Total 16 cases of burglaries and house theft were solved, in which huge amount of gold and silver ornaments are recovered: Chandigarh Police

Photo: Rakesh Shah


 

A team of Crime Branch under the supervision of DSP Sh. Pawan Kumar lead by Insp. Amanjot Singh arrested the gang of notorious burglars who have committing large number of burglaries in the area of Chandigarh.

 

Profile of accused.

 

Name Father’s name Present Address Age Occupation
Jagdeep Singh Sh. Daler Singh Urban Estate Sector-7, Ambala City HR 24

years

Taxi Driver
Shankar Thap Sh. Hem Lal Thapa Village Palsoura, Sec-55, Chandigarh Permanent add- Narayan Ghat, Distt. Chitaun Country, Nepal 28 years Works in the catering camp.
Ashok Kumar Tiwari Om Parkash Tiwari Village Palsoura, Sec-55, Chandigarh Permanent add. Vill. Aastigan, PS- Dhamolia, Distt. Faizabad(Ayadhya), UP.

 

age 27 years Auto Driver
Gurminder Singh @ Happy Chand Singh Ph-1 Mohali, PB 54 years Jeweller

(Receiver of stolen property)

 

Photo: Rakesh Shah

On 20.08.18, secret information was received that the above said accused persons were involved in burglaries and house theft presently roaming in the area of Police Station 36, Chandigarh. On the basis of secret information the naka was laid and all were apprehended and from further interrogation and investigation total 16 cases of burglaries and house theft were solved, in which huge amount of gold and silver ornaments are recovered.

 

The cases solved with their arrest are as under:

Sr. No. FIR /Date U/S PS State
1. 274/24.07.18 380,457,411 IPC 36 Chandigarh
2. 51/02.02.18 380,457,411 IPC 39 Chandigarh
3. 237/05.06.18 380,411 IPC 39 Chandigarh
4. 10/09.01.18 380,457,411 IPC 39 Chandigarh
5. 140/07.07.18 380,457,411 IPC 3 Chandigarh
6. 49/30.01.18 380,454,411 IPC 39 Chandigarh
7. 241/02.07.18 380,457,411 IPC 34 Chandigarh
8. 178/27.06.18 380,457,411 IPC MJ Chandigarh
9. 120/21.03.18 380,457,411 IPC 31 Chandigarh
10. 98/25.05.18 380,457,411 IPC 49 Chandigarh
11. 248/21.06.18 380,411 IPC 39 Chandigarh
12. 121/22.03.18 380,457,411 IPC 39 Chandigarh
13. 232/19.6.18 380,457,411 IPC 36 Chandigarh.
14. 227/12.6.18 380,457,411 IPC 36 Chandigarh.
15. 233/20.6.18 380,457,411 IPC 36 Chandigarh.
16. 17/4.2.18 380,454,411 IPC MJ Chandigarh.

 

Modus operandi

All the three accused met each other through a common friend namely Manir who was also lodged in Patiala Jail with accused Jagdeep Singh and after the introduction all of them decided to commit crime conjointly. Jagdeep Singh who was a taxi driver and have two cars one Baleno and one Alto used to roaming around in the posh areas of Chandigarh to look for the locked houses during the day and by breaking open the locks during the night, they used to enter these houses for theft. All of them are enjoying luxury life style wearing branded clothes, drinking branded liquor and gambling. Some of the stolen items they have sold to one of the jewellers in Village Badheri, Chandigarh who has also been arrested. They have stolen the car keys from these houses as well and it was the part of their planning that later they will steal the cars from the said houses. 5 such car keys were also recovered.  They have committed theft in the house of Renowned Punjabi Singer Satinder Sartaj, Sec.34, Chandigarh. They have located this house as locked during the day and entered by breaking open the locks, but on entering the house they found that it is not a residence of the singer but his office, so fearing that they have been recorded in the CCTV cameras, they stolen the DVR from there, which has been recovered.

Theft in Mohali

They have also committed theft in Mohali, Ph.11, from where they have stolen one Double Barrel Gun, One Camera and other gold jewelleries. The gun according to the interrogation of the accused Ashok Kumar he has given to someone in Ayodhaya, UP.

Previous History of the accused.

All the three accused have a tainted past and have been arrested previously. Jagdeep Singh was arrested in cheating case and remained in Patiala Jail whereas Shankar Thapa was lodged in Burail Jail in theft case. Ashok Kumar Tiwari has also been remained in Ropar jail in theft case.

जनता का जमावड़ा बताता है की प्रदेश में बह रही है बदलाव की बहार

देश और प्रदेश में बहुत सी रैलियां होती है , सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी रैलियों में पूरा जोर लगा देती है । हमने मोदी की रैलियां भी सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से देखी है ,अमित शाह की जींद रैली भी देखी। जिसमे पूरी बीजेपी ने जोर लगा रखा था फिर भी 70%कुर्सिया खाली थी । ये नज़ारा भी सबने देखा और दूसरा नज़ारा चौटाला परिवार की रैलियां देखी जिसमे लोग आते 1500 । और दिखाने की कोशिश होती थी 30 हज़ार। ये नौटंकी भी हरियाणा की जनता ने सभी जिलो में देखा नकली हाज़री का ।


हमने और प्रदेश की जनता ने एक और अद्भुत नज़ारा देखा गया। जहा जिस जिले में भूपिंदर सिंह हुड्डा ने रैल्ली की तो किसी भी पंडाल में कुर्सिया नहीं लगायी । लोगों ने खड़ी रैली की । मंडियों के शेड्स में भीड़ में तिल रखने की जगह नहीं मिली और जनता ने खड़े होकर सुना । जनक्रांति यात्रा की चारोँ चरणों की रैलियों में शेड्स से ज्यादा भीड़ बाहर धुप में खड़ी रही । शेड्स में जगह नहीं मिल पायी । हम उदाहरण के तौर पर टोहाना की ही फ़ोटो डाल रहे हैं। एक में शेड्स से बहार का अद्भुत नज़ारा है और दूसरी में शेड्स के अंदर का नज़ारा है। जिसमे हुड्डा साब जनता का अभिवादन स्वीकार कर रहे है ।
आप देख सकते है और तुलना कर सकते है… दूसरी पार्टीयो की रैल्लियो से ..और ……अनुमान लगा सकते है…. परिवर्तन की लहर किस और बह रही है……हरियाणा के चारों ओर…..

कांग्रेस के दस साल के कार्यकाल में कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में औसत वृद्धि 57% रही जोकि मौजूदा भाजपा सरकार से कहीं ज्यादा थी। इसी प्रकार मोदी सरकार के कार्यकाल से कहीं ज्यादा यूपीए कार्यकाल में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में औसत वृद्धि 62% रही है जिसकी वजह से किसानों को भरपूर फायदा मिला और चारों तरफ खुशहाली थी। हुड्डा सरकार के कार्यकाल में गन्ना बीजेपी और inld कार्यकाल में 95 रुपये से कुल 117 हुआ था इन्होंने कुल 6 साल में 23 % इज़ाफ़ा किया और हुड्डा ने इसी का रेट लगभग 310 किया था अंदाज़ा लगाओ कितने प्रतिशत बढ़ा होगा , लगभग 165 %और अब बीजेपी ने कुल 10 रुपये बढ़ाये है और पॉपुलर तो 1250 रुपये तक बिका, हुड्डा कार्यकाल में जिस रेट में पत्ते बीके थे आज 250 रुपये में पॉपलर बिक रहा है और हुड्डा कायर्काल में धान 5500 रूपए प्रति क्विंटल और कपास 7000 रुपये प्रति क्विंटल बिकता था, ऐसे में धान पर 1750 रुपये प्रति क्विंटल और कपास पर 5150 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य का क्या औचित्य है।
साल 2014 के चुनाव से पहले मोदी ने कुरुक्षेत्र व पठानकोट की भूमि पर आयोजित जनसभाओं में देश के किसान को ‘लागत+50% मुनाफा’ की सार्वजनिक घोषणा की, जिसे प्रधानमंत्री ने पूरे देश में दोहराया। भाजपा ने अपने 2014 के घोषणापत्र के पृष्ठ 44 पर बाकायदा किसान को ‘लागत + 50 % मुनाफा’ देने का वायदा अंकित किया। सच्चाई यह है कि 4 सालों से लागत+50 % मुनाफा का ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ की बिसात पर मोदी सरकार कभी खरी नहीं उतरी।

हार की कगार पर खड़ी मोदी सरकार ने 4 जुलाई, 2018 को ‘समर्थन मूल्य’ की झूठ को ‘एक राजनैतिक लॉलीपॉप’ के जुमले की तरह देश को पेश करने का छल किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री ने तो ‘झूठे ठुमके’ लगाकर किसानों को बरगलाने व बेशर्मी की एक नई मिसाल बना डाली। दूसरी तरफ, चाटुकारिता की दौड़ में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए बादल परिवार ने तो समर्थन मूल्य की झूठी शान बघारने के लिए मलोट, पंजाब में 11 जुलाई, 2018 को प्रधानमंत्री की धन्यवाद जनसभा तक रख डाली।

सच तो यह है न समर्थन मूल्य मिला, न मेहनत की कीमत। न खाद/कीटनाशनक दवाई/बिजली/डीज़ल की कीमतें कम हुईं और न ही हुआ फसल के बाजार भावों का इंतजाम। क्या झूठी वाहवाही लूटने, अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनने, ढ़ोल- नगाड़े बजाने व समाचारों की सुर्खियां बटोरने से आगे बढ़ मोदी जी व हरियाणा/पंजाब के भाजपाई-अकाली दल नेतागण

20 जून, 2018 को नमो ऐप पर किसानों से बातचीत करते हुए खुद मोदी जी ने ‘लागत+50%’ का आंकलन ‘C2’ के आधार पर देने का वादा किया था और कहा कि किसान के मज़दूरी व परिश्रम + बीज + खाद + मशीन + सिंचाई + ज़मीन का किराया आदि शामिल किया जाएगा। फिर वह वायदा आज जुमला क्यों बन गया?

अगर चार वर्षों में ‘लागत+50%’ मुनाफा सही मायनों में मोदी सरकार ने किसान को दिया होता, तो लगभग 200,000 करोड़ रुपया किसान की जेब में उसकी मेहनत की कमाई के तौर पर जाता। परंतु यह बात मोदी जी व भाजपा देश को नहीं बताएंगे। यह किसानों के साथ विश्वासघात नहीं तो क्या है?
​क्या मोदी सरकार ने लागत निर्धारित करते वक्त निम्नलिखित मूलभूत बातों पर ध्यान दिया, जैसे कि:-

​16 मई, 2014 को डीज़ल की कीमत 56.71 रु. प्रति लीटर थी। यह लगभग 11.15 रु प्रति लीटर बढ़कर आज 67.86 रु. हो गई है।

यहां तक कि पिछले 6 महीने में खाद की कीमतें बेलगाम हो 24 प्रतिशत तक बढ़ गईं। IFFCO DAP खाद का 50 किलो का कट्टा जनवरी, 2018 में 1091 रु में बेच रहा था, जो आज बढ़कर 1290 रु प्रति 50 किलो हो गया है। हर साल किसान 89.80 लाख टन DAP खरीदता है, यानि उसे 5561 रु करोड़ की चपत लगी।
ज़िंक – सलफेट की कीमतें 50 रु किलो से बढ़कर 80 रु किलो हो गयी, यानी 60% की बढ़ोतरी । इसी प्रकार “सुपर” के 50 kg के कट्टे की कीमत 260 रु से बढ़कर 310 रु हो गयी, यानी 20 % की बढ़ोतरी ।

​कीटनाशक दवाई हों, बिजली हो, सिंचाई के साधन हों या खेती के उपकरण, उन सबकी कीमतें बेतहाशा बढ़ गईं।

​क्या मोदी सरकार ने आजादी के बाद पहली बार खेती पर टैक्स नहीं लगाया?

70 वर्ष के इतिहास में पहली बार किसान और खेती पर टैक्स लगाने वाली यह पहली सरकार है। खाद पर 5% जीएसटी, ट्रैक्टर/कृषि उपकरणों पर 12 % जीएसटी, टायर/ट्यूब/ट्रांसमिशन पार्ट्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी, कीटनाशक दवाईयों पर 18 प्रतिशत जीएसटी, कोल्ड स्टोरेज़ इक्विपमेंट पर 18 प्रतिशत जीएसटी पिछले एक साल में मोदी सरकार ने लगा डाला।

छोटे किसान को कर्जमाफी से मोदी सरकार कन्नी क्यों काट रही? देश की आबादी में 62 प्रतिशत किसान हैं। परंतु प्रधानमंत्री, मोदी जी ने छोटे और मंझले किसान की कर्जमाफी से साफ इंकार कर दिया। प्रश्न बड़ा साफ है – यदि मोदी सरकार अपने चंद पूंजीपति मित्रों का 2,41,000 करोड़ रु. बैंकों का कर्ज माफ कर सकती है, तो खेत मजदूर व किसान को कर्ज के बोझ से मुक्ति क्यों नहीं दे सकती?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्राईवेट बीमा कंपनी मुनाफा योजना बन गई? – 2016-17 व 2017-18 में कृषि कल्याण से मोदी सरकार ने 19,800 करोड़ रु. इकट्ठा किए, जिसका इस्तेमाल फसल बीमा योजना में किया गया, परंतु फसल बीमा योजना से बीमा कंपनियों को 14,828 करोड़ का मुनाफा हुआ, जबकि किसान को मुआवज़े के तौर पर मिला केवल 5,650 करोड़।

क्या मोदी सरकार में किसान मुसीबत में और माफिया की पौ बारह सच नहीं? भाजपा सरकार ने गेहूँ पर आयात शुल्क 25 प्रतिशत से घटाकर 0 प्रतिशत कर दिया। अनाज माफिया से मिलीभगत साफ है। कांग्रेस सरकार ने 2013-14 में 9261 करोड़ रु. के गेहूँ का निर्यात हुआ, जो 2016-17 में घटकर 4375 करोड़ रु. रह गया। साल 2015-16 में भाजपा सरकार ने 44 रु. प्रति किलो पर दाल के आयात की अनुमति दी थी, जबकि दालें 230 रु. प्रति किलो बिकी थीं। 2016-17 में भी 221 लाख टन के दाल के बंपर उत्पादन के बावजूद भाजपा सरकार ने 44 रु. प्रति किलो की दर से 66 लाख टन दाल के आयात की अनुमति दे दी। साफ है, किसान पिस रहा है और अनाज माफिया फलफूल रहा है।

क्या कृषि निर्यात औंधे मुंह नहीं गिरा और विदेशों से कृषि उत्पादों का बेतहाशा आयात नहीं बढ़ा? – किसान पर दोहरी मार यह है कि कृषि निर्यात में 9.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई और कृषि आयात 10.06 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़ गया। यानि किसान को 19.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।

GGSCW-26 FRESHERS’ PARTY 2018

Photo: Rakesh Shah

Joyful exuberance and high spirits marked the Freshers’ Party organized by the students and staff of Guru Gobind Singh College for Women, Sector 26 on August 24, 2018. The purpose of the event was to make the new students feel like an integral part of the college family. The young girls looked radiant in their best attires.

 The event was set on course by a spectrum of items with foot-tapping music, including Manipuri, Classical, Western and Punjabi dance performances, and modelling. The audience was kept enthralled with the pomp on stage. The young performers were encouraged and supported by their seniors and teachers.

The following titles were awarded to the freshers:

TITLES WINNERS
MISS FRESHER Ankita Trehan (M.Com. I)
1ST RUNNER UP Jasleen Kaur (B.Com. I)
2ND RUNNER UP Shivani Maan (M.Com. I)
MISS ELEGANT Sanskriti Chandel (B.C.A. I)
MISS CHARMING Reeta Bhatt (M.Com. I)

Dr. Jatinder Kaur, the Principal welcomed the “daughters” of GGSCW and highlighted that such programmes generate a feeling of fraternity among the students. The Principal admired the whole-hearted effort made by them and at the same time reminded them to remain focused on their academic goals.

सोशल मीडिया से पता लगती है आआपा में बढ़तीं दूरियाँ


18 जून से लेकर 15 अगस्त के बीच केजरीवाल ने आशुतोष के महज दो और खेतान के महज तीन ट्वीट को रीट्वीट किया. ये उन नेताओं के मुकाबले काफी कम है, जिन्हें केजरीवाल का भरोसा हासिल है


अगर बॉस के ट्वीट और रीट्वीट किसी की लोकप्रियता का पैमाना बनें, तो समझा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी में आशुतोष और आशीष खेतान की क्या हालत थी. यह समझा जा सकता है कि कैसे ये दोनों पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल के लिए अहमियत के पैमाने पर नीचे आते रहे. दोनों ने ही पिछले दिनों पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

पत्रकार से नेता बने ये दोनों ही पहली बार राजनीति में आए थे. लेकिन धीरे-धीरे इनकी अहमियत पार्टी में कम हो रही थी. मुख्यमंत्री के ट्विटर टाइमलाइन पर नजर डालें, तो टॉप लीडरशिप के साथ इन दोनों के कमजोर पड़ते रिश्ते का अंदाजा लगता है. 18 जून से लेकर 15 अगस्त के बीच केजरीवाल की टाइमलाइन का विश्लेषण काफी कुछ साफ करता है. लगभग दो महीने में केजरीवाल ने आशुतोष के महज दो और खेतान के महज तीन ट्वीट को रीट्वीट किया. ये उन नेताओं के मुकाबले काफी कम है, जिन्हें केजरीवाल का भरोसा हासिल है.

ट्विटर पर केजरीवाल के 14 मिलियन, मतलब 1.4 करोड़ फॉलोअर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद वो सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले राजनेता हैं. केजरीवाल ने अपने राजनीतिक करियर में माइक्रोब्लॉगिंग साइट का बहुत अच्छी तरह इस्तेमाल किया है. वो लगातार ट्वीट करने वाले राजनेता हैं. पार्टी की गतिविधियों पर नजर रखने वाले मानते हैं कि एक समय बहुत भरोसेमंद माने जाने वाले इन दोनों की अनदेखी करना काफी कुछ साफ करता है.

18 जून से 15 अगस्त के बीच केजरीवाल ने पार्टी सदस्यों के 102 ट्वीट को रीट्वीट किया. इसमें मनीष सिसोदिया के तमाम ट्वीट शामिल हैं. इसके अलावा पत्रकारों के 80 और अन्य पार्टियों के 11 ट्वीट को रीट्वीट किया है. इनमें उनके अपने ट्वीट और कुछ बाकी रीट्वीट शामिल नहीं हैं. उन्होंने सिसोदिया को 31 बार रीट्वीट किया. दिल्ली यूनिट के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज को 19 बार रीट्वीट किया.

कुमार विश्वास से दूरियां बढ़ने के बाद भी केजरीवाल ने ऐसा ही किया

माना जाता है कि केजरीवाल अपने ट्विटर हैंडल को खुद ही चलाते हैं. वो आमतौर पर ऐसे ट्वीट को रीट्वीट करते हैं, जो दिल्ली सरकार के कामों की तारीफ करते हुए हों. या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के कामों की आलोचना करते हुए हों. पार्टी सूत्रों के मुताबिक जब केजरीवाल और कुमार विश्वास के बीच दूरियां बढ़ी थीं, तो केजरीवाल ने उनके ट्वीट भी रीट्वीट करने बंद कर दिए थे.

माना जा रहा है कि आशुतोष और आशीष खेतान ने 15 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था. हालांकि आशीष खेतान ने हटने की घोषणा बाद में की. केजरीवाल ने अभी तक इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं. जब 15 अगस्त को आशुतोष ने इस्तीफा दिया, तब केजरीवाल ने ट्विटर पर जवाब दिया था, ‘हम आपका इस्तीफा कैसे स्वीकार कर सकते हैं सर? इस जन्म में तो नहीं. सर, हम आपसे प्यार करते हैं.’

आशुतोष को केजरीवाल का करीबी माना जाता रहा है. तमाम विद्रोही नेताओं से बैक-डोर बातचीत में भी आशुतोष का रोल रहा है. केजरीवाल ने खेतान और आशुतोष के जरिए योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण से चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश की थी. पार्टी में जानकारों का कहना है कि सीनियर नेताओं में असंतोष तबसे बढ़ रहा था, जबसे सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता को राज्यसभा भेजने का फैसला किया गया. इन दोनों के साथ संजय सिंह को राज्यसभा भेजा गया था.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक आशुतोष, खेतान और कुमार विश्वास बिजनेसमैन सुशील गुप्ता और सीए एनडी गुप्ता को राज्यसभा भेजे जाने से नाराज थे. बाद में, पार्टी ने 2019 लोक सभा चुनावों के लिए पंकज गुप्ता को चुना. पिछली बार यानी 2014 में इस सीट से आशुतोष लड़े थे. कहा यह भी जा रहा है कि खेतान भी खुद को नई दिल्ली लोक सभा सीट से न लड़ाए जाने का फैसला होने पर नाराज थे. खेतान यहां से लड़े थे और हारे थे.

Turn over of The Corporation Bank as on 31.03.2018 was Rs.3, 03,184.79 crore: Jai Kumar Garg

Shri Jai Kumar Garg, Managing Director and CEO

Panchkula, 24 August, 2018:

Today, Corporation Bank, Zonal Office, Chandigarh organized a business conference of Branches of its Chandigarh Zone on 24th August, 2018 at Panchkula. Shri Jai Kumar Garg, Managing Director and CEO of the Bank headed the conference of around 95 branches under the Zone. Shri D.V.S Varma, Circle General Manager, Delhi and Shri Nagendra H S, Zonal Head, Chandigarh of the Bank was present during the review meeting.

Corporation Bank is among the top performers in the Banking industry and having its headquarter at Mangaluru, Karnataka. The total business of the Bank as on 31.03.2018 was around Rs.3, 03,184.79 crore. The Bank is having total 9955 functional units including 2440 Branches, 3122 ATMs and 4393 Branchless banking units across the country.

During the Business Conference, Shri Garg, accentuated the need for quality business and stable growth. He said curtailing NPAs and recovery of bad debts are the priorities for the Bank.

Addressing the media, Shri Garg said the Bank’s “Halla Bol” recovery campaign which was launched in 2016-17 against the Non-performing assets, has started giving results and Bank is making good recoveries in NPA accounts, including from written off accounts during the first quarter of 2018-19. Stating that “Hallabol” is being done in peaceful manner, Shri Garg said this effort has yielded dividends on the recovery front.

Shri Jai Kumar Garg, Managing Director and CEO

Touching upon the turnaround profit of Rs.85.00 Crore made by the Bank for the quarter ended June 2018, Shri Garg applauded the staff for their commitment in bringing around the change.

Corporation Bank has an array of products and services to meet the needs of customers. In the digital arena, the Bank has recently launched two new products. Corp Ease a multi-utility mobile based application offering various bank services at the comfort of home. The Corp e-Passbook is another novel product by the Bank providing access to bank statements on the mobile phone.

In the savings bank fold Bank offers Corp Elite and Corp Delite variants which are tailor made for Government employees and host a lot of benefits and advantages.

 

हरियाणा में राखी पर बहिनों को निशुल्क यात्रा लाभ

पंचकूला, 24 अगस्त:

हरियाणा सरकार द्वारा रक्षाबंधन के पावन अवसर पर हरियाणा राज्य परिवहन की बसों में सभी महिलाओं एवं 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की गई है। यह सुविधा 25 अगस्त दोपहर 12 बजे से 26 अगस्त रात्रि 12 बजे तक उपलब्ध करवाई जाएगी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कि यह सुविधा केवल हरियाणा राज्य परिवहन की साधारण बसों में हरियाणा में स्थित किसी भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक उपलब्ध होगी, जिसमें दिल्ली व चण्डीगढ को भी शामिल किया गया है।

अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया की नि:शुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है: विज

 

चंडीगढ़, 24 अगस्त- हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि वैक्टर जनित रोगों के नियंत्रण के लिए राज्य में 25 सेंटिनल सर्विलांस अस्पतालों को सजग किया गया है, इन अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया की नि:शुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।

श्री विज ने कहा कि यह सुविधा प्रत्येक जिले के न्यूनतम एक अस्पताल में दी जा रही है ताकि रोगियों के उपचार में किसी प्रकार की दिक्कत न हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य के अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल तथा कैथल जिलों में जापानी बुखार की जांच भी की जा रही है। इसके अलावा, मलेरिया की नि:शुल्क जांच एवं चिकित्सा की सुविधा राज्य के गांव स्तर पर उपलब्ध करवाई जा रही है तथा डेंगू के मरीजों के लिए अस्पतालों में अलग से वार्ड की बनाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को फ्री जांच एवं चिकित्सा उपलब्ध करवाई जाती है परन्तु यह भी ध्यान रखा गया है कि लैब  एवं निजी अस्पताल मरीजों की जेब न काट सके। इसके लिए निजी अस्पतालों एवं लैब के लिए डेंगू एवं चिकनगुनिया प्रत्येक की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट एलिसा की फीस 600 रुपये निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी अस्पताल इससे अधिक फीस लेता पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिदायत दी गई है।

श्री विज ने बताया कि सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप इस वर्ष हरियाणा में अभी तक जापानी बुखार एवं चिकनगुनिया का कोई मामला सामने नही आया है। इसके साथ ही डेंगू के मात्र 35 मामले सामने आये हैं, जोकि गत वर्ष 4550 थे। इसी प्रकार अभी तक मलेरिया के 1677 मामले दर्ज किए गये हैं, जबकि वर्ष 2017 में इनकी संख्या 5696 तथा वर्ष 2016 में 7866 थी। परन्तु हमारे पड़ोसी राज्य पंजाब में अभी तक डेंगू के 148 तथा दिल्ली मेंंं 69 मामले सामने आए हैं।

नवजात की हत्या/मृत्यु प्रथिमिकी दर्ज, जांच चालू , दोषी कौन……


नवजात की हत्या हुई या मृत्यु, क्या यह नूरा कुश्ती का मामला बन कर रह जाएगा जो कभी नहीं सुलझेगा?

सोनीपत पुलिस ने एफ़आईआर किसके खिलाफ लिखी?

क्या वाकई जांच होगी?


चंडीगढ़, 24 अगस्त:

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज को आज स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सतीश अग्रवाल ने सोनीपत में हुई नवजात की मौत की जांच रिपोर्ट सौंप दी। इसमें पाया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की साइकिल रैली के कारण मरीज की एंबुलेंस अस्पताल में 30 मिनट की देरी से पहुंची।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस संबंध में गठित की गई कमेटी के सदस्य उप-सिविल सर्जन तथा एसएमओ ने पूरे मामले की जांच की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि उन्होंने इस बारे में सभी उपलब्ध दस्तावेजों, एंबुलेंस चालक, फलीट मैनेजर तथा शिशु रोग विशेषज्ञ के ब्यान दर्ज किए है। इसके आधार पर नवजात की मौत का प्रमुख कारण अस्पताल में देर से पहुंचना है।

रिपोर्ट में कहा गया कि सुबह 11.21 बजे दिव्य निजी अस्पताल मनियारी प्याऊ से नेशनल एंबुलेंस सेवा सोनीपत कार्यालय में एंबुलेस बुलाने की कॉल प्राप्त हुई, जिसमें एक नवजात बच्चे को नागरिक अस्पताल सोनीपत में रैफर करने की अपील की गई थी। इस पर तुरन्त कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रबन्धन ने सीएचसी बडखालसा से 11.22 मिनट पर एंबुलेंस को रवाना कर दिया, जोकि दिव्य अस्पताल में मात्र 10 मिनट में पहुंच गई।

रिपोर्ट के अनुसार एंबुलेंस को दिव्य अस्पताल से नागरिक अस्पताल तक पहुंचने में मात्र 15 मिनट लगते है परन्तु उस दिन जीटी रोड़ पर आयोजित की जा रही साइकिल रैली के कारण एंबुलेंस लगभग 30 मिनट देरी से अस्पताल पहुंची। इसके तुरन्त बाद बच्चे को एसएनसीयू में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने पाया कि बच्चे का रंग नीला पड़ा हुआ था तथा दिल की धडक़न बहुत कम थी। चिकित्सकों ने बच्चे की स्थिति को काबू करने के लिए सभी प्रयास किये और परन्तु स्थिति में सुधार नही होने पर बच्चे को पीजीआईएमएस रोहतक रैफर कर दिया, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

श्री विज ने बताया कि इस बारे में सोनीपत पुलिस को मामला दर्ज करने की हिदायत दी थी, जिसकी एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की पूरी जांच कर रही है और इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सरकार अपने वादे पूरे करे : बजरंग गर्ग

अगरोहा में रेल सुविधा को लेकर हरीयाना व्यपार मण्डल के प्रधान बजरंग गर्ग ने बताया की उन्होने सरकार से इस बारे में चर्चा भी की, के अगरोहा में रेल सुविधा उपलब्ध कारवाई जाए,भले ही सरकार काँग्रेस की हो या भाजपा की सबने सिर्फ वादे ही किए किन्तु इस विषय पर किसी भी प्रकार की कोई प्रक्रिया शुरू नही की गयी है यह परियोजना पिछले 15 या 20 वर्ष से अटकी हुई है और सभी सरकारों द्वारा यह बात अगरोहा ट्रस्ट के प्रधान बजरंग गर्ग ने पत्रकारों से बात करते हुए कही।टाली भी जा रही

इस बैठक में अग्रवाल समाज व व्यपारिक समाज से जुड़े विषय पर चर्चा हुई, जिसमे  बजरंग गर्ग ने अग्रवाल समाज द्वारा फ़िज़ूल खर्चे एवं हर प्रकार कि झूठी शान दर्शाने को लेके दुःख ज़ाहिर करते हुए कहा कि अग्रवाल समाज अपने घर कि शादियों में बहुत खर्चा करते हैं जब बात सिर्फ शादी के निमंत्रण पत्र की होती है वह उस ही में काफी खर्चा कर देते हैं जैसे कि निमन्त्रण पत्र के साथ एक महंगी मिठाई का डब्बा भी देते जो कि ज्यादा खर्चे को दर्शाता है. इस बैठक का उद्देश्य यह था कि ज्यादा खर्चा करने के बजाये कम खर्चा कर अपने देश कि तरक्की में  योगदान दें. उन्होंने इस समाज कि एक बुरी प्रथा के बारे में भी बात करी के अगर किसी व्यापारी का व्यवसाय बड़ा व् ज्यादा धनवान है तो उसकी इज्ज़त बहुत ज्यादा होगी लेकिन अगर कोई व्यापारी व्यावसायिक मामले में कमजोर है तो उसे उसके समाज वाले नमस्ते तक नही कहेंगे.

ऐसे ही कुछ उदाहारण लेकर आज बजरंग गर्ग ने चर्चा कि.और चर्चा में आगे बढ़ते हुए  बताया कि हमारी राष्ट्रिय अर्थव्यवस्था में अग्ग्र्वाल समाज व व्यपारिक समाज का बहुत बड़ा योगदान है जिसे 57% के आंकड़े से नापा गया है लेकिन व्यापारियों को वह श्रेय अभी तक प्रदान नही किया गया है तो इसलिए उनहोंने अग्रवाल समाज के हक में भी बात की.  चर्चा का अंत करते समय उनहोंने फिर से अग्रवाल समाज द्वारा किये जाने वाले ज्यादा खर्चे वाली बात दोहराई व् कहा कि अगर सब कम खर्चा करेंगे, एक सा खर्चा करेंगे तो समाज में कोई बेईज्ज़त नही होगा सोब को एक सी इज्ज़त मिलेगी.

हिमाचल की तर्ज पर हरियाणा में भी खत्म हो शिक्षा प्रणाली : एनएसयूआई


राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर दीपांशु ने करी मांग,शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन 
खट्टर सरकार एवं प्रशासन छात्रों की कर रहे है अनदेखी


भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन,एनएसयूआई के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर व प्रदेश सचिव हरियाणा दीपांशु बंसल ने शिक्षा मंत्री,हरियाणा सरकार को ज्ञापन भेज कर मांग करी है कि प्रदेश के महाविद्यालयो,विश्वविद्यालयो में सेमेस्टर प्रणाली को बंद करके वार्षिक प्रणाली को हिमाचल की तर्ज पर लागू किया जाए।दीपांशु ने कहा कि भाजपा के शासन में लगातर शिक्षा के गिरते स्तर को ध्यान में रखते हुए सैमेस्टर प्रणाली को बंद करने की माँग काफी समय से उठाई जा रही है । एनएसयूआई ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सैमेस्टर प्रणाली शिक्षा को सभी के लिए आसान बनाने के लिए किया गया था लेकिन प्रदेश सरकार की विफलता व कुप्रबंध के चलते इसका उल्टा प्रभाव पड़ा है। शिक्षा का स्तर लगातार गिरा है । दीपांशु ने कहा कि सैमेस्टर प्रणाली से अध्यापक एवं छात्र पढ़ाई करने की जगह बाकी दूसरी चीजों में उलझे रहते है । उन्होंने कहा कि साल में 365 दिन होते है जिसमे से 52 रविवार पड़ते है और 52 शनिवार को कॉलेजो में छात्रों की कमी के कारण क्लास बहुत कम लगती है। साथ ही भारत मे अनेक प्रकार के धर्म है, अनेक त्यौहार आते हैं जिसके चलते 50 से 60 छुट्टियां और हो जाती है । बाकी बचे समय मे से दोनों सैमेस्टर की परीक्षाएं लगभग 60 से 70 दिनों में खत्म होते है । उन्होंने कहा कि 30 से 40 दिन दाखिले प्रक्रिया में भी लग जाते है ।इन सब दिनों को जोड़कर देखा जाए तो छात्रों के पास कुल 60-70 दिन पढ़ाई करने के लिए बचते हैं। ऐसे में छात्रों को पढ़ाई करने में काफी समस्या आती है तथा रिजल्ट भी खराब आता है जिसके चलते समय से पढ़ाई पूरी नही कर पाते है । केंद्र मानव संसाधन मंत्रालय ने भी सेमस्टर प्रणाली को बंद करने का फैसला लिया था।इसके साथ ही छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रमो व खेलो में भी अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित नही करवा पाते।दीपांशु ने सेमस्टर प्रणाली को फेल करार करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर इस प्रणाली का लाभ छात्रो को नही मिल पाता और कुप्रबंध की वजह से नुकसान होता है जिसलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन माँग करता हैं कि सैमेस्टर प्रणाली को खत्म करके दुबारा से वार्षिक परीक्षा प्रणाली को लागू किया जाए ताकि शिक्षा का स्तर सुधर सके और छात्रो को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।