एनएसयूआई हरियाणा का आज “जवाब दो हिसाब दो” अभियान

“जवाब दो हिसाब दो” अभियान के तहत पंचकूला से चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास के घेराव के लिए किया कूच।

इस अभियान में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फीरोज़ खान, गीता भुक्कल, एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु
बुद्धिराजा मौजूद।

भाजपा सरकार से घोषणा पत्र का जवाब व वायदों का हिसाब लेने के लिए , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन , एनएसयूआई हरियाणा ने पंचकूला के सेक्टर 8-18 के चोंक से लगभग प्रातः 12 बजे सीएम से प्रश्नों का जवाब लेने के लिए सीएम आवास के घेराव का विशाल आंदोलन आयोजित किया।एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश सचिव व मीडिया प्रभारी दीपांशु बंसल ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा द्वारा किया गया था जिसमे एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करी और झज्जर से विधायक व पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन कुंडू , एनएसयूआई हरियाणा के प्रभारी व राष्ट्रीय सचिव बिट्ठल शर्मा आदि ने विशेष तौर पर पहुंचकर छात्रो को सम्भोधित किया और आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए सीएम आवास घेराव के लिए कूच किया।एनएसयूआई हरियाणा के जवाब दो हिसाब दो , सीएम आवास घेराव आंदोलन में प्रदेश के लगभग 2 हजार युवाओ व छात्रो ने हिस्सा लिया जिसमे एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष,प्रदेश पदाधिकारी आदि ने भारी संख्या में हिस्सा लिया।इसके साथ ही दीपांशु ने बताया कि एनएसयूआई हरियाणा द्वारा छात्र-जनविरोधी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर , शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का प्रदेश के छात्रो-युवाओ के प्रति भेदभावपूर्ण रवैए के विरोध में शव यात्रा निकाल ,पुतला फूंक कर रोष व्यक्त किया गया।भाजपा ने 2014 के चुनावों के समय छात्रो व युवाओ को आश्वस्त किया था कि छात्रो के लोकतांत्रिक हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएगे परन्तु चार वर्ष बीतने के बाद सरकार ने न तो तिथि निश्चित करी व नाही बजट आवंटित किया जोकि सरकार की मंशा को दर्शाता है, इसके साथ ही भाजपा ने अपने किसी वायदे को पूरा नही किया क्योंकि न तो प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ नौकरियों दी गई, न ही प्रदेश के बेरोजगारों को 6000-9000 बेरोजगारी भत्ता दिया गया , न ही प्रदेश में एम्स स्तरीय मेडिकल संस्थान का निर्माण हुआ, न ही पंचकूला/अम्बाला में विश्वविद्यालय खोला गया,न ही उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए विदेश में शिक्षा प्राप्त करने हेतु व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए संस्थान का निर्माण नही किया गया,न ही बजट में आवंटन कर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाया गया।,न ही प्रदेश के सरकारी कालेजो-विद्यालयों का स्तर प्राइवेट स्कूल के तर्ज पर बनाया गया आदि अनेको मुद्दों को लेकर एनएसयूआई ने जोरदार प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव व मीडिया प्रभारी दीपांशु बंसल,प्रदेश महासचिव साहिल शर्मा,प्रदेश सचिव कृष्ण अत्रि,जग्गा खेरा अम्बाला,एनएसयूआई पंजाब अध्यक्ष अक्षय शर्मा,एनएसयूआई चंडीगढ़ अध्यक्ष गुरजोत संधू,अमन पन्नू करनाल अध्यक्ष, ईशान शर्मा कुरुक्षेत्र जिलाध्यक्ष, अभिमन्यु भाटी, कवींद्र सिंह, महेश शर्मा, आशीष लाम्बा, हार्दिक नैन, राहुल खटकड़ आदि हजारो एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने भाग लिया ।

प्रदेश सरकार पत्रकारों के लिए हाउसिंग स्कीम बना रही है: राजीव जैन

चण्डीगढ़, 27 जुलाई :

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि प्रदेश सरकार पत्रकारों के लिए हाउसिंग स्कीम बना रही है ताकि हर पत्रकार का अपना घर हो सके।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि प्रत्येक पत्रकार को आवास सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार गंभीरता से विचार कर रही है और इस संबंध में हाउसिंग पॉलिसी बनाई जा रही है। इसके लिए राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकारों द्वारा बनाई गई पॉलिसी मंगवाई गई हैं जिनका अध्ययन किया जा रहा है। इन दोनों राज्यों की पॉलिसी के आधार पर जो श्रेष्ठ होगा वह हरियाणा की पॉलिसी में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पत्रकारों की मृत्यु पर दी जाने वाली आर्थिक सहायता में बढ़ोतरी करने पर भी गंभीर प्रयास कर रही है जिसके संबंध में जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पत्रकारों के हित में अगस्त माह से कैशलेस मेडिकल सुविधा शुरू होने की पूरी संभावना है। इसी प्रकार पत्रकारों के लिए एक्रीडेशन सुविधा को और अधिक आसान बनाने के लिए सरकार ने एक्रीडेशन कमेटी का पुनर्गठन कर दिया है। अगले एक सप्ताह में इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा जिसके बाद कमेटी द्वारा एक्रीडेशन की नई नीति व नियमों को घोषित किया जा सकेगा।
श्री जैन ने कहा कि मैंने लंबे समय तक पत्रकारिता भी की है और कई सरकारों के साथ काम भी किया है लेकिन पत्रकारों की समस्याओं के समाधान तथा उन्हें सुविधाएं देने के मामले में जो कदम इस सरकार ने उठाए हैं, वह पहले किसी सरकार द्वारा नहीं उठाए गए। उन्होंने कहा कि मैं पत्रकारों की समस्याओं से भली-भांति परिचित हूं और 1992 में जब मैं खुद पत्रकार यूनियन का महासचिव था तब हमने प्रयास करके पहली बार पत्रकारों के लिए बीमा पॉलिसी शुरू करवाई थी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल घोषणाओं पर कम और काम में ज्यादा विश्वास करते हैं। पत्रकारों की एक आवाज पर उन्होंने पत्रकारों के लिए 10 हजार रुपये मासिक पेंशन शुरू करने के अलावा उनकी सुविधा के लिए हर जिले में मीडिया सेंटर खुलवाए हैं। पत्रकारों की अधिकतर मांगें इस सरकार के कार्यकाल में पूरी की जा चुकी हैं और उनके द्वारा की जा रही एकाध शेष मांगों के अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण और लाभकारी योजनाओं की सौगातें पत्रकारों को देने पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न पत्रकार यूनियनों द्वारा दी गई मांगों का संयुक्त मांग पत्र प्रदेश सरकार को दिया गया है जिन्हें पूरा करवाने के लिए वे विशेष प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्य के दौरान यदि किसी पत्रकार के कैमरे या अन्य उपकरण को नुकसान होता है तो उसकी भरपाई भी सरकार द्वारा नियमित रूप से की जाती है, क्योंकि सरकार का मानना है कि पत्रकार की कलम न रुकनी चाहिए, न झुकनी चाहिए, न अटकनी चाहिए और न भटकनी चाहिए।
राजीव जैन आज आयोजित एक कार्यक्रम के उपरांत यह जानकारी दे रहे थे। हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में 200 से अधिक पत्रकारों को बीमा पॉलिसी वितरित की गईं।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष आरपी वशिष्ठ ने कहा कि प्रदेश में अब तक 1750 पत्रकारों को बीमा पॉलिसियां वितरित की जा चुकी हैं और पत्रकारों की समस्याओं के समाधान व मांगों को पूरा करने की दिशा में सरकार गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने पत्रकारों से वादे तो किए लेकिन मांगें पूरी कभी नहीं की। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्रकारों के एक कार्यक्रम में पत्रकारों के लिए 5 हजार रुपये मासिक पेंशन शुरू करने का वादा किया था लेकिन उसे कभी पूरा नहीं किया। वर्तमान सरकार ने आते ही इस मांग को पूरा करते हुए पत्रकारों के लिए 10 हजार रुपये पेंशन शुरू की है। उन्होंने बताया कि पत्रकार यूनियन द्वारा की गई 10 में से 7 मांगें वर्तमान सरकार पूरी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने संतों, गायों और पत्रकारों की सबसे अधिक सुध ली है।

सभी विभागाध्यक्ष हर रविवार का दिन ड्राई डे के रूप में मनाएं : अतिरिक्त उपायुक्त कुमार

 

 

रोहतक, 27 जुलाई:

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में चिकनगुनिया, मलेरिया की रोकथाम के लिए विशेष जागरूकता एवं निरीक्षण अभियान चलाया हुआ है। सभी विभागों के अधिकारी अपने-अपने विभागों के साथ-साथ घरों में भी विशेषकर बरसाती पानी एकत्रित न होने तथा सफाई का प्रबंध करने का कार्य करेंगे।
यह निर्णय आज अतिरिक्त उपायुक्त कुमार की अध्यक्षता में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की बैठक में लिया गया। स्थानीय विकास सदन के कांफ्रेंस हाल में आयोजित बैठक में सभी विभागों का वाटसअप गु्रप बनाकर उस पर नियमित रूप से की जाने वाली गतिविधियों की फोटो अपलोड करने का भी निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि सभी विभागाध्यक्ष हर रविवार का दिन ड्राई डे के रूप में मनाएं और छतों पर पुराने बर्तनों एवं टायरों आदि की सफाई तथा कूलरों एवं टंकियों की भी जांच करेंं। उन्होंने बताया कि माह के दौरान 61 हजार 335 घरों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान 971 घरों में मलेरिया का लारवा पाए जाने पर नोटिस जारी किए गए। उन्होंने नगर निगम को भेजे गए नोटिस पर कार्यकारी अधिकारी इन्द्रजीत कुलडिया को चालान काटने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने विभागों में स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी मनोनीत करें और उसकी रिकार्ड स्वास्थ्य विभाग को भेजें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे रविवार को घर-घर जाकर विशेषकर विज्ञान के विद्यार्थी प्रोजेक्ट की तरह लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाए तथा उस प्रोजेक्ट की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजें। स्वास्थ्य विभाग ऐसे विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने का कार्य करेगा।
बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों को डाक्यूमेंटरी भी दिखाई गई, जिसमें लारवा न पनपने तथा घरों व कार्यालयों के आसपास पानी एकत्रित होने पर तेल डालने का अनुरोध किया। जिला में स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज विभाग नगर निगम के पास 17 फोगिंग मशीनें चलती हालत में हैं। इसके अलावा कलानौर व महम नगरपालिका के पास भी एक-एक फोगिंग मशीन है। इनसे जिला में मलेरिया फैलने का अंदेशा होने पर फोगिंग करवाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मई से अक्तूबर माह तक मलेरिया फैलने का अंदेशा होता है। इसलिए इस दौरान पूर्ण जागरूकता रखें और पूर्ण रूप से ढके हुए कपड़े पहनकर ही वाटरजनित रोगों से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि डेंगू का लारवा केवल साफ पानी में पनपता है, इसलिए घरों में प्रयोग होने वाली टंकियों, मटकों आदि को सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करके साफ करें।
बैठक में सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला, मलेरिया नोडल अधिकारी डा. अनुपमा मित्तल, डा. विवेक, डा. संजीव, सुरेश भारद्वाज सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

सडक़ सुरक्षा नीति लागू होने से जिला में दुर्घटनाओं की कमी आई है:अतिरिक्त उपायुक्त

चित्र केवल संदर्भ हेतु

रोहतक, 27 जुलाई:

ने कहा कि सडक़ सुरक्षा नीति लागू होने से जिला में दुर्घटनाओं की कमी आई है और सभी विभागाध्यक्ष यातायात नियमों एवं सडक़ सुरक्षा को लेकर तत्परता से कार्य कर रहे हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त आज विकास सदन के कांफ्रेंस हाल में सडक़ सुरक्षा को लेकर आयोजित मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सडक़ सुरक्षा नियमों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है और उनकी समीक्षा के लिए नियमित रूप से बैठके की जा रही हैं। स्कूली सुरक्षित वाहन पालिसी के तहत अब तक 1210 गाडिय़ों का निरीक्षण करके कमी पाए जाने पर 26 गाडिय़ों के चालान किए गए। इसके लिए विशेषकर सडक़ सुरक्षा एजेंसी एवं अधिकारी बधाई के पात्र हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि कई स्थानों पर सडक़ सुरक्षा नियमों को प्रभावी बनाने के लिए यातायात संकेत लगाए गए हैं तथा कर्ब तोडऩे का भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने नेशनल हाइवे के अधिकारियों को कई स्थानों का मौके पर मुआयना करके आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके अलावा कई स्थानों पर नेशनल हाईवे के अवैध कट को बंद करके आवागमन सुगम किया गया है। नजदीक हनुमान मंदिर खरावड़, नजदीक सुनारिया जेल रोड़, नजदीक पंचमुखी मंदिर महम, नजदीक दिल्ली बाईपास एवं आईएमटी, बोहर और ब्रिज के पास अवैध कट दुरूस्त करने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जून माह के दौरान पुलिस द्वारा विभिन्न प्रकार के 5917 से अधिक चालान करके 67 लाख रूपये की कंपोजीशन फीस राजस्व के रूप में एकत्रित की गई है। इसके अलावा जून माह के दौरान 1112 व्हीकल पास किए गए तथा कंपोजिशन फीस के रूप में 76 लाख 87 हजार 900 रूपये की राशि एकत्र हुई। बैठक में नगर निगम को शहर के कई स्थानों पर पीजीआई के संकेत बोर्ड लगाने तथा चौराहों पर सफेद पट्टी के स्थान पर लाल पट्टी लगवाने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में एसडीएम महम दलबीर फौगाट, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त रविन्द्र कुमार, डीईओ सुनीता रूहिल, सहायक सचिव ओमप्रकाश मोर सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

छात्रों के ऑन दा स्पाट चयन हेतु 20 कंपनियों ने छात्रों के साक्षात्कार के उपरान्त लगभग 134 छात्रों को चयनित किया

 

रोहतक, 27 जुलाई:

हरियाणा स्कूल परियोजना परिषद की तरफ से एनएसआरएफ के लेवल-4 के छात्रों की प्लेसमेंट हेतु भिवानी रोड स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इसमें रोहतक, भिवानी तथा झज्जर जिलों के लगभग 200 छात्रों व 53 अध्यापकों ने भाग लिया। छात्रों के ऑन दा स्पाट चयन हेतु 20 कंपनियों ने छात्रों के साक्षात्कार के उपरान्त लगभग 134 छात्रों को चयनित किया गया।
आईटी से संबंधित प्रमुख प्रतिभागी कंपनियां गणपति इन्टरप्राईजिज, इओन टेक एंड साफ्ट, जैन इंडस्ट्रीज सोहना आटो मॉटिव तथा आशा डिजिटल वल्र्ड रही। रिटेल में रोहतक बाजार फिलिप्स टॉप तथा रिलायंस रिटेल ने भाग लिया। पैशेंट केयर में एमकेडी एकेडमी तथा भारद्वाज हास्पिटल ने भाग लिया। ब्यूटी एंड वैलनेस में स्काईलुक, बेबी ब्यूटी पार्लर, मैमरी ब्यूरी पार्लर तथा रोहिणी यूनिसैक्स सैलून ने भाग लिया। सिक्योरिटी में सिक्योरिटी एंड इंटीलिजेंस सर्विसिज इंडिया लिमिटेड तथा राऊंड दा क्लॉक कंपनियां शामिल हुई। आटो मोबाइल में जगमोहन आटो मोबाइल तथा सृष्टि आटो मोबाइल शामिल हुई। छात्रों का चयन 15 हजार रूपये मासिक वेतन तक किया गया।
रोजगार मेले में छात्रों की भागीदार व उत्साह देखने लायक थी। अधिकतर छात्र रोजगार के साथ-साथ अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने हेतु योजनाबद्ध थे। उन्होंने कहा कि यह सरकार का अत्याधिक सुंदर व अनूठा प्रयास है, जिसमें रोजगारपरक शिक्षा दी जाती है। विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अत्यधिक प्रसन्नता व्यक्त की कि छात्र-छात्राएं विषय में दक्ष तथा प्रैक्टिकल कार्य में निपुण है।
रोजगार मेले में विभिन्न कंपनियों के 27 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। रोजगार मेले को सफल बनाने हेतु जिला समन्वयक आरपी वर्मा, एपीसी सुरेश हुड्डा, एपीसी राममेहर, जिला कोर्डिनेटर अमरीश, मनेन्द्र गिल तथा प्राचार्या ओकेश लता ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। जिला परियोजना संयोजक रामअवतार शर्मा ने पूर्णकालीन उपस्थित रहकर रोजगार मेले के प्रबंधन की निगरानी की।

रोहतक जिला निर्वाचन अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रकृति के संरक्षण के लिए शपथ ली

रोहतक, 27 जुलाई:

जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में कार्यरत सभी अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा पौधारोपण किया गया। इस उपरांत सभी उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रकृति के संरक्षण के लिए शपथ ली, जिसमें लगातार पौधारोपण व देखरेख भी करते रहेंगे। इस अवसर पर मुख्य रूप से डीआईपीआरओ कार्यालय से अधीक्षक आरबी चोपड़ा, जिला निर्वाचन कार्यालय से निर्वाचन कानूनगो कुलदीप सिंह, निर्वाचन कानूनगो दीपांशु, श्रीकृष्ण, डाटा एंट्री आप्रेटर श्रीभगवान, सेवादार श्री सचविन्द्र व देवेंद्र आदि उपस्थित रहे।

ओपन राष्ट्रीय स्कूल कुश्ती प्रतियोगिता में 7 मैडल प्राप्त करके लौटे छात्रों का सम्मान

रोहतक, 27 जुलाई:

जुलाई में जालन्धर में आयोजित विद्यार्थी ओपन राष्ट्रीय स्कूल कुश्ती प्रतियोगिता में 7 मैडल प्राप्त करके लौटने पर लखीराम अनाथालय की तरफ से उत्साहवर्धन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि जिला सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवाओं के अध्यक्ष संत प्रकाश थे। विशिष्ठ अतिथि के रूप में वरिष्ठ सिविल जज श्री हरीश गोयल, सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला, डिप्टी सिविल सर्जन केएल मलिक तथा डीसीपीओ नरेंद्र रहे। मुख्य अतिथि ने कहा कि मुझे यहां आकर बहुत प्रसन्नता होती है और उन्होंने बालको के उज्जवल भविष्य के टिप्स भी दिए। मैडल प्राप्त करने वाले पहलवान शिवा व हिमांशु ने गोल्ड, पंकज व साहिल ने सिल्वर तथा अरूण, दिपांशु तथा अभिषेक ने ब्रांज मैडल प्राप्त किए। 10वीं व बारहवीं में मैरिट प्राप्त करने वाले साहिल व सागर को भी सम्मानित किया। प्रधान राजबीर आर्य, युवराज सुनील राठी, उपप्रधान बिजेंद्र राठी, कुलदीप सिंधु, सुभाष सांगवान, कर्णसिंह मोर, हवा सिंह राठी आदि उपस्थित रहे। दयानंद शर्मा, संदीप आर्य, शास्त्री जी व पारूल स्टाफ को भी अच्छा कार्य करने पर बधाई दी।

अपने क्षेत्रों में निस्संकोच कार्य करें और अपने गांव को टॉप-10 में लाने का प्रयास करें: मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर

रोहतक, 27 जुलाई।

सहकारिता मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा किहुए अपने क्षेत्रों में निस्संकोच कार्य करें और अपने गांव को टॉप-10 में लाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के मामले में फंड की कोई कमी नहीं है। इसके अलावा बीमारियों पर खर्च होने वाले 25 प्रतिशत राशि की भी बचत होगी।
सहकारिता मंत्री आज स्थानीय विकास सदन में स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 का शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इसे स्वच्छता प्रतियोगिता मानते हुए अपनाएं। विपक्षी लोग नौकरी लगवाने, सडक़ बनवाने जैसे आम आदमी के कार्यों को करने की बात कहकर इससे ध्यान हटाने का प्रयास करेंगे, जबकि स्वच्छता का हमारे जीवन से जुड़ा हुआ अहम पहलू है। यदि पूर्ववर्ती सरकारें इस ओर ध्यान देती तो आज वातावरण इस तरह दूषित न होता और देश की आधी से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाली आबादी सुखमय जीवन व्यतीत करती। उन्होंने कहा कि तालाबों का पानी इतना गंदा हो गया है कि इसे पशु भी नहीं पीते। जबकि पहले संसाधनों की कमी के बावजूद लोग भी तालाबों का पानी बड़े चाव से पीते थे। उन्होंने कहा कि आज हम प्लास्टिक की बोतल में पानी महंगे दामों पर खरीदकर भी जहर पी रहे हैं, जिससे कैंसर जैसी बीमारियां पनप रही है।
सहकारिता मंत्री ने इंदौर शहर का उदाहरण देते हुए कहा कि गत दिनों उन्हें लगभग 9 किलोमीटर घूमने का मौका मिला। उस दौरान इन्दौर शहर में कहीं भी कूड़े का एक कचरा भी दिखाई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह सब जनभागीदारी से सुनिश्चित किया जा सकता है। अपने आसपास ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करके हम एयरकंडीशन जैसी हवाएं ले सकते हैं। इसलिए शहर एवं गांव में थोड़ी सी भी भूमि दिखाई दे तो उस पर अवैध कब्जा न करके ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्यावरण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्कूली बच्चों के माध्यम से पौधे लगाने का अभियान चलाया है। इसके तहत पौधे लगाने और संरक्षण करने वाले बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप राशि भी प्रदान की जाएगी।
श्री ग्रोवर ने जिला के अधिकारियों के साथ-साथ नगर निगम के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों के सर्वे में रोहतक जिला 269 रैंक से आज 89 रैंक पर पहुंच गया है और करनाल के बाद रोहतक प्रदेशभर में दूसरे स्थान पर आ गया है। इस प्रकार रोहतक शहर का देश के 100 शहरों में शामिल होना गौरव की बात है। उन्होंने व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ सामाजिक स्वच्छता को भी जीवन में अपनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में शहरों की तरह ग्रामीण क्षेत्र भी स्वच्छ बनें और प्रदेशभर में रोहतक अव्वल रहे, इसके लिए हर नागरिक इस मुहिम से जुडक़र बेहतरीन कार्य करे।
शुभारंभ अवसर को सम्बोधित करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि एक से 31 अगस्त तक चलने वाले इस ग्रामीण स्वच्छता अभियान-2018 को ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार शुरू किया गया है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य करे। उन्होंने कहा कि जिला में सेनिटेशन कवरेज, गांव में ओडिएफ स्टेटस और जिओ टैग्ड टॉयलेट के लिए 5-5 माकर््स तथा गांव में ओडीएफ वैरिफिकेशन और टायॅलेट फंगशनिंग के लिए 10-10 नम्बर निर्धारित किए गए है। इस प्रकार ये 35 प्रतिशत अंक बनते है।
उन्होंने बताया कि ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से फीडबैक लेने के लिए भी 35 प्रतिशत नम्बर निर्धारित किए गए है। जिनमें ग्रामीणों की जागरूकता, स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में सफाई, सुरक्षित डिस्पोजल, लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए क्रमश: दो, छह, छह तथा ग्राम प्रधान, ग्राम सेविका, स्वच्छागृही, आंगनवाड़ी वर्कर और स्कूल अध्यापकों से मिली फीडबैक के 10 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए है। उन्होंने बताया कि डायरेक्ट आब्जर्वेशन के लिए 30 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए है, जिनमें शौचालयों की उपलब्धता के लिए 5 प्रतिशत, शौचालय के प्रयोग के लिए पांच प्रतिशत, सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों के स्टेटस के लिए 10 प्रतिशत और पानी की सही निकासी तथा खराब पानी कहीं भी खड़ा ना हो, इसके लिए 10 प्रतिशत अंक निर्धारित किये गये है।
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सहकारिता मंत्री ने इस अवसर पर स्वच्छता सर्वेक्षण बुकलेट का भी अवलोकन किया। इसके अलावा उन्होंने गांव-गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए चलाए जाने वाले 4 जागरूकता रथों को भी रवाना किया। उन्होंने स्वच्छता रथ को हरी झंडी दिखाने के बाद कुछ दूरी तक रथ को भी चलाया। यह देखकर प्रांगण में मौजूद लोग भी हैरान रह गए और मंत्री जी की इस सादगी पर तालियां बजाई।
तत्पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार ने जीएसटी, नोटबंदी, सर्जीकल स्ट्राइक के अलावा किसानों को उनकी फसलों के वाजिब दाम देकर लाभान्वित करने का कार्य किया है। इसके अलावा भाजपा सरकार की अनेक योजनाएं आम व्यक्ति का जीवन सुधारने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने समान रूप से प्रदेश का विकास करवाया है। इसके लिए विपक्षी पार्टियों के नेता भी विकास की मांग करने के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष आ रहे हैं। एक अन्य प्रश्र में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार क्षेत्रवाद एवं परिवारवाद की राजनीति करती है। अपने-अपने क्षेत्रों में सभी कांग्रेसी नेता मुख्यमंत्री बनने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। इसीलिए उसे भाजपा का विकास और आम आदमी का संस्कारित विकास हजम नहीं हो रहा है।
इस अवसर पर डीडीपीओ अरविन्द मलिक, कार्यकारी अभियंता पंचायतीराज केके धनखड़, जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता रूहिल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी परमेश्वरी हुड्डा, डीईटीसी सुरेश बोडवाल, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी सुषमा नैन, बीडीपीओ राजपाल चहल, सिविल सर्जन अनिल बिरला, ब्लाक समिति चेयरमैन समुंद्र सिंह, सुनील कुमार, सरपंच काहनौर अमित कादियान सहित पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधि, सक्षम युवा एवं ग्रवित योजना के प्रतिभागी मौजूद थे।
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हरियाणा में पशुगणना का कार्य टैब्लैटस के माध्यम से इलैक्ट्रॉनिकली किया जाएगा

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चण्डीगढ़, 27 जुलाई-देश भर में चलाए जा रहे डिजिटल इण्डिया अभियान को और सफल बनाने के लिए हरियाणा में पशुगणना का कार्य टैब्लैटस के माध्यम से इलैक्ट्रॉनिकली किया जाएगा।
पशु पालन एवं डेयरी विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पशुगणकों को इलैक्ट्रॉनिक्स माध्यम से पशुगणना की जानकारी प्रदान करने के लिए आज पंचकुला एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया जिसमें विभाग के सभी जिला अधिकारियों और प्रत्येक जिले से दो मास्टर ट्रेनर्स पशु चिकित्सकों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को केन्द्र सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में विकसित किए गए साफ्टवेयर का आनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। इसके अतिरिक्त, उन्हें टैब्लैटस में डाटा दर्ज करने के अतिरिक्त निरीक्षक व पशुगणक की नियुक्ति और उनके गणना क्षेत्र को निर्धारित करने बारे जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि पशुगणना एक महत्वपूर्ण कार्य है और इस गणना के आधार पर ही पशुपालकों के उत्थान सम्बन्धित विभिन्न योजनाएं तैयार की जाती है। पशुगणना पशुओं के विकास एवं उनके लिए सुविधाएं मुहैया करवाने का आधार है।
उन्होंने बताया कि पशुगणना कार्य के सुचारु संचालन के लिए देश के सभी राज्यों में टैब्लैटस की व्यवस्था की गई है ताकि पशुगणक गणना के दौरान ही डाटा अपलोड कर सकें।

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की स्थानांतरण नीति संशोधित

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चण्डीगढ़, 27 जुलाई:

हरियाणा सरकार ने प्रशिक्षुओं के हित में सभी क्षेत्रों और संस्थानों में कर्मचारियों को उचित और समान रूप से नियुक्त करने के लिए कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की स्थानांतरण नीति में संशोधन किए है।

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि संशोधित स्थानांतरण नीति तुरन्त प्रभाव से ऑनलाइन लागू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को सार्वजनिक सेवा या विभाग या दोनों की आवश्यकताओं के अनुसार, किसी भी समय, कितनी भी अवधि के लिए, राज्य में कहीं भी स्थानांतरित और नियुक्त किया जा सकता है। स्थानान्तरण एवं नियुक्त का अधिकार विभाग के पास होगा और सभी स्थानांतरण एवं नियुक्तियां कर्मचारियों द्वारा दिए गए विकल्पों के आधार पर ऑनलाइन प्रफ्यि के माध्यम से की जाएगीं।
स्थानांतरण नीति शिक्षण काडर के साथ-साथ लिपिकीय काडर, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों/औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (महिला) (प्रिंसिपल, ग्रुप प्रशिक्षकों, ग्रुप प्रशिक्षक प्रभारी (महिलाएं), टीटीसी के लिए ग्रुप प्रशिक्षक ( महिलाएं), प्रशिक्षक, अधीक्षक, उप अधीक्षक, स्टोर कीपर, सहायक, पुस्तकालय लिपिक, सेवादार-सह-चौकदार और कार्यशाला परिचायक के लिए)के ग्रुप-4 पदों के लिए लागू होगी। प्रारंभ में, यह नीति 500 या अधिक काडर पदों के लिए लागू होगी।
कर्मचारी के अनुरोध पर या यदि उसे अपनी पसंद के स्थान पर स्थानांतरित किए जाने पर कोई टीए / डीए नहीं दिया जाएगा। अधिमानत: स्थानान्तरण जुलाई मास में किया जाएगा। फाइल पर दर्ज होने के कारणों को छोड़कर कोई मध्य-अवधि स्थानांतरण नहीं किया जाएगा
पोस्टिंग के किसी भी स्थान पर किसी कर्मचारी का सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष होगा। हालांकि, एक कर्मचारी जिसने 3 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है वह रिक्ति या पारस्परिक स्थानांतरण के आधार पर स्थानांतरण मांगने के लिए पात्र होगा। कोई भी कर्मचारी ऑनलाइन हस्तांतरण के लिए आवेदन कर सकता है। अगले एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मचारियों को प्रशासनिक आवश्यकता या अपने अनुरोध पर छोड़कर, सामान्य रूप से स्थानांतरित करने पर विचार नहीं किया जाएगा।
कर्मचारी पति/पत्नी (केंद्र सरकार कर्मचारी सहित) का जहां तक व्यावहारिक है, एक ही स्टेशन या पास के स्टेशन पर स्थानांतरण करने पर विचार किया जाएगा। कर्मचारियों की एक ही श्रेणी में टाई होने की स्थिति में, महिला कर्मचारी को पुरुष कर्मचारी पर वरीयता दी जाएगी।
यदि कोई कर्मचारी, जो प्रारंभिक नियुक्ति के समय या बाद में, मेवात जिले का निवासी नहीं है और वह रिक्ति के विरुद्घ मेवात जिले का चयन करता है या अगर ऐसा कर्मचारी ‘राज्य में कहीं भी’ का विकल्प चुनता है और विभाग मेवात में उसका स्थानांतरण करता है तो उसे मूल वेतन + डीए के अतिरिक्त 10 प्रतिशत का भुगतान किया जाएगा।
सामान्य स्थानांतरण साल में केवल एक बार किया जाएगा। हालांकि, सरकार द्वारा प्रशासनिक आवश्यकता, पति/पत्नी की आकस्मिक मृत्यु या पति/पत्नी की पुरानी बीमारी/ स्थायी अक्षमता, सरकार के विभागों/संगठनों के कर्मचारियों के पति/पत्नी के स्थानांतरण के मामले में और महिलाओं, विधवाओं, विधवाओं, अलग-अलग लोगों, गंभीर बीमारियों जैसी विशेष श्रेणियों के लिए वर्ष के दौरान किसी भी समय स्थानांतरण किया जा सकता है। इन आधारों के तहत स्थानान्तरण के कारण फाइल पर दर्ज किए जाएंगे।
वास्तविक रिक्तियों और डिम्ड रिक्तियों को 1मई से 31 मई तक अधिसूचित किया जाएगा। पात्र प्रशिक्षु प्रति वर्ष 1 जून से 15 जून तक संस्थानों की अपनी पसंद ऑनलाइन जमा करेंगे। कर्मचारियों द्वारा दावों और आपत्तियों के लिए मसौदा सूची और अंक का प्रदर्शन 16 जून से 30 जून। स्थानांतरण आदेश हर साल 15 जुलाई तक ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। रिक्ति के लिए आवंटन का निर्णय कर्मचारी द्वारा अर्जित अंकों के कुल जोड़ पर आधारित होगा। उच्चतम अंक अर्जित करने वाले कर्मचारी एक विशेष रिक्ति के खिलाफ स्थानांतरण के हकदार होंगे। रिक्ति के खिलाफ कर्मचारी के दावे का निर्णय लेने के लिए उम्र प्रमुख कारक होगी क्योंकि इसमें 60 अंकों का वेटेज होगा। महिलाओं, विधवाओं, विधुरों, निशक्त व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों और परिणामों में सुधार दिखाने वाले प्रशिक्षकों जैसी श्रेणियों को अधिकतम 20 अंकों का विशेषाधिकार प्रदान किया जा सकता है।
दो प्रकार की रिक्तियों होंगी, वास्तविक रिक्ति और डिम्ड रिक्त। पद जिस पर किसी भी कर्मचारी द्वारा कब्जा नहीं किया गया है अर्थात जो, सेवानिवृत्ति, पदोन्नति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या अन्यथा योग्यता की तिथि को खाली हो जाएगा, को । वास्तविक रिक्ति कहा जाएगा। इसी प्रकार, योग्यता तिथि को पांच वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिए कर्मचारी द्वारा एक पद पर कब्जा कर लिया गया या एक कर्मचारी द्वारा तीन साल तक एक पद पर कब्जा कर लिया गया है और जिसने स्थानांतरण के लिए विकल्प दिया है, को डिम्ड रिक्त माना जाएगा। जिन पदों पर संविदात्मक कर्मचारियों तैनात है उस पद को खाली नहीं माना जाएगा। कर्मचारियों की सभी श्रेणियों की कुछ रिक्तियों को कुछ समय तक खाली रखा जा सकता है। संस्थानों में ऐसी रिक्तियों की अधिकता से बचने के लिए ऐसी रिक्तियों का प्रतिशत सभी संस्थानों के बीच आनुपातिक रूप से, श्रेणीवार बनाए रखा जाएगा, जिसे सरकार द्वारा तय किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार की पूर्व अनुमति से प्रशासनिक आधार पर किसी भी कर्मचारी को किसी भी समय स्थानांतरित किया जा सकता है। हालांकि, विशिष्ट प्रशासनिक आधार जिसके लिए एक कर्मचारी को स्थानांतरित करने की मांग की जाती है उसे लिखित में दर्ज किया जाएगा। आमतौर पर, कर्मचारी के स्थानांतरण के लिए एक प्रशासनिक आधार यह होगा कि यदि सांसदों / विधायकों / अध्यक्ष एमसी / अध्यक्ष जिला परिषद / आईटीआई के प्रधानाचार्य के माध्यम से कोई विशिष्ट लिखित शिकायत प्राप्त की जाती है, तो ऐसे मामलों में, स्थानांतरण प्रारंभिक जांच के बाद लागू किया जाएगा। खराब नतीजे भी आधार हो सकते है अर्थात यानि पास प्रतिशतता 75 प्रतिशत से कम है या जिनके शिक्षण प्रदर्शन को ‘पुअर’ रेट किया गया है। एनसीवीटी निर्देशों या समय-समय पर अन्य महत्वपूर्ण निर्देशों के अनुसार रिकॉर्ड रखरखाव के संबंध में निदेशालय द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन करने में विफलता तथा रिश्वत, भ्रष्टाचार या आधिकारिक दुर्व्यवहार/दुर्व्यवहार के मामलों में न्यायिक/विभागीय कार्यवाही और दुर्व्यवहार के सिद्ध मामलों को भी आधार माना जा सकता है।
स्थानांतरण के लिए कर्मचारी किसी से सिफारिश नहीं करवाएंगे। यदि ऐसी कोई सिफारिश आती है तो उसे कर्मचारी द्वारा करवाया गया माना जाएगा। ऐसे कर्मचारी के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। ऐसे कर्मचारी के खिलाफ प्रासंगिक सेवा नियमों/कर्मचारियों के आचरण नियमों के तहत कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है।