lok Sabha seat was cancelled following recovery of huge cash from alleged associates of DMK candidate Kathir Anand, the son of DMK treasurer Durai Murugan.

On March 30, tax officials raided Durai Murugan’s residence and allegedly seized Rs. 10.50 lakh. Two days later, they claimed to have seized Rs. 11.53 crore from a cement godown belonging to an associate of the DMK leader.

Last week, tax department officials conducted searches at 18 locations in the state. The list of sites included state capital Chennai, Namakkal and Tirunelveli. Most of the searches were on properties owned by opposition leaders.

Tax raids on opposition leaders have become one of the key issues in the ongoing elections, with most leaders accusing the BJP of targeting political rivals through government agencies.

DMK spokesperson A Saravanan called it “a murder of democracy and a sick joke”. He added, “This is not an embarrassment for us, but this will backfire and the sympathy this would generate will make the DMK win all seats”.

Though 204 crore unaccounted cash has been recovered in Tamil Nadu ahead of polls, the Income Tax officials have not named any political party or candidates with regard to the remaining 190 crore cash.

A senior officer told newsmen “We are investigating their political affiliation”.