ऐश्वर्या यादव के लिए राजनीति में आसान नहीं हैं राहें

क्या ऐश्वर्या राय अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगी? क्या ऐश्वर्या राय का बिहार के छपरा (सारण) सीट से 2019 में चुनाव लड़ने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा? सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल ऐसा ही लग रहा है. आरजेडी सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव की बहू और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय का अगला लोकसभा चुनाव लड़ना संभव नहीं हो सकता, क्योंकि कानूनी तौर पर उनकी उम्र अभी चुनाव लड़ने की नहीं हुई है.

लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की उम्र 25 साल होना जरूरी है. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, ऐश्वर्या की उम्र अभी 23 साल है. अगले साल 10 फरवरी को उनकी उम्र 24 साल ही हो पाएगी. विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, ऐश्वर्या राय की मैट्रिक के सर्टिफिकेट के मुताबिक, जन्म तिथि 10 फरवरी 1995 है. ऐसे में वो 10 फरवरी 2020 को 25 साल की हो रही हैं. लिहाजा उसके पहले उनके लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ना संभव ही नहीं है.

हालांकि राजनीतिक गलियारों में पिछले कई महीनों से उनके सारण (छपरा) लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर कयास लगाए जाते रहे हैं. लेकिन, फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

दरअसल, लालू परिवार के भीतर पहले से ही सत्ता संघर्ष चल रहा है. परिवार में तीन ध्रुव बन गए हैं. लालू यादव के दोनों बेटों और बेटी मीसा भारती का. लालू यादव ने पहले ही अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को अपना राजनीतिक वारिस घोषित कर दिया है. पहले नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम और फिर सरकार से बाहर होने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाकर तेजस्वी को लालू ने आगे कर दिया है. आरजेडी कार्यकर्ताओं और नेताओं के भीतर भी यह संदेश दे दिया गया है कि अगला चुनाव जीतने की सूरत में मुख्यमंत्री की कुर्सी तेजस्वी को ही मिलेगी.

लेकिन, दूसरी तरफ, लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव रह-रह कर अपनी नाराजगी का अपने ढंग से इजहार करते रहते हैं. तेजस्वी को अर्जुन और अपने-आप को कृष्ण (अर्जुन का सारथी) बताने वाले तेजप्रताप कभी-कभी पार्टी के भीतर अपनी उपेक्षा से नाराज हो जाते हैं. हकीकत तो यही है कि खुद लालू यादव भी पहले तेजप्रताप को राजनीति में नहीं उतारना चाहते थे. लेकिन, बाद में परिवार के भीतर दबाव के बाद उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त उन्हें मैदान में उतार दिया था. तेजप्रताप यादव नीतीश सरकार में मंत्री भी बने थे. फिलहाल विधायक हैं.

लेकिन, अब तेजप्रताप यादव की शादी भूतपूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय के परिवार में होने के बाद उनकी भी राजनीतिक हसरतें बढ़ने लगी हैं. खुद के बजाए उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय की राजनीतिक एंट्री की संभावना के चलते परिवार के भीतर सत्ता संघर्ष बढ़ने लगा है.

हालांकि सूत्र यह भी बता रहे हैं कि आरजेडी विधायक और ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय भी लालू यादव की बदौलत अब अपने-आप को राजनीति में जिंदा रखने की कोशिश में हैं. वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेल्लारी का भी मानना है कि ‘चंद्रिका राय ने खुद को राजनीति में अब स्थायी तौर पर स्थापित कर लिया है.’ उनका कहना है कि ‘अपनी बेटी ऐश्वर्या राय में चंद्रिका राय बहुत संभावना देख रहे हैं.’

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बहू ऐश्वर्या राय को लेकर सियासी चर्चा काफी पहले से ही हो रही है. इसी साल 12 मई को लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की ऐश्वर्या राय से शादी हुई है. शादी के बाद से ही उनके चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा हो रही है. आरजेडी नेता भी दबी जुबान से ही स्वीकार करते हैं कि ऐश्वर्या की राजनीति में एंट्री तो होगी ही.

ऐश्वर्या राय बिहार के सारण जिले के परसा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चंद्रिका राय की बेटी हैं. जबकि दादा दारोगा राय बिहार के मुख्यमंत्री भी थे. राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली ऐश्वर्या की शादी भी बिहार के दूसरे राजनीतिक परिवार में हुई तो अटकलों का बाजर गर्म हो गया था. आरजेडी के कई पोस्टर में उनकी तस्वीरों के सामने आने के बाद तो करीब-करीब साफ हो गया कि आज नहीं तो कल ऐश्वर्या राजनीति के मैदान में कदम तो रखेंगी ही.

लेकिन, ये 2019 में मुमकिन होता नहीं दिख रहा है. हालांकि इस सवाल पर आरजेडी के विधायक और ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं. फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत के दौरान चंद्रिका राय ने कहा कि ‘चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने को लेकर फैसला तो राष्ट्रीय अध्यक्ष (लालू यादव ) को करना है.’ लेकिन, उम्र के सवाल पर उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

कहा यह भी जा रहा है कि लालू यादव के बड़े बेटे और चंद्रिका राय के दामाद तेजप्रताप यादव को ‘गाइडेंस’ चंद्रिका राय की तरफ से भी मिल रहा है. सूत्रों के मुताबिक, तेजप्रताप यादव की चंद्रिका राय के यहां आना-जाना और राजनीतिक सलाह लेना खूब हो रहा है. परिवार के भीतर तेजप्रताप की राजनीतिक महत्वाकांक्षा का बढ़ना और पत्नी ऐश्वर्या की राजनीति में आने की कोशिश के चलते परिवार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.

इसके अलावा बेटी मीसा भारती फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं. लेकिन, उनका भी मन दिल्ली से ज्यादा बिहार की सियासत में ही ज्यादा लगता है. लालू-राबड़ी संतान में सबसे बड़ी होने के चलते उन्हें भी विरासत पर हक ज्यादा बड़ा दिखता है.

लालू यादव को इस बात का एहसास है. सूत्रों के मुताबिक, तभी तो लालू फिलहाल जेल जाने से पहले भी परिवार के भीतर शांति का पाठ पढ़ा कर गए हैं. लेकिन, परिवार के भीतर महत्वाकांक्षा पर लालू का शांति-संदेश कितना कारगर होगा, इसको लेकर अभी प्रश्न-चिन्ह है. फिलहाल लालू परिवार की बड़ी बहू की राजनीतिक हसरत 2019 तक दबी-दबी सी दिख रही है. लेकिन, अगले विधानसभा चुनाव तक चुनाव लड़ने की उम्र होने पर लालू परिवार के भीतर सियासत के नए रंग-रूप देखने को मिल सकते हैं.

आपकी जाति को जिन राज्यों में SC/ST का दर्जा है, वहीं मिलेगा आरक्षण: SC


जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसले में कहा कि किसी एक राज्य में एससी के किसी सदस्य को दूसरे राज्यों में भी एससी का सदस्य नहीं माना जा सकता


 

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि एक राज्य के अनुसूचित जाति (एससी) और जनजाति (एसटी) समुदाय के सदस्य दूसरे राज्यों में सरकारी नौकरी में आरक्षण के लाभ का दावा नहीं कर सकते यदि उनकी जाति वहां एससी-एसटी के रूप में अधिसूचित (नोटिफाइड) नहीं है.

जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति के फैसले में कहा कि किसी एक राज्य में अनुसूचित जाति के किसी सदस्य को दूसरे राज्यों में भी अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जा सकता जहां वह रोजगार या शिक्षा के इरादे से गया है.

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस एम शांतानागौडर और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. संविधान पीठ ने कहा, ‘एक राज्य में अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित व्यक्ति एक राज्य में अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित होने के आधार पर दूसरे राज्य में इसी दर्जे का दावा नहीं कर सकता.’

दिल्ली में लागू होगी केंद्रीय आरक्षण नीति

जस्टिस भानुमति ने हालांकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एससी-एसटी के बारे में केंद्रीय आरक्षण नीति लागू होने के संबंध में बहुमत के दृष्टिकोण से असहमति व्यक्त की. पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि जहां तक दिल्ली का संबंध है तो एससी-एसटी के बारे में केंद्रीय आरक्षण नीति यहां लागू होगी.

संविधान पीठ ने यह व्यवस्था उन याचिकाओं पर दी जिनमें यह सवाल उठाया गया था कि क्या एक राज्य में एससी-एसटी के रूप में अधिसूचित व्यक्ति दूसरे राज्य में आरक्षण प्राप्त कर सकता है जहां उसकी जाति को एससी-एसटी के रूप में नोटिफाइड नहीं किया गया है. पीठ ने इस सवाल पर भी विचार किया कि क्या दूसरे राज्य के एससी-एसटी सदस्य दिल्ली में नौकरी के लिए आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

Manoj Bajpayee unveils Hindi version of Neeraj Pandey’s Ghalib Danger

 

Filmmaker Neeraj Pandey, who also wrote the much-loved novel, Ghalib Danger, has come out with a Hindi translation of his book. Actor Manoj Bajpayee, who has collaborated with the director in several films, launched the book in Delhi on 30 August.

Owing to the positive response garnered by its English version, which was released in 2013, Neeraj Pandey decided to treat the audience with the Hindi version. Talking about his decision to translate the book in Hindi, the Aiyaary director said, “The English version has reached a large audience and I wanted the book to be read by the Hindi readers too.”

During the book launch held at the Constitution Club, Delhi, Manoj Bajpayee, who said he was overwhelmed to do the honours, read out a part of his favourite chapter from the novel for the audience.

At the event, Neeraj Pandey was asked if he ever produced a film on his book, would he cast Manoj for either of the main characters—Kamran Ali and Mirza. To this, the director replied in the affirmative. He said if he decided to make a film on Ghalib Danger, he would surely want Manoj to be a part of it.

“I am a greedy actor, I want to play both the characters, Kamran and Mirza,” Manoj Bajpayee quipped.

Earlier, Neeraj took to Twitter to share his excitement about the book launch. “Excited to embark on a new journey with the love and support from my dear friends #NaseeruddinShah and @AnupamPKher! #GhalibDanger,” he wrote.

The Gali Guliyaan actor too shared a sneak peek of the book on Twitter and wrote, “Here comes the Hindi translation of GHALIB DANGER written by my friend my favourite person and director NEERAJ PANDEY @neerajpofficial book will be out on 30th August.”

Ghalib Danger, which Pandey says isn’t inspired by any real-life event, narrates the story of a Mumbai-based young taxi driver, Kamran Ali. He dreams to make it big in the city but Kamran’s life takes a turn after he saves the life of an underworld don, Mirza. This crucial incident changes the course of his life and paves his path into the mafia world. Kamran, eventually, dethrones Mirza but one of his philosophy stays in his mind, that is, Ghalib’s poetry can solve any problem. Hence, his notorious deeds and fondness for Ghalib’s poetry earned him the name, Ghalib Danger.

On the film front, Neeraj Pandey is gearing up for his next project Chanakya, starring Ajay Devgn, which is slated to release in 2019. On the other hand, Manoj Bajpayee has begun the promotions of his upcoming psychological thriller, Gali Guliyaan. The actor will also feature in Love Sonia, a film based on human trafficking. The film has already won the award in the category of Best Indie Film at the Indian Film Festival of Melbourne.

India committed to boosting BIMSTEC connectivity: PM Modi

Neighbourly ties: PM Modi greeting Sri Lankan President Maithripala Sirisena at the BIMSTEC summit on Thursday. Nepal PM Khadga Prasad Sharma Oli is also present.


‘The region is a meeting point for India’s Neighbourhood First, Act East policies’


Making a strong pitch for enhanced regional connectivity, Prime Minister Narendra Modi said on Thursday that India was committed to working with the BIMSTEC member states  in the critical sector and to combating the menace of terrorism and drug trafficking.

“I believe that there is a big opportunity for connectivity — trade connectivity, economic connectivity, transport connectivity, digital connectivity, and people-to-people connectivity,” Mr. Modi said, addressing the inaugural session of the fourth BIMSTEC summit here.

The Prime Minister said the region had become a meeting point for India’s ‘Neighbourhood First’ and ‘Act East’ policies. “India is committed to working with the BIMSTEC member states to enhance regional connectivity,” he said.

The BIMSTEC is a regional grouping, comprising India, Bangladesh, Myanmar, Sri Lanka, Thailand, Bhutan and Nepal.

“There is no country in the region which has not suffered from terrorism and transnational crimes, such as drug trafficking linked to networks of terrorism,” Mr. Modi told the summit, which was inaugurated by Nepal Prime Minister Khadga Prasad Sharma Oli.

‘No substitute’

Addressing the summit, Mr. Oli said the BIMSTEC was not a substitute to the SAARC, and the two organisations could complement each other. He underlined the need for implementing the BIMSTEC poverty plan as well as the Millennium Development Goals for the benefit of the member states. He stressed the need for deeper economic integration and collaboration among the members for speedy development of the region.

Addressing the summit, Prime Minister Narendra Modi said the BIMSTEC member states, situated between the Himalayas and the Bay of Bengal, face frequent natural disasters such as flood, cyclone and earthquake, and called for “cooperation and coordination” among them in humanitarian assistance and disaster relief efforts.

“As no single country can move alone for attaining peace, prosperity and development, we need to collaborate and cooperate with each other in this interconnected world,” he said.

For research on art, culture and other subjects in the Bay of Bengal, India would set up a Centre for Bay of Bengal Studies at the Nalanda University, he said.

Prime Minister Modi said India will host the International Buddhist Conclave in August 2020 and invited all BIMSTEC leaders to attend the event as guests of honour.

He also said India was committed to enhance its national knowledge network in the field of digital connectivity in Sri Lanka, Bangladesh, Bhutan and Nepal. India also plans to extend it to Myanmar and Thailand. Mr. Modi hoped that the BIMSTEC member states will attend the India Mobile Congress in New Delhi scheduled for October.

Demonetisation reduced cash transactions, says Niti Aayog VC

 

New Delhi, Aug 30:

A day after the RBI said that 99.3 per cent of the demonetised currency has returned to the banks, NITI Aayog Vice Chairman Rajiv Kumar on Thursday said the objective of the note ban exercise was not to have a large number of unreturned Rs 500 and 1,000 notes but to encourage digital payments and reduce cash transactions.

“Who said the aim of demonetisation was to get back less money? Demonetisation has impacted the markets and market psychology,” Kumar said.

“How many cash transactions used to take place before demonetisation, and what is the position now?” he said.

The government has maintained that the physical currency in the system at present is much less than what it would have been if demonetisation had not taken place.

Economic Affairs Secretary Subhash Chandra Garg had said on Wednesday that had the physical currency grown at the same rate at which it was growing before demonetisation, there would have been some three to four lakh crore rupees more in the system at present.

The RBI’s annual report 2017-18 said that on completion of the process of verification of the scrapped Rs 500 and Rs 1,000 notes, it was found that the total value of the demonetised currency returned to the banks stood at Rs 15.3 lakh crore, which amounted to 99.3 per cent of the Rs 15.4 lakh crore worth of such notes in circulation on November 8, 2016.

Rupee hits fresh record low of 70.82 on Thursday against US dollar


The government will announce GDP data for April-June quarter later today. India likely grew 7.6% during the quarter, says a Reuters poll.


The rupee fall continued today, with the Indian currency breaching the 71 mark against the US dollar. The rupee had closed at 70.74 on Thursday. Sensex and Nifty are poised for a weak start with Singapore-traded SGX Nifty trading 20 points lower at 11,715. The government will announce GDP data for April-June quarter later today. India likely grew 7.6% during the quarter, propelled in part by an improvement in manufacturing and exports, a Reuters poll showed. Asian shares were under pressure today after reports US President Donald Trump was preparing to step up a trade war with Beijing and ready to impose more tariffs on Chinese imports. MSCI’s broadest index of Asia-Pacific shares outside Japan dropped 0.2% in early trade while Japan’s Nikkei dropped 0.8%.

Sensex and Nifty ended marginally lower on Thursday, as gains in consumer and healthcare were offset by losses in financial stocks, in volatile trade due to expiry of derivatives contracts at the end of the session. The benchmark BSE Sensex closed down 0.08% at 38,690.10, while the broader NSE Nifty ended 0.13% lower at 11,676.

Commodity corner: London copper prices fell in early Asian trade on Friday, weighed down by reports the United States is ready to impose tariffs on $200 billion more of Chinese goods as soon as the end of next week, even as growth in China’s manufacturing sector beat expectations. London Metal Exchange copper has traded lower for three straight sessions and is on course for a monthly drop of 4.2% in August, after a 4.9% plunge in July, amid fears the trade spat will crimp demand for industrial metals.

Asian markets struggle today

Asia markets were lower in morning trade on Friday as Wall Street ended its four-day winning streak in the last session, following a report that U.S. President Donald Trump voiced his support for moving forward with more proposed tariffs.

US markets end lower

US stocks snapped a four-day winning streak on Thursday after a report said President Donald Trump would support moving ahead with additional tariffs on Chinese imports as early as next week.

RBI approves re-appointment of Rana Kapoor as Yes Bank CEO

Yes bank said that Reserve Bank of India (RBI) has approved the re-appointment of managing director and chief executive officer Rana Kapoor till further notice. Kapoor’s tenure was supposed to end on 1 September.

Fortis Healthcare CFO Gagandeep Singh Bedi resigns

Fortis Healthcare said that its Chief Financial Officer, Gagandeep Singh Bedi has resigned due to personal reasons.

Voluntary recall doesn’t imply hip implant was faulty, says J&J

Johnson and Johnson(J&J)Pvt. Ltd said the voluntary recall of its controversial hip implant does not mean it is faulty. Read more

Lodha Developers likely to reduce size of its IPO

Realty firm Lodha Develpors Ltd is likely to reduce the size of its initial public offering (IPO) following lukewarm interest from investors.

DoT seeks ₹ 1,626 crore for clearing Airtel-Tikona merger

The department of telecommunications (DoT) has in a letter dated 17 August asked Bharti Airtel Ltd. to pay cash and through a bank guarantee a total of ₹ 1,626.89 crore to clear its merger with Bharti Digital Networks (formerly known as Tikona Digital Networks).

Govt set to approve ₹ 5,000 crore UTI AMC IPO

T. Rowe Price, the largest shareholder of UTI Asset Management Co. (UTI AMC), called a truce with the government and the markets regulator after the finance ministry agreed to issue a no-objection (NOC) letter for UTI AMC’s initial share sale, and direct state-run financial institutions to cut their stakes in the local asset manager.

Rupee hits fresh record low of 70.82 on Thursday against US dollar

The Indian rupee weakened to new all time lows against the US dollar, tracking losses from Asian currency market.

जेल जाने से पहले लालू यादव को राहुल गांधी का वो अध्यादेश फाड़ना याद आ रहा होगा


रांची में सीबीआई की विशेष अदालत में सरेंडर करने जाने से पहले आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल पर भी बोला.


रांची में सीबीआई की विशेष अदालत में सरेंडर करने जाने से पहले आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल पर भी बोला. पिछले 110 दिनों से जेल से बाहर रह कर इलाज करा रहे लालू यादव ने अबतक चुप्पी साध रखी थी. मीडिया से दूर थे. लेकिन, जेल जाने से पहले अगले लोकसभा चुनाव में विपक्षी तालमेल और एकजुटता की संभावनाओं पर खुलकर बात की.

2019 में विपक्षी दलों के महागठबंधन के मसले पर लालू यादव ने कहा कि विपक्ष इस वक्त एक मंच पर है, कहीं किसी तरह का कोई ईगो नहीं है. लालू ने साफ कर दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बीएसपी अध्यक्ष मायावती समेत सभी नेता मिलकर विपक्षी एकता के मुद्दे पर चर्चा कर लेंगे और सबकुछ ठीक-ठाक हो जाएगा.

दरअसल, विपक्षी एकता की जब भी चर्चा होती है तो उसके केंद्र में प्रधानमंत्री पद का मुद्दा सबसे पहले आ जाता है. सवाल यही उठता है कि मोदी को पटखनी देने के नाम पर सभी विपक्षी दल एक साथ होने की बात तो करते हैं लेकिन, चेहरा कौन होगा इस नाम पर सभी कन्नी काट जाते हैं. हकीकत यही है कि इस मुद्दे पर एक राय है ही नहीं.

लालू यादव का बयान भी उसी संदर्भ में देखा जा रहा है. चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू तो खुद तो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, ऐसे में उनके सपने देखने का तो कोई सवाल ही नहीं है. लेकिन, खुलकर लालू भी मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के युवा मुखिया राहुल गांधी के नाम पर हामी नहीं भर रहे हैं. शायद जेल जाने से पहले लालू यादव को राहुल गांधी का वो अध्यादेश फाड़ना याद आ रहा होगा, जिसमें सजायाफ्ता होने के बाद लालू को राहत नहीं मिल सकी थी.

कई मौकों पर लालू यादव से राहुल गांधी दूरी बनाते भी नजर आए हैं. लेकिन, राहुल गांधी के साथ लालू यादव के वारिस उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव की जुगलबंदी के बावजूद न ही लालू और न ही तेजस्वी ने राहुल गांधी के नाम पर हामी भरी है.

तेजस्वी यादव ने भी कई मौकों पर यह हिदायत दी है कि कांग्रेस को बिहार और यूपी जैसे राज्यों में अपने सहयोगियों के लिए त्याग करना होगा. दरअसल, बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस ने मिलकर महागठबंधऩ बनाया था. इसका फायदा भी हुआ. बीजेपी की हार हुई थी. फायदा कांग्रेस को भी हुआ था. अब नीतीश कुमार के महागठबंधन से बाहर जाने के बाद कांग्रेस चुनाव में अपनी ज्यादा हिस्सेदारी की मांग कर रही है.

कांग्रेस की तरफ से लोकसभा की 40 सीटों में से 12 सीटों की मांग की जा रही है. कांग्रेस को लगता है कि जेल जाने के बाद लालू की गैर हाजिरी में अब आरजेडी से सौदेबाजी करना ज्यादा आसान होगा. लेकिन, आरजेडी इस बात को समझ रही है. तेजस्वी यादव ने पहले ही आरजेडी के खेमे में जीतनराम मांझी को शामिल कर लिया है. चर्चा उपेंद्र कुशवाहा को लेकर भी है. लिहाजा राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस से बिहार में त्याग करने की बात तेजस्वी की तरफ से की गई थी.

आरजेडी इस बात को समझती है कि कांग्रेस के मुकाबले अगर क्षेत्रीय दलों की तरफ से गठबंधऩ का नेतृत्व किया जाता है तो उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी ज्यादा मिलेगी. हकीकत यह भी है कि बिहार और यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस अब वैशाखी के ही सहारे चल रही है. ऐसे में अपनी वैशाखी के सहारे चलने वाली पार्टी को आरजेडी नहीं चाहेगी कि वो सत्ता के शिखर पर पहुंच कर नेतृत्व करे.

उधर, बात ममता बनर्जी और मायावती की करें तो उनकी तरफ से भी नेतृत्व के मुद्दे पर एक ही बात कही जा रही है कि चुनाव बाद इस मुद्दे को हल कर लिया जाएगा. यानी गठबंधन बनाने की बात तो हो रही है, लेकिन, इस गठबंधन का चेहरा कौन होगा इस पर विपक्षी दलों की तरफ से गोल-मोल जवाब दिया जा रहा है.

विपक्ष के गठबंधन की यही हकीकत भी है. विपक्ष के भीतर बीजेपी को हराने को लेकर एकजुटता की बात तो हो रही है, लेकिन, किसी एक को नेता मानने के लिए विपक्ष राजी नहीं हो रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से भी प्रधानमंत्री के पद पर अपनी दावेदारी करने और फिर इससे पीछे हटने के पीछे भी यही कहानी है.

लालू यादव के बयान से भी साफ है मोदी के खिलाफ हमलावर विपक्षी खेमे के भीतर सीटों के तालमेल से लेकर नेतृत्व के फैसले तक कोई ठोस योजना नहीं है.

 

Hizbul Mujahideen chief’s son Shakeel arrested in terror-funding case


The NIA alleged Shakeel used to receive funds through a US-based international wire transfer company from Aijaz Ahmed Bhat, another accused in the case.


The National Investigation Agency (NIA) on Thursday arrested Syed Shakeel Yousuf, son of globally wanted terrorist Syed Salahuddin, in connection with a 2011 terror funding case for allegedly receiving money from his father.

Syed Salahuddin is the supreme commander of Pakistan’s Muzaffarabad-based Hizbul Mujahideen.

Shakeel Yousuf was nabbed in a raid carried out by the NIA in the Rambagh area of Srinagar in Jammu and Kashmir.

Shakeel, working as a laboratory assistant at a prestigious government hospital at present, was picked up from Rambagh locality of Srinagar and placed under arrest, an NIA spokesman said in Delhi.

The spokesman said, “In an operation today morning, NIA team along with the police and CRPF arrested Shakeel in a terror funding case.”

He is the second son of Salahuddin who has been arrested by the NIA in connection with the case. Earlier in June this year, his another son, Shahid, who was working in the agricultural department of the Jammu and Kashmir government, was arrested in the same case.

“He works as a laboratory technician in Sher-e-Kashmir Institute of Medical Sciences (SKIMS) Soura. Earlier in June, the NIA arrested Syed Shahid Yousuf, another son of Syed Salahuddin. He was working with the Jammu and Kashmir agricultural department,” said an official.

The NIA alleged Shakeel used to receive funds through a US-based international wire transfer company from Aijaz Ahmed Bhat, another accused in the case who is absconding and based in Saudi Arabia

The agency alleged Shakeel was “one of several Indian contacts of Bhat” who had been in telephonic contact with him for receiving money transfer codes. The case, registered by the NIA in April 2011, relates to transfer of money from Pakistan to Jammu and Kashmir through hawala channels via Delhi, which the agency believed was used in funding terrorism and secessionist activities.

Terrorists kidnapped the son of a Policeman in Trall, Kashmir


Asif Ahmad Rather, an agriculture graduate, was abducted from his home; his mother has made an emotional appeal for his release in a video.


Masked terrorists barged into the house of a policeman in the Tral area of South Kashmir on Wednesday night and kidnapped his son Asif Ahmad Rather, an agriculture graduate.

In another incident, two terrorists were killed in a gunfight between security forces and terrorists that broke out on Thursday morning in the Hajin area of North Kashmir.

Reports said armed terrorists barged into the house of Rafiq Ahmad Rather, posted at the CID headquarters in Srinagar, and abducted his son from the Pinglish area of Tral in Pulwama district.

Police confirmed that some unidentified gunmen abducted the youth but his whereabouts were not known. In a passionate appeal in a video, mother of the abducted youth, Hameeda Begum, sought his release.

Meanwhile, two terrorists were killed in a gunfight between security forces and terrorists that broke out on Thursday morning in the Hajin area of North Kashmir. The police had earlier said one terrorist had been killed but during a search of the area found the body of another terrorist.

Security forces launched a cordon and search operation (CASO) following specific information about the presence of terrorists in the area. As the forces reached the suspected spot, the hiding terrorists indiscriminately opened fire triggering an encounter.

Bandipura DC Shahid Iqbal Chaudhary escaped an attack at him in the area on Wednesday evening. Miscreants attacked his cavalcade at Nadihal, after stone pelting at SK Bala, Chaudhary said. The official car in which the DC was travelling was badly damaged.

Earlier on Wednesday, while addressing a gathering in the terror-torn Hajin, Chaudhary said peace was prerequisite for development. “Our team will put extra efforts to deliver well,” he added.

Hajin has become a virtual haven for Pakistani terrorists who have for the past few months been inflicting brutality on residents of the area. At least eight persons in the area were beheaded by terrorists on the suspicion of being informers of the police. Terrorists have been threatening residents of the area with dire consequences if anyone informed the police about their presence.

Meanwhile, the service rifle of a constable has gone missing in Poonch district of Jammu. An inquiry has been ordered and a special investigation team formed to recover the missing rifle, said Senior Superintendent of Police Rajiv Pandey.

Terrorists after killing four policemen in Shopian of South Kashmir on Wednesday had fled with their automatic rifles.

While discussing water treaties at Lahore, Pak raises Kashmir in UN

Akbaruddin-Maleeha


At the UN Security Council open debate on ‘Mediation and the Settlement of Disputes’, New Delhi takes exception to Islamabad raising the Kashmir issue, asks the new government in Pakistan to work constructively to build a safe and terror-free South Asia rather than indulging in polemics


Days after making positive noises about bilateral ties, India and Pakistan clashed at the United Nations, with New Delhi taking exception to Islamabad raising the Kashmir issue and asking the new government in Pakistan to work constructively to build a safe and terror-free South Asia rather than indulging in polemics.

“…I take this opportunity to remind Pakistan, the one isolated delegation that made unwarranted references to an integral part of India (J&K), that pacific settlement requires pacific intent in thinking and pacific content in action,’’ India’s Permanent Representative to the UN Syed Akbaruddin said while participating at the Security Council open debate on ‘Mediation and the Settlement of Disputes’. He said, “Regurgitating a failed approach, which has long been rejected, is neither reflective of pacific intent nor a display of pacific content.’’

Akbaruddin’s hard-hitting remarks came shortly after Pakistan’s Ambassador to the UN Maleeha Lodhi called for implementation of the UNSC resolution on Kashmir.

Rejecting the idea of mediation between India and Pakistan for resolving the Kashmir issue, the Indian representative said it was important not to charge the UN with responsibilities that it might be ill-suited to perform. ‘’Mediation, in every circumstance, is one such task, it (UN) is not geared to fulfil,’’ he added.

Akbaruddin wondered whether the apparatus of the United Nations, as currently constituted, could perform many of the basic functions required for effective mediation. ‘’Are the mechanisms at the disposal of the UN coherent and flexible to guide dynamic negotiations with an effective strategy?’’ he asked.

In the practice of day-to-day diplomacy, Akbaruddin said, mediators needed to be backed fully by the member states while regretting that inevitably member states of inter-governmental bodies tend to speak with different voices.

Rather than trying and saddling the UN with responsibilities that it was ill-suited to perform, it might be better to look at alternate solutions which use the competencies of the world body more judiciously.

Earlier, the Pakistani delegate said while the UN has had some successes in mediating political settlements, its record was, “at best, chequered.”

The Jammu and Kashmir issue remained on the Security Council’s agenda but resolutions on the issue remained unimplemented till date, Lodhi said