“Workshop for detection of early signs of substance abuse among children”
/0 Comments/in CHANDIGARH, HARYANA, PUNJAB, STATES, TRICITY/by Demokratic Front BureauA “workshop for detection of early signs of substance abuse among children” is being conducted w.e.f 17.09.2018 to 22.09.2018 and the workshop is concluding on 22.09.2018 at 03:45 PM sharp at Traffic Auditorium, Sector 29, Chandigarh. Sh. Sanjay Baniwal, IPS, DGP/UT will be the Chief Guest on this occasion.
Date: 22.09.2018 Time: 03:45 PM
Venue: Traffic Auditorium, Sector 29, Chandigarh
Poshan Mela at Panchayat Bhavan, Dariya
/0 Comments/in CHANDIGARH, HARYANA, PUNJAB, STATES, TRICITY/by Demokratic Front Bureau23 से 25 को आरम्भ होगा राज्य स्तरीय खेलों का महा कुम्भ: अनिल विज
/0 Comments/in CHANDIGARH, HARYANA, PANCHKULA, SPORTS, STATES, TRICITY/by Demokratic Front Bureauचंडीगढ़, 20 सितम्बर- हरियाणा के खेल मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 23 से 25 अक्तूबर तक राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ का आयोजन किया जाएगा। इससे पहले 11 से 13 अक्तूबर तक इन खेलों का आयोजन जिला स्तर पर होगा।
श्री विज ने बताया कि इस महाकुम्भ के दौरान विभिन्न खेलों की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन अम्बाला, पंचकूला, करनाल, रोहतक, भिवानी, गुरूग्राम तथा हिसार में करवाया जाएगा। इनमें जिला एवं राज्य स्तर पर 15 खेलों को शामिल किया जाएगा, जिनमें सभी वर्गों के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। इन आयोजनों के लिए करीब 5 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है, जोकि खेलों के आयोजन, पुरस्कार राशि व अन्य कार्यों पर खर्च होगा। उन्होंने कहा कि इन खेलों से राज्य के गांव स्तर के खिलाडियों को भी आगे बढऩे का अवसर मिलेगा और वे भविष्य में अच्छे खिलाडी बन सकेंगे।
खेल मंत्री ने बताया कि गत वर्ष भी इस प्रकार के खेल महाकुम्भ का आयोजन किया गया था, जिसमें राज्य के खिलाडिय़ों ने बढ़चढ कर भाग लिया था। इस आयोजन से खिलाडिय़ों को अच्छा प्रोत्साहन प्राप्त हुआ और उन्होंने जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद से न केवल खेलों को बढ़ावा दिया गया है बल्कि अनेक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं की शुरूआत की है। इसके तहत प्रतिवर्ष शहीदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कुश्ती दंगल तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाता है।
Police File
/0 Comments/in CHANDIGARH, HARYANA, MOHALI, PANCHKULA, PUNJAB, STATES, TRICITY/by Demokratic Front BureauDATED
21.09.2018
Action against Gambling/Satta
Chandigarh Police arrested Aslam R/o # 1611, Kumhar Mohalla, Village Burail, Chandigarh Age 58 years, while he was playing satta near light point, Sector 33/45, Chandigarh. Total cash Rs. 32,740/- was recovered from his possession. A case FIR No. 340, U/S 13A-3-67 Gambling Act has been registered in PS-34, Chandigarh. Later he was bailed out. Investigation of the case is in progress.
MV Theft
Sh. Ajay Kumar R/o # 3096/1, HBC Colony, Dhanas, Chandigarh reported that unknown person stolen away Complainant’s M/Cycle No. CH01AG-8637 while parked near Kissan Mandi, Milk Colony, Dhanas, Chandigarh on 18-09-2018. A case FIR No. 249, U/S 379 IPC has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Sh. Ramit R/o # 49, Ward No. 9, Naraingarh, Distt. Ambala, (HR) reported that unknown person stolen away Complainant’s M/Zen car No. CH03S-1708 while parked near H.No. 555, Sector 40A, Chandigarh on night intervening 19/20-09-2018. A case FIR No. 382, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Attempt to murder/Arms Act
A case FIR No. 365, U/S 307, 34 IPC & 25-27-54-59 Arms Act has been registered in PS-31, Chandigarh on the complaint of a lady resident of Ph-2, Ramdarbar, Chandigarh who alleged that Ram Kumar, Munna & Gorav fired bullet upon complainant’s husband Bunty R/o # 404, Ph-2, Ramdarbar, Chandigarh near his residence on 20.09.2018. Bunty got injured and admitted in GMCH-32, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Theft
Sh. Manoj Jaggi R/o # 647, Sector-38A, Chandigarh reported that unknown person stolen away bag containing ATM cards, credit card, mobile phone & cash about Rs. 28,000-30,000/-, after broken window pane of his car while parked near Sanatan Dharam Mandir, Sector 38, Chandigarh and on 20-09-2018. A case FIR No. 381, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Accident
A case FIR No. 195, U/S 279, 337, 338 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh on the statement of Sh. Suresh Kumar R/o # 143, Village Maloya, Chandigarh who alleged that driver of car CH01AE-7426 namely Sunil Gupta R/o Jujhar Nagar, Mohali (PB) hit to complainant’s M/Cycle No. CH21(T)–5085 near Snehalya, Maloya,Chandigarh on 18.09.2018. Complainant and his friend Mahipal, Rajbir Singh got injured and admitted in PGI, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
हरियाणा सूचना जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के आठ अधिकारियों के पदोन्नति के आदेश जारी।
/0 Comments/in CHANDIGARH, HARYANA, PANCHKULA, STATES, TRICITY/by Demokratic Front Bureauचंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से सूचना जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के आठ अधिकारियों के पदोन्नति आदेश जारी किए हैं। अनुसंधान एवं संदर्भ शाखा में उपनिदेशक श्रीमती वंदना शर्मा को संयुक्त निदेशक के पद पर, प्रकाशन शाखा में फीचर राइटर (उर्दू )श्रीमती सरिता शर्मा व प्रैस अनुभाग में कार्यरत श्रीमती निशि शर्मा तथा सहायक सूचना अधिकारी(प्रकाशन) श्री हरीश शर्मा को सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया है।इसी प्रकार, सहायक तकनीकी अधिकारी(टीवी)श्री सुरजीत सिंह को तकनीकी अधिकारी (टीवी) के पद पर, चित्रण कलाकार श्रीमती मनु कुण्डु को वरिष्ठ कला सहायक के पद पर तथा सूचना केन्द्र सहायक श्रीमती पदम लता व लेखाकार श्री विनोद कुमार को अधीक्षक( जिला काडर) के पद पर पदोन्नत किया गया है।
राजस्थान: राहुल कुछ नया नहीं और शाह की पुराने के साथ नए इलाके पर नजर
/0 Comments/in DELHI, HARYANA, NATIONAL, POLITICS, RAJASTHAN, STATES/by Demokratic Front Bureauराहुल गांधी गुरुवार को राजस्थान दौरे पर थे. मेवाड़ संभाग के गुजरात से लगते डूंगरपुर-बांसवाड़ा इलाके पर उनका फोकस था.
राहुल गांधी गुरुवार को राजस्थान दौरे पर थे. मेवाड़ संभाग के गुजरात से लगते डूंगरपुर-बांसवाड़ा इलाके पर उनका फोकस था. इसकी वजह हम आगे बताएंगे. लेकिन उनका भाषण एक बार फिर किसी नई बात या आगे के रोड मैप की बजाय मौजूदा बीजेपी सरकारों की नकारात्मक आलोचना तक ही सीमित रह गया.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. राफेल को उछाला तो बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को भी अमीरों के लिए काम करने का सबूत बताया. उत्तर प्रदेश की तरह अब यहां भी फोन के पीछे ‘मेड इन डूंगरपुर’ लिखे होने का सपना देखने की बात कही. साथ ही, सचिन पायलट की एक फोटो को देखते ही कांग्रेस की जीत का सपना आने का रहस्य भी उजागर किया.
‘एक फोटो देखी और बस कांग्रेस जीत गई’
राहुल गांधी ने केंद्र से लेकर राज्य की बीजेपी सरकारों पर जमकर निशाना साधा. पिछले दिनों मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा के खर्च को लेकर काफी बवाल मचा था और हाई कोर्ट ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए थे. राहुल ने गुरुवार को सबसे ज्यादा इसी को मुद्दा बनाया.
राहुल ने जनता की ओर इशारा करते हुए कहा कि वसुंधरा राजे अपनी गौरव यात्रा की एक-एक गाड़ी के पेट्रोल का खर्च आप लोगों की जेब से वसूल रही हैं. राहुल ने मुख्यमंत्री और उनके सांसद बेटे दुष्यंत सिंह के भगोड़े व्यवसायी ललित मोदी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया. राहुल के मुताबिक दुष्यंत ने मोदी से रिश्वत ली.
हालांकि राहुल गांधी ने विपक्षी पार्टी की महिला मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा. लेकिन अपने प्रदेशाध्यक्ष को संबोधित कर उन्होंने चुनाव में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को उम्मीदवार बनाने का आह्वान जरूर किया. राहुल के मुताबिक उनके बिना भारत मे कुछ भी नहीं हो सकता.
राहुल ने पिछले दिनों कांग्रेस द्वारा प्रसारित किए गए फोटोग्राफ्स का भी जिक्र किया. उन्होंने कांग्रेस में एकता होने का दावा करते हुए कहा कि पिछले दिनों उन्होंने अखबार में एक फोटो देखी जिसमे प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट बाइक चला रहे थे और राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत पीछे बैठे थे. इसे देखते ही उनके मन से एक ही बात निकली कि बस कांग्रेस अब जीत गई.
राफेल मुद्दा और मोदी के मन की बात
कांग्रेस और अध्यक्ष राहुल गांधी की पूरी कोशिश है कि कैसे भी राफेल को उसी तरह मुद्दा बनाकर मोदी को पटखनी दी जाए जिस तरह वी.पी. सिंह ने बोफोर्स का इस्तेमाल किया था. लिहाजा राजस्थान के इस दूर दराज और आदिवासी इलाके में भी उन्होंने राफेल का जिक्र नहीं छोड़ा. हालांकि उन्हे सुनने वाले आधे से ज्यादा लोगों को निश्चित रूप से राफेल से कोई मतलब नहीं रहा होगा लेकिन राहुल का टारगेट तो बाकी देश था.
अपने पुराने आरोपों को दोहराते हुए राहुल ने कहा कि जिस तरह राफेल विमानों की कीमत तीन गुना की गई, जिस तरह उनकी संख्या 126 से घटा कर सिर्फ 36 कर दी गई और जिस तरह सरकारी कंपनी एचएएल की बजाय नौसिखिया कंपनी को ठेका दिया गया, उसकी पूरी जांच होनी चाहिए. इस संबंध में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कैग से भी मुलाकात की है. हालांकि जेपीसी जांच की मांग केंद्रीय कानून मंत्री पहले ही खारिज कर चुके हैं.
हमेशा की तरह राहुल ने मोदी के मन की बात कार्यक्रम का भी मजाक उड़ाया. राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री किसी और की सुनने के बजाय सिर्फ अपने मन की बात ही सबको सुनाना चाहते हैं. जबकि कांग्रेस लोकतांत्रिक तरीके से सबकी सुनकर और सबको साथ लेकर चलने में यकीन रखती है.
कांग्रेस का मेवाड़-वागड़ पर, बीजेपी का ब्रज पर फोकस
कांग्रेस की ये रैली डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा कस्बे में आयोजित की गई थी. ये आदिवासी बहुल इलाका है. 2013 चुनाव से पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस इलाके में सोनिया गांधी की रैली करवाई थी. तब सोनिया ने आजादी के बाद पहली बार इस इलाके को रेल लाइन का सपना दिखाया था. अब कांग्रेस बुलेट ट्रेन के लिए उस प्रोजेक्ट को शहीद कर देने का आरोप लगाती है.
खैर, ये इलाका इसलिए अहम है क्योंकि जब-जब कांग्रेस ने यहां बढ़त बनाई है, तब-तब उसे सत्ता मिली है. इस इलाके में विधानसभा की 28 सीटें आती हैं और 2013 में यहां कांग्रेस को सिर्फ 2 सीट मिली जबकि बीजेपी को 25 सीटें मिली थीं. यही वजह है कि कांग्रेस ने अपनी संभागवार संकल्प रैलियों की शुरुआत भी चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर से की थी. बीजेपी भी इस इलाके का महत्व अच्छी तरह जानती है. इसीलिए गौरव यात्रा की शुरुआत चारभुजा नाथ मंदिर से की गई थी.
वैसे, बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती भरतपुर संभाग बना हुआ है. खुद अमित शाह इसे जीतने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. भरतपुर-धौलपुर और करौली-सवाई माधोपुर का इलाका उत्तर प्रदेश के ब्रज और मध्य प्रदेश के चंबल इलाके से जुड़ा हुआ है. 2013 की मोदी लहर के बावजूद बीजेपी को यहां 19 में से सिर्फ 12 ही सीट मिली थी. करौली जिले में तो 4 में से एक ही सीट पर संतोष करना पड़ा.
बताया जा रहा है कि जयपुर जैसे बीजेपी के मजबूत इलाकों में सीटें कम होने की खुफिया रिपोर्ट के बाद नई रणनीति बनाई गई है. दूसरे इलाकों में कम होने वाली सीटों की भरपाई भरतपुर संभाग से करने की कोशिश में ही 22 सितंबर को अमित शाह गंगापुर सिटी में रैली कर रहे हैं. यहां जाट, गुर्जर और मीना जातियों का बाहुल्य है. डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की बीजेपी में वापसी के बाद अब बीजेपी की उम्मीदें बढ़ भी गई हैं.
Rajasthan polls: Vasundhara Raje grips state BJP; Sachin Pilot toils but Ashok Gehlot may be Congress’ CM pick
/0 Comments/in DELHI, HARYANA, NATIONAL, POLITICS, RAJASTHAN, STATES/by Demokratic Front Bureau
curtsy Sandip Ghose, Firstpost
Three months ago, most die-hard BJP supporter would not put money on the party’s return in Rajasthan. Not with Vasundhara Raje as the chief ministerial candidate for sure. But, if one asks now, many would say it is a 50:50 game that could go either way in the coming months. So, has anything changed?
I drove to Alwar from Delhi. The first stop was Bhiwadi, an industrial town across the Haryana border. Locals credit Bhairon Singh Shekhawat’s vision for this manufacturing hub. In coming years, it may well become an extension of Gurgaon-NCR.
Thus at Alwar, I expected to find a resounding endorsement for Pilot. Instead, the traders I met were rather circumspect. Pilot may draw the Gujjar votes, but he may not be able to reign in its rowdy elements. That might make the others wary. Here, lies the importance of Ashok Gehlot.
Pilot is the darling of the national media. But, Gehlot remains the favourite face of Congress in Rajasthan. In recent times, no other Congress leader in the state has commanded as much respect as Gehlot. In a world where corruption is a relative term, Gehlot enjoys a clean image. People rate his last term well. They admire his administrative acumen and people connect. Gehlot fans think, had it not been for the “Modi Wave” of 2014, he would have definitely come back for a second inning.
In recent months, Gehlot’s stock has risen further in Rajasthan. He gets the credit for Rahul Gandhi’s second coming as it were, starting with the Gujarat elections. People believe, he is the brain behind Rahul’s temple run and “Shiv-Bhakt” makeover. They feel as a member of Rahul’s inner coterie, he will play a much bigger role in the days to come.
Pilot has been working hard at a micro-level ever since he took charge of the state unit. Congress’ good showing in some of the local elections and by-polls are the result of his efforts. But, he has still not acquired the stature to stake a claim the top job on his own steam.
Apart from Gehlot, CP Joshi is far from hanging his boots. Joshi shows no intention of fading into the sunset yet. He still wields enough clout to influence the ticket distribution.
Pilot will have to contend with all these forces. Only Rahul’s endorsement cannot see him through. He will need Gehlot’s blessings to advance further. It is doubtful if Gehlot will relinquish his turf so early. Knowing the Congress, it is unlikely to spell out its chief ministerial choice before the elections.
The road to Jaipur via the Sariska Tiger Reserve is an orthopaedics delight. Because it is sure to cause a few spine dislocations daily. A stark contrast to the satin smooth Delhi-Jaipur Highway it merges into. Who can tell if these are symbolic of what lies ahead on the election trail?
In Jaipur, the mood, as they say, is mixed. Detractors of Vasundhara were predicting a change of guard in the state for long. Much of it was wishful thinking. People within the party did not like her imperious style and lack of access. The business community at large seemed to prefer the previous regime.
But, their hopes crashed at every turn. The last bet was Modi-Shah will project a second face as a chief minister probable in the run-up to the elections. But, Vasundhara put an end to all speculations. She checkmated Amit Shah’s nominee and installed her own candidate as the new state president of the BJP. The message was sharp and clear that she remains in control. Shah had little option but to declare that BJP will go to the polls with Vasundhara on the driver’s seat.
It would be naive to believe that Shah-Modi had to field Raje under duress. There is a lot going in her favour. First, the BJP has no other mass leader in Rajasthan. No other BJP leader, not even Om Mathur, has such universal acceptability across the state. Even a sharp-shooter like Rajyavardhan Singh Rathore would be an instant casualty of the internal crossfires of the party.
It is well known that Raje commands the loyalty of over 120 odd MLAs. Through them, she has her own network across the state. Only she has the assured backing of the RSS ground force with her direct line to Nagpur.
Like Gehlot, she has channels open with every caste constituency and regional satraps. Over the years, she has mastered the art of cutting deals and neutralising opponents. This was evident in the way she diffused several political crises during her two tenures.
But, she is not one to rely only upon political manoeuvres to secure her position. She has followed structured and well-targeted welfare programmes. Schemes like BHAMASHA have won her huge support among women voters and mass connect.
Vasundhara runs a tight party machinery. It would be even more formidable with RSS foot-soldiers. With various factions in the state Congress, Pilot may not enjoy the same unity of command.
Like every other state even Vasundhara will have to depend on the Modi Magic to deliver the final goods. The balance will tilt decisively in BJP’s favour if the state and Lok Sabha polls are made to coincide, an option that cannot be ruled out as yet. But, as on date, no one can write Vasundhara off as some were prone to do a few months ago. The contest is still wide open.
A local wit at the Jaipur Club Bar summed it up with a smart quip. Those who decide to vote for Congress will do so in the hope that, after the Lok Sabha elections Gehlot will come back as the chief minister. People voting for BJP will do so confident of Modi returning as prime minister. They will hope that Vasundhara having proved a point might then hand over the baton to a new face and move to a role at the Centre.
No doubt the outcome in Rajasthan will also impact the Lok Sabha elections. But, the battle for the chief minister’s chair in Jaipur will not be sealed till the new occupant of the throne in Delhi is decided.
‘Should Clown Prince be allowed to pollute public discourse with falsehood’: Arun Jaitley on Rafale deal
/0 Comments/in CHANDIGARH, DELHI, HARYANA, MADHYA PRADESH, MOHALI, NATIONAL, OPINION, PANCHKULA, POLITICS, RAJASTHAN, STATES, TRICITY/by Demokratic Front BureauArun Jaitley
I had, in my blog dated 29th August, 2018 on the Rafale deal, exposed each one of the falsehoods stated by the Congress Party. The campaign of falsehood is entirely led by the Congress President. His strategy is simple – concoct a lie and repeat it as many times. This, at least, provides him some concocted material for his statements/speeches for otherwise an issueless Congress.
To each of the Rafale questions raised by me, there has been no reply. In mature democracies those who rely on falsehood are considered unfit for public life. Many have been banished from political activity because they were caught lying. But this rule obviously can’t apply to a dynastic organisation like Congress Party.
If the ‘Rafale concoctions’ were the first big lie, the second one stated repeatedly is that Mr. Modi waived off rupees two lakh fifty thousand crores of fifteen industrialists. Every word of that sentence repeatedly uttered by Rahul Gandhi is false.
Firstly, these amounts were lent by the banks prior to 2014. Secondly, the UPA Government, in order to conceal these loans despite the default, kept rolling over the loans. These loans were ever-greened. Today the UPA leaders stated that when they went out of Government, the Non-Performing Assets (NPAs) were only Rs.2.5 lakh crores. The truth is that actually NPAs were hidden under the carpet.
In 2015, an asset quality review was conducted by the Reserve Bank of India and as a result of AQR and subsequent transparent recognition by banks it was found that the NPAs were actually Rs.8.96 lakh crores and the real amount was being hidden. Thirdly, no effective steps were taken which could result in recovery/ reduction of the NPAs.
Post 2014-15, NPAs increased not because more monies were lent but because interest was mounting up on the overdue amounts. Some of the defaulters were given a second restructuring so that the defaults could continue to be hidden.
An account is a ‘performing account’ as long as the debt is being serviced by principal/interest being paid. The moment a debtor is unable to service the debt, a default occurs and on expiry of 90 days an account is declared a Non-Performing Asset. During the UPA, most of these accounts were not declared as NPAs.
The Effective Move
Thereafter, the creditors come out with a resolution plan where bids are invited for a potential takeover of the company, and a solvent claimant whose bid is the most attractive, is given management of the company. This results in discharge of a significant amount of debt which is paid to the banks and other creditors.
The banks under UPA took no steps to recover these loans. They did not prosecute a single major debtor who had siphoned off money. It is the NDA Government which through IBC, changed the debtor-creditor relationship and enabled the banks to effectively pursue the recovery.
The truth, Mr Rahul Gandhi, is that your Government allowed the banks to be looted. The loans were inadequately securitized. Your Government was in complicity. The recoveries are being done by the banks only now. By repeating a lie on several occasions, you can’t change that reality. Not a single rupee of any debtor has been waived.
The defaulters are losing their companies and assets under the IBC. Some are being prosecuted. All these defaulters got their debt in the pre-2014 era. Many got their limits substantially expanded during that period. Though these defaults occurred in the pre-2014 period, the same remained hidden on the pretext of rollover, restructuring and ever-greening. I am enclosing a list of defaulters and the present position of recovery.
You lied on the Rafale deal, you lied on the NPAs. Your temperament to concoct facts raises a legitimate question – do people whose natural preference is falsehood deserve to be a part of the public discourse. Public discourse is a serious activity. It is not a laughter challenge. It cannot be reduced to a hug, a wink or repetition of falsehood. The world’s largest democracy must seriously introspect whether public discourse should be allowed to be polluted by the falsehood of a ‘Clown Prince’.
This article first appeared on Finance Minister Arun Jaitley’s official Facebook page.
WhatsApp पोर्न वीडियो मामला पंचकूला के सेक्टर 5 थाने ने अमित गुप्ता को किया गिरफ्तार
/0 Comments/in HARYANA, POLITICS, STATES, TRICITY/by Demokratic Front Bureau
WhatsApp पोर्न वीडियो मामला पंचकूला के सेक्टर 5 थाने ने अमित गुप्ता को किया गिरफ्तार। आज क्या कोर्ट में पेश कोर्ट ने 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेजा।
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