गाँवों का स्थानान्तरण

चंडीगढ़, 26 जून-

हरियाणा सरकार ने भौगोलिक निकटता और प्रशासनिक सुविधा के दृष्टिïगत, जिला रेवाड़ी में पटवार हलका चिल्हड़ के क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले गांव जैतपुर-शेखपुर, नूरपुर और चिल्हड़ को उप तहसील पाल्हावास से निकाल कर रेवाड़ी तहसील में और जिला करनाल में पांच गांवों मारगेन, मंगोलौरा, गंजोगढ़ी, नागलामेघा और रांवड़ को तहसील एवं उप मण्डल घरौण्डा से निकाल कर तहसील एवं उप मण्डल करनाल में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।
इस आशय का निर्णय हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में लिया गया।
इन क्षेत्रों के ग्रामीणों ने क्रमश: तहसील एवं उप मण्डल मुख्यालय रेवाड़ी तथा तहसील एवं उप मण्डल मुख्यालय करनाल के साथ भौगोलिक निकटता के आधार पर अपने गांवों को स्थानांतरित करने की मांग की थी।

एचवीपीएनएल और एचपीजीसीएल के नियमित चिकित्सा अधिकारियों की सेवा निवृत्ति आयु अब 65 हुई

चण्डीगढ़, 26 जून-

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एचवीपीएनएल और एचपीजीसीएल में काम कर रहे नियमित चिकित्सा अधिकारियों के लिए केवल परामर्शदाता और वरिष्ठ परामर्शदाता के रूप में नैदानिक डयूटी करने हेतु सेवानिवृत्ति की आयु को 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष तक करने की स्वीकृति प्रदान की गई।
यहां यह उल्लेखनीय होगा कि राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एचसीएमएस डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु को पहले ही 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष तक कर दिया है।
मंत्रिमंडल की बैठक में स्वास्थ्य विभाग की तर्ज पर विश्वविद्यालय या अन्य संस्थानों में नियुक्त नियमित चिकित्सकों की भी आयु सीमा 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया है।

Pre Monsoon Showers are here

 

CHANDIGARH:

Pre-monsoon showers are expected to lash the city from Tuesday evening, according to the meteorological department.

The weathermen have given a forecast of thundery development on Tuesday. There is a possibility of thunderstorm with squall and wind speed exceeding 45kmph from Wednesday. Clouds are expected to stay all through the week, with light to moderate rainfall during the weekend.

The temperatures are expected to drop by 5-6 degrees, bringing the much-needed respite from the hot weather conditions.

On Monday, the maximum temperature went up a few notches. While it was 39.3 degrees Celsius on Sunday, the mercury level rose to 39.8 degrees Celsius on Monday. The maximum temperature on Monday was 3 degrees above normal, while it was 2 degrees above normal on Sunday.

Super moon on 27th July

 

The month of July is set to witness a rare astronomical spectacle as a blood moon, the second of the year, will appear on the intermediary night of July 27-28. The total lunar eclipse is being touted as the longest of this century.

The eclipse will follow the super blue blood moon of January 31, which too was a once-in-a-lifetime event combining a supermoon, blue moon and blood moon.

Here’s why this super-moon is special:

According to space experts, the eclipse will last one hour and 43 minutes – nearly 40 minutes longer than the January 31 Super Blue Blood Moon. The January 31 super-moon was supposed to be the longest total lunar eclipse of the year but this will outdo the former.

The blood moon, or the ‘full buck moon’ as it is being called, will turn blood red during the eclipse due to the way light bends around Earth’s atmosphere. During a blood moon, the moon takes on a deep red to orange colour rather than completely disappearing when it passes through the shadow cast by Earth. This bizarre effect known as ‘Rayleigh scattering’ filters out bands of green and violet light in the atmosphere during an eclipse.

The full buck moon will last longer than normal as it will pass almost directly through Earth’s shadow during the eclipse. At the same time, it will be at the maximum distant point from earth. Therefore, it will take longer to cross Earth’s shadow.

The moon will be visible on July 27. “The July 2018 full moon presents the longest total lunar eclipse of the 21st century on the night of July 27-28, 2018, lasting for a whopping one hour and 43 minutes,”  an expert as saying.

The eclipse will be visible only in the eastern hemisphere of the world – Europe, Africa, Asia, Australia and New Zealand. People in North America and Arctic-Pacific region won’t be able to get a hold of this event this time.

In Asia, Australia and Indonesia, the greatest view of the eclipse will be during morning hours. Europe and Africa will witness the eclipse during the evening hours, sometime between sunset and midnight on July 27.

प्रधान मंत्री पद की दावेदारी गठबंधन पर पड़ेगी भारी

 

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस की उम्मीदें केवल एक ही सहारे पर टिकी हुई हैं. वो सहारा है महागठबंधन. कांग्रेस को लगता है कि महागठबंधन के समुद्र मंथन से ही सत्ता का अमृत पाया जा सकता है. महागठबंधन का वैचारिक आधार है-मोदी विरोध. महागठबंधन की बात बार-बार दोहराकर कांग्रेस इसकी अगुवाई का भी दावा कर रही है ताकि भविष्य में पीएम पद को लेकर महाभारत न हो. लेकिन दूसरे राजनीतिक दलों में गूंजने वाली अलग-अलग प्रतिक्रियाएं महागठबंधन के वजूद पर अभी से ही सवालिया निशान लगा रही हैं.

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार चुनाव से पहले महागठबंधन की कल्पना को व्यावहरिक ही नहीं मानते हैं. उनका मानना है कि क्षेत्रीय दलों की मजबूती की वजह से महागठबंधन व्यावहारिक नहीं दिखाई देता है. पवार का राजनीतिक अनुभव और दूरदर्शिता उनके इस बयान से साफ दिखाई देता है.

जिन क्षेत्रीय दलों की मजबूती को कांग्रेस एक महागठबंधन में देखना चाहती है दरअसल यही मजबूती ही क्षेत्रीय दलों को चुनाव बाद के गठबंधन में सौदेबाजी का मौका देगी. क्षेत्रीय दलों की यही ताकत उन्हें चुनाव बाद एकजुट होने की परिस्थिति में उनके फायदे के लिये ‘सीधी बात’ कहने का आधार देगी और सत्ता में भागेदारी का बराबरी से अधिकार भी देगी.

शरद पवार ये मानते हैं कि हर राज्य में अलग-अलग पार्टियों की अपनी स्थिति और भूमिका है. कोई पार्टी किसी राज्य में नंबर 1 है तो उसकी प्राथमिकता राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को और मजबूत करने की होगी. जाहिर तौर पर ऐसी स्थिति में कोई भी पार्टी चुनाव पूर्व महागठबंधन के फॉर्मूले में कम से कम अपने गढ़ में तो ऐसा कोई समझौता नहीं करेगी जिससे उसके वोट प्रतिशत और सीटों का नुकसान हो.

वहीं इस महागठबंधन के आड़े आने वाला सबसे बड़ा व्यावहारिक पक्ष ये है कि बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने वाले क्षेत्रीय दल लोकल स्तर पर एकजुटता कैसे दिखा पाएंगे? वो पार्टियां जो अबतक एक दूसरे के खिलाफ आग उगलकर चुनाव लड़ती आई हैं वो राष्ट्रीय स्तर पर कैसे एकता दिखा सकेंगी? उन सभी के किसी न किसी रूप में वैचारिक मतभेद हैं जिनका किसी न किसी रूप में समझौते पर असर पड़ेगा.

सबसे बड़ी चुनौती जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को लेकर होगी जिनके लिए महागठबंधन के बाद एक साथ काम कर पाना आसान नही होगा क्योंकि कई राज्यों में वैचारिक मतभेद से उपजा खूनी संघर्ष भी इतिहास में कहीं जिंदा है.

बड़ा सवाल ये है कि सिर्फ मोदी को रोकने के लिए क्या पश्चिम बंगाल में टीएमसी और वामदल आपसी रंजिश को भुलाकर कांग्रेस के साथ आ सकेंगे? क्या तमिलनाडु में डीएमके और आआईएडीएमके, बिहार में लालू-नीतीश, यूपी में अखिलेश-मायावती और दूसरे राज्यों में गैर कांग्रेसी क्षेत्रीय दलों के साथ कांग्रेस का गठबंधन साकार हो सकेगा?

महागठबंधन को साल 2015 में पहली कामयाबी बिहार में तब मिली जब लालू-नीतीश की जोड़ी ने बीजेपी के विजयी रथ को रोका. इसी फॉर्मूले का नया अवतार साल 2018 में यूपी में तब दिखा जब बीजेपी को हराने के लिए पुरानी रंजिश भूलकर एसपी-बीएसपी गोरखपुर-फूलपुर के लोकसभा उपचुनाव में साथ आए तो फिर कैराना में रालोद के साथ गठबंधन दिखा. यूपी-बिहार के गठबंधन के गेम से ही कांग्रेस उत्साहित है और वो महागठबंधन का सुनहरा ख्वाब संजो रही है.

लेकिन एक दूसरा सवाल ये भी है कि अपने-अपने राज्यों के क्षत्रप आखिर कांग्रेस के नेतृत्व में महागठबंधन से जुड़ने को अपना सौभाग्य क्यों मानेंगे? खासतौर से तब जबकि हर क्षेत्रीय दल का नेतृत्व खुद में ‘पीएम मैटेरियल’ देख रहा हो.

कांग्रेस राहुल के नेतृत्व में महागठबंधन की अगुवाई करना चाहती है. जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में गैर-बीजेपी दलों के हित में जारी महागठबंधन की अपील को ठुकरा चुकी हैं. ममता बनर्जी तीसरे मोर्चे की कवायद में ज्यादा एक्टिव दिखाई दे रही हैं. वो दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों और क्षेत्रीय नेताओं के लगातार संपर्क में हैं. बीजेपी को हराने के लिए वो हर बीजेपी विरोधी नेता से हाथ मिलाने को तैयार हैं. उन्होंने गुजरात चुनाव में बीजेपी की नजदीकी जीत के बाद हार्दिक-अल्पेश-जिग्नेश की तिकड़ी की तारीफ की और हार्दिक पटेल को पश्चिम बंगाल का सरकारी मेहमान तक बना डाला.

हाल ही में उन्होंने दिल्ली के सीएम केजरीवाल के एलजी ऑफिस में धरने के वक्त तीन अलग राज्यों के सीएम के साथ पीएम से मुलाकात की. ये मुलाकात साल 2019 को लेकर कांग्रेस के लिए भी बड़ा इशारा था. एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में केजरीवाल के धरने को ड्रामा बता रहे थे तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी की अगुवाई में चार राज्यों के सीएम केजरीवाल का सपोर्ट कर रहे थे.

महागठबंधन से पहले किसी विचारधारा या फिर मुद्दे पर कांग्रेस और गैर-कांग्रेसी दलों में एकता दिखाई नहीं दे रही है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि किसी भी कीमत पर मोदी और बीजेपी को साल 2019 में सत्ता में आने से रोकने के लिए महागठबंधन की नींव पड़ भी गई तो इमारत बनाने के लिए ईंटें कहां से आएंगी?

मोदी को रोकने के लिए महागठबंधन तो बन सकता है लेकिन महागठबंधन के नेतृत्व को लेकर कांग्रेस आम सहमति कैसे बना पाएगी? साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट कर चुकी है. यहां तक कि खुद राहुल गांधी भी कर्नाटक चुनाव प्रचार के वक्त कह चुके हैं कि वो देश का पीएम बनने को तैयार हैं. जबकि मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब राहुल से महागठबंधन के नेतृत्व पर सवाल पूछा गया तो वो जवाब टाल गए.

पीएम बनने की महत्वाकांक्षा आज के दौर में हर क्षेत्रीय पार्टी के अध्यक्ष के मन में है और यही महागठबंधन की महाकल्पना के साकार होने में आड़े भी आएगी. क्योंकि क्षेत्रीय दल सिर्फ सीटों तक की सौदेबाजी को लेकर महागठबंधन के समुद्र मंथन में नहीं उतरेंगे बल्कि वो पीएम पद को लेकर भी बंद दरवाजों  से लेकर खुले मैदान में शक्ति-परीक्षण के जरिये सौदेबाजी करने का मौका नहीं चूकेंगे

महागठबंधन पर बात न बन पाने की सूरत में कांग्रेस के पास यही विकल्प बचता है कि या तो वो गैर कांग्रेसी दलों को पीएम पद सौंपने पर राजी हो जाए या फिर यूपीए 3 के नाम से अपने प्रगतिशील गठबंधन के दम पर लोकसभा चुनाव में उतरे और चुनाव बाद महागठबंधन को लेकर फॉर्मूला बनाए.

सिर्फ विधानसभा चुनाव और उपचुनावों से लोकसभा चुनाव का मूड नहीं भांपा जा सकता है. यूपीए ने भी साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उपचुनावों में जीत हासिल की थी. वहीं इस साल 15 सीटों पर हुए उपचुनावों में महागठबंधन को सिर्फ चार सीटों पर ही जीत मिली है. ऐसे में महागठबंधन को लेकर बनाई जा रही हवा कहीं हवा-हवाई न साबित हो जाए.

क्षेत्रीय दलों को सिर्फ एक ही बात की चिंता है कि साल 2019 में भी कहीं ‘मोदी लहर’ की वजह से उनके राजनीतिक वनवास की मियाद पांच साल और न बढ़ जाए. यही डर उन्हें महागठबंधन में लाने को मजबूर कर सकता है लेकिन सत्ता में भागीदारी का लालच उन्हें पीएम पद की तरफ भी आकर्षित करता है. तभी पीएम पद की बाधा-रेस महागठबंधन में सबसे बड़ा अड़ंगा डालने का काम कर सकती है क्योंकि इस मुद्दे पर चुनाव से पहले कोई भी पार्टी राजी होने को तैयार नहीं होगी.

कांग्रेस ये कभी नहीं चाहेगी कि वो पीएम पद के बारे में चुनाव बाद उभरे राजनीतिक हालातों के बाद फैसला करे. वो ये चाहेगी कि इस मामले में तस्वीर अभी से एकदम साफ रहे और पूरा चुनाव राहुल बनाम मोदी ही लड़ा जाए.

बहरहाल सिर्फ मोदी-विरोध के नाम पर अलग-अलग राज्यों में विपक्षी दलों के सियासी समीकरण साधना भी इतना आसान नहीं है क्योंकि ये जातीय समीकरणों में भी उलझे हुए हैं. सिर्फ मोदी-विरोध का एक सूत्रीय कार्यक्रम देश की सभी विपक्षी पार्टियों के लिए साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आत्मघाती साबित हो सकता है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस की अंदरूनी रिपोर्ट को बाकी विपक्षी दलों को किसी ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह जरूर पढ़ना चाहिये और ये भी समझना चाहिये कि कि उनका सियासी इस्तेमाल सिर्फ कांग्रेस के प्रतिशोध तक ही तो सीमित नहीं है. फिलहाल कांग्रेस के लिए महागठबंधन बना पाना उसी तरह असंभव दिखाई दे रहा है जिस तरह अपने बूते साल 2019 का लोकसभा चुनाव जीतना.

ज्ञान चाँद गुप्ता ने सम्पर्क अभियान के तहत अपनी सरकार के 4 सालों का लेखा जोखा दिया

ज्ञान चाँद गुप्ता (फाइल फोटो)

 

स्थानीय विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि नये समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करने के लिए समाज और देश के लिए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले प्रमुख लोगों का योगदान बहुत जरूरी है, इसलिए देश में समाज के लिए सराहनीय कार्य करने वाले 40 हजार और हरियाणा प्रदेश में 2 हजार लोगों से संपर्क का समर्थन अभियान के तहत घर जाकर मुलाकात की जा रही है। इस दौरान समाज के प्रमुख लोगों को केन्द्र सरकार की चार साल की उपलब्धियों का लेखा-जोखा भी दिया जा रहा है।

विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने सेक्टर 12 में समाज और देश के लिए सराहनीय कार्य करने वाले सेवानिवृत लै० कर्नल एसएस गुलेरिया एवं उनकी धर्मपत्नी व सुप्रसिद्ध पंजाबी लोक गायिका डौली गुलेरिया के मकान नंबर 865 स्थित निवास पर पहुंचे। विधायक के उनके घर पहुंचने पर दोनो ने परंपरा अनुसार सादगी के साथ स्वागत किया। विधायक ने सबसे पहले सेवानिवृत लै० कर्नल एसएस गुलेरिया व उनकी धर्मपत्नी व सुप्रसिद्ध पंजाबी लोक गायिका डौली गुलेरिया को केन्द्र सरकार के चार वर्ष के लेखा-जोखा से संबंधित एक बुकलेट भेंट की। लै० कर्नल एसएस गुलेरिया ने आश्वासन देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों के दूरगामी परिणाम सामने आ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सुप्रसिद्ध पंजाबी लोक गायिका डौली गुलेरिया का प्रसिद्ध लोकगीत अंबरसरे दे पापड़ वे मैं खांदी ना, तू करना आकड़ वे मैं सहंदी ना, काफी लोकप्रिय हुआ। इनके तीन पुत्र-पुत्रियां हैं जिनमें सुनैनी शर्मा, दिलप्रीत गुलेरिया व अमनप्रीत गुलेरिया शामिल हैं जो अपने व्यवसाय व नौकरी में लगे हुए हैं।
इससे पूर्व विधायक ने संपर्क का समर्थन अभियान के तहत समाज के लिए सराहनीय कार्य करने वाले उद्यौगपति एवं सामाजिक कार्यकर्ता ब्रिज लाल गुप्ता, सेवानिवृत आईएएस धर्मवीर, अहसास अदब सोसायटी के प्रधान बीडी कालिया हमदम, भवन विद्यालय स्कूल की प्रधानाचार्या शषि बैनर्जी, सेवानिवृत आईपीएस वीके कपूर, इंडियन एयर फोर्स के सेवानिवृत कर्नल आरएस कौशल, सेवानिवृत आईएएस एसडी भांबरी, सेवानिवृत शिक्षाविद् प्रो० एके सहजपाल, भवन एवं मैट्रो रेलवेज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले एसपी सिंगला इत्यादि के निवासों पर पहुंच पर उन्हें केन्द्र सरकार के चार वर्ष के लेखा-जोखा से संबंधित एक बुकलेट भेंट की। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता डीपी सोनी भी विधायक के साथ उपस्थित रहे।

चिकित्सकों को अब सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त क्लिनिकल ड्यूटी देनी होगी: अनिल विज

 

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश के लोगों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं एवं चिकित्सकों की सहज उपलब्धता के लिए प्रशासनिक पदों पर तैनात हरियाणा नागरिक चिकित्सा सेवा, हरियाणा दंत सेवा तथा जिला आयुर्वेदिक चिकित्सकों को अब सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त क्लिनिकल ड्यूटी देनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केवल प्रशासनिक कार्य कर रहे चिकित्सकों द्वारा ओपीडी करने से न केवल डॉक्टर्स की कमी दूर की जा सकेगी बल्कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को भी इंतजार नही करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य विभागों में कार्यरत या प्रतिनियुक्ति पर गए चिकित्सकों पर यह आदेश लागू नही होगा। यदि किन्हीं कारणों से कोई चिकित्सक यह ड्यूटी करने मे असमर्थ रहता है तो उसे अगले सप्ताह अतिरिक्त कार्य दिया जाएगा।
विज ने बताया कि इसके तहत स्वास्थ्य महानिदेशक एवं अतिरिक्त स्वास्थ्य महानिदेशक को सप्ताह के किसी भी दिन 2 घंटे तथा राज्य के सभी सिविल सर्जन एवं समकक्ष अधिकारियों को सप्ताह में एक दिन चिकित्सीय कार्य करना होगा। इसी प्रकार प्रधान चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिक्षक, उप सिविल सर्जन, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी तथा समकक्ष अधिकारियों को भी सप्ताह में दो दिन चिकित्सीय ड्यूटी करनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इनके अलावा स्वास्थ्य महानिदेशालय, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, एचएमएससीएल, एचएसएचआरसी, एड्स कंट्रोल सोसाएटी तथा एसआईएचएफडब्ल्यू में तैनात उपनिदेशक (सीनियर स्केल), उपनिदेशक, वरिष्ठï चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारियों तथा दंत चिकित्सकों को सप्ताह में 2 दिन क्लिनिकल ड्यूटी करनी होगी। इसी प्रकार आयुष विभाग के जिला आयुर्वेदिक अधिकारियों को भी सप्ताह में 2 दिन चिकित्सीय कार्य करना होगा।
विज ने बताया कि प्रशासनिक पदों पर तैनात चिकित्सकों को चिकित्सकीय कार्यों के लिए अपना अस्पताल चयन करने की छूट होगी। इसके लिए स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा चिकित्सीय ड्यूटी का पूरा रिकार्ड रखा जाएगा तथा क्लिनिकल ड्यूटी नही करने वाले चिकित्सक के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए चिकित्सकों को अलग से कोई मानदेय नही दिया जाएगा परन्तु अन्य स्थान पर ड्यूटी के लिए टीए/डीए के हकदार होंगे। इस संबंध में निरीक्षण रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह संकलित की जाएगी।

बयान विवादित है


हरियाणवी डांसर और लोक गायक सपना चौधरी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए प्रचार कर सकती है


हरियाणवी डांसर और लोक गायक सपना चौधरी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए प्रचार कर सकती हैं। बीते शुक्रवार को सपना चौधरी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचीं थी। सपना चौधरी के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद ने विवादित बयान दिया है। करनाल से सासंद अश्विनी कुमार चोपड़ा ने कहा कि कांग्रेस को देखना है कि उन्हें ठुमके लगाने वाले चाहिए या चुनाव जीतने वाला।
सासंद अश्विनी कुमार चोपड़ा ने कहा, कांग्रेस में ठुमके लगाने वाले जो हैं, वही ठुमके लगाएंगे, ये उनको देखना है कि ठुमके लगाने हैं या चुनाव जीतना है।
आपको बता दें कि 22 जून को सपना चौधरी कांग्रेस मुख्यालय गई थी और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रभावित होने की बात कही थी। कांग्रेस मुख्यालय पहुंचने के बाद सपना ने संवाददाताओं से कहा था, मुझे सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी बहुत अच्छी लगती हैं। मैं उनसे मिलने पहुंची थी लेकिन उनसे नहीं मिल पाई। जल्द ही मैं उनसे मिलूंगी।

आम आदमी पार्टी के दावे और सच

पंचकूला,23 जून। आम आदमी पार्टी की जिला पंचकूला इकाई ने अपने हरियाणा जोड़ो अभियान के तहत आज शहर के वार्ड नंबर 13, बुढऩपुर, सकेतड़ी, चंडीकोटला, आशियाना  इंड्रिस्टियल एरिया तथा राजीव कालोनी में विशेष अभियान चलाया। पार्टी द्वारा कालका में भी यह अभियान चलाया जा रहा है।

जिला अध्यक्ष योगेश्वर शर्मा के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने विभिन्न सेक्टरों व गांवों में लोगों से निजी तौर पर मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी तथा उन्हें हल करवाने के लिए उनकी मांगों को पूरे जोर शोर से उठाने का भरोसा भी दिया।

बाद में यहां जारी एक ब्यान में योगेश्वर शर्मा ने बताया कि यहां के लोगों ने उन्हें बताया कि वे लोग बिजली, पानी की मुख्य समस्याओं से तो जूझ ही रहे हैं साथ ही उन्हें अस्पतलों में से पूरी दवांए,राशन की दूकान से सस्ता अनाज,मिट्टी का तेल भी नहीं मिल रहा जोकि पहले मिल जाया करता था और भाजपा ने अपने चुनाव के दौरान इसे बढ़ाने का वायदा किया था। आज हालत यह है कि डिपूधारक कह देते हैं कि पीछे से ही नहीं आया या खत्म हो गया। योगेश्वर शर्मा ने बताया कि इन स्थानों में इन लोगों की सबसे बड़ी समस्या बेराजगारी की है। इन लोगों के पास काम तो है नहीं उपर से महंगाई की मार से ये लेाग और भी दुखी हैं।

आम आदमी द्वारा दिल्ली में किये गए काम

घर घर पानी पंहुचाया(आ आ पा)

 

दिल्लीवासियों के हक के लिए लड़ते हुए आ आ पा के कर्मठ कार्यकर्ता

 

दिल्ली वासियों के लिए गवर्नर के घर सोते हुए मुख्यमंत्री

योगेश्वर शर्मा ने इन्हें बताया कि दिल्ली की सरकार अपने वहां के लोगों को एक तय सीमा तक बिजली पानी निशुल्क देती है तथा शिक्षा और ईलाज भी निशुल्क करवा रही है। दूसरी ओर यहां आम आदमी बिजली की बढ़ी हुई दरों की वजह से तो परेशान है ही साथ ही बिजली निगम द्वारा वेबजह बड़ी बड़ी रकमों के भेजे जाने वेाले बिलों से भी तंग है। आए दिन उन्हें बिजली विभाग जाकर इसे ठीक करवाने के लिए अधिकारियेां की मिन्नतें करनी पड़ती हैं और कई कई बार तो अपनी बात मनवाने के लिए उनका लड़ाई झगड़ा भी हो जाता  है। बावजूद इसके उनकी बात नहीं सुनी जाती। योगेश्वर शर्मा ने बताया कि आम आदमी पार्टी हरियाणा गत महीने में हरियाणा जोड़ो अभियान के तहत हरियाणा की सभी 90 विधानसभाओं पर चुनाव लडऩे की घोषणा के साथ अपने संगठन लोकसभा संगठन मंत्री, जिला अध्यक्ष, विधानसभा संगठन मंत्री व हल्का अध्यक्ष के साथ प्रवक्ताओं के साथ गांव-गांव जाकर पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में किए गए जनकल्याणकारी ऐतिहासिक कामों को जन-जन तक पहुंचा रही है।  छोटे-छोटे नुक्कड़ सभाएं करके आम आदमी पार्टी की नीतियों का प्रचार भी कर रही है जैसे दिल्ली में किसान की फसल खराब होने पर 20,000 प्रति एकड़ मुआवजा, सैनिक के शहीद होने पर एक करोड़ की परिवार को आर्थिक सहायता, 20,000 लीटर पानी फ्री, बिजली के यूनिट,  सभी सरकारी अस्पताल में इलाज, दवाइयां व सभी प्रकार के मेडिकल टेस्ट जैसे एक्स-रे, सीटी स्कैन, एम आर आई, अल्ट्रासाउंड व खून की जांच मुफ्त की जाती है। आप के जिला पंचकूला के प्रधान योगेश्वर शर्मा ने आगे बताया कि दिल्ली में शिक्षा क्रांति के हुए  ऐतिहासिक कामों जैसे प्राइवेट स्कूल से बढिय़ा सरकारी स्कूलों के रिजल्ट, प्राइवेट स्कूलों की फीस न बढऩे देना व बढ़ी हुई फीस को वापिस करवाना आदि को भी आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता जन जन तक पहुंचा रहे हैं। इस अवसर पर उनके साथ पंचकूला के प्रधान सुशील मैहता,सुभाष अरोड़ा, मन्ना ङ्क्षसह और जतिंद्र,शिवम और संजू भी थे।

यात्रिगन कृपया ध्यान दें, “मेट्रो” बहादुरगढ़ पंहुच रही है.

 

मनोहर सरकार बहादुरगढ़ के लोगों को आज एक बड़ा तोहफा देने जा रही है. 24 जून यानी रविवार की सुबह मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मुंडका बहादुरगढ़ रेलवे लाइन का शुभारंभ करने आ रहे हैं. यानी रविवार की सुबह मुंडका से बहादुरगढ़ के सिटी पार्क मेट्रो स्टेशन तक पहली बार मेट्रो ट्रेन चलने जा रही है.

बहादुरगढ़ से मुंडका तक मेट्रो से जुड़ा होने के बाद रोजाना करीब डेढ़ लाख लोग इसका फायदा उठा सकेंगे. मेट्रो ग्रीन लाइन पर चलने के बाद एक तरफ जहां लोग महज 20 मिनट में बहादुरगढ़ से मुंडका की दूरी तय कर सकेंगे, वहीं सड़कों पर भी वाहनों का दबाव कम होने के कारण देश की राजधानी दिल्ली में लगने वाले जाम से काफी हद तक बचा जा सकेगा.

बता दें कि मुंडका बहादुरगढ़ मेट्रो लाइन बनाने में करीब एक हजार करोड़ रुपए का खर्च आया है. यह पूरा खर्चा हरियाणा सरकार ने वहन किया है. इस लाइन पर राजधानी दिल्ली की सीमा में चार मेट्रो स्टेशन बनाए गए हैं, वहीं तीन स्टेशन हरियाणा की सीमा में बनाए गए हैं. ग्रीन लाइन मेट्रो का निर्माण प्रदेश की पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था और करीब 4 साल मैं यह मेट्रो लाइन पूरी तरह से बन कर तैयार हो गई है.

हालांकि बहादुरगढ़ में मेट्रो का एक यार्ड भी बनाया जाना था, लेकिन कानूनी पेचीदगियों के चलते जमीन अधिग्रहण कैंसिल हो जाने के कारण यह नहीं बन सका है. लेकिन फिलहाल मुंडका मेट्रो यार्ड के सहारे ही यहां मेट्रो सुचारू रूप से चलाई जाएगी. मेट्रो लाइन शुभारंभ समारोह की तैयारियां प्रशासनिक स्तर पर शुरू कर दी गई है.

आज दोपहर को ही सीआरपीएफ के जवान सभी मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल लेंगे. बता दें कि पिछले दिनों डीएमआरसी के उच्च अधिकारियों ने बहादुरगढ़ के नवनिर्मित मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा का जायजा लिया था और बहादुरगढ़ मुंडका मेट्रो लाइन को सिक्योरिटी क्लीयरेंस दे दिया गया था. उसके बाद से ही मेट्रो लाइन के उद्घाटन का इंतजार बहादुरगढ़ के लोगों को बेसब्री से था. रविवार को बहादुरगढ़ के लोगों का अपने शहर से ही मेट्रो में बैठकर दिल्ली पहुंचने का सपना पूरा हो जाएगा.