यह सर्कुलर “मार्क ऑफ़ रेस्पेक्ट” है : विज

 

हरियाणा सरकार द्वारा जारी किए गए नए सर्कुलर पर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने सहमति दिखाते हुए इसे ठीक बताया है। विज ने कहा कि प्रोटोकॉल में एमपी और एमएलए का दर्जा चीफ सेक्रेटरी से ऊपर है। यदि एमपी या एमएलए सरकारी कार्यालय में जाता है तो उसे उनका अभिवादन करना चाहिए। विज ने कहा कुछ अधिकारी अभिवादन करते भी हैं कुछ नहीं भी करते जिनके लिए यह सर्कुलर जारी किया गया है। ऐसा जबरदस्ती क्यूं करवाया जा रहा है इस पर विज ने कहा कि जबरदस्ती नहीं यह मार्क आफ रिस्पेक्ट है।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार द्वारा नया सर्कुलर जारी किया गया है जिसमें अधिकारियों को एमएलए व एमपी को रिसीव करने के लिए खड़ा होना अनिवार्य होगा और उन्हें उचित इज्जत देते हुए जरूरी जानकारी और सरकारी काम में मदद करनी होगी। इतना ही नहीं इस सर्कुलर में सरकारी अफसरों को मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की फोन कॉल्स को इग्नोर न करने और व्यस्त होने की स्थिति में एसएमएस के जरिए तुरंत जवाब देने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा सभी अधिकारियों की भाषा भी बहुत सभ्य हो। उनकी सभी अनुरोधों को ध्यानपूर्वक सुना जाए। सर्कुलर में अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा गया कि उनके क्षेत्र में कोई प्रोग्राम हो तो सांसद को जरूर बुलाएं और उन्हें सुविधाजनक सीट दें। अगर एक सांसद का निर्वाचन क्षेत्र दो जिले में पड़ता है तो अधिकारी दोनों जिलों में सांसद को बुलाएं।

झूठ बोल कर 2 आईएस ने लिया हवाई यात्रा का मज़ा

 

चंबा गए हरियाणा सरकार के दो IAS अधिकारियों ने झूठ बोलकर हरियाणा सरकार को लाखों का चूना लगा दिया। इस घटना को अंजाम देने वाले अफसरों में हरियाणा सरकार में अतिरिक्त सचिव , उनका दोस्त व करनाल व चंबा के एडीसी शामिल हैं। हरियाणा के इन दो अफसरों आैर चंबा के एडीसी ने बड़ा भंगाल में फंसे होने का नाटक करके हिमाचल सरकार से हेलीकाॅप्टर मांगा कि वहां एक महिला को सांप ने काट लिया है और उन्हें तुरंत एअर लिफ्ट की जरूरत है। हिमाचल सरकार के पास छोटा हेलीकाॅप्टर मौजूद नहीं था, इसलिए हरियाणा सरकार ने अपना हेलीकाॅप्टर भेजा।

इन अफसरों और महिला को बड़ा भंगाल से बाहर निकालने के लिए हरियाणा से हेलिकाॅप्टर तो आया लेकिन इसमें सिर्फ हरियाणा के ही दोनों अफसर बाहर निकले, जबकि एडीसी चंबा वहीं ठहरे। इस हेलिकाप्टर में वे महिला लाई ही नही गई।

महिला के इलाज के लिए गग्गल में एंबुलेंस भी थी, वह महिला लाई ही नहीं गई। हरियाणा सरकार के इन अफसरों का हेलिकाप्टर कांगड़ा की तरफ आया ही नहीं, वो सीधा भंगाल से उड़कर पिंजौर में उतर गया। हिमाचल प्रदेश सरकार की अफसरशाही ने इसे गंभीरता से लिया और हरियाणा सरकार को इस बारे में सूचित किया है। बहरहाल हरियाणा सरकार ने अभी कोई कार्रवाई नहीं की है।

हरियाणा पशु चिकित्सा परिषद का गठन

 

हरियाणा सरकार ने हरियाणा पशु चिकित्सा परिषद का गठन किया है। पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि नई दिल्ली के डा. कुलवंत सिंह चहल, गुरुग्राम के डा. जगदीप यादव, करनाल के डा. शक्ति सिंह और सिरसा के डा. धर्मवीर सिंह को परिषद का सदस्य चुना गया है जबकि अध्यक्ष पशु चिकित्सा विज्ञान, लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार इस परिषद के पदेन सदस्य होंगे।

इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार द्वारा पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग, मेवात (नूंह) के उप-निदेशक डा. नरेंद्र यादव, पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग फरीदाबाद की उपमंडल अधिकारी डा. नीलम आर्य और पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग चरखी दादरी के सेवानिवृत्त उपनिदेशक डा. दिलीप सांगवान को परिषद का सदस्य और पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग, पंचकूला के महानिदेशक को पदेन सदस्य मनोनीत किया गया है।

इसी प्रकार, राज्य पशु चिकित्सा संघ द्वारा पशु चिकित्सालय खरखौदा, जिला सोनीपत के पशु चिकित्सक प्रभारी डा. भगवान को परिषद में सदस्य मनोनीत किया गया है जबकि रजिस्ट्रार, हरियाणा पशु चिकित्सा परिषद इसके पदेन सदस्य होंगे। हरियाणा पशु चिकित्सा परिषद का मुख्यालय पंचकूला में होगा और परिषद की वर्ष में कम से कम 2 बैठक परिषद द्वारा नियत समय एवं स्थान पर होंगी। बैठकों की कार्रवाई का विवरण सीधे सरकार को भेजा जाएगा।

बच्चों के प्रति अधिक संवेइदन शील होने की आवश्यकता है : कविता जैन

 

हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन ने कहा कि बच्चों के विरुद्ध हो रहे अपराधों को कम करने के लिए महाअभियान की आवश्यकता है ताकि बच्चे भयमुक्त वातावरण में जी सकें। जैन जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटैक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) एक्ट 2015, प्रोटैक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सैक्सुअल ऑफैन्सेस (पोक्सो) एक्ट ,2012 व रैस्टोरेटिव जस्टिस विषयों पर आयोजित 2 दिवसीय उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रीय समीक्षा सम्मेलन में संबोधित कर रही थी।

इस सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और हरियाणा सरकार के आपसी सहयोग से किया जा रहा है। जैन ने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट बच्चों के समस्त अधिकारों का एक समावेश है, जिसमें बच्चों को शिक्षा का अधिकार, समानता का अधिकार, निजता का अधिकार या उनके खिलाफ हो रहे किसी भी अपराध के विरुद्ध लड़ाई लडऩे का अधिकार प्राप्त है।

संत कबीर जी की 620 वीं जयंती

 

संत कबीर धानक समाज कर्मचारी वैल्फेयर एसोसिएशन हरियाणा और प्रदेश भर के धानक समाज के निवेदन पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आगामी 15 जुलाई 2018 को संत शिरोमणि सद्गुरु कबीर साहिब के 620वें प्रकटोत्सव पर फतेहाबाद में होने वाले कबीर महाकुम्भ कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत करेंगे जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी करेंगे। अनुसूचित जनजाति वित्त विभाग की चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल के अनुसार इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए सभी एक साथ प्रयासरत हैं।

ओमर अब्दुल्लाह पंहुचे गवरनर हाउस

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी महबूबा को राज्यपाल को त्यागपत्र सौंपे कुछ ही देर हुई है कि ओमर अब्दुल्लाह राज भवन पंहुच भी गए.

जारी है…….

कांग्रेस भाग्य छींका टूटा 

बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से समर्थन वापस लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. बीजेपी का आरोप है कि कश्मीर के मौजूदा हालातों को देखते हुए अब पीडीपी के साथ सरकार चलाना बहुत मुश्किल है.

इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल  शासन की आशंका बढ़ने लगी है. समर्थन वापसी के बाद अब जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देखा जा रहा है.

राजनीतिक विश्लेषक और डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्वालय के प्रोफेसर मोहम्मद अरशद बताते हैं कि ‘अगर जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल  शासन लागू हो जाता है तो सीधे तौर पर न सही राजभवन से होते हुए सूबे की कमान बीजेपी के हाथों में आ जाएगी. जबकि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ये कभी नहीं चाहेंगे कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी का दखल बढ़े.

 

ये ही वजह है कि बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती को समर्थन दे सकती है. कांग्रेस के पास इस वक्त 12 सीट हैं. अगर 5 निर्दलीय उम्मीदवारों को मिला लिया जाए तो पीडीपी बहुमत के आंकड़े 44 को छू सकती है.

दूसरी ओर अगर महबूबा नेशनल कांफ्रेंस के साथ सीएम की कुर्सी को लेकर कोई डील कर लेती है तो भी सत्ता बची रहेगी. ऐसे में नेशनल कांफ्रेंस के लिए भी ये घाटे का सौदा नहीं रहेगा.

एक और जहाँ सेना को अपने ओपेराश्न्स चलाने में कठिनाई नहीं आएगी

वहीँ दूसरी और अलगाववादियों, पत्थाराबजों, मानवाधिकार(आतंकवादियों के अधिकारों) की आवाज़ उठाने वालों की तूती बोलेगी

क्योंकि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस(कांग्रेस के साथ गठबंधन) के लिए उत्तरी कश्मीर का इलाका सियासी नजरिए से खासा अहम है. अभी सरकार चलाने के लिए 3 साल का वक्त बाकी है. एक रास्ता ये भी है कि सूबे में राज्यपाल शासन लागू न करके चुनाव करा दिए जाएं.’

 

सीज़ फायर ने तोड़ी जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी जोड़ी

अमित शाह ने आज ही बीजेपी नेताओं की बैठक बुलाई थी (फाइल फोटो)

भाजपा ने जम्मू कश्मीर की गठबंधन वाली सरकार में राष्ट्रिय हितों को ले कर टकराव के चलते पड़ी दरार.

अब गठबंधन धर्म से मुक्त भाजप क्या अपने पुराने एजेंडा पर लौटेगी?

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार में शामिल बीजेपी ने गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया है. सीजफायर सहित कई मुद्दों पर दोनों ही पार्टियों में काफी दिनों से टकराव चल रहा था. आज ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महबूबा मुफ्ती सरकार में शामिल बीजेपी कोटे के सभी मंत्रियों और राज्य के सभी बड़े नेताओं को दिल्ली में आपात बैठक के लिये बुलाया था. इसी बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी अमित शाह से मुलाकात की है. इसके बाद बीजेपी ने समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया.

– हम खंडित जनादेश में साथ आए थे. लेकिन इस मौजूदा समय के आकलन के बाद इस सरकार को चलाना मुश्किल हो गया था.
– हम एक एजेंडे के तहत सरकार बनाई थी. केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार की हर संभव मदद की.
– गृहमंत्री समय पर राज्य का दौरा करते रहे. सीमा पार से जो भी पाकिस्तान की सभी गतिविधियों को रोकने के लिये सरकार और सेना करती रही.
– हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार की हत्या कर दी गई. राज्य में बोलने की आजादी पर खतरा हो गया है.
– राज्य सरकार की किसी भी मदद के लिये केंद्र सरकार करती रही. लेकिन राज्य सरकार पूरी तरह से असफल रही. जम्मू और लद्दाख में विकास का काम भी नहीं हुआ. कई विभागों ने काम की दृष्टि से अच्छा काम नहीं किया.
– बीजेपी के लिये जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन आज जो स्थिति है उस पर नियंत्रण करने के लिये हमने फैसला किया है कि हम शासन को राज्यपाल का शासन लाये.

बहुजन समाज पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल ने भरी चुनावी हुंकार

आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और  अभय चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के बीच गठबंधन हो गया है. अब दोनों दल साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और यूपी व हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों को एक साथ मिलकर लड़ेंगे. इस गठबंधन का मकसद बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ तीसरा मोर्चा तैयार करना है. यह तीसरा मोर्चा बसपा सुप्रीमो मायावती के नेतृत्व में बनेगा. हालांकि इस मसले पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बसपा की राय जुदा है.

इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव कह चुके हैं कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस समेत सभी दलों को एक मंच पर लाना होगा यानी तीसरे मोर्चे में कांग्रेस भी शामिल होगी. जबकि मायावती और अभय चौटाला की पार्टी के बीच हुए इस गठबंधन के बाद कहा गया कि यह तीसरा मोर्चा बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ है. दोनों दलों ने देश को लूटा है और अब इनको सत्ता से बाहर किया जाएगा.

यह तीसरा मोर्चा किसानों और दलितों को एक मंच पर लाने का काम करेगा. बीजेपी के आने के बाद से हरियाणा अब तक तीन बार जल चुका है. आईएनएलडी और बसपा के हाथ मिलाने से एक बात तो साफ हो गई है कि हरियाणा में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को दोनों दल मिलकर लड़ेंगे, लेकिन साल 2019 में होने वाले चुनावी गठबंधन को लेकर फिलहाल तस्वीर साफ होती नहीं दिख रही है. इसकी वजह यह है कि यूपी में चुनावी गठबंधन करने वाली बसपा और सपा के बीच तीसरे मोर्चे में कांग्रेस को शामिल करने को लेकर मतभेद है.

सपा इस चुनावी मोर्चे में कांग्रेस को साथ लेकर चलने की पक्षधर है, जबकि बसपा और आईएनएलडी इस मोर्चे से कांग्रेस को बाहर रखने की बात कर रहे हैं. इन दोनों दलों का कहना है कि तीसरा मोर्चा सिर्फ बीजेपी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के भी खिलाफ होगा. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने देश को लूटा है. आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर बसपा और सपा के बीच मतभेद मुश्किल पैदा कर सकते हैं. मालूम हो कि बसपा से पहले सपा कांग्रेस के साथ मिलकर यूपी विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है. हालांकि हालिया उप चुनाव बसपा और सपा ने मिलकर लड़ा था, जिसमें बीजेपी के खिलाफ जीत भी मिली थी.

This year AIIMS topper is “Eliza Bansal” from Lehragaga

Eliza Bansal from Lehragaga, a town in Punjab’s Sangrur district, has emerged as the topper of the AIIMS MBBS Entrance Examination. A student of Dr Devraj DAV Public School in Lehragaga, Eliza scored a 100 percentile in the entrance test for admission to India’s top medical institution. She scored 100 percentile in biology, 99.94 in chemistry, 100 in physics and 97.87 in general knowledge.

Eliza said, “I never expected to get AIR 1. I got rank 196 in the NEET. I want to be a cardiologist.” She added that she was looking forward to the next five years as it was always her dream to study at the AIIMS. Eliza’s father, Vijay Kumar, is an economics lecturer in a government school in a nearby village Legal Kalan. Her mother, Renu Bala, is a librarian in a private college. Her elder brother is studying at IIT Delhi.

Eliza would go to Patiala, one and a half hours away from her hometown, for coaching classes during the weekend. Her father said, “She wanted to crack AIIMS and we’re very proud of her. It’s a dream come true for all of us.”