फ़ाज़िल्का शहर से बस अड्डा बाहर आने से ट्रैफिक़ की समस्या होगी हल

सरहदी क्षेत्र के लोगों को मिलेंगीं बेहतर बस सफर सहूलतें

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने फ़ाज़िल्का के नये बस स्टैंड को जल्द से जल्द सुचारू ढंग से चलाने का हल निकालते हुये इसको परिवहन विभाग को तबदील करने के लिए कार्यवाही करने की हिदायत की है।

            लम्बे समय से ख़स्ता हाल की ओर बढ़ रहे नये बस स्टैंड को चलाने सम्बन्धी पंजाब सिविल सचिवालय में परिवहन और स्थानीय निकाय विभागों सहित ज़िला प्रशासन के उच्च अधिकारियों के साथ अहम मीटिंग के दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार लोगों के पैसे को इस तरह बर्बाद नहीं होने देगी।

            मीटिंग के दौरान फ़ैसला लिया गया कि स्थानीय निकाय विभाग द्वारा नये बस स्टैंड और परिवहन विभाग द्वारा पुराने बस स्टैंड के स्वामित्व एक-दूसरे को तबदील किये जायेगे। मंत्री ने अधिकारियों को हिदायत की कि वह जल्द से जल्द जगह तबदील करने के संबंधी कार्यवाही करें और अधिक कीमत दूसरे विभाग को तुरंत ट्रांसफर करके इस मामले का निपटारा किया जाये।

            परिवहन मंत्री ने कहा कि बसों के नये बस अड्डे में तबदील होने से शहर में ट्रैफिक़ की समस्या हल हो जायेगी और शहर निवासी बेहतर सफर सहूलतों का फ़ायदा ले सकेंगे।

            कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि परिवहन विभाग को बस स्टैंड तबदील करने के बाद अगले चरण के दौरान वहां ज़रूरी सहूलतें जैसे बसों के लिए वर्कशॉप और डीज़ल पंप लगाने की योजना भी बनायी जायेगी।

कांट्रैक्ट व गैस्ट टीचर्स ने किया गवर्नर हाउस को कूच

  • शासन व चंडीगढ़ प्रशासन के ढुलमुल रवैये से टीचर्स में रोष 
  • तहसीलदार ने चंडीगढ़ प्रशासन के लिए मस्जिद ग्राउंड में आकर  लिया ज्ञापन

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 6 दिसंबर :

            आज गैस्ट टीचर्स एसोसिएशन ने चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा मस्जिद ग्राउंड में शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही रैगुलर भर्तियों में छूट व रैगुलराइजेशन पालिसी न बनाने के विरोध में रोष प्रदर्शन किया गया । इस रोष प्रदर्शन में यूटी एस एस फैडरेशन,आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ ने भी भाग लिया ।

            शिक्षक दिवस पर इन कांट्रैक्ट व गैस्ट टीचर्स द्वारा काला दिवस मनाया गया था परन्तु प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं हुआ ।

            पिछले मंगलवार डायरेक्टर स्कूल दफ्तर का भी घेराव किया गया । एक हफ्ते बाद आज मस्जिद ग्राउंड में कांट्रैक्ट व गैस्ट टीचर्स द्वारा भारी संख्या में भाग लेकर गवर्नर हाउस को कूच किया गया । 

            पुलिस प्रशासन के आश्वासन व टीचर्स में बढ़ते रोष के कारण तहसीलदार को मौके पर आकर ज्ञापन लेना पड़ा ।

            चंडीगढ़ प्रशासन ने पिछले 25 सालों से कार्यरत कांट्रैक्ट व गैस्ट टीचर्स के लिए कोई रैगुलराइजेशन पालिसी नहीं बनाई हैं । हालांकि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों अनुसार दस साल की सेवा को नियमित किया जा सकता है परन्तु चंडीगढ़ प्रशासन इससे अपना पल्ला झाड़ न‌ई भर्तियों के लिए ज्ञापन देने की तैयारी कर रहा है जिससे हजारों कांट्रैक्ट व गैस्ट टीचर्स में रोष बढ़ता नजर आ रहा है ।

            इस रोष प्रदर्शन में रणबीर राणा, कंवलजीत सिंह, बिपिन शेर सिंह, पूनम टपरियाल, अमित कुमार,जगदीप कुमार, मोहम्मद सलीम, शिव मूरत, प्रवीण कुमार,अजय शर्मा इत्यादि ने संबोधित किया व भाग लिया ।

            गै‌स्ट टीचर्स एसोसिएशन ने ऐलान किया अगर  शासन व चंडीगढ़ प्रशासन रैगुलर भर्तियों में छूट व रैगुलराइजेशन पालिसी नहीं बनाता तो संघर्ष को तेज़ किया जाएगा और सभी टीचर्स परिवार समेत आमरण अनशन पर बैठेंगे ।

अच्छे भविष्य का  निर्माण के लिये बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श की देनी होगी जानकारी

            जागरूकता शिविर के दौरान स्कूल के बच्चों को बाल यौन शोषण क्या है व बाल यौन शोषण का बच्चों पर प्रभाव, बच्चों को शिक्षा संबंधी, सुरक्षित स्पर्श व असुरक्षित स्पर्श की जानकारी दी गई । असुरक्षित स्पर्श से कैसे बचाव  किया जा सकता है, यह भी बच्चो को बताया गया। बच्चों को बताया गया कि वह किसी भी असुरक्षित स्थान पर अकेले ना जाए व  किसी अनजान व्यक्ति से बातचीत ना करें।

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला – 6 दिसंबर :

            महिला एवं बाल विकास विभाग पंचकूला द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी बलजीत कौर की देखरेख में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के तहत जिला बाल सरंक्षण इकाई मे कार्यरत कानून एवं परीक्षा अधिकारी निधि मलिक ने आज गवर्नमेंट प्राइमरी मॉडल स्कूल सेक्टर 20 आशियाना के बच्चों को जागरूक किया।


            आज के समय में महिला अपराध के साथ-साथ बाल अपराध की घटनाएं भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बच्चों के शोषण से जुड़ने वाले बहुत मामले सामने आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में बदलते समय के साथ अब यह जरूरी हो गया है कि बच्चे भी अपनी सुरक्षा को लेकर अलर्ट रहे। बच्चों को इसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा क्योकि  इसका सबसे पहला कारण होता है कि बच्चे को यह मालूम ही नहीं होता कि उन्हें किस तरह से छुआ जा रहा है। इसलिए परिवार के सदस्यों व टीचर्स के लिए यह जरूरी है कि वह बच्चों को यह सिखाया जाये कि गुड टच और बैड टच में क्या अंतर है ताकि वह खुद जागरूक रहें और समय पर अपने माता-पिता को इस संबंध में सूचित कर सकें।


            जागरूकता शिविर के दौरान स्कूल के बच्चों को बाल यौन शोषण क्या है व बाल यौन शोषण का बच्चों पर प्रभाव, बच्चों को शिक्षा संबंधी, सुरक्षित स्पर्श व असुरक्षित स्पर्श की जानकारी दी गई । असुरक्षित स्पर्श से कैसे बचाव  किया जा सकता है, यह भी बच्चो को बताया गया। बच्चों को बताया गया कि वह किसी भी असुरक्षित स्थान पर अकेले ना जाए व  किसी अनजान व्यक्ति से बातचीत ना करें। यदि कोई छोटी व बड़ी उम्र का व्यक्ति उन्हें अकेले में बुलाता है या बाद में किसी अलग जगह पर आने को कहता है तो वह वहां ना जाए।

            बच्चों को बताया गया कि कोई भी ऐसी  गलत हरकत होने पर शोर मचाये, जोर से चिल्लाए। वह इसकी शिकायत अपने घर परिवार के  सदस्य व स्कूल में पढ़ाने वाले अपने टीचर को भी कर सकते हैं। यदि बच्चा परिवार व टीचर को बताने में असमर्थ हो तो वह चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 या 112 पर फोन करके भी अपनी बात साँझा कर सकता है। यह राष्ट्रीय फोन सेवा मुफ्त है । बच्चों को बाल यौन शोषण पर आधारित एनिमेटेड  फिल्म कोमल देखने के लिए कहा गया। 10 मिनट की इस कोमल फिल्म के माध्यम से बच्चों को ‘नो टच एरियाज’ के बारे में बताया गया है कि यह शरीर केवल आपका है और अगर कोई बिना बताए या आपकी सहमति के बिना उसे छूता है तो आप उसका विरोध करें।

            अध्यापको को भी कहा गया कि वह बच्चों कि पहचान करे कि कही कोई बच्चा यौन शोषण के शिकार तो नहीं हो रहा है । यदि बच्चा स्कूल आने का इच्छुक ना हो या किसी से बात करना पसंद ना करें और सबसे अलग रहने लगे तो उन्हें बच्चें पर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसा बच्चा कहीं ना कहीं मानसिक तौर पर परेशान होता है व उसे कोई परेशानी होती है तो एक अध्यापिका ही बच्चे के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करके बच्चे की परेशानी को साझा कर सकती है।

            इसके साथ ही बच्चों को बाल अधिकार व बच्चों मे बढ़ रहे लैंगिक अपराधों से सुरक्षा व बच्चों को सही पोषण व स्वच्छता की जानकारी दी गई । बच्चों को दैनिक जीवन में खेल को बढ़ावा देने व मोबाइल फोन से दूर रहने के लिए कहा गया। बच्चे खेल को बढ़ावा देंगे तो उनका शारीरिक व मानसिक दोनों रूप में विकास होगा। बच्चों के अनैतिक व्यवहार के दुरुपयोग के बारे में भी जानकारी दी गई। जागरूकता शिविर के दौरान स्कूल इंचार्ज पिंकी मैम व अन्य अध्यापिका मोजूद रहे।

मिस एंड मिसेज इंडिया क्लासिक क्राउन क्वीन 2022 शो 11 दिसंबर को होगा आयोजन

संदीप सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 5 दिसंबर :

            आज भारत का सबसे बड़ा ब्यूटी पेजेंट शो-मिस एंड मिसेज इंडिया क्लासिक क्राउन क्वीन 2022 रविवार(11 दिसंबर) को चंडीगढ़ में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी मंजरी प्रिया गुप्ता, जबकि सम्मानित अतिथि के तौर पर रिया गोयल बावा, प्रतिमा बहादुर, प्रीति कौर, वेनिका राजावत, रुचि शर्मा और पल्लवी सिंह शामिल रहेंगी।

            शो की आयोजक, मीत संधू, डायरेक्टर एमएस एंटरटेनमेंट, ने कहा,“शो के विजेताओं को आगामी वेब सीरीज और लघु फिल्मों में अभिनय करने का अवसर मिलेगा। कई अन्य छोटे प्रोजेक्ट भी पाइपलाइन में हैं।”

            उन्होंने आगे कहा कि जूरी में अलपा शाह, दिव्या गुजराल, हीना गुसाई और श्वेता चौबे जैसी हस्तियों रहेंगी। विशेष अतिथियों की सूची भी शानदार है, जिसमें गायक शाहजादा, डॉ सोनल चुघ्ज्ञ,डॉ सरबजीत कौर, डॉ ज्योर्तिमय भारती, सुपरना बर्मन, सोनाली शर्मा,अंकिता पराशर,और बिम्पी रेखी जैसे नाम शामिल हैं।

            शो के सेलिब्रिटी मेहमान होंगे बलवीर चोटियन, जैस्मीन चॉटियन, जेनिफर शर्मा, प्रवेश रावत, नवनीत कौर, मेघा डोगरा, शिवांगी परब, पंजाब चीमा, नम्रता कामत, जस ग्रेवाल, सोनू हुरिया, और गायक जेसन। वीआईपी मेहमानों में मधु यादव, मिस मोनिका (अनमोल टीवी), और डॉ उपासना सिंह कालरा के नाम शामिल हैं। 

            शो के डायरेक्टर हैं साइमन कम्बोज,जबकि ईवेंट पार्टनर हैं रजनीश मौर्य और दिनेश सरदाना। विक्रम कुमार शो को एंकर करेंगे और सेलिब्रिटी ग्रूमर अर्चना शेफर अपनी सेवाएं देंगी। मेकअप प्रायोजक हैं गीता वर्मा और क्रिएटिव ज़ोन की अनु गुप्ता। सेलिब्रिटी डिजाइनर शिवानी (ब्यूटी फैशन) भी शो का हिस्सा हैं। यह शो अनमोल टीवी और अंजाने टीवी द्वारा स्पॉन्सर्ड है।

मोदी 11 को तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थान राष्ट्र को समर्पित करेंगे : सर्बानंद सोणोवाल

रघुनंदन पराशर, द्मोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 6 दिसम्बर :

            आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने मंगलवार को घोषणा करते हुए बताया कि तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), गोवा, राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद और राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच), दिल्ली को 11 दिसम्बर के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किए जाएंगे। ये सैटेलाइट संस्थान अनुसंधान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को और मजबूत करेंगे व बड़ी आबादी के लिए किफायती आयुष सेवाओं की सुविधा प्रदान करेंगे।आयोजित प्रेस वार्ता में केंद्रीय आयुष मंत्री ने मीडिया को 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) का विवरण भी दिया, जो पंजिम, गोवा में वैश्विक स्तर पर 8-11 दिसम्बर के बीच आयोजित किया जा रहा है। इसमें आयुष प्रणाली में निहित वैज्ञानिकता, प्रभावकारिता और क्षमता को सामने रखा जाएगा। आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई, आयुष मंत्रालय के सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक डा.तनुजा नेसरी और आयुष मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

            इस अवसर पर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘इन संस्थानों की स्थापना प्रधानमंत्री के पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन के विस्तार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इन संस्थानों के माध्यम से भारत सरकार देश के प्रत्येक नागरिक और क्षेत्र तक किफायती व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की अपनी क्षमताओं को और मजबूत करेगी।“ इन तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों की स्थापना से आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी में यूजी-पीजी और डॉक्टरेट करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए 400 अतिरिक्त सीटें सृजित होंगी।

            अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए),गोवा आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली के माध्यम से शिक्षा, अनुसंधान और रोगी देखभाल सेवाओं के पहलुओं में यूजी-पीजी और पोस्ट डॉक्टरल स्ट्रीम्स के लिए उच्चतम गुणवत्ता वाली सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम करेगा। इसे मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) को बढ़ावा देने वाले आयुर्वेद के एक वेलनेस हब के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही यह संस्थान शैक्षणिक व अनुसंधान से संबंधित उद्देश्यों को पूरा करने और अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक मॉडल केंद्र के रूप में कार्य करेगा।राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच), दिल्ली उत्तर भारत में होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली विकसित करने और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए अपनी तरह का पहला संस्थान है। यह आधुनिक दवाओं के साथ आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को मुख्यधारा में लाने और एकीकृत करने के लिए काम करेगा। इसके साथ ही यह संस्थान अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) व नवाचार को प्रोत्साहित करेगा और राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्थानों को विकसित करेगा।

            राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, मौजूदा राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, बैंगलोर का एक सैटेलाइट केंद्र होगा। यह उत्तरी भारत में इस तरह का पहला संस्थान होगा और एमवीटी के तहत दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य राज्यों के रोगियों के साथ-साथ विदेशी नागरिकों को भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा।

            प्रधानमंत्री दिसंबर 2022 को 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) के समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। आयुष मंत्रालय पंजिम, गोवा में डब्ल्यू.ए.सी. आयोजित करने के लिए सहयोग कर रहा है और वैश्विक स्तर पर आयुष प्रणाली और दवाओं की वैज्ञानिकता, प्रभावकारिता, क्षमता का प्रदर्शन करेगा। इसी कड़ी में विभिन्न गतिविधियों की योजनाएं बनाई जा रही हैं और बड़े स्तर पर आयुष जगत से जुड़ीं हस्तियां भी विभिन्न चर्चाओं, प्रस्तुतियों आदि में भाग ले रहीं हैं।

भाजपा मंडल छछरौली ने भारत रत्न संविधान निर्माता डाक्टर भीमराव बाबा साहब अम्बेड़कर जी के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर नमन किया

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 06 दिसंबर :

            भाजपा छछरौली मंडल अध्यक्ष कल्याण सिंह ने कहा कि  संविधान निर्माता भारत रत्न डाक्टर भीमराव अम्बेड़कर बाबा साहब जी ने औद्योगिक विकास, जल संचय, सिंचाई, श्रमिक सुधार, कृषक उत्पादकता और कृषकों की आय बढ़ाने के लिए अनेक सामूहिक प्रयास किए तथा महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दिया,  बाबा साहब भारतवर्ष के प्रत्येक जाति वर्ग व समस्त देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहे हैं ,मंडल महामंत्री जगदीश धीमान ने कहा कि जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए ,संविधान निर्माता, भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी को उनके परिनिर्वाण दिवस पर विनम्र नमन, भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक, शिक्षा आदि क्षेत्रों में बाबा साहेब के योगदान को देशवासी सदैव याद रखेंगे , उनके दिखाए रास्ते पर चलना ही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि है साथ में मंडल महामंत्री डाक्टर जगदीश धीमान, शक्ति केन्द्र प्रमुख मास्टर राजबीर सिंह, युवा नेता कर्मसिंह शेरपुर,भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग सहित बहुत से भाजपा कार्यकर्ता साथ रहे।

SC ने पंजाब की AAP सरकार को फटकारा, BJP बोली – घरों में पानी नहीं, मोहल्लों में शराब पहुँच गई

            सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के नशा विरोधी कार्यों की गति पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने सरकार से अवैध शराब बनाने के खतरे को रोकने के लिए उठाए गए विशिष्ट कदमों की सूची भी बनाने को कही। कोर्ट ने इसके बाद  सीमा सुरक्षा का भी मुद्दा उठाया। कोर्ट ने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और अगर कोई देश को खत्म करना चाहेगा, तो वह सीमाओं से इसकी शुरुआत करेगा।

Punjab Election Bhagwant Mann Will Be AAP CM Face BJP Attack Said Party  Also Declared Its Liquor Policy | Punjab Election: भगवंत मान को CM चेहरा  बनाने पर BJP ने AAP पर

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :

            पंजाब सरकार से सवाल करते हुए कोर्ट ने जब्त किए गए पैसे के इस्तेमाल की जानकारी माँगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार को इस पैसे का इस्तेमाल नशा विरोधी अभियानों के लिए करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब तक 2 सालों में 34000 से ज्यादा एफआईआर हो चुकी है, लेकिन किसी पर मुकदमा नहीं हुआ है। पंजाब सरकार की ओर से जवाब देते हुए एएसजी ने कहा कि चीजें आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और आगे कार्रवाई भी होगी।

            सुप्रीम कोर्ट ने  बड़े पैमाने पर अवैध शराब के निर्माण और बिक्री को लेकर पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि राज्य में ड्रग्स और शराब की समस्या एक गंभीर मुद्दा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार केवल एफआईआर दर्ज कर रही है और आगे की कार्रवाई नहीं कर रही है। 

             कोर्ट ने पंजाब सरकार से अवैध शराब बनाने के खतरे को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की सूची बनाने को कहा। कोर्ट ने यह भी कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, अगर कोई देश को खत्म करना चाहेगा, तो वह सीमाओं से शुरू करेगा।  

            शीर्ष कोर्ट ने आगे कहा कि जिस तरह से पंजाब में नशे की समस्या बढ़ रही है, ऐसे तो युवा खत्म ही हो जाएंगे। नशे से लोग मर रहे।  कोर्ट ने कहा, हर गली में एक भट्टी हो गई है, अगर अवैध शराब पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में यह घातक साबित हो सकता है। 

            कोर्ट ने पंजाब सरकार सेयह भी पूछा कि अब तक तक जब्त किए गए पैसे किस जगह इस्तेमाल किए गए हैं।इस पैसे का इस्तेमाल सरकार को नशा विरोधी अभियानों के लिए करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अबतक दो वर्षों में 34 हजार से ज्यादा एफआईआर हो चुकी हैं, लेकिन किसी पर मुकदमा नहीं हुआ है। 


 

राजियासर में राजकीय महाविद्यालय की मांग को समर्थन: वृतांत सूरतगढ़ में मिली सफलता का

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 5 दिसंबर :

            सूरतगढ़ तहसील की उप तहसील राजियासर अधिकांश क्षेत्र टिब्बा क्षेत्र है शिक्षा की बहुत कमी है क्योंकि जितने स्कूल होने चाहिए उतने नहीं है। जो स्कूल है उनमें बहुत सी सुविधाएं नहीं है। ऐसे समाचार समय-समय पर क्षेत्र के 2 बड़े अखबारों राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर में छपते रहे हैं और हमारे जैसे लोग पढ़ते रहे हैं। राजियासर में  राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर छात्र आगे आए हैं। यह देश जिसमें शिक्षा भी दी नहीं जाती पढ़ने वाले लोग शिक्षा मांगते हैं, बस यही सबसे बड़ा दुर्भाग्य है।

             कोई समय था श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर केवल एक ही राजकीय महाविद्यालय होता था। उस समय हनुमानगढ़ जिला बना नहीं था। आप सभी कल्पना कर सकते हैं कि इतने बड़े विशाल जिले में केवल एक राजकीय महाविद्यालय श्रीगंगानगर में था। एक महाविद्यालय में कितने छात्र जिनके पास बहुत कम पैसा हो परिवार के पास बहुत कम पैसा हो कितने पढ़ सकते हैं? राजकीय महाविद्यालयों में सीटों की हमेशा कमी और हर साल आंदोलन होते रहते हैं?

            ये सभी परिस्थितियां और स्थितियां राजनीतिक दल इलाके के राजनीतिक नेता जानते हैं समझते हैं। उस पर कितना काम करते हैं यह मैं बोलूं या बताऊं अच्छा नहीं लगेगा।

आज से 50 वर्ष पहले मैं सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग से जुड़ा हुआ एक व्यक्ति हूं।

            सेठ राम रामदयाल राठी राजकीय उच्च मा माध्यमिक विद्यालय में हायर सेकेंडरी यानि कि 11 कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद केवल इसलिए उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाया कि सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय नहीं था।  उस समय तो कोई प्राइवेट भी नहीं था। यदि हमारे परिवार के पास में पूंजी होती तो मैं निश्चित रूप से 1963 के बाद उच्च शिक्षा के लिए बीकानेर या बड़ी जरूर पहुंचता लेकिन पहुंच नहीं पाया।

             सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर विद्यार्थियों ने बीड़ा उठाया। यह सन 1972 की बात है। 50 वर्ष पहले की बात है। आप सभी आश्चर्यचकित होंगे कि विद्यार्थियों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए संघर्ष का बीड़ा उठाने का जोश उस समय भी था और आज भी वैसा ही जोश चल रहा है।

            सन 1972 में विद्यार्थियों ने जो आंदोलन चलाया था। उससे उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा था इसलिए गुरुशरण छाबड़ा और हमारे जैसे सूरतगढ़ के और भी जोशीले लोगों ने मांग का समर्थन किया। विद्यार्थियों के उस आंदोलन को गुरुशरण छाबड़ा मेरे जैसे लोगों ने ले लिया।  विद्यार्थियों को कहा कि आप पढ़ें।इस आंदोलन को हम चलाएंगे।

            रेलवे स्टेशन सूरतगढ़ के आगे हमारा टेंट लगा जहां प्रतिदिन दो व्यक्ति क्रमिक अनशन पर बैठते थे। उस समय पत्रकारिता के साथ में आजीविका के लिए पुस्तक पत्र पत्रिकाएं आदि विक्रय करने की दुकान भी चलाया करता था। खुद पढता और समाचार भी भेजता भी था। जो जो दुकान पुस्तकों की हम चला रहे थे उसमें एक बार सुबह अगरबत्ती जला कर पूजा करके और फिर से बंद करके और उस टेंट में आ जाया करते थे। एक जोश था दुकान बंद हो जाती थी उसका अफसोस नहीं था।

            आंदोलन चलाते 3 महीने बीते। हमारे गले में आ गई थी। आगवानी करने में गुरुशरण छाबड़ा और मेरे जैसे लोग थे। पत्र लिखने का कार्य समाचार भेजने का कार्य मांग पत्र आदि भेजने का कार्य सुंदर हस्तलिपि के कारण मैं ही किया करता था। 3 महीने बीतने के बाद में ऐसा महसूस हुआ कि इस आंदोलन को और ज्यादा खींचा नहीं जा सकता।

            गुरुशरण छाबड़ा जी जयपुर गए, शिक्षा मंत्री से मिले। शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया और वह आश्वासन तार के मार्फत करीब  4:30 बजे मुझे मिला और शाम को 5:00 बजे बिना भीड़भाड़ वाली एक सभा हुई। मैंने मंच से घोषणा की कि आंदोलन को स्थगित किया जाता है हमें आश्वासन मिल गया है। आप क्या कहेंगे? स्पष्ट शब्दों में टेंट उठाने की कार्रवाई थी। यही एक सच था। उस सच्च को छिपा करके भी मैं क्या करूं। संघर्ष करने वाले आगे बढ़ते हैं पीछे हटते हैं बीच में रुकते हैं अलग अलग परिस्थितियां होती है लेकिन संघर्ष जारी रहता है और कामयाबी भी दिलाता है।

*             सन 1977 आया। आपातकाल के बाद चुनाव हुए। जनता पार्टी का राज आया। सूरतगढ़ से गुरुशरण छाबड़ा विधायक चुने गए।

 * माननीय भैरों सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री चुने गए। उस दिन मैं जयपुर में ही था।   भैरों सिंह जी शेखावत का परिणाम शाम को घोषित हुआ।

** तब हमने यह तय किया कि रात को ही मुख्यमंत्री जी से मिला जाए रात के करीब 10:00 बजे बाद विधायक गुरुशरण छाबड़ा मैं करणी दान सिंह राजपूत और जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष राजा राम कड़वासरा निवासी मानकसर भैरोंसिंह जी के निवास पर पहुंचे। राजस्थान का शेर भैरोसिंह और कल्याण सिंह कालवी उस समय भोजन कर रहे थे।     

            हमने उसी समय यह बात की।सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हमने जो चुनाव लड़ा है वह कॉलेज की मांग को लेकर लड़ा है। जनता को विश्वास दिलाया कि हमारी जीत होने पर हम कॉलेज यहां खुलवा देंगे इसलिए आज हम आपको बधाई के साथ यह मांग भी प्रस्तुत कर रहे हैं कि हमें सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय चाहिए।

            भैरों सिंह शेखावत हमेशा तुरंत जवाब देने वाले मजाकिया मूड में थे। उन्होंने कहा कि कोई और मांग तो नहीं है,बाद में कुछ और भी मांगोगे। हमने कहा कि नहीं हमें राजकीय महाविद्यालय ही चाहिए। हमारी ओर कोई मांग नहीं है।गुरुशरण जी छाबड़ा को और कोई पद नहीं चाहिए। माननीय भैरों सिंहजी ने कहा कि जब राजकीय महाविद्यालय खोलने की बात आएगी तो सूरतगढ़ के अंदर राजकीय महाविद्यालय खोलने को प्राथमिकता दी जाएगी।

            भैरों सिंह शेखावत से जब हम बात कर रहे थे उस समय जयपुर से विधायक चुनी हुई डॉक्टर उजला अरोड़ा भी मौजूद थी। उन्होंने 6 दिन से आमरण अनशन कर रहे एक ग्रुप को जूस पिलाकर उठाने का निवेदन माननीय मुख्यमंत्री से किया। शेखावत जी ने कहा कि जब 6-7 दिन में कुछ नहीं हुआ तो रात भर और निकाले।  अगले दिन             उनको ढोल धमाके के साथ में उठाएंगे तो लोगों को पता लगेगा और जो अनशन कारी बैठे हैं उनको भी आनंद आएगा। ऐसा ही हुआ। यह घटना इसलिए यह बता रहा हूं कि भैरो सिंह कितने उच्च सोच के व्यक्ति थे।

            शेखावत जी जब सूरतगढ़ आए तब भी हमारी मांग फिर राजकीय महाविद्यालय की थी और उस मांग में एक और मांग हमने जोड़ी कि हम 1970 से जिले की मांग कर रहे हैं। सूरतगढ़ को जिला बनाया जाए। शेखावत जी का भोजन गुरु शरण जी छाबड़ा विधायक के निवास पर ही था। वहां पर फिर एक लिखित मांग पत्र राजकीय महाविद्यालय का दिया गया।

             हमारी वर्षों की मांग पूरी हुई। राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ में स्थापित करने के लिए हमने और बहुत सी कार्यवाहियां पूरी की।  मांग सरकार पूरी करती है लेकिन उसमें बहुत सी खाना पूर्ति भी बहुत से उद्देश्य पूरे करने होते हैं। उस समय माननीय ललित किशोर जी चतुर्वेदी उच्च शिक्षा मंत्री थे। गुरुशरण छाबड़ा के और मेरे अनन्य मित्र जो आज नोटरी और वकील का कार्य कर रहे हैं, एनडी सेतिया जी उस समय जयपुर पढ़ रहे थे।छाबड़ा जी के साथ थे।

             उनका एक फोन मैसेज आया। उस दिन रविवार था। एक उपनिदेशक आ रहे हैं जयपुर एक्सप्रेस से हनुमानगढ़ उतरेंगे 9:30 बजे सूरतगढ़ के अंदर एक बैठक करें और वे एक प्रोफॉर्मा लेकर आ रहे हैं उसकी पूर्ति करवाएं तभी कॉलेज खोला जा सकेगा। मुझे 9:00 बजे यह संदेश मिला केवल आधा घंटा बाकी था और इसी अवधि के अंदर लोगों को एकत्रित किया गया। हमारी बैठक सेठ रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुई। उसमें बड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न आया जिसका लिखित विश्वास समय देना था ,जितने छात्र प्रवेश लें 20% छात्राएं होनी आवश्यक है। यह गारंटी उस समय दी थी। हमें सफलता प्राप्त हुई। सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति मिली। प्रोफेसर केदारनाथ जी के हाथों शिलान्यास हुआ। राजकीय महाविद्यालय की स्थापना हुई। हम बहुत प्रसन्न हुए। हमारे पास महाविद्यालय के लिए भवन नहीं था ऐसी स्थिति में सन् 1977 में सेठ रामदयाल राठी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में महाविद्यालय की टीडीसी प्रथम वर्ष की कक्षा शुरू की। उसके बाद सारड़ा धर्मशाला किराए पर ली।

* राजकीय महाविद्यालय के लिए 5 कमरों का एक भवन बनाने के लिए कमेटी बनाकर चंदा इकट्ठा किया गया और उसका निर्माण किया गया।

            सोहन लाल जी रांका को उसका पहला अध्यक्ष बनाया गया। मेरे एक मित्र जो आज संसार में नहीं है छगनमल सेठिया कोषाध्यक्ष बने।हमने प्रयत्न करके हमारे भवन को सार्वजनिक निर्माण विभाग के सुपुर्द करवाया।

             उसके बाद से आज तक राजकीय महाविद्यालय में विभिन्न प्रकार की शिक्षाएं शुरू हैं। करीब 17-18 सौ विद्यार्थी उसमें पढ़ रहे हैं। राजकीय महाविद्यालय का नाम आज स्वर्गीय गुरुशरण छाबड़ा राजकीय महाविद्यालय किया जा चुका है। सन 2019 के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस महाविद्यालय का नाम गुरुशरण छाबड़ा महाविद्यालय रखा।  राजकीय महाविद्यालय में हजारों लोग पढ़ चुके हैं।

            मैं आशा करता हूं कि राजियासर के अंदर भी राजकीय महाविद्यालय खुलेगा और इस क्षेत्र के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर उन्नत पदों पर पहुंचेंगे। मेरी तो एक कामना और भी है कि राजियासर उप तहसील है इलाके को देखते हुए जो क्षेत्र विकसित हो रहे हैं उसे देखते हुए तहसील की स्थापना हो तो और अच्छा विकास हो सकेगा। प्रशासनिक दृष्टि से भी इस इलाके को लाभ मिलेगा।

             विद्यार्थियों की ओर से 6 दिसंबर को महापंचायत का आवाहन किया हुआ है।  उस महापंचायत में मैं भी अपनी उपस्थिति रखूंगा। छात्र विजयी होंगे यही कामना करता हूं। जो भी सरकार आएगी हम उस सरकार के सामने             अपनी मांग रखेंगे।

विद्यार्थियों का साथ भरपूर कोशिश से दूंगा जो इस 78 की चलती उम्र में दे सकता हूं,उससे अधिक देने की कोशिश करूंगा।  

पंजाब की नयी कृषि नीति 31 मार्च तक तैयार होगी : कुलदीप सिंह धालीवाल

  • नयी नीति पंजाब की भौगोलिक स्थिति, मिट्टी की सेहत, फसलों और पानी को प्रमुख्य रख कर होगी तैयार
  • कुदरती कृषि के लिए अलग नीति बनाने का भी किया ऐलान
  • पंजाब की फसलों, पानी और मिट्टी और वातावरण को केंद्र में रख कर अलग-अलग कान्फ्ऱेंसें करने का किया ऐलान

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : 

पंजाब सरकार कृषि की व्यवस्था में सुधार करने के लिए लगातार यत्न कर रही है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुये 31 मार्च, 2023 तक राज्य की नयी कृषि नीति तैयार की जायेगी। यह जानकारी देते हुये पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि नयी कृषि नीति पंजाब की भौगोलिक स्थिति, मिट्टी की सेहत, फसलों और पानी की उपलब्धता को मुख्य रख कर तैयार की जायेगी, जिसके लिए प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिकों, माहिरों और किसान जत्थेबंदियों के साथ सलाह मशवरे किये जा रहे हैं।  

 धालीवाल ने आज पंजाब राज किसान और कृषि श्रमिक आयोग की तरफ से ‘पंजाब का कृषि विकास माडल – कुछ नीतिगत मुद्दे’ विषय पर करवाई गई किसान गोष्ठी के दौरान संबोधन करते हुये कहा कि पिछली सरकारों के ग़ैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण और गलत नीतियों के कारण पंजाब का शुद्ध पानी, शुद्ध हवा और वातावरण और सेहतमंद उपजाऊ भूमि अब दूषित पानी, ज़हरीली हवा और ग़ैर- उपजाऊ भूमि में बदल रही है, जिसको साफ़ नीति और नीयत से बदलने की ज़रूरत है।

कुदरती कृषि के लिए अलग नीति बनाने का ऐलान करते हुये कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि में खादों, रासायनों, नदीन नाशकों और कीटनाशकों के हद से अधिक प्रयोग के कारण लोगों को सेहत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब को पहले वाली स्थिति में लाने के लिए कुदरती कृषि के अपनी आबो-हवा अनुसार काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कृषि सिर्फ़ कृषि नहीं, यह जीवन के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है। उन्होंने कोआपरेटिव प्रणाली को आबाद करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये कहा कि कृषि को ज़रूरत मुताबिक करने की ज़रूरत है।

कृषि मंत्री ने कृषि में आयी असुरक्षा को दूर करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये कहा कि राज्य सरकार कृषि को बचाने की दिशा में सबके सहयोग के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कृषि करने के लिए बड़ी मशीनें खरीदने की जगह छोटी मशीनों का सुयोग्य प्रयोग करना चाहिए, जिससे किसानों की आर्थिकता में भी सुधार होगा। पंजाब की फसलों, पानी और मिट्टी और वातावरण को केंद्र में रख कर अलग-अलग कान्फ्ऱेंसें करने का किया ऐलान करते हुये उन्होंने कहा राज्य सरकार कि कृषि माहिरों और कृषि वैज्ञानिकों और तजुर्बेकार लोगों की मदद से कृषि क्षेत्र को मज़बूत करने का हर संभव यत्न करेगी।

इस कान्फ्ऱेंस के मौके पर कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के उप-कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल, पंजाब राज किसान और कृषि श्रमिक आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, कृषि विभाग के डायरैक्टर डॉ. गुरविन्दर सिंह, डॉ. दविन्दर शर्मा, डॉ. गुरकंवल सिंह, प्रोफ़ैसर बावा सिंह, प्रिंसिपल सुच्चा सिंह, डॉ. कुलदीप सिंह आदि के इलावा श्रमिक किसान यूनियन के नेता स. रविन्द्र सिंह और स. राजिन्दर सिंह, दीप सिंह वाला आदि ने भी संबोधन किया। इस मौके पर कृषि विभाग के सचिव अरशदीप सिंह थिंद के इलावा विभाग के सीनियर अधिकारी भी उपस्थित थे।

एक बार दान किया हुआ खून चार ज़िंदगियां बचा सकता है – चेतन सिंह जोड़ामाजरा


पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने खूनदान कैंप का उद्घाटन किया


राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, पंजाब चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कैंप पंजाब एड्स कंट्रोल एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से लगाए खूनदान कैंप का उद्घाटन किया। यह कैंप पंजाब स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल के सहयोग से लगाया गया, जिसमें पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के कर्मचारियों ने पंजाब भर से भाग लिया। इस दौरान चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि खून हमेशा रजिस्टर्ड ब्लड सैंटरों से ही लिया जाए, क्योंकि इन सेंटर्स में कई बीमारियों की जांच की जाती है और रिपोर्ट सही होने के बाद ही व्यक्ति को ब्लड दिया जाता है। पंजाब में 161 रजिस्टर्ड ब्लड सैंटर चलाए जा रहे हैं, जिनमें से 46 सरकारी, 7 मिल्ट्री और 108 प्राइवेट ब्लड सैंटर चलाए जा रहे हैं।  

            चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने एसोसिएशन द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक खूनदान कैंप लगाकर कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। दान किया हुआ खून चार ज़िंदगीयां बचा सकता है। पंजाब एड्स कंट्रोल एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जसमेल सिंह देओल ने कहा कि उनकी यूनियन एड्स पीड़ितों के इलाज में मदद करने के अलावा खूनदान जैसे समाज कल्याण के काम भी करती है। इस अवसर पर पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की प्रोजेक्ट डायरेक्टर  नीलिमा, डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. रणजीत सिंह, नैशनल हैल्थ मिशन, पंजाब के डायरैक्टर डा. एस.पी. सिंह, सिविल सर्जन मोहाली डॉ. आदर्शपाल कौर, एडीशनल प्रोजैक्ट डायरैक्टर डॉ. बॉबी गुलाटी विशेष रूप से उपस्थित थे। इनके अलावा महासचिव गुरजंट सिंह, मुख्य सलाहकार महिंदर पाल सिंह, वित्त सचिव कंवलजीत सिंह, मनीष यादव, मीडिया सचिव मनीश कुमार, कोर कमेटी सदस्य आशु गर्ग, सुरिंदर सिंह, राजन, रमनदीप कौर सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा।