लोकतन्त्र के महापर्व के 3सरे चरण की 117 सीटों पर मतदान आज

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा. तीसरे चरण की 117 सीटों में से बीजेपी का लक्ष्य अपनी 62 सीटों को बचाने का होगा. पार्टी ने 2014 मे इन सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं विपक्षी दल बीजेपी से ये सीटें छीनना चाहेंगे. यह चरण बीजेपी और कांग्रेस के लिए काफी अहम है.  

नई दिल्ली: देश में सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा. इस चरण के साथ गुजरात, केरल, गोवा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, असम, दादर नागर हवेली और दमन-दीव की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा. तीसरे चरण की 117 सीटों में से बीजेपी का लक्ष्य अपनी 62 सीटों को बचाने का होगा जहां पार्टी ने 2014 मे जीत हासिल की थी. इसलिए यह चरण बीजेपी के लिए काफी अहम है.

तीसरे चरण में बीजेपी और कांग्रेस, दोनों दलों के प्रमुख चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहली बार लोकसभा चुनाव में उतर हैं. वह गांधीनगर से पार्टी के प्रत्याशी हैं, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस चरण में केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार हैं. पिछले चुनाव में इनमें से 16 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे, जबकि अन्य सीटें बीजद (6), माकपा (7), राकांपा (4), समाजवादी पार्टी (3), शिवसेना (2), राजद (2), एआईयूडीएफ (2), आईयूएमएल (2), लोजपा (1), पीडीपी (1), आरएसपी (1), केरल कांग्रेस-एम (1), भाकपा (1), स्वाभिमानी पक्ष (1), तृणमूल कांग्रेस (1) और निर्दलीय (3) की झोली में गई थीं.

गुजरात में बीजेपी की परीक्षा
इस बार बीजेपी की परीक्षा उसका गढ़ रहे गुजरात में होगी. प्रदेश की सभी 26 लोकसभा सीटों पर अज मतदान होगा. इसके अलावा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की परीक्षा होगी जहां पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में उसका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. बीजेपी ने इस चरण में मतदान वाली सीटों पर 2014 में गुजरात की सभी 26 सीटों, कर्नाटक की 14 में से 11 सीटों और उत्तर प्रदेश की 10 सीटों में से आठ पर, छत्तीसगढ़ की सात में से छह सीटों पर, महाराष्ट्र की 14 में से छह सीटों पर, गोवा की दोनों सीटों पर और असम, बिहार, दादर नागर हवेली और दमन-दीव की एक-एक सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी के सामने अपनी सीटों को बचाए रखने की चुनौती है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य होने के कारण बीजेपी इस बार भी गुजरात की सभी सीटों पर जीत हासिल करने की उम्मीद लगाए बैठी है. लेकिन, कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी को कड़ी चुनौती थी, इसलिए कांग्रेस भी 10 से 15 सीटों पर इस बार जीत की उम्मीद कर रही है. गुजरात के तीन युवा नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी ने विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनाने में मदद की थी, लेकिन इस बार वे चुनाव की दौड़ में शामिल नहीं हैं. पाटीदार नेता पटेल पिछले महीने कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन दंगा से संबंधित मामले में अभियुक्त होने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ पाए, जबकि ठाकोर ने इसी महीने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया. 

तय होगी यादव परिवार की किस्मत
समाजवादी पार्टी का गढ़ रहे मैनपुरी, बदायूं और संभल लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होने जा रहा है और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन होने के बाद इन क्षेत्रों में सपा की संभावना को मजबूती मिली है. यह भी एक राय है कि कांग्रेस भी बीजेपी का ही वोट काटेगी. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव फिरोजाबाद से अपने भतीजे व सपा उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं और वह सपा-बसपा गठबंधन के विरोध में लोगों को वोट करने कह रहे हैं. सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं.

कर्नाटक में बीजेपी को मिल रही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से कड़ी चुनौती
कर्नाटक में मंगलवार को जिन 14 सीटों पर मतदान हो रहा है, वहां बीजेपी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन उसे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है. उधर, बीजेपी को उत्तर प्रदेश में भी तीसरे चरण में यादव बहुल इलाके में कड़ी चुनौती मिल रही है. 

महाराष्ट्र में तीसरे चरण में बारामती, माधा, कोल्हापुर और सतारा समेत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के गढ़ में मतदान हो रहा है. राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले बारामती से चुनाव मैदान में हैं. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने अपनी सभी मौजूदा सांसदों को बदल दिया है. पार्टी को प्रदेश में 15 साल बाद पिछले साल सत्ता में वापस आई कांग्रेस से चुनौती मिल रही है. 

मधेपुरा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष
बिहार में इस चरण में जिन क्षेत्रों में चुनाव हो रहा है उनमें से बीजेपी को 2014 में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी और पार्टी इस बार भी इनमें से एक ही सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) तीन सीटों पर और लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, महागठबंधन में शामिल आरजेडी तीन सीटों पर जबकि कांग्रेस और विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही हैं. मुख्य मुकाबला मधेपुरा में है जहां वर्तमान सांसद पप्पू यादव (पिछली बार राजद के टिकट पर) इस बार अपने ही दल जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं और उनके खिलाफ आरजेडी उम्मीदवार शरद यादव चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एनडीए में शामिल जेडीयू के टिकट पर दिनेश चंद्र यादव चुनाव मैदान में हैं. मधेपुरा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष है. 

क्या पुरी में खिलेगा कमल
ओडिशा के पुरी लोकसभा क्षेत्र में भी त्रिकोणीय संघर्ष है जहां तीन प्रमुख दलों के प्रवक्ताओं के बीच लड़ाई है. वर्तमान सांसद और बीजू जनता दल (बीजद) प्रवक्ता पिनाकी मिश्र का मुकाबला बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा से है, जबकि कांग्रेस के मीडिया सेल अध्यक्ष सत्यप्रकाश नायक भी चुनावी मैदान में हैं. असम में चार लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होगा जहां कांग्रेस और ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर बीजेपी के विरोध का लाभ मिलने की उम्मीद है.

केरल में राहुल गांधी वायनाड लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं. प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों में से आठ पर पार्टी ने 2014 में जीत दर्ज की थी और उसके सहयोगियों ने भी कुछ सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी भी केरल में चार सीटों पर जीत की उम्मीद लगा रही है. पश्चिम बंगाल में बहुकोणीय संघर्ष है जहां तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस अपने-अपने दावे ठोंक रहे हैं.

‘‘देश के किसी अन्य हिस्से में पिछले पांच वर्ष में कोई बम विस्फोट नहीं हुआ. हम आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर के केवल ढाई जिलों तक सीमित करने में सफल रहे हैं.’’ मोदी

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नामांकन के पश्चात देश में सियासी तूफान उबल पड़ा है। जिनके आलाकमान जमानत पर बाहर घूम रहे हैं और जो दो- दो जगहों से चुनाव लड़ रहे हैं वह भी साध्वी के चुनाव लड़ने पर तंज़ कस रहे हैं। कहीं प्रवक्ताओं पर जूता फेंका जा रहा है तो कहीं प्रवक्ताओं को डराया धमकाया जा रहा है। ऐसे में अच्छी खबर है की एक – दो घटना के अलावा चुनाव का दूसरा दौर भी शांति से सम्पन्न हुआ। ऐसे में प्रधान मंत्री मोदी अमरौली में अपनी चुनावी सभा को धन्यवाद सभा कह दें तो क्या अचरज है?

अमरेली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर के केवल ‘‘ढाई’’ जिलों तक सीमित करने में कामयाब रही है और देश के किसी अन्य हिस्से में पिछले पांच साल में कोई बम विस्फोट नहीं हुआ. पीएम मोदी ने गुजरात के अमरेली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात में जो कुछ सीखा, उससे उन्हें 2017 में चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के दौरान मदद मिली.

उन्होंने देश में पहले हुए बम विस्फोट के विभिन्न मामलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘देश के किसी अन्य हिस्से में पिछले पांच वर्ष में कोई बम विस्फोट नहीं हुआ. हम आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर के केवल ढाई जिलों तक सीमित करने में सफल रहे हैं.’’

बालाकोट हवाई हमला
बालाकोट हवाई हमले के बाद भारत से संपर्क साधने की कोशिश संबंधी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर मोदी ने कहा कि नेता को ‘‘फोन उठाने के लिए हमसे सार्वजनिक रूप से अनुरोध करना पड़ा.’’

उन्होंने देश में कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि सरदार सरोवर परियोजना 40 वर्ष पहले पूरी हो गई होती तो गुजरात बहुत बेहतर जगह होती. मोदी ने कहा कि कांग्रेस को 2014 में आजादी के बाद सबसे कम सीटों पर जीत मिली और 2019 में वह सबसे कम लोकसभा सीटों के लिए लड़ रही है, लेकिन तब भी वह सत्तारूढ़ पार्टी बनने का ‘‘सपना देख’’ रही है.

उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात में बनी सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का मकसद दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का अनादर करना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए यह कोई चुनावी रैली नहीं है, बल्कि यह मेरे लिए गुजरात के लोगों को धन्यवाद देने की रैली है क्योंकि मैं यहीं निखरा.’’

रेफेरेंड्म 2020 के चरमपंथी संगठनों को नहीं मिली पाकिस्तान स्थित पंजा साहिब में जगह

पाक ने मोदी सरकार के कहने पर रेफरेंडम 2020 अभियान बैन किया खालिस्तान समर्थक गुट का दावा
पुलवामा हमले के बाद बालाकोट के बदले की कार्यवाही से सहमा हुआ पाकिस्तान अब प्रकट रूप से भारत विरोधी गतिविधियों को अपनी धरती पर से होते हुए नहीं दिखाना चाहता। भारत के मौजूदा नेतृत्व के रहते तो वह ऐसा जोखिम नहीं उठाना चाहेगा।

पाक अधिकारियों ने चरमपंथी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ गुट को गुरुद्वारा पंजा साहिब में पोस्टर लगाने से रोका एसएफजे ने पाकिस्तानी सेना और आईएसआई पर उनके अभियान कुचलने का आरोप लगाया

चंडीगढ़. खालिस्तान समर्थक गुट सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने मोदी सरकार के कहने पर उनके अभियान पर बैन लगा दिया। एसएफजे खालिस्तान में जनमत संग्रह की मांग को लेकर ‘रेफरेंडम टीम 2020’ अभियान चला रहा है। एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नुन के मुताबिक, सोमवार को गुट के कार्यकर्ता हसन अब्दल स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब में पोस्टर लगा रहे थे। इसी दौरान अधिकारियों ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें रोक दिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, खालसा सजना दिवस (खालसा पंथ की स्थापना इसी दिन हुई थी)  के 320वें साल पर भारत से हजारों सिख श्रद्धालु पाकिस्तान पहुंच रहे हैं। खालिस्तान के पक्षकार कई कार्यकर्ता भी अपने अभियान को समर्थन देने के लिए अप्रैल के पहले हफ्ते में अमेरिका और यूरोप से पाकिस्तान पहुंचे हैं। हालांकि, जब कार्यकर्ता पंजा साहिब में पोस्टर लगाने लगे तो उन्हें रोक दिया गया। इसके साथ ही रेफरेंडम 2020 के लिए वॉलंटियर्स (स्वयंसेवकों) का रजिस्ट्रेशन भी रोक दिया गया।

मोदी के आगे झुक गए इमरान और बाजवा
पन्नुन ने कहा, “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा खुद को सिख समुदाय के मसीहा के तौर पर दर्शाते हैं। हालांकि, दोनों ने मोदी सरकार के दबाव में झुककर हमारा अभियान बैन कर दिया।“ पन्नुन ने कहा कि भारत की तरफ से युद्ध की धमकियों के बीच उन्होंने पाकिस्तान को समर्थन जारी रखा, लेकिन पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सिख समुदाय के आंदोलन को कुचल दिया। 

क्या है रेफरेंडम 2020?
अलगाववादी सिख संगठन अलग खालिस्तान की मांग को लेकर ‘रेफरेंडम 2020’ (जनमत संग्रह 2020) का प्रचार कर रहे हैं। यह रेफरेंडम लंदन में 12 अगस्त को होना है। अलगाववादी सिख संगठन, मतदान के रेफरेंडम के नतीजों को संयुक्त राष्ट्र के पास लेकर जाने की रणनीति बना रहे हैं। इसके जरिए वह एक अलग देश की मांग को मजबूत करना चाहते हैं।

बीजेपी सरकार राजद्रोह कानून को और अधिक सख्त बनाएगी: राजनाथ सिंह

राहुल गांधी के अपनी पार्टी के घोषणा पत्र में स्पष्ट लिखा है की ‘यदि’ कांग्रेस सत्ता में आती है तो देशद्रोह का कानून हमेशा के लिए समाप्त कर देगी, उनकी यह अनुकंपा देश में टुकड़े गैंंग अलगाव वादी नेता और काश्मीर ही के कुछ युवाओं के लिए है। इसने एक ञ विचार उत्पन्न किया है। लोग अब जानना चाहते हैं की जब कांग्रेस आएगी तो अलग राष्ट्र की मांग जायज होगी? इस घोषणा ने एक चुनावी बहस को उत्पन्न किया है राष्ट्रवाद की बहस को जिसमें राहुल गांधी हमेशा चुप्पी साधे मिलते हैं। वहीं भाजपा इस मामले में मुखरता से अपना पक्ष रखते हुए इस कानून को अधिक असरदार रखने की बात कहती है।

गांधीधाम (गुजरात):  केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर राजद्रोह कानून रद्द करने के उसके वादे को लेकर हमला बोलते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि बीजेपी सरकार राजद्रोह कानून को और अधिक सख्त बनाएगी. राजनाथ सिंह गुजरात में कच्छ जिले के गांधीधाम शहर में एक जनसभा में बोल रहे थे. 

उन्होंने सवाल किया, ‘कांग्रेस कह रही है कि वे राजद्रोह कानून को रद्द कर देंगे. मैं आप सभी से पूछना चाहता हूं, क्या हमें उन देशद्रोहियों को माफ कर देना चाहिए जो हमारे देश की एकता और सामाजिक तानेबाने को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं?’  राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यदि हमारा बस चले तो राष्ट्रद्रोह (कानून) को और कड़ा हम बनाएंगे, ताकी इस प्रोविजंस की याद आते ही लोगों की रूह कांपे… ऐसा कानून बनाएंगे.’ 

राजनाथ ने उमर अब्दुल्ला पर बोला हमला
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर इस क्षेत्र के लिए अलग प्रधानमंत्री की उनकी मांग को लेकर भी हमला किया. राजनाथ सिंह ने कहा,‘मैं इन नेताओं को बताना चाहता हूं कि यदि आप ऐसी मांगें जारी रखते हैं, तो हमारे पास संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. हम ऐसा भारत नहीं चाहते.’

उन्होंने कश्मीर संकट के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी जिम्मेदार ठहराया. सिंह ने कहा,‘यदि पंडित नेहरू ने सरदार वल्लभभाई पटेल को इस मुद्दे को संभालने के लिए पूरी ताकत दी होती, तो हमें उसी समय समाधान मिल गया होता.’

मोदी सरकार के प्रदर्शन पर सिंह ने कहा,‘मैं यह दावा नहीं करना चाहता कि हमने भ्रष्टाचार को पूरी तरह से उखाड़ फेंका है. लेकिन, हमारी सरकार ने उस दिशा में निश्चित रूप से कुछ निर्णायक कदम उठाए हैं.’ राजनाथ सिंह ने दावा किया कि कोई भी पीएम मोदी की प्रतिबद्धता और ईमानदारी पर संदेह नहीं कर सकता.

राजनाथ सिंह ने मनमोहन सिंह पर साधा निशाना
राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि यद्यपि भारत 2007 में उपग्रह-रोधी मिसाइल बनाने में सक्षम था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वैज्ञानिकों को ऐसा करने से रोक दिया था. 

राजनाथ सिंह ने कहा,‘उस समय केवल रूस, चीन और अमेरिका के पास ही यह तकनीक थी. जब वैज्ञानिकों ने मनमोहन सिंह से हरी झंडी के लिए संपर्क किया तो उन्होंने यह कहते हुए उन्हें रोक दिया कि ऐसा कदम उन तीन देशों को नाराज करेगा. लेकिन जब वैज्ञानिकों ने मोदी से संपर्क किया तो उन्होंने आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी. 

गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 23 अप्रैल को होगा.

गुजरात की तर्ज़ पर पन्ना प्रमुखों की हरियाणा में नियुक्ति मोदी मंत्र है: ज्ञान चंद गुप्ता

14 अप्रैल को पंचकूला में होगा पन्ना सम्मेलन
60 वोटर पर होगा एक पन्ना प्रमुख

तारा ठाकुर, पंचकूला12 अप्रैल 2919:

भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में गुजरात की तर्ज पर पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति कर रही है। विधान सभा के हर 60 वोट पर एक पन्ना प्रमुख की नियुक्ति की गई है। जो हर वोटर को पार्टी व सरकार की नितियों को लोगों तक अवगत करवाएगा। इसको लेकर लोकसभा चुनाव के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में पन्ना प्रमुखों सम्मेलन करवाये जा रहे हैं। पंचकूला के विधायक व सरकार में मुख्य सचेतक ज्ञान चंद गुप्ता ने इस बारे पंचकूला सैक्टर 2 में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि 14 अप्रैल को पंचकूला में पन्ना सम्मेलन होगा। यह सम्मेलन ज्ञानेन्द्र गुरूकुल के कांफेंस हाल में होगा। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री अनील विज मुख्य अतिथि, लोकसभा प्रभारी चेयरमैन जगदीश चौपड़ा व लोकसभा प्रत्याशी रतन लाल कटारिया उपस्थित होंगे। ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में पन्ना प्रमुखों सम्मेलन करवाये जा रहे हैं।

हरियाणा प्रदेश में पहली बार गुजरात की तर्ज पर पन्ना प्रमुखों की रचना की गई है। हर पन्ना प्रमुख का कार्य उसके एरिया के वोटर को घर से पोलिंग स्टेशन तक ले जाकर वोट डलवाने का कार्य करना होगा। जिसके कारण कोई भी वोटर वोट से वंचित नही होगा। पंचकूला में 197 बुथों पर सभी की नियुक्ति कर दी गई है। ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि अम्बाला लोकसभा सीट प्रत्याशी रतन लाल कटारिया लगथग 5 लाख वोटों से भी अधिक वोटों से जितेगें। प्रदेश की सभी 10 लोकसभा भाजपा जितेगी। प्रधानपंत्री नरेन्द्र मोदी की पूरें देश में सुनामी चल रही है। गुप्ता ने बताया कि उन्हें अम्बाला लोकसभा चुनाव का संयोजक बनाया गया है। प्रदेश भाजपा कार्यालय के मिडिया प्रभारी विरेंन्द्र गर्ग को अम्बाला लोकसभा क्षेत्र का मीडिया प्रभारी बनाया गया है। अस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष दिपक शर्मा, हरेन्द्र मलिक व विरेंन्द्र गर्ग उपस्थित थे।

पन्ना प्रमुख-सबसे प्रमुख

पन्ना प्रमुख सबसे छोटी इकाई सैल है। एक पन्ने में 60 वोट होते हैं जो लगभग 15 से 20 परिवार ही हो सकते है। प्रत्येक बूथ में एक कार्यकर्ता को 60 वोटरों का एक पन्ना दिया गया है। पन्ने का कार्य प्रत्येक घर के वोटों की गिनती करके उनका सत्यापन करना है।
जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि कालका विधानसभा का पन्ना प्रमुख सम्मेलन भी रविवार दिनांक 14 अप्रैल 2019 को दोपहर दो बजे केके फॉर्म पिंजौर में होना तय हुआ है।

गुजरात में लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस को दोहरा झटका

एक ही दिन में कांग्रेस को गुजरात से दूसरा झटका लगा है। आज पहले तो अलपेश ठकोर ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया तट पश्चात ठकोर समुदाय के ही 2 विधायकों ने कांग्रेस का हाथ झटक दिया, पिछले 3 माह में कांग्रेस का हाथ झटकने वाले विधायकों कि संख्या अब 8 हो गयी है। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि यह तीनों भी भाजपा का कमल थामेंगे।

अहमदाबाद: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका गुजरात से लगा है. पार्टी के विधायक लगातार उसका साथ छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में अल्पेश ठाकोर ने भी इस्तीफा दे दिया है. अल्पेश ठाकोर के साथ ठाकोर समुदाय के दो अन्य विधायकों ने भी कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है. ये विधायक हैं: धवल सिंह ठाकोर और विधायक भरत जी ठाकोर. तीनों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. 

पिछले महीने इन्हीं तीनों विधायकों ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से भेंटकर हलचल बढ़ा दी थी. हालांकि अल्पेश ने इसे केवल औपचारिक भेंट बताया था. बाद में वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले थी और सब कुछ ठीक होने का दावा किया था. तीनों के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. 

पाटन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना थे अल्पेश
अल्पेश ठाकोर पाटन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी. कांग्रेस ने उनके बजाय पूर्व सांसद जगदीश ठाकोर को टिकट दे दिया. इसी बीच, एक अन्य घटनाक्रम में असंतोष को और बढ़ाया. साबरकांठा लोकसभा सीट से ठाकोर सेना ने संगठन के एक सदस्य को टिकट देने की मांग की, कांग्रेस की लेकिन उसे भी नजरअंदाज कर दिया. इसके बाद ठाकोर सेना ने कांग्रेस से ही किनारा करने का मन बना लिया. 

पिछले 24 घंटे में बदले हालात 
गुजरात क्षत्रीय ठाकोर सेना ने अल्पेश को कांग्रेस से इस्तीफा देने और 24 घंटे के भीतर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा था. ठाकोर सेना की कोर कमेटी की बैठक मंगलवार को हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया था. ठाकोर सेना ने साफ अल्टीमेटम देते हुए अगर वह हमारे साथ रहना चाहते हैं तो उन्हें पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा देना होगा. गुजरात में एक प्रमुख ओबीसी नेता के रूप में उभरने के बाद वह 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुये और पाटन जिले में राधानपुर सीट से चुनाव जीते थे. ओबीसी नेता ने दावा किया उनका समुदाय और समर्थक ‘ठगा’ हुआ और ‘उपेक्षित’ महसूस कर रहे हैं.

पिछले तीन माह में 8 विधायकों ने छोड़ी पार्टी
गुजरात में पिछले तीन माह में 8 विधायक कांग्रेस का दामन छोड़ चुके हैं. फरवरी में उंझा से पहली बार विधायक बनीं आशा पटेल ने सदन और कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देकर सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गई थीं. वरिष्ठ नेता जवाहर चावड़ा गुजरात विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. जामनगर (ग्रामीण) से विधायक वल्लभ धारविया, ध्रांगध्रा-हलवद सीट से विधायक पुरुषोत्तम साबरिया भी कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं. 

‘हमसाये माँ जाये’ दोनों मुल्कों के आम लोगों की दास्तान

भारत और पाकिस्तान के तल्ख होते रिश्तों को कम करने के लिए वक्त वक्त पर शायर कलाकार लेखक और आम जन भी कुछ न कुछ करते रहते हैं कभी उनकी नेक कोशिशें कुछ रंग लातीं हैं तो कभी उम्मीद ही जगतीं हैं। इसी कड़ी में नीलम अहमद बशीर ने एक नज़्म को लिखा जिसे उसकी बहिनों ने पर्दे पर उकेरा, दो आम घरेलू औरतें किस प्रकार अपने मुल्क और आपसी भाई चारे का उल्लास मानतीं हैं और अंत एन अपनी चुनरी बंटा लेतीं हैं का बहुत ही प्रभाव शाली दृश्य स्थापित किया है। इस वीडियो में आसमा अब्बास और बुशरा अंसारी ने परफॉर्म किया है

नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते और ज्यादा कड़वे हो गए हैं. स्थिति युद्ध तक की आ गई थी. भारत ने बदला लेने के लिए एयर स्ट्राइक किया तो पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई में F-16 को भेजा जिसे एयरफोर्स ने मार गिराया. माहौल चुनावी है तो यह मुद्दा गरमाया हुआ है. राजनेता पाकिस्तान के खिलाफ आग उगल रहे हैं. ऐसे माहौल में जब हर कोई पाकिस्तान को नेस्त नाबूत करने की बात कर रहा है, एक रैप   बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इस रैप के पाकिस्तानी कलाकारों ने तैयार किया है. रैप के जरिए पाकिस्तानी कलाकारों ने दोनों मुल्क के लोगों से शांति की अपील की है.

इस रैप को बुशरा अंसारी जो एक पाकिस्तानी एक्ट्रेस और सिंगर ने अपने आधिकारिक यूट्यूब अकाउंट पर पोस्ट किया है. इस वीडियो को 3 अप्रैल को पोस्ट किया गया है, जिसे अब तक करीब 13 लाख लोग देख चुके हैं. इस रैप का टाइटल है,  “Humsaye maa jaye”. पाकिस्तानी मीडिया ‘Dawn’ के मुताबिक इस वीडियो में आसमा अब्बास और बुशरा अंसारी ने परफॉर्म किया है. नीलम अहमद बशीर ने रैप लिखा है.

वीडियो में आप देख सकते हैं कि बुशरा अंसारी ने भारतीय और आसमा ने पाकिस्तानी का रोल प्ले किया है. रैप के जरिए वे बताते हैं कि भारत और पाकिस्तान में कुछ भी अलग नहीं है. सबकुछ तो एक जैसा ही है, इसके बावजूद टेंशन क्यों है.

बुशरा अंसारी ने भारतीय और आसमा ने पाकिस्तानी किरदार में

वीडियो के जरिए संदेश दिया गया है कि कोई भी आम हिंदुस्तानी और पाकिस्तानी जंग नहीं चाहता है. वे शांति चाहते हैं. जो कुछ हो रहा है वह राजनीति से प्रेरित है. पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से बुशरा अंसारी ने कहा कि इस वीडियो को सरहद के इस पार और उस पार, दोनों तरफ पसंद किया जा रहा है. मेरा इनबॉक्स शुभकामनाओं और संदेश से भरा हुआ है. 

अलपेश ठकोर ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा

पाटन जिले में राधानपुर से विधायक, मोदी के कट्टर विरोधी होने के चलते कांग्रेस के प्रिय अलपेश ठकोर ने आज अपनी मांगें न मानी जाने के कारण कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया

अहमदाबाद:

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगा है. अल्पेश ठाकोर ने इस्तीफा दे दिया है. बताया जाता है कि वह पाटन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने उनके बजाय पूर्व सांसद जगदीश ठाकोर को तवज्जो दी. पार्टी ने साबरकांठा लोकसभा सीट से संगठन के एक सदस्य को टिकट देने की ठाकोर सेना की मांग को भी नजरअंदाज कर दिया. गुजरात क्षत्रीय ठाकोर सेना ने उनके कांग्रेस छोड़ने को कहा था. 

गुजरात क्षत्रीय ठाकोर सेना ने दिया था अल्टीमेटम
अल्पेश ठाकोर द्वारा गठित एक संगठन गुजरात क्षत्रीय ठाकोर सेना ने विधायक से पार्टी से इस्तीफा देने और 24 घंटे के भीतर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा था. ठाकोर स्थानीय पार्टी नेतृत्व से नाखुश थे. मंगलवार देर रात तक ठाकोर सेना की कोर समिति की बैठक हुई जिसमें ठाकोर सेना ने कांग्रेस से नाता तोड़ने का प्रस्ताव पारित किया. इतना ही नहीं कोर कमेटी ने अल्टीमेटम देते हुए कहा था अगर अल्पेश अभी भी कांग्रेस में रहना चाहते हैं तो उन्हें ठाकोर सेना छोड़नी होगी.” अल्पेश ने अपनी कोर कमेटी की सलाह पर कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है. 

गुजरात में एक प्रमुख ओबीसी नेता के रूप में उभरने के बाद वह 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए और पाटन जिले में राधानपुर सीट से चुनाव जीते थे. ओबीसी नेता ने दावा किया उनका समुदाय और समर्थक ‘ठगा’ हुआ और ‘उपेक्षित’ महसूस कर रहे हैं.

मोदी ने आडवाणी को जूता मार कर स्टेज से उतार दिया: राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म में गुरु का काफी महत्व है. गुरु शिष्य का रिश्ता बेहद महत्वपूर्ण है. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने गुरु लालकृष्ण आडवाणी को जूता मारकर स्टेज से उतार दिया.

चंद्रपुर :

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं. राहुल अपनी रैलियों में बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले बोल रहे हैं. शुक्रवार को चंद्रपुर की रैली में राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर लालकृष्ण आडवाणी का अपमान करने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने गुरु लालकृष्ण आडवाणी को जूता मारकर स्टेज से उतार दिया. 

राहुल गांधी ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी पीएम मोदी के गुरु हैं लेकिन यह शिष्य अपने गुरु के सामने हाथ तक जोड़कर नहीं जाता. यह शिष्य अपने गुरु को स्टेज से नीचे उतार देता है.  राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म में गुरु का काफी महत्व है. गुरु शिष्य का रिश्ता बेहद महत्वपूर्ण है. 

पीएम मोदी ने किए झूठे वादे

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर के चांदा क्लब में राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा को संबोधित किया. राहुल गांधी ने कहा कि हर खाते में 15 लाख रुपए जमा करवाने का पीएम मोदी का वादा झूठा था. 

मेरा किया वादा सच्चा है

उन्होंने दावा किया कि उनका गरीबों को हर साल 72 हजार रुपए और पांच साल में 3.60 लाख रुपए देने का वादा सच्चा है. राहुल गांधी ने कहा कि जिनकी आमदनी 12 हजार रुपए से कम है उन्हे ये मदद  दी जाएगी.

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल के दोरान पीएम मोदी ने 15 लोगों को लाखों करोड़ों रुपए दिए हैं. पीएम मोदी कहते हैं कि वे चौकीदार हैं लेकिन इन्होंने सिर्फ पैसेवालों की चौकीदारी की है. 

आडवाणी के ब्लॉग की 5 बातें और मोदी का ट्वीट

नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी के स्थापना दिवस (6 अप्रैल) के मौके पर गुरुवार को ब्लॉग लिखा है। इसी के साथ पूरे देश में इस ब्लॉग की चर्चाएं शुरू हो गईं हैं, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनके ब्लॉग पर प्रतिक्रिया दी है। आइए हम बताते हैं उन्होंने अपने ब्लॉग में वो कौन सी 5 महत्वपूर्ण बातें लिखीं हैं जो चर्चा का केंद्र बन गईं हैं: 

आडवाणी के भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम 5 संदेश

  1. राष्ट्रवाद के भाजपा सिद्धांत में हमने कभी ऐसे लोगों को राष्ट्रविरोधी नहीं कहा, जो हमसे राजनीतिक मतभेद रखते थे। पार्टी निजी और राजनीतिक स्तर पर हमेशा हर नागरिक के चुनाव की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध रही। 
  2. पार्टी के भीतर और राष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की सुरक्षा भाजपा की गौरवपूर्ण विशिष्टता रही है।
  3. भाजपा हमेशा से ही सभी लोकतांत्रिक संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता, निष्पक्षता और मजबूती के लिए आवाज उठाने में सबसे आगे रही है।
  4. यह सच है कि चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होते हैं लेकिन, यह भारतीय लोकतंत्र के सभी भागीदारों के लिए ईमानदारी से आत्मावलोकन का अवसर भी हैं।
  5. 6 अप्रैल को भाजपा अपने स्थापना दिवस का उत्सव मनाएगी। यह हम सभी के लिए अतीत और भविष्य में देखने के साथ-साथ अपने भीतर झांकने का महत्वपूर्ण अवसर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया

आडवाणी के ब्लॉग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “आडवाणीजी ने सही अर्थों में भाजपा का मतलब बताया। भाजपा का मूल मंत्र पहले राष्ट्र, फिर पार्टी और अंत में खुद। भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते मुझे अपने ऊपर गर्व है। मुझे गर्व है कि आडवाणीजी जैसे महान लोगों ने इसे मजबूत किया।