IAS महिला अधिकारी ने सीनियर IAS अधिकारी पर लगाए यौन शोषण के आरोप

चंडीगढ़।

IAS महिला अधिकारी ने पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सुनील गुलाटी ने उनकी रविवार को जबरन रोहतक एक कार्यक्रम में ड्यूटी लगाई है ताकि वे वहां पर शोषण कर सकें। महिला IAS ने 1000 शब्दों से अधिक उनके साथ हो रहे उत्पीड़न की दास्तां फेसबुक पर पोस्ट की है। उधर सुनील गुलाटी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि यह महिला अधिकारी रोहतक में कार्यक्रम में शिरकत ही नहीं करना चाहती थी, इस लिए अनाप-श्नाप आरोप लगा रही हैं। 

पढ़ें फेसबुक पर शेयर की गई पोस्ट में महिला अफसर  की  आपबीती…

नमस्कार।

मैं आप सभी को मेरे हो रहे यौन शोषण बारे सूचित करना चाहती हू। मैंने दिनांक 09 मई 2018 से अतिरिक्त सचिव, पशुपालन विभाग, हरियाणा सरकार, चंडीगढ़ पद का कार्यभार ग्रहण किया था। विभाग में मेरे उच्च अधिकारी श्री सुनील के गुलाटी जी, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पशुपालन विभाग, हरियाणा सरकार हैं।

मेरे उच्च अधिकारी श्री सुनील के गुलाटी जी एवं इनके साथियों द्वारा मेरा यौन शोषण किया जा रहा है। मैं आपके साथ कुछ पत्र साझा कर रही हूं जो मैंने माननीय राष्ट्रपति महोदय भारत गणराज्य कार्यालय की सरकारी वेबसाईट पर उपलब्ध ईमेल व माननीय भारत सरकार कार्यालय की सरकारी वेबसाइट ‘मेरी सरकार’ पर उपलब्ध ईमेल पर विभिन्न तिथियों पर भेजे हैं।

1) श्री सुनील के गुलाटी जी ने दिनांक 22 मई 2018 को मुझे अपने कार्यालय कमरे में दोपहर को बुलाया और मुझसे पूछा कि तुम्हारा मोबाइल कहां है। मोबाइल मेरे बैग में था। इसके बाद श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे धमकाया और मुझसे कहा ‘ देखो मैं तुम्हें समझा रहा हूं, अगर एक बार में समझ जाओगी तो तुम्हारे लिए अच्छा होगा, नहीं तो सारी नौकरी में परेशानी रहेगी। तुम फाइलों पर ये सब क्यों साफ साफ लिखती हो के विभाग ने क्या क्या गलत किया है। जो तुम फाइल पर लिखती हो उसे मैं हमेशा रद्द कर सकता हूं, लेकिन तुम्हें इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। मैं तुम्हारी धज्जियां उड़ा दूंगा। अगर तुम फाइलों पर नोटिंग पर टिप्पणी लिखना बन्द नहीं करोगी, तो मैं तुम्हारे खिलाफ शिकायत कर दूंगा, और अगर मैं तुम्हारे खिलाफ शिकायत कर दूंगा, तो तुम्हें परेशानी हो जायेगी। मैं दो महीने में तुम्हारा इस विभाग से तबादला करवा दूंगा। तुम फाइलों पर जो लिखती हो वह सब पूरी तरह बकवास है। अगर तुमने फाइलों पर टिप्पणी लिखनी बन्द नहीं कीं तो सारी नौकरी में तुम्हें ‘बाधा डालने वाली’ का तमगा मिल जाएगा।

2)दिनांक 18 मई 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में सांय 5 बजकर 40 मिनट पर बुलाया और रात 7.30 बजे तक मुझे अपने कमरे में बैठाए रखा।

3)दिनांक 21 मई 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में सांय 5 बजे पर बुलाया और रात 8 बजे तक मुझे अपने कमरे में बैठाए रखा।

4)दिनांक 31 मई 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में दोपहर में बुलाया और अपने स्टाफ को निर्देश दिये कि किसी अन्य व्यक्ति को कमरे के अन्दर ना आने दें। श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे पूछा कि ‘मुझे बताओ कि तुम किस तरह का काम करना चाहती हो, तुम ‘टाइमपास’ का कार्य करना चाहती हो या तुम कार्यालय का काम करना चाहती हो। मैं तुम्हें वही काम दूंगा जो तुम करना पसन्द करोगी।’ श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे धमकाया कि ‘ फाइलों पर नोटिंग पर तुम कोई टिप्पणी नहीं लिखा करो और तुम सिर्फ अपने हस्ताक्षर किया करो। अगर तुम फाइलों पर नोटिंग पर टिप्पणी लिखोगी तो मैं तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट खराब लिख दूंगा।’ श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे धमकाया कि ‘ऐसे टिप्पणी फाइलों की नोटिंग पर लिखोगी तो कोई तुम्हें उल्टा टांग देगा, तुम्हारी मंजी ठोक देगा। हम लोग माफी नहीं देते हैं। मैं तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट ठोक दूंगा। मैं अभी तुम्हें मौखिक तौर पर कह रहा हूं।मैं तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में लिखकर तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट ख़राब कर दूंगा। कितनी मेहनत करके तुम आईएएस बनी हो, सब खराब हो जाएगा।’

5)श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे कहा ‘ जब कोई नयी दुल्हन आती है घर में तो उसे समझाना पड़ता है, मैं तुम्हें समझा रहा हूं।

6)श्री सुनील के गुलाटी जी का व्यवहार बहुत ही अमर्यादित एवं अनैतिक है।

7)दिनांक 06 जून 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में सांय 5 बजे बुलाया और रात 7.39 बजे तक मुझे अपने कार्यालय कमरे में बैठाए रखा। मैं श्री सुनील के गुलाटी जी के सामने मेज के दूसरे ओर पर बैठी हुई थी, श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे कहा के ‘उठकर मेरी ( श्री सुनील के गुलाटी जी की) कुर्सी के नज़दीक आओ’। मै उठकर मेज के दूसरी तरफ़ पहुंची, तो श्री सुनील के गुलाटी जी मुझे कम्प्यूटर चलाना सिखाने का बहाना करने लगे। मैं बहुत जल्दी करके वापस अपनी कुर्सी पर वापस पहुँची। थोड़ी देर बाद श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे कहा ‘तुम्हारे पास सरकारी गाड़ी है, शनिवार को उठो और घूम फिर आया करो’। थोड़ी देर बाद श्री सुनील के गुलाटी जी अपनी कुर्सी पर से खड़े हुए और कोई काग़ज़ ढूंढने का बहाना करते हुए मेरी कुर्सी के बिल्कुल करीब आ गए और मेरी कुर्सी को हाथ से धक्का मारा। थोड़ी देर बाद श्री सुनील के गुलाटी जी फोन पर किसी को मेरे सामने ही ‘यू ब्लडी’ अपशब्द बोलकर बात करने लगे।

8)श्री सुनील के गुलाटी जी एवं उनके साथी मुझे धमका रहे हैं तथा मेरा शोषण कर रहे हैं क्योंकि मैंने अपने शोषण के विरूद्ध शिकायत करी एवं माननीय न्यायालय में बयान दिए।

9)माननीया श्रीमति केशनी आनंद अरोड़ा जी, आई ए एस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा मुझे मौखिक आदेश दिए जा रहें हैं कि मैं कोई भी शिकायत लिखित में दर्ज ना करवाऊँ।

10)दिनांक 09 मई 2018 से मेरी पुलिस सुरक्षा हटा दी गई है, जिसके बारे मैं माननीय उच्च अधिकारियों को एवं माननीय डीजीपी महोदय हरियाणा पुलिस को भी सूचित कर चुकी हूं।

11)श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे आदेश दिए हैं कि वह ज़िला रोहतक, हरियाणा में इतवार 10 जून 2018 को एक मीटिंग करेंगे जिसमें मेरा आना अनिवार्य है। मीटिंग में श्री सुनील के गुलाटी जी दोपहर 2.45 से सांय 5 बजे तक अपने व्यक्तिगत विचार सुनाऐंगे कि जीवन व कार्यक्षेत्र का लक्ष्य एक कैसे हो। सांय 5 बजे के बाद मुझे बिना किसी सुरक्षाकर्मी के रोहतक से चंडीगढ़ पहुंचना होगा जिसमें रात के 10 या 11 बज जाने की संभावना है। मुझे अंदेशा है कि श्री सुनील के गुलाटी जी एवं उनके साथी रात के समय मुझ पर हमला कर सकते हैं।

12)मैं बार बार उपरोक्त पत्रों में निवेदन कर रही हूं कि श्री सुनील के गुलाटी जी के कार्यालय कमरे के सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिग की जांच की जाए तथा मुझे उपयुक्त सुरक्षा प्रदान की जाए तथा दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए। किन्तु मुझे इस अत्याचार एवं शोषण को चुपचाप सहते रहने के लिए लगातार मजबूर किया जा रहा है।

दूसरी और विवादित IAS अफसर ने  अपने पर लगाए सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं, अगर जरूरी हो तो उनका लाई डिटेक्टिव टैस्ट भी करवा लें। महिला अधिकारी किसी तनाव में आकर इस तरह के आरोप  लगा रही है।

विविदित अधिकारी ने कहा कि जब महिला अधिकारी की उनके विभाग में पोस्टिंग हुई तो इन्होंने स्टाफ को कहकर उनकी मदद करवाई। यौन शोषण के सभी आरोप झूठे अौर मनगढ़ंत हैं। उक्त महिला अधिकारी जब भी उनके ऑफिस में आई तो 2-4 मिनट से अधिक कभी भी नहीं आई, तब स्टाफ का कोई न कोई व्यक्ति वहां अवश्य मौजूद रहता था। उन्होंने हर तरफ से क्लियर हुई फाइल्स पर इस अधिकारी द्वारा नाकारात्मक टिपण्णी लिखे जाने पर उन्हें समझाया था।

हूडा आज पानीपत में

चित्र केवल सन्दर्भ के लिए

 

जनता का मूड और परिवर्तन की लहर का इसी से पता चलता है कि पानीपत में लोगो ने कई कई घंटे रोडो पर जेठ के महीने में हुड्डा के आने के इंतज़ार में बिताये । भूपिंदर सिंह हुड्डा की जनक्रांति यात्रा के समर्थन में शहर ,गांव व् कस्बे में होड़ लगी रही ,जनता समर्थन में गलियों और रोड पर आ गई । चारो तरफ फूलो की वर्षा और डोल नगाड़ो से स्वागत किया गया ।

आज जनता को विश्वास हो चूका है की कोई प्रदेश का भला कर सकता है तो वो केवल हुड्डा जी ही हैं क्योंकि हुड्डा जी के कार्यकाल में जितनी प्रगति और विकास हुआ उतना उनसे पहले 40 सालों में भी नहीं हुआ। हरियाणा के स्वर्णिम काल के रूप में याद किए जा रहे हैं वो साढ़े नौ साल। जिसमें ना कभी कोई बड़ा कर्मचारी आंदोलन हुआ ना ही किसान आंदोलन। हर वर्ग को साथ लेकर विकास कार्यों की रिकॉर्ड झड़ी लगी। हुड्डा सरकार ने हरियाणा को शिक्षण संस्थानों के हब के रूप में विकसित किया।लगभग हरेक जिले में विकासः कार्यो की झड़ी लगी, कोई भी जिला अछूता नहीं रहा जहा कोई ना कोई प्रोजेक्ट जरूर दिया IIM, IIT, IIIT, FDDI, NIFT, NID, AIIMS, डिफेन्स यूनिवर्सिटी आदि अनेकों राष्ट्रीय और विभिन्न शिक्षा क्षेत्रों के सैकड़ों प्रदेश स्तरीय संस्थान स्थापित किए गए। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी जैसा विश्वस्तरीय संस्थान खोला गया आज ऐसा कोई शिक्षा क्षेत्र नहीं है जिसके लिए हरियाणा के बच्चों को प्रदेश से बाहर जाना पड़े। वो हुड्डा साहब के करिश्माई नेतृत्व का कमाल ही था हरियाणा के हिस्से अनेकों महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आए रेल कोच फैक्टरी, परमाणु संयंत्र, विश्वस्तरीय सब्जी मंडी, कई हाईवे, शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र के माइलस्टोन हरियाणा के हिस्से आए। लेकिन मौजूदा सरकार इन परियोजनाओं को गति देने की बजाय ठप्प करने पर लगी है। हुड्डा साहब ने गुड़गांव, फरीदाबाद तक मेट्रो पहुँचाकर विकास को नई गति दी। बहादुरगढ़ तक मेट्रो मंजूर करवाई। लाखों करोड़ का हरियाणा में इन्वेस्टमेंट हुआ वर्तमान सरकार 6 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट के दावे कर छह हजार से भी नीचे तक इन्वेस्टमेंट में सिमट गई जिसका RTI में खुलासा हुआ जबकि इतना इन्वेस्टमेंट हुड्डा साहब के कार्यकाल में पाइपलाइन में था।
हुड्डा जी के कार्यकाल में कई मेडिकल कॉलेज, 4-4 पावर प्लांट, नई नई iti’s, हजारों स्कूलों को अपग्रेड किया हर क्षेत्र में ऊंचाइयों को छुआ। मगर आज स्कूल को अपग्रेड करवाने के लिए भी बच्चियों को कई कई दिन तक भूखे प्यासे धरने पर बैठना पड़ रहा है।
हुड्डा साहब ने किसान-मजदूर के लिए 5 लाख का बीमा, 50000 का बीमा भैंस का, जो कोई सोच भी नही सकता था वो करके दिखाया। वृद्धों की सम्मान पेंशन में अभूतपूर्व 5 गुणा बढ़ोतरी की वृद्धों के लिए हरियाणा रोडवेज में किराया आधा कर सम्मान बढ़ाया। वर्तमान सरकार उसे बंद करने का आदेश दे चुकी थी पर चौतरफा विरोध के बाद आदेश को वापिस लिया। हजारों वृद्धों की पेंशन खा चुकी है। जनकल्याणकारी कार्यों को भी नफे नुकसान से तोल रही है।
1991 के बाद हुड्डा ऐसे पहले मुख्यमंत्री रहे जिनके कार्यकाल में नहीं हुआ किसान आंदोलन । भारतीय किसान यूनियन को बनाया था ,एक तरह से अप्रांसगिक,साढे नो साल में सरकार और किसानों के बीच नहीं हुआ किसी तरह का सीधा टकराव । जोकि भजनलाल,बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के शासनकाल में सबसे ज्यादा प्रासंगिक थी । और बहुत से आंदोलन हुए । और किसानों की जान गयी ।और बीजेपी सरकार में तो और भी बुरा हाल है सभी वर्ग ही आंदोलन की राह पर है

हुड्डा साहब ने गेंहू का MSP 640 से 1400 तक करवाया, गन्ने का भाव 117 से 310 किया। 15वें दिन पेमेंट दी। जबकि उनसे पिछली इनेलो+भाजपा सरकार के छह साल के राज में गन्ने का भाव 95 से 117 हुआ। अब भाजपा सरकार के तीन साल में 10 रुपए बढ़ा और पेमेंट भी अपनी सहयोगी इनेलो की तर्ज़ पर छह छह आठ आठ महीने में कर रही है। जब गेंहूँ का भाव 12% सालाना दर से बढ़ रहा था तब तो वर्तमान कृषि मंत्री धनखड़ कुर्ता निकालकर 2100 रुपये प्रति क्विंटल की मांग करते थे अब क्यों सांप सूंघ गया है? 2-4% सालाना बढ़ोतरी करवा के, बीमा लूट योजना शुरू करके अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। प्राइवेट बीमा कंपनी के एजेंट बन कर रह गए हैं । बीमा कंपनियों को अनाप शनाप शर्त लगाकर कुछ सौ करोड़ क्लेम के देने पड़ें और कई कई हजार करोड़ का फायदा हो तो ये लूट नही तो क्या है? जबकि बीमा भी बैंकों से जबरदस्ती पैसे काटकर किया गया हो।

हुड्डा साहब ने तो धान, पॉपुलर, बाजरा, मूंग आदि सभी फसलों के उचित दाम दिलवाए। धान 6000 तक बिका जिससे जनता में एक कहावत बन गई थी ।”चौटाला तेरे राज जिरी गई ब्याज में और हुड्डा तेरे राज़ में जीरी गई जहाज़ में “पर खट्टर राज में न्यूनतम समर्थन मूल्य तक नही मिला। पॉपुलर के रेट 1200 से 200-250 रुपए प्रति क्विंटल तक पिट गए पर आमजन के लिए न तो प्लाईवुड सस्ता हुआ न चावल। ना ही किसी भी फसल के पुरे ही दाम मिले, सिर्फ बड़े बड़े व्यापारियों और सत्ता के दलालों ने लूट की।। भूपिंदर सिंह हुड्डा ने किसानो का डर निकाला था । काला कानून ख़त्म किया और कर्जे माफ़ किये ,कभी कोई नीलामी नहीं होने दी किसानो की जमीन की आज इस बेदर्द सरकार में बिलकुल विपरीत हो रहा है । किसान आत्महत्या करने की नौबत तक पंहुचा दिया है और कोई सुनने वाला नहीं है , ये सब किसान के बेटे से देखा नहीं गया उनका दुःख दर्द जानने के लिए जनक्रांति यात्रा के रूप में उनके बीच आ गया है ,तभी जनता में हुड्डा साब को देखकर मायूस जनता में भी जोश आ गया है , हमने भी जनता में आम लोगो को कहते सुना की “बीजेपी की गूंगी बहरी सरकार का गारंटी सुधा इलाज़ केवल ही केवल भूपिंदर सिंह हुड्डा हैं । क्योंकि

गरीब आदमियों के लिए भी वरदान साबित हुई थी हुड्डा सरकार। अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू हुई थी गरीबों के बच्चों के लिए मुफ्त किताब, बैग और स्कॉलरशिप शुरू हुई। बीपीएल परिवार को 90000 रुपये की राशि मकान बनाने के लिए दी, पानी की टँकीया दी, मुफ्त में कनेक्शन दिए, इंदिरा गांधी आवासीय योजना शुरू कर 3.82 लाख 100-100 गज के प्लाट वितरित किए गए। वर्तमान सरकार ने एक प्लाट भी नही दिया। भोजन का अधिकार लागु करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना। लाडली योजना शुरू की जिसमें गरीब परिवार की लड़की की शादी में 51000 रुपए शगुन दिया। दूसरी लड़की के जन्म पर 5 साल तक प्रोत्साहन राशि दी।

स्पोर्ट्स में SPAT, मेडल पर नगद पुरस्कार योजना और सरकारी नौकरी का प्रावधान कर पूरी दुनियां में हरियाणा का ढंका बजवाया। हुड्डा सरकार ने 700 से जयादा खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी वर्तमान सरकार ने एक को भी नही सिर्फ गीता फौगाट कोर्ट के आदेश पर पदोन्नति हुई।

प्रति व्यक्ति आयऔर प्रति व्यक्ति निवेश में हरियाणा को 14वें नँबर से बड़े राज्यों में न.1 पर पहुंचाया।

1999 के चुनावों में इनेलो किसानों के कर्जमाफी का वादा कर सत्ता में आई पर कर्जमाफी नहीं की पर हुड्डा साहब ने इनेलो के वादे को खुद पूरा कर कीर्तिमान स्थापित किया 1600 करोड़ के किसानों के कर्ज माफ किये जबकि सत्ता संभाली उस समय हरियाणा का वार्षिक बजट ही 2250 करोड़ था। बजट को बढ़ाकर 32000 करोड़ तक ले गए। तब से हरियाणा बना तब से केवल 60हज़ार करोड़ कर्ज़ा था ,साथ में हज़ारो प्रोजेक्ट लगे लेकिन बीजेपी सरकार ने कोई नया प्रोजेक्ट तो दिया नहीं ,लेकिन आज पौने चार साल में क़र्ज़ 160000 करोड़ कर दिया जिससे हरियाणा पूर्ण रूप से क़र्ज़ में डुबो दिया है बिना कोई नया बड़ा प्रोजेक्ट लगाये हुड्डा साहब के कार्यकाल में हर जिले को विकास कार्यों के लिए चौटाला से कई कई गुणा बजट दिया। पर अब खट्टर सरकार में तो गांव में विकास कार्यों के लिए एक एक रुपये को मोहताज होना पड़ रहा है। पंचायत की इनकम से छुट पुट काम हो रहे हैं।
मैं और मेरे जैसे लाखों युवा हुड्डा साहब की इन्ही नीति और नीतियों के कारण फैन हैं। हम क्या हरियाणा का हर आदमी हुड्डा जी का फैन हो जाएगा जो हुड्डा जी के द्वारा किए गए विकास और जनकल्याणकारी कार्यो की हुड्डा जी से पूर्व व वर्तमान सरकार के कार्यो से तुलना कर लेगा। वो हुड्डा जी के अलावा किसी और के बारे में नही सोचेगा। वर्तमान सरकार का तो एक ही फंडा है विपक्षियों को झूठा बदनाम करो समाज को बांटो और चंद झूठी घोषणाएं करो राज करो काम से कोई लेना देना नही। वोटों की राजनीति के चक्कर में ही खट्टर सरकार ने हरियाणा को तीन बार लहूलुहान किया, हालात बेकाबू किए गए सेना बुलानी पड़ी 80 से ज्यादा जानें गई पर हरियाणा का सदियों पुराना भाईचारा अब भी इन पर भारी पड़ रहा है इनके लाख यत्न के बाद नही टूट रहा है कामों की तुलना करके हुड्डा साहब को दोबारा हरियाणा की बागडोर सौंपने के लिए हरियाणा बेसब्री से चुनाव का इंतजार कर रहा है। ये विपक्षियों को भी पता है तभी अपनी दुकानदारी चालु रखने के लिए दिन रात हुड्डा साहब को निशाने पर रखते हैं। हुड्डा साहब का नाम लिए बिना हरियाणा के किसी भी विपक्षी की सभा न तो शुरू होती है और न ही खत्म।

हुड्डा साहब ने अपने साढ़े नौ साल के कार्यकाल में हरियाणा को जितना आगे बढ़ाया ।इस झूठी सरकार ने तो पीछे ही धकेला है। तभी तो हुड्डा साहब को हर वर्ग याद कर रहा है। इसका जोश और जूनून हमे जनक्रांति यात्रा में दिखा ।जहां भी जिस गाव व् शहर एवम क़स्बे से तपती धुप में गुज़रे ढोल नगाड़ों के साथ समाज के सभी वर्गों ने फूलों की वर्षा से स्वागत किया । अब लगता हरियाणा में परिवर्तन की लहर चल चुकी , हमारे जैसे लाखों चाहने वाले हुड्डा जी के साथ जुड़ चुके है ।आनेवाला समय हुड्डा जी का है जो हमारे प्रदेश वासियों के पुराने अच्छे दिन लौटायेंगे ।

Priyanka (ABC) Apologize, Still to Continue Telecast

Hindu nationalists in India have attacked movies and popular culture in the recent years. Earlier this year, a section of extremists made violent protests and threatened actors over the release of Bollywood film “Padmaavat”, which showed a Muslim ruler pursuing a Hindu queen. In 2016, an Indian super star Aamir Khan, after backlash over his comments on intolerance in India, was dropped as the ambassador of an online retail company: claims ABC

 

Chandigarh : DFD

 

After muslim extremists now former Miss India World is pronouncing Hindu sentiments as Hindu Terror; although the US television studio ABC has apologies to Indian fans of its crime drama “Quantico” after an episode featuring Indian nationalists trying to frame Pakistan in a terrorist plot sparked online outrage against Bollywood actor Priyanka Chopra, who plays a lead role in the show.

“The episode has stirred a lot of emotion, much of which is unfairly aimed at Priyanka Chopra, who didn’t create the show, nor does she write or direct it,” said Walt Disney-owned ABC in its statement.

The 35-year-old Bollywood star, has earlier been admired for her ability to cross over and achieve success in Hollywood, which has been rare for Indian actors.

But after the recent Quantico episode, she has faced online attacks at home, and even some calls to boycott her work and the brands that she endorses.

Others called on the government to black out the scene where Priyanka, who stars as an FBI agent in the series, holds up sacred Hindu prayer beads as evidence that the plotter in the episode, planning to detonate a nuclear bomb in New York, was an Indian nationalist.

“The myth of Hindu terror, by a fake story, enters American television with the help of Priyanka Chopra. Would any Pakistani actress betray Pakistan or Islam the way she betrays India and Hinduism?”, David Frawley, a Hindu scholar based in the United States, tweeted.

ABC, in its statement, said: “The show has featured antagonists of many different ethnicities and backgrounds, but in this case we inadvertently and regrettably stepped into a complex political issue. It was certainly not our intention to offend anyone,”

The statement further said that Priyanka Chopra had no involvement in the storylines depicted in the series.

Hindu nationalists in India have attacked movies and popular culture in the recent years. Earlier this year, a section of activists made violent protests and threatened actors over the release of Bollywood film “Padmaavat”, which showed a Muslim ruler pursuing a Hindu queen. In 2016, an Indian super star Aamir Khan, after backlash over his comments on intolerance in India, was dropped as the ambassador of an online retail company.

कपिल देव को राज्यसभा भेजने की तैयारी

 

1983 में भारत को पहली बार विश्व विजेता बनाने वाले कप्तान कपिल जल्द ही नई पारी शुरू कर सकते हैं. दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक माने जाने वाले कपिल देव की यह नई पारी, राजनीतिक पारी होगी और इसकी शुरुआत उनकी राज्यसभा में उनकी एंट्री के साथ हो सकती है.

हाल ही में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की कपिल देव के साथ हुई मुलाकात के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि कपिल देव को जल्द ही राज्यसभा के लिए मनोनोत किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक चूंकि इस तरह का मनोनयन राजनीति फैसला होते हुए भी राजनैतिक नहीं माना जाता है लिहाजा कपिल देव इस ऑफर को कबूल कर सकते हैं.

इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में कपिल देव को बीजेपी और उनके गृह राज्य पंजाब की पार्टी शिरोमणि अकाली दल की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया था लेकिन कपिल देव ने उसे कबूल नहीं किया था.

राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा कुल 12 सदस्यों को नामांकित किया जाता है और इनमे से सचिन तेंदुलकर, रेखा और अनु आगा की तीन सीटें इस वक्त खाली हो चुकी हैं.

केन्द्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति इन सीटों पर उन लोगों को नामांकित करते हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र समाज के लिए उल्लखनीय योगदान किया हो. ओलंपिक मेडल जीतने वाली महिला बॉक्सर एमसी मेरीकॉम भी राज्यसभा की नामांकित सदस्य हैं.

खिलाडियों की कमाई पर क्या नियम बदलेगी हरियाणा सरकार

चंडीगढ,9जून:

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को राज्य सरकार की नौकरी में रहते हुए पेशेवर खेलो और विज्ञापन आदि से होने वाली आय में से एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद को देने के सेवा नियम को स्थगित करने का भले ही ऐलान कर दिया है लेकिन खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका का कहना है कि अभी नियम विधिवत लागू है। उन्होंने इस सम्बन्ध में जारी अधिसूचना को भी न्याय संगत बताया है।

हरियाणा सरकार की सेवा में रहते हुए पेशेवर कमाई करने वाले खिलाडियों की कमाई से एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद को देने के नियम लागू करने के लिए अधिसूचना तो पिछले 30 अप्रेल को जारी की गई थी। लेकिन पिछले शुक्रवार को इस मुद्दे को लेकर पेशेवर खेलने वाले हरियाणा के खिलाडियों के साथ विपक्ष ने भी कडा विरोध दर्ज करवाया था। विरोध के चलते मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि इस नियम को अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है।

बहरहाल खेल विभाग के प्रमुख सचिव अशोक खेमका के बयान से बयान से इस बात के संकेत मिले हैं कि सरकार को जल्दी ही नियम में बदलाव के कदम उठाने होंगे। खेमका ने कहा है कि मैंने मुख्यमंत्री का बयान नहीं देखा और मात्र मीडिया रिपोर्ट के आधार पर वे प्रतिक्रिया भी नहीं देगें लेकिन इस नियम की अधिसूचना काफी विचार-विमर्श के बाद जारी की गई थी। यह अधिसूचना अभी लागू है। पंजाब सिविल सेवा नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें साफ है कि यदि कोई कर्मचारी अन्य स्रोत से आय हासिल करता है तो इस पर सरकार का अधिकार है। यदि राज्य सरकार की सेवा में नियुक्त खिलाडी को पेशेवर स्पद्र्धा में खेलने या विज्ञापन में प्रस्तुति की अनुमति दी जाती है और उससे होने वाली कमाई का हिस्सा खेलों के विकास में लगाने की बात की जाती है तो इसमें गलत भी क्या है। उन्होंने कहा कि एक तिहाई हिस्सा तो काफी कम है और यह हिस्सा पचास फीसदी तक जा सकता है।

Delhi faces 70 kmph winds

 

A dust storm, with winds gusting up to 70 kmph, hit Delhi on Saturday evening, bringing some relief from the searing heat.

The weatherman said light rain was witnessed in many areas.

Flight operations from the Indira Gandhi International Airport were suspended and 18 planes diverted.

The dust storm pushed the temperature down by a few notches on what was a sultry day. The city recorded a high of 40.5 degrees Celsius and a low of 30 degrees Celsius, according to the Met Department.

The humidity levels were recorded at 71%.

अभय चौटाला व हुड्डा पर लटकी खतरे की तलवार, स्पेशल कोर्ट की पड़ सकती है मार ।

 

दिल्ली

9 जून, 2018

पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा व विपक्ष नेता अभय चौटाला दोनों पर खतरे की बड़ी तलवार लटकती नजर आ रही है सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर बनाई गई स्पेशल कोर्ट की मार दोनों नेताओं पर पड़ सकती है जिसके चलते अगले विधानसभा चुनाव से पहले दोनों नेताओं के खिलाफ फैसला आने पर दोनों नेताओं को जेल जाना पड़ सकता है। भूपेंद्र हुड्डा और अभय चौटाला दोनों ही cm बनने की हसरत रखते हैं ऐसे में अगर दोनों नेताओं के खिलाफ स्पेशल कोर्ट का फैसला आता है तो प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मच जाएगा।

क्या है मामला ?

सुप्रीम कोर्ट के सामने एक गंभीर बात सामने आई कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ बड़ी संख्या में मामले सालों से लंबित चल रहे हैं। इस बारे में जब कोर्ट ने केंद्र सरकार से जानकारी मांगी तो 36 फ़ीसदी सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित होने की बात सामने आई। इतने अधिक संख्या में सालों से मामले लंबित होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए 12 दिसंबर 2017 को ला मेकर्स के खिलाफ लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए 12 विशेष अदालतों का गठन करने के निर्देश जारी किए।

इन 12 स्पेशल कोर्ट में से दो स्पेशल कोर्ट दिल्ली में गठित करने को कहा गया। 10 अन्य कोर्ट आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराषट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, यूपी व पश्चिम बंगाल में गठित करने के आदेश जारी किए गए। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए सभी 12 स्पेशल कोर्ट के गठन को मंजूरी दे दी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने क्या किया?

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसरण में राजनेताओं से जुड़े आपराधिक मामलो के शीघ्र निपटारे के लिए दो विशेष अदालतें स्थापित की हैं। एक प्रशासनिक आदेश में 1 नवंबर, 2017 और 14 दिसंबर, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में दिल्ली उच्च न्यायालय की एडिशनल मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और अन्य न्यायाधीशों ने राजनेताओं के मामलों के शीध्र निपटारे के लिए दो अदालतों को विशेष अदालतों के रूप में नामित किया है।

उच्च न्यायालय ने विशेष अदालतों की अध्यक्षता करने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार और अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल को नामित किया।

दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल दिनेश कुमार शर्मा के माध्यम से जारी 23 फरवरी के आदेश में कहा गया है कि विशेष अदालतें 1 मार्च से पटियाला हाउस कोर्ट कॉम्प्लेक्स में काम करेगी।
इस अदालत के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीशों ने यह आदेश दिया है कि विभिन्न अदालतों में सांसदों / विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों को 1 मार्च से पहले इन दो अदालतों में स्थानांतरित कर दिया जाए और ऐसे मामलों को तेजी से ट्रैक पर रखा जाए और 1 साल के अंदर निपटाने के प्रयास किए जाएं।

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा किए गए उपरोक्त फैसले के अनुरूप एवं दिल्ली हाईकोर्ट की एक बेंच के निर्देशानुसार इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला का केस तीस हजारी कोर्ट से पटियाला हाउस में स्थित विशेष अदालत में स्थानांतरित हो चुका है। उच्चतम न्यायालय के अनुसार पदों पर बैठे विधायकों व सांसदों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में निर्णय 1 साल के अंदर-अंदर किया जाना जरूरी है। अभय चौटाला का केस फरवरी 2018 के अंतिम सप्ताह में तीस हजारी से पटियाला हाउस ट्रांसफर हो चुका है।

अगर 26 फरवरी 2018 के हिसाब से 1 साल का समय गिना जाए तो अगली 25 फरवरी से पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में अभय चौटाला को फैसले का सामना करना पड़ सकता है। जो मामले ढीले चल रहे होंगे उनको दैनिक कार्रवाई की सुनवाई में शामिल किया जाएगा । अभय चौटाला के केस की भी दैनिक सुनवाई की श्रेणी में आने की पूरी संभावना नजर आती है।

अगर इस मामले में अभय चौटाला के खिलाफ फैसला आया तो अगले चुनाव से पहले उनको सत्ता की बजाय जेल का सामना करना पड़ सकता है। अभय चौटाला के खिलाफ इस मामले में फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 1 साल के अंदर आने की पूरी संभावना नजर आती है।

अभय चौटाला की तरह पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा भी आधा दर्जन मामलों में कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ सीबीआई तेजी से जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार अगर कोर्ट ने तेजी से इन मामलों में सुनवाई की तो अगले चुनाव से पहले भूपेंद्र हुड्डा को भी फैसलों का सामना करना पड़ेगा और खिलाफ फैसले आने के हालात में उनको भी जेल जाने को मजबूर होना पड़ सकता है।

खरी खरी बात यह है कि हरियाणा की सियासत में इस समय पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और विपक्ष के नेता अभय चौटाला दोनों अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं।

अभय चौटाला सी एम् बनने के लिए बसपा के साथ चुनावी गठबंधन करने के अलावा एसवाईएल मामले पर जेल भरो आंदोलन छेड़े हुए हैं,
दूसरी तरफ पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा भी कांग्रेस हाईकमान को झुकाने के लिए जन क्रांति रथ यात्रा के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर दोनों नेताओं के खिलाफ कोर्ट के फैसले आए तो प्रदेश की राजनीति में उथल पुथल मच जाएगी। इससे जहां दोनों ही नेताओं के समर्थकों को जोर का झटका लगेगा वहीं दूसरे दलों व नेताओं को चमकने का गोल्डन चांस मिल जाएगा।

खिलाडियों की एक तिहाई कमाई वाली फ़ाइल् खट्टर ने वापिस बुलाई

 

चंडीगढ,8जून। हरियाणा में सरकारी सेवा में नियुक्त खिलाडियों के पेशेवराना खेल या अन्य व्यावसायिक गतिविधि से कमाए जाने वाले धन का एक तिहाई हिस्सा हरियाणा खेल परिषद को देने के नियम पर शुक्रवार शाम प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रोक लगाते हुए फाईल अपने पास तलब कर ली। इस मुद्दे पर दिनभर विवाद चलता रहा और प्रतिक्रियाएं आती रहीं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस नियम पर रोक लगा दी।

यह पुराने नियमों पर नया विवाद सामने आया है। सरकार की नौकरी में रहते हुए पेशेवराना खेलों या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के जरिए धन कमाने वाले खिलाडियों पर राज्य सरकार ने पहले से शर्तें लागू की हैं और इनके अनुसार खिलाडियों को इस आमदनी का हिस्सा हरियाणा खेल परिषद में जमा कराना होगा। सरकार का कहना है कि इस धन को प्रदेश में खेलों के विकास पर खर्च किया जाएगा। इन नियमों पर नया विवाद सामने आया है। प्रदेश के प्रमुख खिलाडी इन शर्तों का विरोध कर रहे है। उन्होंने राज्य सरकार से इन शर्तों पर पुनर्विचार की अपील की है।

राज्य सरकार द्वारा 30 अप्रेल 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार यदि खिलाडी को पेशेवराना खेलों या आमदनी से जुडी अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए बगैर वेतन असाधारण अवकाश प्रदान किया जाता है तो खिलाडी को आय का एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद में जमा करवाना होगा। वहीं यदि खिलाडी को ऐसी गतिविधि में शामिल होने के दौरान सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति से ड्यूटी पर माना जाता है तो उसे पूरी आय राज्य खेल परिषद को देनी होगी।

इन दो शर्तों पर प्रदेश के प्रमुख खिलाडियों ने कडा विरोध जताया है। रेसलर गीता फोगाट और उनकी बहिन बबीता फोगाट ने मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनहोंने कहा है कि राज्य सरकार जो कर रही है वह खिलाडियों के हित में नहीं है। गीता फोगाट अभी हरियाणा पुलिस में उपअधीक्षक के पद पर नियुक्त है। गीता ने कहा कि मैं राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार की अपील करती हूं। गीता की छोटी बहिन बबीता ने कहा कि सरकार इस बात को नहीं समझ रही कि देश के लिए पदक लाने पर खिलाडी को कितनी मेहनत करना होती है। मैं इन शर्तों का समर्थन नहीं करती हूं। सरकार को नियम बनाने से पहले खिलाडियों से राय लेना चाहिए।

अभा कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार इस तरह के तुगलकी फरमान आये दिन जारी कर रही है। वह अप्रिय सख्त आदेश जारी करने में होड की तरह काम कर रही है। खेल मंत्री ने इस बारे में कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के सेवा नियमों में यह शर्त पहले से लागू है। नियम है कि यदि राज्य सरकार का कर्मचारी आय हासिल करता है तो उसे एक तिहाई सरकार को जमा कराना होगा। खिलाडियों के मामले में यह मुद्दा तब सामने आया था जबकि बाॅक्सर विजेंन्द्र को पेशेवर स्पद्र्धा में खेलने की अनुमति दी गई थी और मामला पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट ने सरकार को ऐसे मामलों के नियम बनाने को कहा था। उन्होंने कहा कि शर्ते उन खिलाडियों पर लागू होंगी जो कि व्यावसायिक खेल स्पद्र्धाओं में खेलकर आय हासिल करेंगे। ओलम्पिक,एशियाई खेल और काॅमन वैल्थ खेलों के लिए ये शर्ते लागू नहीं है।

जैश-ए- मोहम्मद ने रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी

 

अम्बाला, 8 जून

पंजाब के फिरोजपुर रेल मंडल प्रमुख को आई आतंकवादियों की एक चिट्ठी ने पूरे उत्तर भारत की सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। आतंकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद की ओर से भेजे गए इस धमकी भरे पत्र में देश के कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है जिसके बाद अम्बाला में भी रेलवे स्टेशन को सुरक्षा छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम को एक चिट्ठी प्राप्त हुई है जिसमें देश के अहम रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। अम्बाला रेलवे स्टेशन का नाम देश के सबसे अहम रेलवे जंक्शन में शुमार होता है। यहां से सेना और अन्य अहम महकमों को रसद सप्लाई होती है। साथ ही यहां से हरियाणा समेत, जम्मू, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश के लिए बड़े पैमाने पर ट्रेनें चलती हैं। अम्बाला स्टेशन की सुरक्षा को देखते हुए आज जीआरपी, आरपीएफ और रेल वार्डन ने रेलवे स्टेशन पर चेकिंग अभियान चलाया और साथ साथ यात्रियों को जागरूक किया।

हुड्डा को भाखड़ा नहर की याद आई

चण्डीगढ़ 08 जून 2018
हरियाणा के पूर्व मुख्य मन्त्री भूपेन्द्र सिह हुड्डा ने आज प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी लापरवाही व उदासीनता के कारण हरियाणा में भयंकर पेयजल संकट दस्तक दे रहा है। अधिकांश जलघर, तालाब व जोहड़ सूख गये हैं या सूखने के कगार पर हैं। नहरों से पानी सप्लाई पहले से आधी या उससे भी कम रह गई है। प्रदेश सरकार सोई रही या जानबूझ कर आँखें बन्द रखी या कोई बाहरी दबाव था, यह तो वही बता सकती है, पर इस तथ्य से इन्कार नहीं किया जा सकता कि मार्च 2018 से मई 2018 के बीच हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिला। न्यायसंगत बात यह है कि किसी डैम से राज्यों को पानी का बँटवारा उनके तय हिस्सेदारी के हिसाब से होना चाहिये।

हुड्डा ने कहा कि 20 सितम्बर 2017 को भाखड़ा बाँध में पानी अपने उच्चतम स्तर 1680 फुट से थोड़ा नीचे 1673 फुट था, जो औसत से बेहतर था। पर आज भाखड़ा में पानी का स्तर 31 फुट घटकर 1642 फुट है, जो खतरनाक स्थिति बयां करता है। याद रखें कि बाँध अपने निर्माण के बाद शायद ही 1650 फुट से नीचे के स्तर पर आया हो। बीबीएमबी की 29 मई 2018 की बैठक में बहाना बनाया गया कि 2017-18 में कम बर्फबारी से जलाशय में कम पानी आया। यह आँखों में धूल झौंकने वाली बात है। सवाल यह भी उठता है कि इस विषय में मौसम विभाग की भविष्यवाणी की अनदेखी किसने की और क्यूं की ? दूसरे यह ध्यान क्यों नहीं दिया गया कि सर्दियों में कम बर्फबारी हुई है, तो गर्मियों में पानी कुदरती तौर पर कम आयेगा व पानी को बाँध से उसी हिसाब से छोड़ना चाहिये था। क्यों मार्च व मई महिने के बीच इतना पानी छोड़ा गया कि अपने निम्नतम 1642 फुट पर आ गया। सरकार बताये कि जब हरियाणा बीबीएमबी का अपने हिस्से का पूरा खर्च उठा रहा है तो उसे उसके हिस्से का पानी क्यों नही मिला ?

हुड्डा ने कहा कि देश में कई बड़े बाँध हैं व हर जगह मैनेजमैन्ट बोर्ड का चेयरमैन हिस्सेदार राज्यों से बाहर का होता है ताकि भेदभाव या अपने-पराये की शिकायत न हो। पर दुर्भाग्यवश बीबीएमबी में इस परम्परा को तोड़ दिया गया व एक हिस्सेदार राज्य से सम्बन्धित व्यक्ति को ही चेयरमैन बना दिया गया। जबकि चेयरमैन किसी बाहरी राज्य से होना चाहिए था, ताकि वो निष्पक्षता के साथ काम कर सके। परिणाम यह हुआ कि नये चेयरमैन ने कानून सम्मत दायित्त्व निभाने की जगह अपने आकाओं की सुनी व हिस्सेदार राज्यों को एक नजर से नहीं देखा। लिहाजा किसी राज्य को उसके हिस्से से ज्यादा तो हरियाणा को अपने हिस्से से कम पानी मिला। दूसरे मेम्बर इरीगेशन जो हरियाणा से है व एक्सटैन्शन पर है, ने हरियाणा के हितों को क्यों कुर्बान होने दिया ?

हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सीएमओ में बाहरी लोगों की भरमार है, जिलों में तैनात अधिकांश सुशासन सहयोगी भी बाहर के हैं। अब यही स्थिति बीबीएमबी में बनती जा रही है। हरियाणा के कोटे के पदों पर भी बाहरी लोगों की नियुक्ति हो रही है। हमें नहीं पता कि सरकार को इसकी जानकारी है या सब उसकी रजामन्दी से हो रहा है। एक्ट में मेम्बर इरीगेशन की योग्यता कार्यरत मुख्य अभियन्ता की है, जो अब तक हरियाणा से बनते आये हैं पर अब अन्दरखाते शर्तें बदली जा रही हैं व नई शर्त के मुताबिक मेम्बर इरीगेशन की 25 साल की सेवा व 3 साल का मुख्य अभियन्ता का अनुभव अनिवार्य किया जा रहा है। हरियाणा सरकार को पता होना चाहिए कि यह नई शर्तें प्रदेश में कोई भी मुख्य अभियन्ता पूरी करने वाला नहीं है, मतलब आगे से मेम्बर इरिगेशन हरियाणा से नही होगा, जिससे प्रदेश के हितों को आगे चलकर बड़ा नुकसान हो सकता है।