वरिष्ठ कांग्रेस नेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कोर कमेटी के सदस्य, श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज हरियाणा के जिला सोनीपत में शहीद नरेन्द्र सिंह के गाँव थाना कलां जाकर शोक संतप्त परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त की।
इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारों के एक प्रश्न पर कि पाकिस्तान की भारत के साथ दोहरी नीति पर आप क्या कहते हैं के उत्तर में श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि आक्रोश स्वभाविक है। जिस प्रकार से देश के बेटे हरियाणा के एक फौजी जवान नरेन्द्र सिंह जी की हत्या पाकिस्तान के द्वारा की गई, शव को क्षत-विक्षत किया गया, उसने पूरे देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया। देश की आत्मा आज छलनी हो गई। फौजी जवान इस देश की आत्मा है। देश की आत्मा को नौ घंटे तक पाकिस्तान के लोगों ने टॉर्चर किया। हमारे देश के स्वाभिमान को, हमारे देश की उस आत्मा को छलनी किया। आँखें निकाल ली, हाथ और पाँव काट दिए और तीन-तीन गोलियाँ सीने के अन्दर दाग कर हत्या की। शहीद नरेन्द्र सिंह ने तो शहीद हेमराज की तरह भारत माता के प्रति अपनी कुर्बानी देकर अपना कर्ज निभा दिया, पर प्रश्न ये है कि आज के हुक्मरान अपनी जिम्मेदारी कब निभाएंगे? कहाँ गया 56 इंच का सीना और कहाँ गई पाकिस्तान को दिखाई जाने वाली लाल आँख? कब निर्णय होगा पाकिस्तान के साथ की वो आए दिन हमारे जवानों के साथ उनके शरीर क्षत-विक्षत कर, इस निंदनीय तरीके से हत्या न कर पाएँ? क्या प्रधानमंत्री जी की अन्तरात्मा उनको कचोटती नहीं? क्या सरकार के पास कोई शर्म नाम की चीज बची है? अब जवाब देना पड़ेगा। ऐसा लगता है कि सरकार देश के फौजी जवानों के बजाय बेईमानों को लेकर ज्यादा चिंतित है।
पाकिस्तान को क्रिकेट बैट तो भेजते हैं पर प्रधानमंत्री जी देश की सेना के लिए बैटिंग की शुरुआत कब करेंगे? आज हरियाणा नहीं पूरे देश के लोग ये जवाब मांग रहे हैं। हमारी ये माँग भी है कि शहीद नरेन्द्र सिंह के दोनो बेटे जो हैं उनको जल्द से जल्द हरियाणा सरकार उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दे, शहीद का दर्जा दे। शहीद नरेन्द्र के साथ जहाँ पूरा गाँव, पूरा इलाका और पूरा प्रदेश और देश खड़ा है वहाँ उस शहीद की आत्मा को सच्ची श्रद्धांजली तभी मिलेगी जब उन हत्यारों को ढूँढ कर भारत सजा दिलवा पाएगा।
एक अन्य प्रश्न पर कि अभी तक राज्य सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं दिया गया है, के उत्तर में श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि जैसा कहा गया ये हम सब का दुर्भाग्य है कि सैनिक शहीद हो रहे हैं। शहीद नरेन्द्र सिंह ने भारत माता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च कुर्बानी दी। शहीद नरेन्द्र सिंह ने इस बात की परवाह नहीं की कि 9 घंटे तक पाकिस्तान की सेना ने उनको करंट लगाया, आँखे निकाली, शरीर के अंग काटे, गला रेत दिया, सीने में तीन-तीन गोलियाँ मारी परंतु सरकार के हुक्मरान एक रहस्यमयी और षड़यंत्रकारी चुप्पी क्यों साधे हैं? मुख्यमंत्री जी अभी तक क्यों नहीं आए? भारत सरकार का कोई नुमाइंदा क्या शहीद के परिवार के साथ दो संवेदना के बोल बोलने के लिए नहीं आ सकता था?
हमें अभी भी उम्मीद है और हम माँग करते हैं, जनाब खट्टर साहब से भी और प्रधानमंत्री जी और रक्षा मंत्री जी से भी कि समय रहते चेत जाईए। वो लोग जिन्होंने हरियाणा के शहीद के शव को क्षत-विक्षत करने और उसकी हत्या करने का कुप्रयास और कुचेष्टा की है, अब उनको लाल आँख दिखाने और 56 इंच का सीना दिखाने का समय आ गया है। प्रधानमंत्री जी मोदी जी कहते थे एक सर के बदले दस सर लाऊँगा, दस सर मत लाएँ परंतु शहीद नरेन्द्र सिंह के हत्यारों को सजा जरुर दिलवाएँ। परिवार के साथ सरकार और संस्थान दोनो खड़े नजर आएं, हमारी यही अपेक्षा और यही माँग है।