कुलदीप जी के पास विधानसभा जाने का वक्त नहीं, सीएम साहब ने आईना दिखाया तो मिर्ची लग गई -जवाहर यादव
जितना भजनलाल परिवार के लोग पिछले तीन दिनों में अखबारों, टीवी और सोशल मीडिया पर बोले हैं, उतना 4 साल में परिवार के दोनों विधायक कुल मिलाकर भी वहां नहीं बोले जहां उन्हें बोलना चाहिए था। विधानसभा में कुलदीप बिश्नोई और रेणुका बिश्नोई की हाजिरी और सक्रियता हरियाणा के लोग देखेंगे तो कह उठेंगे कि ऐसे विधायक भगवान किसी को ना दे।
अब तक हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने के बाद हुए विधानसभा सत्रों में बिश्नोई दंपति की हाजिरी 33% भी नहीं है जिसे किसी भी परीक्षा में पास होने के लिए अनिवार्य माना जाता है। अब तक हुई 66 बैठकों में से कुलदीप बिश्नोई 21(32%) बार और रेणुका 19(29%) बार विधानसभा पहुंचे हैं। यानी सत्र के दो तिहाई वक्त तो उन्होंने विधानसभा जाना जरूरी ही नहीं समझा और बर्बाद कर दिया।
जब जाते हैं तब भी कुलदीप व रेणुका बिश्नोई अक्सर हाज़िरी लगाकर लौट आते हैं। सैशन कई घंटे चलता है लेकिन ये मेहमान कुछ मिनटों में ही फुर्र हो जाते हैं।
इन दोनों की सक्रियता का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि कुलदीप जी ने आज तक एक भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव नहीं दिया है जबकि उनकी पत्नी ने भी सिर्फ 4 ऐसे प्रस्ताव दिए हैं। जबकि विपक्ष व सत्ता पक्ष के अन्य विधायक ऐसे दर्जनों प्रस्ताव देते रहे हैं।
कुलदीप बिश्नोई तो इतने महान हैं कि अब तक 4 साल में उनकी तरफ से विधानसभा में सवाल भी बस 1 पूछा गया है। इन साहब का अतारांकित प्रश्नों में खाता ही नहीं खुला जबकि तारांकित प्रश्नों में इनके लगाए 4 सवालों में से 1 को ही पूछने लायक माना गया। मान गए, कमाल के नेता हैं कुलदीप बिश्नोई।
रेणुका जी से हाथ जोड़ प्रार्थना है जो कुलदीप जी ने ट्रक भर पत्र सीएम साहब को लिखे थे वो भी मीडिया को दिखा दे ट्रक की व्यवस्था में कर दूँगा जो उन पत्रों की फ़ोटो कॉपी चंडीगढ़ ला सके ।
तो अब आप समझ सकते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा सच का सामना करवाए जाने पर कुलदीप-रेणुका इतने परेशान क्यों हो उठे। जो इन्सान अपने किसी भी दायित्व में ईमानदार ना हो, जिसमें संघर्ष की इच्छाशक्ति ना हो, जो आरामपरस्त हो चुका हो और बस मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब पाले दिन काट रहा हो, उसको लेकर जनता भी देर-सवेर भी सच का सामना करेगी ही।